Tumgik
#hindi writing
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हो सके तो कभी कभी ख्वाबों में आके मिला कीजिए
हकीकत से तो जा चुके हैं, ख्वाबों में ही सही आ मुझे गले से लगाया कीजिए
फिक्र ना करें मैं इन मुलाकातों के बारे में किसी को नहीं बताऊंगी
आप बस मेरा हाथ थाम मेरे बगल में बैठ जाना, तब मैं दुनिया से छुपाया हुआ अपना हर आंसू आपके सामने बहा दूंगी
फिर आपकी गोद में सिर सुकून की नींद सोजाऊंगी
आखिर ये तो ख़्वाब है, यहां तो वैसा हो जाएगा जैसा मैं चाहूंगी
मगर फिर एक मनहूस पल आएगा जब मेरा ख़्वाब टूट जायेगा और मेरा सामना मेरी हकीकत से हो जाएगा
तब मैं अपने सिरहाने रखी आपकी तस्वीर को देख कहूंगी
हो सके तो कभी कभी ख्वाबों में आके मिला कीजिए
दिशा
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adhoori-kahani · 2 months
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सच है,
विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,
शूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं।
मुख से न कभी उफ कहते हैं,
संकट का चरण न गहते हैं,
जो आ पड़ता सब सहते हैं,
उद्योग-निरत नित रहते हैं,
शूलों का मूल नसाने को,
बढ़ खुद विपत्ति पर छाने को।
है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके वीर नर के मग मेंखम ठोंक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़।
मानव जब जोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है।
गुण बडे एक़ से एक प्रख़र,
हैं छिपें मानवो के भीतर,
मेहदीं मे जैसे लालीं हो,
वर्तिंका-बीच ऊजियाली हों।
बत्तीं जो नही ज़लाता हैं,
रोशनी नही वह पाता हैं।
पीसा ज़ाता जब इक्षु-दण्ड,
झ़रती रस की धारा अख़ण्ड,
मेहदी जब सहती हैं प्रहार,
बनतीं ललनाओ का सिगार।
ज़ब फ़ूल पिरोए जाते है,
हम उनकों गले लगातें है।
वसुधा का नेंता कौंन हुआ?
भूख़ण्ड-विजे़ेता कौंन हुआ?
अतुलिंत यश क्रेता कौंन हुआ?
नव-धर्मं प्रणेता कौंन हुआ?
ज़िसने न कभीं आराम क़िया,
विघ्नो मे रहकर नाम क़िया।
जब विघ्ऩ सामनें आते है,
सोतें से हमें ज़गाते है,
मन को मरोडते है पल-पल,
तन को झ़झोरते है पल-पल।
सत्पंथ की ओर लगाक़र ही,
जाते है हमे ज़गाकर ही।
वाटिक़ा और वन एक़ नही,
आराम और रण एक़ नही।
वर्षां, अंधड, आतप अख़ंड,पौरुष के है साधन प्रचण्ड़।
वन मे प्रसून तो ख़िलते है,
बागो मे शाल न मिलते है।
कङकरियां जिनकी सेज़ सुघर,
छाया देता क़ेवल अम्बर,
विपदाए दूध पिलाती है,
लोरी आंधियां सुनाती है।
जों लाक्षा-गृह मे ज़लते है,
वें ही सूरमा निक़लते है।
बढकर विपत्तियो पर छा ज़ा,मेरें किशोर! मेरें ताजा!
ज़ीवन का रस छन ज़ाने दे,तन को पत्थर ब़न जाने दें,
तू स्वयं तेज़ भयक़ारी हैं,क्या क़र सकती चिंगारी है???
~ रामधारी सिंह ‘दिनकर’
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reaching-verity · 5 months
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उनकी आँखों में इक चमक,
उनके लफ्जों में इक नमी है।
उनकी आवाज़ की वो खनक,
धीरे-धीरे खलने लगी है।
उनकी बातों से मन बहलने को,
जी बेतहाशा चाहता है
मगर इस ज़माने की बातों से
हमें फुरसत कहां मिली है...।
- मेरी अपनी कलम से
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shayriara · 5 months
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#Ittefaq
है भगवान! ये कैसा इत्तेफ़ाक़ किया तूने
मेरी नज़र में उस शख्श क्यूं खास किया तूने
भुगतान कर रही हूँ मैं तेरे इत्तेफ़ाको का
ये बता,आखिर ये कैसा मज़ाक किया तूने..
He bhagvan! Ye kaisa ittefaq kiya tune
Meri nazar me us shakhsh ko kyu khaas kiya tune
Bhugtaan kar rahi hun mai tere ittefaqo ka
Ye bata, aakhir ye kaisa mazaak kiya tune....
- कृष्णा शर्मा (krishna sharma)
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scribblersobia · 5 months
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जब तुम ना थे तब भी मैं था,
अब तुम हो तब भी मैं हूं,
जब तुम ना रहोगे तब भी मैं रहूंगा,
गुजरते तो तुम हो,
मैं तो वक्त हूं, मैं हमेशा हर हाल में ज़िंदा रहूंगा।
_सोबिया।
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Pic: Pinterest.
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shurveer · 11 months
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Khayal rakhna.
Jab chehra apna dekho toh aankhon mein pyaar rakhna,
Apne charo aur ki khamoshi se ek haath ka faasle rakhna,
Do waqt ke khane ka,
Roz hisaab rakhna,
Apna, khayal rakhna.
..
khayal rakhna,
Ki jab bhi muskurao khulke muskurana,
Koi tumhari hassi ka deewana ho shayad,
Khayal rakhna,
Ki jab tumko darr sataye toh tum usko aankh dikha kar bhaga dena,
Ki woh darr tumse jyada darrta ho shayad,
Khayal rakhna,
Kon dost hai tumhare,
Unn ke paas saath chodne ke bahane pehle se tyaar ho shayad,
Khayal rakhna,
Kab se raah dekh rhi hai woh,
Kitne sapne hai uske, unhe bhi toh pura karna hai,
Isliye apna, khayal rakhna.
..
Khayal rakhna,
Ki tum andhere mein kahi zyada durr toh nahi jaa rhe ho,
Vishwas ki aag jalana mat bhulna,
Khayal rakhna,
Ki tum bhi kahi meri tarah khwahishon ki qaid mein band na ho jao,
Intezaar karna mat bhulna,
Khayal rakhna,
Bhale hi filhal aankhein naam hai, aur mann bechain ho rakha hai,
Khayal rakhna,
Agar awaazein sone nahi deti,
Koi baat nahi
Phir bhi tum, khayal rakhna.
..
Khayal rakhna,
Thodi himmat lagegi,
Magar apne liye nahi, toh kisi aur ke liye, aaj ke liye nahi toh kal ke liye, aur kal ke liye nahi toh apne sapne ke liye, Khayal rakhna.
Bass tum haunsle ko tootne mat dena, ummed rakhna.
..
Haa aur jab tumhe lage,
Ki ab mujhe khayal rakhne ki zaroorat nahi,
Tab kisi paraye ko apna bana lena aur usse kehna, "Suno apna khayal rakhna"
Usse abhi bhi zaroorat ho shayad.
..
Meri awaaz kisi din bheed mein kho jayegi,
Tab meri kabhi yaad aye toh, Khayal rakhna.
Aur kisi din agar bheed mein se madad ki awaaz aye, toh haath badhana mat bhulna,
Meri tarah koi sahare ke liye pukaar rha ho shayad.
..
Apna aur apno ka, khayal rakhna.
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bandarrrrr · 4 months
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पुछना कभी उस से क्या वो तेरे छोडन के बाद भी उतना ही प्यार कर पाएगा या औरो की तरह तुझे गाली देने लग जाएगा वहां भगवान फ़रक तुझे उसमें और मुझमें दिखलाएगा
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like-this-post-if-you · 2 months
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Like this post if you speak Hindi
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arabiataj · 3 months
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@slayervfx 🥹🫂
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misalpav · 1 year
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काश ये दुनिया वो होती जो में सोचती थी
जब मेरे मासूम दिल हर सुख चाहती थी
क्या गलती की उस छोटी सी बच्ची
जो बस चाँद को देख कर सपने बनाती थी
images aren't mine and belong to their respective owners.
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alexwizard · 2 years
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"What a terrible thing it is to love,
Even the scars hurt forever."
"प्यार करना कितना डरावना है,
चोट के निशान भी हमेशा दर्द देते हैं।"
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hindisahayak · 3 months
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adhoori-kahani · 4 months
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बेनकाब चेहरे हैं, दाग बड़े गहरे हैं,
टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं,
गीत नहीं गाता हूं,
लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर,
अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूं,
पीठ मे छुरी सा चांद, राहू गया रेखा फांद,
मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूं,
गीत नहीं गाता हूं,
गीत नहीं गाता हूं....
- Shri Atal Bihari Vajpayee
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zincomanicac · 4 months
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किस नए ख़्वाब में रहता हूँ डुबोया हुआ मै
एक मुद्दत हुई जागा नहीं सोया हुआ मैं
मेरी सूरज से मुलाक़ात भी हो सकती है
सूखने डाल दिया जाऊँ जो धोया हुआ मैं
मुस्कुराते हुए मिलता हूँ किसी से जो 'ज़फ़र'
साफ़ पहचान लिया जाता हूँ रोया हुआ मैं
मुझे बाहर नहीं सामान के अंदर ढूँडो
मिल भी सकता हूँ किसी शय में समोया हुआ मै
आसमाँ पर कोई कोंपल सा निकल आऊँगा
साल-हा-साल से इस ख़ाक में बोया हुआ मैं
कभी चाहूँ भी तो अब जा भी कहाँ सकता हूँ 
इस तरह से तिरे काँटे में पिरोया हुआ मैं 
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shayriara · 7 months
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#Aansu
मुस्कुरा के मरे तो ज़माने भर को यूँ लगा
के गम नहीं थे हमारी ज़िंदगानी मे
कोई गौर से तो देख लेता हमको
कितने आंसू दबे थे पलकों की निशानी मे...
Muskura ke mare ro zamaane bhar ko yun lga
Ke gum nhi the hmari zindgaani me
Koi gour se to dekh leta humko
Kitne aansu dabe the palko ki nishaani me..
- Krishna sharma (कृष्णा शर्मा)
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scribblersobia · 1 year
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कल रात मेरे दिल की दहलीज़ पे बैठा कोई बहुत रोया था,
वो गम था जो खुद में ही खोया था,
हैरत हुई थी मुझे उसे रोता देखकर,
पूछा था मैने उससे,
नम की जिसने हमेशा सबकी आंखे आज कैसे नम है उसकी आंखे?
उन्हीं नम आंखों से मुझे उसने गले लगाया और बोला,
गम हूं ना बस इसी का गम है,
क्यों कोई हो ना सका कभी मेरा,
कभी देखा नहीं मैने खुद में सवेरा,
खुदा ने बनाया है रात के तमस से मुझे,
जज़्बात है कैद मेरे दिल के घर में,
कोई बैठे साथ तो सुनाऊं मैं भी,
रूह के मै हाल अपने।
_सोबिया।
@scribblersobia
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