अज़ाब ये भी किसी और पर नहीं आया
कि एक उम्र चले और घर नहीं आया,
उस एक ख़्वाब की हसरत में जल बुझीं आँखें
वो एक ख़्वाब कि अब तक नज़र नहीं आया,
करें तो किस से करें ना रसाइयों का गिला
सफ़र तमाम हुआ हमसफ़र नहीं आया,
दिलों की बात बदन की ज़बाँ से कह देते
ये चाहते थे मगर दिल इधर नहीं आया,
अजीब ही था मेरे दौर ए गुमरही का रफ़ीक़
बिछड़ गया तो कभी लौट कर नहीं आया,
हरीम ए लफ़्ज़ ओ मआनी से निस्बतें भी रहीं
मगर…
दिल की हसरत जुबां पे आने लगी... तूने देखा और ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी... ये इश्क की इंतेहा थी, या दीवानगी मेरी... हर सूरत में तेरी सूरत नजर आने लगी। 🌻❤️🩹🌼
@bareilly-wala-jhumka 💕
mere priye ke liye saara din mujhe love bombing karna pade bhi toh karne mein kaisi sharam... 🤭 😂 unhe jo accha lage woh humme accha lagta hai... 🤞🏻
28.09.2023, लखनऊ | शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह की 116वीं जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा "श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय, 25/2G, सेक्टर-25 में किया गया | कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, क्रांतिकारी विचारधारा और महान देशभक्त शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि,
इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना, रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना |
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने, ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना ||
ऐसे क्रांतिकारी विचारों के धनी शहीद ए आज़म सरदार भगत सिंह जी की 116वीं जन्म जयंती पर उन्हें शत-शत नमन | सरदार भगत सिंह को भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक माना जाता है जिन्होंने हसरत मोहानी के नारे ‘इंकलाब जिन्दाबाद’ को सच कर दिखाया और देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया | उनके क्रांतिकारी विचार आज की युवा पीढ़ी में नया जोश व जुनून भर देते हैं व उन्हें देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने की प्रेरणा भी देते हैं I सरदार भगत सिंह जयंती भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को याद करने का एक अवसर है । यह दिन हमें उन सभी महान लोगों को याद करने का अवसर देता है जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी । हमारे देश को स्वतंत्रता दिलाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों को हमारा शत-शत नमन |
किसी अनजान नंबर से जब मुझे कॉल आती हैं
दिल में जनि पहचानी सी हसरत जाग जाती है।
ज़रा फिर से तो कहना क्या मोहब्बत तुम करोगे
अरे चलो छोडो तुम्हे तो नींद आती है।
रिस्ता चाहे मिट भी जाये लेकिन जज्बे रह जाते हैं
यानि पिंजरा उड़ जाता है परिंदे रह जाते हैं।
तुझको आगे बढ़ना है तो अपने दिल को हल्का कर ले
बोझ उठाकर चलने वाले अक्सर पीछे रह जाते हैं।
अमूमन मेरी हसरत को चाहत का नाम दे गये लोग
जीश्त को इन्तेहा ए आशिकी का पैग़ाम दे गये लोग,
क्या खूब चली थी वो दौर ए दीदार ओ इश्क की मगर
रिश्तों के शक्ल में जिम्मेदारियां तमाम दे गये लोग,
जुबान से तो यूँ कभी कोई झूठा वादा न किया मगर –
बस एक को ख़ास बनाने में मुझे बदनाम दे गये लोग,
अब जो खलाओं पे चलने की आदत न रही मुझको
नासूर ए ज़ख्म मेरे तलवों को सर ए आम दे गये लोग,
वो सुबह मेरी होती थी हर रोज़…
बाघ ने हवामहल मे जमाया डेरा तो जंगली हांथी ने बस्ती मे उखाडा पेड
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भय और रोमांच पैदा कर रहे बांधवगढ के वन्यजीव, प्रबंधन ने कहा-हिंसक पशुओं को हल्के मे न लें
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ के वन्य जीवों का दर्शन अपने आप मे बडी उपलब्धि मानी जाती है। देश-विदेश से आये सैलानियों की बस एक ही हसरत होती है कि भ्रमण के दौरान बाघ तो मिल ही जाय, परंतु यही जानवर यदि किसी…
भगतसिंह का नाम भारत में आज भी उतना ही लोकप्रिय है, जितना कि गाँधीजी का - हर्ष वर्धन अग्रवाल |
28.09.2022, लखनऊ | शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह की 115वीं जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा "श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि" का आयोजन ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय, 25/2G, सेक्टर-25 में किया गया | कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, क्रांतिकारी विचारधारा और उग्र वामपंथी व्यक्तित्व वाले महान देशभक्त शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्पण कर उन्हें श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि दी |
बताते चलें कि सरदार भगत सिंह जी ने लगभग 23 वर्ष और कुछ महीनों का छोटा लेकिन यादगार जीवन जिया, इतनी कम आयु में उन्होंने वैचारिक परिपक्वता और लक्ष्य के प्रति जो दृढ़ता हासिल की वह सराहनीय थी, है और रहेगी । लोग आज भी उनकी इतनी कम उम्र मे इतने बड़े संकल्प और दृढ़ निश्चयता की सराहना करते है ।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि " आज शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह की 115वीं जन्म जयंती पर उन्हें शत शत नमन I उनके क्रन्तिकारी विचार आज की युवा पीढ़ी में नया जोश व जुनून भर देते हैं व उन्हें देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने की प्रेरणा भी देते हैं I स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, क्रांतिकारी विचारधारा और उग्र वामपंथी व्यक्तित्व वाले महान देशभक्त के साथ ही भगत सिंह एक महान कवि, विचारक, लेखक तथा दूरदृष्टा भी थे जिन्होंने हसरत मोहानी के नारे ‘इंकलाब जिन्दाबाद’ को सच कर दिखाया जो भारत के सशस्त्र संघर्ष का नारा बन गया । सरदार भगत सिंह के विचार आज भी हमें सीख देते है, 'जो भी व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है, उसे हर एक रुढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा और उसे चुनौती देनी होगी ।' यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भगतसिंह का नाम भारत में आज भी उतना ही लोकप्रिय है, जितना कि गाँधीजी का ।