पीरियड्स नंतर रॅशेसने त्रस्त? हे आहेत याचे कारण आणि उपाय
पीरियड्स नंतर रॅशेसने त्रस्त? हे आहेत याचे कारण आणि उपाय
पीरियड्स नंतर रॅशेसने त्रस्त? हे आहेत याचे कारण आणि उपाय
मासिक पाळीच्या स्वच्छतेमध्ये चांगल्या दर्जाची पीरियड प्रोडक्ट वापरण्यासोबतच तुमच्या योनीमार्गाच्या त्वचेची काळजी घेणेही महत्त्वाचे आहे. पीरियड्स नंतर येणाऱ्या रॅशेसपासून सुटका हवी असेल तर जाणून घ्या सविस्तर.
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जानिए, PCOS से जुड़े उन मिथकों के बारे में, जिन पर आपको नहीं करना चाहिए विश्वास
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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome), जिसे आमतौर पर पीसीओएस (PCOS) के रूप में जाना जाता है, महिलाओं में होने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है. पीसीओएस अक्सर अनहेल्दी लाइफस्टाइल, मेंटल व फिजिकल स्ट्रेस और जेनेटिक (आनुवंशिकी) कारणों की वजह से होता है. सही सावधानियां, दवाएं और उचित लाइफस्टाइल में परिवर्तन करके इसे मैनेज किया जा सकता है. पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं इस डिजीज से पूरी…
Gajar ke beej for periods in Hindi (इस तरह करें सेवन)
Periods में दर्द होना, अन्य मासिक धर्म के लक्षण, देरी से मासिक धर्म आना, इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि गलत जीवन शैली, तनाव और अस्वास्थ्यकर भोजन, डॉक्टर के अनुसार period नियमित करने के लिए और होने वाली समस्याओं से छुटकारा पाने व बुनियादी सुविधाओं के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना और अपने खानपान पर भी ध्यान देना जरूरी है, जिससे मासिक धर्म संबंधी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
Gajar ke beej for…
बहुत सी महिलाएं अनियमित मासिक धर्म के कारण अक्सर चिंतित रहती हैं। ऐसा देखा गया है कि बहुत सी महिलाओं को तो 2 से 3 माह तक पीरियड्स नहीं होते। बहुत बार पीरियड्स
पीरियड्स मिस होने से पहले प्रेगनेंसी कैसे पता करें?
पीरियड्स मिस होते ही, गर्भधारण करने की कोशिश कर रही कोई भी महिला तुरंत अपनी प्रेगनेंसी टेस्ट करती है। आमतौर पर पीरियड्स मिस होना प्रेगनेंसी की और इशारा माना जाता है। अंडा और स्पर्म के निषेचन की प्रक्रिया होने के बाद फर्टिलाइज्ड अंडा गर्भाशय में प्रत्यारोपित हो जाता है। इस प्रक्रिया के पूरा होते ही आप गर्भधारण कर लेती हैं। जैसे ही आप गर्भधारण करती हैं आपके पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। लेकिन प्रेगनेंसी से संबंधित सभी चीजें आपका पीरियड्स मिस होने से पहले ही पूरी हो जाती हैं। ऐसे में आपके मन में यह प्रश्न आ सकता है की Pregnancy Symptoms Before Missed Period in Hindi आप पीरियड्स मिस होने से पहले अपनी प्रेगनेंसी के बारे में कैसे पता लगा सकती हैं।
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प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में ही होने लगी है ब्लीडिंग, हो सकती हैं ये वजहें
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होना चिंता की बात होती है क्योंकि इस समय मिसकैरेज होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।
प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिन बहुत नाजुक होते हैं और इस समय मिसकैरेज होने का भी खतरा सबसे ज्यादा रहता है। इस समय गर्भवती महिलाओं को हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग हो सकती है। कंसीव करने के बाद ब्लीडिंग होने पर, अक्सर महिलाएं घबरा जाती हैं क्योंकि ब्लीडिंग को मिसकैरेज का संकेत माना जाता है।
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होना, हमेशा किसी परेशानी का संकेत नहीं होता है। ऐसी कई महिलाएं हैं जिन्हें प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होने के बाद नॉर्मल प्रेग्नेंसी रहती है और स्वस्थ शिशु को जन्म देती हैं।
ब्लीडिंग या स्पॉटिंग के कारण
अगर एक या दो दिन ब्लीडिंग हो रही है, तो ��पको चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन कई बार कुछ गंभीर कारणों से गर्भवती महिला को शुरुआती दिनों में ब्लीडिंग या स्पॉटिंग हो सकती है।
इस समय महिलाओं को इंप्लांटेशन ब्लीडिंग, सर्विकल पोलिप, सेक्स, मिसकैरेज, जुड़वा या तीन बच्चे, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी, मोलर प्रेग्नेंसी की वजह से ब्लीडिंग या स्पॉटिंग हो सकती है।
गर्भावस्था में ब्लीडिंग के लक्षण
इंप्लांटेशन ब्लीडिंग की वजह से हल्की ब्लीडिंग या स्पॉटिंग हो सकती है। इसमें कोई अन्य लक्षण दिखाई नहीं देता है। कई बार कुछ महिलाएं इंप्लांटेशन ब्लीडिंग को पीरियड्स समझ लेती हैं।
अगर आपको प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिनों में पेट में ऐंठन के साथ ब्लीडिंग भी हो रही है तो यह मिसकैरेज का संकेत हो सकता है। इसके अलावा ब्लीडिंग के साथ प्रेग्नेंसी लक्षणों जैसे कि उल्टी या मतली का ना दिखना भी चिंताजनक हो सकता है।
अगर प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में ��ंफेक्शन की वजह से ब्लीडिंग हो तो महिला को बुखार, पेशाब करते समय दर्द या दिक्कत होना, योनि के आसपास छूने पर दर्द हो सकता है।
रप्चर एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में तुरंत इलाज की जरूरत होती है। इसमें कंधे में दर्द और पेट फूलने की दिक्कत हो सकती है।
क्या है ब्लीडिंग या स्पॉटिंग का इलाज
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में इंप्लांटेशन ब्लीडिंग होने पर इलाज की जरूरत नहीं होती है। इससे किसी भी तरह की कॉम्प्लिकेशन होने का खतरा नहीं रहता है। अगर एक्टोपिक या मोलर प्रेग्नेंसी की वजह से ब्लीडिंग हो रही है, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
यदि मिसकैरेज से ब्लीडिंग हो रही है, तो डॉक्टर दवा की मदद से इसे ठीक करने की कोशिश करते हैं। इसमें भ्रूण के मृत हिस्सों को शरीर से बाहर निकाला जाता है।
डॉक्टर को कब दिखाएं
गर्भवती महिला को शुरुआती दिनों या प्रेग्नेंसी के दौरान कभी भी ब्लीडिंग हो तो डॉक्टर से बात करनी चाहिए। डॉक्टर ब्लड टेस्ट और योनि की जांच कर के ब्लीडिंग के कारण का पता लगा सकते हैं। हर बार ब्लीडिंग का मतलब मिसकैरेज ही नहीं होता है।
अगर डॉक्टर को किसी तरह की कोई कॉम्प्लिकेशन दिख रही है तो इसे सही उपचार से ठीक किया जा सकता है। इसमें दवा, सर्जरी और मॉनिटरिंग शामिल है।
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में हल्की ब्लीडिंग होना नॉर्मल बात है लेकिन अगर आपको लगातार ब्लीडिंग हो रही है और पेट में दर्द या ऐंठन भी महसूस हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
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जानिए आईवीएफ(IVF) का अर्थ हिंदी मै? लक्षण, कारण, उपचार और आहार (IVF full form in Hindi)
आईवीएफ फुल फॉर्म "इन विट्रो फर्टिलाइजेशन" (IVF full form in hindi ) है, जो शरीर के बाहर, एक विशेष प्रयोगशाला में होती है। संक्षेप में कहें तो, आईवीएफ एक ऐसी प्रक्रिया है जहां भ्रूण बनाने के लिए एक महिला के अंडे और एक पुरुष के शुक्राणु को एक लैब में मिलाया जाता है। इसके बाद भ्रूण को महिला के गर्भ में डाल दिया जाता है। इसमें शुक्राणु और अंडा मिलाया जाता है, जो महिला के गर्भाशय में एक भ्रूण उत्पन्न करने के लिए प्रेरित किया जाता है। शुक्राणु और अंडा उत्पन्न होने के बाद, भ्रूण गर्भाशय में लगाया जाता है। इसे शुक्राणु संग्रह, अंडा और गर्भाशय में निष्क्रिय किया जाता है। इसके बाद, उत्पन्न भ्रूण योनि में रखा जाता है और गर्भाधान होता है। अगर आप नवी मुंबई में हैं, तो आप यशोदा आईवीएफ सेंटर (Yashoda IVF Centre) की तरफ जा सकते हैं। वहां आपको आईवीएफ उपचार के बारे में विशेषज्ञ सलाह और मार्गदर्शन मिलेगा।
Symptoms of IVF (आईवीएफ लक्षण)
हल्की ऐंठन: आप कुछ हल्की ऐंठन महसूस कर सकते हैं, कुछ-कुछ मासिक धर्म के दर्द की तरह।
हल्के धब्बे: एक सामान्य मासिक धर्म चक्र के भीतर, आप कभी-कभी कुछ धब्बे या रक्त के छोटे थक्के देख सकते हैं।
कोमल स्तन: संभवतः, आपके स्तन अधिक संवेदनशील या दर्दनाक भी हो जायेंगे।
थकान: आप सामान्य से अधिक थकान महसूस कर सकते हैं।
मूड में बदलाव: हमारी भावनाओं में एक दिन से दूसरे दिन उतार-चढ़ाव हो सकता है, कभी-कभी हम अच्छा महसूस करते हैं और कभी-कभी थोड़ा उदास।
सूजन: आपका पेट थोड़ा फूला हुआ या सूजा हुआ महसूस हो सकता है।
Causes of IVF (आईवीएफ के कारण)
प्रजनन संबंधी मुद्दे: जब अंडे या शुक्राणु की गुणवत्ता के मुद्दों के कारण प्राकृतिक गर्भाधान चुनौतीपूर्ण होता है।
फैलोपियन ट्यूब की समस्याएं: यदि ट्यूब अवरुद्ध हो जाती हैं, तो अंडे और शुक्राणु का मिलना मुश्किल हो जाता है।
एंडोमेट्रियोसिस: जब गर्भाशय की परत के समान ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ता है, तो प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।
ओव्यूलेशन समस्याएं: जब अंडाशय से अंडे का निकलना अनियमित या अनुपस्थित होता है।
गर्भाशय संबंधी समस्याएं: जैसे फाइब्रॉएड या असामान्यताएं जो भ्रूण के आरोपण को प्रभावित करती हैं।
आनुवंशिक विकार: जब एक या दोनों साझेदारों में आनुवंशिक स्थितियां होती हैं जो बच्चे को भी हो सकती हैं।
Treatment of IVF (आईवीएफ का उपचार)
प्रारंभिक परामर्श: अपनी समस्या को स्पष्ट करने और एक स्वास्थ्य योजना बनाने के लिए अपने उपस्थित चिकित्सक से संपर्क करें।
डिम्बग्रंथि उत्तेजना: एक साथ दवाएं एक साथ एक से अधिक अंडे बनाएंगी।
निगरानी: पीरियड्स में अंडे के विकास की प्रगति की जाँच करना। अल्ट्रासाउंड और रक्त परीक्षण के साथ।
शुक्राणु संग्रह: उनका काम इन विट्रो फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए शुक्राणु दान करना है।
भ्रूण संवर्धन: भ्रूण के बढ़ने पर निगरानी की जाती है।
भ्रूण स्थानांतरण: एक विकसित भ्रूण को गर्भाशय में रखा जाता है।
प्रतीक्षा अवधि: गर्भावस्था के लक्षणों की प्रतीक्षा करना।
निषेचन: फिर अंडे और शुक्राणु को एक परखनली में एक साथ रखा जाता है।
गर्भावस्था परीक्षण: यह परीक्षण प्रभावी ढंग से पुष्टि करने के लिए उपयोग किया जाता है कि वास्तव में गर्भावस्था हुई है या नहीं।
आईवीएफ(IVF) उपचार वास्तव में एक व्यापक उपचार है, और यशोदा आईवीएफ सेंटर को नवी मुंबई में सबसे अच्छा आईवीएफ सेंटर Best IVF centre in Navi Mumbai माना जाता है। पहले परामर्श से लेकर भ्रूण के स्थानांतरण तक, वे पूरी प्रक्रिया के दौरान विशेष देखभाल और दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं।
Diet in IVF (आईवीएफ में आहार)
संतुलित आहार: फल और सब्जियां, साबुत अनाज, कम वसा वाले प्रोटीन (चिकन, मछली) और दूध, दही जैसे डेयरी उत्पाद खाएं।
हाइड्रेशन: जितना आप पानी पीते हैं। यह आपके शरीर को जलयोजन प्रदान करता है और अंगों और अंग प्रणालियों के उचित कामकाज की अनुमति देता है।
स्वस्थ वसा (Healthy fats): उदाहरण के लिए, तले हुए खाद्य पदार्थों, डेयरी उत्पादों और प्रसंस्कृत मांस में पाए जाने वाले खराब व��ा से दूर रहें, लेकिन उचित मात्रा में एवोकैडो, नट्स और जैतून के तेल से प्राप्त कुछ अच्छे वसा को शामिल करें।
प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को सीमित करें: प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों, मीठे पेय पदार्थों का सेवन कम करें और अस्वास्थ्यकर स्नैक्स से बचें। इस विषय पर अपने विचार शामिल करें और शेष समुदाय के साथ अपने विचार साझा करें। इसमें कैफीन से कोई लाभ नहीं होगा।
मध्यम कैफीन: थोड़ी मात्रा में कॉफी पीना ठीक है, हालांकि, आईवीएफ उपचार लेने से पहले बहुत अधिक कॉफी अच्छी नहीं है। कैफीन की लत न लगे इसके लिए कॉफी और Energy Drinks का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
फोलिक एसिड: अपनी खुराक लें या फोलिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थ खाएं जैसे स्वस्थ गर्भावस्था के लिए हरी पत्तियाँ। इसलिए, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि व्यायाम प्रसव पूर्व देखभाल का एक महत्वपूर्ण पहलू है और इसे स्वस्थ गर्भावस्था में शामिल किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन जो की IVF full form in Hindi हैं, आईवीएफ उपचार से गुजरना शारीरिक और भावनात्मक रूप से कठिन हो सकता है। हालाँकि, सही समर्थन और मार्गदर्शन के साथ, जैसे कि नवी मुंबई में यशोदा आईवीएफ सेंटर (Best IVF Centre In Navi Mumbai) द्वारा प्रदान किया गया, व्यक्ति आत्मविश्वास के साथ इस यात्रा को पूरा कर सकते हैं। याद रखें, लक्षण प्रबंधन से लेकर आहार समायोजन तक प्रत्येक चरण, एक सफल परिणाम प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपनी मेडिकल टीम पर भरोसा रखें, सूचित रहें और पूरी प्रक्रिया के दौरान स्वयं की देखभाल को प्राथमिकता दें। दृढ़ संकल्प और सही संसाधनों के साथ, अपने परिवार के निर्माण के सपने हकीकत बन सकते हैं।
अबब..! पुरूषांनाही येतात महिलांप्रमाणे पीरियड्स, त्यांच्याच ‘या’ 5 गंभीर चुका ठरतात कारणीभूत
महिलांना दर महिन्याला न चुकता मासिक पाळी (periods) येते. हा त्यांच्या आयुष्यातील एक महत्त्वाचा आणि सामान्य भाग आहे, जे एक नैसर्गिक चक्र आहे. परंतु त्याची लक्षणे आणि संबंधित समस्या प्रत्येक स्त्रीसाठी खूप भिन्न आणि गंभीर असू शकतात. पण जेव्हा पीरियड्सचा संबंध पुरुषांशी जोडला जाऊ लागतो, तेव्हा हा मुद्दा…
बच्चेदानी निकालने के बाद कुछ हफ्ते तक ब्लीडिंग होता ही है इसमें घबराना नहीं चाहिए यह सामान्य है। यह ब्लीडिंग पीरियड की तरह ही होता है, और यह भूरे या लाल रंग का हो सकता है।
बच्चेदानी निकालने के बाद ब्लीडिंग क्यों होती है?
यह ब्लीडिंग आमतौर पर ऑपरेशन के दौरान चीरा लगाने से होती है। आमतौर पर, यह ब्लीडिंग धीरे-धीरे कम होती जाती है और कुछ समय में खुद ही बंद भी हो जाती है। हालांकि, अगर ब्लीडिंग अधिक…