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#सत्संग से ही सुख है
official-aryan · 1 month
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एक राम
गरीब, एक राम कहते राम है, जिनके दिल हैं एक। बाहिर भीतर रमि रह्या, पूर्ण ब्रह्म अलेख।।
जिन साधकों का दिल परमात्मा में रम (लीन हो) गया, वे एक परमात्मा का नाम जाप करके राम हो जाते हैं यानि आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करके देव के समान पद प्राप्त कर लेते हैं यानि देवताओं जितनी आध्यात्मिक शक्ति वाले हो जाते हैं। परमात्मा शरीर के कमलों में तथा बाहर सब जगह विद्यमान है।
-बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी
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naveensarohasblog · 11 days
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गीता अध्याय 12 श्लोक 3 से 4 में गीता बोलने वाले को लिखा है
कहा है कि - "जो हमेशा उस सर्वव्यापी की पूजा करते हैं, जिनके बारे में
मैं भी नहीं जानता, एक जो हमेशा एक जैसा है, स्थिर, अपरिवर्तित,
प्रकट अर्थात छुपे, अमर परम अक्षर ब्रह्म; वे
भक्त जो सभी जीवों के हितेषी हैं, जो देखते हैं
सब पर समान रूप से, मुझे ही प्राप्त करो। " अर्थ है कि तत्वदर्शी
संतों को सचिदानंद घन ब्रह्म का ज्ञान है (सत्य-
सुखदाता परमात्मा अर्थात परम अक्षर ब्रह्म जिनका ज्ञान है
गीता बोलने वाले के पास भी नहीं है। एक नहीं मिलने के कारण
तत्वदर्शी संत, भक्त ब्रह्म विचार का 'ॐ' मंत्र कहते हैं
यह परम अक्षर ब्रह्म का होना है। जिसके परिणामस्वरूप, वे बने रहते हैं
काल के जाल में। इसलिए उसने कहा है कि - 'वो पुजारी आता है
सिर्फ मुझे। 'परमात्मा कबीर ने 'सोहम' मंत्र का आविष्कार करके भक्तों को बताया है, लेकिन उन्होंने फिर भी सरनाम गुप्त रखा है। यह है
सुख वेद में लिखा है :-
SohM shabd hum jag mein laaye | Saar shabd Hum gupt chhupaay ||
SohM oopar aur hai Satsukrit ek naam |
Sab hanso ka baas hai, nahin basti nahin thaam ||
Satguru SohM naam de, gujh beeraj vistaar |
Bin SohM seejhae nahin, mool mantra nij saar ||
सोम नाम का जाप परम ब्रह्म का होता है
जो गीता अध्याय 15 श्लोक 16 में स्पष्ट है। सरनाम के बिना, 'सोहम'
और 'ॐ' दोनों ही पूर्ण मोक्ष नहीं देते। ओम का जाप है
ब्रह्म (गीता के वक्ता)। अपने जप से महाइन्द्र के लोक में जाता है
ब्रह्मलोक में निर्मित, सोहम नाम के जाप से, नकली के पास जाता है
ब्रह्मलोक में ही निर्मित सत्यलोक।
पूजा के काल में भक्त भी कहता रहता है
-"सभी के साथ अच्छी चीजें हो सकती हैं। "
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः |
Sarve bhadrani pashyantu, ma kashchit dukhbhaag bhavet ||
अर्थ:- "सभी प्राणी सुखी हों, सभी रोगमुक्त हों,
अर्थात स्वस्थ रहें, सबका भला हो, किसी का न हो
कष्ट। "शुभकामनाओं का यह मंत्र रचने से, कोई आशीर्वाद देता है"
सभी लोग और प्रार्थना करते रहें। जिसके परिणाम स्वरूप पुण्य कमाई
और इस भक्त की भक्ति का धन इच्छाओं के माध्यम से समाप्त होता है और
आशीर्वाद। तत्वदर्शी संत का भक्त ऐसी गलती कभी नहीं करता।
इसलिए गीता के वक्ता ने कहा है कि - 'वह परम का पुजारी
अक्षर ब्रह्म भी मेरे पास ही आता है, क्योंकि भक्ति समाप्त हो गई थी
सभी के लिए आशीर्वाद और मंगल की कामना करते हुए, कुछ खर्च हुआ
महास्वरग (ब्रह्मलोक में महान स्वर्ग) और फिर चक्रव्यूह में चला जाता है
जीवन और मरण का और 84 लाख जीवों का जन्म
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अवश्य सुनें संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन Sant Rampal Ji Maharaj YouTube चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8:30 बजे तक। संत रामपाल जी महाराज ही इस विश्व में एकमात्र पूर्ण गुरु है। आप सभी से विनम्र निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज से बिना एक सेकंड बर्बाद किये निःशुल्क नाम दीक्षा लें, और अपना मानव जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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gaganpatel · 11 days
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dineshdaas72132 · 3 months
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मेरे अजीज हिंदू भाइयों अपने धर्म ग्रंथ को स्वयं खोलकर देखें पूर्ण परमात्मा कौन है किसकी भक्ति करने से पूर्ण मोक्ष होता है और सर्वे सुख होते हैं पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने से बहुत लाभ होते हैं वह पूर्ण परमात्मा कौन है जिसकी भक्ति करने से पूर्णतया मोक्ष होता है हमारे श्रीमद् भागवत गीता में कृष्णा भगवान भी कहते हैं कि मैं उसके शरण में हूं
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bhoomikasworld · 7 months
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आम जनता पर होने लगा इस सत्संग का असर | SA News Channel
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ranjitabaraik · 5 days
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holyeaglewombat · 12 days
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अक्षर आदि जगतमें, जाका सब विस्तार।
सतगुरु दया सो पाइये, सतनाम निजसार।।112।।
सतगुरुकी परतीति करि, जो सतनाम समाय।
हंस जाय सतलोक को, यमको अमल मिटाय।।117।।
वह सतनाम-सारनाम उपासक सतलोक चला जाता है। उसका पुनर्जन्म नहीं होता। हम सबने कबीर साहिब के ज्ञान को पुनः पढ़ना चाहिए तथा सोचना चाहिए कि सतलोक प्राप्ति केवल कबीर साहिब के द्वारा दिए गए मन्त्र से होगी।
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fulleaglelady · 22 days
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raju-prasad · 3 months
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अथ सुख सागर बोध | Ath Sukh Sagar Bodh | Vani of Garibdas Ji's Amargranth...
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chocolatewitchsuit · 4 months
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#हे_मेरी_कौम_के_हिंदुओं
हे मेरी कौम के लोगों (हिन्दू )हमारी भी तो सुनो।
आज आपको छणिक सुख और मानसिक शांति के लिए गुरुओं और पंथों द्वारा ध्यान (मैडिटेशन) कराया जा रहा है जो शास्त्र विरुद्ध है आप स्वयं देखिए प्रमाण-
गीता अध्याय 17 श्लोक 5 - 6 में इस प्रकार कहा है:-
Sant Rampal Ji Maharaj
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official-aryan · 3 months
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मूर्ति पूजा
वेद पढ़ें पर भेद ना जानें, बांचे पुराण अठारा।
पत्थर की पूजा करें, भूले सिरजनहारा।।
वेदों को पढ़कर कंठस्थ करने वाले वेदों के गूढ़ रहस्यों को न समझकर उनके विरुद्ध साधना करते-कराते हैं।
वेदों में पत्थर की मूर्ति की पूजा का कहीं उल्लेख नहीं है, वे वेदों के विदान कहलाने वाले पत्थर पूजा करते तथा कराते हैं। वेदों में वर्णित सिर��नहार को भुला दिया है।
-तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
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naveensarohasblog · 9 months
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संत रामपाल जी महाराज कौन हैं?
संत रामपाल जी महाराज विश्व के एकमात्र सतगुरु हैं जिनको सत्संग करने तथा नाम दीक्षा देने का अधिकार है। (एक समय में पूर्ण गुरु पूरे विश्व में एक ही होता है।) इनके अतिरिक्त किसी भी धर्मगुरु या कथावाचक को सत्संग का अधिकार नहीं है।
संत रामपाल जी महाराज जी के आध्यात्मिक ज्ञान का डंका सारे विश्व में बज रहा है। समाज सुधार और मानव कल्याण के अद्भुत काम करने वाले ऐसे महान संत की महिमा के चर्चे घर-घर में हो रहे हैं। उन्हीं परम संत रामपाल जी महाराज का 8 सितंबर को अवतरण दिवस है।
संत रामपाल जी महाराज जी ने तत्वज्ञान द्वारा समझाया है कि यदि आज हम किसी से रिश्वत लेते हैं तो अगले जन्म में पशु बनकर उसका ऋण उतारना पड़ेगा। व इस जन्म में भी कष्ट पर कष्ट सहन करने पड़ेंगे।
इस कारण उनके ज्ञान से परिचित होकर लाखों लोगों ने इस कुरीति से तौबा कर ली है।
समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ कन्या भ्रूण हत्याएं, छुआ छूत, तेरहवीं, मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को भी समाज से दूर कर रहे हैं।
जहां आज़ दहेज के कारण न जाने कितनी ही बहन बेटियों को समाज में जिंदा जला दिया जाता है, या फिर बहुत से कष्ट दिए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर समाज सुधारक परम संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनुयायियों को दहेज मुक्त विवाह करने की शिक्षा देकर दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं। बहन बेटियों को समाज में सम्मान के साथ जीने का अधिकार दे रहे हैं।
समाज में फैली कुरीतियों और पाखंडवाद को जड़ से समाप्त करके स्वच्छ समाज का निर्माण करने वाले महान संत रामपाल जी महाराज जी ही है ।
प्रेत बाधाओं से पीड़ित लोग जहां जगह-जगह लुट पिट कर भी समस्याओं से ग्रस्त रहते थे, वहीं संत रामपाल जी महाराज जी ने ऐसी सतभक्ति दी कि सिर्फ नाम का जाप करने से सदा के लिए ऐसी प्रेत बाधा दूर हो जाती है।
नशा मुक्त समाज का निर्माण अपने आध्यात्मिक ज्ञान से संत रामपाल जी महाराज जी कर रहे हैं ।
एक तरफ जहां नि:संतान को समाज में हेयदृष्टि से देखा जाता था। वहीं संत रामपाल जी महाराज जी ने इस गलत धारणा को अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से नष्ट कर दिया और बताया कि नि:संतान तो बहुत ही पुण्यकर्मी प्राणी होता है। क्योंकि उसका किसी से कोई लेना देना बकाया नहीं है। सतगुरु शरण में आकर उसका सहज मोक्ष हो सकता है।
आम समाज में बेटे व बेटियों में बहुत फर्क समझा जाता रहा है।  इसी सोच का शिकार होकर कुछ लोग कन्या भूर्ण हत्या जैसा भयंकर अपराध भी कर बैठते हैं।  संत रामपाल जी महाराज जी ने ये लिंग भेद स्थाई रूप से समाप्त किया है व उनके शिष्य लड़के व लड़की में किसी प्रकार का भेद नहीं समझते।
अश्लील फ़िल्मों से समाज में बढ़ती अश्लीलता, छोटे कपड़ों का चलन आम हो गया है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी उनके बताए सतमार्ग पर चलकर फिल्में, सिरियल, अश्लील गाने आदि पूर्ण रूप से त्याग चुके हैं। जो कि समाज सुधार की अद्भुत पहल है।
जिस संत के आध्यात्मिक ज्ञान से आज लाखों लोग सामाजिक बुराइयों को छोड़ शास्त्रानुकूल सतभक्ति कर रहे हैं। 8 सितंबर को उन परम संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण दिवस है।
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dineshdaas72132 · 3 months
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संत दादू जी कहते हैं कि कबीर साहेब के बताए हुए रास्ते पर जो चलता है काल उसका बाल बांका भी नहीं कर सकता कबीर नाम इतना शक्तिशाली है कबीर का नाम सुनते ही ज्योति निरंजन काल कांपने लगता है जो भक्त कबीर साहेब के बताए हुए मार्ग पर चलकर जीवन की यात्रा सफल करता है ज्योति निरंजन काल उसका कुछ नहीं कर सकता
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brahm0051 · 4 months
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कलयुग के अंतिम में कैसा होगा?
जानने के लिए " हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण" पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
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joyfuleagleartisan · 4 months
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: *✰किसी भी जीव को मनुष्य जीवन कैसे मिलता है?✰*
✰हम भक्ति क्यों करते हैं?✰
अवश्य पढ़ें पवित्र सद्ग्रंथों पर आधारित संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक *ज्ञान गंगा*।
निःशुल्क पुस्तक प्राप्त करने हेतु अपना नाम, पूरा पता, और मोबाइल नंबर हमें नीचे दिए गए लिंक पर डाले।
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ktkapil12 · 4 months
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#GodMorningMonday
#गीता_तेरा_ज्ञान_अमृत
प्रभु ने मनुष्यों के खाने के लिए जितने बीज वाले छोटे पेड़ तथा जितने पेड़ों में बीज वाले फल होते हैं वे भोजन के लिए प्रदान किए हैं अर्थात जीव हत्या या माँस खाने के लिए नहीं कहा।
Must Read and Listen Book 📚📚 ‛गीता तेरा ज्ञान अमृत’
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