परमात्मा ने आकर बताया है कि बच्चों तुम यहाँ के वासी नहीं हो। आप एक ऐसे स्थान से आये हो जिसकी कसक आज भी आपके हृदय के अंदर है। और उस सुख की खोज में आप इस काल के लोक में लगे हुए हो।
जगत के तारणहार संत रामपाल जी महाराज सामाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी देते हुए एक बार फिर श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में किया विशाल नि:शुल्क भंडारे का आयोजन
हमारे धर्म गुरु स्वर्ग से ऊपर कुछ जानते ही नहीं हैं
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सूक्ष्मवेद में बताया है कि विश्व के सभी जीवात्मा परमशांति वाले सनातन परम धाम में उस परमात्मा के पास रहते थे जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है कि हे भारत! तू सर्वभाव से उस परमेश्वर की शरण में जा, उसकी कृपा से ही तू परमशांति को तथा (शाश्वतम् स्थानम्)सनातन परम धाम यानि सत्यलोक को प्राप्त होगा। जो 16 शंख कोस दूर है।
हिन्दू साहेबान ! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक का आधार सूक्ष्मवेद यानि तत्त्वज्ञान है। जिसमें समझाने के लिए प्रमाण वेदों, गीता, महाभारत तथा पुराणों आदि शास्त्रों से लिए हैं। अतः इस पुस्तक में दिए गए सभी शास्त्रों के सार ज्ञान को जानने के लिए पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
Episode : 14 | आमना सामना बड़ी बहस | 28-04-2024 | Sant Rampal Ji Maharaj...
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जिस समय सर्व सन्त जन शास्त्र विधि त्यागकर मनमानी पूजा द्वारा भक्त समाज ��ो मार्ग दर्शन कर रहे होते हैं। तब अपने तत्वज्ञान का संदेशवाहक बन कर स्वयं कबीर प्रभु ही आते हैं।
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यदि यथार्थ नाम प्राप्त नहीं है तो चाहे पुराणों में वर्णित धार्मिक क्रियाएँ करोड़ों गाय दान करो,
करोड़ों धर्म यज्ञ, जौनार जीमनवार किसी लड़के के जन्म पर भोजन कराना करो, चाहे करोड़ों कुँए खनों खुदवाओ, करोड़ों तीर्थों के तालाबों को गहरा कराओ जिससे जम मार काल की चोट यानि कर्म का दण्ड समाप्त नहीं होगा।