बचपन
गर्मी की छुट्टी,नानी का घर,खुला आसमां, तारों की चमचम ,चंदा मामा, परियों की कहानी, आम की मिठास, जामुन की खटास, तपती दोपहर और पूरे गांव का चक्कर| बिन चप्पल दौड़ती खुशियां ,गरम सड़क ठंडी कुल्फी, नीम का पेड़ चाट का ठेला कैसा था वो बचपन अलबेला हर कोई अपना प्यार जताता शाम को छत पर जैसे मेला लग जाता वो मौसम अब दूर चले गयाअब ना वह चिट्ठी ना वह मिट्टी नानी बुलाती है कहती है सुनाती है बड़े हो गए अब कहां…
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पूर्वी टुंडी में पति-पत्नी की हत्या, पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया
पूर्वी टुंडी में पति-पत्नी की हत्या, पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया
धनबाद। धनबाद के पूर्वी टुंडी थाना क्षेत्र के रुपन पंचायत स्थित फुलपहाड़ी में एक दंपती की हत्या कर दी गई है। दंपति का शव घर के आंगन में बरामद किए गए हैं। मृत दंपती की पहचान सुकोल मरांडी (58) एवं उनकी पत्नी दखन मरांडी (55) के रुप में की गई है। दोनों के सिर को किसी भारी चीज से कुचला गया है। घटना की सूचना पाकर मौके पर पुलिस निरीक्षक सुधीर प्रसाद, सब इंस्पेक्टर लिखन हेम्ब्रम, वीर अभिमन्यु घटनास्थल…
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Murder of homeguard: होमगार्ड जवान की धारदार हथियार से हत्या, घर के आंगन में मिला खून से लथपथ शव
Murder of homeguard: होमगार्ड जवान की धारदार हथियार से हत्या, घर के आंगन में मिला खून से लथपथ शव
Murder of homeguard: पंजाब के फिरोजपुर में एक घर के आंगन में सो रहे होमगार्ड के जवान पर धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई. थाना सिटी जीरा में ड्यूटी से रात को घर लौटा और आंगन में सो गया। थाना सदर जीरा ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गुरुवार को आगे की जांच की। पुलिस पास में लगे सीसीटीवी कैमरों से फुटेज खंगालने की कोशिश कर रही है। मामला फिरोजपुर के बस्ती गुरदीप सिंह (बुले) का…
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स्वर्ग से सुन्दर आंगन (swarag se sundar aangan )
स्वर्ग से सुन्दर आंगन (swarag se sundar aangan ) : जहाँ मुस्कराती माँ मिल���
उस घर का पानी है मीठा,
जिस घर में माँ के चेहरे पर मुस्कान मिले,
स्वर्ग से सुन्दर आँगन (swarag se sundar aangan ) है वो ,
जिस आंगन में माँ को भरपूर सम्मान मिले,
* * * * * *
हर रोज बिताते हैं जहाँ थोड़ा वक्त,
माँ का मन बहलाने के लिए,
जिस माँ ने दिया है पूरा जीवन,
इस घर को महकाने के लिए,
हर…
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यह मस्त महीना फागुन का श्रृंगार बना घर आंगन का लिरिक्स | Ye Mast Mahina Fagun Ka Lyrics
यह मस्त महीना फागुन का श्रृंगार बना घर आंगन का लिरिक्स, Ye Mast Mahina Fagun Ka Lyrics, फागण स्पेशल होली गीत लिरिक्स
।। दोहा ।।
होली अब के बार की, ऐसी कर दे राम।
गलबहिंया डाले मिलें, ग़ालिब अरु घनश्याम।
~ ये मस्त महीना फागण का ~
ये मस्त महीना फागण का ,
श्रृंगार बना हर आँगन का।
इस रंग का यारो क्या कहना ,
ये रंग है होली का गहना।
आते कान्हा सही माने में ,
रंग बरसाने बरसाने में।
बन जाते छैला होली…
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Video : प्यास से छटपटाती गिलहरी को पानी पिलाती दिखी महिला, दरियादिली ने जीता दिल
Video : प्यास से छटपटाती गिलहरी को पानी पिलाती दिखी महिला, दरियादिली ने जीता दिल
प्रचंड गर्मी इस साल सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है. जहां देखो वहां तपती गर्मी ने हाल बेहाल कर रखा है. क्या इंसान, क्या जानवर हर कोई छटपटा ही रहा है. ऐसे में इंसानों के पास तो खुद को ठंडा रखने और प्यास बुझाने के ढेरों उपाय हैं लेकिन जीव-जन्तुओं के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. ऐसे में हमें और आपको ही उनका सहारा बनना होगा. उनके लिए पानी का इंतज़ाम करना होगा.
Wildlife viral series में प्यास से तड़पती…
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किसी सुबह मैं देर उठूं और
तुम घर के आंगन में बाल बनाती मिलो-
और
पूछो कि क्या ये वक़्त है उठने का।
तुम्हारी मीठी डाँट के बीच
मैं चेहरा धोता जाऊँ-
तुमसे पूछ कर-
गैस पर दो चाय चढ़ाऊँ।
ये कविता लिखता जाऊँ
या कविता खत्म न कर पाऊँ।
क्योंकि ये कुछ न हो पाया-
बस ये कविता में है
और नहीं चाहता मैं ये खत्म कर पाऊँ-
फिर भोर अंधेरे आँख मैं खोलूँ
और
कमरे में बस खुद को पाऊँ।।
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मेरे खयालों के आंगन में
कोई सपनों के दीप जलाए, दीप जलाए
कहीं दूर जब दिन ढल जाए
सांझ की दुल्हन बदन चुराए, चुपके से आए..
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ए री सखी मोरे पिया घर आए, भाग लगे इस आंगन को।
अपने पिया के मैं बल-बल जाऊं, चरन लगायो निर्धन को।
मैं तो खड़ी थी आस लगाए, मेंहदी कजरा मांग सजाए।
देख सूरतिया अपने पिया की, हार गई मैं तन मन को।
जिसका पिया संग बीते सावन, उस दुल्हन की रैन सुहागन।
जिस सावन में पिया घर नाहीं, आग लगे उस सावन को।
अपने पिया को मैं किस विध पाऊं, लाज की मारी मैं तो डूबी डूबी जाऊं।
तुम ही जतन करो ऐ री सखी री, मैं मन भाऊं साजन को।
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लखनऊ, 25.03.2024 l चैतन्य महाप्रभु की 538 वी जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालयमें "श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि" कार्यक्रम का आयोजन किया गया l कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने चैतन्य महाप्रभु की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर सादर नमन किया l
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि "श्री चैतन्य महाप्रभु की जयंती, कृष्ण भक्तों द्वारा फागुन पूर्णिमा पर मनाई जाती है। श्री चैतन्य महाप्रभु जयंती को श्री गौर पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है । जैसा कि शास्त्रों में कहा गया है, परम भगवान श्री कृष्ण इस कलियुग में संकीर्तन - युग धर्म की स्थापना के लिए श्री चैतन्य महाप्रभु के रूप में प्रकट हुए। उनके माता-पिता ने उनका नाम निमाई रखा क्योंकि वह अपने पैतृक घर के आंगन में एक नीम के पेड़ के नीचे पैदा हुए थे।
चैतन्य महाप्रभु के आध्यात्मिक, धार्मिक, मोहक और प्रेरक विचारों ने लोगों की आत्मा को छू लिया । उनके द्वारा सिखाई गई कुछ बातें नीचे दी गई हैं :
◉ कृष्ण ज्ञान के सागर हैं।
◉ उनके तटस्थ स्वभाव के कारण ही जीव सभी बंधनों से मुक्त होता है।
◉ जीव इस संसार से पूरी तरह अलग है और एक समान ईश्वर है।
◉ पूर्ण और शुद्ध विश्वास जीवों का सबसे बड़ा अभ्यास है।
◉ कृष्ण का शुद्ध प्रेम ही परम लक्ष्य है।
◉ सभी जीव ईश्वर के छोटे अंश हैं।
◉ कृष्ण सर्वोच्च सत्य हैं।
◉ यह कृष्ण हैं जो सभी ऊर्जा प्रदान करते हैं।
◉ जीव अपने तटस्थ स्वभाव के कारण ही संकट में पड़ते हैं।
चैतन्य महाप्रभु भगवान कृष्ण के एक बहुत लोकप्रिय अनुयाई के रूप में जाने जाते हैं| उन्होंने सामाजिक एकता पर बल दिया l जात- पात, छुआछूत, अंधविश्वास, पाखंड आदि का विरोध किया l सभी धर्मों में एकता की बात की l हमें भी चैतन्य महाप्रभु के दिखलाए हुए धर्म और एकता के मार्ग पर चलना चाहिए l"
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अग्निपथ
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ये औरतें
ये जो औरतें होती है न
रो लेती है अक्सर
ये मर्द नही कर सकते
ऐसा
साफ शफ़ाक आंखें ले कर
आ जाती है
मुस्कुराते हुये
फिर आंगन मे
फूफी मासी काकी
से बात करती
नही गिरने देती
एक भी आंसू दामन पर
मर्द ऐसा नही कर पाते
पता नही कैसे कर मुस्कुरा
देती है ये
भरी आंखों से
Surinder Blackpen
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#गहरीनजरगीता_में_part_304 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#गहरीनजरगीता_में_part_305
हम पढ़ रहे है पुस्तक "गहरी नजर गीता में"
पेज नंबर 599-600
सतलोक आश्रम बरवाला (हिसार) में मुझ दास (रामपाल दास) से उपदेश लेने से सर्व सुख
व लाभ भी प्राप्त होंगे तथा पूर्ण मोक्ष भी प्राप्त होगा। कहते हैं - आम के आम, गुठलियों के
दाम। कृप्या निःशुल्क प्राप्त करें।
गरीब, समझा है तो शिर धर पाव। बहुर नहीं है ऐसा दाव।।
मुझ दास की प्रार्थना है कि मानव जीवन दुर्लभ है,
इसे नादान संतों, महंतों व आचार्यों, महर्षियों तथा पंथों के पीछे लग कर नष्ट नहीं करना चाहिए। पूर्ण संत की खोज करके उपदेश प्राप्त करके आत्म कल्याण करवाना ही श्रेयकर है।
सर्व पवित्र सद्ग्रन्थों के अनुसार अर्थात शास्त्र अनुकूल यथार्थ भक्ति मार्ग मुझ दास (रामपाल दास) के पास उपलब्ध है। कृपया निःशुल्क प्राप्त करें।
सर्व पवित्र धर्मों की पवित्र आत्माऐं तत्वज्ञान से अपरिचित हैं। जिस कारण नकली गुरुओं, संतों, महंतों तथा ऋषियों तथा पंथों का दाव लगा हुआ है। जिस समय पवित्र भक्त समाज
आध्यात्मिक तत्वज्ञान से परिचित हो जाएगा उस समय इन नकली संतों, गुरुओं व आचार्यों को छुपने का स्थान नहीं मिलेगा। सर्व प्रभु प्रेमियों का शुभ चिन्तक तथा दासों का भी दास।
“सत् साहेब”
संत रामपाल दास
सतलोक आश्रम बरवाला, जिला हिसार (हरियाणा)।
दूर���ाष: 8222880541, 8222880542
‘‘संत धर्मदास जी के वंशों के विषय में‘‘
प्रश्न: संत धर्मदास जी की गद्दी दामा खेड़ा वाले कहते हैं कि इस गद्दी से नाम प्राप्त
करने से मोक्ष संभव है ?
उत्तर: संत धर्मदास जी का ज्येष्ठ पुत्र श्री नारायण दास काल का भेजा हुआ दूत था।
उसने बार-बार समझाने से भी परमेश्वर कबीर साहेब जी से उपदेश नहीं लिया। पुत्र प्रेम में व्याकुल संत धर्मदास जी को परमेश्वर कबीर साहेब जी ने नारायण दास जी का वास्तविक
स्वरूप दर्शाया। संत धर्मदास जी ने कहा कि हे प्रभु ! मेरा वंश तो काल का वंश होगा। यह कह कर संत धर्मदास जी बेहोंश (अचेत) हो गए। काफी देर बाद होश में आए। फिर भी
अतिचिंतित रहने लगे। उस प्रिय भक्त का दुःख निवारण करने के लिए परमेश्वर कबीर साहेब जी ने कहा कि धर्मदास वंश की चिंता मत कर। यह काल का दूत है। उसका वंश पूरा नष्ट हो जाएगा तथा तेरा बियालीस पीढी तक वंश चलेगा। तब संत धर्मदास जी ने पूछा कि हे दीन
दयाल ! मेरा तो इकलौता पुत्र नारायण दास ही है। तब परमेश्वर ने कहा कि आपको एक शुभ संतान पुत्र रूप में मेरे आदेश से प्राप्त होगी। उससे केवल तेरा वंश चलेगा। तब धर्मदास जी
ने कहा था कि हे प्रभु ! आप का दास वृद्ध हो चुका है। अब संतान का होना असंभव है। आपकी शिष्या भक्तमति आमिनी देवी का मासिक धर्म भी बंद है। परमेश्वर कबीर साहेब ने कहा कि मेरी आज्ञा से आपको पुत्र प्राप्त होगा। उसका नाम चुड़ामणी रखना। यह कह कर परमेश्वर
कबीर साहेब ने उस भावी पुत्र को धर्मदास के आंगन में खेलते दिखाया। फिर अन्तध्र्यान कर दिया। संत धर्मदास जी शांत हुए। कुछ समय पश्चात् भक्तमति आमिनी देवी को संतान रूप
में पुत्र प्राप्त हुआ उसका नाम श्री चुड़ामणी जी रखा। बड़ा पुत्र नारायण दास अपने छोटे भाई चुड़ामणी जी से द्वेष करने लगा। जिस कारण से श्री चुड़ामणी जी बांधवगढ़ त्याग कर कुदरमाल
नामक शहर (मध्य प्रदेश) में रहने लगा। कबीर परमेश्वर जी ने संत धर्मदास जी से कहा था कि धार्मिकता बनाए रखने के लिए अपने पुत्र चुड़ामणी को केवल प्रथम मन्त्र (जो यह दास/
रामपाल दास प्रदान करता है) देना जिससे इनमें धार्मिकता बनी रहेगी तथा तेरा वंश चलता रहेगा। परंतु आपकी सातवीं पीढ़ी में काल का दूत आएगा। वह इस वास्तविक प्रथम मन्त्र को भी समाप्त करके मनमुखी अन्य नाम चलाएगा। शेष धार्मिकता का अंत ग्यारहवां, तेरहवां तथा
सतरहवां गद्दी वाले महंत कर देंगे। इस प्रकार तेरे वंश से भक्ति तो समाप्त हो जाएगी। परंतु तेरा वंश फिर भी बियालीस (42) पीढ़ी तक चलेगा। फिर तेरा वंश नष्ट हो जाएगा।
प्रमाण पुस्तक “सुमिरण शरण गह बयालिश वंश” लेखक: महंत श्री हरिसिंह राठौर, पृष्ठ 52 पर -
वाणी:सुन धर्मनि जो वंश नशाई, जिनकी कथा कहूँ समझाई।।93।।
काल चपेटा देवै आई, मम सिर नहीं दोष कछु भाई।।94।।
सप्त, एकादश, त्रायोदस अंशा, अरु सत्राह ये चारों वंशा।।95।।
इनको काल छलेगा भाई, मिथ्या वचन हमारा न जाई।।96।।
जब.2 वंश हानि होई जाई, शाखा वंश करै गुरुवाई।।97।।
दस हजार शाखा होई है, पुरुष अंश वो ही कहलाही है।।98।।
वंश भेद यही है सारा, मूढ जीव पावै नहीं पारा।।99।।
भटकत फिरि हैं दोरहि दौरा, वंश बिलाय गये केही ठौरा।।100।।
सब अपनी बुद्धि कहै भाई, अंश वंश सब गए नसाई।।101।।
उपरोक्त वाणी में कबीर परमेश्वर ने अपने निजी सेवक संत धर्मदास साहेब जी से कहा
कि धर्मदास तेरे वंश से भक्ति नष्ट हो जाएगी वह कथा सुनाता हूँ। सातवीं पीढ़ी में काल का दूत उत्पन्न होगा। वह तेरे वंश से भक्ति समाप्त कर देगा। जो प्रथम मन्त्र आप दान करोगे
उसके स्थान पर अन्य मनमुखी नाम प्रारम्भ करेगा। धार्मिकता का शेष विनाश ग्यारहवां, तेरहवां तथा सतरहवां महंत करेगा। मेरा वचन खाली नहीं जाएगा भाई। सर्व अंश वंश भक्ति हीन हो जाएंगे। अपनी.2 मन मुखी साधना किया करेंगे।
पाताले सप्त सिंधु नाम, आदि... हैं। इससे सिद्ध हुआ कि यह भी मनमुखी साधना तथा गद्दी परम्परा चला रहे हैं।
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। संत रामपाल जी महाराज YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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Childhood Play Vocabulary
खेलने की जगह - play area (feminine)
खेल का मैदान - playground (masculine)
बग़ीचा, पार्क - park (masculine)
मनोरंजन पार्क - amusement park (masculine)
अड़ोस-पड़ोस, मोहल्ला - neighborhood (masculine)
आंगन - yard (masculine)
बचपन - childhood (masculine)
बाल विकास - child development (masculine)
रचनात्मकता - creativity (feminine)
कल्पना - imagination (feminine)
At the Playground
खेल के मैदान उपकरण - playground equipment (masculine)
* this equipment can be रोमांचक (exciting), आकर्षक (interesting, attractive) and चुनौतीपूर्ण (challenging) for children.
झूमा-झूमी - teeter-totter, seesaw (feminine)
झूमना - to sway, rock, wave (intransitive)
झूला - swing (masculine)
झूलना - to swing (intransitive)
चढ़ाई फ्रेम - climbing frame, jungle gym (masculine)
स्लाइड - slide (masculine)
* a slide can be सीधा (straight), लहरदार (wavy) or सर्पिल (spiral).
* पानी की स्ल���इड - water slide
सीढ़ी - ladder (feminine)
सीढ़ियाँ - stairs (feminine)
स्लाइड के शीर्ष पर चढ़ना - to climb to the top of the slide (intransitive)
ढलान - chute of a slide (feminine)
ढलान को नीचे स्लाइड करना - to slide down the chute (feminine)
स्लाइड पर खेलना - to play on a slide (transitive)
खेलने का घर - play house (masculine)
रेत, बालू - sand (feminine)
रेत के खिलौने - sand toys (masculine)
खोदना - to dig (transitive)
बाल्टी - bucket (feminine)
फ़ावड़ा - spade, shovel (masculine)
रेत का महल - sand castle (masculine)
रेत का महल बनाना / खड़ा करना - to make a sand castle (transitive)
पतंग - kite (masculine)
पतंग उड़ाना - to fly a kite (transitive)
हिंडोला - carousel, marry-go-around (masculine)
Toys
खिलौना - toy (masculine)
* toys are often made of लकड़ी (wood) or प्लास्टिक (plastic).
गुड़िया - doll (feminine)
गुड़िया का मकान - doll's house (masculine)
खिलौना गाड़ी - toy car, also खिलौना कार (masculine)
से / के साथ खेलना - to play with [toys, dolls, cars...] (transitive)
आलीशान खिलौना - stuffed animal, plushie (masculine)
फ़रफ़री - pinwheel (feminine)
घूमना - to turn, rotate, go around (intransitive)
Games and Play
खेलना - to play (ambitransitive)
खेल - game, play (masculine)
* a game or play can be संवादात्मक (interactive), संरचित (structured) or सहज (spontaneous).
* घर के अंदर खेले जाने वाला खेल - indoor game
* बहिर्कक्ष खेल, मैदानी खेल - outdoor game
खेलने का साथी - play mate (masculine)
खेल-कूद - game, fun, sports (masculine)
पहेली - riddle, puzzle (feminine)
खेल के नियम - rules of the game (masculine)
नियमों में बदलाव करना - to change the rules (transitive)
खिलाड़ी - player (masculine)
लुकाछिपी, छुआ-छुऔवल - hide and seek (feminine)
खुद को छुपाना - to hide oneself (transitive), also छुपना (intransitive)
खोजी, खोजनेवाला, ढूँढ़नेवाला - seeker (adjective)
ढूंढ़ना, खोजना - to seek, find (transitive)
अपनी आखें बंद करना - to close one's eyes (transitive)
दस/तीस तक गिनना - to count to ten/thirty (transitive)
तैयार हो या न हो, मैं आ रहा हूँ! - Ready or not, here I come!
गेंद - ball (masculine)
गोल - goal (masculine)
लात मारना - to kick (transitive)
दौड़ना, भागना - to run (intransitive)
Child-like Activities
मज़े / मस्ती करना - to have fun, play (transitive)
मज़ेदार - fun (adjective)
हँसना - to laugh (intransitive)
हाथ में हाथ डालकर चलना - to go hand in hand (intransitive)
बच्चों की कविता - nursery rhyme (feminine)
गाना - to sing (transitive)
ताली बजाना - to clap hands (transitive)
घेरा, गोल, गोला - circle (masculine)
गोल घेरे में खड़ा होना - to stand in a circle (intransitive)
गोला बनाकर बैठना - to sit in a circle (intransitive)
अपनी बारी का इंतजार करना - to wait one's turn (transitive)
कूदना - to jump, hop (intransitive)
रस्सी - rope (feminine)
रस्सी कूदना - to jump rope (transitive)
साइकिल - bicycle (feminine)
साइकिल चलाना - to drive a bicycle (transitive)
साइकिल की टोपी - helmet (feminine)
हाथ छोड़कर साइकिल चलाना - to drive a bike without hands (transitive)
साइकिल से गिर जाना - to fall off a bicycle (intransitive)
अवलोकन करना - to observe (transitive)
शरारत - prank, mischief (feminine)
धकेल देना - to push (transitive)
ठोकर खाना - to stumble (transitive)
गिरना - to fall (intransitive)
लड़ना, झगड़ा करना - to quarrel, fight (transitive)
रोना - to cry (intransitive)
माफी माँगना - to apologize (transitive)
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कश्ती
जिंदगी इक मझधार सी
कोई कश्ती बनकर तुम आना
ध्रुव तारे की तरह रास्ता
तुम मुझको भी दिखलाना
आते आते साथ में थोड़ी
नींद जरा तुम लेते आना
थोड़ी सी सुकून की बारिश
मेरे आंगन भी बरसाना
उस बारिश में भीगने को
संग तुम भी चले आना
तपती हुई दोपहरों में
हवा का झोंका तुम ले आना
गहरे अंधियारों में
जुगनू बन तुम जगमगाना
हो कोई इम्तिहान अगर
साथी बन तुम नकल कराना
जिंदगी इक मझधार सी
कोई कश्ती बनकर तुम आना...
~anonymous
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नयी-नयी आंखें हों तो हर मंज़र अच्छा लगता है
कुछ दिन शहर में घूमे लेकिन अब घर अच्छा लगता है
मिलने-जुलनेवालों में तो सारे अपने जैसे हैं
जिससे अब तक मिले नहीं वो अक्सर अच्छा लगता है
मेरे आंगन में आये या तेरे सर पर चोट लगे
सन्नाटों में बोलनेवाला पत्थर अच्छा लगता है
चाहत हो या पूजा सबके अपने-अपने सांचे हैं
जो मूरत में ढल जाये वो पैकर अच्छा लगता है
हमने भी सोकर देखा है नये-पुराने शहरों में
जैसा भी है अपने घर का बिस्तर अच्छा लगता है
-निदा फ़ाज़ली-
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