यह मस्त महीना फागुन का श्रृंगार बना घर आंगन का लिरिक्स | Ye Mast Mahina Fagun Ka Lyrics
यह मस्त महीना फागुन का श्रृंगार बना घर आंगन का लिरिक्स, Ye Mast Mahina Fagun Ka Lyrics, फागण स्पेशल होली गीत लिरिक्स
।। दोहा ।।
होली अब के बार की, ऐसी कर दे राम।
गलबहिंया डाले मिलें, ग़ालिब अरु घनश्याम।
~ ये मस्त महीना फागण का ~
ये मस्त महीना फागण का ,
श्रृंगार बना हर आँगन का।
इस रंग का यारो क्या कहना ,
ये रंग है होली का गहना।
आते कान्हा सही माने में ,
रंग बरसाने बरसाने में।
बन जाते छैला होली…
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🌼 फुलेरा दूज / फुलरिया दूज - Phulera Dooj
◉ फुलेरा दूज, होली आगमन का प्रतीक मानी जाती है।
◉ फुलरिया दूज के बाद से ही होली की तैयारियां शुरू कर दीं जातीं हैं।
◉ इस त्यौहार से गुलरियाँ बनाने का कार्य शुरू किया जाता हैं।
◉ मथुरा और वृंदावन में फूलों की होली खेली जाती है।
◉ सर्दी के मौसम के बाद इसे विवाह का अंतिम शुभ दिन माना जाता है।
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श्री कृष्ण भजन - Shri Krishna Bhajan
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राम जी के लोकप्रिय होली भजन लिरिक्स | Ram Ji Hanuman Ji Ke Holi Lyrics
राम जी और हनुमान जी के होली भजन लिरिक्स
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बेटी क्लब दतिया का होली मिलन समारोह संपन्न
ब्यूरो नफीसा बनो दतिया
। जिले की सामाजिक संस्था बेटी क्लब दतिया द्वारा होली मिलन समारोह का आयोजन रेंज स्थित दीवान जी का कुआं श्रीराम जानकी मंदिर में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया जिसमें बेटी क्लब के पदाधिकारी ने भगवान श्रीराम जानकी के चरणों में गुलाल चढ़कर बेटी क्लब की अध्यक्ष आकांक्षा रावत उपाध्यक्ष मीना श्रीवास्तव ने उपस्थित महिलाओं तिलक लगाकर होली पर्व मनाया इस अवसर पर भजन मंडली द्वारा…
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श्री रामानुज वैष्णव मंडल द्वारा धूमधाम के साथ होली फागोत्सव मनाया गया
रंग मे रंगे भगवान श्रीराधाकृष्ण और भक्तबच्चों ने होली के गीतों से बांधी शमासतना श्री रामानुज वैष्णव मंडल द्वारा होली फागोत्सव का बृहद कार्यक्रम धूम धाम के साथ मनाया गया परम भागवत श्री जानकी प्रसाद गुप्ता के निज निवास कृष्णनगर बंधन बैंक के सामने वाली गली में छोटी सरस्वती स्कूल के पासभगवान श्रीकृष्ण लालजी सरकार जी* का भजन संकीर्तन, होली फागोत्सव छंद,छप्पै,स्त्रोत पाठ के साथ गुरुकृपा हरिकृपा भागवातो…
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Jamshedpur holika pujan : जुगसलाई नया बाजार में मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने रविवार को किया होलिका पूजन, अपने पति एवं पुत्र के लिए विशेष पूजा कर लंबी उम्र का मांगा वरदान,देखिए video
जमशेदपुर : होलिका दहन से पूर्व रविवार को दोपहर में मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने जुगसलाई के नया बाजार में मारवाड़ी समाज में गोबर के बड़कुले बनाकर विधिवत होलिका की पूजा की. मंगल पाठ वाचक एवं भजन गायिका सुनीता भारद्वाज ने बताया कि होली बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है.मारवाड़ी समुदाय में महिलाओं के लिए शादी के बाद की पहली होली बहुत खास होती है. पहली होली लड़की अपने मायके में मनाती है और गणगौर की पूजा…
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होली उत्सव: फूलों की होली खेल भजनों से किया बाबा का गुणगान
पानीपत | अंसल स्थित श्री बांके बिहारी ज्ञानेश्वर मंदिर में 7वें वार्षिकोत्सव के मौके पर आयोजित होली उत्सव के दूसरे दिन भी मंदिर में रौनक बनी रही। मंदिर में बसंत पंचमी पर 14 फरवरी को गुलाल लगा कर इस फाल्गुन के होली उत्सव की शुरुवात की गई थी। हर संकीर्तन में विभिन्न भजन गायकों के फाल्गुन और होली के भजन गए। हर कीर्तन में एक क्विंटल फूलों के साथ होली खेली गई। शुक्रवार के संकीर्तन में जहां बरसाना की…
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Aaj Biraj Mein Hori Re Rasiya Lyrics: आज बिरज में होली रे रसिया || Holi Bhajanयह भजन भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित है। होली के भजनों में रंगों के त्योहार, होली, का उत्साह और भगवान के साथ प्रेम और भक्ति का भाव व्यक्त किया जाता है। होली के भजन मन में उत्साह और उमंग भरते हैं
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एक शाम श्री श्याम के नाम भजन संध्या व फूलों की होली में दिखी राजस्थान की झलक - Aman Samachar
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5 Sundar Krishna Bhajan |कृष्ण जी के 5 सुन्दर भजन
जन्माष्टमी, राधाष्टमी, होली, भागवत कथा, गीता पाठ, कीर्तन, भजन संध्या, फाल्गुन मेला में वैष्णव, ब्रिजबासी, वृंदावन, मथुरा, श्री कृष्ण प्रणामी संप्रदाय, गौड़िया संप्रदाय, श्री श्याम भक्तों और इस्कॉन समुदाय के बीच प्रसिद्ध श्री कृष्ण भजन। Krishna ji ke Bhajan padhne ke liye, click here
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स्वस्तिक का रहस्य... हिन्दू संस्कृति के प्राचीन ऋषियों ने अपने धर्म के आध्यात्मिक अनुभवों के आधार पर कुछ विशेष चिन्हों की रचना की। ये चिन्ह मंगल भावों को प्रकट करती हैं। ऐसा ही एक चिन्ह है “स्वास्तिक”। स्वस्तिक मंगल चिन्हों में सर्वाधिक प्रतिष्ठा प्राप्त है और पूरे विश्व में ���से सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है। इसी कारण किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले स्वस्तिक का चिन्ह बनाया जाता है। स्वस्तिक दो प्रकार का होता है.. 1. दांंया स्वस्तिक 2. बांया स्वस्तिक दाहिना स्वस्तिक नर का प्रतीक है और बांया नारी का प्रतीक है। वेदों में ज्योतिर्लिंग को विश्व के उत्पत्ति का मूल स्त्रोत माना गया है। स्वस्तिक की खड़ी रेखा सृष्टि के उत्पत्ति का प्रतीक है और आड़ी रेखा सृष्टि के विस्तार का प्रतीक है तथा स्वस्तिक का मध्य बिंदु विष्णु जी का नाभि कमल माना जाता है जहाँ से विश्व की उत्पत्ति हुई है। स्वस्तिक में प्रयोग होने वाले 4 बिन्दुओ को 4 दिशाओं का प्रतीक माना जाता है। कुछ विद्वान् इसे गणेश जी का प्रतीक मानकर प्रथम पूज्य मानते हैं। कुछ लोग इनकी 4 वर्णों की एकता का प्रतीक मानते हैं, कुछ इसे ब्रह्माण्ड का प्रतीक मानते हैं और कुछ इसे ईश्वर का प्रतीक मानते हैं। अमरकोश में स्वस्तिक का अर्थ आशीर्वाद, पुण्य, मंगल कार्य करने वाला है। इसमें सभी के कल्याण व कुशल क्षेम की भावना निहित है।इसका आरंम्भिक आकार गणित के धन (+) के सामान है अतः इसे जोड़ का/मिलन का प्रतीक भी माना जाता है। धन के चिन्ह पर 1-1 रेखा जोड़ने पर स्वस्तिक का निर्माण हो जाता है। हिन्दुओं के समान जैन, बौद्ध और ईसाई धर्म में भी स्वस्तिक को मंगलकारी और समृद्धि प्रदान करने वाला चिन्ह मानते हैं। उदयगिरी और खंडगिरी के गुफाओं में भी स्वास्तिक चिन्ह मिले हैं। स्वस्तिक को 7 अंगुल, 9 अंगुल या 9 इंच के प्रमाण में बनाया जाने का विधान है। मंगल कार्यो के अवसर पर पूजा स्थान तथा दरवाजे की चौखट पर स्वस्तिक बनाने की परम्परा है। स्वस्तिक का आरंभिक आकार पूर्व से पश्चिम एक खड़ी रेखा और उसके ऊपर दूसरी दक्षिण से उत्तर आड़ी रेखा के रूप में तथा इसकी चारों भुजाओं के सिरों पर पूर्व से एक एक रेखा जोड़ी जाती है, तथा चारों रेखाओं के मध्य में एक-एक बिंदु लगाया जाता है, और स्वस्तिक के मध्य में भी एक बिंदु लगाया जाता है। इसके लिए विभिन्न प्रकार की स्याही का उपयोग होता है। स्वस्तिक की उपयोगिता:- 1. पारद या पञ्च धातु का स्वस्तिक बनवा के प्राण प्रतिष्ठा करके चौखट पर लगवाने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। 2. चांदी में नवरत्न लगवाकर स्वस्तिक चिन्ह पूर्व दिशा में लगाने पर वास्तु दोष व लक्ष्मी प्राप्त होती है। 3. वास्तु दोष दूर करने के लिये 9 अंगुल लंबा और चौड़ा स्वस्तिक सिन्दूर से बनाने से यह नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में बदल देता है। 4. धार्मिक कार्यो में रोली, हल्दी या सिन्दूर से बना स्वस्तिक आत्मसंतुष्टि देता है। 5. गुरु पुष्य या रवि पुष्य में बनाया गया स्वस्तिक शांति प्रदान करता है। 6. त्योहारों में द्वार पर कुमकुम सिन्दूर अथवा रंगोली से स्वस्तिक बनाना मंगलकारी होता है। ऐसी मान्यता है कि देवी देवता घर में प्रवेश करते हैं इसीलिए उनके स्वागत के लिए द्वार पर इसे बनाया जाता है। 7. अगर कोई 7 गुरुवार को ईशान कोण में गंगाजल से धोकर सुखी हल्दी से स्वस्तिक बनाए और उसकी पंचोपचार पूजा करे साथ ही आधा तोला गुड़ का भोग भी लगाए तो दुकान में बिक्री बढ़ती है। 8. स्वस्तिक बनवाकर उसके ऊपर जिस भी देवता को बिठा के पूजा करें तो वो शीघ्र प्रसन्न होते हैं। 9. देव स्थान में स्वस्तिक बनाकर उस पर पञ्च धान्य का दीपक जलाकर रखने से कुछ समय में इच्छित कार्य पूर्ण होते हैं। 10. भजन करने से पहले आसन के नीचे पानी, कुमकुम, हल्दी अथवा चन्दन से स्वास्तिक बनाकर उस स्वस्तिक पर आसन बिछाकर बैठकर भजन करने से सिद्धि शीघ्र प्राप्त होती है। 11. सोने से पूर्व स्वस्तिक को अगर तर्जनी से बनाया जाए तो सुख पूर्वक नींद आती है, बुरे सपने नहीं आते हैं। 12. स्वस्तिक में अगर पंद्रह या बीसा का यन्त्र बनाकर लाकेट या अंगूठी में पहना जाए तो विघ्नों का नाश होकर सफलता मिलती है। 13. मनोकामना सिद्धि हेतु मंदिरों में गोबर और कुमकुम से उलटा स्वस्तिक बनाया जाता है। 14. होली के कोयले से भोजपत्र पर स्वास्तिक बनाकर धारण करने से बुरी नजर से बचाव होता है और शुभता आती है। 15. पितृ पक्ष में बालिकाएं संजा बनाते समय शुभता के लिए और पितरों का आशीर्वाद लेने के लिए गोबर से स्वस्तिक भी बनाती हैं। 16. वास्तु दोष दूर करने के लिए पिरामिड में भी स्वस्तिक बनाकर रखने की सलाह दी जाती है। अतः स्वस्तिक हर प्रकार से फायदेमंद है, मंगलकारी है, शुभता लाने वाला है, ऊर्जा देने वाला है और सफलता देने वाला है इसे प्रयोग करना चाहिए!
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सिंगर चेतन कृष्णा मल्होत्रा का 12वां हिट भजन जय केदारनाथ महाकाल
मुंबई, 29 मई 20233 (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कन्हैया संग होली और मैया टाइम कद जैसे हिट भजन के बाद, गायक और संगीतकार चेतन कृष्ण मल्होत्रा एक और स्मैश हिट सिंगल, जय केदारनाथ महाकाल के साथ वापस आ गए हैं, इस भक्ति भरे भजन को 1.2 मिलियन हिट भी मिल चुके हैं।
शिव भक्ति से भरपूर भजन को चेतन कृष्ण मल्होत्रा ने गाया है, और इस भजन को केदारनाथ में वास्तविक भक्तों के बीच और सुंदर और रहस्यमयी बर्फ से ढके पवित्र…
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💦 रंग पंचमी - Rang Panchami
◉ चैत्र कृष्ण पंचमी: चैत्र के पाँचवे दिन मनाये जाने वाली होली के त्यौहार को रंग पंचमी कहा जाता है।
◉ ब्रज क्षेत्र में रंगपंचमी को पाँच दिवसीय होली पर्व के समापन का दिन माना जाता है।
◉ महाराष्ट्र में होली के बाद पंचमी के दिन मछुआरों की बस्ती मे यह उत्सव नाच, गाना और मस्ती के साथ मनाने की परंपरा है।
◉ जैसलमेर के मंदिर महल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ रंगों के खेलों की विशेष व्यवस्था भी की जाती है।
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✨ होली के भजन - Holi Bhajan
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भोले बाबा के टॉप होली भजन लिरिक्स | Shiv Parwati Holi Bhajan Lyrics
शिव-पार्वती होली भजन लिरिक्स
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पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को विदिशा और सांची विधानसभा के सलामतपुर और बेसर गांव में होली मिलन समारोह और रंग पंचमी में शामिल हुए। मंजीरा बजाकर किए भजन कीर्तन
भोपाल,
पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रंगपंचमी के अवसर पर विदिशा और सांची विधानसभा के सलामतपुर व बेसर गांव में आयोजित होली मिलन समारोह में शिरकत की। इस दौरान श्री चौहान ने देश व प्रदेशवासियों को रंगपंचमी की बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि, आनंद, उत्साह और रंगों का ये पावन पर्व सबके जीवन में सुख-समृध्दि, शांति और खुशहाली लाए। साथ ही पूर्व सीएम शिवराज ने आमजन के साथ जमीन पर…
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श्री रामानुज वैष्णव मंडल के भजन संध्या में बच्चों ने बांधी शमा
सतना श्री रामानुज वैष्णव मंडल द्वारा लवकुश गुप्ता पिता श्री दामोदर गुप्ता लखन चौक से डालीबाबा रोड टिकुरिया टोला में छंद छप्पै और भजन कीर्तन में बच्चों ने बांधी शमा अनंत नारायण वेंकटेश गुप्ता मिथलेश कुमारी मंगल हो… हर्षिता श्री निवास यतिराज ने जै जै श्री राधे महारानी …. प्रतिमा ज्योति रूपा ने गुरु कृपा हरी कृपा … कांची अम्बर ने राम आयेंगे आयेंगे.. मधुसूदन गुप्ता होली के गीतों से सबको भाव विभोर कर…
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