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#SatlokAshram
official-aryan · 3 months
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सुमिरन स्मरण करते समय मन, सुरति, निरति और श्वांस मन्त्र के जाप पर लगी रहे।
ऐसा स्मरण सफल होता है। मन कहीं गया है, श्वांस चल रहा है, माला हाथ में चल रही है, यह स्मरण सफल नहीं होता।
- जगतगुरु रामपाल जी महाराज
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rajdassalwarraj · 3 months
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मूर्ख संतो समझो और संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग सुनो और परमात्मा का ज्ञान पाकर परमात्मा से न दीक्षा लेकर मोक्ष प्रदान मोक्ष प्राप्ति करो
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satlokashram · 4 months
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कबीर, अभ्यागत आगम निरखि, आदर मान समेत। भोजन छाजन, बित यथा, सदा काल जो देत।। भावार्थ:- आपके घर पर कोई अतिथि आ जाए तो आदर के साथ भोजन तथा बिछावना अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार सदा समय देना चाहिए।
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hemlatapatelsworld · 5 months
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naveensarohasblog · 22 days
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youtube
ज़कात की अनसुनी दास्तान
पवित्र कुरान में लिखा है कबीर अल्लाह ही पूजा के योग्य हैं।
वह सर्व पापों को विनाश करने वाले हैं। उनकी पवित्र महिमा का गुणगान करो - सुरत-फुर्कानि 25:58
पवित्र कुरान प्रमाणित करती है अल्लाह कबीर साहेब ही हैं।
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत 52
कबीर ही पूर्ण प्रभु है तथा कबीर अल्लाह के लिए अडिग रहना।
अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़िए पाक पुस्तक 📚
“ मुसलमान नहीं समझे ज्ञान क़ुरान ”
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secretenemystrawberry · 3 months
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कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि -
एकै साधे सब सधै, सब साधै सब जाय।
माली सीचें मूल को, फलै फूलै अघाय।।
संत रामपाल जी महाराज, सर्वसुख व पूर्णमोक्ष दायक शास्त्रानुकूल भक्ति साधना (धार्मिक अनुष्ठान) करवाते हैं, जिसके करने से साधक पितर, भूत नहीं बनता अपितु पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है तथा जो पूर्वज गलत साधना करके पित्तर भूत बने हैं, उनका भी छुटकारा हो जाता है।
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cyberfunpaper · 16 days
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Is fasting against the scriptures? What does the Bhagavad Gita say about fasting?
To know visit Saint Rampalji Youtube channel
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satish1245 · 16 days
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Got relief from meat, alcohol and drugs. Om Prakash_ Najafgarh (DL)
#GodMorningSunday
#भूखेबच्चेदेख_मां_कैसे_खुश_हो
For more information visit
SA True Story on true events
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haridas · 18 days
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#भूखेबच्चेदेख_मां_कैसे_खुश_हो
अपने बच्चों को भूखे देखकर माँ दुखी होती है। इसलिए नवरात्रि के अवसर पर दुर्गा माँ को दुखी न करें। बल्कि दुर्गा माँ को खुश करने के लिए पढ़ें ज्ञान गंगा।
https://youtu.be/Ie88etTACaQ
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taapsee · 1 month
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#GodMorningMonday 25march2024 #राम_रंग_होरी_हो
जिस प्रकार भक्त प्रह्लाद ने भक्ति करके परमेश्वर को याद किया जिससे उसकी सदैव रक्षा हुई। तो क्यों ना हम भी उस परमेश्वर को सदा याद करें जिससे हमारी भी सदैव रक्षा हो।
Sant Rampal Ji Maharaj
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shantidasi · 1 month
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#इस्लाम_की_अनसुलझी_पहेली
हजरत मुहम्मद जी मांस नहीं खाते थे।
गरीब, नबी मुहम्मद नमस्कार है, राम रसूल कहाया।
एक लाख अस्सी कूं सौगंध, जिन नहीं करद चलाया।।
संत गरीबदास जी ने कहा है कि नबी मुहम्मद जी को मेरा नमस्कार (सलाम) है। वे (राम) अल्लाह के (रसूल) संदेशवाहक कहलाए। बाबा आदम से लेकर अंतिम नबी
हजरत मुहम्मद जी तक एक लाख अस्सी हजार नबी हुए हैं तथा जो उनके अनुयाई उस समय थे, कसम है उन्होंने छुरी चलाकर जीव हिंसा नहीं की।
Baakhabar Sant Rampal Ji
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official-aryan · 1 month
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एक राम
गरीब, एक राम कहते राम है, जिनके दिल हैं एक। बाहिर भीतर रमि रह्या, पूर्ण ब्रह्म अलेख।।
जिन साधकों का दिल परमात्मा में रम (लीन हो) गया, वे एक परमात्मा का नाम जाप करके राम हो जाते हैं यानि आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करके देव के समान पद प्राप्त कर लेते हैं यानि देवताओं जितनी आध्यात्मिक शक्ति वाले हो जाते हैं। परमात्मा शरीर के कमलों में तथा बाहर सब जगह विद्यमान है।
-बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी
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gaganpatel · 17 days
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#भूखेबच्चेदेख_मां_कैसे_खुश_हो
There is no interaction of keeping fast fast and sacrificing animals in the religious texts. If someone is doing them then it’s useless.
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satlokashram · 5 months
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प्रारब्ध कर्म:- प्रारब्ध कर्म वे कर्म हैं जो जीव को जीवन काल में भोगने होते हैं जो संचित कर्मों से औसत करके बनाए जाते हैं। उदाहरण के लिए यदि पाप कर्म एक हजार (1000) हैं और पुण्य कर्म पाँच सौ (500) हैं तो दोनों से औसत में लिए जाते हैं। प्रारब्ध कर्म यानि जीव का भाग संचित कर्मों से Average में लेकर बनाया जाता है। यदि 20-20 प्रतिशत लेकर प्रारब्ध बना तो पाप कर्म 50 और पुण्य कर्म 25 बने। इस प्रकार प्रारब्ध कर्म यानि जीव का भाग्य बनता है। इनको प्रारब्ध कर्म कहते हैं।
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hemlatapatelsworld · 26 days
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*✰वो अल्लाहु अखबर कौन हैं?✰*
जानने के लिए अवश्य देखिए *Al Kabir Islamic* YouTube Channel
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naveensarohasblog · 5 months
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झूठा प्रचार किया किसी मुरख ने, कबीर करें भंडारा।
दो रोटी का साधन न था, भेख जुड़ा अति भारा।।
खुल्या भंडारा गैबका, बिन चिटठी बिन नाम।
गरीबदास मुक्ता तुलैं, धन्य केशौ बलि जांव।।
अपरमपार पार गति तेरी, कित उतरी जल धारा।।
510 years ago, Lord Kabir had organized "Divine Dharma Yagya" for three days. In which more than 18 lakh sadhus, saints and people performed Mohan Bhandara. The same history is being recreated under the guidance of Bandichod Satguru Rampal Ji Maharaj. 'Divya Dharma Yagya Diwas' is being organized in 10 Satlok Ashrams from 26 to 28 November 2023 in the presence of Jagatguru Tatvadarshi Sant Rampal Ji Maharaj in which all of you are cordially invited.
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