सिख धर्म की पुस्तक भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रमाण है :—
‘‘साखी मदीने की चली‘‘ हिन्दी वाली के पृष्ठ 262 पर श्री नानक जी ने चार इमामों के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा है :
आखे नानक शाह सच्च, सुण हो चार इमाम।
मक्का है महादेव का, ब्राह्मण सन सुलतान॥
सतगुरू नानक देव जी ने चार इमामों से चर्चा करते हुए कहा कि जिस मक्का शहर में जो काबा (मंदिर) है जिसको आप अपना पवित्र स्थान मानते हो। वह महादेव (शिव जी) का मंदिर है। इसमें सब देवी—देवताओं की मूर्तियां थीं। उसकी स्थापना करने वाला सुल्तान (राजा) ब्राह्मण था। बाद में सब मूर्तियाँ उठा दी गई थी। नबी इब्राहिम व हजरत इस्माईल (अलैहि.) ने इसका पुनः निर्माण करवाया था।
🧩संत गरीबदास जी के बोध दिवस के उपलक्ष्य पर संत रामपाल जी महाराज जी के सभी सतलोक आश्रमों में तीन दिवसीय(19-21 मार्च 2024) नि:शुल्क भंडारा किया जाएगा। साथ ही दहेज मुक्त रमैणी अर्थात शादियां, रक्तदान शिविर का आयोजन, देहदान शिविर का आयोजन, एवं आध्यात्मिक प्रदर्शनी भी देखने को मिलेगी।
अल्लाहु अकबर बेचून नहीं, साकार है। 55 हदीसों में यह प्रमाण मिलता है कि बाबा आदम से लेकर हज़रत मूसा तक, इब्राहिम से लेकर हज़रत मुहम्मद तक वह कादर अल्लाह ही अल-खिद्र (खिज़) के रूप में आकर मिला। उसकी उम्र हमेशा एक समान रहती है। उसके हाथों में हड्डियां नहीं हैं | Lataif Al-Minan [1:84-98 ] में जिक्र है कि अल-खिद्र आज भी ज़िंदा है। इससे सिद्ध हुआ अल्लाह साकार है।
विश्व प्रसिद्ध संत रामपाल जी महाराज ही दुनिया में एक मात्र संत हैं जो पूरे विश्व को निःशुल्क भण्डारा ग्रहण करवा सकते हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या, उत्तरप्रदेश में देखने को मिल रहा है, जहां संत रामपाल जी महाराज द्वारा 25 फरवरी से 26 मार्च तक प्रतिदिन चौबीसों घंटे लाखों लोगों को निःशुल्क व ऐतिहासिक देसी घी से निर्मित भण्डारा करवाया जा रहा है।
पूजा और साधना में क्या अंतर होता है? जानने के लिए हिन्दू साहेबान ! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
On the Occasion of SANT RAMPAL JI MAHARAJ JI's BODH DIWAS, and Nirvan Diwas of Supreme God Kabir Sahib Ji
Huge Bhandara (Community Meal), Blood Donation Camp, Dowry Free Marriages, Khula paath will be Organized from 17th - 20th February 2024 under the Guidance of JagatGuru Tattvadarshi Sant Rampal Ji Maharaj in 10 Satlok Ashrams in which you all are cordially Invited.
Lord Kabir gave first initiation to Garibdas Ji and then took His soul to Satlok. He first, showed Garibdas Ji all the lokas in this Kaal’s place, then, took Him above and showed eternal Satlok.
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत 58:- व तवक्कल् अलल् हरिूल्लजी ला यमूतु व सब्बिह् बिहम्दिही व कफा बिही बिजुनूबि अिबादिही खबीरा(कबीरा)।58।
हजरत मुहम्मद जी जिसे अपना प्रभु मानते हैं वह कुरान ज्ञान दाता अल्लाह (प्रभु) किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि ऐ पैगम्बर उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था। वह कभी मरने वाला नहीं है अर्थात् वास्तव में अविनाशी है।