तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
अल्लाहु अकबर बेचून नहीं, साकार है। 55 हदीसों में यह प्रमाण मिलता है कि बाबा आदम से लेकर हज़रत मूसा तक, इब्राहिम से लेकर हज़रत मुहम्मद तक वह कादर अल्लाह ही अल-खिद्र (खिज़) के रूप में आकर मिला। उसकी उम्र हमेशा एक समान रहती है। उसके हाथों में हड्डियां नहीं हैं | Lataif Al-Minan [1:84-98 ] में जिक्र है कि अल-खिद्र आज भी ज़िंदा है। इससे सिद्ध हुआ अल्लाह साकार है।
Parmeshwar Kabir Sahib Ji ke pakad Divas ke uplaksh mein 4 June 2023 ko yah 626वां prakat Divas ki hardik shubhkamnaen aap sabhi bhakt atma aur sabhi Jagat premiyon ko Sadar Tak aamantrit is avsar per Parmatma ki Aseem kripa se Aaj yah hua hai
कृष्ण व काल ब्रह्म का भेद ना जानने के कारण आचार्य प्रशांत जी ने गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के माध्यम से कृष्ण को सर्वज्ञ, निराकार ब्रह्म एवं उत्पत्ति कर्ता कहा है।
जबकि सूक्ष्मवेद (कबीर वाणी) में वर्णित तत्त्वज्ञान के साथ साथ गीता, वेद, पुराण, कुरान आदि ग्रंथों से संत रामपाल जी ने प्रमाणित किया है कि गीता का ज्ञान वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया था। (प्रमाण - अध्याय 11 श्लोक 32 व श्लोक 47)
वहीं यह भी प्रमाणित किया है कि स्वयं गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म एवं उनका ब्रह्मलोक अविनाशी नहीं हैं अर्थात जन्म मृत्यु के अंतर्गत नाशवान हैं। वहीं काल ब्रह्म ने गीता के अनेक श्लोकों में अपने से अन्य सबका धारण पोषण करने वाले एक अविनाशी परमात्मा की महिमा की है। (प्रमाण - गीता अध्याय 10 श्लोक 2, अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5 व 9, अध्याय 8 श्लोक 16)
Episode : 23 | विशेष संदेश | ऐसे मिले धर्मदास जी को कबीर परमात्मा | Sant...
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परमात्मा कबीर साहेब पाप विनाशक हैं
यजुर्वेद अध्याय 8 मन्त्र 13 में कहा गया है कि परमात्मा पाप नष्ट कर सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेने व मर्यादा में रहने वाले भक्त के पाप नष्ट हो जाते हैं।
परमात्मा कबीर जी ने बताया है कि हे भोले मानव (स्त्री/पुरूष)! परमात्मा का नाम जाप कर तथा शुभ कर्म कर। पता नहीं कल यानि भविष्य में क्या दुर्घटना हो जाएगी। एक पल का भी ज्ञान नहीं है।