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#देवर
thebharatexpress · 1 year
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Devar Bhabhi Affair एक-दूसरे के इश्क में पागल थे देवर और भाभी, रिश्तों में दीवार बन रहे भैय्या को दे डाली खौफनाक मौत
Devar Bhabhi Affair : Bihar : बेगूसराय पुलिस ने 30 अप्रैल की रात हुई हत्या का खुलासा कर लिया है। हत्या में शामिल मृतक की पत्नी, छोटे भाई और भाई के दोस्त को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हत्याकांड की साजिश मृतक के छोटे भाई ने की थी। उसका अपनी ही भाभी से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे लेकिन रास्ते में आ रहे भाई को हटाने की साजिश देवर भाभी ने मिलकर रची थी। भाभी का आशिक…
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nayesubah · 2 years
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मुंगेर में देवर भाभी की गोली मारकर हत्या, इलाके में मचा हड़कंप
मुंगेर में देवर भाभी की गोली मारकर हत्या, इलाके में मचा हड़कंप
Bihar: मुंगेर जिले के नया रामनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत कन्तपुर गांव में देवर और भाभी की गोली मारकर हत्या करने का मामला सामने आया है दोनों घर में सोए हुए थे बेड के नीचे देवर की लाश और बेड पर भाभी की लाश मिली है दरअसल बुधवार की सुबह अपराधियों ने घर में घुसकर दोनों को मौत के घाट उतार दिया घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है, मृतक की पहचान मनीष कुमार और राशि के रूप में हुई है, राशि के पति मनोज…
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todaypostlive · 2 years
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तेज रफ्तार टेंपो ने बाईक को कुचला, बाइक सवार देवर-भाभी की मौत, परिजनो में कोहराम
तेज रफ्तार टेंपो ने बाईक को कुचला, बाइक सवार देवर-भाभी की मौत, परिजनो में कोहराम
बेगूसराय।  सड़क हादसे में तेज रफ्तार ने बाइक सवार दो लोगो की मौत हो गई। दुर्घटना रविवार की दोपहर एसएच-55 के बेगूसराय-रोसड़ा खंड स्थित कंकौल के पास पास हुई है। मृतको की पहचान गढ़पुरा थाना क्षेत्र के मैसना गांव निवासी रमेश कुमार एवं स्व. फुलेना यादव की पत्नी अनिता देवी के रूप में की गई है। दुर्घटना की सूचना पर पुलिस ने बाइक सहित टेंपो को जब्त कर लिया है। इसको लेकर परिजनो में कोहराम है। बताया जाता है…
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admusic · 1 month
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#video - देवर के दाल भात | Anu Dubey Holi Song | Astha Singh , Amrit Dub...
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new-haryanvi-ragni · 4 months
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मैं तेरी भाभी तूँ मेरा देवर, निम्भे नहीं तकरार जले - रणबीर बड़वासनीया - S...
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rudrjobdesk · 2 years
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उत्तराखंड: पेड़ से लटके मिले देवर-भाभी के शव, 4 जुलाई से थे दोनों लापता
उत्तराखंड: पेड़ से लटके मिले देवर-भाभी के शव, 4 जुलाई से थे दोनों लापता
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE Couple Highlights 26 वर्षीय ममता और 27 वर्षीय कुंवर चार जुलाई से लापता थे दोनों के शव बुधवार देर शाम गांव के पास जंगल में पेड़ पर लटके दिखे जंगल में लकड़ियां एकत्रित करने गई महिलाओं ने फंदे पर लटके शवों को देखा Uttarakhand News: उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र के प्राणमति गांव से लापता देवर-भाभी के शव तीन दिन बाद बृहस्पतिवार को जंगल में पेड़ पर…
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delhidreamboy · 5 months
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दोस्त की बीवी के साथ रात भर चुदाई
दोस्तो, सबसे पहले मैं अपना परिचय दे देता हूँ.
मेरा नाम समीर है मैं बहराइच शहर का रहने वाला हूँ. मैं पाँच फिट ग्यारह इंच लम्बा हूँ और मेरे बाल काफ़ी लम्बे हैं.
मैं अपने दोस्तों में सबसे ज्यादा स्मार्ट हूँ.
सेक्स मेरी कमज़ोरी है.
किसी भी लड़की को देखता हूँ तो अपने पर कंट्रोल नहीं कर पाता और मौक़ा मिलते ही मुठ मार लेता हूँ.
मैं अपने दोस्त जुनैद खान की शादी में ना जा सका था.
उस दिन किसी काम के सिलसिले में फंस गया था.
उसके बाद मैं अपने कामों में ऐसा फंसा कि क़रीब पाँच साल तक दोस्ती यारी सब भूल गया.
जब मैं काम से थोड़ा आजाद हुआ तो दोस्तों की याद आई.
मगर अब दोस्त भी सब अपने अपने कामों में लगे हुए थे.
फिर एक दिन अचानक से जुनैद से यहीं मार्केट में मुलाक़ात हुई.
उसके साथ उसकी बीवी भी थी.
हम दोनों दोस्त अपनी बातों में मस्त हो गया.
कुछ देर में मेरी नज़र जुनैद की बीवी पर पड़ी.
वह बड़ी मस्त माल थी. यह Xxx सेक्सी हिंदी कहानी उसी के साथ की है.
उसके 36 साइज़ के चूचे और 38 इंच की गांड एकदम आग बरपा रही थी.
मैंने भाभी से हैलो की और सॉरी बोलते हुए कहा- सॉरी भाभी, मैंने आप पर ध्यान ही नहीं दिया. हम दोनों दोस्त अपनी पुरानी यादों में मस्त हो गए, माफ़ी चाहता हूँ!
जुनैद की बीवी ने जवाब दिया- आपन�� मुझ पर ध्यान नहीं दिया, कोई बात नहीं. पर आप शादी में भी नहीं आए. जुनैद हमेशा आपकी बातें करते रहते थे. मैं भी आपसे मिलने को उतावली थी.
ये कहती हुई उसने मेरे हाथ को दबा दिया.
मैं समझ गया कि भाभी चालू माल है.
मैंने बात को खत्म करते हुए हंसते हुए कहा- अरे भाभी, यहीं सब बातें कर लेंगी या कभी घर भी बुलाएंगी.
फिर हमारी बातें ख़त्म हुईं.
भाभी ने जाते वक्त कहा- आपका घर है, जब चाहें आ जाएं. जुनैद तो रात को दो के बाद ही आते हैं. आपकी जब मर्ज़ी हो, आ जाइए.
मैं भाभी का इशारा समझ गया और वहां से निकलते हुआ बोला- ओके भाभी, आपसे जल्दी ही मिलता हूँ.
मैं वहां से निकल गया.
इस बात को दो दिन हो गए थे.
मैं घर पर आराम कर रहा था.
उसी वक्त व्हाट्सैप पर अनजान नम्बर से एक मैसेज आया ‘क्या कर रहे हो मेरी जान!’
मेरे दोस्त अक्सर मैसेज से मुझे परेशान करते रहते हैं तो मैंने इस मैसेज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि किसी दोस्त ने अनजान नंबर से मैसेज करके मुझसे शैतानी की होगी.
मैं उस मैसेज का बिना कोई जवाब दिए सो गया.
सुबह जब उठा तो देखा कि उसी नंबर से काफ़ी मैसेज आए हुए थे और दो मिस्ड कॉल भी थीं.
मैंने उसी नंबर पर कॉलबैक की, तो उधर से एक सुरीली सी आवाज़ आई- हैलो मिस्टर समीर, गुड मॉर्निंग. कैसी कटी आपकी रात!
मैंने भी बिना कुछ सोचे समझे सीधा बोल दिया कि अपनी भाभी के साथ सपने में कबड्डी खेलता रहा.
मेरी इस बात से उस तरफ से ज़ोर ज़ोर की हंसी के साथ आवाज आई- सही पहचाना, मैं ही हूँ आपकी कबड्डी खेलने वाली भाभी.
मैंने एकदम से अपने कहे पर खेद जताते हुए उनसे पूछा- सॉरी मेम, आप कौन?
‘मैं नादिया भाभी बोल रही हूँ.’
मैंने अब स्क्रीन पर उनका नंबर और ट्रू कॉलर पर आया हुआ नाम देखा.
फिर कहा- जी हां मुझे पता लग गया है. ट्रू कॉलरपर आपका नाम लिखा हुआ आया है. आप बताएं भाभीजान … सुबह सुबह अपने देवर को कैसे याद कर लिया?
वह बोली- सुबह सुबह तो छोड़िए, मैं तो सारी रात से आपको काफ़ी याद कर रही थी. कई मैसेज किये और दो बार कॉल भी किया, पर आपने फ़ोन ही नहीं उठाया. लगता है मुझसे नाराज़ हैं?
मैंने कहा- अरे भाभी जान, आपसे नाराज़ होकर कहां जाऊंगा. अपन तो दिल से ही आपके ही पास हैं.
वह हंसती हुई कहने लगी- काफ़ी अनुभव है आपको बात करने का … लगता है काफ़ी गर्लफ़्रेंड पटा रखी हैं.
मैं बोला- गर्लफ्रेंड तो नहीं, हां आप जैसी कुछ भाभियां हैं. जो समय समय पर अनुभव करवा देती हैं.
नादिया भाभी मेरी बात को क़ाटती हुई बोली- अच्छा वो सब छोड़ो … ये बताओ कि क्या आप मेरे घर आ सकते हैं?
मैंने कहा- कोई ज़रूरी काम हो, तो अभी आ जाऊं?
उधर से जवाब आया- अरे यार समीर … कल से जुनैद घर पर है नहीं. मैं अकेले बोर हो रही हूँ. आप आ जाएंगे तो आपसे जरा दिल बहला लूँगी.
मैं खुश होते हुए बोला- भाभी अभी तो सुबह हुई है, रात को आता हूँ.
उसने कहा- चलो मैं आपका इंतजार करूंगी.
कुछ देर और इधर उधर की बातचीत के बाद मैंने फ़ोन कट कर दिया.
अब मुझे और भाभी को रात का बेसब्री से इंतज़ार था कि कब रात हो और हम दोनों का मिलन हो.
मैं सोच रहा था कि बस कैसे भी करके नादिया भाभी को चोद लूं.
तो मैं नहाने गया तो झांटें साफ कर लीं.
रात होते ही मैंने मेडिकल से दो पैकेट कंडोम के ले लिए और भाभी के घर चला आया.
उनके घर पहुंचते ही मैंने दरवाजे की घंटी बजाई.
कुछ पल बाद दरवाज़ा खुला. दरवाजा खुलते ही मैं भाभी को देखता रह गया.
भाभी तो कहीं से शादीशुदा लग ही नहीं रही थी. उसने शॉर्ट्स और टॉप पहना था.
उसका रेड कलर का टॉप एकदम पारदर्शी था.
उस टॉप में से भाभी के दोनों चूचे और उन पर तने हुए गुलाबी निप्पल साफ़ दिख रहे थे.
उसने ब्रा नहीं पहनी थी.
सीन देख कर तो दिल कर रहा था कि अभी ही इसे पकड़ कर चोद दूँ. पर ऐसा करना ठीक नहीं होता है.
सेक्स का जो मज़ा आराम से करने में है, वह ज़बरदस्ती में नहीं है.
हालांकि मेरा मुँह खुला का खुला रह गया था.
भाभी ने इतराते हुए कहा- अन्दर आ जाओ, फिर इस खुल��� हुए मुँह का इलाज भी कर देती हूँ.
मैं झेंप गया.
अन्दर जाते ही मैंने अपनी पैंट एडजस्ट की क्योंकि मेरा लंड खड़ा हो गया था.
भाभी ने बैठने को कहा और बोली- क्या लोगे, चाय कॉफ़ी!
मैंने कहा- भाभी आप जो देंगी, प्यार से ले लूँगा. वैसे दूध मिल जाता तो और अच्छा होता.
भाभी मुस्कुराती हुई अपने दूध हिला कर बोलीं- ठीक है, मैं लाती हूँ.
वह किचन जाने के लिए मुड़ी ही थी कि मैंने हाथ बढ़ाया और भाभी को अपनी ओर खींच लिया.
हम दोनों बेड पर गिर गए.
भाभी ने कहा- अरे, ये क्या कर रहे हो देवर जी?
मैंने कहा- भाभी, मैं तो दूध ताज़ा वाला ही पीता हूँ.
ये कहते हुए मैंने भाभी का टॉप तेज़ी से खींचा और उसको बाहर निकाल फेंका.
मैं उसके दोनों रसभरे चूचों पर टूट पड़ा.
भाभी की 36 साइज़ की चूचियां मेरे हाथों में नहीं आ रही थीं.
नादिया भाभी को अपने नीचे दबा कर उसकी दोनों चूचियों को हाथ से पकड़ कर मसलने लगा और एक चूची के निप्पल को अपने होंठों में दबा कर खींच खींच कर चूसने लगा.
भाभी की मादक आहें और कराहें निकलना शुरू हो गईं.
मैंने क़रीब दस मिनट तक भाभी के दोनों चूचे चूसे … और चूस चूस लाल कर दिए.
अब हम दोनों का किस चालू हुआ.
मैं भाभी के पूरे बदन पर किस करता रहा.
वह आपे से बाहर हो रही थी.
किस करते करते मैं नीचे को सरकने लगा और भाभी की चूत पर आ गया.
भाभी की चूत शॉर्ट्स से ढकी हुई थी.
मैंने झटके से शॉर्ट्स को उतारा और चूत के अन्दर अपनी ज़ुबान डाल कर चूसने लगा.
अपनी चूत पर मेरी जुबान का अहसास पाते ही भाभी एकदम से सिहर उठी और छटपटाने लगी.
मैंने उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों से दबोचा और चूत को चाटना शुरू कर दिया.
भाभी की चिकनी चूत एकदम कचौड़ी सी फूली हुई थी और रस छोड़ रही थी.
उसकी चूत का नमकीन रस चाटने से मुझे नशा सा आ गया और मैं पूरी शिद्दत से उसकी चूत को चाटने में तब तक लगा रहा, जब तक चूत का पानी नहीं निकल गया.
मैं चूत का रस चाटने लगा और चाट चाट कर भाभी की चूत को वापस कांच सा चमका दिया.
अब वह एकदम से निढाल हो गई थी और तेज तेज सांसें भर रही थी.
कुछ देर के बाद मैं उसके चेहरे को चूमने लगा तो वह बोली- सच में बड़े जानवर हो तुम … तुमने मेरी चूत में से पानी निकाल कर इसमें दोगुनी आग लगा दी है.
मैंने कहा- नादिया मेरी जान … अभी फायर बिर्गेड वाला पाइप खड़ा है … कहो तो तत्काल पाइप घुसेड़ कर आग बुझा दूँ.
वह बोली- आग तो बुझवानी ही है, पर उसके पहले मुझे उस पाइप को प्यार करना है जो मेरी आग बुझाएगा.
मैंने कहा- हां हां कर लो प्यार!
ये कहते हुए मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लौड़े पर रख दिया.
उसने लंड मसलते हुए कहा- ये तो बड़ा अकड़ रहा है. इसे पहले मेरे मुँह में डालो … मैं इसकी अकड़ निकालती हूँ.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
नादिया भाभी ने मेरे लंड को बहुत प्यार से चूसा और उसे एकदम गर्म लोहे से तप्त सरिया बना दिया.
वह मेरे लौड़े को गले के आखिरी छोर तक लेकर चूस रही थी.
मैंने आह भरते हुए कहा- आह भाभी … मेरी जान और चूसो.
उधर भाभी भी दुबारा से गर्मा गई थी.
उससे रहा ना गया और वह बोली- समीर, मैं बहुत प्यासी हूँ. पहले मेरी चूत की प्यास मिटा दो. जुनैद के साथ कभी ऐसा मज़ा नहीं आया. वह तो मेरे ऊपर चढ़ता है और दो मिनट में झड़ कर सो जाता है. आज तक न तो उसने कभी मुझे ओरल सेक्स का सुख नहीं दिया.
मैंने कहा- अरे मेरी भाभी जान … अभी तो ये शुरुआत है. अगर आपको मुझसे चुदवाने में मज़ा ना आया, तो मेरा नाम भी समीर नहीं.
बस ये कह कर मैंने भाभी को अपनी तरफ़ खींचा और लंड पर कंडोम लगा कर अपने लंड को भाभी की मखमली चूत पर सैट कर दिया.
लौड़े को सैट करते ही मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा. मेरा लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया.
एकदम से लौड़े ने चूत को फाड़ा, तो भाभी की चीख निकल गई.
भाभी की आंख से आंसू निकल आए और वह चिल्लाने लगी- समीर, मेरी चूत फट गई है, प्लीज़ निकाल लो.
लेकिन मैंने भाभी की एक ना सुनी और दोबारा झटका मार कर अपने लंड को पूरा अन्दर तक डाल दिया.
फिर मैं थोड़ी देर रुक गया.
Xxx सेक्सी भाभी दर्द से चीखती रही और छटपटाती रही.
कुछ देर बाद जब भाभी के चेहरे पर थोड़ा बदलाव आया और वह अपनी गांड को थोड़ा थोड़ा हिलाने लगी, तो मैं समझ गया कि भाभी को मज़ा आने लगा है.
अब मैंने भाभी को और तेज़ी से चोदना चालू कर दिया.
भाभी का सुर बदल गया था और वह बार बार कह रही थी- समीर, और तेज चोदो … और तेज.
यही सब कहते हुए वह अपने सर को इधर से उधर पटक रही थी.
हम दोनों की चुदाई का यह सिलसिला क़रीब बीस मिनट तक चला.
उसके बाद वह झड़ गई और उसके झड़ते ही मैं भी कंडोम में निकल गया.
झड़ने के बाद काफी थकान हो गई थी तो हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.
आधा घंटा बाद उठे और वापस चुदाई चालू हो गई.
उस रात हम दोनों ने चार बार सेक्स किया.
यह सिलसिला अभी तक चल रहा है.
मैं आगे बताऊंगा कि भाभी की बहन को सेक्स की गोली खिला कर उसकी सील पैक चूत को कैसे चोदा.
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tachiha3 · 6 months
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My relationship with characters that no one asked for :-
Jasper (su) - My wife. I can fix her.
Aang (atla) - Husband dearest.
Zuko (atla) - My son. I gave birth to him.
Sasuke (naruto) - Brother in law. देवर.
The Golden Trio (hp) - My children. I raised them.
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naveensarohasblog · 2 years
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#कबीर_बड़ा_या_कृष्ण_Part94
“कबीर परमेश्वर द्वारा विभीषण तथा मंदोदरी को शरण में लेना”
परमेश्वर मुनिन्द्र जी अनल अर्थात् नल तथा अनील अर्थात् नील को शरण में लेने के उपरान्त श्री लंका में गए। वहाँ पर एक परम भक्त विचित्र चन्द्रविजय जी का सोलह सदस्यों का परिवार रहता था। वे भाट जाति में उत्पन्न पुण्यकर्मी प्राणी थे। परमेश्वर मुनिन्द्र(कविर्देव) जी का उपदेश सुन कर पूरे परिवार ने नाम दान प्राप्त किया। परम भक्त विचित्र चन्द्रविजय जी की पत्नी भक्तमति कर्मवती लंका के राजा रावण की रानी मन्दोदरी के पास नौकरी(सेवा) करती थी। रानी मंदोदरी को हँसी-मजाक अच्छे-मंदे चुटकुले सुना कर उसका मनोरंजन कराती थी। भक्त चन्द्रविजय, राजा रावण के पास दरबार में नौकरी (सेवा) करता था। राजा की बड़ाई के गाने सुना कर उसे प्रसन्न करता था। भक्त विचित्र चन्द्रविजय की पत्नी भक्तमति कर्मवती परमेश्वर से उपदेश प्राप्त करने के उपरान्त रानी मंदोदरी को प्रभु चर्चा जो सृष्टि रचना अपने सतगुरुदेव मुनिन्द्र जी से सुनी थी प्रतिदिन सुनाने लगी।
भक्तमति मंदोदरी रानी को अति आनन्द आने लगा। कई-कई घण्टो��� तक प्रभु की सत कथा को भक्तमति कर्मवती सुनाती रहती तथा मंदोदरी की आँखों से आँसू बहते रहते। एक दिन रानी मंदोदरी ने कर्मवती से पूछा आपने यह ज्ञान किससे सुना? आप तो बहुत अनाप-शनाप बातें किया करती थी। इतना बदलाव परमात्मा तुल्य संत बिना नहीं हो सकता। तब कर्मवती ने बताया कि हमने एक परम संत से अभी-अभी उपदेश लिया है। रानी मंदोदरी ने संत के दर्शन की अभिलाषा व्यक्त करते हुए कहा, आप के गुरु अब की बार आयें तो उन्हें हमारे घर बुला कर लाना। अपनी मालकिन का आदेश प्राप्त करके शीश झुकाकर सत्कार पूर्वक कहा कि जो आप की आज्ञा, आप की नौकरानी वही करेगी। मेरी एक विनती है, कहते हैं कि संत को आदेशपूर्वक नहीं बुलाना चाहिए। स्वयं जा कर दर्शन करना श्रेयकर होता है और जैसे आप की आज्ञा वैसा ही होगा। महारानी मंदोदरी ने कहा कि अब के आपके गुरुदेव जी आयें तो मुझे बताना मैं स्वयं उनके पास जाकर दर्शन करूंगी। परमेश्वर ने फिर श्री लंका में कृपा की। मंदोदरी रानी ने उपदेश प्राप्त किया। कुछ समय उपरान्त अपने प्रिय देवर भक्त विभीषण जी को उपदेश दिलाया। भक्तमति मंदोदरी उपदेश प्राप्त करके अहर्निश प्रभु स्मरण में लीन रहने लगी। अपने पति रावण को भी सतगुरु मुनिन्द्र जी से उपदेश प्राप्त करने की कई बार प्रार्थना की परन्तु रावण नहीं माना तथा कहा करता था कि मैंने परम शक्ति महेश्वर मृत्युंजय शिव जी की भक्ति की है। इसके तुल्य कोई शक्ति नहीं है। आपको किसी ने बहका लिया है।
कुछ ही समय उपरान्त वनवास प्राप्त श्री सीता जी का अपहरण करके रावण ने अपने नौ लखा बाग में कैद कर लिया। भक्तमति मंदोदरी के बार-बार प्रार्थना करने से भी रावण ने माता सीता जी को वापिस छोड़ कर आना स्वीकार नहीं किया। तब भक्तमति मंदोदरी जी ने अपने गुरुदेव मुनिन्द्र जी से कहा महाराज जी, मेरे पति ने किसी की औरत का अपहरण कर लिया है। मुझ से सहन नहीं हो रहा है। वह उसे वापिस छोड़ कर आना किसी कीमत पर भी स्वीकार नहीं कर रहा है। आप दया करो मेरे प्रभु। आज तक जीवन में मैंने ऐसा दुःख नहीं देखा था।
परमेश्वर मुनिन्द्र जी ने कहा कि बेटी मंदोदरी यह औरत कोई साधारण स्त्री नहीं है। श्री विष्णु जी को शापवश पृथ्वी पर आना पड़ा है, वे अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र रामचन्द्र नाम से जन्में हैं। इनको 14 वर्ष का वनवास प्राप्त है तथा लक्ष्मी जी स्वयं सीता रूप में इनकी पत्नी रूप में वनवास में श्री राम के साथ थी। उसे रावण एक साधु वेश बना कर धोखा देकर उठा लाया है। यह स्वयं लक्ष्मी ही सीता जी है। इसे शीघ्र वापिस करके क्षमा याचना करके अपने जीवन की भिक्षा याचना रावण करें तो इसी में इसका शुभ है।
भक्तमति मंदोदरी के अनेकों बार प्रार्थना करने से रावण नहीं माना तथा कहा कि वे दो मसखरे जंगल में घूमने वाले मेरा क्या बिगाड़ सकते हैं। मेरे पास अनीगनत सेना है। मेरे एक लाख पुत्र तथा सवा लाख नाती हैं। मेरे पुत्र मेघनाद ने स्वर्ग राज इन्द्र को पराजित कर उसकी पुत्री से विवाह कर रखा है। तेतीस करोड़ देवताओं को हमने कैद कर रखा है। तू मुझे उन दो बेसहारा बन में बिचर रहे बनवासियों को भगवान बता कर डराना चाहती है। इस स्त्री को वापिस नहीं करूँगा। मंदोदरी ने भक्ति मार्ग का ज्ञान जो अपने पूज्य गुरुदेव से सुना था, रावण को बहुत समझाया। विभीषण ने भी अपने बड़े भाई को समझाया। रावण ने अपने भाई विभीषण को पीटा तथा कहा कि तू ज्यादा श्री रामचन्द्र का पक्षपात कर रहा है, उसी के पास चला जा।
एक दिन भक्तमति मंदोदरी ने अपने पूज्य गुरुदेव से प्रार्थना की कि हे गुरुदेव मेरा सुहाग उजड़ रहा है। एक बार आप भी मेरे पति को समझा दो। यदि वह आप की बात को नहीं मानेगा तो मुझे विधवा होने का दुःख नहीं होगा।
अपनी बचन की बेटी मंदोदरी की प्रार्थना स्वीकार करके राजा रावण के दरबार के समक्ष खड़े होकर परमेश्वर मुनिन्द्र जी ने द्वारपालों से राजा रावण से मिलने की प्रार्थना की। द्वारपालों ने कहा ऋषि जी इस समय हमारे राजा जी अपना दरबार लगाए हुए हैं। इस समय अन्दर का संदेश बाहर आ सकता है, बाहर का संदेश अन्दर नहीं जा सकता। हम विवश हैं। तब पूर्ण प्रभु अंतध्र्यान हुए तथा राजा रावण के दरबार में प्रकट हो गए। रावण की ��ृष्टि ऋषि पर गई तो गरज कर पूछा कि इस ऋषि को मेरी आज्ञा बिना किसने अन्दर आने दिया है उन द्वारपालों को लाकर मेरे सामने कत्ल कर दो। तब परमेश्वर ने कहा राजन् आप के द्वारपालों ने स्पष्ट मना किया था। उन्हें पता नहीं कि मैं कैसे अन्दर आ गया। रावण ने पूछा कि तू अन्दर कैसे आया? तब पूर्ण प्रभु मुनिन्द्र वेश में अदृश होकर पुनर् प्रकट हो गए तथा कहा कि मैं ऐसे आ गया। रावण ने पूछा कि आने का कारण बताओ। तब प्रभु ने कहा कि आप योद्धा हो कर एक अबला का अपहरण कर लाए हो। यह आप की शान व शूरवीरता के विपरीत है। सीता कोई साधारण औरत नहीं है यह स्वयं लक्ष्मी जी का अवतार है। श्री रामचन्द्र जी जो इसके पति हैं वे स्वयं विष्णु हैं। इसे वापिस करके अपने जीवन की भिक्षा माँगो। इसी में आप का श्रेय है। इतना सुन कर तमोगुण (भगवान शिव) का उपासक रावण क्रोधित होकर नंगी तलवार लेकर सिंहासन से दहाड़ता हुआ कूदा तथा उस नादान प्राणी ने तलवार के अंधाधँुध सत्तर वार ऋषि जी को मारने के लिए किए। परमेश्वर मुनिन्द्र जी ने एक झाडू की सींक हाथ में पकड़ी हुई थी। उसको ढाल की तरह आगे कर दिया। रावण के सत्तर वार उस नाजुक सींक पर लगे। ऐसे आवाज हुई जैसे लोहे के खम्बे (पीलर) पर तलवार लग रही हो। सींक टस से मस नहीं हुई। रावण को पसीने आ गए। फिर भी अपने अहंकारवश नहीं माना। यह तो जान लिया कि यह कोई साधारण ऋषि नहीं है। रावण ने अभिमान वश कहा कि मैंने आप की एक भी बात नहीं सुननी, आप जा सकते हैं। परमेश्वर अंतध्र्यान हो गए तथा मंदोदरी को सर्व वृतान्त सुनाकर प्रस्थान किया। रानी मंदोदरी ने कहा गुरुदेव अब मुझे विधवा होने में कोई कष्ट नहीं होगा।
श्री रामचन्द्र व रावण का युद्ध हुआ। रावण का वध हुआ। जिस लंका के राज्य को रावण ने तमोगुण भगवान शिव की कठिन साधना करके, दस बार शीश न्यौछावर करके प्राप्त किया था। वह क्षणिक सुख भी रावण का चला गया तथा नरक का भागी हुआ। इसके विपरीत पूर्ण परमात्मा के सतनाम साधक विभीषण को बिना कठिन साधना किए पूर्ण प्रभु की सत्य साधना व कृपा से लंकादेश का राज्य भी प्राप्त हुआ। हजारों वर्षों तक विभीषण ने लंका का राज्य का सुख भोगा तथा प्रभु कृपा से राज्य में पूर्ण शान्ति रही। सभी राक्षस वृति के व्यक्ति विनाश को प्राप्त हो चुके थे। भक्तमति मंदोदरी तथा भक्त विभीषण तथा परम भक्त चन्द्रविजय जी के परिवार के पूरे सोलह सदस्य तथा अन्य जिन्होंने पूर्ण परमेश्वर का उपदेश प्राप्त करके आजीवन मर्यादावत् सतभक्ति की वे सर्व साधक यहाँ पृथ्वी पर भी सुखी रहे तथा अन्त समय में परमेश्वर के विमान में बैठ कर सतलोक (शाश्वतम् स्थानम्) में चले गए। इसीलिए पवित्र गीता अध्याय 7 मंत्र 12 से 15 में कहा है कि तीनों गुणों (रजगुण ब्रह्मा जी, सतगुण विष्णु जी, तमगुण शिव जी) की साधना से मिलने वाली क्षणिक सुविधाओं के द्वारा जिनका ज्ञान हरा जा चुका है, वे राक्षस स्वभाव वाले, मनुष्यों में नीच, दुष्कर्म करने वाले मूर्ख मुझ (काल-ब्रह्म) को भी नहीं भजते।
फिर गीता अध्याय 7 मंत्र 18 में गीता बोलने वाला (काल-ब्रह्म) प्रभु कह रहा है कि कोई एक उदार आत्मा मेरी (ब्रह्म की) ही साधना करता है क्योंकि उनको तत्त्वदर्शी संत नहंी मिला। वे भी नेक आत्माऐं मेरी (अनुत्तमाम्) अति अश्रेष्ठ (गतिम्) गति में आश्रित रह गए। वे भी पूर्ण मुक्त नहीं ��ैं। इसलिए पवित्र गीता अध्याय 18 मंत्र 62 में कहा है कि हे अर्जुन तू सर्व भाव से उस परमेश्वर (पूर्ण परमात्मा अर्थात् तत् ब्रह्म) की शरण में जा। उसकी कृपा से ही तू परम शान्ति तथा सतलोक अर्थात् सनातन परम धाम को प्राप्त होगा।
इसलिए पुण्यात्माओं से निवेदन है कि आज इस दासन् के भी दास (रामपाल दास) के पास पूर्ण परमात्मा प्राप्ति की वास्तविक विधि प्राप्त है। निःशुल्क उपदेश लेकर लाभ उठाऐं।
प्रश्नः- धर्मदास जी ने प्रश्न किया हे प्रभु कुछ श्रद्धालु श्री हनुमान जी की पूजा करते हैं। यह शास्त्रविरूद्ध है या अनुकूल।
उत्तरः- कबीर देव ने कहा हे धर्मदास! अर्जुन को काल ब्रह्म ने श्रीमदभगवत् गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 में कहा है कि हे अर्जुन! जो व्यक्ति शास्त्रविधि को त्याग कर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण (पूजा) करता है। वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न परमगति को न सुख को ही (गीता अ16/मं.23) इस से तेरे लिए कर्तव्य अर्थात् करने योग्य भक्ति कर्म तथा अकत्र्तव्य अर्थात् न करने योग्य जो त्यागने योग्य कर्म हैं उनकी व्यवस्था में शास्त्र में लिखा उल्लेख ही प्रमाण है। ऐसा जानकर तू शास्त्रविधि से नियत भक्ति कर्म अर्थात् साधना ही करने योग्य है। (गीता अ.16/ श्लोक 24) हे धर्मदास जी! गीता अध्याय 7 श्लोक 12 से 15 व 20 से 23 तथा गीता अध्याय 9 श्लोक 20 से 23 तथा 25 में गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म ने तीनों देवताओं (रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव) की पूजा करना भी व्यर्थ कहा है, भूतों की पूजा, पितरों की पूजा व अन्य सर्व देवताओं की पूजा को भी अविधिपूर्वक (शास्त्रविधि विरूद्ध) बताया है। हनुमान तो रामभक्त थे। वे स्वयं भी भक्ति करते थे तथा अन्य को भी राम की भक्ति करने को ही कहते थे। यदि कोई भक्त दूसरे भक्त की पूजा करता है। वह शास्त्रविधि विरूद्ध होने से व्यर्थ है। त्रेता युग में मैंने हनुमान को भी शरण में लिया था।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
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adultmovieinfo · 2 years
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Bhabhi Devar Romance When Husbund is not Home | भाभी देवर रोमांस कर रहे ...
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thebharatexpress · 1 year
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अपने ही पति की मां बनी महिला! शौहर ने दिया तलाक फिर ससुर से निकाह…फिर देवर से रिश्ता..,सुनें महिला की कहानी
अपने ही पति की मां बनी महिला ! नई दिल्ली : सोशल मीडिया पर फिर से एक पुराना वीडियो फिर से वायरल हो गया है। इसमें एक महिला निकाह के नाम पर अपने साथ हुई हैवानियत बता रही है, जिसे सुनकर आप सन्न रह जाएंगे। 2.13 मिनट के वीडियो को इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने शेयर किया है। इस वीडियो में महिला कहती है, ‘पहले मैं अपने शौहर के साथ निकाह होकर गई। उसके बाद मुझे तलाक दिया गया। फिर मेरे ससुर ने मुझसे…
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nayesubah · 2 years
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पत्नी ने देवर के प्यार में कराई पति की हत्या, पत्नी समेत तीन गिरफ्तार
पत्नी ने देवर के प्यार में कराई पति की हत्या, पत्नी समेत तीन गिरफ्तार
Bihar: किशनगंज जिले में एक पत्नी ने देवर की प्यार में अपने पति की हत्या करवा दी इसके लिए उसने एक लाख देकर शूटर्स हायर किया था वह पति से उसको लोकेशन पूछ कर शूटर्स को बताती रही और इसी लोकेशन के जरिए शूटर्स ने उसके पति को गोली मार दी, गोली लगने के बाद शूटर्स उसे वहीं छोड़ भाग निकले जिसके बाद युवक ने अपनी पत्नी को फोन कर बताया कि उसे गोली लगी है वह जल्दी आ जाए, पत्नी ने फिर शूटर्स को फोन किया और कहा…
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todaypostlive · 2 years
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देवर ने भाभी को जहर खिलाया और फिर मरने के पहले अंतिम संस्कार का किया प्रयास, परिजनों द्वारा इलाज के लिए ले जाने के दौरान हुई मौत
देवर ने भाभी को जहर खिलाया और फिर मरने के पहले अंतिम संस्कार का किया प्रयास, परिजनों द्वारा इलाज के लिए ले जाने के दौरान हुई मौत
बेगूसराय।  जमीन हड़पने की नियत से देवर द्वारा अपने परिजनो के संग मिलकर अपनी भाभी को जहर खिलाने के बाद मरने से पहले उसका अंतिम संस्कार करने के प्रयास का एक सनसनी खेज मामला सामने आया है। हलांकि अंतिम संस्कार के पहले मायके वालो के पहुंचने के कारण दाह संस्कार का प्रयास विफल हो गया। लेकिन इलाज के लिए ले जाते समय महिला ने दम तोड़ दिया। घटना खोदाबंदपुर थाना क्षेत्र के मटिहानी गांव की है। मृतका की पहचान…
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n7india · 10 days
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टिकट की दौड़ में भाभी ने देवर को पीछे छोड़ा, कांग्रेस ने धनबाद में विधायक की पत्नी को बनाया सांसद कैंडिडेट
Dhanbad : कांग्रेस ने झारखंड की धनबाद सीट पर ऐसे चेहरे को मैदान में उतारा है, जिनका अब तक सीधे तौर पर सक्रिय राजनीति से ताल्लुक नहीं रहा। नाम है- अनुपमा सिंह। उनकी सबसे बड़ी पहचान यह है कि उनके पति जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह बोकारो जिले की बेरमो सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस सीट पर टिकट की दौड़ में कई दिग्गजों के अलावा अनुपमा के देवर और युवा कांग्रेस के नेता कुमार गौरव…
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rightnewshindi · 1 month
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देवर ने भाभी को गिफ्ट में दिया देसी कट्टा, सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो; पुलिस ने किया गिरफ्तार
देवर ने भाभी को गिफ्ट में दिया देसी कट्टा, सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो; पुलिस ने किया गिरफ्तार
Madhya Pradesh News: शादी-ब्याह हर घर में रौनक ले आता है. जब घर में नई बहु आती है तो घर के सारे सदस्य उत्साहित रहते हैं. खासकर देवर तो अपनी भाभी को देखकर अति-उत्साहित हो जाते हैं. ये अति उत्साह बुंदेलखंड के एक शख्स को ले डूबा. शख्स ने अपनी नई भाभी को तोहफे में ऐसी चीज दी, जिसे देखने के बाद पुलिस शख्स को उठाकर ले गई. अब शख्स जेल की हवा खा रहा है. घटना बुंदेलखंड के छतरपुर जिले के सिविल लाइन की…
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rudrjobdesk · 2 years
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फतेहपुर: भाभी के साथ अवैध संबंधों में बुजुर्ग मां बन रही थी रोड़ा, छोटे बेटे ने लाठियों से पीट-पीटकर ले ली जान
फतेहपुर: भाभी के साथ अवैध संबंधों में बुजुर्ग मां बन रही थी रोड़ा, छोटे बेटे ने लाठियों से पीट-पीटकर ले ली जान
फतेहपुर. उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाली एक बड़ी वारदात सामने आई है. खबर है कि यहां भाभी के साथ अवैध संबंध का विरोध करने पर छोटे बेटे ने अपनी बुजुर्ग मां की पीट-पीटकर हत्या कर दी. इस जघन्य वारदात को अंजाम देने में उसकी भाभी ने साथ दिया. हत्या के बाद ये दोनों शव को ठिकाने लगाने के प्रयास में थे, तभी भनक मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बेटे तथा भाभी को हिरासत में ले…
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