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#गरीब की कहानियाँ
ajabkahaniyatv · 1 year
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deepjams4 · 19 days
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बाइस्कोप!
आओ बच्चो…………आओ बाइस्कोप दिखाऊँ
तुम्हें बचपन की कहानियों में छुपे र���स्य बताऊँ
ये छोटी सी ताकी बड़ी बड़ी कहानियाँ दिखलाए
मनोरंजन ही नहीं जीवन से परिचय भी करवाए!
इन कहानियों का…………मैं तो बस सूत्रधार हूँ
देस-परदेस की कहानियाँ बताने को बेक़रार हूँ
आज की कहानी के
टिकट का दाम है ……बस चार आना …….चार आना….
चार आना……हो सके तो लाना…..न हो तब भी आना….
रोकूँगा नहीं….बाइस्कोप के मज़े उठाने...भाग के आना….
भाग के आना…..भाग के आना….
आओ बैठो ताकी का ढक्कन हटाओ
बस अपनी आँख……ताकी में गढ़ाओ
और अब…….मेरी ही बात सुनते जाओ
बाइस्कोप देखो…...और मज़ा उठाओ
इस कहानी में एक देश में राज-काल है
जिसकी जनता का बड़ा ही बुरा हाल है
पनपता हुआ पूँजीवाद है….अधर में लटकता समाजवाद है
जेबें ख़ाली लिए खोखली….लाल रंगी वामपन्थी आवाज़ है
भौतिकवाद…..यथार्थवाद…..भक्तिवाद..….. दार्शनिकवाद
सब के सब ही बेहाल हैं वहाँ..…निरर्थक बना आदर्शवाद है
भोली प्रजा को भरमाते………धर्माधिकारियों की भरमार है
आशाएँ खोजती प्रजा पर……….....निराशा का दुष्प्रभाव है
पूँजीवादी हर तरफ़ फिरता है ख़ुशहाली की ढींगे हाँकता
वामपंथी ग़रीबी लाचारी बर्बादी की बस चीखें ही मारता
अस्तित्व खो चुका समाजवादी है अपने अवसर तलाशता
प्रजा हुई गरीब ….और बेईमान सेठ हुआ अमीर
हर चीज़ हड़पकर कहे….ये बस है उसका नसीब
स्वाँग रचे है राजा……मगर लूट में है पूरा शरीक
एक वज़ीर है……..वो राजा के बड़ा ही करीब है
मगर बंदा दिखता बड़ा ही अजीब-ओ-गरीब है
राजपाठ चलाने को……..वज़ीर ही ज़िम्मेदार है
धनवानों से उसका रिश्ता बड़ा ही बाकमाल है
हिस्सा है उसका भी जितना सेठ लूटता माल है
राजकोष का तो उसने किया पूरा ही बंटाधार है
हाँ फ़ौज का मुखिया…घुड़सवार सिपहसलार है
जनता पे ज़ुल्म ढानेवालों का वो बना सरदार है
लूट का धन बटोरकर….वो भी बना मालामाल है
ज़ुल्मियों से डरे जनता…भविष्य बना अंधकार है
कुछ बोले बिना चुपचाप सहे….जनता लाचार है
सत्ता की सबके सिरों पे…जो लटकती तलवार है
देखो धर्माचार्य बनके कैसे धोखा करे पाखंड रचे
नाम भुनाए लूट मचाए…भगवान को बदनाम करे
डरे हुए लोगों पर…लेकर नाम प्रभु का प्रपंच रचे
यहाँ चापलूसों की चापलूसी ही राजा का प्राश् है
चरमराती व्यवस्था में….. मूल्यों का हुआ ह्रास है
प्रशासन की बैंड बज गई न्याय प्रणाली हताश है
झूठी खबरें फैलाने वाले तंत्र से….प्रजा निराश है
जातिगत समीकरणों की च��ेट में आया समाज है
धर्मों में आपसी लड़ाइयों का पनप रहा पिशाच है
चारों तरफ़ दिखाई देता बस विनाश ही विनाश है
मगर प्रजा की व्यथा का सत्ता को कहाँ आभास है
बच्चो ये तो बस कहानी है…तुम नन्हे फूलों को चेतानी है
सूत्रधार ने यही बात तुम्हें……..बस फिर याद दिलानी है
कभी भूला बिसरा ही न देना…..तुम आपसी सौहार्द कहीं
चापलूसों की चालों से……तुम सतर्क रहना हर पल सभी
याद होगी बूढ़े किसान और उसके झगड़ते बेटों की कहानी
सुनाई थी न तुम्हें… जो गट्ठर में बँधी लकड़ियों की ज़ुबानी
मौक़ापरस्त बहुत हैं यहाँ तुम उनकी बातों में कभी न बहना
गट्ठर में बँधी लकड़ियों की तरह ही मज़बूती से इकट्ठे रहना
प्रलोभनों से विचलित न होना दुख सुख सब मिलके सहना
याद रहे ये देश है तुम्हारा इसका नाता तुमसे सदा है रहना
गरीब जनता की आवाज़ बनके उनके हक़ की बातें कहना
चाहे संघर्ष जीवन में आयें कितने भी उन्हें बस हँसके सहना!
बस खेल ख़त्म हुआ अब…. आँख ताकी से हटाओ
अपनी अपनी ताकी का ढक्कन…..वापिस लगाओ
तुम जाओ खेलो कूदो भागो दौड़ो और मौज मनाओ
बाइस्कोप लेकर मैं सूत्रधार अब यहाँ से जाता हूँ
इंतज़ार करना मेरा……
जब तक खोजकर एक नयी कहानी सुनाने लाता हूँ!
©deepjams4- some_wandering_thoughts
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lalit5kjyotishi · 1 year
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इंसानी अर्थ व्यवस्था
(नमस्कार दोस्तों बहुत दिनों बाद मै अपनी एक रचना प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। आशा है आपको समझ आयेगी. )
ये दुनिया एक बाजार है
चन्द किताबों का ?
यहाँ धोखेबाजों के शब��द बिकते है
शातिर लोग कहानियाँ लिखते हैं
और अमीरों की बातें बिकती हैं
ये दुनिया एक शहरी बाजार है
बड़े कथाकथित लोगों का
और कथाकथित बाजार में
यहाँ छोटे लोग तो
अपनी इज्जत जान ओ ईमान बेचते हैं
मकान की तो बात छोड़ो
गरीब तो घर भी बेचते हैं
जी हाँ
जनाब
बात
बड़ी कड़वी है
किंतु सच्ची है।
शहरी बाजार में
यहाँ मजबूर औरतें जिस्म बेचती है
बच्चे बनते है बंधुआ मजदूर
और तह तक जाऊँ
मजबूर बाप खून और किडनी
बेचता है
ये दुनिया एक बाजार है चन्द
किताबों का !
ये दुनिया एक शहर है चन्द
बड़े लोगो का !
ये दुनिया एक शहरी बाजार है
चन्द पैसों का !
यहाँ बस मजबूरी है गुनहगार बनने की
यहाँ राजनिति करो
जुबान बेचो
सामान बेचो
कुछ नही है
तो खुद को बेचो
और आगे क्या कहूँ
और चन्द खरीददार तो
खुदा को भी खरीद लेते है
क्योंकि
किताबों और तस्वीरों में तो
यहाँ खुदा खुद बिकता है
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gyanibabanet · 1 year
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Top 10 Moral Stories in Hindi  | Best Moral Stories in Hindi For Kids | Moral Stories in Hindi
बचपन से हम सभी कहानियाँ सुनते हुए बड़े हुए हैं।  उन्ही कहानियों में से कुछ कहानियाँ ऐसी है जो हमें बहुत कुछ सीखा जाती हैं। ये कहानियाँ आपने शायद बचपन में अपनी दादी, नानी, से सुनी होगी या फिर अपनी किताबों में पढ़ी होगी। तो चलिए जानते हैं Top 10 moral stories in Hindi। 
1. प्यासा कौआ - ये कहानी एक प्यासे कौए की हैं। एक बार जब वो कौआ पानी की तलाश में इधर उधर भटक रहा था तो उसे एक घड़े में पानी दिखाई दिया जो बहुत नीचे था । इस कहानी में आप जानते है कैसे वो कौआ मेहनत करके अपनी प्यास बुझाता हैं। 
2. सोने का अण्डा -ये एक गरीब किसान की कहानी है।  वो एक दिन जब अपने खेत से वापस आ रहा था तो उसे एक सोने का अण्डा देने वाली घायल मुर्गी दिखती हैं जिसकी वो जान बचाता हैं। इस कहानी में आप देखते है कैसे किसान अपने लालच की वजह से उस सोने के अंडे देने वाली मुर्गी और सोने के अंडे दोनों से हाथ धो बैठता हैं। 
3. अंगूर खट्टे हैं -इस कहानी में एक लालची लोमड़ी शिकार की तलाश में जंगल में घूम रही थी। वहांं उसे एक पेड़ पर अंगूर दिखाई  देते है। लोमड़ी बहुत कोशिश करती है पर अंगूर उसके हाथ नहीं लगते। अंत में लोमड़ी अपनी हर छुपाने के लिए अंगूरों का ही दोष मानकर वहां से चली ��ाती है। 
4. दो बिल्लियाँ और बंदर - एक बार दो बिल्लियाँ एक रोटी के बंटवारे को लेकर झगड़ पड़ती हैं। उनके झगडे का फायदा उठाकर एक बन्दर उनसे वो रोटी हड़प लेता हैं। दो के बीच की झगडे का फायदा कोई तीसरा व्यक्ति उठा ले जाता हैं। 
5. कछुआ और खरगोश - एक कछुआ और खरगोश, दोनों दोस्त हुआ करते थे।  एक दिन दोनों ने रेस की शर्त लगा ली। खरगोश जिसे अपनी तेज गति पर बहुत घमंड था, पर वो एक धीमे-धीमे चलने वाले एक मेहनती कछुए से हार जाता हैं और उसका घमंड चूर चूर हो जाता हैं। 
6. एकता में बल - इस कहानी में एक बूढ़े किसान के चार बैठे थे।  वे सभी मेहनती और ईमानदार थे पर चारों की आपस में नहीं बनती थी। तब वह किसान अपनी बुद्धि लगाकर अपने बेटों को एकता की शक्ति का एहसास करवाता हैं। 
7. चिड़ियाँ की कहानी - ये कहानी एक नन्ही सी चिड़िया और उसके साहस और हौसलें की है। एक जंगल में सभी जानवर मिलजुल कर रहते थे। उन्ही में से एक चिड़ियाँ भी थी। जब उस जंगल में आग लग जाती है तो सभी जानवर जंगल से भागने लगते है। पर वो चिड़िया तालाब से अपनी चोंच में पानी भरकर आग बुझाने का प्रयास करती हैं। 
8. एकता में शक्ति - ये कहानी भी एकता की शक्ति की कहानी हैं।  इस कहानी में कबूतरों का एक झुंड एक शिकारी के जाल में फंस जाता हैं। उसके बाद वो कैसे एक साथ काम करते हुए उस शिकारी के जाल से से आजाद होते हैं, यही आगे की कहानी में बताया गया हैं। 
9. चिड़ियाँ का घोंसला - ये कहानी एक पिंकी नाम की चिड़ियाँ की है जो बड़े जतन से कई दिनों तक मेहनत करके अपना घोंसला बनाती हैं। पर जब उसका घोंसला टूट जाता है तो दुखी होकर अपना समय व्यर्थ करने के बजाय वापस नया घोंसला बनाने में जुट जाती हैं। 
10. मोटा मुर्गा - एक किसान के पास दो बैल और एक मुर्गा था। बैलों को लगता था की उनका मालिक मुर्गे की ज्यादा देखभाल करता था और उनकी ओर ज्यादा ध्यान नहीं देता था। लेकिन कहानी के अंत में जब उन्हें पता चलता है की क्यों उनका मालिक मुर्गे को खूब खाने को देता था तो वो उन्हें जो कुछ भी मिलता था वे उसी से संतुष्ट रहने लगे। 
दोस्तो हम उम्मीद करते है अप्पकोये Top 10 Moral Stories In Hindi पसंद आएगी। इन कहानियों को पढ़े और अपने परिवार वालो को भी पढायें।
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likhne-ki-aadat · 4 years
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आज आपको इस औरत की तस्वीर देखकर कैसा महसूस हो रहा है। क्या इसे देखकर आपके मन में WOMEN empowerment जैसे शब्द याद आते हैं या फिर गरीबी जैसे रोग से पीड़ित एक बेबस औरत याद आती है! जो कि इन विकट परिस्थितियों में भी अपने घर जाना चाहती है....।आज बॉलिवुड की फैमिनज़म के नाम पर राजनीति करने वाली वो अभिनेत्रियाँ कहाँ है... जो किसी नामी गामी हस्ती के साथ होने वाले छोटे से हादसे को बडे़- बड़े बोल बोलकर ब्रेकिंग न्यूज बना दिया करती हैं आज वो तमाम लोग कहाँ गायब है... वो लोग आज सोशल मीडिया पर हाथ को किस तरह धोया जाए इस तरह की विडियो बना कर समाज में अपनी जिम्मेदारी पूरी करने का सबूत देने में मसरूफ हैं। और दुख की बात तो ये है कि हम लोग इस तरह की विडियो को वायरल भी करते हैं मै ये नहीं कहती कि लोगों को जागरूक करना गलत है मगर लोगों में वर्ग के आधार पर उनके हुकूक की बात में भेद करना... अपनी ही कही बातों का एक गंदा मजाक बनाना है... ये कैसा दोगलापन है हमारे समाज का जिसमें सच्चाई से वाकिफ होने के बावजूद हम जानबूझकर इस दोगलेपन को बढ़ावा दे रहे हैं....ये जो औरतें अपने अपने गांव अपने घरों को छोड़कर... इन बडे़ शहरो में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करने आई थी... इनके भी कुछ सपने होगें और वो सपने हैं दो वक़्त की रोटी और अपना एक सुखी संसार... इनके सपने बहुत बडे़ तो नहीं मगर हांँ जिंदा रहने के लिए जरूरी बेशक हैं और आज हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जहाँ हम अपने देश के सभी लोगों को जैसे कि - किसान से लेकर क्रिकेट के कप्तान तक! यह रिक्शा वाले से लेकर पैसे वाले तक। नौकर से लेकर मालिक तक। कर्जदार से लेकर देनदार तक। मजदूर से ले��र साहब तक और ठेले वाले से लेकर ज़मींदार तक...इन सब लोगों को समाज के हर वर्ग के इंसान को हम ये भरोसा दिलाने में नाकाम रहे हैं कि हम सब इंसान हैं और एक दूसरे के प्रति संवेदना प्रकट करना हमारा फर्ज है... मगर आज हम एक अच्छे और न्यायपूर्ण समाज को विकसित करने में नाकाम रहे हैं। क्योंकि हमने कभी सोचा ही नहीं कि हमें एक ऐसा समाज बनाना है जंहा का गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम हो... जंहा पर उन्हें सामाजिक भेदभाव न सहन करना पड़े... जंहा हर व्यक्ति खुद को वाक्य में स्वतंत्र महसूस करे और जिंदगी में कभी खुद को अकेला ना समझे... आज हम सबने सिर्फ अपने बारे में सोचना शुरू कर दिया है और जिंदगी की रफ्तार भरी इस भीड़ में हम अपनी इंसानियत को कहीं बहुत पीछे छोड़ आए हैं....इस तस्वीर में एक बार फिर उस औरत को देखिए और उसकी बेबसी और दर्द को महसूस किजीए कि वो किस तरह अपने उस छोटे बच्चे को लिए चले जा रही है... उस बच्चे को देखिए जिसके नन्हे कदम इस तप्ती धूप में अब और चलने की हिम्मत हार चुके और जिसके होसले पस्त हो चुके हैं.... उस वक़्त उस माँ के साहस को देखिए जो उसे अपनी बुद्धि से बच्चे को सूटकेस पर लादे अपने साथ घसीट रही है हैप्पी मदर्स डे बोलकर माँ के लिए तोहफे खरीदने वाले और सोशल मीडिया पर माँ के साथ फोटो पोस्ट करके कैप्शन में लम्बी लम्बी कहानियाँ लिखने वाले लोगों इस मांँ की ममता को भी देखो और महसूस करो उसके दर्द को की वो अपने बच्चे को इस हालत में देखकर कितना रोई होगी... मगर इस गरीबी के सित्म में वो मजबूर कुछ कर ना सकी इन सबके लिए महज़ सरकार जिम्मेदार नहीं है हम... उसमे हम भी भागीदार है.. आज हम हैं तो समाज है और अपने समाज को एक बेहतर जगह बनाने में हम सबके सहयोग की जरूरत है... तो आईये मिलकर कुछ बदलाव लाए सबको एक साथ लाए... हंसी खुशी सब मिलकर इस दुनिया को सुंदर बनाए। अपनी जिम्मेदारियों को पहचाने हर बार हर बात को सिर्फ सरकार पर ना टाले क्योंकि ह से हम हैं तो समाज है और ह से हिंदुस्तान हैं।
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jojokidshindirhymes · 2 years
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Watch गरीब की कावड़ यात्रा - Garib Poor's Kawad Yatra Story in Hindi | Hindi Fairy Tales | Hindi Stories | Kahani | Fairy Tales in Hindi | Story in Hindi | Fairy Tales | Story | 4K UHD | हिंदी कहानियाँ | Hindi Kahaniya | Hindi Moral Stories | Stories In Hindi | Hindi Kahaniya | Popular Hindi Stories | Hindi Fairy Tales. #hindifairytales #hindistories #hindikahaniya #storiesinhindi #3danimated #funnycomedy #comedyvideo #funnyvideo #hindicomedy #funnystories #comedystories For More Videos & Updates, Subscribe to us - https://goo.gl/th7f6P Share Videos And Follow Us Here : Blogger: https://ift.tt/3qJPN9a Twitter: https://twitter.com/magictvhindi FB page: https://ift.tt/Ng45c3O Instagram: https://ift.tt/u79VIqN
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likhne-ki-aadat · 4 years
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गरीबी एक रोग हैं
आज आपको इस औरत की तस्वीर देखकर कैसा महसूस हो रहा है। क्या इसे देखकर आपके मन में WOMEN empowerment जैसे शब्द याद आते हैं या फिर गरीबी जैसे रोग से पीड़ित एक बेबस औरत याद आती है! जो कि इन विकट परिस्थितियों में भी अपने घर जाना चाहती है....।आज बॉलिवुड की फैमिनज़म के नाम पर राजनीति करने वाली वो अभिनेत्रियाँ कहाँ है... जो किसी नामी गामी हस्ती के साथ होने वाले छोटे से हादसे को बडे़- बड़े बोल बोलकर ब्रेकिंग न्यूज बना दिया करती हैं आज वो तमाम लोग कहाँ गायब है... वो लोग आज सोशल मीडिया पर हाथ को किस तरह धोया जाए इस तरह की विडियो बना कर समाज में अपनी जिम्मेदारी पूरी करने का सबूत देने में मसरूफ हैं। और दुख की बात तो ये है कि हम लोग इस तरह की विडियो को वायरल भी करते हैं मै ये नहीं कहती कि लोगों को जागरूक करना गलत है मगर लोगों में वर्ग के आधार पर उनके हुकूक की बात में भेद करना... अपनी ही कही बातों का एक गंदा मजाक बनाना है... ये कैसा दोगलापन है हमारे समाज का जिसमें सच्चाई से वाकिफ होने के बावजूद हम जानबूझकर इस दोगलेपन को बढ़ावा दे रहे हैं....ये जो औरतें अपने अपने गांव अपने घरों को छोड़कर... इन बडे़ शहरो में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करने आई थी... इनके भी कुछ सपने होगें और वो सपने हैं दो वक़्त की रोटी और अपना एक सुखी संसार... इनके सपने बहुत बडे़ तो नहीं मगर हांँ जिंदा रहने के लिए जरूरी बेशक हैं और आज हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जहाँ हम अपने देश के सभी लोगों को जैसे कि - किसान से लेकर क्रिकेट के कप्तान तक! यह रिक्शा वाले से लेकर पैसे वाले तक। नौकर से लेकर मालिक तक। कर्जदार से लेकर देनदार तक। मजदूर से लेकर साहब तक और ठेले वाले से लेकर ज़मींदार तक...इन सब लोगों को समाज के हर वर्ग के इंसान को हम ये भरोसा दिलाने में नाकाम रहे हैं कि हम सब इंसान हैं और एक दूसरे के प्रति संवेदना प्रकट करना हमारा फर्ज है... मगर आज हम एक अच्छे और न्यायपूर्ण समाज को विकसित करने में नाकाम रहे हैं। क्योंकि हमने कभी सोचा ही नहीं कि हमें एक ऐसा समाज बनाना है जंहा का गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम हो... जंहा पर उन्हें सामाजिक भेदभाव न सहन करना पड़े... जंहा हर व्यक्ति खुद को वाक्य में स्वतंत्र महसूस करे और जिंदगी में कभी खुद को अकेला ना समझे... आज हम सबने सिर्फ अपने बारे में सोचना शुरू कर दिया है और जिंदगी की रफ्तार भरी इस भीड़ में हम अपनी इंसानियत को कहीं बहुत पीछे छोड़ आए हैं....इस तस्वीर में एक बार फिर उस औरत को देखिए और उसकी बेबसी और दर्द को महसूस किजीए कि वो किस तरह अपने उस छोटे बच्चे को लिए चले जा रही है... उस बच्चे को देखिए जिसके नन्हे कदम इस तप्ती धूप में अब और चलने की हिम्मत हार चुके और जिसके होसले पस्त हो चुके हैं.... उस वक़्त उस माँ के साहस को देखिए जो उसे अपनी बुद्धि से बच्चे को सूटकेस पर लादे अपने साथ घसीट रही है हैप्पी मदर्स डे बोलकर माँ के लिए तोहफे खरीदने वाले और सोशल मीडिया पर माँ के साथ फोटो पोस्ट करके कैप्शन में लम्बी लम्बी कहानियाँ लिखने वाले लोगों इस मांँ की ममता को भी देखो और महसूस करो उसके दर्द को की वो अपने बच्चे को इस हालत में देखकर कितना रोई होगी... मगर इस गरीबी के सित्म में वो मजबूर कुछ कर ना सकी इन सबके लिए महज़ सरकार जिम्मेदार नहीं है हम... उसमे हम भी भागीदार है.. आज हम हैं तो समाज है और अपने समाज को एक बेहतर जगह बनाने में हम सबके सहयोग की जरूरत है... तो आईये मिलकर कुछ बदलाव लाए सबको एक साथ लाए... हंसी खुशी सब मिलकर इस दुनिया को सुंदर बनाए। अपनी जिम्मेदारियों को पहचाने हर बार हर बात को सिर्फ सरकार पर ना टाले क्योंकि ह से हम हैं तो समाज है और ह से हिंदुस्तान हैं।
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babyanimalstoys · 2 years
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hindichowk · 3 years
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Munshi Premchand ki Kahaniyan: किसी गांव में एक लता नाम की लड़की अपनी मां के साथ रहती थी। लता की उम्र दस वर्ष थी। वह एक गरीब परिवार से थी। वह अपना और अपनी मां का पेट भरने के लिए अपने ही गांव के चौधरी के घर झाडू-पोछा का काम किया करती थी।
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santram · 3 years
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🔸विवाह के पश्चात् ससुराल में कुछ लड़कियाँ सर्व श्रृंगार करती हैं। सज-धजकर गलियों से गुजरती हैं। अजीबो-गरीब हरकत करती हैं। असहज लगने वाले भड़कीले-चमकीले वस्त्र पहनकर बाजार या खेतों में या पानी लेने नल या कूँऐ पर जाती हैं। उनका उद्देश्य क्या होता है? स्पष्ट है कि अपने पति के अतिरिक्त अन्य पुरूषों को अपनी ओर आकर्षित करना। अपनी सुंदरता तथा वैभव का प्रदर्शन करना जो एक अच्छी बहू-बेटी के लक्षण नहीं हैं। यदि कहें कि पति को प्रसन्न करने के लिए ऐसा करती हैं तो वे घर तक ही सीमित रहती तो अच्छा होता, परंतु ऐसे लक्षण मन में दोष के प्रतीक होते हैं।
🔹साधारण वस्त्र पहनने चाहिए, चाहे मंहगे हों, चाहे सस्ते बहन-बेटी-बहू की नजर सामने 12 फुट तक ��हनी चाहिए। चलते-बैठते, उठते समय ध्यान रखे कि कोई ऐसी गतिविधि न हो जाए जो किसी के लिए उत्प्रेरक हो। स्त्री की गलत विधि से लफंडर लोगों का हौंसला बढ़ता है। वे परेशान करते हैं। महिला का हँस-हँसकर बातें करना उत्प्रेरक तथा असभ्य होता है जो सामाजिक बुराई है। जैसे बहन-बेटी, बहू यानि युवती अपने परिजनों के साथ रहती है। ऐसा ही आचरण घर से बाहर होना चाहिए। उसकी प्रशंसा सभ्य समाज किया करता है। अन्य युवाओं को उसका उदाहरण बताते हैं। यदि पैट्रोल को चिंगारी नहीं मिलेगी तो वह विस्फोटक नहीं होता।
🔸इसके विपरीत उपरोक्त गतिविधि करना समाज में आग लगाना है। यह बात युवतियों तथा युवाओं दोनों पर लागू होती है। जवानी बारूद की तरह होती है। यदि कोई चिंगारी लग जाए तो सर्वनाश हो जाता है। यदि चिंगारी नहीं लगे तो वर्षों सुरक्षित रहती है।
🔹प्रत्येक पुरूष चाहता है कि मेरी बेटी-बहन-बहू अच्छे चरित्र वाली हो। गाँव-नगर में कोई यह न कहे कि उनका खानदान ऐसा-वैसा है।
🔸जब हम किसी युवती को देखते हैं और मन में दोष उत्पन्न हो तो तुरंत विचार करें कि यदि कोई हमारी बेटी, बहन, बहू के विषय में गलत विचार करे तथा दुष्कर्म के उद्देश्य से कुछ अटपटी गतिविधि (व्यंग्य करके अपने दुष्विचारों को प्रकट करे, गलत संकेत करे, आँखों को चटकाए-मटकाए, टेढ़ी-नजर से देखे, ऐसी गलत हरकत) करे तो कैसा लगेगा। उत्तर स्पष्ट है कि टाँगें तोड़ देंगे। जो निर्बल हैं, वो एकान्त में बैठकर रोऐंगे।
🔹उस समय विचार करें कि:-
जैसा दर्द अपने होवे, ऐसा जान बिराणै।
जो अपनै सो और कै, एकै पीड़ पिछानै।।
🔸समाधान:- परमेश्वर कबीर जी ने बताया है कि:-
कबीर, परनारी को देखिये, बहन-बेटी के भाव।
कह कबीर काम (sex) नाश का, यही सहज उपाय।।
🔹यौन उत्पीड़न के प्रेरक:- फिल्में, जिनमें नकली, बनावटी कहानियाँ तथा अदाऐं दिखाई जाती हैं जिनको देखकर जवान बच्चे उसी की नकल करके बेशर्म होने लगते हैं। जैसी गतिविधि फिल्म में दिखाई जाती है, वैसी गतिविधि न घर में, न गली में, न सभ्य समाज में की जा सकती हैं। तो उनको देखने का उद्देश्य क्या रह जाता है? कुछ नहीं। केवल बहाना है मनोरंजन। वही मनोरंजन समाज नाश का मूल कारण है। मेरे (लेखक के) अनुयाई बिल्कुल भी फिल्म नहीं देखते। अश्लील रागनी, फिल्मी गाने, सांग (स्वांग) तथा अश्लील चर्चा जो निकम्मे युवा करते हैं। उनकी संगत में अच्छे युवा भी प्रेरित होकर बकवाद करने लग जाते हैं।
🔸कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि:-
कथा करो करतार की, सुनो कथा करतार।
काम (sex) कथा सुनों नहीं, कह कबीर विचार।।
🔹भावार्थ:- कबीर परमेश्वर जी ने समझाया है कि या तो परमात्मा की महिमा का गुणगान (कथा) करो या कहीं परमात्मा की चर्चा (कथा) हो रही हो तो वह सुनो। काम यानि अश्लील चर्चा कभी न सुनना। कबीर जी ने यह विचार यानि मत बताया है।
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daanitvstory · 3 years
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Garib ka dil - गरीब का दिल | Emotional Moral Story | hindi stories | stories in hindi | kahaniya | एक बार जरूर देखे. गरीब का दिल  | gareeb ka dil | hindi kahani | amir vs garib | hindi moral stories | hindi kahaniya.  Garib ka dil garib ki heart touching film Gareeb short film heart touching hindi short film heart touching short film love short films short films hindi short films latest short films short films hindi new short films heart touching short films indian short film "gareeb ka dil | Garib  | heart touching story | bwp production".. गरीब का दिल l Garib ka dil - गरीब का दिल | Emotional Moral Story | hindi stories | stories in hindi | kahaniya | एक बार जरूर देखे. Hindi Moral Story Title - गरीब का दिल © Copyright by Daanitv.com (कहानियाँ दादी-नानी की) LIKE | SHARE | COMMENT | SUBSCRIBE Subscribe our Youtube: https://bit.ly/2E0Rhvr Like us on Facbook: https://bit.ly/31VfI5r Follow us on Instagram - https://bit.ly/2OnzvaD our website - https://www.daanitv.com Credits: Sound effects obtained from https://www.zapsplat.com DISCLAIMER All the characters, incidents, names and situations used in this story are fictitious. The resemblance to any person living or dead is purely Co-incidental.  The following video contains some elements which is suitable for a mature audience (15+).
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