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#बुद्धि
geetaparamrahasyam · 11 days
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कौन है मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन
मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन उसका अपना अहंकार और अज्ञान होता है। अहंकार उसे अन्य लोगों के साथ सहयोग करने से रोकता है और उसकी सोच को अपने स्वार्थ में बाधित करता है। अज्ञान उसे समझने और सहयोग करने की शक्ति से वंचित रखता है, जिससे वह दूसरों के साथ सहयोग करने के अवसरों को खो देता है।
For more details visit - गीता के श्लोकों को सरल भाषा में समझाने का प्रयास करते हैं। Geeta gyan - Geeta param rahasyam ये श्लोक गीता के महत्वपूर्ण भाग हैं जो मार्गदर्शन के रूप में सेवन किए जा सकते हैं।
इन दोनों के अत्यधिक प्रयोग से, मनुष्य खुद को अलग और दूर महसूस करता है, जिससे समाज में दूरी और विभाजन का संदेश मिलता है। इसलिए, समाज के लिए और अपने स्वयं के लिए, हमें अपने अहंकार और अज्ञान को पराजित करने का प्रयास करना चाहिए।
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sanatanpragati12 · 1 year
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सपने में सीढ़ी देखने का मतलब - Sapne Mein Sidhi Dekhna
सीढ़ी का स्वप्न फल शुभ या अशुभ !
आप सभी को नमस्कार! आज हम आपको सपने में सीढ़ी देखने के मतलब के बारे में बताने जा रहे हैं। सपनों की दुनिया में सीढ़ी के सपने के मतलब को जानने के लिए आपको इस लेख को ध्यान से पढ़ना चाहिए। इसके अलावा, हम आपको सीढ़ी चढ़ने और उतरने, छोटी या लंबी सीढ़ी के सपनों के बारे में भी बताएंगे। इससे आप अपने सपनों को समझ सकते हैं और उनसे संबंधित उचित निर्णय ले सकते हैं।दोस्तों, हर व्यक्ति के सपने उनकी खुशियों और…
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studycarewithgsbrar · 2 years
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विशाल भारद्वाज की अपकमिंग फिल्म 'खुफिया' में नजर आएंगी तब्बू, टीजर रिलीज
विशाल भारद्वाज की अपकमिंग फिल्म ‘खुफिया’ में नजर आएंगी तब्बू, टीजर रिलीज
नई दिल्ली: फिल्म निर्माता-निर्देशक-लेखक विशाल भारद्वाज अपने संगीत निर्देशक तब्बू के साथ फिर से जुड़ने के लिए तैयार हैं, जिन्होंने अपनी आगामी फिल्म ‘खुफिया’ में ‘मकबूल’ और ‘हैदर’ में मुख्य भूमिकाएँ निभाई हैं। यह पहली बार होगा जब शेक्सपियर के नाटक से प्रेरित विशाल भारद्वाज की फिल्म में तब्बू नजर आएंगी। नेटफ्लिक्स द्वारा सोमवार को फिल्म दिवस पर ‘खुफिया’ का फर्स्ट-लुक टीज़र जारी किया गया। स्पाई…
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rationalastro · 1 year
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बुध बीज मंत्र | Budh Beej Mantra || बुद्धि बढ़ाऐं | Mantra for Memory an...
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subhashdagar123 · 8 days
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jogadash · 4 months
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sanjaygarg · 4 months
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minashrama165 · 4 months
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parveendassi · 5 months
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sakshiiiisingh · 2 years
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#कौवे की गिनती#quest#shorts#youtubeshorts#story#kahani#questkahaniya#akbar#birbal#एक दिन की बात है#अकबर ने अपनी सभा में एक सवाल पूछा। जिससे पूरी सभा के लोग हैरान रह गए। सभी उत्तर जानने की कोशिश कर#तभी बीरबल अंदर आए और पूछा कि मामला क्या है। उन्होंने सवाल दोहराया। सवाल था#“शहर में कितने कौवे हैं?“ बीरबल तुरंत मुस्कुराए और अकबर के पास गए। उन्होंने उत्तर की घोषणा की; उ#नगर में 21523 कौवे हैं। अकबर ने पूछा कि तुम उत्तर कैसे जानते हैं तब बीरबल ने उत्तर दिया#“अपने आदमियों से कौवे की संख्या गिनने के लिए कहें। यदि अधिक मिले#तो कौवे के रिश्तेदार उनके आस पास के शहरों से आएं होंगे यदि कम हैं#तो हमारे शहर के कौवे जरूर शहर से बाहर रहने वाले अपने रिश्तेदारों के पास गए होंगे।” यह जवाब सुनक#राजा खुश हुआ और बीरबल की बुद्धि की काफ़ी प्रसंशा करने लगा।#इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की आपके उत्तर में सही स्पष्टीकरण होना उतना ही महत्वपूर्ण है जि
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jagjitdass · 2 years
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dks91 · 2 years
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Today Healthtips ! Today Lifestyles ! Today news ! Health foods ! Healthy diet ! Health news !healthcare ! In Hindi.
Today Healthtips ! Today Lifestyles ! Today news ! Health foods ! Healthy diet ! Health news !healthcare ! In Hindi.
हर माता-पिता सोचते हैं कि उनका बच्चा होशियार होना चाहिए, उसकी बुद्धि तेज होनी चाहिए। लेकिन माता-पिता नहीं जानते कि वास्तव में क्या करना है। बच्चे की बुद्धि को बढ़ाने के कई तरीके हैं। लेकिन सबसे जरूरी तरीका है कि आप अपने खान-पान पर ध्यान दें। जी हाँ मंडली, कई लोग इसे झूठा सोच सकते हैं लेकिन वास्तव में बच्चों का आहार उनकी बुद्धि को प्रभावित कर सकता है। यदि आप अपने बच्चे के आहार में सही खाद्य…
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satlokashram · 2 months
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वाणी:- कंठ कमल में बसै अविद्या, ज्ञान ध्यान बुद्धि नासही। लील चक्र मध्य काल कर्मम्, आवत दम कुं फांसही।। सरलार्थ:- गले के पीछे रीढ़ की हड्डी के ऊपर यह कण्ठ कमल बना है। इसमें अविद्या अर्थात् दुर्गा जी का निवास है। जिसके प्रभाव से जीव का ज्ञान तथा भक्ति के समय ध्यान समाप्त होता है तथा बुद्धि को भ्रष्ट करती है दुर्गा। यह लील चक्र अर्थात् 16 पंखुड़ियों का यह चक्र है। इसी के साथ सूक्ष्म रूप में काल निरंजन भी रहता है। दुर्गा देवी जी काल निरंजन की पत्नी है। काल ने गुप्त रहने की प्रतिज्ञा कर रखी है। ये दोनों मिलकर भक्त के अध्यात्म ज्ञान तथा ध्यान को तथा श्वांस से किए जाने वाले नाम स्मरण को भुलाते हैं। इस कमल को विकसित करने का श्रीयम् मंत्र है।
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forevermore05 · 2 months
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You know, I have one thing to say to the writers of ATLA after taking South Asian culture and Hinduism and using it as the backbone for your show and then also demeaning its values and scripture.
विनाशकारी विपरीत बुद्धि। which means destructive opposite intelligence
This speaks for itself in all aspects of the show, whether that be how the characters were written, or the romance (ifykyk) and morals that are in this show.
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subhashdagar123 · 1 month
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shadowseductress · 3 months
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या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
अर्थ : जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली मां सरस्वती हमारी रक्षा करें।
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमाम् आद्यां जगद्व्यापिनीम्।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीम् पद्मासने संस्थिताम्‌।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥
अर्थ : जिनका रूप श्वेत है, जो ब्रह्मविचार की परम तत्व हैं, जो सब संसार में फैले रही हैं, जो हाथों में वीणा और पुस्तक धारण किये रहती हैं, अभय देती हैं, मूर्खतारूपी अन्धकार को दूर करती हैं, हाथ में स्फटिकमणि की माला लिए रहती हैं, कमल के आसन पर विराजमान होती हैं और बुद्धि देनेवाली हैं, उन आद्या परमेश्वरी भगवती सरस्वती की मैं वन्दना करता हूँ ।
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणीविद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु में सदा॥'
हे सबकी कामना पूर्ण करने वाली माता सरस्वती, आपको नमस्कार करता हूँ।मैं अपनी विद्या ग्रहण करना आरम्भ कर रहा हूँ , मुझे इस कार्य में सिद्धि मिले।
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
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