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#किसने और कब किया
amitgopal390 · 1 year
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टेलीफोन का आविष्कार कैसे, किसने और कब किया?
टेलीफोन का आविष्कार कैसे, किसने और कब किया? अपने अथक परिश्रम से मनुष्य सब कुछ कर सकता है। ऐसी ही परिश्रम टेलीफोन के आविष्कारक ने किया। घर घर में प्रयोग किए जाने वाले मोबाइल के पूर्व टेलीफोन का आविष्कार हुआ तो उस समय का कितना अदभुत आविष्कार रहा होगा, जरा सोच के देखिये। तो चलिए देखते टेलीफोन का आविष्कार कैसे, किसने और कब किया? टेलीफोन का आविष्कार कालांतर में जब बेल के आविष्कार को मूर्त रूप मिला तो…
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learnoutt · 11 months
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Cycle ka Avishkar Kisne Kiya | साइकिल का आविष्कार किसने किया
इस पोस्ट में आप जानेंगे कि Cycle ka Avishkar Kisne Kiya। पहले के जमाने में दुनिया की सारी आबादी साइकिल का इस्तेमाल करती थी। एक साइकिल परिवहन का एक किफायती, स्वच्छ रूप है। साइकिल का उपयोग करने के लिए किसी पेट्रोल की आवश्यकता नहीं होती है।  हालांकि, आधुनिक युग में बहुत कम लोग साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। बाइक, कार और अन्य वाहनों के नए मॉडल हाल ही में बाजार में आए हैं, लेकिन पहला आधुनिक वाहन साइकिल था। क्योंकि आधुनिक ऑटोमोबाइल ईंधन और डीजल पर चलते हैं, जो हवा को प्रदूषित करते हैं, पूरी दुनिया अब वायु प्रदूषण से जूझ रही है। हालाँकि, साइकिल परिवहन का एक रूप है जो पर्यावरण को नष्ट नहीं करता है और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।  दूसरी ओर, इलेक्ट्रॉनिक वाहन, हाल ही में विकसित किए गए हैं और किसी भी वायु प्रदूषण में योगदान नहीं करते हैं। आपने कभी न कभी बाइक के पैडल जरूर मारे होंगे। आप सोच रहे होंगे कि इस समय साइकिल का आविष्कार किसने किया था। हमारे लिए साइकिल का आविष्कार किसने किया का वर्णन करें।
साइकिल का आविष्कार किसने ��िया था
साइकिल बनाने का श्रेय जर्मन वन अधिकारी कार्ल वॉन ड्रैस को जाता है। करीब 200 साल पहले 1817 में इतिहास की पहली साइकिल बनाई गई थी। साइकिल के अलावा, कार्ल वॉन ड्रैस यूरोप के बिडेर्मियर युग के एक प्रसिद्ध आविष्कारक थे जिन्होंने कई अन्य वस्तुओं का भी निर्माण किया। कीबोर्ड के साथ पहला टाइपराइटर, सामान ले जाने के लिए साइकिल, 16-कैरेक्टर स्टेनोग्राफ मशीन, दुनिया की पहली मांस की चक्की, और 1812 में कागज पर पियानो संगीत लिखने के लिए एक उपकरण। कार्ल वॉन ड्रेस भी मान्यता के पात्र हैं।
बिना पैडल वाली लकड़ी की साइकिल कार्ल वॉन द्वारा बनाई गई थी। इस साइकिल का वजन करीब 23 किलो था। इस साइकिल को पैडल नहीं चलाया जा सकता था, इसलिए इसे धक्का देकर चलाया जाता था। मैनहेम और रेनौ के जर्मन शहरों में, कार्ल वॉन ने सार्वजनिक प्रदर्शनों का आयोजन किया। एक घंटे में यह साइकिल करीब 7 किमी का सफर तय कर सकती है।
ये भी पढ़े-
Bulb ka Avishkar Kisne Kiya ThaTrain ka Avishkar Kisne Kiya Radio ka Avishkar Kisne Kiya
साइकिल का आविष्कार कैसे और कब हुआ
इंडोनेशिया में माउंट टैम्बोरा ज्वालामुखी ने वर्ष 1815 में एक विशाल विस्फोट देखा, जिसका उत्तरी गोलार्ध के राष्ट्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। नतीजतन, दुनिया भर के तापमान में महत्वपूर्ण गिरावट आई, उत्तरी गोलार्ध में फसलों पर सबसे खराब प्रभाव पड़ा।  अकाल जैसी स्थितियों के उद्भव के परिणामस्वरूप कई पालतू जानवरों की मृत्यु हो गई, क्योंकि उस समय उनका उपयोग लोगों और वस्तुओं के परिवहन के लिए किया जाता था। उनके आसन्न निधन के कारण, साइकिल को पालतू जानवरों का सामान ले जाने के विकल्प के रूप में बनाया गया था।
बिना पैडल वाली लकड़ी की साइकिल कार्ल वॉन द्वारा बनाई गई थी। इस साइकिल का वजन करीब 23 किलो था। इस साइकिल को पैडल नहीं चलाया जा सकता था, इसलिए इसे धक्का देकर चलाया जाता था।  मैनहेम और राइनाउ के जर्मन शहरों में, कार्ल वॉन ने सार्वजनिक प्रदर्शनों का आयोजन किया। एक घंटे में यह साइकिल करीब 7 किलोमीटर का सफर तय कर सकती थी।
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jyotishwithakshayg · 4 months
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💥सत्य सनातन धर्म 💥
*जिस आदमी ने श्रीमदभगवद गीता का पहला उर्दू अनुवाद किया वो था मोहम्मद मेहरुल्लाह! बाद में उसने सनातन धर्म अपना लिया!*
*पहला व्यक्ति जिसने श्रीमदभागवद गीता का अरबी अनुवाद किया वो एक फिलिस्तीनी था अल फतेह कमांडो नाम का! जिसने बाद में जर्मनी में इस्कॉन जॉइन किया और अब हिंदुत्व में है!*
*पहला व्यक्ति जिसने इंग्लिश अनुवाद किया उसका नाम चार्ल्स विलिक्नोस था! उसने भी बाद में हिन्दू धर्म अपना लिया उसका तो ये तक कहना था कि दुनिया मे केवल हिंदुत्व बचेगा!*
*हिब्रू में अनुवाद करने वाला व्यक्ति Bezashition le fanah नाम का इसरायली था जिसने बाद में हिंदुत्व अपना लिया था भारत मे आकर!*
*पहला व्यक्ति जिसने रूसी भाषा मे अनुवाद किया उसका नाम था नोविकोव जो बाद में भगवान कृष्ण का भक्त बन गया था!**
*आज तक 283 बुद्धिमानों ने श्रीमद भगवद गीता का अनुवाद किया है अलग अलग भाषाओं में जिनमें से 58 बंगाली, 44 अंग्रेजी, 12 जर्मन, 4 रूसी, 4 फ्रेंच, 13 स्पेनिश, 5 अरबी, 3 उर्दू और अन्य कई भाषाएं थी ओर इन सब मे दिलचस्प बात यह है कि इन सभी ने बाद मैं हिन्दू धर्म को अपना लिया था।*
*जिस व्यक्ति ने कुरान को बंगाली में अनुवाद किया उसका नाम गिरीश चंद्र सेन था! लेकिन वो इस्लाम मे नहीं गया शायद इसलिए कि वो इस अनुवाद करने से पहले श्रीमद भागवद गीता को भी पढ़ चुके थे !*
*ये है सनातन धर्म और इसके धार्मिक ग्रंथों की ताकत।*
*और हम हिन्दू इन्हें ख़ुद ही नही पढ़ते है, है ना अजीब विडम्बना ??*
*"सत्यमेव जयते"*
👏एक हिन्दू को इन👇 बातों की जानकारी , जबानी रखनी चाहिए :
"श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में-
ॐ . किसको किसने सुनाई?
उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।
ॐ . कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 5110 साल पहले सुनाई।
ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन।
ॐ. कोनसी तिथि को?
उ.- एकादशी
ॐ. कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।
ॐ. कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में
ॐ. क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।
ॐ. कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय
ॐ. कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक
ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।
ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा
और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने
ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को
ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में
ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।
ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद
ॐ. गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना
ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574
अर्जुन ने- 84
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 41
अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद
अधूरा ज्ञान खतरनाक होता है।
33 करोड नहीँ 33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू
धर्म मेँ।
कोटि = प्रकार।
देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है,
कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता।
हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...
कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :-
12 प्रकार हैँ
आदित्य , धाता, मित, आर्यमा,
शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,
सविता, तवास्था, और विष्णु...!
8 प्रकार हे :-
वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।
11 प्रकार है :-
रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक,
अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।
एवँ
दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।
कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी
अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है
तो इस जानकारी को अधिक से अधिक
लोगो तक पहुचाएं। ।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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singhmanojdasworld · 9 months
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📚 *गीता तेरा ज्ञान अमृत* 📚
*(Part 5)*
*गीता का सत्य सार*
*गीता = श्रीमद्भगवत् गीता*
प्रश्न 1:- गीता का ज्ञान कब तथा किसने, किसको सुनाया, किसने लिखा? कृप्या विस्तार से बताऐं।
उत्तर:- श्री मद्भगवत् गीता का ज्ञान श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके काल भगवान ने (जिसे वेदों व गीता में “ब्रह्म” नाम से भी जाना जाता है) अर्जुन को सुनाया।
कुछ वर्षों के बाद वेदव्यास ऋषि ने इस अमृतज्ञान को संस्कृत भाषा में देवनागरी लिपि में लिखा। बाद में अनुवादकों ने अपनी बुद्धि के अनुसार इस पवित्र ग्रन्थ का हिन्दी तथा अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जो वर्तमान में गीता प्रैस गोरखपुर (UP) से प्रकाशित किया जा रहा है। उसकी फोटोकापियाँ इसी पुस्तक के पृष्ठ 204 से 357 तक लगी हैं।
अर्जुन की ऐसी दशा देखकर श्री कृष्ण बोले:- देख ले सामने किस योद्धा से आपने लड़ना है। अर्जुन ने उत्तर दिया कि हे कृष्ण! मैं किसी कीमत पर भी युद्ध नहीं करूँगा। अपने उद्देश्य तथा जो विचार मन में उठ रहे थे, उनसे भी अवगत कराया। उसी समय श्री कृष्ण जी में काल भगवान प्रवेश कर गया जैसे प्रेत किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करके बोलता है। ऐसे काल ने श्री कृष्ण के शरीर में प्रवेश करके श्री मद्भगवत गीता का ज्ञान युद्ध करने की प्रेरणा करने के लिए तथा कलयुग में वेदों को जानने वाले व्यक्ति नहीं रहेंगे, इसलिए चारों वेदों का संक्षिप्त वर्णन व सारांश “गीता ज्ञान” रूप में 18 अध्यायों में 700 श्लोकों में सुनाया। श्री कृष्ण को तो पता नहीं था कि मैंने क्या बोला था गीता ज्ञान में? {ब्रह्माकुमारी पंथ वाले इसी काल ब्रह्म को निराकार शिव बाबा कहते हैं। उनका भी कहना है कि गीता का ज्ञान शिव बाबा ने किसी वृद्ध के शरीर में प्रवेश करके बोला था। यह शिव बाबा ब्रह्माकुमारी वालों का पूज्य प्रभु है।}
जिस समय कौरव तथा पाण्डव अपनी सम्पत्ति अर्थात् दिल्ली के राज्य पर अपने-अपने हक का दावा करके युद्ध करने के लिए तैयार हो गए थे, दोनों की सेनाऐं आमने-सामने कुरूक्षेत्र के मैदान में खड़ी थी। अर्जुन ने देखा कि सामने वाली सेना में भीष्म पितामह, गुरू द्रोणाचार्य, रिश्तेदार, कौरवों के बच्चे, दामाद, बहनोई, ससुर आदि-आदि लड़ने-मरने के लिए खड़े हैं। कौरव और पाण्डव आपस में चचेरे भाई थे। अर्जुन में साधु भाव जागृत हो गया तथा विचार किया कि जिस राज्य को प्राप्त करने के लिए हमें अपने चचेरे भाईयों, भतीजों, दामादों, बहनोइयों, भीष्म पितामह जी तथा गुरूजनों को मारेंगे। यह भी नहीं पता कि हम कितने दिन संसार में रहेंगे? इसलिए इस प्रकार से प्राप्त राज्य के सुख से अच्छा तो हम भिक्षा माँगकर अपना निर्वाह कर लेंगे, परन्तु युद्ध नहीं करेंगे। यह विचार करके अर्जुन ने धनुष-बाण हाथ से छोड़ दिया तथा रथ के पिछले भाग में बैठ गया। अर्जुन की ऐसी दशा देखकर श्री कृष्ण बोले:- देख ले सामने किस योद्धा से आपने लड़ना है। अर्जुन ने उत्तर दिया कि हे कृष्ण! मैं किसी कीमत पर भी युद्ध नहीं करूँगा। अपने उद्देश्य तथा जो विचार मन में उठ रहे थे, उनसे भी अवगत कराया। उसी समय श्री कृष्ण जी में काल भगवान प्रवेश कर गया जैसे प्रेत किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करके बोलता है। ऐसे काल ने श्री कृष्ण के शरीर में प्रवेश करके श्री मद्भगवत गीता का ज्ञान युद्ध करने की प्रेरणा करने के लिए तथा कलयुग में वेदों को जानने वाले व्यक्ति नहीं रहेंगे, इसलिए चारों वेदों का संक्षिप्त वर्णन व सारांश “गीता ज्ञान” रूप में 18 अध्यायों में 700 श्लोकों में सुनाया। श्री कृष्ण को तो पता नहीं था कि मैंने क्या बोला था गीता ज्ञान में? {ब्रह्माकुमारी पंथ वाले इसी काल ब्रह्म को निराकार शिव बाबा कहते हैं। उनका भी कहना है कि गीता का ज्ञान शिव बाबा ने किसी वृद्ध के शरीर में प्रवेश करके बोला था। यह शिव बाबा ब्रह्माकुमारी वालों का पूज्य प्रभु है।}
कुछ वर्षों के बाद वेदव्यास ऋषि ने इस अमृतज्ञान को संस्कृत भाषा में देवनागरी लिपि में लिखा। बाद में अनुवादकों ने अपनी बुद्धि के अनुसार इस पवित्र ग्रन्थ का हिन्दी तथा अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जो वर्तमान में गीता प्रैस गोरखपुर (न्ण्च्) से प्रकाशित किया जा रहा है। उसकी फोटोकापियाँ इसी पुस्तक के पृष्ठ 204 से 357 तक लगी हैं।
प्रमाण नं. 1:- गीता अध्याय 11 में जब गीता ज्ञान दाता ने अपना विराट रूप दिखा दिया तो उसको देखकर अर्जुन काँपने लगा, भयभीत हो गया। यहाँ पर यह बताना भी अनिवार्य है कि अर्जुन का साला श्री कृष्ण था क्योंकि श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन से हुआ था।
गीता ज्ञान दाता ने जिस समय अपना भयंकर विराट रूप दिखाया जो हजार भुजाओं वाला था। तब अर्जुन ने पूछा कि हे देव! आप कौन हैं? (गीता अध्याय 11 श्लोक 31)
सर्व प्रथम गीता से ही प्रमाणित करता हूँ।
प्रमाण नं. 1:- गीता अध्याय 10 में जब गीता ज्ञान दाता ने अपना विराट रूप दिखा दिया तो उसको देखकर अर्जुन काँपने लगा, भयभीत हो गया। यहाँ पर यह बताना भी अनिवार्य है कि अर्जुन का साला श्री कृष्ण था क्योंकि श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन से हुआ था।
गीता ज्ञान दाता ने जिस समय अपना भयंकर विराट रूप दिखाया जो हजार भुजाओं वाला था। तब अर्जुन ने पूछा कि हे देव! आप कौन हैं? (गीता अध्याय 11 श्लोक 31)
हे सहंस्राबाहु (हजार भुजा वाले) आप अपने चतुर्भुज रूप में दर्शन दीजिए (क्योंकि अर्जुन उन्हें विष्णु अवतार कृष्ण तो मानता ही था, परन्तु उस समय श्री कृष्ण के शरीर से बाहर निकलकर काल ने अपना अपार विराट रूप दिखाया था) मैं भयभीत हूँ, आपके इस रूप को सहन नहीं कर पा रहा हूँ। (गीता अध्याय 11 श्लोक 46)
विचारें पाठक जन: क्या हम अपने साले से पूछेंगे कि हे महानुभाव! बताईए आप कौन हैं? नहीं। एक समय एक व्यक्ति में प्रेत बोलने लगा। साथ बैठे व्यक्ति ने पूछा आप कौन बोल रहे हो? उत्तर मिला कि तेरा मामा बोल रहा हूँ। मैं दुर्घटना में मरा था। क्या हम अपने भाई को नहीं जानते? ठीक इसी प्रकार श्री कृष्ण में काल बोल रहा था।
प्रमाण नं. 2- गीता अध्याय 11 श्लोक 21 में अर्जुन ने कहा कि आप तो देवताओं के समूह के समूह को ग्रास (खा) रहे हैं जो आपकी स्तुति हाथ जोड़कर भयभीत होकर कर रहे हैं। महर्षियों तथा सिद्धों के समुदाय आप से अपने जीवन की रक्षार्थ मंगल कामना कर रहे हैं। गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में गीता ज्ञान दाता ने बताया कि हे अर्जुन! मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब प्रवृत हुआ हूँ अर्थात् श्री कृष्ण के शरीर में अब प्रवेश हुआ हूँ। सर्व व्यक्तियों का नाश करूँगा। विपक्ष की सर्व सेना, तू युद्ध नहीं करेगा तो भी नष्ट हो जाएगी।
इससे सिद्ध हुआ कि गीता का ज्ञान श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रविष्ट होकर काल ने कहा है। श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ। श्री कृष्ण जी को देखकर कोई भयभीत नहीं होता था। गोप-गोपियाँ, ग्वाल-बाल, पशु-पक्षी सब दर्शन करके आनंदित होते थे। तो ‘‘क्या श्री कृष्ण जी काल थे?‘‘ नहीं।
इसलिए गीता ज्ञान दाता ‘‘काल‘‘ है जिसने श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके गीता शास्त्र का ज्ञान दिया।
प्रमाण नं. 3- गीता अध्याय 11 श्लोक 47 में गीता ज्ञानदाता ने कहा कि हे अर्जुन! मैंने प्रसन्न होकर अपनी शक्ति से तेरी दिव्य दृष्टि खोलकर यह विराट रूप दिखाया है। यह विराट रूप तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा है।
विचारणीय विषय:- प्रिय पाठको! महाभारत ग्रन्थ में प्रकरण आता है कि जिस समय श्री कृष्ण जी कौरवों की सभा में उपस्थित थे और उनसे कह रहे थे कि आप दोनों (कौरव और पाण्डव) आपस में बातचीत करके अपनी सम्पत्ति (राज्य) का बटँवारा कर लो, युद्ध करना शोभा नहीं देता। पाण्डवों ने कहा कि हमें पाँच (5) गाँव दे दो, हम उन्हीं से निर्वाह कर लेंगे। दुर्योधन ने यह भी माँग नहीं मानी और कहा कि पाण्डवों के लिए सुई की नोक के समान भी राज्य नहीं है, युद्ध करके ले सकते हैं। इस बात से श्री कृष्ण भगवान बहुत नाराज हो गए तथा दुर्योधन से कहा कि तू पृथ्वी के नाश के लिए जन्मा है, कुलनाश करके टिकेगा। भले मानव! कहाँ आधा, राज्य कहाँ 5 गाँव। कुछ तो शर्म कर ले। इतनी बात श्री कृष्ण जी के मुख से सुनकर दुर्योधन राजा आग-बबूला हो गया और सभा में उपस्थित अपने भाईयों तथा मन्त्रिायों से बोला कि इस कृष्ण यादव को गिरफ्तार कर लो। उसी समय श्री कृष्ण जी ने विराट रूप दिखाया। सभा में उपस्थित सर्व सभासद उस विराट रूप को देखकर भयभीत होकर कुर्सियों के नीचे छिप गए, कुछ आँखों पर हाथ रखकर जमीन पर गिर गए। श्री कृष्ण जी सभा छोड़ कर चले गए तथा अपना विराट रूप समाप्त कर दिया।
अब उस बात पर विचार करते हैं जो गीता अध्याय 11 श्लोक 47 में गीता ज्ञान दाता ने कहा था कि यह मेरा विराट रूप तेरे अतिरिक्त अर्जुन! पहले किसी ने नहीं देखा था। यदि श्री कृष्ण गीता ज्ञान बोल रहे होते तो यह कभी नहीं कहते कि मेरा विराट रूप तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था क्योंकि श्री कृष्ण जी के विराट रूप को कौरव तथा अन्य सभासद पहले देख चुके थे।
इससे सिद्ध हुआ कि श्रीमद्भगवत गीता का ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा, उनके शरीर में प्रेतवत प्रवेश करके काल (क्षर पुरूष) ने कहा था। यह तीसरा प्रमाण हुआ।
प्रमाण नं. 4- श्री विष्णु पुराण (गीता प्रैस गोरखपुर से प्रकाशित) के पृष्ठ 168 पर प्रमाण है कि एक समय देवताओं और राक्षसों का युद्ध हुआ। देवता पराजित होकर समुद्र के किनारे जाकर छिप गए। फिर भगवान की तपस्या स्तुति करने लगे। काल का विधान है अर्थात् काल ने प्रतिज्ञा कर रखी है कि मैं अपने वास्तविक काल रूप में कभी किसी को दर्शन नहीं दूंगा। अपनी योग माया से छिपा रहूँगा। (प्रमाण गीता अध्याय 7 श्लोक 24-25 में) इसलिए यह काल (क्षर पुरूष) किसी को विष्णु जी के रूप में दर्शन देता है, किसी को शंकर जी के रूप में, किसी को ब्रह्मा जी के रूप में दर्शन देता है।
देवताओं को श्री विष्णु जी के रूप में दर्शन देकर कहा कि मैंने जो आप की समस्या है, वह जान ली है। आप पुरंज्य राजा को युद्ध के लिए तैयार कर लो। मैं उस राजा श्रेष्ठ के शरीर में प्रविष्ट होकर राक्षसों का नाश कर दूंगा, ऐसा ही किया गया। (अधिक ज्ञान के लिए आप जी विष्णु पुराण पढ़ सकते हैं।
प्रमाण नं. 5- श्री विष्णु पुराण के पृष्ठ 173 पर प्रमाण है कि एक समय नागवंशियों तथा गंधर्वों का युद्ध हुआ। गंधर्वों ने नागों के सर्व बहुमू���्य हीरे, लाल व खजाने लूट लिए, उनके राज्य पर भी कब्जा कर लिया। नागाओं ने भगवान की स्तुति की, वही ‘‘काल‘‘ भगवान विष्णु रूप धारण करके प्रकट हुआ। कहा कि आप पुरूकुत्स राजा को गंधर्वों के साथ युद्ध के लिए तैयार कर लें। मैं राजा पुरूकुत्स के शरीर में प्रवेश करके दुष्ट गंधर्वों का नाश कर दूँगा, ऐसा ही हुआ।
उपरोक्त विष्णु पुराण की दोनों कथाओं से स्पष्ट हुआ (प्रमाणित हुआ) कि यह काल भगवान (क्षर पुरूष) इस प्रकार अव्यक्त (गुप्त) रहकर कार्य करता है। इसी प्रकार इसने श्री कृष्ण जी में प्रवेश करके गीता का ज्ञान कहा है।
प्रमाण नं. 6- महाभारत ग्रन्थ में (गीता प्रैस गोरखपुर (UP) से प्रकाशित में) भाग-2 पृष्ठ 800-801 पर लिखा है कि महाभारत के युद्ध के पश्चात् राजा युधिष्ठर को राजगद्दी पर बैठाकर श्री कृष्ण जी ने द्वारिका जाने की तैयारी की। तब अर्जुन ने श्री कृष्ण जी से कहा कि आप वह गीता वाला ज्ञान फिर से सुनाओ, मैं उस ज्ञान को भूल गया हूँ। श्री कृष्ण जी ने कहा कि हे अर्जुन! आप बड़े बुद्धिहीन हो, बड़े श्रद्धाहीन हो। आपने उस अनमोल ज्ञान को क्यों भुला दिया, अब मैं उस ज्ञान को नहीं सुना सकता क्योंकि मैंने उस समय योगयुक्त होकर गीता का ज्ञान सुनाया था।
विचार करें:- युद्ध के समय योगयुक्त हुआ जा सकता है तो शान्त वातावरण में योगयुक्त होने में क्या समस्या हो सकती है? वास्तव में यह ज्ञान काल ने श्री कृष्ण में प्रवेश करके बोला था।
श्री कृष्ण जी को स्वयं तो वह गीता ज्ञान याद नहीं, यदि वे वक्ता थे तो वक्ता को तो सर्व ज्ञान याद होना चाहिए। श्रोता को तो प्रथम बार में 40 प्रतिशत ज्ञान याद रहता है। इससे सिद्ध है कि गीता का ज्ञान श्री कृष्ण जी में प्रवेश होकर काल (क्षर पुरूष) ने बोला था। उपरोक्त प्रमाणों से स्पष्ट हुआ कि श्रीमद् भगवत गीता का ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा। उनको तो पता ही नहीं कि क्या कहा था, श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके काल पुरूष (क्षर पुरूष) ने बोला था।
प्रश्न 2:- काल पुरूष कौन है?
उत्तर:- इसके लिए पढे़ं सृष्टि रचना जो पृष्ठ 120 पर लिखी है।
प्रश्न 3: काल भगवान अर्थात् ब्रह्म अविनाशी है या जन्मता-मरता है?
उत्तर:- जन्मता-मरता है।
प्रश्न 4:- कहाँ प्रमाण है?
उत्तर: श्री मद्भगवत गीता अध्याय 2 श्लोक 12, गीता अध्याय 4 श्लोक 5, गीता अध्याय 10 श्लोक 2 में गीता ज्ञान दाता स्वयं स्वीकार करता है कि मेरी भी जन्म व मृत्यु होती है, मैं अविनाशी नहीं हूँ। कहा है कि हे अर्जुन! तेरे और मेरे बहुत जन्म हो चुके हैं, तू नहीं जानता, मैं जानता हूँ। तू, मैं और ये राजा लोग व सैनिक पहले भी थे, आगे भी होंगे, यह न जान कि हम केवल वर्तमान में ही हैं। मेरी उत्पत्ति को न तो देवता लोग जानते और न ही ऋषिजन क्योंकि यह सब मेरे से उत्पन्न हुए हैं।
इससे सिद्ध हुआ कि गीता ज्ञान दाता काल पुरूष अविनाशी नहीं है। इसलिए इसको क्षर पुरूष कहा जाता है।
प्रश्न 5: क्या ब्रह्मा, विष्णु तथा शिव अविनाशी हैं?
उत्तर: नहीं। ये नाशवान हैं, इनकी भी जन्म-मृत्यु होती है, ब्रह्मा, विष्णु तथा शिव जी के माता-पिता भी हैं।
प्रश्न 6: कोई प्रमाण बताओ, माता-पिता का नाम भी बताओ।
उत्तर: श्री देवी महापुराण (गीता प्रैस गोरखपुर से प्रकाशित) के तीसरे स्कंद पृष्ठ 123 पर श्री विष्णु जी ने अपनी माता दुर्गा की स्तुति करते हुए कहा है कि हे मातः! आप शुद्ध स्वरूपा हो, सारा संसार आप से ही उद्भाषित हो रहा है, हम आपकी कृपा से विद्यमान है, मैं, ब्रह्मा और शंकर तो जन्मते-मरते हैं, हमारा तो अविर्भाव (जन्म) तथा तिरोभाव (मृत्यु) हुआ करता है, हम अविनाशी नहीं हैं। तुम ही जगत जननी और सनातनी देवी हो और प्रकृति देवी हो। शंकर भगवान बोले, हे माता! विष्णु के बाद उत्पन्न होने वाले ब्रह्मा जब आप का पुत्र है तो क्या मैं तमोगुणी लीला करने वाला शंकर तुम्हारी सन्तान नहीं हुआ अर्थात् मुझे भी उत्पन्न करने वाली तुम ही हो। इस देवी महापुराण के उल्लेख से सिद्ध हुआ कि श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शंकर जी को जन्म देने वाली माता श्री दुर्गा देवी (अष्टंगी देवी) है और तीनों नाशवान हैं।
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे।
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*💦बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय💦*
13/07/23
*🍃Twitter Trending सेवा🍃*
*🌺अभी सावन का महीना चल रहा है। इस महीने में शिव जी के भक्त कांवड़ लेने जाते हैं। और शिव जी का व्रत करते हैं। इस मौके पर लोगों को जानकारी देते हुए बताना है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं।*
*🌹मालिक की दया से शिव जी से संबंधित Twitter पर अब Trending सेवा करेंगे।*
🚨Note:-  *हमें सभ्य भाषा में Tweet करने हैं।*
*🕊️अपने Tag⬇️ और कीवर्ड के साथ सेवा करनी है जी।*
*#SecretsOfLordShiva*
*ज्ञान गंगा*
*📷''' सेवा से सम्बंधित photo Website पर उपलब्ध हैं जी।
*Hindi*
https://www.satsaheb.org/shiv-ji/
https://news.jagatgururampalji.org/facebook-hindi-shivratri/
https://www.satsaheb.org/story-of-shiv-ji-hindi/
*English*
https://www.satsaheb.org/shivratri-english/
https://news.jagatgururampalji.org/facebook-english-shivratri/
https://www.satsaheb.org/story-of-shiv-ji-english/
*📣सेवा Points📣*
🌱शिवरात्रि पर जानिए भगवान शिव जी को प्रसन्न करने का वास्तविक मंत्र कौनसा है ?
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🌱शिवरात्रि पर जानिए क्या शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र, फल आदि चढ़ाने से मुक्ति संभव है या नहीं? जानने के लिए पढ़िए पुस्तक "ज्ञान गंगा" और सम्पूर्ण आध्यात्मिक ज्ञान जानने के लिए डाउनलोड करें Saint Rampal JI Maharaj App
🌱इस शिवरात्रि के अवसर पर जानिए कि शिव जी अधिकतर समाधि में क्यों रहते हैं? समाधि दशा में वह किस प्रभु का ध्यान करते है? जानने के लिए पढ़िए पुस्तक "ज्ञान गंगा" और सम्पूर्ण आध्यात्मिक ज्ञान जानने के लिए डाउनलोड करें Saint Rampal JI Maharaj App
🌱शिवरात्रि जो शिव जी के भक्तों के लिए पवित्र त्योहारों में से एक है। श्रद्धालुओं द्वारा भगवान शिव को अविनाशी, मृत्युंजय माना जाता है। परंतु क्या वास्तविकता में शिव जी मृत्युंजय हैं और क्या शिवरात्रि के व्रत से कुछ लाभ संभव है? जानने के लिए पढ़िए पुस्तक "ज्ञान गंगा"
🌱क्या आप जानते है शिवलिंग की स्थापना व पूजा कब से और क्यों हुई है? क्या शिवलिंग पर दूध व गंगा जल चढ़ाने से हमारी मुक्ति संभव है? क्या शिवजी हमारे पाप कर्मों को काट सकते हैं? यह अद्भुत रहस्य जानने हेतु अवश्य देखें, साधना टीवी चैनल शाम 7:30 बजे अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पुस्तक "ज्ञान गंगा"
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sureshsgupta · 11 months
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“ मुंबई के पवई में महाकाली बैंक ने २००० करोड़ का घोटाला किया “
“ MIDC, अंधेरी ( पूर्व ) पोलिश चौकी में 13/06/2023 को शाम 04:00 बजे डीसीपी साहेब ने बुलाया है इसलिए जिनका पैसा फ़सा हुआ है सभी लोग आये क्यूकी श्री नाना पटोले साहेब ने डीसीपी से बात की है और अपनी बात रखे इन लुटेरों के ख़िलाफ़ “ इन लुटेरों से पैसा लेके इन्हें जेल में डालना होगा |
आज महाराष्ट्र कांग्रेस के डैशिंग अध्यक्ष मा श्री नाना ( भाऊ ) पटोले जी से मुलाक़ात कर “ श्री महाकाली को-ऑप क्रेडिट सोसायटी मर्यादित “ बनाकर माफिया रितेश पांचाल, संदीप मांजरेकर, सुनील मूले, वैभव रासकर, हरिदास विर्घाट, संदीप गायकवाड़, विष्णु मालवी, रमेश गायकवाड़, कचरू कुशेर, संगीता मंजरेकर, बिना काकड़े, विट्ठल पांचाल और निलेश नेवले नामक सदस्य ने २००० हज़ार करोड़ का घोटाला किया है ये जानकारी उन्हें दी |
श्री नाना पटोले साहेब ने तुरंत डीसीपी ( Zone - X ) को फ़ोन लगाया और इसकी जाँच कर ऐसे लुटेरों पर सक्त कारवाई होनी चाहिए एसी माँग की और हज़ारो जानता का पैसा उन्हें मिलना चाहिए ये बात कही | उन्होंने कहा कि मुंबई जैसे शहर में इतना बड़ा घोटाला पिछले कई सालो से चल रह था और सभी प्रशासन के लोग सोये हूहे थे ये क़ैसे हो सकता है, इसका मतलब सबकी मिली भगत होगी इसकी जाँच होना ज़रूरी और ऐसे प्रशासन के अधिकारियों पर कारवाई होना ज़रूरी है |
सुरेश श्यामलाल गुप्ता जी ने श्री नाना पटोले साहेब से माँग की इस मुद्दे को आने वाले महाराष्ट्र के विधानसभा में उठाया जाये, साथ ही माफिया राकेश पाँचाल और उसके कमेटी के सभी सदस्य और एजेंट्स ( दलालों ) पर कड़क कारवाई हो और उनका पैसा उन्हें वापस मिले और उनका नार्को टेस्ट हो ये माँग कि | श्री नाना पटोले साहेब ने कहा की आने वाले विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया जाएगा ताकि हज़ारों ग़रीबो का पैसा उन्हें वापस मिले और लुटेरों पर सक्त कारवाई हो |
सुरेश श्यामलाल गुप्ता ने साहेब से कहा की ये माफिया लोग जल्द भारत छोड़कर भागने की त्यारी में है क्यूकी इनके बच्चे पहेले से भाग चुके है | इसलिए इन्हें जल्द पकड़ना होगा |
इस मामले को अब तक दबाकर रखा गया और ग़ुमराह करके रखा गया था | इस घोटाले में कई बड़े लोग भी शामिल है कब जाँच होगी तो सब सामने आएगा |
ग़रीबो का पैसा तीन गुना करने के नाम से उनसे पैसा लिया गया | ग़रीबो को लालच देकर फसाया गया | जानता ने अपना घर बेचकर पैसा लगाया, किसीने अपना जीवन भर का जमा-पूँजी लगाया, किसने अपने लड़की के शादी करने की जमा-पूँजी लगायी, किसी ने ब्याच पर पैसा लेके लगाया, किसीने अपना PF फण्ड निकाल के लगाया, किसीने दोस्तों से उधार लेकर लगाया, किसीने ने सोना गिरवी रखकर पैसा लगाया और भी कई तरीक़े से पैसा लगाया गया ये जानकारी नाना पटोले साहेब को दी |
Nana Patole Eknath Shinde - एकनाथ संभाजी शिंदे Devendra Fadnavis
#Mahakali #Bank #Ghotala #SureshShyamlalGupta #NanaPatole #Powai #Mumbai
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hindigenie · 1 year
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Google BARD AI क्या है?
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Google Bard AI (गूगल बार्ड एआई) क्या हैं,Bard AI और ChatGPT में क्या अंतर है, कैसे काम करता है (How it Works, Uses, Benefit, Applications, Impact on Society, AI (Artificial Intelligence) PaLM 2 Language Model) आज की दुनिया में, language models कंटेंट क्रिएशन और मार्केटिंग से लेकर रिसर्च और एजुकेशन तक कई उद्योगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन्ही लैंग्वेज मॉडल के आधार पर विभिन्न प्रकार के एप्लीकेशन बनाये जा सकते हैं| जिसमे की Large Language Model (LLM) आधारित ChatBots सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं| GPT3 और GPT4 जैसे अत्याधुनिक लैंग्वेज मॉडल्स पर आधारित ChatGPT के बारे में तो आप जानते ही होंगे| अब इस AI Chatbots की दौड़ में Tech Giant Google भी शामिल हो गया है और उसने अपना chatbot, BARD AI लांच कर दिया है| BARD एक AI chatbot है जो ChatGPT की तरह ही चैट इंटरफ़ेस के माध्यम से आपके प्रश्नों का सटीक और प्रासंगिक उत्तर बिलकुल मनुष्यों जैसी भाषा में दे सकता है| इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे Google BARD AI kya hai, यह ChatGPT से कितना अलग है?, BARD AI कैसे काम करता है? और BARD AI के एप्लीकेशन क्या हैं? नामगूगल बार्ड एआई (Google BARD AI)कब हुआ लॉन्चमार्च 2023 में USA के कुछ यूजर्स के लिएकिसके द्वारा हुआ लॉन्चगूगलघोषणा कैसे हुईगूगल के वार्षिक I/O इवेंट मेंघोषणा किसने कीगूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के द्वारा
Google BARD AI क्या है? | What is Google BARD AI? - in Hindi
Google BARD AI एक chatbot है जो Language Model for Dialogue Applications (LaMDA) model पर आधारित है| LaMDA एक state-of-the-art language model है जिसे advance machine learning algorithm और transformer neural network architecture का उपयोग करके विकसित किया गया है| BARD AI एक chatbot इंटरफ़ेस के माध्यम से मनुष्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का मनुष्यों जैसी भाषा में उत्तर दे सकता है| अगर आप ChatGPT के बारे में जानते हैं तो आप यह आसानी से समझ सकते हैं की BARD AI किस तरह से आपके काम आ सकता है| Google के बार्ड एआई का विकास 2020 में शुरू हुआ, और इसे आधिकारिक तौर पर March 2023 में USA में कुछ यूजर्स के लिए launch किया गया। Bard AI के पीछे काम करने वाली टेक्नोलॉजी LaMDA को 137 Billion Parameter पर प्रशिक्षित किया गया है| हालांकि अभी यह GPT4 लैंग्वेज मॉडल से बहुत पीछे है जिसे लगभग 1.75 Trillion parameters पर प्रशिक्षित किया गया है| Google अभी BARD AI को नए अधिक एडवांस लैंग्वेज मॉडल (Pathways Language Model) PaLM 2 पर शिफ्ट करने की तैयारी में है| PaLM 2 सही मायनों में BARD AI को GPT4 के टक्कर में लाकर खड़ा कर देगा हालाँकि अभी तक ये पूरी तरह से कन्फर्म नहीं है की PaLM 2 को कितने पैरामीटर्स पर प्रशिक्षित किया गया है| लेकिन कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार इनकी संख्या 1.1 Trillion or more parameters हो सकती है|
Google BARD AI कैसे काम करता है?
Google का बार्ड एआई एक अत्यधिक परिष्कृत लैंग्वेज मॉडल Language Model for Dialogue Applications (or LaMDA for short) पर काम करता है जो मनुष्यों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देने के लिए advance machine learning algorithm और transformer neural network architecture का उपयोग करता है। मॉडल के आर्किटेक्चर में neural network की कई परतें होती हैं, जो इनपुट टेक्स्ट को प्रोसेस करने और आउटपुट टेक्स्ट उत्पन्न करने के लिए एक साथ काम करती हैं। प्रश्नों का सटीक उत्तर देने के लिए के लिए, Google की बार्ड एआई एक नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (एनएलपी) एल्गोरिथ्म का उपयोग करती है जिसे शब्दों और वाक्यांशों के संदर्भ और अर्थ को समझने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मॉडल के न्यूरल नेटवर्क को टेक्स्ट डेटा के बहुत बड़े डाटासेट पर प्रशिक्षित किया जाता है, जो इसे भाषा में निहित पैटर्न को पहचानने और शब्दों और वाक्यांशों के बीच संबंधों को समझने की अनुमति देता है। प्रश्नों का उत्तर देते समय, मॉडल पूछे गए प्रश्न या टेक्स्ट को अपने न्यूरल नेटवर्क के माध्यम से प्रोसेस करता है, जो ऐसा आउटपुट टेक्स्ट उत्पन्न करता है जो अत्यधिक सटीक और प्रासंगिक होता है।
Google BARD AI का प्रयोग कैसे करें?
Google BARD AI को Google के CEO Sunder Pichai ने 10 May 2023 को भारत के साथ साथ दुनिया भर के 180 देशों में लांच कर दिया गया है| अभी यह टेस्टिंग के लिए उपलब्ध है और आने वाले दिनों में इसमें कई परिवर्तन होने की सम्भावना है| Google BARD AI का प्रयोग करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें: स्टेप 1. Google बार्ड आधिकारिक (https://bard.google.com) वेबसाइट पर जाएं।
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स्टेप 2. Sign in बटन पर क्लिक करें स्टेप 3. अपने गूगल अकाउंट के साथ साइन इन करें। स्टेप 4. अब आपके सामने Google BARD AI का chatbot interface ओपन हो जाएगा स्टेप 5. अब आप Google BARD AI को प्रयोग करने के लिए तैयार हैं
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यहां कुछ चीजें हैं जो आप Google BARD के साथ कर सकते हैं: - प्रश्न पूछें: Google BARD आपके प्रश्नों का सटीक और प्रासंगिक उत्तर दे सकता है भले आपने प्रश्न किसी भी भाषा में या ग्रामर की गलतियों के साथ पूछे हों| - टेक्स्ट जनरेट करें: Google BARD किसी भी प्रकार के prompt के अनुसार टेक्स्ट जनरेट कर सकता है जैसे की कवितायें, कहानियाँ, कोडिंग, स्क्रिप्ट, ईमेल, लेटर आदि| बेहतर prompt लिखने के लिए आप prompt engineering की सहायता ले सकते है| - भाषाओं का अनुवाद करें: Google BARD भाषाओं का सटीक और धाराप्रवाह अनुवाद कर सकता है। Google BARD अभी भी विकसित हो रहा है, लेकिन यह एक पावरफुल टूल है जिसे कई प्रकार के कार्यो के लिए प्रयोग किया जा सकता है| भविष्य में इसमें और अधिक सुधार होने की सम्भावना है|
Google BARD AI के प्रयोग
किसी भी प्रकार के प्रश्न और प्रांप्ट के आधार पर सटीक और प्रासंगिक टेक्स्ट आउटपुट जनरेट करने की क्षमता के कारण Google BARD AI को विभिन्न इंडस्ट्रीज में कई प्रकार के कार्यो के लिए प्रयोग किया जा सकता है। मॉडल के कुछ प्रमुख अनुप्रयोगों में शामिल हैं: कंटेंट क्रिएशन: न्यूज़ मीडिया, पब्लिशिंग और मार्केटिंग सहित विभिन्न प्रकार की इंडस्ट्रीज के लिए हाई क्वालिटी कंटेंट जनरेट करने के लिए Google BARD AI का उपयोग किया जा सकता है। BARD AI को विशिष्ट विषयों पर सटीक टेक्स्ट जनरेट करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है, जिससे वह प्रासंगिक और आकर्षक कंटेंट को जल्दी और कुशलता से बना सके। सोशल मीडिया मार्केटिंग: सोशल मीडिया पोस्ट, ट्वीट्स और सोशल मीडिया कंटेंट के अन्य प्रकार को बनाने के लिए Google BARD AI का उपयोग किया जा सकता है। शिक्षा और अनुसंधान: Google BARD AI का उपयोग शोध पत्रों, रिपोर्टों और अन्य अकादमिक प्रकाशनों के लिए टेक्स्ट जनरेट करने के लिए किया जा सकता है। ग्राहक सेवा: Google BARD AI का उपयोग ग्राहकों की पूछताछ और शिकायतों पर प्रतिक्रिया उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है। यह मॉडल ग्राहकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के लिए ऐसा जनरेट कर सकता है जो स्वाभाविक लगने वाला और मददगार हो, जिससे यह ग्राहक सेवा टीमों के लिए एक मूल्यवान उपकरण बन जाता है। कुल मिलाकर, Google BARD AI के अनगिनत अनुप्रयोग हैं, और मॉडल में व्यवसायों द्वारा कंटेंट बनाने और अपने दर्शकों के साथ संवाद करने के तरीके में क्रांति लाने की क्षमता है।
Google BARD AI की सीमायें
Google BARD AI ने मनुष्य के सामान टेक्स्ट उत्पन्न करने में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है, लेकिन इसके साथ ही इसकी कई सीमाएँ और संभावित कमियाँ भी हैं जिनके बारे में जानकारी रखना आवश्यक है। इस भाग में हम इनमें से कुछ सीमाओं पर चर्चा करेंगे। सबसे पहले, नैतिक चिंताएँ Google के बार्ड एआई की सबसे बड़ी सीमाओं में से एक हैं। इस मॉडल की रीयलिस्टिक टेक्स्ट जनरेट करने की क्षमता के कारण इसका दुरूपयोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इस टेक्नोलॉजी का उपयोग सत्य लगने वाले नकली समाचार, प्रचार और गलत सूचना अभियान उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है जो बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। दूसरे, Google BARD AI पूछे गए प्रश्नों या प्रांप्ट के उत्तर में पूर्वाग्रह से ग्रस्त आउटपुट दे सकता है। मॉडल को टेक्स्ट डेटा के बड़े डाटासेट पर प्रशिक्षित किया जाता है जिसमें निहित पूर्वाग्रह और रूढ़िवादिता हो सकती है। यदि मॉडल को सावधानीपूर्वक प्रशिक्षित नहीं किया जाता है, तो यह इन पूर्वाग्रहों को कायम रख सकता है और सामाजिक असमानताओं को मजबूत कर सकता है। तीसरा, गलत सूचना और फर्जी खबरों का जोखिम Google BARD AI की एक और बड़ी सीमा है। बिलकुल मनुष्य जैसा लेख लिखने की इसकी क्षमता के कारण बुरे लोगो और अपराधियों के लिए गलत सूचना और प्रचार प्रसार करना आसान हो सकता है। अंत में, यह टेक्नोलॉजी फूलप्रूफ नहीं है और एडवांस टेक्नोलॉजी होने के बाद भी त्रुटियां और गलतियां कर सकती हैं। मॉडल ऐसा टेक्स्ट जनरेट कर सकता है जो व्याकरणिक रूप से सही हो लेकिन अप्रासंगिक या निरर्थक हो। अंत में, जबकि Google BARD AI में महत्वपूर्ण क्षमता है, इसकी सीमाएँ और संभावित कमियाँ भी हैं जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है। इस टेक्नोलॉजी के उपयोग पर विचार करते समय नैतिक चिंताएं, स्थायी पूर्वाग्रह, गलत सूचना का जोखिम, और संभावित त्रुटियां कुछ सीमाएं हैं जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए।
Google BARD AI और GPT4 की तुलना
FeatureGoogle's Bard AIGPT-4ArchitectureA hybrid model that combines rule-based systems, machine learning, and natural language processingA transformer-based language model that uses deep neural networksAlgorithmsCustomized algorithms for generating poetry and creative writingHighly advanced algorithms for generating human-like textPerformanceGenerates high-quality, creative text that rivals human writingHas the potential to surpass the performance of its predecessor, GPT-3Implications for the Language Model MarketGoogle's Bard AI has the potential to revolutionize content generation, creative writing, and poetry.GPT-4 could potentially disrupt the language model market by offering even higher accuracy and more advanced natural language processing capabilities.Supported Languages Support 40 LanguagesSupport 50 LanguagesTrained On 1.37 Trillion Words1.56 Trillion Words
PaLM 2 और GPT4 की तुलना
PaLM 2 और GPT-4 दोनों large language models (LLM) हैं जिन्हें टेक्स्ट और कोड के बड़े डेटासेट पर प्रशिक्षित किया गया है। ये दोनों मॉडल टेक्स्ट जनरेट कर सकते हैं, भाषाओं का अनुवाद कर सकते हैं, विभिन्न प्रकार की रचनात्मक सामग्री लिख सकते हैं, और सूचनात्मक तरीके से आपके प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं। हालांकि, दोनों मॉडलों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। मॉडल का आकार PaLM 2 GPT-4 से छोटा मॉडल है। PaLM 2 में 540 बिलियन पैरामीटर हैं, जबकि GPT-4 में 1.75 ट्रिलियन पैरामीटर हैं। इसका मतलब यह है कि PaLM 2 प्रशिक्षण और उपयोग के लिए कम्प्यूटेशनल रूप से कम खर्चीला है। हालाँकि, इसका अर्थ यह भी है कि PaLM 2 GPT-4 जितना शक्तिशाली नहीं है। प्रशिक्षण जानकारी PaLM 2 को GPT-4 की तुलना में व्यापक प्रकार के डेटा पर प्रशिक्षित किया गया है। PaLM 2 को पुस्तकों, लेखों, वेबसाइटों और कोड रिपॉजिटरी सहित विभिन्न स्रोतों से टेक्स्ट और कोड पर प्रशिक्षित किया गया है। GPT-4 को एक ही स्रोत से टेक्स्ट पर प्रशिक्षित किया जाता है, जो कि इंटरनेट है। इसका अर्थ है कि PaLM 2 के GPT-4 की तुलना में अधिक सटीक और सूचनात्मक होने की संभावना है। कार��य PaLM 2 और GPT-4 दोनों कई तरह के कार्य कर सकते हैं, जिसमें कोड जनरेशन, अनुवाद, प्रश्न उत्तर और सारांश शामिल हैं। हालांकि, कुछ कार्यों में PaLM 2 GPT-4 से बेहतर है। उदाहरण के लिए, PaLM 2 रीज़निंग और लॉजिक में बेहतर है, जबकि GPT-4 अलग-अलग क्रिएटिव टेक्स्ट फ़ॉर्मेट जनरेट करने में बेहतर है। शक्तियां और कमजोरियां PaLM 2 GPT-4 की तुलना में अधिक सटीक और सूचनात्मक है। यह रीजनिंग और लॉजिक में भी बेहतर है। हालाँकि, PaLM 2 GPT-4 की तुलना में एक छोटा मॉडल है, जिसका अर्थ है कि यह कम शक्तिशाली है। PaLM 2 की तुलना में GPT-4 अधिक रचनात्मक और अभिव्यंजक है। यह विभिन्न रचनात्मक पाठ स्वरूपों को उत्पन्न करने में भी बेहतर है। हालाँकि, GPT-4 PaLM 2 की तुलना में कम सटीक और सूचनात्मक है। इसके पक्षपाती या गलत होने की भी अधिक संभावना है। संभावित अनुप्रयोग PaLM 2 और GPT-4 दोनों के संभावित अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला है। उनका उपयोग सर्च, अनुवाद, ग्राहक सेवा, शिक्षा आदि के लिए किया जा सकता है। PaLM 2 को उन कार्यों के लिए उपयोग किए जाने की अधिक संभावना है जिनमें सटीक जानकारी की आवश्यकता होती है, जबकि GPT-4 के उन कार्यों के लिए उपयोग किए जाने की अधिक संभावना होती है जिनमें रचनात्मकता और अभिव्यक्ति की आवश्यकता होती है। PaLM 2 और GPT-4 दोनों संभावित अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ शक्तिशाली भाषा मॉडल हैं। PaLM 2 अधिक सटीक और सूचनात्मक है, जबकि GPT-4 अधिक रचनात्मक और अभिव्यंजक है। दोनों मॉडल अभी भी विकास के अधीन हैं, लेकिन उनमें कंप्यूटर के साथ हमारे इंटरैक्ट करने के तरीके में क्रांति लाने की क्षमता है। FeaturePaLM 2GPT-4Model size540 billion parameters1.75 trillion parametersTraining data1.56 trillion words175 billion wordsTasksCode generation, translation, question answering, summarization, and moreCode generation, translation, question answering, summarization, and moreStrengthsMore accurate and informative, better at reasoning and logicMore creative and expressive, better at generating different creative text formatsWeaknessesStill under development, can be biased or inaccurateStill under development, can be repetitive or unoriginalPotential applicationsSearch, translation, customer service, education, and moreSearch, translation, customer service, education, and morePotential applicationsSearch, translation, customer service, education, and moreSearch, translation, customer service, education, and more
Lamda vs PaLM vs PaLM2 vs GPT1 vs GPT2 vs GPT3 vs GPT4
ModelParametersTraining DataTasksStrengthsWeaknessesPotential ApplicationsArchitectureLaMDA137 billion1.56 trillion wordsCode generation, translation, question answering, summarization, and moreMore accurate and informative, better at reasoning and logicStill under development, can be biased or inaccurateSearch, translation, customer service, education, and moreTransformer-basedPaLM540 billion600 billion wordsCode generation, translation, question answering, summarization, and moreMore creative and expressive, better at generating different creative text formatsStill under development, can be repetitive or unoriginalSearch, translation, customer service, education, and moreTransformer-basedPaLM21.1 trillion1.5 trillion wordsCode generation, translation, question answering, summarization, and moreMore accurate and informative, better at reasoning and logicStill under development, can be biased or inaccurateSearch, translation, customer service, education, and moreTransformer-basedGPT-1117 billion600 billion wordsText generation, question answering, summarization, and moreGood at generating text that is both informative and engagingCan be repetitive or unoriginalSearch, translation, customer service, education, and moreTransformer-basedGPT-21.37 billion1.56 trillion wordsText generation, question answering, summarization, and moreBetter at generating different creative text formatsCan be biased or inaccurateSearch, translation, customer service, education, and moreTransformer-basedGPT-3175 billion175 billion wordsText generation, question answering, summarization, and moreBetter at reasoning and logicStill under development, can be biased or inaccurateSearch, translation, customer service, education, and moreTransformer-basedGPT-41.75 trillion1.75 trillion wordsText generation, question answering, summarization, and moreBetter at generating different creative text formatsStill under development, can be biased or inaccurateSearch, translation, customer service, education, and moreTransformer-based
Google BARD AI का भविष्य
Google BARD AI ने पहले ही नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है और भविष्य में तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। Google BARD AI के भविष्य के सम्बन्ध में कुछ बातें हैं जिनका उल्लेख करना आवश्यक है: - बेहतर प्रदर्शन: Google BARD AI के अपने प्रदर्शन में सुधार जारी रखने की संभावना है, यह अधिक सटीक हो रहा है और भविष्य में इसके और यथार्थवादी एवं प्रासंगिक टेक्स्ट आउटपुट जनरेट करने की सम्भावना है। - विभिन्न उद्योगों में एकीकरण: जैसे-जैसे मॉडल के प्रदर्शन में सुधार हो रहा है, इसके विभिन्न इंडस्ट्रीज जैसे कंटेंट क्रिएशन, सोशल मीडिया मार्केटिंग और शिक्षा में तेजी से एकीकृत होने की संभावना है। - एडवांस टेक्स्ट जेनरेशन: मॉडल का उपयोग टेक्स्ट के अधिक जटिल रूपों, जैसे कविता, कल्पना और यहां तक कि तकनीकी लेखन को उत्पन्न करने के लिए भी किया जा सकता है। - बहुभाषी क्षमताएं: अधिक वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए इसे सक्षम बनाने हेतु BARD AI को विश्व की 50 भाषाओँ पर प्रशिक्षित किया गया है और आगे भी सीमे विस्तार करने की सम्भावना है। PaLM 2 मॉडल पर शिफ्ट होने के बाद इसमें विश्व की 100 भाषाओ में प्रश्नों और प्रांप्ट का उत्तर देने की क्षमता आ जाएगी| - अधिक पर्सनलाइज्ड इंटरैक्शन: मॉडल की भाषा की बारीकियों को समझने और वैयक्तिकृत प्रतिक्रियाएं उत्पन्न करने की क्षमता के साथ, यह मनुष्यों और मशीनों के बीच अधिक प्राकृतिक और आकर्षक इंटरैक्शन का कारण बन सकता है। - नैतिकता और निष्पक्षता में उन्नति: जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, यह सुनिश्चित करने पर अधिक ध्यान दिया जा सकता है कि मॉडल नैतिक रूप से और पूर्वाग्रहों को कायम रखे बिना विकसित किया गया है। - अन्य एआई टेक्नोलॉजीज के साथ आगे एकीकरण: मनुष्यों और मशीनों के बीच अधिक परिष्कृत बातचीत को सक्षम करने के लिए, Google BARD AI को अन्य AI technologies, जैसे computer vision, के साथ integrate करने की संभावना है। विभिन्न इंडस्ट्रीज में और सुधार और नए अनुप्रयोगों की संभावना के साथ, Google BARD AI का भविष्य आशाजनक दिखता है। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी विकसित होती जा रही है, यह संभावना है कि मॉडल अधिक क्षमताओं और बेहतर प्रदर्शन के साथ और अधिक परिष्कृत हो जाएगा।
अक्सर पूछे गए प्रश्न (FAQ)
Google BARD AI क्या है? Google बार्ड एआई एक बड़ा भाषा मॉडल है, जिसे एक संवादी एआई या चैटबॉट के रूप में भी जाना जाता है जो सूचनात्मक और व्यापक होने के लिए प्रशिक्षित है। मुझे भारी मात्रा में पाठ डेटा पर प्रशिक्षित किया गया है, और मैं संकेतों और प्रश्नों की एक विस्तृत श्रृंखला के जवाब में मानव-समान पाठ को संप्रेषित और उत्पन्न करने में सक्षम हूं। उदाहरण के लिए, मैं तथ्यात्मक विषयों का सारांश प्रदान कर सकता हूँ या कहानियाँ बना सकता हूँ। मैं Google पर बार्ड एआई का उपयोग कैसे करूं? Google पर बार्ड एआई का उपयोग करने के लिए, आप बस खोज बार में अपनी क्वेरी टाइप कर सकते हैं और दिखाई देने वाले "बार्ड" बटन पर क्लिक कर सकते हैं। बार्ड तब आपकी क्वेरी के आधार पर प्रतिक्रिया उत्पन्न करेगा। क्या Google बार्ड भारत में उपलब्ध है? हां, Google बार्ड भारत में उपलब्ध है। इसे 10 May 2023 को भारत सहित दुनिया भर के 180 देशों में उपलब्ध कर दिया गया है| Google CEO सुन्दर पिचाई ने गूगल के वार्षिक Google I/O event में इसकी घोषणा की| Google ने अपने AI Chatbot का नाम BARD क्यों रखा? Google ने अपने एआई बार्ड का नाम सेल्टिक संस्कृतियों के बंजारों के नाम पर रखा, जो पेशेवर कथावाचक, कविता-निर्माता, संगीत रचनाकार, मौखिक इतिहासकार और वंशावलीज्ञ थे। इन बंजारों को कहानियों और कविताओं को याद रखने और सुनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था, और उन्होंने संस्कृति को संरक्षित और प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। क्या Google बार्ड कोड लिख सकता है? हां, Google बार्ड कोड लिख सकता है। बार्ड विभिन्न प्रकार की प्रोग्रामिंग भाषाओं में कोड उत्पन्न कर सकता है, जिसमें पायथन, जावा ��र सी ++ शामिल हैं। Google बार्ड क्या कर सकता है? Google बार्ड कई तरह के काम कर सकता है, जिनमें शामिल हैं: - अपने प्रश्नों का व्यापक और सूचनात्मक तरीके से उत्तर दें, भले ही वे ओपन एंडेड, चुनौतीपूर्ण या अजीब हों। - कविता, कोड, स्क्रिप्ट, संगीत के टुकड़े, ईमेल, पत्र, आदि जैसे विभिन्न रचनात्मक पाठ प्रारूप तैयार करें। - भाषाओं का सटीक और धाराप्रवाह अनुवाद करें। - विभिन्न प्रकार की रचनात्मक सामग्री लिखें। - अपने निर्देशों का पालन करें और अपने अनुरोधों को सोच-समझकर पूरा करें। बार्ड एआई कितना अच्छा है? Google BARD सभी तरह के large language model (LLM) से सम्बंधित कार्य आसानी से और उत्कृष्ट गुणवत्ता के साथ कर सकता है। यह सूचनात्मक और आकर्षक दोनों तरह का पाठ उत्पन्न करने में सक्षम है। यह भाषाओं का सटीक और धाराप्रवाह अनुवाद भी कर सकता है। क्या Google BARD AI का प्रयोग फ्री होगा? Read the full article
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amitgopal390 · 11 months
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वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत कब, कैसे और किसने किया?
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत कब, कैसे और किसने किया? रेलवे द्वारा संचालित वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, जिसे पहले ट्रेन 18 के नाम से जाना जाता था, भारतीय रेलवे द्वारा संचालित एक इलेक्ट्रिक मल्टी-यूनिट ट्रेन है। शताब्दी एक्सप्रेस के समान, ये दिन की ट्रेन सेवाएं हैं जो प्रमुख भारतीय शहरों को जोड़ती हैं जो एक दिन से भी कम समय की दूरी पर हैं। ये एक भारतीय अर्ध-हाई स्पीड ट्रेन और भारत की पहली बिना…
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disuv · 1 year
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करेजा क्यों फटे : फट फट फटाफट !
दिल्ली/ 16-02-2023
बाबू जगजीवन राम जाति के चमाड़ थे । 20वीं सदी में हिंदुस्तानी कमीज़ में रफ़ू हुआ तो धागे धागे पर राम-रहीम उभड़ने लगे । तिलक और जेनऊ पर धूल के धब्बे पड़ने लगा था । हालांकि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित बिरादरी के थे , अपितु पंडितों की गति उड़ते परिंदे ताक रहे थे । धोखाधखि में पंडितों के हाथ से लगाम छूट गया । पंडित समाज ऊपरवाले का डर दिखाते पर ऊपर उठ चुके राम वहाँ से धनुष बाण साध कर कहते - अब चुप हो जाइए नही तो बैकुंठ भेज देंगे !
बाबू जगजीवन राम के नाम से मैंने ये लेख इसलिए नही सुरु किया क्योंकि वे प्रसिद्ध नेता थे , बल्कि इसलिए सुरु किया क्योंकि उनके नाम मे राम है और लक्ष्मण राम मेरे बचपन के मित्र थे । बेशक़ जगजीवन राम लंगड़ाते नही थे लेकिन उन्होंने शर्तिया भैंस का माँस स्वाद लेकर खाया होगा । चमाड़ जाति की दुर्गति को मैंने अपनी आंखों से देखी है । "नदी'' में बिखड़े पड़े बैल और भैंस के कंकाल को देखकर मैं सिहर जाता था । शार्टकट रास्ता उधर से ही था तो बारीबारी होते हुए चौक पर और बारीबारी होते घर । बारी को जंगल समझिए नाकि बंगाली में घर । मैथली में बारी शब्द को घर के आसपास के जंगल के लिए प्रयोग किया जाता है । ''नदी'' के पास कभी कभी लक्ष्मण राम हाथ मे कुल्हाड़ी पकड़े दिख जाता था । मेरा मन करता था कि उससे तत्क्षण मित्रता तोड़ दें , परन्तु बचपन मे हड्डियों से अधिक मोह बड्डीयों से होता है , सो नही तोड़ सका । ऊपर से लक्ष्मण राम गीत लाज़बाब गाता था । खासकर शारदा सिन्हा जी का गीत । विधात ने बहुत जुलम किया था इस लक्ष्मण राम पर । बाबू जगजीवन राम विकलांग नही थे पर ये राम विकलांग था । लंगड़ाते हुए स्कूल आता था । एक तो राम ऊपर से विकलांग ।
बाबू जगजीवन राम आरा में पानी पीने के लिए तरस गए थे । स्कूल में हिंदुओंने पानी पर कब्जा जमा लिया था । बहुत संघर्ष के बाद जगजीवन राम को पानी मिला लेकिन अलग से एक अछूत बर्तन में । हमारे स्कूल में लक्ष्मण राम को कभी भी इस तरह से अपमानित नही किया गया । शायद समय और समय मे दूरी कायम होने के चलते या फिर ग्रामीण सर्वजातीय समभाव चेतना के चलते । हमने एकबार लक्ष्मण से पूछा भी था -- भैंसा क्यों खाते हो ? वह बोला - अनाज़ मिलता ही कहाँ है जो देह बने । ताकत के लिए गरीबों को माँस के अलावा और उपाय क्या है । हमने फिर कभी उससे नही कहा की भैंसा का मांस मत खाओ । मैं उससे कभी घृणा भी नही कर सका ।
कब और किसने समाज को दूषित किया इस बात को जानने के लिए कुछ तिनके ही काफ़ी हैं । ठीक ठीक देखनेपर हमें सहज ज्ञात हो जाता है कि इस मानवीय दौर में स्वयं के प्रति अधिक रुझान है और जाति के प्रति कम । दो भिन्न जाति के दो लोग आपस मे मिलकर एक अन्य जाति को जन्म देते हैं । फिर उसके बाद एक और समाज !
-दिशव
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learnoutt · 1 year
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Telephone ka Aavishkar Kisne Kiya | learnoutt
Telephone ने व्यक्तियों को लंबी दूरी तक जुड़ने और बातचीत करने में सक्षम बनाकर संचार में क्रांति ला दी। 19वीं शताब्दी के अंत में आविष्कार किया गया, Telephone एक क्रांतिकारी तकनीक के रूप में उभरा जिसने समाज को बदल दिया। इसने पत्रों या टेलीग्राम जैसे पारंपरिक तरीकों की सीमाओं को पार करते हुए वास्तविक समय में आवाज संचार की सुविधा प्रदान की।Telephone के साथ, लोग एक दूसरे से सीधे बात कर सकते हैं, भौगोलिक अंतराल को पाट सकते हैं और तत्काल कनेक्शन को बढ़ावा दे सकते हैं। माइक्रोफोन में बोलकर, ध्वनि को विद्युत संकेतों में परिवर्तित किया गया, तार पर प्रसारित किया गया, और प्राप्त अंत में वापस ध्वनि में परिवर्तित हो गया। इस आविष्कार ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की, जिससे Telephone नेटवर्क की स्थापना हुई और दूरसंचार उद्योग का जन्म हुआ। आज आप इस आर्टिकल में जानेंगे कि Telephone ka Aavishkar Kisne Kiya.
जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ी, टेलीफोन लैंडलाइन से मोबाइल फोन में विकसित हुए, पोर्टेबल और वायरलेस होते गए। आज, स्मार्टफोन ने इंटरनेट एक्सेस, मैसेजिंग और मल्टीमीडिया क्षमताओं जैसी उन्नत सुविधाओं को एकीकृत करके टेलीफोनी की अवधारणा को बदल दिया है। Telephone निस्संदेह हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है, संचार में क्रांति ला रहा है और वैश्विक कनेक्टिविटी को सक्षम कर रहा है। यह विकसित होना जारी है, जिस तरह से हम बातचीत करते हैं, काम करते हैं, और आधुनिक दुनिया में जानकारी साझा करते हैं।
Telephone का आविष्कार किसने और कब किया?
Telephone का इतिहास कई शताब्दियों तक फैला हुआ है, ध्वनि संचरण के शुरुआती प्रयोगों से लेकर आधुनिक दूरसंचार प्रणालियों के विकास तक, जिन पर हम आज भरोसा करते हैं। 
ध्वनि को लंबी दूरी तक प्रसारित करने की अवधारणा ने प्राचीन काल से ही आविष्कारकों को आकर्षित किया है। 17वीं शताब्दी में, रॉबर्ट हुक और रॉबर्ट बॉयल ने स्ट्रिंग टेलीफोन के साथ प्रयोग किए, जिसमें कसकर खींची गई डोरियों के साथ ध्वनि कंपन को प्रसारित करना शामिल था। हालाँकि, ये शुरुआती प्रयास अपनी सीमा और स्पष्टता में सीमित थे।
19वीं शताब्दी की शुरुआत में Telephone का असली अग्रदूत सामने आया। 1804 में, फ्रांकोइस सुद्रे नाम के एक फ्रांसीसी ने पहला यांत्रिक टेलीग्राफ विकसित किया, जिसे "ध्वनिक टेलीग्राफ" के रूप में जाना जाता है। इस प्रणाली ने कोडित संदेशों के प्रसारण की अनुमति देते हुए, विभिन्न अक्षरों के लिए अलग-अलग ध्वनि उत्पन्न करने के लिए वाइब्रेटिंग रीड और रेज़ोनेटर की एक श्रृंखला का उपयोग किया। अगला महत्वपूर्ण विकास 1837 में आया जब एंटोनियो मेउची नाम के एक युवा इतालवी आविष्कारक ने एक उपकरण बनाया जिसे उन्होंने "Teletrofono" कहा। मेउसी का आविष्कार एक विद्युत चुम्बकीय उपकरण था जो ध्वनि संकेतों को प्रसारित करने के लिए तांबे के तार का उपयोग करता था। हालांकि, वित्तीय बाधाओं के कारण, मेउची अपने आविष्कार को पेटेंट या व्यावसायीकरण करने में असमर्थ थे, और उनके योगदान को बाद के वर्षों में बड़े पैमाने पर देखा गया।
Telephone के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक अलेक्जेंडर ग्राहम बेल हैं। 1876 ​​में, संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने वाले स्कॉटलैंड में जन्मे एक आविष्कारक बेल ने एक तार पर पहला समझदार भाषण सफलतापूर्वक प्रसारित किया। उन्होंने प्रसिद्ध रूप से कहा, "Mr. Watson, Come here, I want to see you।" इस ज़बरदस्त प्रदर्शन ने Telephone के जन्म को चिन्हित किया जैसा कि हम आज जानते हैं।
बेल का आविष्कार इलेक्ट्रोमैग्नेटिक टेलीग्राफ के सिद्धांतों पर आधारित था। उनके टेलीफोन ने ध्वनि कंपन को पकड़ने के लिए एक माइक्रोफोन का इस्तेमाल किया, जिसे बाद में एक membrane द्वारा विद्युत संकेतों में परिवर्तित कर दिया गया। इन संकेतों को एक तार से एक रिसीवर तक प्रेषित किया गया था, जहां उन्हें कंपन डायाफ्राम का उपयोग करके वापस ध्वनि में परिवर्तित कर दिया गया था। 1876 ​​में filed, बेल के टेलीफोन पेटेंट ने एक अन्य आविष्कारक एलीशा ग्रे के साथ कानूनी लड़ाई छेड़ दी, जो इसी तरह के उपकरण पर काम कर रहे थे। प्राथमिकता और पेटेंट अधिकारों पर विवाद अंततः बेल के पक्ष में तय किया गया, जिससे इतिहास में टेलीफोन के आविष्कारक के रूप में उनकी जगह मजबूत हो गई।
पेटेंट जारी होने के बाद, बेल और उनके व्यापारिक भागीदारों ने बेल टेलीफोन कंपनी की स्थापना की, जो बाद में अमेरिकी टेलीफोन और टेलीग्राफ कंपनी (AT) बन गई।
19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में, टेलीफोन प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण प्रगति हुई थी। बिजली के क्षेत्र में अपने आविष्कारों के लिए जाने जाने वाले थॉमस एडिसन ने टेलीफोन के डिजाइन और कार्यक्षमता में सुधार करके इसमें उल्लेखनीय योगदान दिया। उन्होंने कार्बन ट्रांसमीटर विकसित किया, जिसने बेल के मूल membrane डिजाइन को बदल दिया और संचरित आवा�� संकेतों की स्पष्टता और मात्रा में काफी सुधार किया।
इस अवधि के दौरान एक अन्य महत्वपूर्ण विकास स्वचालित Telephone एक्सचेंज की शुरूआत थी। 1892 में, कैनसस सिटी के एक अंडरटेकर, एलमोन स्ट्रॉगर ने एक इलेक्ट्रोमैकेनिकल डिवाइस का पेटेंट कराया, जो स्वचालित रूप से टेलीफोन कनेक्शन स्विच कर सकता था। इस नवाचार ने मैनुअल स्विचबोर्ड ऑपरेटरों की आवश्यकता को समाप्त कर दिया, जिससे टेलीफोन सिस्टम की दक्षता और मापनीयता बढ़ गई।
20वीं शताब्दी के मध्य के दौरान, Telephone प्रौद्योगिकी में और प्रगति हुई। एक उल्लेखनीय विकास 1940 के दशक में ट्रांजिस्टर का परिचय था, जिसने भारी वैक्यूम ट्यूबों को बदल दिया और छोटे, अधिक कुशल टेलीफोनों के लिए अनुमति दी। इसने बड़े पैमाने पर उत्पादन और टेलीफोन की सामर्थ्य के लिए मार्ग प्रशस्त किया, जिससे उन्हें व्यापक रूप से अपनाया गया। 1970 और 1980 के दशक में, दूरसंचार उद्योग ने डिजिटल प्रौद्योगिकी की शुरुआत के साथ एक बड़ा परिवर्तन देखा। डिजिटल Telephone सिस्टम ने ध्वनि संकेतों को डिजिटाइज़ किया, जिससे अधिक कुशल संचरण, बेहतर कॉल गुणवत्ता और कॉलर आईडी और ध्वनि मेल जैसी अतिरिक्त सुविधाओं का एकीकरण हो गया।
1980 के दशक में मोबाइल टेलीफोनी का आगमन भी देखा गया। मोबाइल फोन की पहली पीढ़ी, जिसे अक्सर उनके बड़े आकार और वजन के कारण "ब्रिक फोन" कहा जाता है, ने एनालॉग तकनीक का उपयोग किया। हालांकि, 1990 के दशक में डिजिटल सेलुलर नेटवर्क में प्रगति के कारण छोटे और अधिक बहुमुखी मोबाइल फोन का विकास हुआ।
20वीं सदी के अंत और 21वीं सदी की शुरुआत में टेलीफोनी में और नवाचार आए। इंटरनेट के उद्भव और डिजिटल संचार के तेजी से विकास के कारण Voice Over Internet Protocol (VoIP) तकनीक का विकास हुआ। वीओआईपी पारंपरिक टेलीफोन नेटवर्क को दरकिनार करते हुए वॉयस सिग्नल को इंटरनेट पर प्रसारित करने की अनुमति देता है। इस तकनीक ने लंबी दूरी की कॉलिंग में क्रांति ला दी और वॉयस और डेटा सेवाओं के एकीकरण को सक्षम किया। इसके अलावा, 2000 के दशक के अंत में स्मार्टफोन के उदय ने दूरसंचार परिदृश्य को बदल दिया। स्मार्टफोन एक टेलीफोन, कंप्यूटर और मल्टीमीडिया डिवाइस की कार्यात्मकताओं को एक पोर्टेबल डिवाइस में जोड़ते हैं। वे इंटरनेट कनेक्टिविटी, इंस्टेंट मैसेजिंग, वीडियो कॉलिंग और एप्लिकेशन की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं, जिससे लोग कैसे संवाद करते हैं और जानकारी तक पहुंच पाते हैं।
हाल के वर्षों में, 5G नेटवर्क के आगमन के साथ Telephone का विकास जारी रहा है, जो तेज डेटा गति और कम विलंबता का वादा करता है। इसके अतिरिक्त, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वॉइस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी में प्रगति ने आभासी सहायकों का विकास किया है, जैसे कि Apple के सिरी, अमेज़न के एलेक्सा और Google असिस्टेंट, जो वॉयस कमांड के माध्यम से विभिन्न कार्य कर सकते हैं। आज, Telephone हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है, जिससे दुनिया भर में त्वरित संचार संभव हो गया है। इसने व्यवसाय संचालन को बदल दिया है, दूरस्थ कार्य और सहयोग की अनुमति दी है, और ई-कॉमर्स और डिजिटल सेवाओं के उदय की सुविधा प्रदान की है।
आगे देखते हुए, संवर्धित वास्तविकता, आभासी वास्तविकता और Internet of Things (IoT) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ टेलीफोनी का विकास जारी रहने की संभावना है। ये प्रगति हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं में टेलीफोनी को और एकीकृत करेगी, और भी अधिक सहज और परस्पर संचार अनुभव बनाएगी।
अंत में, टेलीफोन का इतिहास मानवीय सरलता और बेहतर संचार की खोज का एक वसीयतनामा है। आज के वैश्विक दूरसंचार नेटवर्क के लिए एक अवधारणा के रूप में अपनी विनम्र शुरुआत से, Telephone ने क्रांति ला दी है कि हम कैसे एक दूसरे से जुड़ते हैं और बातचीत करते हैं। इसने दूरियों को पाटा है, बाधाओं को तोड़ा है, और दुनिया को एक अधिक परस्पर जुड़ी और सुलभ जगह में बदल दिया है।
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hindimeguru · 1 year
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इस लेख का विषय है telephone ka avishkar kisne kiya tha, जिसमें हम आपको बताएंगे कि टेलीफोन का आविष्कार किसने और कब किया और इस विषय से जुड़ी और भी रोचक जानकारियां। पूरी जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट मे जाए
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unifiellp · 1 year
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Marketing Strategy
इंग्लिश में एक लाइन है, “Without planning don't do any action.” मतलब बिना योजना के कोई भी कार्य न करें. कोई भी कार्य हो छोटा या बड़ा यदि हम उसे बिना योजना के करते हैं, तो कार्य सफल नहीं होते हैं. सफलता का सबसे अच्छा और सरल उपाय है Planning.
WHAT IS MARKETING STRATEGY ?
अगर आप बिजनेसमैन है तो Marketing Strategy for a business जरूरी होता है. भले ही आप किसी भी किस्म के बिजनेस मैन हो, छोटे या बड़े; बिना प्लानिंग के आप का बिजनेस सफल नहीं होता है.
यदि आपने पहले कभी भी Marketing Plan नहीं किया है, तो आपका असमंजस में होना लाजमी है. इसीलिए हम आपको असमंजस से निकालने के लिए यह लेख लाएं हैं.
Marketing Plan आपके लिए ठीक एक गूगल मैप की तरह से ही काम करता हैं. Marketing Strategy for a business 5W`s व 1H को पूरी तरह से बताने का काम करता है. 5W`s व 1H आपके  Marketing Plan के कब, क्यों, क्या, कहाँ, किसने व कैसे की व्याख्या करता है.
एक ठोस Marketing Plan आपके बिज़नेस व प्रोडक्ट को नई उचाईयों पर ले जाने के लिए बहुत फायदेमंद होता है. Marketing Strategy के जरिये कंपनी, ब्रांड को लोगों की मेमोरी में आसानी से लाया जाता है. अपने ग्राहक को अपनी कंपनी या अपने ब्रांड के बारे में बताने के लिए marketing strategy से बेहतर कुछ भी नहीं है.
HOW TO MAKE A MARKETING PLAN ?
एक मार्केटिंग प्लान में आदर्श रूप से शामिल होना चाहिए:
आपके लॉन्ग टर्म और शार्ट टर्म मार्केटिंग गोल
आपके लक्षित दर्शकों या खरीदार व्यक्तित्व का विवरण
एक या अधिक हाई लेवल Marketing strategies और रणनीतियाँ
हाँ अगर आपका मार्केट प्लान आप विस्तार से बना रहे हैं तो इसमें कुछ चीज़े शामिल कर सकते हैं जैसे -
बाजार की मौजूदा स्थिति
आपका बजट या फाइनेंशियल विचार
डेडीकेशन
माइंड मैप (एक चार्ट के फॉर्म में)
आपको बता दें कि Marketing Plan एक pdf डॉक्यूमेंट के तौर पर ग्राहक के सामने पेश किया जाता है. लाप इसका एक अधिक रचनात्मक संस्करण भी तैयार कर सकते हैं. उदाहरण के लिए आप अपना प्लान इन्फोग्रफिक, प्रेजेंटेशन, और यहाँ तक कि आप एक वेब पेज भी बना सकते हैं.  
MARKETING FOR A STARTUP & MARKETING STRATEGY FOR A SMALL BUSINESS
कभी भी यह जरूरी नहीं होता है कि आप अपने बिजनेस को(Market your business) एक बड़े स्तर पर ही शुरू करें, बल्कि आप उसे जीरो लेवल से भी शुरु कर सकते हैं. हम आपको Small Business को बेसिक लेवल से शुरुआत करने के तरीके बतायेंगे.
प्रमोशन और मार्केटिंग के बीच का अंतर सही तरीके से समझना.
मार्केटिंग करने से पहले आप अपना सेल्स चैनल, खुद का वेबसाइट, और खुद का कैटलॉग बना के रखें. यह लोगों  को आसानी से आपसे कनेक्ट होने में मदद करेगा.
MARKETING STRATEGY FOR A NEW BUSINESS
नए बिज़नेस में हमें सजेसन और फीडबैक की बहुत ही ज्यादा जरुररत होती है. हमें इन दोनों से मालूम होता है कि आखिर हममें कमियां थी, जो हमें फीडबैक से मिली हैं. अब फीडबैक के बाद क्या काम करना है, अपने सुधार के लिए.
लोगों को अकसर लगता है कि मार्केटिंग ही सेल्स तक डायरेक्टली लेकर जाती है. पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है क्योंकि मार्केटिंग ट्रस्ट बनाती है. और ट्रस्ट सेल्स तक ले जाने का काम करता है.
मार्केटिंग में हम लोग nearby marketing का महत्व एकदम नहीं समझते हैं, बल्कि यह काफी हद तक महत्वपूर्ण होता है. Nearby Marketing के अंतर्गत हम आपको बता रहें हैं कुछ चीज़े जिन्हें आप अपने प्रोडक्ट या कंपनी की मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं-
आपका पहला ग्राहक आपको आपकी फैमिली या फ्रेंड्स में से मिलेगा.
आपको Genuine Feedback; फीडबैक और सजेसन के तौर पर आपके फैमिली मेंबर्स या फ्रेंड से मिलेगा.
आपकी Marketing के फील्ड में ग्रोथ बढ़ेगी.
HOW TO DO RESULT ORIENTED MARKETING ?
हम लोग ज्यादातर बिजनेस खड़ा करते हैं, उसे बड़ा करने का भी सोचते हैं, पर कितने लोग आखिर सही जगह पर या सही तरीके से उसे target audience तक पंहुचा पाते हैं.
आज के नए दौर में यह कोई बहुत ही मुश्किल काम नहीं है. इंटरनेट ने आजकल इस चिंता से लोगों को बिलकुल ही मुक्त कर दिया है. अब हम बहुत ही आसानी से Internet से Content Consume कर सकते हैं. इसलिए हम अपना ज्यादा समय social media पर व्यतीत करते हैं.
Internet & Social Media के सही ढंग से इस्तेमाल किये जाने पर आपकी कंपनी या आपके ब्रांड के लिए एक Target Audience को बड़ी जनसँख्या से आसानी से निकालकर आप ढूढ़ लेते हैं, और अपने बिज़नेस को प्रमोट करके अच्छा Revenue Generate करते हैं.
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telnews-in · 1 year
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Origins Unclear, This Screenshot Drove $450 Billion Rally In China
Origins Unclear, This Screenshot Drove $450 Billion Rally In China
स्क्रीनशॉट में शी को “बिग बॉस” के रूप में संदर्भित किया गया था और सेंसर के साथ वांग के कदम को संदर्भित करने के लिए “WHN” का उपयोग किया गया था। यह किसने लिखा, कब लिखा, या यह सच है या नहीं, यह कोई नहीं जानता। लेकिन चीन की फिर से खोलने की योजना का विवरण देने वाला चार-पैरा का स्क्रीनशॉट व्यापारियों को दो दिनों तक चालू रखने के लिए स्टॉक खींचने के लिए पर्याप्त था। असत्यापित पोस्ट, जिसमें बिना किसी…
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prinsliworld · 2 years
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भारत की पहली अस्थाई सरकार कब बनी थी और इसका गठन किसने किया था?
भारत की पहली अस्थाई सरकार कब बनी थी और इसका गठन किसने किया था?
Netaji Subhash Chandra Bose इतिहास की ज्यादातर किताबों में बताया गया है कि “भारत की पहली अस्थाई सरकार का गठन 2 सितंबर 1946 को हुआ था और जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) इस सरकार के प्रधानमंत्री थे..” जबकि आजादी के 4 साल पहले ही 1943 में भारत की पहली अस्थाई सरकार बनाई गई थी, जिसका गठन नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) ने सिंगापुर में किया था. यानी सुभाष चंद्र बोस भारत के पहले…
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pushpas-posts · 10 months
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*💦बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय💦*
13/07/23
*🍃Twitter Trending सेवा🍃*
*🌺अभी सावन का महीना चल रहा है। इस महीने में शिव जी के भक्त कांवड़ लेने जाते हैं। और शिव जी का व्रत करते हैं। इस मौके पर लोगों को जानकारी देते हुए बताना है कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं।*
*🌹मालिक की दया से शिव जी से संबंधित Twitter पर अब Trending सेवा करेंगे।*
🚨Note:-  *हमें सभ्य भाषा में Tweet करने हैं।*
*🕊️अपने Tag⬇️ और कीवर्ड के साथ सेवा करनी है जी।*
*#SecretsOfLordShiva*
*ज्ञान गंगा*
*📷''' सेवा से सम्बंधित photo Website पर उपलब्ध हैं जी।
*Hindi*
https://www.satsaheb.org/shiv-ji/
https://news.jagatgururampalji.org/facebook-hindi-shivratri/
https://www.satsaheb.org/story-of-shiv-ji-hindi/
*English*
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*📣सेवा Points📣*
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