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asianneurocentre · 11 months
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What Causes Chronic Migraines? - Dr. Navin Tiwari - Asian Neuro Centre
Chronic Migraines
Chronic migraines are long-lasting and intense headaches that happen frequently. People with chronic migraines experience more than just severe headaches. They also have problems with their senses, like being sensitive to light, sound, and smell.
They may feel sick to their stomach and even throw up. These symptoms can make it hard to do daily activities, work, and maintain relationships.
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What Causes Chronic Migraines?
Researchers believe a complicated interplay of many elements is the actual cause of chronic migraines Here are a few possible causes of recurring migraines:
Family history plays a role, as migraines tend to run in families. Certain genes may make individuals more susceptible to developing chronic migraines.
Poor sleep habits.
Irregular meal times.
Dehydration.
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asianneurocentre · 1 year
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What are the Most Common Neurological Disorders? - Asian Neuro Centre
Neurological Disorder
Neurological disorders are conditions that affect the brain, spinal cord, and nerves throughout the body. These disorders can result in a wide range of symptoms, including changes in movement, sensation, cognition, behavior, and overall quality of life.
Early diagnosis and appropriate management are crucial in effectively managing these conditions and improving the quality of life for individuals affected by them.
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What are the Most Common Neurological Disorders?
Here are some of the most common neurological disorders:
Headaches: Headaches are a prevalent neurological disorder that causes pain and discomfort in the head. There are different types of headaches, including tension headaches, which are often caused by stress or muscle tension; migraines, which can cause severe headaches along with other symptoms like nausea and sensitivity to light; and cluster headaches.
Epilepsy: Epilepsy is a neurological disorder characterized by recurrent seizures, which are sudden, brief changes in the brain’s electrical activity. Seizures can cause a variety of symptoms, such as convulsions, loss of consciousness, and unusual behaviors.
Stroke: A stroke occurs when there is a disruption of blood flow to the brain, leading to damage to brain tissue. Strokes can result in a wide range of symptoms, depending on the area of the brain affected, including weakness or numbness on one side of the body, difficulty speaking or understanding language, and changes in vision or balance.
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asianneurocentre · 1 year
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क्लस्टर सिरदर्द क्या है और क्यों होता है? - डॉ. नवीन तिवारी - एशियन न्यूरो सेंटर
क्लस्टर सिरदर्द क्या है | What is Cluster Headache
क्लस्टर सिरदर्द एक बहुत ही गंभीर और दर्दनाक प्रकार का सिरदर्द है। यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक आम है और अक्सर चक्र या क्लस्टर में हो सकता है। दर्द आमतौर पर सिर के एक तरफ स्थित होता है और इसे तेज, जलन या चुभने वाले दर्द के की तरह मन जाता है।
यह आमतौर पर आंख और माथे के पीछे होता है। इसके साथ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जैसे आंख का लाल होना और आंसू आना। क्लस्टर सिरदर्द आमतौर पर चक्रों या समूहों में होता है। क्लस्टर के दौरान, सिरदर्द कई हफ्तों या महीनों तक दिन में कई बार हो सकता है।
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इन क्लस्टर्स के बीच बिना किसी सिरदर्द के सप्ताह, महीने या साल भी हो सकते हैं। क्लस्टर सिरदर्द का कारण अज्ञात है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसमें जेनेटिक, पर्यावरण और जीवनशैली के कारण हो सकता है।
उपचार में दवाएं, जीवनशैली में बदलाव और अन्य उपचार शामिल हो सकते हैं। क्लस्टर सिरदर्द बहुत अक्षम कर सकता है और किसी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकता है।
यदि आप क्लस्टर सिरदर्द से जुड़े किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। आपका डॉक्टर इस बीमारी का इलाज करेगा।
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asianneurocentre · 1 year
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शिशुओं में दिमागी बुखार के लक्षण | Brain Fever/ Meningitis in Babies in Hindi
शिशुओं में दिमागी बुखार | Brain Fever/ Meningitis in Babies
बच्चो की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है, जिसकी वजह से बच्चे आसानी से किसी भी रोग का शिकार बन सकते हैं। अगर आपके बच्चे को तेज सिर दर्द और स्किन रैश की समस्या होती है तो यह दिमागी बुखार हो सकता है। अगर इस बीमारी का समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर समस्या बन सकती है।
दिमागी बुखार की वजह से बच्चे और उसके माँ-बाप को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है | ज़ाहिर सी बात है बच्चे को तकलीफ में देखर माँ-बाप को भी तकलीफ होती है| बच्चे को ज़्यादा दिक्कत न झेलनी पड़े इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें|
डॉक्टर सही से बता सकेंगे की बच्चे की स्थिति ठीक है या ख़राब | कुछ बच्चे बिना इलाज के  ही कुछ दिनों में ठीक हो जाते है परन्तु सवके साथ ऐसा नहीं होता बोहोत से बच्चो को इलाज की सख्त ज़रूरत होती है |
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शिशुओं में दिमागी बुखार के लक्षण | Symptoms of Brain Fever/ Meningitis in Babies
बच्चों में दिमागी बुखार के लक्षण उनके बैक्टीरिया पर निर्भर करते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में हर बच्चे को अलग-अलग लक्षण महसूस हो सकते हैं। बच्चों के दिमागी बुखार के कुछ आम लक्षणो में शामिल हैं:
बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं, नींद बहुत आना या जागना मुश्किल हो सकता है। उन्हें उठा कर हिलाने पर भी उन्हें दिलासा देना मुश्किल हो सकता है। उन्हें बुखार भी हो सकता है
पीलिया (त्वचा का पीलापन)
शरीर और गर्दन में अकड़न
सामान्य से कम तापमान
तेज़ रोना
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asianneurocentre · 1 year
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अधिक जानकारी प्राप्त करें "स्लिप डिस्क" से संबंधित: स्लिप डिस्क क्या है?, कारण, लक्षण, इलाज | What is Slip Disc in Hindi
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asianneurocentre · 1 year
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दिमाग में पानी भर जाने का इलाज | Hydrocephalus Treatment in Hindi
दिमाग की थैलियों में पानी भर जाने के कारण मस्तिष्क में सूजन पैदा होने लगती है। इसका इलाज संभव है। समय से इलाज शुरू न होने पर यह स्तिथि और गंभीर हो जाती है। मस्तिष्क कार्य करना बंद कर देता है और जान को खतरा भी हो सकता है।
दिमाग के अंदर किसी तरह की रुकावट से यह बीमारी जन्मजात हो सकती है जैसे दिमाग की टीबी होने से, समय से पूर्व पैदा हुए बच्‍चों के मस्तिष्क में खून बहने से, ब्रेन ट्यूमर होने से और ब्रेन हैमरेज होने पर भी यह बीमारी हो सकती है।
इसमें मस्तिष्क में अधिक द्रव जमा होने से दबाव बढ़ जाता है, जिससे मस्तिष्क खराब हो सकता है। दिमाग में पानी भर जाने का इलाज कई अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है। ज्यादातर मामलों में इसका इलाज सर्जरी ऑपरेशन करके ही किया जाता है।
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हाइड्रोसिफेलस का इलाज | Treatment of Hydrocephalus
दिमाग में पानी भरने का इलाज करना बहुतही आवश्यक है यदि इसका इलाज न किआ जाए तो समस्या बढ़ सकती है। मस्तिष्क को क्षति पहुंचे इस से पहले इलाज होना जरुरी है| आगे होने वाली मस्तिष्क में खराबी को रोकने के लिए इलाज किया जाता है।
दवाएं: यदि यह स्थिति किसी इन्फेक्शन से जुडी है तो इस स्थिति को दवाओं की मदद से ठीक किया जा सकता है। यदि इन्फेक्शन का इलाज करने के बाद भी आपको राहत नहीं मिलती है तो डॉक्टर आपको ऑपरेशन करनवाने की सलाह दे सकते है।
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asianneurocentre · 2 years
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अटैक्सिआ तेलंगिएक्टेसिअ इनहेरिटेंस क्या है?, कारण, लक्षण, इलाज
अटैक्सिआ तेलंगिएक्टेसिअ एक दुर्लभ बीमारी है जो की मस्तिष्क के अंगो को प्राभावित करती है। यह बीमारी मुख्या रूप से छोटी उम्र के बच्चो में पायी जाती है। ऐसा ज़रूरी नहीं की यह बीमारी बस मस्तिष्क तक ही सीमित रहे, कई मामले ऐसे भी है जिनमे यह बीमारी शरीर के विभिन्न अंगो पर भी असर करती है।
अटैक्सिआ में हाथ पैर के चलन और संगठन बनाये रखने में बेहद ही कठिनाई होती है। यदि कोई व्यक्ति अटैक्सिआ से जूझ रहा हो तो उसे चलने फिरने व् अन्य रोजमर्रा के काम करने में कठिनाई होने की अत्यधिक सम्भावना होती है। अटैक्सिआ तेलंगिएक्टेसिअ का मरीज़ो को विरासत में मिलती या आसान भाषा में कहे तो यह बीमारी जेनेटिक होती है।
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अटैक्सिआ तेलंगिएक्टेसिअ के कारण
अटैक्सिआ तेलंगिएक्टेसिअ का एक मात्र कारण जेनेटिक्स है। मतलब की यह बीमारी मरीज़ को अपने माँ बाप से विरासत में मिलती है ।
यह एक जेनेटिक बीमारी है जो की इन्हेरिटेंस से आती है । यह बीमारी मनुष्य की एक विशेष प्रकार की जीन्स के गड़बड़ी से होती है जिसका नाम अटैक्सिआ तेलंगिएक्टेसिअ म्यूटेट है।
अटैक्सिआ तेलंगिएक्टेसिअ के लक्षण
अटैक्सिआ तेलंगिएक्टेसिअ के लक्षण कुछ इस प्रकार है:
छोटे बच्चे या जिनकी उम्र 10 से 12 साल के बीच है उनका सही तरीके से मानसिक विकास न हो पाना।
आँखों के सफ़ेद हिस्से में लाल रेखाएं जो की ब्लड की रेखाएं होती है उनका बोहोत ज़्यादा बढ़ना।
सांस सम्बन्धी ब���मारियों की बार बार होना। सांस लेने में अदिकतर दिक्कत महसूस करन।
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asianneurocentre · 2 years
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रीढ़ की हड्डी के विकारों का क्या कारण है? - डॉ. नवीन तिवारी - एशियन न्यूरो सेंटर
रीढ़ की हड्डी में दर्द और तकलीफ आज के दिनों में होना आम बात है। इस का आसार बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक है। रीढ़ की हड्डी में दर्द कई कारणों की वजह से हो सकता है जैसे देर तक बैठ कर काम करते रहना, ज़्यादा मोबाइल और लैपटॉप के उपयोग से भी यह तकलीफ हो सकती है। कमर दर्द के सबसे आम कारणों में से हैं रीढ़ की मांसपेशियों में खिंचाव या मोच आना। इसके इलावा किसी एक ढंग में बैठने से भी दर्द बढ़ सकता है। मुख्या रूप से यह दर्द आपको रीढ़ की हड्डी में महसूस हो सकता है।
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रीढ़ की हड्डी के विकारों का क्या कारण है? | What Causes Spinal Disorders?
रीढ़ की हड्डी में दर्द आमतौर पर स्ट्रेन, टेंशन या इंजरी के कारण हो सकता है।
इसका सबसे पहला कारण हो सकता है देर तक बैठे रहना या लैपटॉप और मोबाइल का ज़्यादा इस्तेमाल करना।
लिगमेंट या मांसपेशियों में किसी तरह की तकलीफ के कारण आपको दर्द महसूस हो सकता है।
मांसपेशियों में खिंचाव या मोच आना दर्द का एक कारण बन सकता है।
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asianneurocentre · 2 years
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स्ट्रोक क्यों आता है | Why Does Stroke Happen? | एशियन न्यूरो सेंटर
स्ट्रोक एक ऐसी बीमारी है जो मस्तिष्क तक और भीतर जाने वाली धमनियों को प्रभावित करती है। स्ट्रोक के लिए मुख्य जोखिम कारक उच्च रक्तचाप है। अन्य जोखिम कारकों में उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल, तंबाकू धूम्रपान, मोटापा, मधुमेह मेलिटस शामिल हैं। यह एक बहुत ही हानिकारक बीमारी हो सकती है, इसके अलावा कुछ गंभीर मामलों में यह घातक भी हो सकती है।
स्ट्रोक के लक्षण | Symptoms of Stroke
स्ट्रोक के संकेतों और लक्षणों को जानकर, आप तेजी से जांच करवा सकते हैं और शायद इस बीमारी के साथ आने वाले जोखिम को कम कर सकते हैं। इस रोग के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं।
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स्ट्रोक के कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं।:
चेहरे, हाथ या पैर में अचानक सुन्नता या कमजोरी, खासकर शरीर के एक तरफ।
अचानक भ्रम, बोलने में परेशानी, या समझने में अचानक कठिनाई का अनुभव करना।
एक या दोनों आंखों से देखने में अचानक परेशानी होना।
अचानक चलने में परेशानी, चक्कर आना, संतुलन बिगड़ना
बिना किसी ज्ञात कारण के अचानक तेज सिरदर्द।
यदि आपको या आपके किसी परिचित को स्ट्रोक हो सकता है, तो लक्षणों के शुरू होने के समय पर विशेष ध्यान दें।
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asianneurocentre · 2 years
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क्या पार्किंसन रोग का इलाज संभव है? - एशियन न्यूरो सेंटर - डॉ. नवीन तिवारी
पार्किंसंस रोग एक ऐसा विकार है जो मनुष्य के उस हिस्से को प्रभावित करता है जिसका काम हमारे शरीर के अंगो को संचालित करना है। इसके लक्षण इतने काम होते है की शुरुआती दौर में इसकी पहचान करना मुश्किल है। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है आपके हाथ पैरों में कमज़ोरी महसूस होने लगती है और इसका असर आपके दैनिक कार्यों में पड़ने लगता है। यह धीरे धीरे विकसित होता है। यह रोग कभी-कभी केवल एक हाथ में कम्पन के साथ शुरू होता है। इसमें आपकी आवाज़ धीमे या अस्पष्ट हो जाती है। चलते फिरते समय आपकी बाजुएं हिलना बंद कर देती है।
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पार्किसन रोग का इलाज संभव है या नहीं? | Is Parkinson’s Curable or Not?
पार्किंसंस एक लाइलाज बीमारी है। परन्तु इसके लक्षण को सुधारने या काम करने के लिए बहुत सारी थेरेपी उपलब्ध है। इन थेरेपी को मस्तिष्क में डोपामाइन का प्रभाव लम्बे समय तक अपने ब्रेकडाउन को रोककर मस्तिष्क में इसकी मात्रा बढ़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पार्किंसन के लिए सबसे अच्छा उपचार लेवोडापा है, जिससे मस्तिष्क में डोपामाइन में परिवर्तित किआ जाता है। हालांकि, लेवोडापा के साथ बहुत लम्बे इलाज के कारण इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते है।
सर्जरी: कुछ लोगों के लिए जिनमे इस बीमारी के लक्षण नियंत्रण में नहीं होते हैं उनके इलाज के लिए सर्जरी ही एक मात्रा विकल्प होता है। इसके डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) में आपका सर्जन आपके दिमाग के उस हिस्से में जो सभी कार्यों को करने का आदेश देता है, उसमे उत्तेजना जगाने के लिए उसमे इलेक्ट्रोड्स लगाएगा। एक अन्य प्रकार की सर्जरी, जिसमे पार्किसन बीमारी के लक्षण होते हैं उन्हें आपका सर्जन नष्ट कर देता है।
स्टेम सेल थेरेपी: यदि हम अन्य विकल्पों की ओर नज़र डाले जोकि पार्किंसन बीमारी के इलाज में लाभकारी है। इसमें स्टेम सेल से बनने वाली सेल्स से डोपामाइन का उत्��ादन किया जाता है। पार्किंसन बीमारी के इलाज के लिए यह एक कारगर थेरेपी हो सकती है।
सही समय पर विशेषज्ञ से उपचार कराने पर इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आपको पार्किंसन रोग के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त करनी है, या फिर इस रोग का निदान करना है तो तत्काल एशियन न्यूरो सेंटर में संपर्क करें।
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asianneurocentre · 2 years
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माइग्रेन से क्या - क्या परेशानी होती है? -  एशियन न्यूरो सेंटर - डॉ. नवीन तिवारी
माइग्रेन एक प्रकार का भयानक सर दर्द है जो मस्तिष्क के एक तरफ होता है। यह एक सामान्य अक्षम मस्तिष्क विकार है जो अधिक्तर युवास्था और 35 से 45 वर्ष की आयु के लोगों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। इस तरह का सर दर्द काफी अलग होता है, काफी तेज़ और कभी-कभी बर्दाश्त के बाहर हो जाता है। कुछ लोगों को हर हफ्ते एक से ज़्यादा बार इस भयानक सर दर्द का सामना करना पड़ता है।
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माइग्रेन से होने वाली विभिन्न परेशानी | Various Problems Caused by Migraine
माइग्रेन एक मस्तिष्क से जुड़ा विकार है जिसपे रोक न लगाने पर यह दूसरी शारीरिक बिमारियों को बढ़ावा दे सकता है। अगर आप माइग्रेन जैसी बीमारी का सामना कर रहे है तो आपको भी हो सकती ही यह तक़लीफ़े।
माइग्रेन से जुड़ी कुछ परेशानियों के बारे में आगे बात की गयी है। विस्तार से जानने के लिए पूरा पढ़ें।
स्ट्रोक: इस बात के बहुत कम प्रमाण है की माइग्रेन एक स्ट्रोक को ट्रिगर कर सकता है, या फिर दोनों चीज़े एक ही समय में प्रभावित हो सकती है। लेकिन फिर भी, जो लोग माइग्रेन का सामना कर रहे हैं, उनको स्ट्रोक की सम्भावना अधिक होती है। जैसे महिलाओं में, 45 वर्ष से कम आयु के लोग में सम्भावना ज़ादा होती है।
हाई ब्लड प्रेशर: अभी तक अध्ययनों को उच्च रक्तचाप और माइग्रेन के बिच कोई ठोस संबंध नहीं मिला है। परन्तु इस बात का प्रमाण है की उच्च रक्तचाप से आपको इस प्रकार का सर दर्द अधिक हो सकता है।
पीटीइसडी: यदि आप माइग्रेन से पीड़ित है, तो आपको पोस्टट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पी टी इ स डी) होने की अधिक सम्भावना हो सकती है। एक अध्ययन से पता चला है की अगर आपको माइग्रेन है तो पीटीइसडी होने की सम्भावना 5 गुना अधिक है।
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asianneurocentre · 2 years
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बच्चों में मिर्गी, कारण, लक्षण, इलाज -  एशियन न्यूरो सन्तरे - डॉ. नवीन तिवारी
दुनिया भर में कम से कम 4 करोड़ लोग मिर्गी की समस्या से पीड़ित है। मिर्गी कई बिमारियों का समूह है, इसमें रोगी को दौरे पड़ते हैं। लेकिन आज के समय यह बीमारी बच्चों में भी पाई जा रही है| जो बच्चे इस समस्या से पीड़ित है उनके माँ-बाप परेशान हो सकते है, लेकिन इस बीमारी का इलाज मौजूद है। बच्चों को इस बीमारी के लक्षण महसूस हो भी सकते है और नहीं भी, जिसको मिर्गी का दौरा पड़ता है वह बच्चा अपनी मांसपेशियों मे��� ऐठन महसूस करता है और अपनी चेतना खो देता है।
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बच्चों में मिर्गी आने का क्या मतलब है ? | What does epilepsy mean in children?
मिर्गी एक दिमाग से संबंधित समस्या है। इस समस्या के कारण बच्चों को समय-समय पर दौरा पड़ता है। ये दौरे तब आते हैं, जब दिमाग में अचानक रासायनिक प्रक्रिया में परिवर्तन होता है। यह बदलाव सिर पर चोट लगने, संक्रमण, जन्म से पहले मस्तिष्क से जुड़ी समस्याओं के कारण भी हो सकता है। यूं तो मिर्गी का दौरा पड़ने की समस्या जीवन के किसी भी समय उत्पन्न हो सकती है, लेकिन बच्चों और 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में यह सबसे अधिक पायी जाती है।
बच्चों में मिर्गी के लक्षण | Symptoms of Epilepsy in Children
बच्चों में मिर्गी के लक्षण अलग अलग हो सकते हैं। मिर्गी के लक्षण विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़े :-
मांसपेशियों में अचनक झटके लगना
मांसपेशियों का कमज़ोर, सुन्न होना और मरोड़ आना
ऐठन महसूस होना
सांस लेने में और बोलने में तकलीफ महसूस होना
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asianneurocentre · 2 years
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क्या मिर्गी संक्रामक रोग है? | Is Epilepsy a Contagious Disease?
मिर्गी की बीमारी का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में एक ऐसी अवस्था आ जाती है जिसमे मरीज को दौरे पड़ते है और वो बार बार बेहोश होकर ज़मीन पर गिर पड़ता है। उसका शरीर काबू के बाहर चला जाता है, जिससे वो अपना ब्लैडर कंट्रोल भी खो देता है। कभी कभी मिर्गी का मरीज अजीब तरह का व्यव्हार करने लगता है। कुछ समय बाद दौरा पड़ना रुक जाता है और इंसान वापस होश में आ जाता है। यह बीमारी किसी की जाती, समाज या आयु देख कर नहीं होती है, परन्तु यह ज़्यादातर बच्चो या 65 साल से ऊपर लोगो में ज़्यादा पायी जाती है।
मिर्गी किसे कहते है? | What is epilepsy?
एपिलेप्सी को हिंदी में मिर्गी या मिर्गी के दौरे के नाम से जाना जाता है। जब किसी व्यक्ति को मिर्गी का दौरा पड़ता है तो वह बहुत ही अलग तरह का व्यवहार करने लगता है और कई बार तो मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति को याद भी नहीं रहता की उसे दौरा पड़ चूका है।
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मिर्गी का दौरा पड़ने के समय हमारे दिमाग में नर्व सेल्स और न्यूरॉन्स के क्लस्टर में कभी-कभी अजीब व्यवहार, मस्सल स्पासंस, और कभी कभी बेहाश होना, इस प्रकार के असामान्य व्यवहार होते हैं। एपिलेप्सी या मिर्गी के दौरे के समय मनुष्य के मष्तिष्क की न्यूरोनल एक्टिविटी की सामान्य बनावट गड़बड़ा जाती है, परिणामस्वरूप उसके व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है और उसकी नर्व सुन्न पड़ जाती हैं यहां तक कि उसे यह भी याद नहीं रहता की उसके साथ क्या हो चूका है।
क्या मिर्गी संक्रामक रोग है? | Is Epilepsy a Contagious Disease?
मिर्गी संक्रामक रोग नहीं है और न ही यह कोई मानसिक बीमारी है। मिर्गी के होने के कारण तो अभी तक स्पष्ट नहीं है पर अधिकतर यह सिर पर चोट लगने की वजह से, कोई घाव या ट्यूमर आदि कारणों से हो सकती है, पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है की यह किसी के छूने या हवा के द्वारा फ़ैल जाये। कभी-कभी हाई इंटेंसिटी के दौरे मिर्गी के मरीज़ के दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन ज्यादातर दौरे मस्तिष्क पर हानिकारक प्रभाव नहीं डालते हैं।
डॉ नवीन तिवारी
परामर्श न्यूरोलॉजिस्ट।
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asianneurocentre · 2 years
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गर्भावस्था और माइग्रेन, कारण, लक्षण, इलाज | Migraine in Pregnancy
गर्भावस्था के दौरान शरीर में होने वाले तमाम तरह के बदलाव के वजह से महिलाओं में तमाम तरह की समस्या उत्त्पन्न होती है। प्रेगनेंसी के दौरान माइग्रेन  या गंभीर सिरदर्द की शिकायत अक्सर महिलाओं को होती है। दरअसल माइग्रेन एक प्रकार का सरदर्द है जिसमे सर के एक तरफ भीषण दर्द और तनाव का अनुभव होता है। आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान होने वाले सर दर्द को ज़्यादा खतरनाक नहीं मन जाता है परंतु कुछ मामलो में गर्भावस्था के दौरान होने वाले सरदर्द काफी गंभीर हो सकते है। इस दौरान माइग्रेन के कुछ प्रमुख कारण हो सकते है जैसे हार्मोनल इम्बैलेंस, वजन में बदलाव, शरीर में खून की मात्रा में परिवर्तन, आदि।
गर्भावस्था में माइग्रेन के कारण | Causes of Migraine in Pregnancy
महिलाओं के शरीर में हॉरमोनल इम्बैलेंस माइग्रेन का एक प्रमुख कारण मन जा सकता है। एस्ट्रोजन हॉर्मोन का असंतुलन शरीर में तेजी से होता है जिसकी वजह से ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान माइग्रेन की समस्या से व्यतीत करना पड़ता है।
शरीर के वजन का घटना या बढ़ना
शरीर में खून की मात्रा में ऊच-नीच होना
उलटी और मतली भी एक कारण बन सकते हैं
नींद सही से न आना
शारीरिक गतिविधियों में कमी होना
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asianneurocentre · 2 years
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साइटिका का सबसे अच्छा इलाज इंदौर में | Best Treatment for Sciatica in Indore
पोजीशनल वर्टीगो क्या है? | What is Positional Vertigo?
BPPV को पोजीशनल वर्टिगो के रूप में भी जाना जाता है। BPPV, वर्टिगो का एक सामान्य कारण है। यह रोग कान में अर्धवृत्ताकार नहरों में कैल्शियम कार्बोनेट कणों के विस्थापन के कारण होता है। यदि कोई व्यक्ति वर्टिगो का अनुभव कर रहा है तो वे महसूस कर सकते हैं कि उनका परिवेश उनके चारों ओर घूम रहा है। जबकि कोई भी किसी भी उम्र में BPPV विकसित कर सकता है। 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग आमतौर पर BPPV से प्रभावित होते   हैं।
पोजीशनल वर्टीगो के लक्षण | Symptoms of Positional Vertigo
ऐसे कई लक्षण हैं जिनके द्वारा हम पा सकते हैं कि व्यक्ति BPPV से पीड़ित है या नहीं और इसमें शामिल हैं:
चक्कर
उल्टी
अस्थिरता
असंतुलन
ये लक्षण किसी भी समय हो सकते हैं जब आप अपने सिर को झुकाते हैं या अपने सिर की स्थिति को बदलते हैं। आप अपना संतुलन भी खो सकते हैं। आप डर महसूस कर सकते हैं कि आपके साथ कुछ सही नहीं है।
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पोजीशनल वर्टीगो का सबसे अच्छा उपचार इंदौर, मध्य प्रदेश में | Best Treatment for Positional Vertigo in Indore, Madhya Pradesh
कुछ प्रकार के वर्टिगो बिना उपचार के सही हो जाते हैं, लेकिन किसी भी अंतर्निहित समस्या के लिए चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है। अगर आप वर्टिगो का सबसे अच्छा इलाज इंदौर में ढूंढ रहे है तो एशियन न्यूरो सेंटर एक बेहतरीन विकल्प है।
एशियन न्यूरो सेंटर में वर्टिगो के इलाज के लिए एक्सपर्ट टीम मौजूद रहती है जो बीमारी का सटीक रूप से परिक्षण करके उसका इलाज करती है। ऐसे में अगर आप वर्टिगो का सबसे अच्छा इलाज मध्य प्रदेश में ढूंढ रहे है, तो एशियन न्यूरो सेंटर में ज़रूर संपर्क करे अधिक जानकारी के लिए।
डॉ नवीन तिवारी
परामर्श न्यूरोलॉजिस्ट।
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asianneurocentre · 2 years
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साइटिका का सबसे अच्छा इलाज इंदौर में | Best Treatment for Sciatica in Indore
मानव शरीर में कई हड्डिया और नसे होती हैं और किसी में भी अगर दर्द शुरू हो जाये तो पुरे शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याए उत्पन्न होने लगती है और व्यक्ति भयंकर जानलेवा दर्द से गुजरना शुरू कर देता हैं। शरीर में होने वाले बड़े दर्दो में से एक दर्द साइटिका का भी होता हैं।
दरअसल साइटिका एक नस होती हैं जो कमर से शुरू होकर पैरो तक जाती हैं और विभिन्न कारणों और बीमारियो की वजह से इसमें दर्द शुरू हो जाता हैं। सामान्य तौर पर यह दर्द 30 साल की उम्र के बाद से शुरू हो जाता है और अत्यधिक पीड़ादायक होने के कारण इसका इलाज जरूरी होता हैं।
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साइटिका के लक्षण | Symptoms of Sciatica
अगर साइटिका दर्द के लक्षणों की बात की जाये तो वह कुछ इस प्रकार है : –
कमर में दर्द का धीरे धीरे बढ़ना
पैर के पिछले भाग में दर्द उठना
बैठने पर पिछले भागो में दर्द का बढ़ना
कूल्हों में दर्द होना
अधिक जानकारी प्राप्त करें साइटिका से संबंधित,
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asianneurocentre · 2 years
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अल्जाइमर रोग में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? | What Precautions Should be Taken in Alzheimer's Disease?
अल्जाइमर एक तरह का मानसिक बीमारी है । इस बीमारी में मरीज की याददाश्त कमजोर हो जाता है और वह सोचने-समझने की शक्ति खो देता है। मरीज को बोलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. अल्जामइर एक तरह से मरीज की रोजमर्रा की जिंदगी पर नकरात्मक प्रभाव डालती है।
यह बीमारी ज्यादातर 40 वर्ष के बाद या वृद्धव्यस्था में देखने को मिलती है । हम लोग इस बीमारी को डिमेंशिया के नाम से भी जाना जाता है।
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हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार अल्जामइर का कारण मनुष्य के सर में गहरी चोट या फिर बीपी, मधुमेह, तनाव व डिप्रेशन हो सकता है. इस बीमारी का अभी तक डॉक्टर्स कोई इलाज नहीं खोज पाए है किन्तु एक्सपर्ट्स के अनुसार नियमित जाँच और इलाज से इस पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. तो चलिए जानते हैं अल्ज़ाइमर होने पर क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
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