5 songs on repeat! Tagged by the awesome @in-flvx
5. If I Were You by Nothing but Thieves
This song has such fire instrumentals bro im gone for it
4. Ta Reine by Angèle
I love the entire vibe of this song. The vocals, the lyrics, just.. muah
3. Blood In The Wine by AURORA
Absolute banger imo. Her voice, the lyricism, the message of the song is just something so special
2. Aaj Ibaadat from Bajirao Mastani
I've always loved Indian traditional music, and this song just hits all the right feels
1. Work Song by Hozier
I'm just.. obsessed with this one. I'm obsessed with everything about it
.
Have an honourable mention :)
Laal Ishq from Goliyon Ki Rasleela: Ramleela
I'm just so in love with his voice???
.
.
I'm tagging @mmavverickk @remen-nyoodles @queerdeadwizards @padfootastic
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Love Shayari
There are a whole lot of renowned writers who wrote shayari for us. We in shayariforest.in share these shayaris for you.
List of all the renowned famous shayari writer :
1. Mirza Ghalib
2. Faiz Ahmad Faiz
3. Ahmad Faraz
4. Wasim Barelvi
5. Daagh Dehlvi
6. Firaq Gorakhpuri
7. Nida Fazli
8. Meeraji
9. Sahir Ludhianvi
10. Jigar Moradabadi
11. Dr Muhammad Iqbal
12. Bashir Badr
13. Jaun Elia
14. Mir Taqi Mir
15. Qateel Shifai
16. Akhlaq Mohammed Khan
17. Dushyant Kumar
18. Gulzar
19. Akbar Allahabadi
20. Munawwar Rana
21. Rahat Indori
22. Javed Akhtar
Shayari is for revealing the feeling of love. That is why they wrote love shayari, sad shayari for us.
Love Shayari
वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी.
यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता
बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से,
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है!
आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन,
ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन!
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
जैसे एहसान उतारता है कोई
तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ ।
तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ ।
इश्क़ की तलाश में
क्यों निकलते हो तुम,
इश्क़ खुद तलाश लेता है
जिसे बर्बाद करना होता है।
तुझ से बिछड़ कर
कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे दिन भी गुजर गए
और मेरे दिन भी गुजर गए.
आऊं तो सुबह,
जाऊं तो मेरा नाम शबा लिखना,
बर्फ पड़े तो
बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना
वो शख़्स जो कभी
मेरा था ही नही,
उसने मुझे किसी और का भी
नही होने दिया.
सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे.
जब भी आंखों में अश्क भर आए
लोग कुछ डूबते नजर आए
चांद जितने भी गुम हुए शब के
सब के इल्ज़ाम मेरे सर आए
जिन दिनों आप रहते थे,
आंख में धूप रहती थी
अब तो जाले ही जाले हैं,
ये भी जाने ही वाले हैं.
जबसे तुम्हारे नाम की
मिसरी होंठ लगाई है
मीठा सा गम है,
और मीठी सी तन्हाई है.
वक्त कटता भी नही
वक्त रुकता भी नही
दिल है सजदे में मगर
इश्क झुकता भी नही
एक बार जब तुमको बरसते पानियों के पार देखा था
यूँ लगा था जैसे गुनगुनाता एक आबशार देखा था
तब से मेरी नींद में बसती रहती हो
बोलती बहुत हो और हँसती रहती हो.
होती नही ये मगर
हो जाये ऐसा अगर
तू ही नज़र आए तू
जब भी उठे ये नज़र
मेरा ख्याल है अभी, झुकी हुई निगाह में
खिली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में
मैं जानता हूं, मेरा नाम गुनगुना रही है वो
यही ख्याल है मुझे, के साथ आ रही है वो
तुम्हें जिंदगी के उजाले मुबारक
अंधेरे हमें आज रास आ गए हैं
तुम्हें पा के हम खुद से दूर हो गए थे
तुम्हें छोड़कर अपने पास आ गए हैं
उतर रही हो या
चढ़ रही हो ?
क्या मेरी मुश्किलों को
पढ़ रही हो ?
सुरमे से लिखे तेरे वादे
आँखों की जबानी आते हैं
मेरे रुमालों पे लब तेरे
बाँध के निशानी जाते हैं
तेरे इश्क़ में तू क्या जाने
कितने ख्��ाब पिरोता हूं
एक सदी तक जागता हूं मैं
एक सदी तक सोता हूं
गुल पोश कभी इतराये कहीं
महके तो नज़र आ जाये कहीं
तावीज़ बनाके पहनूं उसे
आयत की तरह मिल जाये कहीं
पता चल गया है के मंज़िल कहां है
चलो दिल के लंबे सफ़र पे चलेंगे
सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वहीं पर
जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे
उम्मीद तो नही
फिर भी उम्मीद हो
कोई तो इस तरह
आशिक़ शहीद हो
कोई आहट नही बदन की कहीं
फिर भी लगता है तू यहीं है कहीं
वक्त जाता सुनाई देता है
तेरा साया दिखाई देता है
तू समझता क्यूं नही है
दिल बड़ा गहरा कुआँ है
आग जलती है हमेशा
हर तरफ धुआँ धुआँ है
टकरा के सर को जान न दे दूं तो क्या करूं
कब तक फ़िराक-ए-यार के सदमे सहा करूं
मै तो हज़ार चाहूँ की बोलूँ न यार से
काबू में अपने दिल को न पाऊं तो क्या करूं
एक बीते हुए रिश्ते की
एक बीती घड़ी से लगते हो
तुम भी अब अजनबी से लगते हो
प्यार में अज़ीब ये रिवाज़ है,
रोग भी वही है जो इलाज है.
जाने कैसे बीतेंगी
ये बरसातें
माँगें हुए दिन हैं,
माँगी हुई रातें.
ऐसा कोई ज़िंदगी से वादा तो नही था
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था.
वो बेपनाह प्यार करता था मुझे
गया तो मेरी जान साथ ले गया
झुकी हुई निगाह में, कहीं मेरा ख्याल था
दबी दबी हँसी में इक, हसीन सा गुलाल था
मै सोचता था, मेरा नाम गुनगुना रही है वो
न जाने क्यूं लगा मुझे, के मुस्कुरा रही है वो
इस दिल में बस कर देखो तो
ये शहर बड़ा पुराना है
हर साँस में कहानी है
हर साँस में अफ़साना है
कोई वादा नही किया लेकिन
क्यों तेरा इंतज़ार रहता है
बेवजह जब क़रार मिल जाए
दिल बड़ा बेकरार रहता है
धीरे-धीरे ज़रा दम लेना
प्यार से जो मिले गम लेना
दिल पे ज़रा वो कम लेना
दबी-दबी साँसों में सुना था मैंने
बोले बिना मेरा नाम आया
पलकें झुकी और उठने लगीं तो
हौले से उसका सलाम आया
खून निकले तो ज़ख्म लगती है
वरना हर चोट नज़्म लगती है.
उड़ते पैरों के तले जब बहती है जमीं
मुड़के हमने कोई मंज़िल देखी तो नही
रात दिन हम राहों पर शामो सहर करते हैं
राह पे रहते हैं यादों पे बसर करते हैं
इतना लंबा कश लो यारो,
दम निकल जाए
जिंदगी सुलगाओ यारों,
गम निकल जाए
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है
ख़ामोश रहने में दम घुटता है
और बोलने से ज़बान छिलती है
डर लगता है नंगे पांव मुझे
कोई कब्र पांव तले हिलती है
Sad Shayari
तन्हाई अच्छी लगती है
सवाल तो बहुत करती पर,.
जवाब के लिए
ज़िद नहीं करती..
तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं
"खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते,
बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते !"
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,
हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।
टूटी फूटी शायरी में
लिख दिया है डायरी में
आख़िरी ख्वाहिश हो तुम
लास्ट फरमाइश हो तुम
मुस्कुराना, सहते जाना, चाहने की रस्म है
ना लहू ना कोई आँसू इश्क़ ऐसा ज़ख्म है
हमने देखी है उन आँखों की खुशबू
हाथ से छूके इसे रिश्तों का इल्ज़ाम न दो
सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो
ख्वाबी ख्वाबी सी लगती है दुनिया
आँखों में ये क्या भर रहा है
मरने की आदत लगी थी
क्यूं जीने को जी कर रहा है
कहीं किसी रोज यूं भी होता
हमारी हालत तुम्हारी होती
जो रातें हमने गुजारी मरके
वो रातें तुमने गुजारी होती
उम्मीद भी अजनबी लगती है
और दर्द पराया लगता है
आईने में जिसको देखा था
बिछड़ा हुआ साया लगता है
कोई तो करता होगा हमसे भी
खामोश मोहब्बत..
किसी का हम भी अधूरा
इश्क रहे होंगे…
आखिरी नुकसान था तू जिंदगी में,
तेरे बाद मैंने कुछ खोया ही नहीं..
सब खफा हैं मेरे लहजे से,
पर मेरे हालात से वाकिफ
कोई नहीं..
तन्हाइयां कहती हैं
कोई महबूब बनाया जाए,
जिम्मेदारियां कहती हैं
वक़्त बर्बाद बहुत होगा..
मेरे कंधे पर कुछ यूं गिरे उनके आंसू ,
कि सस्ती सी कमीज़ अनमोल हो गई..
जर्रा जर्रा समेट कर
खुद को बनाया है मैंने,
मुझसे ये ना कहना
बहुत मिलेंगे तुम जैसे..
बहुत करीब से अनजान बनके
गुजरा है वो शख्स,
जो कभी बहुत दूर से
पहचान लिया करता था..
उतार कर फेंक दी उसने
तोहफे में मिली पायल,
उसे डर था छनकेगी तो
याद जरूर आऊंगा मै..
सब तारीफ कर रहे थे
अपने अपने महबूब का,
हम नीद का बहाना बना कर
महफ़िल छोड़ आए..
वो हमे भूल ही गए होंगे
भला इतने दिनों तक
कौन खफा रहता है..
आज थोड़ी बिगड़ी है
कल फिर सवांर लेंगे
जिंदगी है जो भी होगा
संभाल लेंगे…
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