#अक्षय_तृतीया के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी को 🚩🙏 #AkshayTritiya #AkshayaTritiya2021 #अक्षयतृतीया https://www.instagram.com/p/CO1rHUDH0W1/?igshid=15oupcn2y20c7
This Akshaya Tritiya, may Lord Vishnu and Devi Lakshmi shower you with their choicest blessings. Here's wishing you and your family on this auspicious day.
घनर-घनर बरसे जैसे घटा, वैसे ही हो आप पर धन की वर्षा कामयाबी कदम चूमती रहे, खुशियां आस-पास घूमती रहें। अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएं। #akshayatritiya #akshayatritiya2021 (at Mumbai, Maharashtra) https://www.instagram.com/p/CO24e9XMePE/?igshid=1dfhwhanac5i
May this Akshaya Tritiya takes away all your sadness and lighten your life with warmth, joy, happiness, and love forever! #SagarBusiness #akshayatritiya2021 #happiness #love https://www.instagram.com/p/CO2tcFgj8ga/?igshid=1b3sem4i1x5ex
अक्षय तृतीया को इन 4 कारणों से माना गया है बेहद शुभ, जानें इस तिथि से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं
चैतन्य भारत न्यूज
अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। अक्षय तृतीया को बहुत ही शुभ तिथि मानी गई है। इस साल अक्षय तृतीया 14 मई को मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि यह साल में आने वाले 4 अबूझ मुहूर्तों में से एक है। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया से जुड़ी कुछ खास बातें-
अक्षय तृतीया क्यों है विशेष?
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, वर्ष के दूसरे महीने वैशाख के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अक्षय तृतीया कहलाती है। इस दिन किए गए दान-धर्म का अक्षय यानी कभी नाश न होने वाला फल व पुण्य मिलता है। इस वजह से लोग वैवाहिक कार्यक्रम, धार्मिक अनुष्ठान, गृह प्रवेश, व्यापार, जप-तप और पूजा-पाठ करने के लिए अक्षय तृतीया का दिन ही चुनते हैं। इस दिन शुभ मुहूर्त देखने की कोई आवश्यकता नहीं होती। इसे चिरंजीवी तिथि भी कहते हैं, क्योंकि यह तिथि 8 चिरंजीवियों में एक भगवान परशुराम की जन्म तिथि भी है।
किन पौराणिक मान्यताओं के कारण शुभ है अक्षय तृतीया?
शास्त्रों के मुताबिक, वैशाख माह विष्णु भक्ति का शुभ काल है। अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छठें अवतार एवं ब्राह्माण जाति के कुल गुरु भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। परशुराम महर्षि जमदाग्नि और माता रेनुकादेवी के पुत्र थे। भगवान परशुराम आठ चिरंजीवियों में से एक हैं। इसलिए अक्षय तृतीया के शुभ दिन भगवान विष्णु की उपासना के साथ परशुराम जी की भी पूजा करने का विधान बताया गया है। इसके अलावा सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत इसी अक्षय तृतीया की शुभ तिथि से मानी जाती है। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया पर मां गंगा का धरती पर आगमन हुआ था। वेद व्यास जी ने इस शुभ दिन से ही महाभारत ग्रंथ लिखना आरंभ किया। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा भी पुण्यदायी व महामंगलकारी मानी जाती है।
अक्षय तृतीया पर किन चीजों के दान का है खास महत्व?
इस शुभ तिथि पर किए गए दान व उसके फल का नाश नहीं होता। इस दिन खासतौर पर जौ, गेहूं, चने, सत्तू, दही-चावल, गन्ने का रस, दूध के बनी चीजें जैसे मावा, मिठाई आदि, सोना और जल से भरा कलश, अनाज, सभी तरह के रस और गर्मी के मौसम में उपयोगी सारी चीजों के दान का महत्व है। अक्षय तृतीया पर पितरों का श्राद्ध और ब्राह्मण भोजन कराने का भी अनन्त फल मिलता है।
ये भी पढ़े...
अक्षय तृतीया पर घर की सुख-समृद्धि के लिए जानें क्या करें और क्या न करें
Akshaya Tritiya 2021: जानें कब है अक्षय तृतीया और क्यों मनाया जाता है यह पर्व?
अक्षय तृतीया पर खरीदें ये पांच चीजें, कभी नहीं होगी धन संबंधी परेशानियां
इन चार राशि के लोगों के लिए बेहद खास रहेगी अक्षय तृतीया, ये चीजें दान करने पर मिलेगा पुण्य
Read the full article