कोरोना की मृत्यु दर लखनऊ में कम है। - हिम्मत से काम लें: घबराएं नहीं, कोरोना से मौत दर पहले से कम है, पूरी खबर देखें हौसला रखें
कोरोना की मृत्यु दर लखनऊ में कम है। – हिम्मत से काम लें: घबराएं नहीं, कोरोना से मौत दर पहले से कम है, पूरी खबर देखें हौसला रखें
चंद्रभान यादव, अमर उजाला, लखनऊ द्वारा प्रकाशित: ईश्वर आशीष अद्यतित मंगल, 13 अप्रैल 2021 02:51 PM IST
राजधानी लखनऊ में भले ही अंतर दर बढ़ गई हो, लेकिन घबराए नहीं। पिछले साल सितंबर की अपेक्षा अब भी राजधानी में मृत्यु दर कम है। इतना ही नहीं पूरे प्रदेश की अपेक्षा लखनऊ में होने वाली मौत का ग्राफ 0.06 प्रति अधिक है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि राजधानी में होने वाली मौतों में आसपास के जिलों के…
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दिनांक : 03.01.2022 | लखनऊ | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक, महाकवि गीतों के दरवेश पद्मभूषण (डॉ०) गोपाल दास नीरज जी की 97वीं जयंती की पूर्व संध्या पर साहित्यिक कार्यक्रम "बेमिसाल नीरज : कारवाँ गुज़र गया" काव्यांजलि का आयोजन संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने सीएमएस ऑडिटोरियम, गोमती नगर में किया गया l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार का कार्यक्रम आयोजन में सहयोग प्रदान करने हेतु धन्यवाद देते हुए, अपने स्वागत सम्बोधन में कहा कि, हम सब बड़े खुशनसीब हैं कि कोरोना महामारी के बाद हम सब जीवित हैं और आज नीरज जी की जन्मजयंती कार्यक्रम में यहाँ उपस्थित हैं, परन्तु आगे जीवित रहने के लिए हम सबको कोरोना प्रोटोकाल का ईमानदारी से पालन करते रहना है l
उन्होंने नीरज जी को याद करते हुए कहा कि -
"नीरज को पढ़कर आदमी बनता अदीब है,
नीरज को जिसने देखा बड़ा खुशनसीब है"
श्री अग्रवाल ने बताया कि ट्रस्ट ने अपने पूर्व संरक्षक नीरज जी का 90वें जन्मदिन से 93वें जन्मदिन को इतने भव्य रूप में मनाया कि नीरज जी कहते थे कि ट्रस्ट ने मेरी उम्र बढ़ा दी है l परन्तु विगत दो वर्षों से कोरोना काल के कारण नीरज जी की जयंती पर किसी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सका है l वर्ष 2014 से नीरज जी के जीवित रहने तक, ट्रस्ट को नीरज जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, जिससे ट्रस्ट ने समाज, साहित्य, आध्यात्म, संस्कृति के क्षेत्र में भव्य आयोजन किये तथा जनहित में अनेकों पुस्तकों का प्रकाशन किया l नीरज जी कहते थे कि हेल्प यू ट्रस्ट अपने नाम को सार्थक कर रहा है l
श्री अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में यह भी बताया कि, नीरज जी कहते थे कि मानव होना भाग्य है, कवि होना सौभाग्य है l इसी भावना से आज ट्रस्ट कवि सम्मलेन का आयोजन तथा 05 नवोदित गीतिकारों को पद्मभूषण (डॉ०) गोपाल दास 'नीरज' स्मृति “गीत सम्मान” से सम्मानित कर रहा है l
कार्यक्रम में पद्मभूषण (डॉ०) गोपाल दास 'नीरज' स्मृति गीत सम्मान से 05 कवियों श्री अखण्ड प्रताप सिंह (लखनऊ), सुश्री रेनू द्धिवेदी (लखनऊ), श्री रामायण धर द्धिवेदी (बस्ती), श्री आशीष शर्मा (लखीमपुर खीरी) तथा श्री योगी योगेश शुक्ला (लखनऊ) को उत्कृष्ट गीत रचनाधर्मिता के लिए नवोदित गीतकार के रूप में पद्मभूषण (डॉ०) गोपाल दास 'नीरज' स्मृति “गीत सम्मान” से सम्मानित किया गया I
इस अवसर पर कवि सम्मलेन का आयोजन हुआ जिसमें, श्री सत्येंद्र ‘शलभ’, डॉ. सुमन दुबे, डॉ. कलीम क़ैसर, डॉ. कमलेश शर्मा, डॉ. सरला शर्मा, सुश्री नुसरत अतीक़, सुश्री सुफलता त्रिपाठी तथा डॉ. अखिलेश मिश्रा ने अपनी कवितायेँ सुनाईं l
श्री सत्येंद्र ‘शलभ’ जी :
“पक्की सड़क अचानक कच्ची होकर बोली, गांव आ गया l
प्राणों प्यारा गांव आ गया, प्यारा-प्यारा गांव आ गया ll
चुए हुए महुए को चूमे पुरवा डोली , गांव आ गया l
प्राणों प्यारा गांव आ गया, प्यारा-प्यारा गांव आ गया ll”
डॉ. अखिलेश मिश्रा जी :
"तुम अटल विश्वास हो, छल हो, बता दो,
प्रेयसी किस पुण्य का फल हो बता दो,
तुम अधर पर प्यास सी हो,
रति निपुण मधुमास सी हो,
रूपसी मदिरा का मद हो,
वृंदावन के रास सी हो,
मुझ में तुम पलभर या प्रतिपल हो, बता दो,
प्रेयसी किस पुण्य का फल हो बता दो”
डॉ. सुमन दुबे जी :
"कौन कहता है की पांव की जंजीर हूँ मैं,
दौरे हाज़िर की बदलती हुई तस्वीर हूँ मैं I
मैं हूँ औरत मेरी फितरत है मोहब्बत करना,
माँ कहीं हूँ, कहीं बेटी, कहीं हमशीर हूँ मैं I”
डॉ. कमलेश शर्मा जी :
“हम उनसे अपना क्रोध जता पूछ रहे हैं,
अब तक हुई है किस से खता पूछ रहे हैं,
न जाने कौन से महल में क़ैद पड़ी जो,
हम उस स्वतंत्रता का पता पूछ रहे हैं l”
डॉ. कलीम क़ैसर जी :
"जनवरी से न जून से मतलब,
प्यार को है जुनून से मतलब,
नाम रिश्तों का चाहे जो रख लो,
दिल को तो है सुकून से मतलब ।“
डॉ. सरला शर्मा जी :
"बड़ी दुश्वारियों के बाद आसानी में रहती हूँ,
चमन में भी मैं कांटों की निगहबानी में रहती हूँ,
मुझे जख़्मों के ख़ंजर से निपटना ख़ूब आता है,
मैं अपने हौसले हिम्मत की सुल्तानी में रहती हूँ I”
सुश्री नुसरत अतीक़ जी :
"वो तो आँखों में ख्वाब छोड़ गया,
अब तो नींदों की जिम्मेदारी है,
रूह पर इसका बस नहीं चलता,
मौत तो जिस्म की शिकारी है I”
सुश्री सुफलता त्रिपाठी जी :
"खुशबुओं की डगर से गुजरने लगे,
आपसे प्यार हम जबसे करने लगे,
हमने दर्पण न देखा कभी कल तलक,
आज छुप छुप के सजने सँवरने लगे I”
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बिहार की बदहाली मेरी नजर में ।
दो टूक !
15 वर्ष लालू-राबड़ी शासन में बिहार लुट-पिट गया ।
बिजली तो छोड़िए , बिजली के खंभे नहीं बचे।
सड़क नहीं गड्ढ़ों में गाड़ियां चलती थीं।
अपहरण बिहार का प्रमुख उद्द्योग था।
राज्य के हजारों उद्द्यमी, चिकित्सक, अभियंता सब पलायन कर गए।
लोग शाम होते ही अपने घरों में पैक हो जाया करते थे।
जनरेटर और इन्वर्टर चला बच्चे शाम को पढ़ा करते थे।
लालू जब चारा घोटाला में फसे तब अपनी सुयोग्य पत्नी को रसोई घर से उठा राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया। हमारे भाग्य का फैसला राबड़ी करने लगी।
राजद में शायद लालू परिवार छोड़ दूसरा कोई योग्य नहीं था ! 15 वर्ष के इस भ्रष्ट शासन में कांग्रेस ने पूरा सहयोग दिया।
त्राहिमाम जनता ने 15 वर्ष के अराजक लालू और कांग्रेस के शासन का खात्मा कर जदयू और बीजेपी को गद्दी पर बिठाया। नीतीश मुख्यमंत्री बने।
बिहार विकास के पथ पर अग्रसर हुआ।
जिस राज्य में विकास के एक कार्य नहीं होते थे अब सड़कें बनने लगी, बिजली रहने लगी, पटना में फ्लाईओवर , मॉल और मल्टीप्लेक्स दिखने लगे, गाँवों में भी बिजली रहने लगी।
विकास को तरसा बिहार चैन की सांस लेने लगा।
नीतीश की वाहवाही पूरे देश-दुनिया मे 'विकास-पुरूष' के नाम से होने लगी।
प्रसन्न जनता ने अगले विधानसभा चुनाव में भारी मतों से फिर से जिताया।
लेकिन अब नीतीश की महत्वाकांक्षा सर चढ़ कर बोलने लगी। प्रधानमंत्री की गद्दी उनके ख्वाबों में आने लगी। जदयू जैसे एक क्षेत्रीय दल जो सिर्फ अपने दम पर एक राज्य में भी सरकार नहीं बना सकता था , उसके मुखिया अब देश के प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने लगे।
अपनी महत्वाकांक्षा के पोषण केलिये उन्होंने BJP का साथ छोड़ लालू से हाथ मिला लिया जिनके जंगलराज के खात्मे केलिये जनता ने उन्हें गद्दी पर बिठाया था।
फिर क्या था, जम कर गालियाँ दी BJP को, मोदी को ।
लालू अब बड़े भाई हो गए।
अगले चुनाव में छोटे भाई-बड़े भाई ने मिलकर भाजपा को जबरदस्त पटखनी दी ।
छोटे भाई मुख्यमंत्री बने और बड़े भाई के नवी पास सुयोग्य पुत्र उपमुख्यमंत्री।
ज्यादा दिन यह बेमेल विवाह टिक नहीं पाया।
बड़े भाई के सामने छोटे भाई चारों खाने चित नजर आए।
बेचारे होकर जनता के मैंडेट की धज़्ज़ियाँ उड़ा फिर से BJP के साथ मिलकर मुख्यमंत्री बन गए।
न तो पहले जनता ने उन्हें लालू जी के साथ मुख्यमंत्री बनने केलिये वोट किया था न तो बाद में जनता ने उन्हें लालू को छोड़ BJP का दामन थामने केलिये चुना था।
लेकिन महत्वाकांक्षी नीतीश को जनता के मैंडेट से क्या मतलब ?
उनकी आंखें तो हमेशा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रही क्योकि प्रधानमंत्री बनने के उनके ख्वाब धरे रह गए।
नितीश को जो मुख्यमंत्री बनाएगा वे उस पार्टी का दामन थामेंगे।
अतः नीतीश का पहला टर्म निश्चय ही उल्लेखनीय रहा।
बिहार ने प्रगति की। नितीश की राष्ट्रीय साख बढ़ी।
लेकिन फिर अपनी महती महत्वाकांक्षा के वे शिकार हुए।
अभी आलम यह है कि बिहार सरकार के पास एक भी अस्पताल नही, मेडिकल कॉलेज नहीं जहाँ सीरियस कोरोना मरीजों का ईलाज हो सके।
सब भारत सरकार के AIIMS पटना में भर्ती होना चाहते हैं। बड़े-बड़े नेता, अफसर सब AIIMS में। कोरोना से लड़ रहे चिकित्सक भी अगर गंभीर रूप से संक्रमित होते हैं तो उन्हें भी AIIMS में दाखिला नहीं मिलेगा।
राज्य के मुख्यमंत्री और सारे नेता नदारद हैं। ट्विटर और फेसबुक पर चिचिया रहे हैं, इधर जनता त्राहिमाम।
जदयू और उसका पीठलग्गु भाजपा सरकार का पोल इस महामारी ने पूरी तरह से खोल दिया।
जाति के नाम पर वोट करने वाले हर जाति के बिहारी मर रहे हैं, कहीं कोई व्यवस्था नहीं।
सिर्फ कागजी लिफ़ाफ़ेबाजी !
साहब लोग पिछले कुछ महीनों से मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के बदले आगामी चुनाव में व्यस्त हो गए। जातियों के समीकरण, कैंडिडेट के चयन और BJP और चिराग पासवान से सीटों के बटवारे पर बातचीत में लगे थे , इधर कोरोना ने अपना मुंह खोलना शुरू कर दिया।
देखा जाए तो बिहार की बर्बादी केलिये सबसे जिम्मेदार है यहाँ की जनता जिन्हें जीवन से ज्यादा जाति प्यारी है।
फिर है दो राष्ट्रीय पार्टियाँ कांग्रेस और भाजपा।
कांग्रेस ने लालूपरिवार और उनके अधर्मों को 15 वर्षों तक समर्थन किया, उनके पीछे नाचते रहे और अब भी उन्हीं के लट्टू हैं , जबकि भाजपा नितीश की घिरनी बन नाच रही है। भाजपा में नेता कौन है, लोगों को अब यह भी पता नहीं। जदयू के नेता नितीश और भाजपा के भी नितीश क्योकि सुशील मोदी तो नितीश के स्टेपनी हैं।
फिर आते हैं लालू और नीतीश(राजद और जदयू तो नाम हैं, ये दोनों पार्टियां सिर्फ इन दोनों महापुरुषों के व्यक्तिगत झुनझुने हैं )
दोनों ने बिहार के जनमानस में , उनकी सोच में, जाति और संप्रदाय के जहर को एक नई गहराई दी।
बिहार की जनता अब भी विकास छोड़ जाति पर वोट करती है।
नतीजा शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मूलभूत आवश्यकताओं केलिये इस राज्य की जातिवाद जनता तरस रही है।
जाति इस राज्य की सबसे बड़ी करेंसी है। जाति से आप यहाँ सत्ता खरीदिये और बेचिए।
अब क्या करेंगे आप ?
कोरोना क्या लोगों की जातियां, सम्प्रदाय , भाषा , प्रांत, राष्ट्र और मजहब देख मार रहा है ?
वायरस और बैक्टेरिया हमसे ज्यादा विकसित हैं।
वे जातिवाद नहीं करते, वे सामाजिक हैसियत नहीं देखते, सबको समान रूप से मारते हैं।
बचेगा वह समाज जो शिक्षित, अनुशासित और जहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त ।
बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों बदहाल, फटेहाल।
इतना कि एक मात्र AIIMS पटना में सारे नेता, अभिनेता और बड़े-बड़े अफसर ही भर्ती हो रहे हैं। इनमें से
कोई बिहार सरकार के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में भर्ती होना नहीं चाहता। वहाँ भर्ती होंगे आप और मैं।
हाँ सालों भर इनकम टैक्स, प्रदूषण टैक्स आदि सैकड़ों टैक्सों की चिट्ठियां आने में देर नहीं लगती।
थाने से लेकर हर सरकारी दफ्तरों में चपरासी से लेकर बड़े अफसरों तक की जेबें गर्म किये बिना शायद ही कोई कार्य सम्पन्न हो।
तो फिर क्या करेंगे ?
किसे वोट देंगे ?
लालू को, नीतीश को या उनके चट्टे-बट्टे कांग्रेस और भाजपा को ?
सारे पापी, अधर्मी, पाखंडी ।
जाति से ऊपर उठिए, समझिये राजनीति और अपनी सही जरूरतें।
हटाइये इन सब अधर्मियों को।
फिलहाल तो दूर-दूर तक निराशा ही निराशा है।
मरते रहिये कोरोना से ।
मैं तो सिर्फ ईश्वर से आपकी सलामती की दुआ मांग सकता हूँ।
🙏🏼
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महामृत्युंजय मंत्र ("मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र") जिसे त्रयंबकम मंत्र भी कहा जाता है, यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में, भगवान शिव की स्तुति हेतु की गयी एक वन्दना है। इस मन्त्र में शिव को 'मृत्यु को जीतने वाला' बताया गया है। यह गायत्री मन्त्र के समकक्ष हिंदू धर्म का सबसे व्यापक रूप से जाना जाने वाला मंत्र है।
इस मंत्र के कई नाम और रूप हैं। इसे शिव के उग्र पहलू की ओर संकेत करते हुए रुद्र मंत्र कहा जाता है; शिव के त्रिनेत्रों की ओर इशारा करते हुए त्रयंबकम मंत्र और इसे कभी कभी मृत-संजीवनी मंत्र के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह कठोर तपस्या पूरी करने के बाद पुरातन ऋषि शुक्र को प्रदान की गई "जीवन बहाल" करने वाली विद्या का एक घटक है।
ऋषि-मुनियों ने महा मृत्युंजय मंत्र को वेद का ह्रदय कहा है। चिंतन और ध्यान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अनेक मंत्रों में गायत्री मंत्र के साथ इस मंत्र का सर्वोच्च स्थान है|
जब जब सृष्टि पर कोई दैवीय आपदा या भयंकर आपदा आती है तब इस मंत्र के नियमित रुप से जाप करने पर रुष्ट प्रकृति भी शान्त हो जाती है। वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना वायरस के चलते पूरी सृष्टि पीड़ित है ऐसी अवस्था में स्वयं अपनी जीवन रक्षा और विश्व कल्याण के लिए रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का नियमित जाप कल्याणकारी सिद्ध होगा।
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ !!
महा मृत्युंजय मंत्र का अक्षरश अर्थ
त्र्यंबकम् = त्रि-नेत्रों वाला (कर्मकारक), तीनों कालों में हमारी रक्षा करने वाले भगवान को
यजामहे = हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं, हमारे श्रद्देय
सुगंधिम = मीठी महक वाला, सुगंधित (कर्मकारक)
पुष्टिः = एक सुपोषित स्थिति, फलने-फूलने वाली, समृद्ध जीवन की परिपूर्* पुष्टिः = एक सुपोषित स्थिति, फलने-फूलने वाली, समृद्ध जीवन की परिपूर्णता
वर्धनम् = वह जो पोषण करता है, शक्ति देता है, (स्वास्थ्य, धन, सुख में) वृद्धिकारक; जो हर्षित करता है, आनन्दित करता है और स्वास्थ्य प्रदान करता है, एक अच्छा माली
उर्वारुकम् = ककड़ी (कर्मका* उर्वारुकम् = ककड़ी (कर्मकारक)
इव = जैसे, इस तरह
बन्धनात् = तना (लौकी का); ("तने से" पंचम विभक्ति - वास्तव में समाप्ति -द से अधिक लंबी है जो संधि के माध्यम से न/अनुस्वार में परिवर्तित होती है)
मृत्योः = * मृत्योः = मृत्यु से
मुक्षीय = हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें
मा = नहीं वंचित होएं
अमृतात् = अमरता, मोक्ष के आनन्द से
आपकी जीवन शुभ व कल्याणकारी हो।
।। नमो नारायण ।।
गुरु राहुलेश्व���
भाग्य मंथन
#mahamrityunjayamantra #mritsanjivnimantra #gururahuleshwar #rahuleshwar #bhagyamanthan #महामृत्युंजयमंत्र #मृतसंजीवनीमंत्र #गुरुराहुलेश्वर #भाग्यमंथन #भाग्यमंथन
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Astrology : 27 फरवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे शुक्रदेव, जानिए किन राशियों पर होगा इसका प्रभाव
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को धन, संपदा, वैभव, सुख, प्रेम और सौंदर्य आदि का कारक माना गया है। शुक्र 27 फरवरी 2022 को सुबह 09:53 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे। इसके साथ ही इस गोचर का प्रभाव राष्ट्रव्यापी और वैश्विक स्तर पर देखने को मिलेगा।
वहीं शुक्र के राशि परिवर्तन से जातकों के जीवन पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि जिन व्यक्तियों की कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ और अच्छी स्थिति में होता है ऐसे जातक अपने दृष्टिकोण में आकर्षक होते हैं और स्वभाव में बेहद ही रोमांटिक होते हैं।
इसके अलावा ऐसे जातकों का प्रेम और वैवाहिक जीवन बेहद सफल और सुखमय होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र प्रेम और सौंदर्यता का प्रतिनिधि करने वाला ग्रह है। यदि कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में ना हो तो व्यक्ति के जीवन में शुभ कार्य में कमी देखने को मिल सकती है। किसी भी ग्रह के राशि परिवर्तन करने से उसका प्रभाव मनुष्य जीवन पर देखने को मिलता है।
शुक्र को 27 नक्षत्रों में से भरणी पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। ग्रहों में बुध और शनि ग्रह शुक्र के मित्र ग्रह हैं जबकि सूर्य और चंद्रमा इसके शत्रु ग्रह माने जाते हैं।
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र का पौराणिक कथाओं में प्रचलित नाम शुक्राचार्य है जिनके बाद संजीवनी विद्या थी और ये शिव के परम भक्त व महर्षि भृगु ऋषि के पुत्र हैं।
सप्ताह में शुक्रवार का दिन शुक्र को समर्पित है। शुक्र के अच्छे फल के लिए महिलाओं का सम्मान करें। परशुराम की आराधना करने से भी शुक्र की कृपा प्राप्त होती है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है।
इसलिए ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख वैवाहिक सुख भोग-विलास शौहरत कला प्रतिभा सौन्दर्य रोमांस काम-वासना और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है।
शुक्र के पास अमृत संजीवनी
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि अमृत संजीवनी के मालिक शुक्र पृथ्वी के साथ हैं और शुक्र के पास अमृत संजीवनी है। इस कारण कोरोना महामारी संक्रमण में कमी आयेगी।
कोरोना महामारी संक्रमण से होने वाली मृत्यु दर में कमी आएगी और कोरोना का असर न्यूनतम होगा। प्राकृतिक आपदा और अप्रिय घटनाएं जन शून्य स्थानों पर होने की संभावना अधिक है। शुक्र अमृत संजीवनी के कारण संक्रमण और दुर्घटना के शिकार लोगों को बचाने में सफल रहेंगे।
शुक्र का शुभ-अशुभ प्रभाव
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शुक्र के राशि परिवर्तन से कोरोना महामारी से होने वाली मृत्यु दर में कमी आएगी और कोरोना का असर न्यूनतम होगा। भौतिक सुख और वैवाहिक सुख में वृद्धि होगी। कानूनी मामलों में वृद्धि होगी।
देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा। शुक्र के राशि बदलने से खाने की चीजों की कीमतें सामान्य रहेंगी। सब्जियां, तिलहन और दलहन की कीमतें कम होंगी। मशीनरी समान महंगे ह�� सकते हैं। व्यापार में तेजी रहेगी। सोने चांदी के भाव में वृद्धि होगी।
दूध से बनी चीजों का उत्पादन बढ़ सकता है। सुख-सुविधाओं की चीजों में बढ़ोत्तरी भी हो सकती है। रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी। आय में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही राजनीति में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। शुक्र के अशुभ प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी होती है।
शुक्र ग्रह के उपाय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि लक्ष्मी माता की उपासना करें। सफेद वस्त्र दान करें। भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें। शुक्रवार का व्रत रखें और उस दिन खटाई न खाएं। चमकदार सफेद एवं गुलाबी रंग का प्रयोग करें।
श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर के पंडित मदन शर्मा ने बताया कि श्री सूक्त का पाठ करें। शुक्रवार के दिन दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंग-बिरंगे कपड़े, चांदी, चावल इत्यादि वस्तुएं दान करें।
आइए भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास से जानते हैं कि शुक्र के गोचर से सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
मेष राशि
शुक्र आपके दसवें स्थान पर गोचर करेंगे। आपको करियर के क्षेत्र में सक्सेस मिलेगी। आपकी सफलता में पिता हमेशा आपके साथ रहेंगे। इसके अलावा आपके पिता को भी तरक्की के लिये बेहतरीन मौके मिलेंगे।
वृष राशि
शुक्र आपके नवें स्थान पर गोचर करेंगे भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। इस दौरान आप जो चाहेंगे, वो अवश्य ही पूरा होगा। साथ ही आपको धन लाभ होगा और जीवन में संतान का सुख भी बना रहेगा।
मिथुन राशि
शुक्र आपके आठवें स्थान पर गोचर करेंगे। आपकी सेहत ठीक रहेगी। अगर आप अपने खान-पान का ध्यान रखेंगे, तो आपको सेहत संबंधी किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। आप इस दौरान अपने जीवनसाथी की हर बात मानेंगे।
कर्क राशि
शुक्र आपके सातवें स्थान पर गोचर करेंगे। समाज में सबके साथ अच्छे रिश्ते कायम करने में आपको मेहनत करनी पड़ेगी। आप अपने ऐशो आराम पर कुछ ज्यादा ही खर्चा कर सकते हैं। आपको थोड़ा ध्यान देकर चलने की जरूरत है।
सिंह राशि
शुक्र आपके छठे स्थान पर गोचर करेंगे। आपको संतान पक्ष से उम्मीद के अनुसार लाभ नहीं मिल पायेगा। हालांकि आर्थिक रूप से आपके साथ सब कुछ अच्छा रहेगा। आपके पास धन की कमी नहीं होगी। साथ ही आपको अपने दोस्तों का पूरा सहयोग मिलेगा।
कन्या राशि
शुक्र आपके पांचवें स्थान पर गोचर करेंगे। आपको घर-परिवार में किसी प्रकार की कमी नहीं होगी। आपके जीवन में संतान सुख बना रहेगा। परिवार के प्रति आपका प्यार बना रहेगा। आपके धन में बढ़ोत्तरी होगी।
तुला राशि
शुक्र आपके चौथे स्थान पर गोचर करेंगे। आर्थिक स्थिति अच्छी बनाये रखने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी आपके भौतिक सुख-साधनों में थोडा उतार-चढ़ाव आएगा। आपको माता का सहयोग पाने के लिये अधिक कोशिशें करनी पड़ सकती है।
वृश्चिक राशि
शुक्र आपके तीसरे स्थान पर गोचर करेंगे। आपके पास दूसरे लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करनी की क्षमता होगी। आप अपनी बातों से सबको इम्प्रेस कर लेंगे। किसी व्यक्ति से आपके अच्छे सम्पर्क बन सकते हैं।
धनु राशि
शुक्र आपके दूसरे स्थान पर गोचर करेंगे। आर्थिक रूप से बहुत स्ट्राँग रहेंगे। आपको पैसों के मामले में अच्छा मुनाफा होगा। आपको कमाई के कुछ नये साधन भी मिल सकते हैं। जीवन में सांसारिक सुख बना रहेगा।
मकर राशि
शुक्र आपके पहले स्थान पर गोचर करेंगे। आपको परिवार में किसी प्रकार की परेशानी महसूस हो सकती है। आपको अपने सगे-संबंधियों के साथ अच्छा व्यवहार बनाये रखना चाहिए। 31 मार्च तक आपको किसी भी चीज़ के प्रति बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं होना चाहिए।
कुंभ राशि
शुक्र आपके बारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। आपको शैय्या सुख का पूरा लाभ मिलेगा। जीवनसाथी आपके हर कदम पर साथ रहेंगे। आप दोनों के बीच प्यार बना रहेगा। पैसों के मामले में भी स्थिति अच्छी रहेगी।
मीन राशि
शुक्र आपके ग्यारहवें स्थान पर गोचर करेंगे। धन का लाभ मिलेगा | आपकी आमदनी ठीक बनी रहेगी। इस दौरान आपकी इच्छाओं को मूरत रूप मिल सकता है, यानि आपकी कोई खास इच्छा पूरी हो सकती है।
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जी हां दोस्तों नमस्कार चलिए जानते है 5 मिनट में 25 बड़ी खबरों के बारे में अगर आप इस वीडियो को पहली बार देख रही हो तो शुरू से अंत तक पूरा जरूर देखना, कुछ आपके काम की भी खबरें निकलकर है जो कि इस वीडियो में हम जानेंगे । जी हां दोस्तों वीडियो को लाइक और शेयर करें और साथ ही चैनल को भी लाल बटन दबाकर सब्सक्राइब जरूर करें
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9. अगले 3 दिन इन राज्यों में होगी बारिश और ओलावृष्टि, 1 जनवरी से इन राज्यों में पड़ेगी कड़ाके की ठंड
10. 31 दिसंबर 2021 से 2 जनवरी 2022 के दौरान पंजाब, हरियाणा और चं��ीगढ़ में शीत लहर चलने की संभावना है।
11. 1 और 2 जनवरी को उत्तरी राजस्थान में भी शीत लहर चल सकती है। पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में घना कोहरा पड़ने की संभावना जताई गई है।
12. UAE में गैर-मुस्लिमों को तोहफा, शादी के रजिस्ट्रेशन की मिली इजाजत
13. आंध्र प्रदेश में (BJP) के अध्यक्ष सोमू वीरराजू का मतदाताओं से वादा! 'बीजेपी को 1 करोड़ वोट दीजिये, हम 50 रुपये में शराब मुहैया कराएंगे'
14. जूतों, कपड़ों पर भी GST.. 1 जनवरी से बदल जाएंगे आपकी 'जेब' से जुड़े ये नियम
15. भारत में कोरोना के 9,195 नए मामले, ओमिक्रॉन के 781 केस,इसी दौरान 302 लोगों की मौत, कुल मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,80,592
16. Rahul Gandhi ने फिर साधा निशाना , बोले- पीएम मोदी के गलत फैसलों के आगे जो झुक जाते हैं , वही कर रहे हैं ' हिंदुत्व ' का पालन
17. 3 दिन बाद करोड़ों किसानों के खाते में पीएम मोदी ट्रांसफर करेंगे रुपये
18. पहला टेस्ट, तीसरा दिन : 200 टेस्ट विकेट लेने वाले 5वें भारतीय तेज गेंदबाज बने शमी
19. उत्तराखंड को लेकर कांग्रेस का दिल्ली में मंथन, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों का तय होगा भाग्य का फैसला
20. पीएम और अमित शाह के जवाब में अखिलेश ने कहा, पीयूष जैन भाजपा का आदमी
21. अखिलेश यादव , बोले- पीयूष जैन बीजेपी का आदमी , उसका सपा से कोई लेना - देना नहीं
22. CM योगी का कांग्रेस पर आरोप , कहा मालेगांव मामले में हिंदू नेताओं को फंसाने की घिनौनी साजिश रची गई
23.पीएम मोदी की कानपुर रैली के दौरान दंगों की थी साजिश , सपा का एक नेता गिरफ्तार
24. ओमीक्रॉन के खतरे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत की यात्रा रद्द
25. दिल्ली में कोरोना मामलों में आया उछाल , सत्येंद्र जैन बोले- अंतरराष्ट्रीय उड़ानें है बढ़ोतरी के पीछे बड़ी वजह
26. ममता के राजभवन में राजा बैठा है बयान पर राज्यपाल धनखड़ ने जताई कड़ी आपत्ति, बताया अपमानजनक
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दोस्तों, इस कोरोना के आपदा एवं संकट ने हमे जीवन के कई नवसुत्रो से अवगत कर दिया है। हमारे पास कितना भी बैंक-बैलेंस क्यों न हो। कितनी भी बीमा पालिसी क्यों न हो, सुखमय भविष्य के लिए कितनी भी SIP क्यों करवाई हो। पर भाग्य के बहीखाते में पुण्यो के बैलेंस नही है तो सबकुछ यही धरा का धरा रह जाता है। दोस्तों, जीवन भविष्य की योजनाओं में नही वर्तमान जीवन मे है, वर्तमान समय मे भी जब आप पीछे मुड़ के देखते हो तो पता चलेगा की आज की उपलब्धियों को प्राप्त करने के लिए आपके पास कोई ठोस योजना नही थी। यह सब आपके समयकालीन दशा-गोचर में पुरलिहित था, क्योंकि भाग्य से पहले और अधिक नाही किसीको मिला है ना मिलेगा। व्यक्ति के वर्तमान समय का पुरुषार्थ, प्रारब्ध का निर्माण करता है और वह प्रारब्ध भाग्य बनकर आता है, इसीलिये प्रत्येक मनुष्य को पुरुषार्थ करना चाहिए क्योंकि पुरुषार्थ के बिना प्रारब्ध भी लंगड़ा है, किन्तु किये गए पुरुषार्थ का भाग्य भविष्य में मिलेगा उसके भ्रम में नही रहना चाहिए। वह भाग्य कब आएगा इसका कोई नियंत्रण मनुष्य के हाथ मे नही है। इसीलिये कर्मज्ञ और स्थितप्रज्ञ मनुष्य को भविष्य को ध्यान में रखते हुए वर्तमान समय में जीवन को जीना चाहिए, नाकि भविष्य की योजनाओं में वर्तमान को व्यर्थ करना। #omastroinfo #omastroinfopune #Astrologer #Astrology #vastu #vastupune #bestastrologer #bestvastuconsultant #investment https://www.instagram.com/p/CV7GcnMtOrC/?utm_medium=tumblr
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मौतें नकारात्मक रिपोर्ट की निरंतर प्रेरणा हैं। - हर रोज जा रहा है जान: कोविड रिपोर्ट निगेटिव फिर भी ऑक्सीजन लेवल गिरने से मौत हो गई
मौतें नकारात्मक रिपोर्ट की निरंतर प्रेरणा हैं। – हर रोज जा रहा है जान: कोविड रिपोर्ट निगेटिव फिर भी ऑक्सीजन लेवल गिरने से मौत हो गई
प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो: पीटीआई
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कोरोना के लक्षण के बावजूद रिपोर्ट निगेटिव आने पर बरती जा रही लापरवाही मरीजों की जान ले रही है। इसका कारण बुखार से ग्रस्त रोगियों में ऑक्सीजन लेवल का गिरना है। रोजाना ऐसे कई मरीजों की जान जा रही है। इनमें से कई की कोटि जांच तक नहीं मिली हैं।
मरीज सामान्य लिन समझकर इलाज करता है, जबकि इसके तीसरे-चौथे दिन ऑक्सीजन लेवल गिरने से उसकी मौत हो गई…
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दिनांक : 03.01.2022 | लखनऊ | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक, महाकवि गीतों के दरवेश पद्मभूषण (डॉ०) गोपाल दास नीरज जी की 97वीं जयंती की पूर्व संध्या पर साहित्यिक कार्यक्रम "बेमिसाल नीरज : कारवाँ गुज़र गया" काव्यांजलि का आयोजन संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने सीएमएस ऑडिटोरियम, गोमती नगर में किया गया l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार का कार्यक्रम आयोजन में सहयोग प्रदान करने हेतु धन्यवाद देते हुए, अपने स्वागत सम्बोधन में कहा कि, हम सब बड़े खुशनसीब हैं कि कोरोना महामारी के बाद हम सब जीवित हैं और आज नीरज जी की जन्मजयंती कार्यक्रम में यहाँ उपस्थित हैं, परन्तु आगे जीवित रहने के लिए हम सबको कोरोना प्रोटोकाल का ईमानदारी से पालन करते रहना है l
उन्होंने नीरज जी को याद करते हुए कहा कि -
"नीरज को पढ़कर आदमी बनता अदीब है,
नीरज को जिसने देखा बड़ा खुशनसीब है"
श्री अग्रवाल ने बताया कि ट्रस्ट ने अपने पूर्व संरक्षक नीरज जी का 90वें जन्मदिन से 93वें जन्मदिन को इतने भव्य रूप में मनाया कि नीरज जी कहते थे कि ट्रस्ट ने मेरी उम्र बढ़ा दी है l परन्तु विगत दो वर्षों से कोरोना काल के कारण नीरज जी की जयंती पर किसी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सका है l वर्ष 2014 से नीरज जी के जीवित रहने तक, ट्रस्ट को नीरज जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, जिससे ट्रस्ट ने समाज, साहित्य, आध्यात्म, संस्कृति के क्षेत्र में भव्य आयोजन किये तथा जनहित में अनेकों पुस्तकों का प्रकाशन किया l नीरज जी कहते थे कि हेल्प यू ट्रस्ट अपने नाम को सार्थक कर रहा है l
श्री अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में यह भी बताया कि, नीरज जी कहते थे कि मानव होना भाग्य है, कवि होना सौभाग्य है l इसी भावना से आज ट्रस्ट कवि सम्मलेन का आयोजन तथा 05 नवोदित गीतिकारों को पद्मभूषण (डॉ०) गोपाल दास 'नीरज' स्मृति “गीत सम्मान” से सम्मानित कर रहा है l
कार्यक्रम में पद्मभूषण (डॉ०) गोपाल दास 'नीरज' स्मृति गीत सम्मान से 05 कवियों श्री अखण्ड प्रताप सिंह (लखनऊ), सुश्री रेनू द्धिवेदी (लखनऊ), श्री रामायण धर द्धिवेदी (बस्ती), श्री आशीष शर्मा (लखीमपुर खीरी) तथा श्री योगी योगेश शुक्ला (लखनऊ) को उत्कृष्ट गीत रचनाधर्मिता के लिए नवोदित गीतकार के रूप में पद्मभूषण (डॉ०) गोपाल दास 'नीरज' स्मृति “गीत सम्मान” ���े सम्मानित किया गया I
इस अवसर पर कवि सम्मलेन का आयोजन हुआ जिसमें, श्री सत्येंद्र ‘शलभ’, डॉ. सुमन दुबे, डॉ. कलीम क़ैसर, डॉ. कमलेश शर्मा, डॉ. सरला शर्मा, सुश्री नुसरत अतीक़, सुश्री सुफलता त्रिपाठी तथा डॉ. अखिलेश मिश्रा ने अपनी कवितायेँ सुनाईं l
श्री सत्येंद्र ‘शलभ’ जी :
“पक्की सड़क अचानक कच्ची होकर बोली, गांव आ गया l
प्राणों प्यारा गांव आ गया, प्यारा-प्यारा गांव आ गया ll
चुए हुए महुए को चूमे पुरवा डोली , गांव आ गया l
प्राणों प्यारा गांव आ गया, प्यारा-प्यारा गांव आ गया ll”
डॉ. अखिलेश मिश्रा जी :
"तुम अटल विश्वास हो, छल हो, बता दो,
प्रेयसी किस पुण्य का फल हो बता दो,
तुम अधर पर प्यास सी हो,
रति निपुण मधुमास सी हो,
रूपसी मदिरा का मद हो,
वृंदावन के रास सी हो,
मुझ में तुम पलभर या प्रतिपल हो, बता दो,
प्रेयसी किस पुण्य का फल हो बता दो”
डॉ. सुमन दुबे जी :
"कौन कहता है की पांव की जंजीर हूँ मैं,
दौरे हाज़िर की बदलती हुई तस्वीर हूँ मैं I
मैं हूँ औरत मेरी फितरत है मोहब्बत करना,
माँ कहीं हूँ, कहीं बेटी, कहीं हमशीर हूँ मैं I”
डॉ. कमलेश शर्मा जी :
“हम उनसे अपना क्रोध जता पूछ रहे हैं,
अब तक हुई है किस से खता पूछ रहे हैं,
न जाने कौन से महल में क़ैद पड़ी जो,
हम उस स्वतंत्रता का पता पूछ रहे हैं l”
डॉ. कलीम क़ैसर जी :
"जनवरी से न जून से मतलब,
प्यार को है जुनून से मतलब,
नाम रिश्तों का चाहे जो रख लो,
दिल को तो है सुकून से मतलब ।“
डॉ. सरला शर्मा जी :
"बड़ी दुश्वारियों के बाद आसानी में रहती हूँ,
चमन में भी मैं कांटों की निगहबानी में रहती हूँ,
मुझे जख़्मों के ख़ंजर से निपटना ख़ूब आता है,
मैं अपने हौसले हिम्मत की सुल्तानी में रहती हूँ I”
सुश्री नुसरत अतीक़ जी :
"वो तो आँखों में ख्वाब छोड़ गया,
अब तो नींदों की जिम्मेदारी है,
रूह पर इसका बस नहीं चलता,
मौत तो जिस्म की शिकारी है I”
सुश्री सुफलता त्रिपाठी जी :
"खुशबुओं की डगर से गुजरने लगे,
आपसे प्यार हम जबसे करने लगे,
हमने दर्पण न देखा कभी कल तलक,
आज छुप छुप के सजने सँवरने लगे I”
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एक्ट्रेस अंगीरा धर डायरेक्टर आनंद तिवारी के संग बंधी शादी के बंधन में, सामने आई शादी की खूबसूरत तस्वीरें!
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एक्ट्रेस अंगीरा धर डायरेक्टर आनंद तिवारी के संग बंधी शादी के बंधन में, सामने आई शादी की खूबसूरत तस्वीरें!
दोस्तों कोरोना ने काल में शादी-ब्याह का रंग भी काफी फीका पड़ गया है। महामारी के चलते अब परिवार के कुछ लोगों के बीच कपल सात फेरे ले रहा है। इस बीच कई बी-टाउन स्टार्स भी लॉकडाउन के दौरान शादी के बंधन में बंधे। बीते दिनों यामी गौतम की शादी की तस्वीरें जमकर वायरल हुई थीं। उसके कुछ समय बाद टीवी एक्टर अंकित गेरा, एक्ट्रेस एवलिन शर्मा और कुंडली भाग्य फेम ईशा आनंद ने भी अपने पार्टनर्स के साथ गुपचुप शादी रचाई थी।
वहीं अब एक्ट्रेस अंगीरा धर ने डायरेक्टर आनंद तिवारी से गुपचुप शादी रचाई है। उनकी शादी की खबर उस समय हवा की तरह की फैली जब अंगीरा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंस से शादी की तस्वीरें शेयर की। कपल ने 30 अप्रैल को ही शादी कर ली थी लेकिन इसका खुलासा उन्होंने लगभग डेढ महीने बाद किया। शादी समारोह कोविड नियमों के अनुसार ही संपन्न हुआ था। दोनों की तरफ से कुछ खास मेहमान ही शादी में शामिल हुए थे।
हाल ही में अंगीरा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से कुछ तस्वीरें साझा की हैं जो तेजी से वायरल हो रही हैं। अंगीरा ने शादी के फंक्शन की दो तस्वीरें साझा की हैं। पहली फोटो में दोनों मंडप में बैठे हुए हैं और एक-दूसरे को देखते हुए मुस्कुरा रहे हैं। शादी की तस्वीरें की बात करें तो पहली फोटो में दोनों एक साथ खड़े हुए हैं और उनकी आरती उतारी जा रही है। दूसरी तस्वीर में दोनों मंडप में बैठे हुए हैं और एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे हैं। लुक की बात करें तो अंगीरा रेड साड़ी में नजर आ रही हैं। हैवी ज्वैलिरी, लाल चूड़ा दुल्हन बनी अंगीरा के लुक को चार-चांद लगा रहा है। वहीं उनके पति शेरवानी पहने हैंडसम दिख रहे हैं।
बता दें कि अंगीरा ने फिल्म लव पर स्क्वायर फुट से डेब्यू किया था। उनकी इस फिल्म को आनंद तिवारी ने ही डायरेक्ट किया था और तभी से दोनों एक-दूसरे के प्यार में डूब गए थे और उसी के बाद से दोनों साथ में हैं। आनंद और अंगीरा बीते दो सालों से एक-दूसरे को डेट कर रहे थे। आनंद तिवारी ने ‘गो गोवा गॉन’, ‘आयशा’ और ‘छपाक’ जैसी फिल्मों में काम किया है। इसके अलावा उन्होंने वेब सीरीज ‘बंदिश बैंडिट्स’ को डायरेक्ट किया है।
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कोविड में मंगल-गान (लघुकथा)
कोविड में मंगल-गान (लघुकथा)
“जिज्जी! जीवन भर अपनी किस्मत को कोसते ही बीतेगी लगता है। लल्ला का ब्याह तय होते-होते हुआ भी तो इस लगन में कोरोना की आफत आ गई। बताइये! आज मेरे पास ऐसा कोई नही है जो ब्याह का मंगल-गान कर सके। मेरे तो सारे अरमान धरे रह गये। मेरे लल्ला का ब्याह सूना-सूना ही बीतेगा क्या?” फोन पर अपनी जेठानी से बात करते-करते तारा देवी रूआंसी ह�� उठीं, नयन पीत पत्रों की भाँति झरने लगे।
“क्या करोगी, इसे भी भाग्य का लिखा…
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कोरोना से मिल्खा सिंह का हुआ निधन
कोरोना से मिल्खा सिंह का हुआ निधन
भारत के महान मिल्खा सिंह का कोरोना से 91 साल की उम्र में मौत हो गई। मन्नर मोदी ने ऐसा सोचा है। प्रभामंडल, प्रभामंडल ️ थी️️️️️️️️️️️️️ स्थिति के अनुसार स्थिति खराब होने पर भी स्थिति खराब हो गई थी। 91 साल के मिलान के बाद खराब होने के बाद भर्ती हो गई थी।
देश के नरेंद्र मोदी ने मिल्खा सिंह के भाग्य पर सोची है। ऐसे ही रहने वाले खिलाड़ी को कहा गया था, “साथ में रहने वाले खिलाड़ी को ऐसे ही मिल्खा सिंह के…
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IPL2021: पिता के सेवा करने के मौके को इस खिलाड़ी ने 2 दिन पहले बताया था भाग्य, आज नहीं रहे पिता-Hindi News
IPL2021: पिता के सेवा करने के मौके को इस खिलाड़ी ने 2 दिन पहले बताया था भाग्य, आज नहीं रहे पिता-Hindi News
Hindi News – New Delhi: देश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच एक के बाद एक मौतों के होने की खबर मिल रही है. ताजा मामला राजस्थान रॉयल्स के यु���ा तेज गेंदबाज से जुड़ा है. IPL 2021 में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खल रहे चेतन सकारिया के पिता का आज कोरोना से निधन हो गया. बता दें कि सकरिया के पिता कांजीभाई ने सात दिनों पहले संक्रमित पाए गये थे. उनका इलाज गुजरात के भावनगर के एक अस्पताल में चल रहा था.…
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दिल्ली ब्यूरो /कोरोना से हार गयें वरिष्ठ पत्रकार शेषनारायण सिंह जी,दूसरों की चिंता काफी करते थे-परसों तक प्लाज्मा के लिए परिजन जूझ रहे थे-अंकु श्रीवास्तव/CIN के तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि
दिल्ली ब्यूरो /कोरोना से हार गयें वरिष्ठ पत्रकार शेषनारायण सिंह जी,दूसरों की चिंता काफी करते थे-परसों तक प्लाज्मा के लिए परिजन जूझ रहे थे-अंकु श्रीवास्तव/CIN के तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि
कौशलेन्द्र पाराशर की रिपोर्ट / अंकु श्रीवास्तव के फेसबुक वॉल से -लड़ो और लड़ते रहो भाई ,हमेशा यही सूत्र भाग्य रहा है.शेषनारायणसिंह जी का .।उम्र में भले ही मुझसे बड़े रहे हो लेकिन हमेशा यारी ,दोस्ती और मस्ती उनकी फितरत थी। टीवी डिबेट में जब भी साथ होते थे तो जो मस्ती वह करते थे ,वह बहुत कम लोग कर पाते हो। प्यार से चिकोटी भी काटते थे और डांटते भी थे। वह चाहे पैनलिस्ट हो या फिर हम सब लोग हों । इस…
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