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#नींद चक्र
eerie7-blog · 1 year
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Uyku Evreleri
Uyku, vücudun dinlenmek, yenilenmek ve enerji depolamak için geçirdiği doğal bir fizyolojik süreçtir. Uyku süreci karmaşık bir şekilde düzenlenir ve farklı uyku aşamalarıyla karakterizedir. İşte uyku nasıl gerçekleşir:
Uyku Döngüleri: Uyku, döngüler halinde tekrarlanır. Her uyku döngüsü, yaklaşık 90-120 dakika sürer ve dört aşamadan oluşur: hafif uyku, derin uyku, daha derin uyku ve REM (Rapid Eye Movement - Hızlı Göz Hareketi) uyku.
Hafif Uyku: Uykunun başlangıcında hafif uyku aşamasına girilir. Vücut rahatlar, kalp atış hızı ve solunum yavaşlar. Kaslar gevşer ve göz hareketleri azalır. Hafif uyku aşamasında kolayca uyanabiliriz.
Derin Uyku: Hafif uyku aşamasından sonra derin uyku aşamasına geçilir. Derin uyku, dinlenmenin en yoğun olduğu aşamadır. Kaslar daha fazla gevşer, vücut sıcaklığı düşer ve beyin dalgaları yavaşlar. Derin uyku, fiziksel iyileşme, bağışıklık sistemi güçlenmesi ve hücre yenilenmesi için önemlidir.
Daha Derin Uyku: Derin uyku aşamasının derinleştiği bir alt aşamadır. Bu aşamada, vücut daha fazla dinlenir ve iyileşir. Kaslar daha fazla gevşer ve bazı temel fizyolojik süreçler gerçekleşir.
REM Uyku: REM uyku aşaması, rüya görmenin gerçekleştiği aşamadır. Gözler hızlı bir şekilde hareket eder ve beyin aktivitesi artar. REM uyku aşamasında vücut kasları felç olur ve hareket etme yeteneği geçici olarak kısıtlanır. REM uyku, zihinsel iyileşme, öğrenme ve hafıza güçlenmesi için önemlidir.
Uyku döngüleri bir gece boyunca birkaç kez tekrarlanır ve genellikle REM uyku süresi giderek artar. Her bir uyku döngüsü, vücudun ihtiyaç duyduğu dinlenmeyi ve yenilenmeyi sağlar. Toplam uyku süresi ve uyku aşamaları bireyden bireye farklılık gösterebilir ve yaşam tarzı, uyku düzeni, yaş ve diğer faktörlere bağlı olarak değişebilir.
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mwsnewshindi · 1 year
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क्या आपके गद्दे से तनाव और चिंता प्रेरित हो सकती है? एक अच्छे सोने के गद्दे का महत्व
क्या आपके गद्दे से तनाव और चिंता प्रेरित हो सकती है? एक अच्छे सोने के गद्दे का महत्व
अच्छी नींद का महत्व: नींद का समर्थन करने में हमारा बिस्तर एक महत्वपूर्ण तत्व है। हम जिस गद्दे पर सोते हैं, वह हमारे सोने के चक्र को बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। कार्यालय में लंबे दिन के बाद नींद की कमी एक चिड़चिड़ा और अगले दिन थका हुआ छोड़ सकती है। नींद की कमी लोगों में चिंता और तनाव के सबसे बड़े कारणों में से एक है। एक खराब गद्दा आपको एक आरामदायक नींद चक्र स्थापित करने से रोक सकता है…
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क्या है पीसीओडी के मुख्य लक्षण? और जाने उपचार (PCOD Symptoms In Hindi)
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पीसीओडी क्या होता है? (What is PCOD?)
क्या आपने कभी पीसीओडी के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो आज हम इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। पीसीओडी, यानी बहुत्विक अंडाशय रोग, एक सामान्य हार्मोनल समस्या है जो बहुत सी महिलाओं को प्रभावित करती है। इसका प्रभाव महिला के प्रजनन अंगों पर पड़ता है, जिससे कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। पीसीओडी के लक्षणों में पीरियड्स ना आना या अनियमित मासिक चक्र, गर्भधारण में कठिनाई, Mood Swings, चेहरे पर अनचाहे बाल, बाल झड़ना और पतला होना, वजन बढ़ना, त्वचा में परिवर्तन, मुंहासे, पेल्विक दर्द शामिल है और इन बीमारियों मे टाइप 2 डायबिटीज, हृदय की बीमारी, मोटापा और एंडोमेट्रियल कैंसर भी हो सकता है।
पीसीओडी का पूरा नाम हिंदी में (Full Form of PCOD in Hindi)
पीसीओडी का पूरा नाम या फिर full form “Polycystic Ovary Disease” है, जिसे हिंदी में “बहुत्विक अंडाशय व्याधि कहा जाता है। इसे ‘पीसीओडी” के नाम से अधिक जाना जाता है, और यह महिलाओं में बहुत पाया जाता है।
पीसीओडी के कारण (Why PCOD Occurs?)
अब आप सोच रहे होंगे, पीसीओडी आखिर होता कैसे है? चलिए, इसे और अधिक विस्तार से समझते हैं।
पीसीओडी कैसे होता है?
पीसीओडी तब होता है जब अंडाशय में अनेक छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं। ये सिस्ट वास्तव में अंडाणु होते हैं जो सही तरह से परिपक्व नहीं हो पाते हैं।
पीसीओडी क्यों होता है?
इसका मुख्य कारण हार्मोन्स का असंतुलन होता है। जब एक महिला के शरीर में विशेष प्रकार का हार्मोन अधिक मात्रा में उत्पन्न होता है, तो यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
पीसीओडी के लक्षण (Symptoms of PCOD)
पीसीओडी या पॉलीसिस्टिक ओवरी रोग अंडाशय हार्मोन का एक विकार है जो प्रजनन आयु की महिलाओं में आम है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए ऐसे लक्षण हैं जो किसी भी महिला में दिखाई दे सकते हैं।
पीसीओडी के प्रमुख लक्षण (Main Symptoms of PCOD)
अनियमित मासिक धर्म: मासिक धर्म चक्र में लंबे समय तक रुकावट या इसमें देरी।
ओवर हेयर: पीठ, पेट और चेहरे पर प्रचुर मात्रा में बाल।
 वजन बढ़ना: अचानक वजन बढ़ना या वजन घटाने में कठिनाई।
त्वचा समस्याएँ: मुँहासे और चेहरे पर तेलीयपन।
अधिक थकान महसूस होना: बिना किसी कारण के थकान महसूस करना।
पीसीओडी महिलाओं में कैसे पहचानें (Identifying PCOD in Females)
यह सवाल लगभक सभी महिलाओं के मन में आता है की, “क्या मुझे पीसीओडी है हुआ है?” तो आइए जानते हैं ऐसे कुछ लक्षण जिनसे आप इस समस्या को जान सकते हैं।
जानिए पीसीओडी की समस्या और उसके लक्षण (Know PCOD Issues and Their Indications)
•                  उल्टी की भावना: बहुत बार उल्टी आने जैसा feel हो सकता हैं।
•                  सीने में जलन होना: भोजन के बाद सीने में जलन होना ये भी कई बार हो सकता है।
•                  बालों का झड़ना या फिर कम होना: इसमे बालों का झड़ना, कम होना और पतला होना ये भी शामिल है।
•                  अधिक थकान याफिर नींद की भावना: रोज के दिनकर्म में भी अधिक थकान जैसा लगना या फिर नींद जैसा feel होना।
पीसीओडी और पीसीओएस में अंतर (Difference between PCOD and PCOS)
अधिकतर लोग पीसीओडी और पीसीओएस को एक ही समस्या मानते हैं, लेकिन ये दोनों अलग होते हैं। पीसीओडी (Polycystic Ovary Disease) एक स्थिति है जहां अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट होते हैं। पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) एक अधिक गंभीर विकार है, जिसमें हार्मोनल असंतुलन, मेटाबोलिक समस्याएं, और प्रजनन संबंधी जटिलताएं शामिल होती हैं।
उपचार और सलाह (Treatment and Advice)
पीसीओडी का समय पर इलाज और सही सलाह से प्रबंधन संभव है। अगर आपको पीसीओडी के लक्षण महसूस होते हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
यशोदा आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर: पीसीओडी और प्रजनन संबंधी अन्य समस्याओं के लिए सही परामर्श और उपचार के लिए, नवी मुंबई के यशोदा आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर से संपर्क करें। यहां के विशेषज्ञ डॉक्टर आपको उचित मार्गदर्शन और देखभाल प्रदान करेंगे। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: 8655442184.
पीसीओडी का परीक्षण (PCOD Testing)
स्वस्थ जीवन की कुंजी है सही जानकारी और सही समय पर उचित उपचार। पीसीओडी, जो महिलाओं में होने वाली एक सामान्य समस्या है, का पता लगाने के लिए परीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जानिए PCOD परीक्षण कैसे होता है? (Know How is PCOD Testing Done?)
जब आप इस समस्या के लिए डॉक्टर के पास जाती हैं, तो वह कुछ प्रकार की जाँचें की सलाह देते है:
•                  अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): इसमें डॉक्टर आपके अंडाशय की स्थिति की जाँच करते हैं और सिस्ट्स  है या नही ये को जांच करते हैं।
•                  रक्त परीक्षण (Blood test): इससे डॉक्टर अंडा उत्सर्जन संबंधित हार्मोन्स की मात्रा की जाँच करते है।
•                  शारीरिक परीक्षण: इसमें डॉक्टर आपके शरीर के सारे हिस्सों, जैसे त्वचा, बाल आदि की जाँच करते है।
जानिए क्या है PCOD परीक्षण में ध्यान देने योग्य बातें (Know Things to Consider in PCOD Testing)
जब आप डॉक्टर के पास PCOD के परीक्षण के लिए जाती हैं, तो कुछ बातों का हमे अच्छे से ध्यान रखना चाहिए:
•                  डॉक्टर से सलाह: अच्छे डॉक्टर से सलाह लेने से आपको अच्छे से सहायता मिलती है।
•                  परीक्षण का समय: डॉक्टर से सलाह ले की किस महीने मे परीक्षण या जांच करनी है।
•                  जाँच की सटीकता: अगर आपको पहिली जांच मै कुछ गडबड जैसा लगा तो आप दुबारा जांच कर सकते हैं
क्या है पीसीओडी का इलाज (What is Treatment for PCOD)
पीसीओडी समस्या की पहचान होने के बाद आवश्यक हैं की उसका जल्द से जल्द इलाज किया जाए।
जानिए पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज का उपचार (Polycystic Ovarian Disease Treatment)
•                  हार्मोन थेरेपी: इसमें डॉक्टर हार्मोन्स की मात्रा को संतुलित करते है।
•                  औषधियां: कुछ प्रकार की ��वाओं से हार्मोन असंतुलन को दूर किया जा सकता है।
•                  लाइफस्टाइल परिवर्तन: संतुलित आहार और व्यायाम से भी PCOD पर नियंत्रण पाया जाता है।
जानिए PCOD की समस्या का समाधान या निवारण क्या है (Solution to PCOD Problem)
PCOD  ऐसी समस्या है जिसका निवारण या समाधान सिर्फ और सिर्फ औषधियों में नहीं है  हमे अपने जीवनशैली में सुधार करना चाहिए, संतुलित आहार लेना चाहिए और नियमित व्यायाम करना चाहिए, तो हम PCOD से मुक्ति पा सकते हैं।
हमारे की विशेषज्ञ सहायता प्राप्त करें (Seek Our Expert Help)
आज के टाईम मै महिलाओं में पीसीओडी की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। अगर इसका सही समय पर और सही तरीके से इलाज नहीं होता, तो ये समस्या और भी बढ़ सकती है या जटिल हो सकती है। इसके लिए हमारे आईवीएफ और विशेषज्ञों की सलाह ले और सही उपचार जल्द ही करे।यशोदा आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर
यशोदा आईवीएफ और फर्टिलिटी सेंटर पीसीओडी और प्रजनन संबंधित समस्याओं के उपचार के लिए Best IVF Centre In Navi Mumbai माना जाता है। यहां के अनुभवी डॉक्टर आपको सही मार्गदर्शन और देखभाल प्रदान करते हैं। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: 8655442184.
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poojagurung · 3 months
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वसंत पंचमी मनाना: नवों के नवरंग और नवचेतन"(ड्रीमज़ोन देहरादून)
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“सूरज की किरण में प्रतियोगी बच्चा, उड़ते पतंग तितली के पार।
जगमगाती सरस्वती माँ की कृपा से, हर एक धरा, हर एक बाल।”
प्रकृति शीत निद्रा से जाग उठी,
सुनहरे खेत और वादे निभाते हैं।
दिल की रोशनी के साथ, हम वसंत का स्वागत करते हैं,
नई शुरुआत, उम्मीदों को पंख लगते हैं।
वसंत पंचमी, उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाने वाला एक मनमोहक त्योहार, पूरे भारत में लाखों लोगों के दिलों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वसंत के आगमन का प्रतीक यह जीवंत अवसर सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और शैक्षिक महत्व से जुड़ा है। जैसे-जैसे सर्दियों की ठंड कम होती जाती है, वसंत पंचमी प्रकृति की सुंदरता के खिलने और बुद्धि और ज्ञान की खोज की शुरुआत करती है।
इसके मूल में, वसंत पंचमी विद्या, कला और ज्ञान की प्रतिष्ठित देवी सरस्वती को श्रद्धांजलि है। इस शुभ दिन पर, भक्त अपने शैक्षणिक और रचनात्मक प्रयासों में ज्ञान और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए, सरस्वती का आशीर्वाद लेते हैं। स्कूल, कॉलेज और सांस्कृतिक संस्थान उनकी मूर्तियों को चमकीले पीले परिधान से सजाते हैं, जो वसंत की जीवंतता और जीवंतता का प्रतीक है। हवा भजनों और मंत्रों से गूंजती है, क्योंकि छात्र और विद्वान अपनी पढ़ाई और कलात्मक गतिविधियों में सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं।
वसंत पंचमी का पर्याय पीला रंग गहरा महत्व रखता है। यह वसंत के जीवंत रंगों का प्रतिनिधित्व करता है, जो विकास, समृद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक है। सड़कों और घरों को पीले रंग की सजावट से सजाया जाता है, और लोग इस अवसर का सम्मान करने के लिए पीले कपड़े पहनते हैं। मंदिरों और घरों को सजाते हुए पीले फूलों को देखना खुशी और नवीनीकरण की भावना पैदा करता है, जो प्रकृति की सुंदरता के कायाकल्प को दर्शाता है।
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जिस प्रकार वसंत पंचमी हमें यह याद दिलाने का तरीका है कि सबसे अंधेरी और सबसे ठंडी सर्दियो के बाद भी हमेशा एक नई शुरुआत सामने आने का इंतजार करती है उसी प्रकार ड्रीमजोन देहरादून एक ऐसी संस्था है जो युवाओं के आने वाले सुंदर भविष्य को उजागर करती है साथ ही उनके जीवन शैली को एक नई दिशा का मार्ग दर्शन कराती है
“आओ मिलकर गाएं गाना, बसंत पंचमी का मेला।
ये खुशियों का त्योहार है, मन को नई दुनिया का खुला लाया।”
वसंत पंचमी उत्सव के दौरान पतंग उड़ाना एक पोषित परंपरा के रूप में उभरती है। नीले आसमान में रंग-बिरंगी पतंगें उत्सव के माहौल को और भी बढ़ा रही हैं। परिवार छतों पर एकत्र होते हैं, मैत्रीपूर्ण प्रतियोगिताओं और आनंदपूर्ण सौहार्द के बीच संबंध बनाते हैं। उड़ती पतंगें स्वतंत्रता, आशावाद और वसंत की शुरुआत के साथ आने वाली असीमित क्षमता का प्रतीक हैं।
वसंत पंचमी समारोह में पारंपरिक मिठाइयों और व्यंजनों के साथ खाने की मेजों पर पाक संबंधी व्यंजन एक अभिन्न भूमिका निभाते हैं। स्वादिष्ट लड्डुओं से लेकर स्वादिष्ट केसर युक्त व्यंजनों तक, प्रत्येक पाक रचना मौसम के सार से ओत-प्रोत है। परिवार और दोस्त इन व्यंजनों का स्वाद लेने, संबंधों को मजबूत करने और समुदाय की भावना को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आते हैं।
“गुलाबों की किरणें, सूरज की किरणें, हर ओर बसंत का आनंद छाया।
इस प्रकृति की प्रकृति में, भव्यता का संगम आया।”
अपने सांस्कृतिक उल्लास से परे, वसंत पंचमी सीमाओं से परे है, नवीनीकरण, ज्ञानोदय और आशा के सार्वभौमिक विषयों को समेटे हुए है। यह जीवन की चक्रीय प्रकृति की मार्मिक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है, जहां अंत नई शुरुआत का मार्ग प्रशस्त करता है, और अंधकार ज्ञान के प्रकाश को जन्म देता है।
वसंत पंचमी वसंत के आगमन और अद्वितीय उत्साह के साथ ज्ञान की खोज का सार प्रस्तुत करती है। यह प्रकृति के परिवर्तन की सुंदरता और प्रत्येक व्यक्ति में निहित असीमित क्षमता का जश्न मनाता है। जैसे ही पूरे भारत में भक्त सरस्वती का सम्मान करने और मौसम की खुशियों को अपनाने के लिए एक साथ आते हैं, वसंत पंचमी जीवन, शिक्षा और नवीकरण के शाश्वत चक्र के एक कालातीत उत्सव के रूप में उभरती है।
“बसंत पंचमी अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है,
जैसे-जैसे दिन बड़े होते जाते हैं और दुनिया सूर्य की गर्म चमक से नहा उठती है।”
“यह रचनात्मकता और प्रेरणा की भावना को अपनाने का समय है,
क्योंकि हम ज्ञान, कला और बुद्धिमत्ता की देवी सरस्वती को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।”
बसंत पंचमी वसंत ऋतु के आनंद का सार प्रस्तुत करती है, जो नवीनीकरण, खुशी और उत्सव के मौसम की शुरुआत करती है। यह वह समय है जब प्रकृति अपनी नींद से जागती है, दुनिया को जीवंत रंगों से रंगती है और हवा को फूलों की मीठी खुशबू से भर देती है। जैसा कि हम देवी सरस्वती का सम्मान करने और सीखने और रचनात्मकता की भावना को अपनाने के लिए एक साथ आते हैं, बसंत पंचमी हमें नई शुरुआत की सुंदरता और आने वाले उज्जवल दिनों के वादे की याद दिलाती है। आइए हम परंपराओं को संजोएं, उत्सवों का आनंद लें और खुले दिल और हर्षित आत्माओं के साथ वसंत के आगमन का स्वागत करें। बसंत पंचमी का आशीर्वाद हमें आने वाले दिनों में विकास, ज्ञान और पूर्णता की यात्रा पर जाने के लिए प्रेरित करे।
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“बसंत पंचमी जीवन के सरल सुखों को अपनाने,
हमारे चारों ओर मौजूद सुंदरता की सराहना करने और
प्रत्येक नए दिन का कृतज्ञतापूर्वक स्वागत करने के लिए
एक सौम्य अनुस्मारक के रूप में कार्य करती है।”
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pradeepdasblog · 9 months
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( #MuktiBodh_Part36 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part37
हम पढ़ रहे हैं मुक्तिबोध पुस्तक पेज नंबर (71-72)
‘‘सुमरण की महिमा’’
गुरू जी से दीक्षा में प्राप्त नाम का जाप करो तो उसकी सफलता तब मानना जब
रोम-रोम (शरीर के बाल-बाल भगवन प्यार में) खड़े हो जाऐं। जैसे कोई अच्छी या बुरी
सूचना मिलने पर रोमांच होता है। धुन (लगन से उमंग उठे) होए। स्मरण से सुरति-निरति
(ध्यान) में ऐसी कल्पना हो कि जैसे मैं आकाश में कुंजमल जो सुक्ष्म शरीर में है, उसमें
बैठकर नाम जाप की माला फेर रहा हूँ यानि मेरी आध्यात्मिक (रूहानी) चढ़ाई वहाँ तक हो चुकी है।(94)
वास्तव में बंदगी (विशेष नम्रता से बार-बार झुक-झुककर जाप करने को बंदगी कहते
हैं) वह है जब सुरति-निरति यानि ध्यान नाम जाप पर लगे। भावार्थ है कि नाम का जाप
विशेष कसक (तड़फ) के साथ लिया जाए। जैसे हाथी ने मरते समय ररंकार भाव से
परमात्मा को याद किया था। उस भाव से रमता लखै {रमता (सर्वव्यापक) मालिक को
(लखै) देखै कि परमात्मा सब जगह है} सुरति की माला (सुमरणी) बनावै (ध्यान का एक
भाव नाम पर तथा तुरंत दूसरा भाव निरबान यानि वांछित मोक्ष पर) यानि निरति को मोक्ष
की ओर लगावै। जैसे नाम जपते-जपते कुछ क्षण निर्वाण यानि मोक्ष स्थान (सतलोक) की भी सुध लेवे कि वहाँ पर जाऐंगे, मौज से रहेंगे, जन्म-मरण का कष्ट नहीं, रोग-शोक नहीं,
वहाँ जाऐंगे। फिर लौटकर नहीं आऐंगे। इस प्रकार निरति मिलै निरबान का भावार्थ
समझो।(95)
संहस्र कमल भी अष्ट कमल (आठवां कमल) है। यहाँ तक सर्व कमलों में काल का
राज्य है। शरीर के अंदर तथा बाहर भी उसकी धुनि साज-बाज बजता है यानि काल का डंका
बजता है। जो शरीर में धुन (आवाज-शब्द) सुनाई देती है। ये सब काल की धुन (शब्द,
आवाज) हैं। सुन्न का भावार्थ है कि प्रत्येक कमल के आसपास सुन्न (खाली स्थान) है जो
प्रत्येक की सीमा का प्रतीक है। परंतु यह काल का जाल है। इस काल लोक में परमेश्वर
का भी निवास है, परंतु परमेश्वर केवल दीक्षितों का ही साथ देता है। (हद जीवों से दूर है,
बेहदियों के तीर) इस प्रकार उस परमात्मा से जो जुड़े हैं, उनका साथ परमेश्वर देते हैं।(96)
साधक कहता है कि हमारे को तो सब स्थानों पर आप ही दिखाई देते हो। आप ही
की शक्ति से सब धुनि आती हैं। सुन्न भी आप ही लगते हो क्योंकि आपकी शक्ति से सब
बने हैं। इनमें आप से दूसर (दूसरी वस्तु) कौन है? जो आता-जाता है, वह कौन है? यानि
जन्म-मरण हमारा किसलिए है?(97)
उत्तर दिया है कि इस जन्म-मरण का मूल कारण अविद्या यानि तत्वज्ञान का अभाव
है। जिस कारण से जन्म-मरण के फेर यानि चक्र को नहीं समझ सके जो कर्मों के कारण
हो रहा है। सत्य भक्ति के अभाव से पाँच तत्व तथा पच्चीस प्रकृति अपने स्वभाव से कर्म
कराकर जीवन नष्ट करा देती है। फिर अपने-अपने भागों में बाँट ले जाती है।(98)
सत्यनाम बिन यह शरीर रूपी नगर सूना (खाली) है। इस शरीर में इच्छाओं तथा
इच्छा पूर्ण न होने की चिंता तथा अन्य दुःख-सुख का ढ़ोल बज रहा है, शोर हो रहा है। जैसे
लड़का उत्पन्न हुआ तो खुशी का शोर। उस शोर में भगवान भूल गया। फिर लड़का मर
गया। फिर दुःख की रोहा-राट (हाहाकार) रूपी शोर। उस शोर में परमात्मा की भूल। इस
प्रकार यह जीवन इस चूं-चूं में समाप्त हो जाता है। कभी धन इकट्ठा करने के विचारों का
शोर। इस प्रकार मानव शरीर का मूल कार्य छोड़कर जीवन अंत कर दिया। लूट न लूटि
बंदगी यानि राम नाम इकट्ठा नहीं किया। हे हंस, हे भोले मानव! भोर हो गया यानि मृत्यु
हो गई। जैसे भोर (सुबह) नींद खुलती है, स्वपन समाप्त होता है तो स्वपन में बना राजा
अपनी झौंपड़ी में खटिया पर पड़ा होता है। इसी प्रकार मानव शरीर रहते भक्ति नहीं की
तो मृत्यु उपरांत पशु-पक्षी वाली योनि रूपी खटिया पर पड़ा होगा यानि पशु-पक्षी बनकर
कष्ट पे कष्ट उठाएगा।(99)
क्रमशः..........
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। साधना चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
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tiwariproduction · 1 year
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Somnambulism की समस्या से परेशान हैं तो अपनाएं ये टिप्स
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Health tips: somnambulism जिसे नाइट वॉकिंग के नाम से जाना जाता है यदि आप भी नींद में चलने की बीमारी से परेशान है तो यह टिप्स काफी ज्यादा मददगार साबित होंगे Night Walking सिकनेस, जिसे स्लीपवॉकिंग या somnambulism के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति सोते समय चलता है या अन्य गतिविधियाँ करता है। यह व्यक्ति और उनके प्रियजनों दोनों के लिए एक कष्टदायक अनुभव हो सकता है, क्योंकि स्लीपवॉकिंग एपिसोड किसी भी समय हो सकता है और चोट लगने का खतरा पैदा कर सकता है। यदि आप या आपका कोई परिचित नाइट वॉकिंग सिकनेस से पीड़ित है, तो एपिसोड की आवृत्ति और गंभीरता को कम करने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं।
somnambulism नाइट वॉकिंग सिकनेस से छुटकारा पाने के लिए उपाय
सुरक्षित नींद का माहौल बनाएं Night Walking सिकनेस के प्रबंधन में पहला कदम यह सुनिश्चित करना है कि सोने का वातावरण सुरक्षित हो। बेडरूम से किसी भी ट्रिपिंग खतरों या नुकीली वस्तुओं को हटा दें और आकस्मिक निकास को रोकने के लिए खिड़कियां और दरवाजे सुरक्षित करें। गिरने से बचाने के लिए सीढ़ियों के शीर्ष पर सुरक्षा द्वार का उपयोग करने पर विचार करें। नियमित नींद की दिनचर्या स्थापित करें नाइट वॉकिंग सिकनेस के प्रबंधन के लिए नियमित नींद की दिनचर्या स्थापित करना महत्वपूर्ण है। हर रात एक ही समय पर सोएं और हर सुबह एक ही समय पर जागें। यह स्लीप-वेक चक्र को विनियमित करने में मदद कर सकता है और स्लीपवॉकिंग एपिसोड की आवृत्ति को कम कर सकता है। तनाव को कम करें नाइट वॉकिंग सिकनेस के लिए तनाव एक योगदान कारक हो सकता है। यदि आप या आपके प्रियजन तनाव या चिंता का अनुभव कर रहे हैं, तो सोने से पहले ध्यान या गहरी साँस लेने के व्यायाम जैसी विश्राम तकनीकों का प्रयास करें। अंतर्निहित भावनात्मक मुद्दों को हल करने के लिए एक चिकित्सक या परामर्शदाता से बात करने पर विचार करें। इसे भी पढ़े: Symptoms of Depression: यह 8 लक्षण बताते हैं कि आप डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं उत्तेजक पदार्थों से बचें कैफीन, निकोटीन और अल्कोहल जैसे उत्तेजक पदार्थ नींद के चक्र को बाधित कर सकते हैं और नींद में चलने की संभावना को बढ़ा सकते हैं। नाइट वॉकिंग सिकनेस के जोखिम को कम करने के लिए सोने से पहले इन पदार्थों के सेवन से बचें। पर्याप्त नींद नींद की कमी से नाइट वॉकिंग सिकनेस का खतरा बढ़ सकता है। हर रात पर्याप्त नींद लेना सुनिश्चित करें, कम से कम सात घंटे की आरामदायक नींद का लक्ष्य रखें। दिन के दौरान झपकी लेने से बचें, क्योंकि यह नींद के चक्र को बाधित कर सकता है और नींद में चलने वाले एपिसोड की संभावना को बढ़ा सकता है। अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों का इलाज करें स्लीप एपनिया और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम जैसी कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ, नाइट वॉकिंग सिकनेस के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। यदि आपको संदेह है कि अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति समस्या में योगदान दे रही है, तो उपचार विकल्पों का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से बात करें। दवा पर विचार करें गंभीर मामलों में, नाइट वॉकिंग सिकनेस को प्रबंधित करने के लिए दवा की आवश्यकता हो सकती है। आपका स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर नींद के चक्र को विनियमित करने और नींद में चलने वाले एपिसोड की आवृत्ति को कम करने में मदद करने के लिए दवा लिख सकता है।
निष्कर्ष
नाइट वॉकिंग (Somnambulism) सिकनेस प्रबंधन के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है, लेकिन ऐसे कदम हैं जो एपिसोड की आवृत्ति और गंभीरता को कम करने के लिए उठाए जा सकते हैं। एक सुरक्षित सोने का माहौल बनाकर, नियमित नींद की दिनचर्या स्थापित करके, तनाव कम करना, उत्तेजक पदार्थों से परहेज करना, पर्याप्त नींद लेना, अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों का इलाज करना और दवा पर विचार करना, व्यक्ति अपनी स्थिति को नियंत्रित कर सकते हैं और अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। यदि आप या आपका कोई प्रिय व्यक्ति नाइट वॉकिंग सिकनेस का अनुभव कर रहा है तो सर्वोत्तम उपचार विकल्पों का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से बात करना महत्वपूर्ण है। follow us : google news Read the full article
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spitonews · 1 year
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अनिद्रा की समस्या | Insomnia Meaning in Hindi
अनिद्रा की समस्या | Insomnia Meaning in Hindi
अनिद्रा ( insomnia meaning in Hindi or Anidra ki Samasya ) मनोवैज्ञानिक और चिकित्सा की स्थिति, अस्वस्थ नींद की आदतों, विशिष्ट पदार्थों, और / या कुछ जैविक कारकों के कारण हो सकता है हाल ही में, शोधकर्ताओं ने अनिद्रा के बारे में सोचना शुरू कर दिया है क्योंकि आपके दिमाग की समस्या के रूप में जागने से रोकना (आपके मस्तिष्क में एक नींद का चक्र और एक जगा चक्र होता है-जब एक दूसरे को बंद कर दिया जाता…
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infoscope · 2 years
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नींद का 10-3-2-1-0 नियम क्या है?
नींद का 10-3-2-1-0 नियम क्या है?
अगर आप भुगत चुके हैं सोना, हम यहां आपके लिए चीजों को आसान बनाने के लिए हैं। चिंता मत करो। हम कुछ भी मुश्किल या परेशानी का सुझाव नहीं देंगे। बस एक साधारण सोने की दिनचर्या का पालन करें, जिसे ’10-3-2-1-0 के नियम’ के रूप में भी जाना जाता है। लेकिन इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, आइए पहले एक अच्छी रात की नींद के महत्व को समझते हैं। “नींद के चक्र को नियंत्रित करने वाली जैविक घड़ी जीवनशैली विकल्पों से बाधित…
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harpianews · 2 years
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ये 5 आदतें आपके हार्मोन स्वास्थ्य के साथ 'चुपचाप गड़बड़' कर सकती हैं
ये 5 आदतें आपके हार्मोन स्वास्थ्य के साथ ‘चुपचाप गड़बड़’ कर सकती हैं
समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में हार्मोन स्वास्थ्य एक बड़ी भूमिका निभाता है, और यह शरीर के चयापचय पर भी प्रभाव डालता है और यह आपके द्वारा खाए जाने वाले भोजन पर कैसे प्रतिक्रिया करता है। हार्मोन अक्सर आप कैसा महसूस करते हैं, और मासिक धर्म चक्र में किसी भी बदलाव, नींद, वजन, त्वचा की कुछ समस्याओं आदि के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। इसलिए, किसी के लिए कुछ बनाना ज़रूरी है आहार में बदलाव जो हार्मोनल…
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health-up-capsule · 2 years
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हेल्थ अप® एडी विटामिन बेबी मसाज ऑयल स्पर्श, संवेदनाओं और लगाव के बंधन को विकसित करता है।
मालिश से हमारे बच्चे आराम करना सीखते हैं और धीरे-धीरे उनकी नींद लंबी होती जाती है। इस प्रकार, आपके बच्चे के सोने के चक्र में सुधार होता है।
हेल्थ अप® एडी विटामिन बेबी मसाज ऑयल से मालिश करने से उसे वजन बढ़ाने में मदद मिलती है और पाचन में भी सुधार होता है।
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threequbes · 3 years
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The powers of quality sleep
The powers of quality sleep
द्वारा एक्सप्रेस समाचार सेवा हैदराबाद: हमारी पीढ़ी में सबसे अधिक बोले जाने वाले वाक्यांशों में से एक है ‘मैं कल रात बमुश्किल सोया था’। हो सकता है कि कोई व्यक्ति अपने सोने के समय पर नज़र न रखे, लेकिन पर्याप्त रूप से आंखें बंद करना स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। अनियमित और अनुचित नींद पैटर्न जीवन के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं, और काम और व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित कर सकते हैं; इसलिए यह…
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lok-shakti · 2 years
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Noise ColorFit Ultra 2 भारत में लॉन्च: कीमत, स्पेसिफिकेशंस
Noise ColorFit Ultra 2 भारत में लॉन्च: कीमत, स्पेसिफिकेशंस
Noise ने हाल ही में अपनी सबसे नई स्मार्टवॉच ColorFit Ultra 2 लॉन्च की है। स्मार्टवॉच को विशेष रूप से Amazon और Noise की वेबसाइट पर 4,499 रुपये की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया गया है। घड़ी में स्टेनलेस-स्टील की बॉडी है और यह चार अलग-अलग रंगों में आती है – जेट ब्लैक, सिल्वर ग्रे, नेवी गोल्ड और ओलिव ग्रीन। इस नई स्मार्टवॉच में 326 पीपीआई डिस्प्ले के साथ 368 x 448 पिक्सल डिस्प्ले के साथ 1.78 इंच की…
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mwsnewshindi · 2 years
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मानसिक बीमारी की प्रवृत्ति आपके मस्तिष्क की गतिविधि को अलग बना सकती है
मानसिक बीमारी की प्रवृत्ति आपके मस्तिष्क की गतिविधि को अलग बना सकती है
एक आनुवंशिक परिवर्तन के साथ रहने वाले युवा जो मनोरोग संबंधी विकारों के जोखिम को बढ़ाते हैं, उनकी नींद के दौरान मस्तिष्क की गतिविधि अलग-अलग होती है, एक नए अध्ययन से पता चलता है कि 22q11.2DS गुणसूत्र 22 पर लगभग 30 जीनों के जीन विलोपन के कारण होता है और 3000 जन्मों में से 1 में होता है। . यह बौद्धिक अक्षमता, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी), अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) और…
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क्योंकि हद से ज्यादा तनाव लेने से हार्ट अटैक से मनुष्य मौत का शिकार हो जाता है और उसका परिवार भी उजड़ जाता है। ऐसी स्थिति जीवन में कभी ना आये उसके लिए इस पुस्तक में ऐसा अचूक उपाय दे रखा है जो कि सद्ग्रन्थों से प्रमाणित है।
आर्थिक तंगी के कारण बहुत से लोग तनाव ग्रस्त रहते हैं व आत्महत्या तक की सोच लेते हैं लेकिन संत रामपाल जी महाराज जी से दीक्षा लेकर मर्यादावत भक्ति करने से निर्धनता भी दूर होती है व सुखी जीवन और जीने की राह भी मिलती है।
संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताए ज्ञान से सब विकार और बुरे विचारों पर अंकुश लगता है। और मानसिक शांति मिलती है। आज की भागदौड़ की जिन्दगी में अधिकांश व्यक्तियों के पास स्वयं के लिये सुकून के दो पल भी नहीं हैं, जिसमें शांति से बैठकर वह स्वयं के बारे में गहराई से सोच सके।मनुष्य जीवन बार बार नहीं मिलता। इसलिये इसे व्यर्थ न गवाए।
वर्तमान समय में व्यक्तियों में बढ़ती हुई स्वार्थ एवं अहंकार की भावना ने भी तनाव को बढ़ावा दिया है। इन विकारों को केवल सतभक्ति से ही दूर किया जा सकता है।
वर्तमान समय में सतभक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही बता रहे हैं।
मनःस्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य के कारण तनाव उत्पन्न होता है। तनाव अन्य अनेक मनोविकारों का प्रवेश द्वार है जिससे मन अशान्त, भावना अस्थिर एवं शरीर अस्वस्थता का अनुभव करता है। तनाव का स्थायी इलाज पूर्ण संत के सत्संग से सम्भव है क्योंकि वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज एकमात्र पूर्ण संत हैं।
नर-नारायण देहि पाय कर, फेर चौरासी जांही।
उस दिन की मोहे डरनी लागे, लज्जा रह के नांही।।
हमें नर शरीर मिला है। यदि मनुष्य शरीर प्राप्त करके सत्य भक्ति नहीं कर के हम चौरासी लाख योनियों वाले चक्र में जा रहे हैं तो धिक्कार है हमारे मानव जीवन को।
वर्तमान की मानसिक समस्या जैसे तनाव, चिंता, नींद की कमी आदि से सभी जूझ रहें है जिस वजह से डिप्रेशन, एंग्जायटी और पैनिक एटैक जैसे लक्षण लोगों में दिखने लगे हैं।
इस तनाव का पुख्ता इलाज कबीर साहेब की सतभक्ति में है जो की संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं, पूर्ण संत से नाम उपदेश लेकर शास्त्रानुसार सतभक्ति करने से सभी दुःख दूर होतें है।
परमात्मा की सत भक्ति के बिना हमारे जीवन को धिक्कार है। शास्त्र अनुकूल भक्ति करके ही हम कबीर परमेश्वर को प्राप्त कर सकते हैं।
सूक्ष्म वेद में लिखा है
भजन कर राम दुहाई रे, भजन कर राम दुहाई रे, जन्म अनमोला तुझे मिला नर देही पाई रे।
यह मनुष्य जीवन बहुत अनमोल है। यह हमें सिर्फ सतभक्ति के लिए ही मिला है और इस मनुष्य जीवन में ही हम पूर्ण परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं। गीता अध्याय 15 के श्लोक 17 में कहा है कि उत्तम पुरुष अर्थात पुरुषोत्तम तो अन्य ही है जिसे परमात्मा कहा जाता है जो तीनों लोकों में प्रवेश करके सबका धारण-पोषण करता है। वह अविनाशी परमेश्वर कबीर साहेब हैं।
कबीर परमेश्वर की सतभक्ति करके ही हम मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं।
वर्तमान में लोगों के लिए पूरा माहौल बदल गया है। अचानक से स्कूल, ऑफिस, बिजेनस बंद हो गए, बाहर नहीं जाना है और दिनभर महामारी की ही ख़बरें देखते हैं। इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ना स्वाभाविक है।
यदि हम पुर्ण संत के सत्संग सुनकर उनसे नाम उपदेश लेकर मर्यादा में रहकर सतभक्ति करेंगे तो तनाव हम से कोसों दूर भाग जाएगा और हमें वास्तविक मानसिक शांति प्राप्त होगी।
कबीर, लूट सको तो लूटियो, राम नाम की लूट।
फिर पीछे पछताओगे, प्राण जाएंगे ���ूट।।
हमें यह मनुष्य जीवन भक्ति धन को बढ़ाने के लिए मिला है। यदि हमने इसे यूं ही बर्बाद कर दिया तो हम जीवन छूटने के बाद पछताने के सिवाय कुछ प्राप्त नहीं कर पाएंगे।
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sphhindi · 2 years
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कुलार्णव तंत्र
यह तकनीक तंत्र शास्त्र (कुलार्णव तंत्र*) से ली गई है। यह अस्तित्वपरक ऊर्जा से संबंध स्थापित करने की एक सुंदर तकनीक है।
कुलार्णव तंत्र: इस प्राचीन साहित्य के बारे में कहा जाता है कि इसकी रचना शिव ने की थी।
ध्यान तकनीक पर्याप्त हवादार, ठंडा, अंधेरा कमरा चुनें। आप चाहें तो बाहर किसी निजी स्थान पर अभ्यास कर सकते हैं।
1) जमीन पर घुटने टेकें। अपने जांघों पर न बैठें। एक चटाई का प्रयोग करें यदि यह आपको अधिक आरामदायक महसूस करने में मदद करता है। इस ध्यान से शरीर में उर्जा के संचरण में जबरदस्त सुधार होता है। 2) अपने आप को अपने घुटनों के बल ऊपर उठाएं, और अपनी दोनों भुजाओं को आकाश की ओर उठाएं। अपना चेहरा आसमान की ओर करें और प्रतीक्षा करें। 3) इस स्थिति में, अपने माध्यम से अस्तित्व की ऊर्जा के प्रवाह को महसूस करें। कल्पना करें कि अस्तित्व का एक प्रकाश-पुंज आपके माध्यम से बह रहा है। प्रारंभ करने के लिए, आप किसी भी प्रबुद्ध गुरु के आनंदमय चेहरे की कल्पना कर सकते हैं। (जैसे कंजूस पैसे गिनते समय अपनी ऊर्जा के चरम पर होता है या प्रेमी अपनी प्रेमिका के साथ अपनी ऊर्जा के चरम पर होता है, उसी तरह एक गुरु भी हंसते या मुस्कुराते हुए अपनी ऊर्जा के चरम पर होता है।)
एक क्षण में, तुम अनुभव करोगे कि अस्तित्व की ऊर्जा तुम्हारे भीतर प्रवाहित हो रही है।
4) अप्रतिरोध्य रहें। ऊर्जा को अपने भीतर प्रवेश करने दें। जैसे-जैसे अस्तित्व की ऊर्जा आपकी बाहों में बहती है, आप अपने अंदर एक झुनझुनी सनसनी, एक कोमल कंपन या एक हल्का कंपन महसूस करेंगे। मानो कोई कोमल पत्ता हवा में नाच रहा हो। बस कंपकंपी होने दें। कंपकंपी में मदद करें, अपने पूरे शरीर को ऊर्जा से कंपन करने दें। जो कुछ भी होता है उसे होने दें और मदद करें। आपको ऐसा लग सकता है कि नीचे की धरती और ऊपर का स्वर्ग विलीन हो रहे हैं, जैसे कि नर और मादा ऊर्जा विलीन हो रही हों। आपको ऐसा लग सकता है कि आप तैर रहे हैं या विलीन हो रहे हैं। किसी भी भावना को अनुमति दें, बस अपने आप को पूरी तरह से छोड़ दें। कोई 'आप' नहीं है। आप बस अस्तित्व में विलीन हो गए हैं।
दो या तीन मिनट के बाद जब आपको लगे कि आपका अस्तित्व पूरी तरह से अस्तित्व की ऊर्जा से भरा हुआ है, तो बस अपने आप को पूरी तरह से छोड़ दें! तुम नहीं हो। तुम बस अस्तित्व में विलीन हो गए हो। आप दैवीय ऊर्जा के लिए माध्यम या मार्ग बन जाते हैं। जब आप पूरी तरह से संतृप्त महसूस करें, तो झुकें और धरती को चूमें।
5) नीचे झुकें, अपनी कोहनियों और अग्रभागों पर आराम करें, और पृथ्वी को चूमें, या कम से कम अपने माथे को जमीन को छूने दें। अपनी बाहों को फैलाएं और अपने हाथों, हथेलियों को नीचे की ओर जमीन पर रखें। आप उस दिव्य ऊर्जा के लिए एक माध्यम या मार्ग बन जाते हैं जिसे आपने पृथ्वी की ऊर्जा के साथ एकत्व करने के लिए आकर्षित किया था। अपनी सारी ऊर्जा को धरती माता में प्रवाहित होने दें। अपना सारा प्रेम धरती को दे दें। महसूस करें कि यह आपके होठों और हथेलियों से बह रहा है। पूर्ण समर्पण के भाव में अपनी ऊर्जा धरती माता को अर्पित करें। इस मुद्रा में आप गुरु के चरणों की कल्पना कर सकते हैं। यह ऊर्जा अर्पित करते हुए धरती मां के प्रति समर्पण के भाव में रहने में मदद करेगा।
6) बस दिव्य ऊर्जा को पृथ्वी में ले जाने वाले यंत्र बन जाओ। इस ध्यान को करने से रीढ़ की हड्डी से संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं, क्योंकि अधिकतम ऊर्जा रीढ़ के आधार पर मूलाधार चक्र में जाती है। 7) इस चक्र को सात बार दोहराएं। हर बार, सात प्रमुख चक्रों में से प्रत्येक सक्रिय होता है। यदि आप इसे सात से अधिक बार दोहराते हैं, तो आप अति-ऊर्जावान और बेचैन अनुभव कर सकते हैं। 8) ध्यान को पूरा करने के बाद, आप उसी ध्यान के भाव में सो सकते हैं। इस ध्यान से शरीर में ऊर्जा संचार में जबरदस्त सुधार होता है। इस ध्यान को करने से रीढ़ की हड्डी से संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं, क्योंकि ऊर्जा सीधे मूलाधार चक्र में जाती है, वह ऊर्जा केंद्र जो रीढ़ के आधार पर होता है।
इस ध्यान के बाद की नींद गहन और स्वप्नहीन होगी। जब आप अगली सुबह उठेंगे तो आप बहुत ताजगी और ऊर्जा का अनुभव करेंगे। आप तरोताजा और पुनर्जीवित महसूस करेंगे।
यह एक बहुत ही शक्तिशाली तकनीक है। जब लगातार किया जाता है, एक नया जीवन, एक नया अर्थ, एक नया सत्य आप में बहने लगेगा। अस्तित्व और आपके बीच एक सुंदर और जीवंत संबंध निर्मित हो जाएगा। आप बहुत आनंद का अनुभव करेंगे और प्रत्येक दिन उत्सव बन जाएगा!
रात को सोने से ठीक पहले इस ध्यान का अभ्यास करना आदर्श है। इसे सुबह भी किया जा सकता है लेकिन इसके बाद कम से कम पंद्रह मिनट का विश्राम अवश्य करना चाहिए, अन्यथा ध्यान के प्रभाव के कारण आप नशे की स्थिति में होंगे। यह ध्यान आपको अस्तित्व की ऊर्जा के साथ विलय की ओर ले जाता है। शक्ति धारणा ध्यान का महत्व यह है कि यह आपको तुरीय अवस्था की दहलीज तक ले जाता है, जहाँ आप पूर्ण जागरूकता की स्थिति में होते हैं लेकिन बिना विचारों के।
https://www.facebook.com/100044485207419/posts/pfbid0N8BKtr3e7hkCxVbpLkrMhSyTZnV9iuSeunvx7sLvHgk8t3gYEJyCMeFGiGbx8AFLl/
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jasus007 · 2 years
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नींद ना लगने के पीछे हो सकती है यह बीमारी, आप भी जानिए
नींद ना लगने के पीछे हो सकती है यह बीमारी, आप भी जानिए
मुंबई, 14 मई, -क्या आप पूरे दिन थकान और नींद महसूस कर रहे हैं? आप नींद की बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं। ठीक से सोने की क्षमता को प्रभावित करने वाली स्थितियों का संग्रह नींद विकार के रूप में जाना जाता है। नींद संबंधी विकारों के कुछ सबसे सामान्य कारणों में तनाव, नींद की खराब आदतें और नींद का एक अशांत चक्र शामिल हैं। नींद संबंधी विकार बहुत आम हैं, और 100 से अधिक प्रकार के नींद विकारों को चिकित्सा…
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