देखें: इस वीडियो में दुलारे सलमान "नहीं रोक सकते, नहीं रुकेंगे"
देखें: इस वीडियो में दुलारे सलमान “नहीं रोक सकते, नहीं रुकेंगे”
दुलारे सलमान ने इस छवि को साझा किया। (शिष्टाचार: अध्ययन मत करो)
नई दिल्ली:
दुलारे सलमान, जो अपनी फिल्म की रिलीज का इंतजार कर रहे हैं चुप: कलाकार का बदला एक सपने के सच होने का क्षण जी रहा है। मंगलवार को, अभिनेता ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया और लिखा, “प्रोमो के सबसे महाकाव्य दिनों में से एक !! चुप और सीताराम के बीच कूदना! किसी भी अभिनेता के लिए एक सपना सच होता है। कुछ दिनों में मुझे…
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लेखनी चुप हो गई
अब तो लेखनी भी चुप हो गई
दर्द की इंतिहा हो गई
बड़े सपने सजाए थे हमने
एक आंधी से जिंदगी तार तार हो गई,
दोष किसको दूं नियत के आगे बस किसी
का चलता नहीं
इंसान तो नियत का परिणाम है,
जो भी ईश्वर को मंजूर है
उसे स्वीकार आगे बढ़ना ही है ।
हौसला से समंदर के लहरों में भी रास्ता
बन जाता है
निराश होकर जिंदगी का सफर थम जाता है ।।
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चुप ओटीटी रिलीज की तारीख: आर बाल्की का निर्देशन 25 नवंबर को जी5 पर स्ट्रीम होगा
चुप ओटीटी रिलीज की तारीख: आर बाल्की का निर्देशन 25 नवंबर को जी5 पर स्ट्रीम होगा
फिल्मकार आर बाल्की की चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट का ओटीटी प्रीमियर जी5 पर 25 नवंबर को होगा, स्ट्रीमर ने शनिवार को इसकी घोषणा की।
सनी देओल, दुलकर सलमान और श्रेया धनवंतरी अभिनीत, थ्रिलर एक मनोरोगी हत्यारे की कहानी है जो फिल्म समीक्षकों को निशाना बनाता है। 23 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने पर फिल्म को समीक्षकों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली थी।
बाल्की ने कहा चुपजिसे मास्टर फिल्म निर्माता गुरु…
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‘चुप: रिव्हेंज ऑफ द आर्टिस्ट’चा ट्रेलर प्रदर्शित, सनी देओलचा दमदार अंदाज पाहिलात का?
‘चुप: रिव्हेंज ऑफ द आर्टिस्ट’चा ट्रेलर प्रदर्शित, सनी देओलचा दमदार अंदाज पाहिलात का?
‘चुप: रिव्हेंज ऑफ द आर्टिस्ट’चा ट्रेलर प्रदर्शित, सनी देओलचा दमदार अंदाज पाहिलात का?
नावाजलेले दिग्दर्शक आर. बल्की यांनी या चित्रपटाचे दिग्दर्शन केलेले आहे.
अभिनेता सनी देओल याला मोठ्या पडद्यावर पाहणे ही प्रेक्षकांसाठी पर्वणीच असते. त्याचा प्रत्येक चित्रपट वेगवेगळ्या विषयावर आधारित असून त्यातील त्याची प्रत्येक भूमिका ही वेगळ्या धाटणीची असते. आता पुन्हा एकदा सनी नव्या भूमिकेत प्रेक्षकांच्या…
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चुप ट्रेलर आउट: सनी देओल ने फिल्म समीक्षकों की हत्या करने वाले सीरियल किलर को ट्रैक करने की कोशिश की | वीडियो
चुप ट्रेलर आउट: सनी देओल ने फिल्म समीक्षकों की हत्या करने वाले सीरियल किलर को ट्रैक करने की कोशिश की | वीडियो
छवि स्रोत: TWITTER/SUNNYDEOL चुप में एक सीरियल किलर को ट्रैक करने की कोशिश करता सनी
चप ट्रेलर आउट: सनी देओल अभिनीत फिल्म ‘चुप’ ने सोमवार को अपने ट्रेलर की रिलीज के साथ नेटिज़न्स को हैरान कर दिया है। रहस्यमय चलचित्र से लेकर होने तक अमिताभ बच्चनफिल्म में मूल स्कोर, फिल्म ने पिछले कुछ दिनों में प्रशंसकों के बीच काफी उत्सुकता और प्रत्याशा पैदा की है। फिल्म में, अभिनेता सनी देओल एक पुलिस अवतार में…
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गुरु दत्त से प्रेरित है 'चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट', फिल्म को लेकर बोले आर बाल्की
गुरु दत्त से प्रेरित है ‘चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट’, फिल्म को लेकर बोले आर बाल्की
मुंबईः फिल्म निर्माता आर बाल्की (R Balki) ने बताया कि सिनेमा के दिग्गज कलाकार गुरु दत्त (Guru Dutt) उनकी आगामी फिल्म ‘चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट’ (Chup: Revenge Of The Artist) से प्रेरित है जो एक ऐसे कलाकार के दर्द को दर्शाती है जो ‘गलत आलोचना’ का शिकार है. दत्त की 97वीं जयंती के मौके पर सप्ताहांत में जारी ‘चुप’ के एक टीजर द्वारा दिवंगत निर्देशक की फिल्म ‘कागज के फूल’ को श्रद्धांजलि दी गई. ज्ञात…
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उस रात कमरे आसमां भर आया था,
वो आंखों में चाँद भर घर लाया था।
वो दफ़्तर से जल्दी छुटा था उस रोज,
वो सारे ख़्वाब कागज़ पर लिख लाया था।
हम तकते रहे थे, चुप कमरे में देर,
वो मेरी कहानी और किस्से सभी के पहले ही शायद पढ़ आया था।
उसने पता भी न पूछा था मेरा किसी से,
मोहब्बत के सहारे बस वो आया था।
उसने कुछ कविता करी, मेरी नज़रों में उसने आहें भरी,
मैं बेसुध- वो बेबाक हँसता रहा। सारी रात वो मुझे थामे रहा।
घर जो था मेरा अब मेरा नहीं था, हिस्सों पर मेरा अब कब्ज़ा नहीं था
सुबह हो चुकी थी- और वो वहीं था।
घर का मेरे अ�� एक एक नया दावेदार था
कमरे में मेरे मेरा नया आसमां था।।
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कैसा लगे जो चुप चाप दोनों, पल-पल में पूरी सदियाँ बितादें।
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खुल के बता दो क्या हिसाब करोगे हो, इतना चुप रह के क्या बर्बाद करोगे?
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एनबीए राउंडअप: जा मोरेंट ने रचा इतिहास, मेम्फिस ग्रिजलीज ने मिल्वौकी बक्स को हराकर सीधे 7वां गेम जीता
एनबीए राउंडअप: जा मोरेंट ने रचा इतिहास, मेम्फिस ग्रिजलीज ने मिल्वौकी बक्स को हराकर सीधे 7वां गेम जीता
जा मोरेंट से ट्रिपल-डबल के पीछे, मेम्फिस ग्रिज़लीज़ ने गुरुवार की रात मिल्वौकी बक्स पर 142-101 की घरेलू जीत के साथ अपनी सातवीं सीधी जीत हासिल की।
ग्रिज़लीज़ ने चौथे क्वार्टर में 46 अंकों की बढ़त हासिल करने वाले गेम में, मोरेंट ने सीजन के अपने तीसरे ट्रिपल-डबल के लिए 25 अंक, 10 रिबाउंड और 10 सहायता के साथ समाप्त किया।
वह चौथे क्वार्टर की शुरुआत से पहले ट्रिपल-डबल करने वाले फ़्रैंचाइज़ी इतिहास में…
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चुप रहो
चुप रहो वरना मोदी जी आ जायेंगे
अपने भाषणों से विरोधियों को मात दिलाएंगे
सत्ता की की ताकत है सबको चुप रहना होगा
जो भी आवाज उठाएगा उसे जेल जाना होगा ।
मत करो विरोध वरना सियासत बदल जायेगी
संसद में नहीं बल्कि जेल की रोटी खाओगे
ईडी सी बी आई भारष्टाचार में समेट लाई
फिर कभी चुनाव नहीं लड़ पाओगे ।
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लखनऊ, 05.04.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, गोमती नगर, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 39 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अलका निवेदन, शिक्षक/ शिक्षिकाओं एवं रेड ब्रिगेड से तन्ज़ीम अख्तर, महिमा शुक्ला ने दीप प्रज्वलित किया |
भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज की प्रा���ार्य डॉ. अलका निवेदन ने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “आज महिलाएं इस विकासशील भारत को विकसित बनाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं परंतु फिर भी उन्हें कई बार अलग-अलग रूपों में प्रताड़ित किया जाता है तथा उनके अधिकारों का हनन किया जाता है । आज हमारा समाज कई मायनों में पुरानी रूढ़िवादी सोच से बाहर आ चुका है लेकिन फिर भी अगर हम समाज में लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा की बात करें तो हमें मायूसी ही हाथ लगती है | आए दिन हम अखबारों में कभी किसी लड़की कभी किसी महिला और तो और बुजुर्ग महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़ या बलात्कार के विषय में पढ़ते रहते हैं | यह हमारे लिए कितने शर्म की बात है कि सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने हेतु इतनी सारी योजनाएं चलाने के बावजूद भी आज महिलाओं को उनकी सुरक्षा तक के लिए लड़ना पड़ रहा है | चाहे घर पर हो या सड़क पर हर महिला के साथ मनचले और शोहदे कुछ ना कुछ ऐसी हरकत कर देते है जो उन्हें पसंद नहीं होती लेकिन समाज के डर से उन्हें चुप रहना पड़ता है | मेरे विचार से यह हर महिला का अधिकार है कि वह अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद उठाए तथा अपने साथ होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद करे | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट समय-समय पर हमारे कॉलेज में महिला जागरूकता हेतु कार्यक्रम कराता रहता है जिससे हमारी छात्राओं को बहुत कुछ सीखने को मिलता है | आज की इस कार्यशाला में आप निश्चित ही आत्मरक्षा के गुर सीख कर अपने जीवन में आने वाली परेशानियों का डटकर मुकाबला करने हेतु तैयार हो पाएंगी ऐसा मेरा विश्वास है |”
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तन्ज़ीम अख्तर, महिमा शुक्ला ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन ह��ंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अलका निवेदन एवं शिक्षक/ शिक्षिकाओं डॉ. संदीप बाजपेयी, डॉ. नीतू सक्सेना, डॉ. छवि निगम, डॉ. प्रियंका सिंह, सुश्री पलक सिंह, सुश्री श्वेता विश्वकर्मा, सुश्री नजमा शकील, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तन्ज़ीम अख्तर, महिमा शुक्ला तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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Chup Teaser | ‘चुप’ चित्रपटाचा टीझर रिलीज अमिताभ बच्चन यांनी इंस्टाग्रामवर शेअर केला टीझर!
Chup Teaser | ‘चुप’ चित्रपटाचा टीझर रिलीज अमिताभ बच्चन यांनी इंस्टाग्रामवर शेअर केला टीझर!
Chup Teaser | ‘चुप’ चित्रपटाचा टीझर रिलीज अमिताभ बच्चन यांनी इंस्टाग्रामवर शेअर केला टीझर!
बॉलिवूड चित्रपट दिग्दर्शक आर बाल्की यांचा चित्रपट ‘चूप रिव्हेंज ऑफ द आर्टिस्ट’ हा एक सायकॉलॉजिकल थ्रिलर चित्रपट आहे. गेल्या वर्षी दिग्दर्शक आर बाल्की यांनी एका मुलाखतीत सांगितले होते की, त्यांना या कथेची खूप दिवसांपासून कल्पना होती. आणि आता ही कथा पडद्यावर आणणार येणार आहे.
मुंबई : 9 जुलैला हिंदी…
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अमिताभ बच्चन ने शेयर किया 'Chup: Revenge Of The Artist' का टीजर, यूजर्स बोले- 'दिलचस्प लग रहा है'
अमिताभ बच्चन ने शेयर किया ‘Chup: Revenge Of The Artist’ का टीजर, यूजर्स बोले- ‘दिलचस्प लग रहा है’
अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर दुलकर सलमान और सनी देओल (Dulquer Salmaan and Sunny Deol) स्टारर फिल्म ‘चुप : रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट’ (Chup- Revenge Of The Artist) का दिलचस्प टीजर शेयर किया है. टीजर आज 9 जुलाई को गुरुदत्त (Guru Dutt) की जयंती के अवसर पर जारी किया गया है, जिससे पता चलता है कि फिल्म गुरुदत्त को एक श्रद्धांजलि है.
टीजर की शुरुआत दुलकर सलमान के कैरेक्टर से…
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'यार भी राह की दीवार समझते हैं मुझे' -शाहिद ज़की
यार भी राह की दीवार समझते हैं मुझे
मैं समझता था मिरे यार समझते हैं मुझे
जड़ उखड़ने से झुकाओ है मिरी शाख़ों में
दूर से लोग समर-बार समझते हैं मुझे
क्या ख़बर कल यही ताबूत मिरा बन जाए
आप जिस तख़्त का हक़दार समझते हैं मुझे
नेक लोगों में मुझे नेक गिना जाता है
और गुनहगार गुनहगार समझते हैं मुझे
मैं तो ख़ुद बिकने को बाज़ार में आया हुआ हूँ
और दुकाँ-दार ख़रीदार समझते हैं मुझे
मैं बदलते हुए हालात में ढल जाता हूँ
देखने वाले अदाकार समझते हैं मुझे
वो जो उस पार हैं इस पार मुझे जानते हैं
ये जो इस पार हैं उस पार समझते हैं मुझे
मैं तो यूँ चुप हूँ कि अंदर से बहुत ख़ाली हूँ
और ये लोग पुर-असरार समझते हैं मुझे
रौशनी बाँटता हूँ सरहदों के पार भी मैं
हम-वतन इस लिए ग़द्दार समझते हैं मुझे
जुर्म ये है कि इन अंधों में हूँ आँखों वाला
और सज़ा ये है कि सरदार समझते हैं मुझे
लाश की तरह सर-ए-आब हूँ मैं और 'शाहिद'
डूबने वाले मदद-गार समझते हैं मुझे
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भक्ति मार्ग में गुरु बनाना सबसे प्रथम होता है ऐसे ही समाज के अंदर गुरु बनाने की धारणा को बनाये रखने के लिए कबीर साहेब जी ने संसार में गुरु और शिष्य की परंपरा बनाए रखने के लिए गुरु बनाया था।
क्योंकि इस संसार में प्राणी का मोक्ष गुरु बना कर ही संभव हैं। बिना गुरु बनाएं जीव का मोक्ष संभव नहीं है। इसलिए उन्होने गुरु और शिष्य की परंपरा बनाए रखने के लि��� गुरु बना कर गुरु और शिष्य का अभिनय किया।
कबीर साहेब जी ने अपने वाणियों के माध्यम से भी गुरु और शिष्य के महत्व का वर्णन किया है। मनुष्य के जीवन में गुरु का क्या महत्व हैं। कबीर साहेब जी की वाणी है-
गुरु गोबिंद दोनो खड़े का के लागू पाय,
बलिहारी गुरु अपना जिन गोबिंद दिया मिलाए।
कबीर साहेब जी के “गुरु” स्वामी रामानंद जी थे। इस विषय में कुछ लोगों का मानना है कि स्वामी रामानंद जी और कबीर साहिब जी के विचार और शिक्षाएं अलग-अलग थे जिस कारण से स्वामी रामानंद जी उनके गुरु नहीं हो सकते हैं।
आदरणीय स्वामी रामानंद जी कबीर साहेब जी के लोक दिखावा गुरू तथा वास्तव में शिष्य थे। कबीर साहेब जी के समय में छूआछात चरम सीमा पर थी।
आदरणीय स्वामी रामानंद जी छोटी जाति (जुलाहा आदि) के व्यक्तियों को अपने निकट भी नहीं आने देते थे। जिस कारण से गुरू-शिष्य की परंपरा बनाए रखने के लिए कबीर साहेब जी ने एक लीला करके उनका शिष्यत्व ग्रहण किया था।
स्वामी रामानंद जी की प्रचलित शिक्षाओं में भिन्नता है। क्योंकि स्वामी जी का 104वर्ष का जीवन बीतने के बाद कबीर साहेब जी उन्हें मिले तथा अपना तत्वज्ञान समझाया। उससे पहले की स्वामी जी की शिक्षाएं भी समाज में आज तक प्रचलित रही जो तत्वज्ञान से दूर थीं। तब स्वामी रामानंद जी का कल्याण हुआ।
कबीर साहेब जी ने स्वामी रामानंद जी को अपना गुरु बनाने के लिए जो लीला की गई है वो इस प्रकार है:-
स्वामी रामानन्द जी अपने समय के सुप्रसिद्ध विद्वान कहे जाते थे।
स्वामी रामानंद जी प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व गंगा नदी के तट पर बने पंचगंगा घाट पर स्नान करने जाते थे। पांच वर्षीय कबीर देव ने अढ़ाई वर्ष (2 वर्ष छः माह) के बच्चे का रूप धारण किया तथा पंच गंगाघाट की पौड़ियों (सीढ़ियों) में लेट गए। स्वामी रामानन्द जी प्रतिदिन की भांति स्नान करने गंगा दरिया के घाट पर गए। अंधेरा होने के कारण स्वामी रामानन्द जी बालक कबीर देव को नहीं देख सके। स्वामी रामानन्द जी के पैर की खड़ाऊ (लकड़ी का जूता) सीढ़ियों में लेटे बालक कबीर देव के सिर में लगी।
बालक कबीर जी लीला करते हुए रोने लगे जैसे बच्चा रोता है। स्वामी रामानन्द जी को ज्ञान हुआ कि उनका पैर किसी बच्चे को लगा है जिस कारण से बच्चा पीड़ा से रोने लगा है। स्वामी जी बालक को उठाने तथा चुप करने के लिए शीघ्रता से झुके तो उनके गले की माला (एक रुद्राक्ष की कंठी माला जो वैष्णव पंथ से दीक्षित साधक ही पहनता था। जो एक पहचान थी कि यह वैष्णव पंथ से दीक्षित है।) बालक कबीर देव के गले में डल गयी। जिसे स्वामी रामानंद जी नहीं देख सके।
इस लीला से यह निष्कर्ष निकलता है गुरु बिना जीव का मोक्ष नहीं होता है। इसलिए मानुष जन्म का मूल उद्देश्य पूर्ण गुरु को गुरु बना कर अपने जीवन का उद्धार करवाना है। जो आज वर्तमान में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी पूर्ण गुरु हैं।
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