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#गणेश चतुर्थी तिथि
mwsnewshindi · 2 years
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गणेश चतुर्थी 2022: भारत ने महा आरती, ढोल, रंगों के साथ मनाया बप्पा का त्योहार | वीडियो
गणेश चतुर्थी 2022: भारत ने महा आरती, ढोल, रंगों के साथ मनाया बप्पा का त्योहार | वीडियो
छवि स्रोत: ANI गणेश चतुर्थी 2022 समारोह गणेश चतुर्थी पूरे देश में जश्न का माहौल है. त्योहारों का मौसम यहां है क्योंकि देश 31 अगस्त (बुधवार) को दस दिवसीय गणेश चतुर्थी मनाता है। यह भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है, जिन्हें ज्ञान और समृद्धि के देवता के रूप में जाना जाता है। इस त्योहार के दौरान, भक्त भगवान गणेश की मूर्तियों को घरों में लाते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। गणेश चतुर्थी या गणपति उत्सव,…
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newsdaliy · 2 years
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हैप्पी गणेश चतुर्थी 2022: शुभकामनाएं, संदेश, चित्र, उद्धरण और व्हाट्सएप ग्रीटिंग अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में गणेशोत्सव पर साझा करने के ���िए
हैप्पी गणेश चतुर्थी 2022: शुभकामनाएं, संदेश, चित्र, उद्धरण और व्हाट्सएप ग्रीटिंग अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में गणेशोत्सव पर साझा करने के लिए
हैप्पी गणेश चतुर्थी 2022 शुभकामनाएं उद्धरण, स्थिति, संदेश: गणपति बप्पा मोरिया। भगवान गणेश को ज्ञान और समृद्धि के देवता के रूप में जाना जाता है। हाथी के सिर वाले भगवान के जन्म को चिह्नित करने के लिए हर साल पूरे भारत में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। यह त्योहार हिंदुओं के लिए सबसे शुभ अवसरों में से एक है, और यह सभी पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। हैप्पी गणेश चतुर्थी 2022: साझा करने के लिए…
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#2022 गणेश चतुर्थी तिथि#2022 में गणेश चतुर्थी कब है#अंग्रेजी में गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं#गणपति#गणपति ड्राइंग#गणपति निमंत्रण कार्ड#गणपति फोटो#गणपति बप्पा#गणपति सजावट#गणेश#गणेश उत्सव#गणेश चतुर्थी 2022#गणेश चतुर्थी 2022 तारीख#गणेश चतुर्थी 2022 तारीख दिल्ली#गणेश चतुर्थी 2022 तारीख मुंबई#गणेश चतुर्थी इतिहास#गणेश चतुर्थी उपहार#गणेश चतुर्थी कब है#गणेश चतुर्थी का महत्व#गणेश चतुर्थी का समय#गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं#गणेश चतुर्थी की सजावट#गणेश चतुर्थी कोलकाता#गणेश चतुर्थी छवियों#गणेश चतुर्थी छवियों की कामना करता है#गणेश चतुर्थी तिथि#गणेश चतुर्थी तिथि 2022#गणेश चतुर्थी तिथि बेंगलुरु#गणेश चतुर्थी फैशन#गणेश चतुर्थी भोजन
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jyotishwithakshayg · 2 years
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#🚩भगवान गणेश की मूर्ति लाने से पहले जरूर जान लें ये बातें#मिलेगा पूजा का पूर्ण फल🚩#👉अगर आप भी इस साल गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने जा रहे हैं#तो पहले ये मूर्ति खरीदने से पहले ये बातें जान लें#जिससे कि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो।#👉भगवान गणेश का उत्सव भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी 31 अगस्त से शुरू हो रहा है। गणेश#तो उसकी हर एक मनोकामना पूर्ण होती है। अगर आप भी इस साल गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति स#👉भगवान गणेश की मूर्ति लाने से पहले जरूर जान लें ये बातें#मिलेगा पूजा का पूर्ण फल#👉भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते समय उनकी मुद्रा पर जरूर ध्यान रखें। वास्तु के अनुसार माना जाता है#👉वास्तु शास्त्र के अनुसार#गणपति बप्पा के बैठने की मुद्रा के साथ-साथ उनके सूंड की दिशा का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। वास्#गणपति जी की सूंड बाईं ओर झुकी होनी चाहिए। ऐसी मूर्ति स्थापित करने से सुख-समृद्धि के साथ सफलता म#घर में गणपति बप्पा की मूर्ति लाते समय इस बात का जरूर रखें कि मूर्ति में मूषक हो और हाथों में मोदक#👉वास्तु शास्त्र के अनुसार आत्म विश्वास जगाने के लिए लाल सिंदूर के रंग की गणेश मूर्ति घर लाएं औ#भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना करते समय दिशा का सबसे अधिक ध्यान रखें। इसलिए गणेश जी की मूर्ति उत्#https://chat.whatsapp.com/EO1EhieXeESGUzlFXVCtNn#https://t.me/+WpNZfAyz3dw0M4
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sharimpay · 2 years
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गणेश चतुर्थी 2022: तिथि, समय, महत्व, अनुष्ठान और भोग पकाने की विधि
गणेश चतुर्थी 2022: तिथि, समय, महत्व, अनुष्ठान और भोग पकाने की विधि
गणेश चतुर्थी 2022: गणेश चतुर्थी (या गणेशोत्सव) 10 दिनों तक चलने वाला त्योहार है जो अनंत चतुर्दशी को समाप्त होता है। अंतिम दिन लोकप्रिय रूप से गणेश विसर्जन दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में त्योहारों का भव्य सीजन शुरू हो चुका है। रक्षाबंधन और जन्माष्टमी को बहुत धूमधाम से मनाने के बाद, अब हम गणेश चतुर्थी उत्सव में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं। यह त्योहार भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र…
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mbmangalbhawan · 9 months
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rashivermaofficial · 2 years
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Happy Ganesh Chaturthi to All | How to Celebrate the Hindu God Ganesh Chathurthi?
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Ganesh Chaturthi is celebrated every year on the Chaturthi Tithi of Shukla Paksha of Bhadrapada month. It is also known as Vinayaka Chaturthi. This year Ganesh Chaturthi is falling on 31st August. On this day the devotees of Lord Ganesha bring his idol home and establish it. Ganesh Chaturthi is celebrated to mark the birthday of Lord Ganesha. The 11-day festival includes welcoming Ganpati into our homes. गणेश चतुर्थी हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी 31 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन भगवान गणेश के भक्त उनकी प्रतिमा घर लाकर उसकी स्थापना करते हैं। गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। 11 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में हमारे घरों में गणपति का स्वागत करना शामिल है। ganesh chaturthi 2022 | ganesh chaturthi festival | ganesh chaturthi kab hai | ganesh chaturthi status | ganesh chaturthi | ganesh chaturthi special | ganesh chaturthi celebrations | ganesh ji ki aarti | jai ganesh jai ganesh deva | ganesha | ganesh songs | ganesh aarti | ganpati aarti | ganesh | ganpati bappa morya | aarti | ganpati songs | rashi verma | राशि वर्मा | ganesh mantra | ganesh vandana | ganeshotsav | 2022 ganesh chaturthi | ganpati bapa status | ganpati bappa whatsapp status 2022 गणेश चतुर्थी 2022 | गणेश चतुर्थी उत्सव | गणेश चतुर्थी कब है | गणेश चतुर्थी स्थिति | गणेश चतुर्थी | गणेश चतुर्थी विशेष | गणेश चतुर्थी समारोह | गणेश जी की आरती | जय गणेश जय गणेश देवा | गणेश | गणेश गाने | गणेश आरती | गणपति आरती | गणेश | गणपति बप्पा मोरया | आरती | गणपति गाने | गणेश मंत्र | गणेश वंदना | गणेशोत्सव | 2022 गणेश चतुर्थी | गणपति बापा स्थिति | गणपति बप्पा व्हाट्सएप स्टेटस 2022 #ganeshchaturthi #ganeshchaturthi2022 #ganeshchaturthistatus #ganeshchaturthifestival #ganeshchaturthikabhai #ganeshchaturthispecial #ganeshchaturthicelebrations #ganeshjikiaarti #jaiganeshjaiganeshdeva #ganesha #ganeshsongs #ganeshaarti #ganpatiaarti #ganesh #ganpatibappamorya #aarti #ganpatisongs #rashiverma #राशि_वर्मा #ganeshmantra #ganeshvandana #ganeshotsav #2022ganeshchaturthi #ganpatibapastatus #ganpatibappawhatsappstatus2022 My other cool videos for the kid's link are given below. 1) Wooden Pink dollhouse - https://youtu.be/gBMpbht_CC4 2) Dogs Team Toys - https://youtu.be/LXgcZmGU7L4 3) Vanguard Racer Vs Moka Four Wheel Drive - https://youtu.be/gXCM6JWyIKo 4) Fire Station Parking Lot - https://youtu.be/VsbBZnt7814 5) Bee Tumble RC and Steel Cavalry - https://youtu.be/YPG-9gw_fJ4 6) Hot Wheels Unboxing and Show Case - https://youtu.be/C-asBBIDHsg 7) Hot Wheels Croc Attack - https://youtu.be/nDSrIFwHLzo 8) Hot Wheels Mega Hauler - https://youtu.be/bs-ndww6mJU 9) Large Kitchen Set Unboxing - https://youtu.be/ZGWPt5TPA10 10) Vintage Cars Toys - https://youtu.be/kKFf-OUu9lY 11) High-Speed Magic Cars - https://youtu.be/1N-SIiY41k4 12) Unboxing Magic Track Race Car and Play - https://youtu.be/Aqp9UaIiHX8 14) Hot Wheels Tornado Tracks - https://youtu.be/xPjI-mZwBOU 15) Magic Track Set - https://youtu.be/vVfit4PF8qU 16) Hot Wheels: Space Strife - Attack the Mother Spaceship - https://youtu.be/Qvbt5K9qUuo 17) Delhi State Level Boxing Championship 2021 - https://youtu.be/pm5GInWuKz0 18) Magic Track Car Video - https://youtu.be/vVfit4PF8qU 19) Magnetic Mix or Match Farm Animals - https://youtu.be/phFVdoclwCg 20) Moto Rover Stunt Bike - https://youtu.be/jKKYNfROW1Y
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sampannamayapvt · 2 years
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संकष्टी चतुर्थी का पर्व अश्विना मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाएगा ।
इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की विशेष पूजा अर्चना की जाती है । इस दिन चांद को देखकर अर्ध्य दिया जाता है ।
इस दिन हस्त नक्षत्र रहेगा और चंद्रमा कन्या राशि में विराजमान रहेगा।
संकष्टी चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश को अन्य सभी देवी-देवतों में प्रथम पूजनीय माना गया है। इन्हें बुद्धि, बल और विवेक का देवता का दर्जा प्राप्त है। भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को हर लेते हैं इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता और संकटमोचन भी कहा जाता है।
क्या है संकष्टी चतुर्थी?
संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी। संकष्टी संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’।
इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है। पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है। इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं। संकष्टी चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है।
कब होती है संकष्टी चतुर्थी?
पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं, वहीं अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणेश की आराधना करने के लिए विशेष दिन माना गया है। शास्त्रों के अनुसार माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा के बाद की चतुर्थी बहुत शुभ होती है। यह दिन भारत के उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में ज्यादा धूम-धाम से मनाया जाता है।
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
#संपन्नमाया अगरबत्ती की तरफ से आप सभी को संकष्टी चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं!
#sankashtachatirti #Ganesh #Chaturthisampannamaya #sampannamayapvt #india #sampannamayaprivetlimited #bhakti #agarbatti #dhoop #dhoopbatti #incensesticks #fragrance #hindugod #bhagwan #iskcon #teemsampannamaya #shiva #dhoopsticks #eksachhiprarthana #dharma #premium #premiumdhoopbatti #msme #makeinindia
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1972renusingh · 2 years
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संकष्टी चतुर्थी का पर्व अश्विना मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाएगा ।
इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की विशेष पूजा अर्चना की जाती है । इस दिन चांद को देखकर अर्ध्य दिया जाता है ।
इस दिन हस्त नक्षत्र रहेगा और चंद्रमा कन्या राशि में विराजमान रहेगा।
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संकष्टी चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश को अन्य सभी देवी-देवतों में प्रथम पूजनीय माना गया है। इन्हें बुद्धि, बल और विवेक का देवता का दर्जा प्राप्त है। भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को हर लेते हैं इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता और संकटमोचन भी कहा जाता है।
क्या है संकष्टी चतुर्थी?
संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी। संकष्टी संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’।
इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है। पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है। इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं। संकष्टी चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है।
कब होती है संकष्टी चतुर्थी?
पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं, वहीं अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणेश की आराधना करने के लिए विशेष दिन माना गया है। शास्त्रों के अनुसार माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा के बाद की चतुर्थी बहुत शुभ होती है। यह दिन भारत के उत्तरी और दक्षिणी राज्यों में ज्यादा धूम-धाम से मनाया जाता है।
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
#संपन्नमाया अगरबत्ती की तरफ से आप सभी को संकष्टी चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं!
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jeevanjali · 14 days
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Vinayak Chaturthi 2024: मई माह में विनायक चतुर्थी कब ? नोट कर लें मुहूर्त, तिथि और पूजा विधिVinayak Chaturthi 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह दो चतुर्थी पड़ती है। पहली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी जिसे संकष्टी गणेश चतुर्थी कहते हैं, वहीं दूसरी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
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Horoscope Today: April 27, 2024
ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः
Are the stars favouring you today? Explore what the celestial bodies have in store for Aries to Pisces on April 27th, 2024.Each zodiac sign boasts distinct qualities and characteristics that shape an individual’s persona. Imagine starting your day armed with insights into what lies ahead. Find out if the cosmic energies are aligned in your favour today.
आज का 12 राशि का राशिफल हम जाने इससे पहले आइए एक नजर आज के ग्रहों की स्थिति पर डाल क्योंकि ग्रहों की स्थिति पर ही पूरा का पूरा राशिफल निर्भर करता है तो शनिवार है, 27 अप्रैल 2024 का विक्रम संवत 2081 वैशाख मास कृष्ण पक्ष की तृतीय तिथि है। यह तिथि सुबह के 6:32 तक रहेगी और फिर चतुर्थी तिथि आरंभ हो जाएगी। रात्रि के 2:04 तक जेष्ठा नक्षत्र रहेगा और फिर मूल नक्षत्र आरंभ हो जाएगा। आज संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा।
आज के ग्रहों की स्थिति के आधार पर आज के राशिफल की बात करें। आज गुरु शुक्र सूर्य तीनों एक साथ मेष राशि में केतु कन्या राशि में चंद्रमा वृश्चिक राशि में शनि कुंभ राशि में मंगल बुध राहु तीनों एक साथ मीन राशि में विराजित है वृश्चिक राशि में चंद्रमा रात्रि के 2:43 तक रहेंगे तमान देर रात्रि में चंद्रमा का धनु राशि में प्रवेश होगा, इसलिए इन सभी ग्रहों का मिलान आज के राशिफल में हम देखेंगे।
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विनायक चतुर्थी पर करें यह एक काम, आय में होगी वृद्धि
विनायक चतुर्थी का त्योहार गणपति बप्पा को समर्पित होता है। चतुर्थी का त्योहार एक माह में दो बार मनाया जाता है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। इस बार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 14 मार्च को पड़ रही है। इस तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से साधक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा के दौरान गणेश स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए। इस स्तोत्र का सच्चे मन से पाठ करने से पूजा सफल होती है और आय में वृद्धि होती है। गणेश स्तोत्र इस प्रकार है।
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 13 मार्च 2024 को सुबह 04:03 बजे शुरू होगी। यह 14 मार्च 2024 को 01:25 बजे समाप्त होगी। इस बार फाल्गुन माह में विनायक चतुर्थी 14 मार्च को मनाई जाएगी।
Pandit Subham Shastri Ji
Call : - +91- 9888520774
To Know More Visit: https://www.astrologersubhamshastri.com/
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ragbuveer · 2 months
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः 🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (चतुर्थी तिथि )*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-13-मार्च-2024
वार:--------बुधवार
तिथी :---04चतुर्थी:-25:26
पक्ष:-------शुक्लपक्ष
माह:-------फाल्गुन
नक्षत्र:-----अश्विनी:-18:25
योग:------ऐन्द्र:-24:48
करण:------वणिज:-14:41
चन्द्रमा:-----मेष
सूर्योदय:-----06:53
सूर्यास्त:------18:42
दिशा शूल------उत्तर
निवारण उपाय:---गुड का सेवन
ऋतु :----बसंत ऋतु
गुलीक काल:---11:07से 12:36
राहू काल:---12:36से14:06
अभीजित------नहीं है
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:------पिंगल
⏲️चोघङिया दिन🕰️
लाभ:-06:53से08:22तक
अमृत:-08:22से09:51तक
शुभ:-1120से12:49तक
चंचल:-15:43से 17:13तक
लाभ:-17:13से 18:42तक
🕰️चोघङिया रात🕰️
शुभ:-20:12से21:43तक
अमृत :-21:43से23:13तक
चंचल :-23:13से00:44तक
लाभ :-03:47से05:17तक
🙏आज के विशेष योग 🙏
वर्ष का356वा दिन, भद्रा14:41 से 25:26 तक स्वर्ग-लोक शुभ (दिशा) पश्चिम, विनायक चतुर्थी, संत चतुर्थी (उड़ीसा), बुध उदय प. 20:02, मृत्युयोग 06:47 से 18:25 तक, ज्वालामुखी योग 25:26 से, रवियोग 18:25तक,
👉वास्तु टिप्स👈
घर में तरक्की के लिए गणेश जी कि सिंदूरी रंग की मूर्ति लगाएं ।
*सुविचार*
दुःख भोगने वाला तो आगे सुखी हो सकता है पर दुःख देने वाला कभी सुखी नहीं हो सकता।👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। विशेष सम्मान हो सकता है। विवेक का प्रयोग करें। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। लंबी यात्रा की योजना बन सकती है। स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। जल्दबाजी में कोई व्यवहार न करें।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
किसी भी प्रकार के विवाद में न पड़ें। हल्की हंसी-मजाक से बचें। चोट व रोग से परेशानी संभव है। दांपत्य जीवन में आनंद का वातावरण रहेगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति लाभदायक बनेगी। आय में वृद्धि होगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। लाभ होगा।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
किसी अपने ही व्यक्ति से विवाद हो सकता है। स्वाभिमान को चोट लग सकती है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। वाहन व मशीनरी आदि के प्रयोग में लापरवाही न करें। कारोबार ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
किसी गंभीर बीमारी की शुरुआत हो सकती है, लापरवाही न करें। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। अनहोनी की आशंका रह सकती है। कोर्ट-कचहरी तथा सरकारी मामलों की बाधा दूर होकर स्थिति अनुकूल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पूजा-पाठ आदि पर व्यय होगा।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधान रहें। कोई शारीरिक पीड़ा हो सकती है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। शत्रुओं का पराभव होगा। आर्थिक नीति में बदलाव हो सकता है। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
👩🏻‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
परिवार के छोटे सदस्यों की बाहर से शिकायत आ सकती है, ध्यान दें। चोट व रोग से हानि की आशंका है, लापरवाही न करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पुरानी लेनदारी वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
खर्च की मद में इजाफा होगा। बजट बिगड़ेगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। किसी व्यक्ति के उकसावे में नहीं आएं। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। आय बनी रहेगी।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। सट्टे, जुए व लॉटरी से दूर रहें। रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भाग्य का सहारा रहेगा। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। चोट व रोग से बचें। किसी बड़ी समस्या से निजात मिल सकती है।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
दूर से अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। व्यस्तता रहेगी। प्रमाद न करें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय में वृद्धि होगी। कोई बड़ा कार्य प्रारंभ करने का मन बनेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। निवेश शुभ फल देगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें। भरपूर प्रयास करें।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
यात्रा में जल्दबाजी न करें। मन में दुविधा व संशय रहेंगे। कार्य की सफलता के लिए प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। गलतफहमी से विवाद हो सकता है। भावनाओं पर अंकुश आवश्यक है। हितशत्रुओं से सावधान रहें। कारोबार ठीक चलेगा। आय होगी। चिंता बनी रहेगी।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। विद्यार्थी वर्ग शोध कार्य व शैक्षणिक गतिविधियों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी मे कोई नया विचार क्रियान्वित हो सकता है। कार्य की प्रशंसा होगी।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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jyotishwithakshayg · 3 months
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*🌞~ आज दिनांक - 13 फरवरी 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - चतुर्थी दोपहर 02:41 तक तत्पश्चात पंचमी*
*⛅नक्षत्र - उत्तर भाद्रपद दोपहर 12:35 तक तत्पश्चात रेवती*
*⛅योग - साध्य सुबह 11:05 तक तत्पश्चात शुभ*
*⛅राहु काल - दोपहर 03:44 से 05:09 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:14*
*⛅सूर्यास्त - 06:34*
*⛅दिशा शूल - उत्तर*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:32 से 06:23 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 से 01:19 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - श्री गणेश जयन्ती, विनायक चतुर्थी , वरद चतुर्थी, मंगलवारी चतुर्थी, विष्णुपदी-कुम्भ संक्रांति*
*⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔸विनायक चतुर्थी : 13 फरवरी🔸*
*🔹हिन्दु कैलेण्डर में प्रत्येक चन्द्र मास में दो चतुर्थी होती है । हिन्दु धर्मग्रन्थों के अनुसार चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि है । अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं ।*
*🔹विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है । भगवान से अपनी किसी भी मनोकामना की पूर्ति के आशीर्वाद को वरद कहते हैं । जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं । ज्ञान और धैर्य दो ऐसे नैतिक गुण है जिसका महत्व सदियों से मनुष्य को ज्ञात है । जिस मनुष्य के पास यह गुण हैं वह जीवन में काफी उन्नति करता है और मनवान्छित फल प्राप्त करता है ।*
*🔸गणेश जयन्ती :13 फरवरी🔸*
*🔹भगवन श्री गणेश के अवतरण-दिवस को गणेश जयन्ती के रूप में मनाया जाता है। हिन्दु पञ्चाङ्ग के अनुसार, गणेश जयन्ती माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है ।*
*🔸माघ शुक्ल गणेश जयंती को मुख्यतः महाराष्ट्र व कोंकण के तटीय क्षेत्रों में मनाया जाता है ।*
*🌹मंगलवारी चतुर्थी - 13 फरवरी 24🌹*
*🔸पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 02-41 तक*
*🌹इस दिन अगर कोई जप, दान, ध्यान, संयम करता है तो वह दस लाख गुना प्रभावशाली होता है, ऐसा वेदव्यास जी ने कहा है ।*
*🔹विष्णुपदी-कुम्भ संक्रांति : 13 फरवरी 24*🔹
*🌹 पुण्यकाल : सुबह 09-51 से दोपहर 03-54 तक*
*🌹 विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है । (पद्म पुराण)*
*🌹 वसंत पंचमी :14 फरवरी 🌹*
*🌹 13 फरवरी दोपहर 02:41 से 14 फरवरी दोपहर 12:09 तक ।*
*🔹विशेष :- उदया तिथि के अनुसार सरस्वती पूजा 14 फरवरी बुधवार के दिन होगी ।*
*🌹 माघ मास शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि माँ सरस्वती का प्रागट्य दिवस है । सारस्वत्य मंत्र लिए हुए जो भी साधक हैं , सरस्वती माँ का पूजन करें और सफेद गाय का दूध मिले अथवा गाय के दूध की खीर बनाकर सरस्वती माँ को भोग लगायें । सफेद पुष्पों से पूजन करें और जिन विद्यार्थियों ने सारस्वत्य मंत्र लिया है वे तो खास जीभ तालू पर लगाकर सारस्वत्य मंत्र का जप इस दिन करें तो वे प्रतिभासम्पन्न आसानी से हो जायेंगे ।*
*🌹 वसंत पंचमी सरस्वती माँ का आविर्भाव का दिवस है । जो भी पढ़ते हों और शास्त्र आदि या जो भी ग्रन्थ, उनका आदर-सत्कार-पूजन करो । और भ्रूमध्य में सूर्यदेव का ध्यान करो । जिससे पढ़ाई-लिखाई में आगे बढ़ोगे ।*
*सनातन उत्थान समिति से जुड़े*
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aamaadmipatrika · 6 months
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Sankashti Chaturthi 2023: संकष्टी चतुर्थी व्रत आज, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Sankashti Chaturthi 2023: आज मार्गशीर्ष माह की चतुर्थी तिथि है और इसे गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इस दिन लोग भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत-उपवास रखते हैं और उनका विधि-विधान से पूजन करते हैं. मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में आ रहे सभी दुख दूर हो जाते हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. इस दिन भगवान गणेश के साथ ही चंद्रमा की पूजा…
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jharexpress · 7 months
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Karva Chauth 2023: तिथि, शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय, विधि
Karva Chauth 2023 : करवा चौथ 2023: तिथि (puja time), शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व, कथा, सरगी, जानिए आपके शहर में चंद्रोदय का समय (moon time) ??
करवा चौथ(Karva Chauth 2023) हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह एक प्रमुख पर्व है जो विवाहित महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु और सुरक्षा की कामना करती हैं। इस व्रत में महिलाएं करवा चौथ की पूजा और उपवास करती हैं तथा चंद्रमा के दर्शन के बाद ही उपवास को खोलती हैं। यह पर्व हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, राजस्थान आदि राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है।
Karva Chauth 2023: करवा चौथ की पूजा के शुभ मुहूर्त
Karva Chauth 2023: करवा चौथ के उपवास के लाभ
करवा चौथ का व्रत रखने से महिलाओं को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
Karva Chauth 2023: करवा चौथ की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि (puja time) को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस बार करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023, बुधवार को रखा जाएगा।
Karva Chauth 2023: करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय
करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय स्थान के अनुसार अलग-अलग होता है। कुछ प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का समय (moon time) निम्नलिखित है:
करवा चौथ की पूजा विधि
करवा चौथ की पूजा विधि निम्नलिखित है:
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ एक हिंदू त्योहार है जो विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं सुबह से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं। चंद्रोदय के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ के महत्व के बारे में कुछ विशेष बातें
करवा चौथ (Karva Chauth 2023) व्रत का हिन्दू संस्कृति में विशेष महत्त्व है। इस दिन पति की लम्बी उम्र के पत्नियां पूर्ण श्रद्धा से निर्जला व्रत रखती है। कार्तिक मास की चतुर्थी को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है । इस साल एक नवंबर को करवा चौथ का व्रत रखा जा रहा है । दरअसल, इस साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर मंगलवार रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर एक नवंबर रात 9 बजकर 19 मिनट तक है । ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, करवा चौथ का व्रत बुधवार यानि  1 नवंबर को रखा जायेगा।
1 नवंबर को चन्द्रमाम(MOON) अपनी उच्च राशि वृषभ में होंगे। इसी के साथ मंगल, बुध और सूर्य तुला राशि में हैं। सूर्य और बुध बुधादित्य योग बना रहे हैं तो मंगल और सूर्य मिलकर मंगलादित्य योग बना रहे हैं। शनि भी 30 साल बाद अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ में योग बना रहे हैं। इस दिन शिवयोग मृगशिरा नक्षत्र और बुधादित्य योग का संगम रहेगा। शिव योग शिव को समर्पित, मृगशिरा नक्षत्र मंगल को समर्पित, बुधादित्य योग यश और ज्ञान का प्रतीक माना गया है। इन योगों से पर्व का महत्व हजारों गुना बढ़ गया है।
Karva Chauth 2023: करवा चौथ का महात्म्य
छांदोग्य उपनिषद् के अनुसार चंद्रमा में पुरुष रूपी ब्रह्मा की उपासना करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इससे जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता है। साथ ही साथ इससे लंबी और पूर्ण आयु की प्राप्ति होती है। करवा चौथ के व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश तथा चंद्रमा का पूजन करना चाहिए। चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा होती है। पूजा के बाद मिट्टी के करवे में चावल,उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री रखकर सास अथवा सास के समकक्ष किसी सुहागिन के पांव छूकर सुहाग सामग्री भेंट करनी चाहिए।
महाभारत से संबंधित पौराणिक कथा के अनुसार पांडव पुत्र अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी पर्वत पर चले जाते हैं। दूसरी ओर बाकी प���ंडवों पर कई प्रकार के संकट आन पड़ते हैं। द्रौपदी भगवान श्रीकृष्ण से उपाय पूछती हैं। वह कहते हैं कि यदि वह कार्तिक कृष्ण चतुर्थी के दिन करवाचौथ का व्रत करें तो इन सभी संकटों से मुक्ति मिल सकती है। द्रौपदी विधि विधान सहित करवाचौथ (Karva Chauth) का व्रत रखती है जिससे उनके समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। इस प्रकार की कथाओं से करवा चौथ का महत्त्व हम सबके सामने आ जाता है।
सरगी का महत्त्व
करवा चौथ (Karva Chauth 2023) में सरगी का काफी महत्व है। सरगी सास की तरफ से अपनी बहू को दी जाती है। इसका सेवन महिलाएं करवाचौथ के दिन सूर्य निकलने से पहले तारों की छांव में करती हैं। सरगी के रूप में सास अपनी बहू को विभिन्न खाद्य पदार्थ एवं वस्त्र इत्यादि देती हैं। सरगी, सौभाग्य और समृद्धि का रूप होती है। सरगी के रूप में खाने की वस्तुओं को जैसे फल, मीठाई आदि को व्रती महिलाएं व्रत वाले दिन सूर्योदय से पूर्व प्रात: काल में तारों की छांव में ग्रहण करती हैं। तत्पश्चात व्रत आरंभ होता है। अपने व्रत को पूर्ण करती हैं।
महत्त्व के बाद बात आती है कि करवा चौथ की पूजा विधि क्या है? किसी भी व्रत में पूजन विधि का बहुत महत्त्व होता है। अगर सही विधि पूर्वक पूजा नहीं की जाती है तो इससे पूरा फल प्राप्त नहीं हो पाता है। वैसे अलग अलग क्षेत्र में ये पूजा अलग अलग विधि विधान से की जाती है । कहीं कहीं इसे गणेश चौथ के नाम से भी मनाया जाता है ।
करवा चौथ (Karva Chauth 2023) को लेकर कई तरह की कथाएं प्रचलित हैं । आइए जानते कुछ प्रमुख कथाओं के बारे में –
प्रथम कथा
बहुत समय पहले की बात है, एक साहूकार के सात बेटे और उनकी एक बहन करवा थी। सभी सातों भाई अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। यहाँ तक कि वे पहले उसे खाना खिलाते और बाद में स्वयं खाते थे। एक बार उनकी बहन ससुराल से मायके आई हुई थी। शाम को भाई जब अपना व्यापार-व्यवसाय बंद कर घर आए तो देखा उनकी बहन बहुत व्याकुल थी। सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे, लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ (Karva Chauth) का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्‍य देकर ही खा सकती है। चूँकि चंद्रमा अभी तक नहीं निकला है, इसलिए वह भूख-प्यास से व्याकुल हो उठी है।
सबसे छोटे भाई को अपनी बहन की हालत देखी नहीं जाती और वह दूर पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। दूर से देखने पर वह ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे चतुर्थी का चाँद उदित हो रहा हो।
इसके बाद भाई अपनी बहन को बताता है कि चाँद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देने के बाद भोजन कर सकती हो। बहन खुशी के मारे सीढ़ियों पर चढ़कर चाँद को देखती है, उसे अर्घ्‍य देकर खाना खाने बैठ जाती है।
वह पहला टुकड़ा मुँह में डालती है तो उसे छींक आ जाती है। दूसरा टुकड़ा डालती है तो उसमें बाल निकल आता है और जैसे ही तीसरा टुकड़ा मुँह में डालने की कोशिश करती है तो उसके पति की मृत्यु का समाचार उसे मिलता है। वह बौखला जाती है।
उसकी भाभी उसे सच्चाई से अवगत कराती है कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ ? करवा चौथ का व्रत गलत तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गए हैं और उन्होंने ऐसा किया है।
सच्चाई जानने के बाद करवा निश्चय करती है कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं होने देगी और अपने सतीत्व से उन्हें पुनर्जीवन दिलाकर रहेगी। वह पूरे एक साल तक अपने पति के शव के पास बैठी रहती है। उसकी देखभाल करती है। उसके ऊपर उगने वाली सूईनुमा घास को वह एकत्रित करती जाती है।
एक साल बाद फिर करवा चौथ का दिन आता है। उसकी सभी भाभियाँ करवा चौथ का व्रत रखती हैं। जब भाभियाँ उससे आशीर्वाद लेने आती हैं तो वह प्रत्येक भाभी से 'यम सूई ले लो, पिय सूई दे दो, मुझे भी अपनी जैसी सुहागिन बना दो' ऐसा आग्रह करती है, लेकिन हर बार भाभी उसे अगली भाभी से आग्रह करने का कह चली जाती है।
इस प्रकार जब छठे नंबर की भाभी आती है तो करवा उससे भी यही बात दोहराती है। यह भाभी उसे बताती है कि चूँकि सबसे छोटे भाई की वजह से उसका व्रत टूटा था अतः उसकी पत्नी में ही शक्ति है कि वह तुम्हारे पति को दोबारा जीवित कर सकती है, इसलिए जब वह आए तो तुम उसे पकड़ लेना और जब तक वह तुम्हारे पति को जिंदा न कर दे, उसे नहीं छोड़ना। ऐसा कह के वह चली जाती है। सबसे अंत में छोटी भाभी आती है। करवा उनसे भी सुहागिन बनने का आग्रह करती है, लेकिन वह टालमटोली करने लगती है। इसे देख करवा उन्हें जोर से पकड़ लेती है और अपने सुहाग को जिंदा करने के लिए कहती है। भाभी उससे छुड़ाने के लिए नोचती है, खसोटती है, लेकिन करवा नहीं छोड़ती है।
अंत में उसकी तपस्या को देख भाभी पसीज जाती है और अपनी छोटी अँगुली को चीरकर उसमें से अमृत उसके पति के मुँह में डाल देती है। करवा का पति तुरंत श्रीगणेश-श्रीगणेश कहता हुआ उठ बैठता है। इस प्रकार प्रभु कृपा से उसकी छोटी भाभी के माध्यम से करवा को अपना सुहाग वापस मिल जाता है। हे श्री गणेश माँ गौरी जिस प्रकार करवा को चिर सुहागन का वरदान आपसे मिला है, वैसा ही सब सुहागिनों को मिले।
Karva Chauth 2023: करवाचौथ की द्वितीय कथा
इस कथा का सार यह है कि शाकप्रस्थपुर वेदधर्मा ब्राह्मण की विवाहिता पुत्री वीरवती ने करवा चौथ का व्रत किया था। नियमानुसार उसे चंद्रोदय के बाद भोजन करना था, परंतु उससे भूख नहीं सही गई और वह व्याकुल हो उठी। उसके भाइयों से अपनी बहन की व्याकुलता देखी नहीं गई और उन्होंने पीपल की आड़ में आतिशबाजी का सुंदर प्रकाश फैलाकर चंद्रोदय दिखा दिया और वीरवती को भोजन करा दिया।
परिणाम यह हुआ कि उसका पति तत्काल अदृश्य हो गया। अधीर वीरवती ने बारह महीने तक प्रत्येक चतुर्थी को व्रत रखा और करवा चौथ के दिन उसकी तपस्या से उसका पति पुनः प्राप्त हो गया।
Karva Chauth 2023: करवा चौथ की तृतीय कथा
एक समय की बात है कि एक करवा नाम की पतिव्रता स्त्री अपने पति के साथ नदी के किनारे के गाँव में रहती थी। एक दिन उसका पति नदी में स्नान करने गया। स्नान करते समय वहाँ एक मगर ने उसका पैर पकड़ लिया। वह मनुष्य करवा-करवा कह के अपनी पत्नी को पुकारने लगा।
उसकी आवाज सुनकर उसकी पत्नी करवा भागी चली आई और आकर मगर को कच्चे धागे से बाँध दिया। मगर को बाँधकर यमराज के यहाँ पहुँची और यमराज से कहने लगी- हे भगवन! मगर ने मेरे पति का पैर पकड़ लिया है। उस मगर को पैर पकड़ने के अपराध में आप अपने बल से नरक में ले जाओ।
यमराज बोले- अभी मगर की आयु शेष है, अतः मैं उसे नहीं मार सकता। इस पर करवा बोली, अगर आप ऐसा नहीं करोगे तो मैं आप को श्राप देकर नष्ट कर दूँगी। सुनकर यमराज डर गए और उस पतिव्रता करवा के साथ आकर मगर को यमपुरी भेज दिया और करवा के पति को दीर्घायु दी। हे करवा माता! जैसे तुमने अपने पति की रक्षा की, वैसे सबके पतियों की रक्षा करना।
Karva Chauth 2023: करवाचौथ की चौथी कथा
एक बार पांडु पुत्र अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी नामक पर्वत पर गए। इधर द्रौपदी बहुत परेशान थीं। उनकी कोई खबर न मिलने पर उन्होंने कृष्ण भगवान का ध्यान किया और अपनी चिंता व्यक्त की। कृष्ण भगवान ने कहा- बहना, इसी तरह का प्रश्न एक बार माता पार्वती ने शंकरजी से किया था।
पूजन कर चंद्रमा को अर्घ्‍य देकर फिर भोजन ग्रहण किया जाता है। सोने, चाँदी या मिट्टी के करवे का आपस में आदान-प्रदान किया जाता है, जो आपसी प्रेम-भाव को बढ़ाता है। पूजन करने के बाद महिलाएँ अपने सास-ससुर एवं बड़ों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेती हैं।
तब शंकरजी ने माता पार्वती को करवा चौथ का व्रत बतलाया। इस व्रत को करने से स्त्रियाँ अपने सुहाग की रक्षा हर आने वाले संकट से वैसे ही कर सकती हैं जैसे एक ब्राह्मण ने की थी। प्राचीनकाल में एक ब्राह्मण था। उसके चार लड़के एवं एक गुणवती लड़की थी।
एक बार लड़की मायके में थी, तब करवा चौथ का व्रत पड़ा। उसने व्रत को विधिपूर्वक किया। पूरे दिन निर्जला रही। कुछ खाया-पीया नहीं, पर उसके चारों भाई परेशान थे कि बहन को प्यास लगी होगी, भूख लगी होगी, पर बहन चंद्रोदय के बाद ही जल ग्रहण करेगी।
भाइयों से न रहा गया, उन्होंने शाम होते ही बहन को बनावटी चंद्रोदय दिखा दिया। एक भाई पीपल की पेड़ पर छलनी लेकर चढ़ गया और दीपक जलाकर छलनी से रोशनी उत्पन्न कर दी। तभी दूसरे भाई ने नीचे से बहन को आवाज दी- देखो बहन, चंद्रमा निकल आया है, पूजन कर भोजन ग्रहण करो। बहन ने भोजन ग्रहण किया।
भोजन ग्रहण करते ही उसके पति की मृत्यु हो गई। अब वह दुःखी हो विलाप करने लगी, तभी वहाँ से रानी इंद्राणी निकल रही थीं। उनसे उसका दुःख न देखा गया। ब्राह्मण कन्या ने उनके पैर पकड़ लिए और अपने दुःख का कारण पूछा, तब इंद्राणी ने बताया- तूने बिना चंद्र दर्शन किए करवा चौथ का व्रत तोड़ दिया इसलिए यह कष्ट मिला। अब तू वर्ष भर की चौथ का व्रत नियमपूर्वक करना तो तेरा पति जीवित हो जाएगा। उसने इंद्राणी के कहे अनुसार चौथ व्रत किया तो पुनः सौभाग्यवती हो गई। इसलिए प्रत्येक स्त्री को अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत करना चाहिए। द्रोपदी ने यह व्रत किया और अर्जुन सकुशल मनोवांछित फल प्राप्त कर वापस लौट आए। तभी से हिन्दू महिलाएँ अपने अखंड सुहाग के लिए करवा चौथ व्रत करती हैं। सायं काल में चंद्रमा के दर्शन करने के बाद ही पति द्वारा अन्न एवं जल ग्रहण करें। पति, सास-ससुर सब का आशीर्वाद लेकर व्रत को समाप्त करें।
पूजा एवं चन्द्र को अर्घ्य देने का मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी (Karva Chauth) 1 नवम्बर को करवा चौथ पूजा मुहूर्त- सायं 05:35 से 06:55 बजे तक।
चंद्रोदय- 20:06 मिनट पर।
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - 31 अक्टूबर को रात्रि 09:30 बजे से।
चतुर्थी तिथि समाप्त - 01 नवम्बर को रात्रि 09:19 बजे।
इस साल 13 घंटे 26 मिनट का समय व्रत के लिए है। ऐसे में महिलाओं को सुबह 6 बजकर 40 मिनट से शाम 08 बजकर 06 मिनट तक करवा चौथ का व्रत रखना होगा।
करवा चौथ के दिन चन्द्र को अर्घ्य देने का समय रात्रि 8:07 बजे से 8:55 तक है।
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ के दिन शाम के समय चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत खोला जाता है।
चंद्रदेव को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जप अवश्य करना चाहिए। अर्घ्य देते समय इस मंत्र के जप करने से घर में सुख व शांति आती है।
"गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।
गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥"
इसका अर्थ है कि सागर समान आकाश के माणिक्य, दक्षकन्या रोहिणी के प्रिय व श्री गणेश के प्रतिरूप चंद्रदेव मेरा अर्घ्य स्वीकार करें।
सुख सौभाग्य के लिये राशि अनुसार उपाय
मेष राशि- मेष राशि की महिलाएं करवा चौथ की पूजा अगर लाल और गोल्डन रंग के कपड़े पहनकर करती हैं तो आने वाला समय बेहद शुभ रहेगा।
वृषभ राशि - वृषभ राशि की महिलाओं को इस करवा चौथ सिल्वर और लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। इस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से आने वाले समय में पति-पत्नी के बीच प्यार में कभी कमी नहीं आएगी।
मिथुन राशि - इस राशि की महिलाओं के लिए हरा रंग इस करवा चौथ बेहद शुभ रहने वाला है। इस राशि की महिलाओं को करवा चौथ के दिन हरे रंग की साड़ी के साथ हरी और लाल रंग की चूड़ियां पहनकर चांद की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके पति की आयु निश्चित लंबी होगी।
कर्क राशि - कर्क राशि की महिलाओं को करवा चौथ की पूजा विशेषकर लाल-सफेद रंग के कॉम्बिनेशन वाली साड़ी के साथ रंग-बिरंगी चूडि़यां पहनकर पूजा करनी चाहिए। याद रखें इस राशि की महिलाओं को व्रत खोलते समय चांद को सफेद बर्फी का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से आपके पति का प्यार आपके लिए कभी कम नहीं होगा।
सिंह राशि - करवा चौथ की साड़ी चुनने के लिए इस राशि की महिलाओं के पास कई विकल्प मौजूद हैं। इस राशि की महिलाएं लाल, संतरी, गुलाबी और गोल्डन रंग चुन सकती है। इस रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से शादीशुदा जोड़े के वैवाहिक जीवन में हमेशा प्यार बना रहता है।
कन्या राशि - कन्या राशि वाली महिलाओं को इस करवा चौथ लाल-हरी या फिर गोल्डन कलर की साड़ी पहनकर पूजा करने से लाभ मिलेगा। ऐसा करने से दोनों के वैवाहिक जीवन में मधुरता बढ़ जाएगी।
तुला राशि - इस राशि की महिलाओं को पूजा करते समय लाल- सिल्वर रंग के कपड़े पहनने चाहिए। इस रंग के कपड़े पहनने पर पति का साथ और प्यार दोनों हमेशा बना रहेगा।
वृश्चिक राशि - इस राशि की महिलाएं लाल, मैरून या गोल्डन रंग की साड़ी पहनकर पूजा करें तो पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ जाएगा।
धनु राशि - इस राशि की महिलाएं पीले या आसमानी रंग के कपड़े पहनकर पति की लंबी उम्र की कामना करें।
मकर राशि - मकर राशि की महिलाएं इलेक्ट्रिक ब्लू रंग करवा चौथ पर पहनने के लिए चुनें। ऐसा करने से आपके मन की हर इच्छा जल्द पूरी होगी।
कुंभ राशि - ऐसी महिलाओं को नेवी ब्लू या सिल्वर कलर के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से गृहस्थ जीवन में सुख शांति बनी रहेगी।
मीन राशि - इस राशि की महिलाओं को करवा चौथ पर लाल या गोल्डन रंग के कपड़े पहनना शुभ होगा।
समापन
करवा चौथ का यह पर्व सामाजिक एकता और परंपरा का प्रतीक है। इस विशेष दिन पर, हम सभी महिलाएं अपने पति की खुशियों की कामना करती हैं और उनके साथ विशेष रूप से समय बिताती हैं। इसके अलावा, यह एक विशेष अवसर है जब हम समाज में एक साथ आकर्षित होते हैं और परंपरा का महत्व समझते हैं। इस करवा चौथ पर, हम सभी को खुशियों और समृद्धि की कामना है, और हम साथ हैं इस खास पर्व को और भी खास बनाने के लिए।
करवा चौथ (Karva Chauth 2023) की सभी महिलाओं को हार्दिक शुभकामनाएं। आप सभी के पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करता हूं।
ये भी पढ़ें: history of muharram, date of muharram मुहर्रम 2023 इतिहास और महत्व
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rashivermaofficial · 2 years
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Happy Ganesh Chaturthi to All | How to Celebrate the Hindu God Ganesh Chathurthi? from Rashi Verma on Vimeo.
Ganesh Chaturthi is celebrated every year on the Chaturthi Tithi of Shukla Paksha of Bhadrapada month. It is also known as Vinayaka Chaturthi. This year Ganesh Chaturthi is falling on 31st August. On this day the devotees of Lord Ganesha bring his idol home and establish it. Ganesh Chaturthi is celebrated to mark the birthday of Lord Ganesha. The 11-day festival includes welcoming Ganpati into our homes.
गणेश चतुर्थी हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इसे विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी 31 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन भगवान गणेश के भक्त उनकी प्रतिमा घर लाकर उसकी स्थापना करते हैं। गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। 11 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में हमारे घरों में गणपति का स्वागत करना शामिल है।
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17) Delhi State Level Boxing Championship 2021 - youtu.be/pm5GInWuKz0
18) Magic Track Car Video - youtu.be/vVfit4PF8qU
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