रयान गोसलिंग मूल रूप से अब वास्तविक जीवन में केन हैं
रयान गोसलिंग मूल रूप से अब वास्तविक जीवन में केन हैं
रयान गोसलिंग भले ही अभी अपनी नेटफ्लिक्स फिल्म द ग्रे मैन का प्रचार कर रहे हों, लेकिन ऐसा लगता है कि आने वाली बार्बी फिल्म में केन की भूमिका के बारे में कोई भी बात करना चाहता है। और वह निश्चित रूप से यह सब खा रहा है। इस बिंदु पर, वह मूल रूप से एक चलने वाली केन गुड़िया है, भले ही वह सेट पर हाइलाइटर पीले रोलरब्लैड में न हो। एक आदर्श उदाहरण? उन्होंने इस सप्ताह ग्रे मैन प्रीमियर के लिए एक बहुत ही…
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चाहिए थोड़ा दुख
खबरें देखता रहता हूं दिन भर और
कुछ नहीं लिखता मैं
देखता हूं रील, तस्वीर और वीडियो
दूसरों का नाच गाना सोना नहाना
सब कुछ पर बेमन
सीने में जाने किसका है वजन
जो काटे नहीं कटता वक्त की तरह
गोकि मैं हूं बहुत बहुत व्यस्त और
ऐसा सिर्फ दिखाने के लिए नहीं है चूंकि
मैं फोन नहीं उठाता किसी का
मैं वाकई व्यस्त हूं, और जाने
किन खयालों में मस्त हूं कि अब
कुछ भी छू कर नहीं जाता
निकल लेता है ऊपर से या नीचे से
या दाएं से और बाएं से
सर्र से पर मेरी रूह को तो छोड़ दें
त्वचा तक को कष्ट नहीं होता।
ये जो वजन है
यही दुख का सहन है
वैसे कारण कम नहीं हैं दुखी होने के
दूसरी सहस्राब्दि के तीसरे दशक में, लेकिन
दुख की कमी अखरती है रोज-ब-रोज
जबकि समृद्धि इतनी भी नहीं आई
कि खा पी लें दो चार पुश्तें
या फिर कम से कम जी जाएं विशुद्ध
हरामखोर बन के ही बेटा बेटी
या अकेले मैं ही।
मैंने सिकोड़ लिया खुद को बेहद
तितली से लार्वा बनने के बाद भी
फोन आ जाते हैं दिन में दो चार
और सभी उड़ते हुए से करते हैं बात
चुनाव आ गया बॉस, क्या प्लान है
मेरा मन तो कतई म्लान है यह कह देना
हास्यास्पद बन जाने की हद तक
संन्यस्त हो जाने की उलाहना को आमंत्रित करता
बेकल आदमी का एकल गान है।
एक कल्पना है
जिसका ठोस प्रारूप कागज पर उतारना
इतना कठिन है कि महीनों हो गए
और इतना आसान, कि लगता है
एक रोज बैठूंगा और लिख दूंगा
रोज आता है वह एक रोज
और बीत जाता है रोज
अब उसकी भी तीव्रता चुक रही है
तारीख करीब आ रही है और धौंकनी
धुक धुक रही है
कि क्या 4 जून के बाद भी करते रहना होगा
वही सब चूतियापा
जिसके सहारे काट दिए दस साल
अत्यंत सुरक्षित, सुविधाजनक
बिना खोए एक क्षण भी आपा
बदले में उपजा लिए कुछ रोग जिन्हें
डॉक्टर साहब जीवनशैली जनित कहते हैं
जबकि इस बीच न जीवन ही खास रहा
न कोई शैली, सिवाय खुद को
बचाने की एक अदद थैली
आदमी से बन गए कंगारू
स्वस्थ से हो गए बीमारू
कीड़े पनपते रहे भीतर ही भीतर
बाहर चिल्लाते रहे फासीवाद और
भरता रहा मन में दुचित्तेपन का
गंदा पीला मवाद।
यार, ऐसे तो नहीं जीना था
सिवाय इस राहत के कि
जीने की भौतिक परिस्थितियां ही
गढ़ती हैं मनुष्य को
यह दलील चाहे जितना डिस्काउंट दे दे
लेकिन मन तो जानता है (न) कि
दुनिया के सामने आदमी कितनी फानता है
और घर के भीतर चादर कितनी तानता है।
अगर ये सरकार बदल भी जाए तो क्या होगा मेरा
यही सोच सोच कर हलकान हुआ जाता हूं
जबकि सभी दोस्त ठीक उलटा सोच रहे हैं
जरूरी नहीं कि दोस्त एक जैसा सोचें
बिलकुल इसी लोकतांत्रिक आस्था ने दोस्त
कम कर दिए हैं और जो बच रहे हैं
वे फोन करते हैं और मानकर चलते हैं
मैं उनके जैसी बात कहूंगा हुंकारी भरूंगा
मैं तो अब किसी को फोन नहीं करता
न बाहर जाता हूं मिलने
बहुत जिच की किसी ने तो घर
बुला लेता हूं और जानता हूं कि
दस में से दो आ जाएं तो बहुत
इस तरह कटता है मेरा क्लेश और
बच जाता है वक्त
चूंकि मैं हूं बहुत बहुत व्यस्त
बचे हुए वक्त में मैं कुछ नहीं करता
यह जानते हुए भी लगातार लोगों से बचता
फिरता हूं क्योंकि वे जब मिलते हैं तो
ऐसा लगता है कि बेहतर होता कुछ न करते
घर पर ही रहते और ऐसा
तकरीबन हर बार होता है
हर दिन बस यही संतोष
मुझे बचा ले जाता है
कि मेरा खाली समय कोई बददिमाग
पॉलिटिकली करेक्ट
बुनियादी रूप से मूर्ख और अतिमहत्वाकांक्षी
लेकिन अनिवार्यत: मुझे जानने वाला मनुष्य
नहीं खाता है।
लोगों को ना करते दुख होता है
ना नहीं करने के अपने दुख हैं
आखिर कितनों की इच्छाओं, महत्वाकांक्षाओं
और मूर्खतापूर्ण लिप्साओं की आत्यंन्तिक रूप से
मौद्रिक परियोजनाओं में
आदमी कंसल्टेंट बन सकता है एक साथ?
आपके बगैर तो ये नहीं होगा
आपका होना तो जरूरी है
रोज दो चार लोग ऐसी बातें कह के मुझे
फुलाते रहते हैं और घंटे भर की ऊर्जा
उनके निजी स्वार्थों की भेंट चढ़ जाती है
इतने में दस आदमी कांग्रेस से भाजपा में और
चार आदमी भाजपा से कांग्रेस में चले जाते हैं
हेडलाइन बदल जाती है
किसी के यहां छापा पड़ जाता है
तो किसी को जेल हो जाती है
फिर अचानक कोई ऐसा नाम ट्रेंड करने लगता है
जिसे जानने में बची हुई ऊर्जा खप जाती है।
मुझे वाकई ये बातें जानने का शौक नहीं
ज्यादा जरूरी यह सोचना है कि अगले टाइम
क्या छौंकना है लौकी, करेला या भिंडी
और किस विधि से उन्हें बनना है
यह और भी अहम है पर संतों के कहे
ये दुनिया एक वहम है और मैं
इस वहम का अनिवार्य नागरिक हूं
और औसत लोगों से दस ग्राम ज्यादा
जागरिक हूं और यह विशिष्टता 2014 के बाद
अर्जित की हुई नहीं है क्योंकि उससे पहले भी
मैं जग रहा था जब सौ करोड़ हिंदू
सो रहा था इस देश का जो आज मुझसे
कहीं ज्यादा जाग चुका है और
मेरे जैसा आदमी बाजार से भाग चुका है
भागा हुआ आदमी घर में दुबक कर
खबरें ही देख सकता है और गाहे-बगाहे सजने वाली
महफिलों में अपने प्रासंगिक होने के सुबूत
उछाल के फेंक सकता है।
दरअसल मैं इसी की तैयारी करता हूं
इसीलिए खबरें देखता रहता हूं
पर लिखता कुछ नहीं
बस देखता हूं दूसरों का नाच गाना
सोना नहाना सब कुछ
नियमित लेकिन बेमन।
कब आ जाए परीक्षा की घड़ी
खींच लिया जाए सरेबाजार और
पूछ दिया जाए बताओ क्या है खबर
और कह सकूं बेधड़क मैं कि सरकार बहादुर
गरीबों में बांटने वाले हैं ईडी के पास आया धन।
छुपा ले जाऊं वो बात जो पता है
सारे जमाने को लेकिन कहने की है मनाही
कि एक स्वतंत्र देश का लोकतांत्रिक ढंग से
चुना गया प्रधानमंत्री कर रहा था सात साल से
धनकुबेरों से हजारों करोड़ रुपये की उगाही
खुलवाकर कुछ लाख गरीबों का खाता जनधन।
सच बोलने और प्रिय बोलने के द्वंद्व का समाधान
मैंने इस तरह किया है
बीते बरसों में जमकर झूठ को जिया है
स्वांग किया है, अभिनय किया है
जहां गाली देनी थी वहां जय-जय किया है
और सीने पर रख लिया है एक पत्थर
विशालकाय
अकेले बैठा पीटता रहता हूं छाती हाय हाय
कि कुछ तो दुख मने, एकाध कविता बने
लगे हाथ कम से कम भ्रम ही हो कि वही हैं हम
जो हुआ करते थे पहले और अकसर सोचा करते थे
किसके बाप में है दम जो साला हमको बदले।
ये तैंतालीस की उम्र का लफड़ा है या जमाने की हवा
छूछी देह ही बरामद हुई हर बार जब-जब
खुद को छुवा
हर सुबह चेहरे पर उग आती है फुंसी गोया
दुख का निशान देह पर उभर आता हो
मिटाने में जिसे आधा दिन गुजर जाता हो
दुख हो या न हो, दिखना नहीं चाहिए
ऐसी मॉडेस्टी ने हमें किसी का नहीं छोड़ा
भरता गया मवाद बढ़ता गया फोड़ा
अल्ला से मेघ पानी छाया कुछ न मांगिए
बस थोड़ा सा जेनुइन दुख जिसे हम भी
गा सकें, बजा सकें और हताशाओं के
अपने मिट्टी के गमले में सजा सकें
और उसे साक्षी मानकर आवाहन करें
प्रकृति का कि लौट आओ ओ आत्मा
कम से कम कुछ तो दो करुणा कि
स्पर्श कर सकें वे लोग, वे जगहें, वे हादसे
जिनकी खबरें देखता रहता हूं मैं
दिन भर और कुछ भी नहीं लिख पाता।
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BIG NEWS FOR ROCKEY BHAI (YASH) FANS
Yash Upcoming Movie Toxic First Look: साउथ फिल्म इंडस्ट्री के स्टार एक्टर यश की आने वाली फिल्मों का दर्शक बेसब्री से इंतजार करते हैं। केजीएफ 1 और केजीएफ 2 जैसी फिल्मों की सफलता के बाद यश के फैंस उनकी नई फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में अब यश ने अपने फैंस को एक सरप्राइज दिया है। यश ने अपनी आने वाली (Yash Upcoming Movie Toxic First Look) फिल्म की अनाउंसमेंट की है
KGF फ्रैंचाइज़ी की सफलता के बाद सुपरस्टार यश से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। उनके फैंस की संख्या भी दुनिया भर में है। पिछले कुछ दिनों से सुपरस्टार यश की नई फिल्म की चर्चा थी। इस फिल्म का नाम क्या होगा इस बारे में फैंस चर्चा कर रहे थे। इस फिल्म का नाम ‘यश 19’ होगा ऐसा कहा जा रहा था लेकिन अब इस फिल्म का नाम और टीज़र दर्शकों के सामने आ गया है।साउथ फिल्म इंडस्ट्री के एक्टर यश की आने वाली फिल्म का नाम ‘Toxic‘ है। यश ने एक खास वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर अपनी आने वाली फिल्म का नाम और रिलीज डेट की अनाउंसमेंट की
यश ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किए गए वीडियो में आधे जले हुए पत्ते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो के बैकग्राउंड में एक आकर्षक धुन सुनाई दे रही है। यश के दमदार लुक की झलक भी इस वीडियो में देखने को मिल रही है। वीडियो में यश एक काउबॉय लुक में दिखाई दे रहे हैं। वह सिगरेट पीते हुए दिखाई दे रहे हैं। उनके एक हाथ में एक बड़ी बंदूक भी दिखाई दे रही है।
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स्ट्रीमबिल्डर: हमारा ओपन-सोर्स फ़्रेमवर्क जो आपके डैशबोर्ड को संचालित करता है.
हमें ये बताते हुए बेहद ख़ुशी हो रही है कि हमने Tumblr पर आपके डैशबोर्ड को संचालित करने के लिए जो कस्टम फ़्रेमवर्क बनाया उसे अब हम ओपन-सोर्स कर रहे हैं. हम इसे स्ट्रीमबिल्डर कहते हैं और कई सालों से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.
सबसे पहले सबसे ज़रूरी चीज़ें. ओपन-सोर्सिंग क्या है? ओपन-सोर्सिंग एक विकेंद्रीकृत सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट मॉडल है जो मुक्त सहयोग को बढ़ावा देता है. आसान शब्दों में कहें तो ये कोई भी ऐसा प्रोग्राम है जिसके सोर्स कोड को उपयोगकर्ताओं या दूसरे डेवलपर की ज़रूरतों के मुताबिक इस्तेमाल या सुधार करने के लिए उपलब्ध कराया जाता है.
तो फिर स्ट्रीम बिल्डर क्या है? जब भी आप अपनी फ़ॉलो किए जा रहे हैं फ़ीड या आपके लिए या खोज परिणामों को हिट करते हैं या किसी ब्लॉग की पोस्ट, टैग की गई पोस्ट की सूची या यहाँ तक कि ब्लॉग सुझावों को देखते हैं, तब आप बुनियादी तौर पर मौजूद इसी फ़्रेमवर्क का इस्तेमाल करते हैं. अगर आप अभी ये कोड देखना चाहते हैं, तो इसे यहाँ GitHub पर देखें!
स्ट्रीमबिल्डर के साथ बहुत कुछ चल रहा है. इसकी मुख्य बनावट कंटेंट की "स्ट्रीम्स" के इर्द-गिर्द घूमती है: चाहे वो किसी ब्लॉग से पोस्ट हों, आप जिन ब्लॉग को फ़ॉलो करते हैं उनकी सूची हो, किसी खास टैग का इस्तेमाल करने वाली पोस्ट हों या किसी खोज से जुड़ी पोस्ट हों. ये अलग-अलग किस्म की स्ट्रीम्स हैं जिन्हें एक साथ मिलाया जा सकता है, कुछ मानदंडों के आधार पर फ़िल्टर किया जा सकता है, प्रासंगिकता या एंगेजमेंट की संभावना के लिए रैंक किया जा सकता है और इसके अलावा और भी बहुत कुछ किया जा सकता है.
पिछले हफ़्ते से आप अपने Tumblr डैशबोर्ड पर देख सकते हैं कि कैसे आपके द्वारा फ़ॉलो किए गए ब्लॉग से पोस्ट आपके द्वारा फ़ॉलो किए गए टैग से पोस्ट से मिली हुई हैं जो कि ब्लॉग सुझावों से मिली हुई हैं. उनमें से हर स्ट्रीम एक अलग स्ट्रीम है जिसका अपना खुद का लॉजिक है लेकिन ये सभी एक ही फ़्रेमवर्क को शेयर करते हैं. हम उन सुझावों को तय किए हुए अंतरालों पर इंजेक्ट करते हैं, आप किन्हें ब्लॉक कर रहे हैं इस आधार पर पोस्ट फ़िल्टर करते हैं और पोस्ट को प्रासंगिकता के लिए रैंक करते हैं अगर आपने "सबसे बढ़िया चीज़ सबसे पहले" को एनेबल किया हुआ है. ये सभी उस कार्यक्षमता के उदाहरण हैं जो हमें स्ट्रीमबिल्डर की बदौलत मिलती है.
तो, इस बॉक्स में क्या-क्या शामिल है?
हम Tumblr पर जिस कोड का इस्तेमाल करते हैं उसकी पूरी फ़्रेमवर्क लाइब्रेरी ताकि आपको इस प्लैटफ़ॉर्म पर जो भी कंटेंट दिखाई देता है उसकी लगभग हर फ़ीड को संचालित किया जा सके.
कंटेंट की स्ट्रीम्स कम्पोज़ करने के लिए एक YAML सिंटैक्स और उन्हें फ़िल्टर, इंजेक्ट और रैंक करने का तरीका.
प्रोग्रामिक रूप से स्ट्रीम्स को कम्पोज़, फ़िल्टर, रैंक, इंजेक्ट और डीबग करने के लिए ऐबस्ट्रैक्शंस.
स्ट्रीम्स को इकट्ठे बनाने के लिए ऐबस्ट्रैक्शंस—जैसे कि कैरसेल के साथ, स्ट्रीम्स के अंदर स्ट्रीम्स के लिए.
पेचीदे स्ट्रीम टेम्पलेट के लिए कर्सर-आधारित पेजिनेशन के लिए एक ऐबस्ट्रैक्शन.
यूनिट टेस्ट्स जिनमें लाइब्रेरी और ज़्यादातर बुनियादी कोड के लिए पब्लिक इंटरफ़ेस शामिल है.
आगे और क्या आने वाला है
डॉक्यूमेंटेशन. हमें अपने आंतरिक टूल्स से बहुत कुछ लेकर आना है और यहाँ अंदर रखना है!
अलग-अलग आम स्ट्रीम्स के कई और उदाहरण स्ट्रीम टेम्पलेट और उदाहरण कार्यान्वयन.
अगर आपके सवाल हैं, तो कृपया ये कोड देखें और यहाँ समस्या दर्ज करें.
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Mirov
#चैप्टर_1: अगर कभी ध्यान से सोचा जाये तो इंसान का अस्तित्व वह कुल इनफार्मेशन भर है जो वह अपनी आखिरी सांस तक हासिल करता है। यही उसकी मेमोरी है, यही उसके होने का अहसास है और यही उसका जीवन है। अगर किसी दिमाग़ से यह सारी इनफार्मेशन खुरच कर निकाल ली जाये तो फिर भले उसका शरीर बाकी रहे, लेकिन वह इंसान खत्म हो जायेगा, उसका अस्तित्व, "मैं" होने का अहसास मिट जायेगा और इसी से तो वह था। अब उसकी यह इनफार्मेशन अगर किसी दूसरे ब्लैंक दिमाग़ में या किसी आर्टिफिशियल ह्युमन में डाल दी जाये तो उसी इनफार्मेशन के सहारे वह कृत्रिम इंसान ख़ुद को वही इंसान समझेगा।
सोचिये कि कितना दिलचस्प है यह मेमोरी और इंसानी अस्तित्व का खेल… प्रस्तुत कहानी इसी विचार से शुरु होती है। इस विस्तृत कहानी का पहला चैप्टर इसी विचार से पैदा एक खोज है, जो एक चार सौ साल पुरानी हिमालयन रीज़न में दबी लाश की मेमोरी और आधुनिक युग के एक आर्टिफिशियल मानव के मेल के साथ शुरु होती है और अतीत में दबा एक ऐसा फसाना सामने आता है, जिससे ढेरों तरह की उलझनें खड़ी हो जाती हैं।
वहां मुगल साम्राज्य के उत्तरी किनारे पर बसी एक घाटी में वह सभ्यता मौजूद थी जो अपने महापूर्वज के लिये सोना-चांदी, क़ीमती कलाकृतियां/धरोहरें आदि लूट कर उस जगह इकट्ठी कर रही थी जो सत्रहवीं सदी में इक्कीसवीं सदी की आधुनिक सुविधाओं के साथ मौजूद थी, जो उस दौर में संभव ही नहीं था— लेकिन वह जगह ऐसे वीरानों में और भी जाने कितने पीछे से मौजूद थी। उन लुटेरों का महापूर्वज ख़ुद को दो सौ साल पुराना बताता था, जबकि दिखने में वह बस बत्तीस-चौंतीस की उम्र का ही था और वह झूठ भी नहीं बोल रहा था।
उन पुरानी स्मृतियों से जूझते एडगर वैलेंस के लिये वह सवाल ही नहीं बवाले जान नहीं थे, बल्कि आधुनिक दौर के वह लोग भी थे, जो उस पर अपने बाॅस को मारने और उनकी एक मो��ी रकम लूटने का इल्ज़ाम लगा रहे थे— वह लड़की भी थी जो उस पर अपना शरीर लेने का इल्ज़ाम लगा रही थी और उससे अपना शरीर वापस चाहती थी, जबकि उसे ऐसा कुछ भी याद नहीं था।
#चैप्टर_2: एक आदमी अचानक ग़ायब होने के सौ साल बाद प्रकट होता है और बताता है कि उसने तो सिर्फ चार दिन किसी रहस्मयी जगह पर गुज़ारे हैं, और उसकी उम्र भी वही थी, जिससे दुनिया भर के लोगों की दिलचस्पी उस घाटी में हो जाती है, जहां वह रहस्यमयी जगह मौजूद थी। कुछ लोग हैं दुनिया में, जो सेटी (सर्च फाॅर एक्सट्रा टेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस) के लिये काम करते हैं या एन्शेंट एस्ट्रानाॅट थ्योरिस्ट कहलाते हैं— दुनिया भर में एलियन एग्जिस्टेंस के सबूत ढूंढते फिरते हैं और उन्हें एनालाईज करते हैं। उन्हें सौ साल बाद सामने आये इसी आदमी के भरोसे उस घाटी में एलियन एग्जिस्टेंस की भरपूर संभावनाएं दिखती हैं और वे इसका रहस्य पता करना चाहते हैं।
लेकिन उस घाटी के मुसाफिर बस वही नहीं थे— एक टीम वह भी थी, जिसके लोगों के देशों से सम्बंधित धरोहरें जो चार-पांच सौ साल पीछे के अतीत में चुराई गई थीं और सैकड़ों साल तक गुमशुदा रहने के बाद अब एकाएक नीलामी के ज़रिये बेची जाने लगी थीं— और बेचने वाले उसी खास घाटी में बैठे थे। उनके सिवा वे दो टीमें भी थीं, जिन्होंने चार सौ साल पीछे के इतिहास में दफन उस कहानी का पता लगाया था और अब वे न सिर्फ उस खज़ाने को हासिल करना चाहते थे, बल्कि उस जगह के राज़ को भी पता करना चाहते थे।
#चैप्टर_3: हम अपने ऑब्जर्वेबल यूनिवर्स में जितना कुछ देख जान पाते हैं, वह बस यूनिवर्स का चार-पांच प्रतिशत है और बाकी में जो अबूझ मटेरियल है, उसे हम डार्क मैटर और डार्क एनर्जी कह कर सम्बोधित करते हैं— लेकिन कहीं वही 94-95% यूनिवर्स ही तो असल यूनिवर्स नहीं है, जिसके लिये शैडो यूनिवर्स शब्द का इस्तेमाल होता है— और हमारा अपना जाना-पहचाना यूनिवर्स उस यूनिवर्स में आई मामूली एनाॅमली भर हो। कहानी का तीसरा चैप्टर इसी संभावना को साकार करते हुए इस वास्तविक यूनिवर्स का खाका खींचता है, जहां सब अनोखा है— उससे उलट, जो हमारा देखा और जाना-पहचाना है।
वहां भी सभ्यताएं हैं, तरक्की के पैमाने पर जीरो से लेकर वहां तक, कि वे पूरे यूनिवर्स तक को रीडिजाइन करने की क्षमता रखती हैं। जो सबसे तरक्कीशुदा सभ्यताएं हैं, वे इसी धुरी के अंतर्गत एक दूसरे के साथ संघर्ष में उलझे हैं और पृथ्वी से ट्रांसफार्म हो कर वहां पहुंचे लोगों को भी अपने साथ यह कह कर उलझा लेते हैं कि अगर उनका यूनिवर्स रीडिजाईन होता है तो इंसानों का यूनिवर्स ही कोलैप्स हो जायेगा। इस कठिन संघर्ष के अंतिम मरहले पर एक ऐसा महायुद्ध होता है, जिसमें पूरी की पूरी सभ्यताएं मिट जाती हैं।
तीनों किताबें एक साथ पब्लिश की गई हैं और ऑनलाइन बिक्री के ���िये अमेज़न/फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध हैं। जिन्हें डिजिटल फार्मेट में पढ़ना पसंद है, उनके लिये यह सुविधा किंडल पर मौजूद है। सभी लिंक पोस्ट के साथ ही संलग्न हैं।
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Birthday Special: कई सुपरहिट गानों की सौगात से बनी Alka Yagnik आठ मिलियन डॉलर की मालकिन, जानिए कैसे?
Alka Yagnik: माता-पिता से मिली विरासत को निभाती आई अल्का याग्निक का आज जन्मदिन है कई खूबसूरत गानों की मल्लिका कई गानों की प्लेबैक सिंगर रही गायिका अल्का याग्निक को आज कौन नहीं जानता। तो चलिए आज जानते कुछ ऐसे खास किस्सों के बारे में जिनसे आप अब तक रुबरु नहीं हुए होगें।
Alka Yagnik का 6 साल की उम्र में चला आवाज का जादू
उनका जन्म 20 मार्च 1966 के दिन कोलकाता में रहने वाले एक गुजराती परिवार में हुआ था। दिलचस्प बात यह है कि अलका की मां भी एक शानदार गायिका हैं। अलका को संगीत की शुरुआती शिक्षा अपने मां से ही हासिल हुई।
14 साल की उम्र में गाया बॉलीवुड का पहला गाना
फिर तो मानों ये सिलसिला फिर थमने से रहा, वही फिल्म इंडस्ट्री में मात्र 14 साल की Alka Yagnik ने पायल की झंकार से शुरुआत कर थिरकत अंग लचक झुकी गाने का मौका मिला। दर्शकों ने गाने को खूब पसंद किया।
फिर क्या था अल्का की आवाज जैसे गाने के लिए बनी थी और गाने अल्का के लिए। उनकी आवाज के कायल तो जैसे सभी हो गये थे। एक के बाद एक बैक टू बैक गानों का तांता लग गया था।
मेरे अंगने और एक दो तीन ने मचाई धूम
इसके बाद Alka Yagnik ने साल 1981 में अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘लावारिस’ के गाने ‘मेरे अंगने’ को आवाज दी। जिसके साथ अल्का की आवाज ने धूम मचा दी यही नहीं 1988 में फिल्म ‘तेजाब’ के गाने ‘एक दो तीन’ के बाद अलका को प्लेबैक सिंगर के रूप में पहचान मिली। जिसके बाद अल्का अब तक तकरीबन 700 फिल्मों के लिए गाना गा चुकी हैं।यहां सुनिए उनके कुछ सदाबहार गीत
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अपने आप को शांति प्रदान करने हेतु पढ़ती हूं मंत्र - डा० पियाली भट्टाचार्य
डॉक्टर को करना पड़ता है अनेक परेशानियों का सामना - डा० पी. के. गुप्ता
डॉक्टर को करना पड़ता है अपने आपको मानसिक रूप से मजबूत - डा० वेद प्रकाश
लखनऊ, 30.06.2022 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस की पूर्व संध्या पर ऑनलाइन संगोष्ठी "Doctors and their self-healing mantras" का आयोजन किया | यह कार्यक्रम ट्रस्ट के 25/2G सेक्टर-25 इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में संपन्न हुआ | संगोष्ठी में मुख्य वक्ता गणों के रूप में डा० पियाली भट्टाचार्य, बाल रोग विशेषज्ञ, एस.जी.पी.जी.आई., लखनऊ, डा० पी. के. गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष, आई.एम.ए., लखनऊ, डा० वेद प्रकाश, विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन, के.जी.एम.यू., ने सहभागिता की व संयोजन सुश्री सेल्वी शारदा, वरिष्ठ पत्रकार, ने किया |
डा० पियाली भट्टाचार्य ने डॉक्टर के जीवन के संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि, जब हम मेडिकल प्रोफेशन में आने के लिए मेहनत करते हैं पैसा खर्च करते हैं और डॉक्टर बन कर शपथ लेते हैं तब हम यह सोच लेते हैं कि अब हमें बिना किसी स्वार्थ के लोगों की सेवा करनी है | मगर हम डॉक्टर हैं भगवान नहीं जब सारे प्रयास करने के बाद किसी को सकारात्मक नतीजे नहीं निकाल पाते तब हमें लोगों की नकारात्मकता का सामना करना पड़ता है | हमें अंदर से दुख होता है तब अपने आप को शांत करने के लिए मैं संगीत का सहारा लेती हूं, मंत्र पढ़ती हूं जिससे मुझे मन की शांति मिलती है |
डा० पी. के. गुप्ता ने बताया कि, आजकल डॉक्टर के ऊपर बहुत प्रेशर होता है नई पीढ़ी को यह समझना चाहिए कि उन्हें डॉक्टर के पेशे में बहुत ज्यादा डेडीकेशन की जरूरत होती है | हर डॉक्टर को शुरुआत में 12 से 18 घंटे काम करना पड़ता है | आज तकनीकी युग में टेक्नोलॉजी इतनी बढ़ गई है कि आज हर प्रोफेशन बदल चुका है हमारे डॉक्टर के पेशे में हमें बहुत संभल कर चलना पड़ता है और अपने मरीजों के लिए पूर्ण रूप से समर्पित होना पड़ता है जब मैं अवसाद या गुस्से में होता हूं तो मुझे बागवानी करना पसंद है |
डा० वेद प्रकाश ने बताया कि क्रिटिकल केयर यूनिट में हमें मरीजों का खास ख्याल रखना पड़ता है तथा कभी-कभी सारे प्रयासों के बावजूद हम मरीज को बचा नहीं पाते तब हमें अवसाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और हमें इससे निपटने के लिए हमें अपनी मानसिक स्थिति को मजबूत करना पड़ता है |
संयोजिका सुश्री शैलवी शारदा ने डॉक्टर डे की सभी को बधाई दी | कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्षवर्धन अग्रवाल, न्यासी डा० रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्य श्री मुकेश शारदा की विशेष उपस्थिति रही |
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भारत ही तो है... T20 World Cup ���ें महामुकाबले से पहले बाबर आजम की चेतावनी
न्यूयॉर्क: पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के मैच को लेकर बना माहौल, अपेक्षाओं का बोझ और दबाव खिलाड़ियों को नर्वस बना देता है, लेकिन उन्होंने टी-20 विश्व कप में रविवार को यहां होने वाले मैच से पहले अपने खिलाड़ियों को शांत बने रहने और अपने ‘बेसिक्स’ पर कायम रहने की सलाह दी। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ टी-20 विश्व कप में अभी तक जो सात मैच खेले हैं उनमें से उसे केवल एक में हार का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान में यह जीत 2021 में हासिल की थी।बाबर ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के पॉडकास्ट में कहा, 'हम जानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के मैच पर किसी अन्य मैच की तुलना में अधिक चर्चा होती है। इसके लिए पूरी तरह से भिन्न माहौल तैयार किया जाता है तथा केवल खिलाड़ी ही नहीं बल्कि प्रशंसकों में भी इसको लेकर उत्साह बना रहता है। दुनिया में आप कहीं भी जाओ, आपको भारत और पाकिस्तान के मैच को लेकर चर्चा करते हुए लोग मिल जाएंगे। हर कोई अपने देश का समर्थन करता है। प्रत्येक प्रशंसक इस मैच का बेसब्री से इंतजार करता है और उसका ध्यान इस खास मैच पर लगा रहता है।' बाबर ने कहा, ‘निश्चित तौर पर अपेक्षाओं और इस मैच को लेकर बने माहौल के कारण खिलाड़ी थोड़ा नर्वस हो जाते हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि आप इससे कैसे निपटते हैं तथा जितना आप बेसिक्स (बुनियादी चीजों) ध्यान लगाएंगे उतना ही एक खिलाड़ी के रूप में आपके लिए चीजें आसान हो जाएंगी। यह बेहद दबाव वाला मैच होता है और अगर आप शांत बने रहते हैं तथा अपनी कड़ी मेहनत और कौशल पर विश्वास रखते हैं तो चीजें आसान हो जाएंगी।'पाकिस्तान के कप्तान को 2022 के टी-20 विश्व कप में भारत के खिलाफ जीत दर्ज नहीं कर पाने का अब भी मलाल है। उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि 2022 में हमें भारत के खिलाफ मैच जीतना चाहिए था, लेकिन उन्होंने हमसे जीत छीन ली। सबसे अधिक पीड़ा जिंबॉब्वे के खिलाफ हार से हुई। भारत के खिलाफ हार से इसलिए दुख हुआ क्योंकि हमने तब अच्छी क्रिकेट खेली थी तथा लोग हमारे प्रदर्शन की तारीफ कर रहे थे।’ http://dlvr.it/T7kGh8
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अब Netflix पर देखी जा सकेगी जापानी फिल्म 'Godzilla Minus One'
2023 में रिलीज़ हुई जापानी फिल्म ‘Godzilla Minus One’ अब Netflix पर भी रिलीज़ हो चुकी है।1 जो लोग अब तक इस फिल्म को सिनेमाहॉल में जाकर नहीं देख पाए थे वे अब अपने घर से इस फिल्म का लुत्फ़ उठा सकते हैं।
Godzilla Minus One क्यों है ख़ास!
Godzilla Minus One
यह फिल्म गॉडजिला फ्रेंचाइजी की सबसे खास फिल्मों में से एक है क्योंकि यह अपने भीतर गॉडजिला के एसेंसे को समेटे हुए है। जहाँ एक ओर अमेरिकन गॉडजिला…
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Today's Horoscope -
मेष (चु, चे, चो, ला, लि, लु, ले, लो, अ):-आपके कार्यक्षेत्र में कुछ परिवर्तन के योग बन सकते हैं। जो आपके लिए लाभकारी सिद्ध होंगे। आर्थिक प्रयासों का तत्काल प्रतिफल मिलेगा। जिस प्रकार के फायदे और लाभ आप अपने तरीके से लेना चाहते हैं, उसमें अभी कुछ रूकावटें जरूर आ सकती हैं। आपको भविष्य में लाभ मिलेगा। सेहत के मामले में आज के दिन सावधानी बरतें। अगर थोड़ी सी भी लापरवाही की तो आपको आज परेशानी उत्पन्न हो सकती है।
वृषभ (इ, उ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, वो):-समाजिक स्तर पर मान सम्मान में वृद्धि होगी। अनावश्यक यात्रा या घूमने फिरने से बचें। आज के दिन उधार वापस मिलने के योग हैं और आपका रुका पैसा वापस आ सकता है। जीवनसाथी के साथ संबंधों में सुधार होगा। घर में मित्रों एवं आपके स्नेही जनों का आगमन होगा। नई योजनाओं पर कार्य करेंगे। संतान की ओर से आपकी चिंताएं बढ़ेगी। व्यर्थ की चिंताएं से तनाव उत्पन्न हो सकता है।
मिथुन (का, कि, कु, घ, ङ, छ, के, को, हा) :-दोस्तों और भाइयों की मदद से धन लाभ होगा। किसी बड़े काम को पूरा करने की जिम्मेदारी भी मिलेगी। मांगलिक उत्सव के दौरान पुराने मित्रों के साथ मुलाकात माहौल को खुशनुमा बनाएगी। भविष्य के लिए आज के दिन खास योजना बन सकती है। जिसका लाभ आपको आने वाले समय में मिलेगा। घर और व्यवसाय में सामंजस्य बनाकर रखने से सभी स्थितियां अनुकूल रहेंगे।
कर्क (हि, हु, हे, हो, डा, डि, डु, डे, डो):-आपके लिए दिन अत्यधिक सोच विचार रहेगा। सेहत के मामले में आज के दिन सावधानी बरतें। अगर थोड़ी सी भी लापरवाही की तो आपको आज परेशानी उत्पन्न हो सकती है। आज का दिन आपके लिए उत्तम सफलता दायक रहेगा। आज नौकरी में आप अपने प्रतिद्वंद्वियों का सरदर्द बने रहेंगे, जिससे वह आप से परेशान हो जाएंगे और आपको नुकसान पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन आपको इनसे सतर्क रहना होगा।
सिंह (मा, मि, मु, मे, मो, टा, टि, टु, टे):-मित्रों के साथ तालमेल की कमी के कारण मन में अस्थिरता बनी रहेगी। जिन महत्वपूर्ण कार्यों में बार-बार विलंब हो रहा है उन्हें अच्छे से करने के लिए कार्यों की सूची बनाये और मामलों को सुलझाएं। दृढ़ संकल्प आपका बेहतरीन गुण हैं जिससे आ रही मुश्किलों को दूर कर सकते हैं। आज आपको कहीं से बकाया धन की प्राप्ति हो सकती है। ऐसा होने से आपके रुके पड़े काम अब पटरी पर आ सकते हैं।
कन्या (टो, पा, पि, पु, ष, ण, ठ, पे, पो):-दिन सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर है। आज आपका कोई काम लंबे समय से जो रुका था। बनने की राह आसान होगी। आप काम करने में इच्छुक हैं और इन्हे अच्छे से करने के लिए कार्यों की सूची बनाये और मामलों को सुलझाएं। पारिवारिक व्यवसाय से संबंधित कार्यों पर अधिक ध्यान दें। संपर्क सूत्र व मार्केटिंग संबंधी कार्यों में आज फायदा होने की संभावना है। परंतु किसी अन्य पर निर्भर ना रहकर सभी निर्णय स्वयं ले।
तुला (रा, रि, रु, रे, रो, ता, ति, तु, ते):-आज आप अपने विचारों में स्थिरता लाने का प्रयास करें। मन में कुछ चीजों को लेकर भटकाव या विचलन हो सकता है। मित्रों से मेलजोल करने का मौका मिलेगा फिर भी मन में एक खालीपन सा महसूस हो सकता है। नई योजनाए बनने से आने वाले समय में लाभ मिलेगा। शरीर में चुस्ती-फूर्ति देखने को मिलेगी। मन में अस्थिरता बनी रहेगी। परिवारजनों के साथ बहस करने से बचें। खुद को शांत रख पाने की किसी क्रिया के साथ दिन की शुरुआत करें।
वृश्चिक (तो, ना, नि, नु, ने, नो, या, यि, यु):-आज का दिन व्यापार की उधेड़बुन में व्यतीत होगा। आज आप अपने व्यापार में कुछ चेंज कर सकते हैं जोकि आवश्यक है, लेकिन यदि आज आप किसी डील को फाइनल करें, तो उसमे अपने दिल व दिमाग दोनों को खोलकर करें, तभी आप उन योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे। साझेदारी में यदि कोई विवाद चल रहा है, तो उसे सकारात्मक तरीके से निपटाने की कोशिश करें। सांयकाल तक धन आगमन के योग बन सकते हैं।
धनु (ये, यो, भा, भि, भु, धा, फा, ढा, भे):-आज आपको कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले बहुत सोच विचार करना चाहिए। जिस काम से आपको उम्मीदें थीं, उसका नतीजा अच्छा रहेगा। आज की गई कोशिशों का नतीजा आपके फेवर में रहेगा। अपने जरूरी काम आज जरूर निपटाएं। किसी प्रकार की दुविधा की स्थिति में किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह आपके लिए फायदेमंद रहेगी। प्रेम संबंधों में कुछ खटास आ सकती है।
मकर(भो,जा,जि,जु,जे,जो,ख,खि,खु,खे,खो,गा,गि):-आज आपका गृहस्थ जीवन सुखमय ओर उत्तम रहेगा। करियर में अपेक्षित प्रगति होगी। कोई बड़ा राजनीतिक पद मिल सकता है। निवेश का कोई ऐसा ऑफर मिल सकता है जिससे आपको भविष्य में फायदा होगा। घर परिवार में आपकी जिम्मेदारी बढ़ेगी। लंबी दूरी की यात्रा का विचार अभी त्याग दें। प्रॉपर्टी संबंधी लाभ आपको मिल सकता है। नया वाहन खरीदने की योजना बना सकते हैं।
कुम्भ (गु, गे, गो, सा, सि, सु, से, सो, दा):-जल्दबाजी में किए कार्य से नुकसान उठाना पड़ सकता है, सलाह लेना आपके लिए उपयुक्त रहेगा। परिवार के किसी सदस्य की सेहत को लेकर चिंतित रहेंगे। बड़े फैसलों को आज के दिन टालना आपके लिए अच्छा रहेगा। किसी की कहीं भी बातें आपके मन को ठेस जा सकती है। बनावटी और दिखावा पसंद लोगों से दूरी बनाकर रखें। किसी बात को लेकर आपके मन में बेचैनी हो सकती है।
मीन (दि, दु, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, चि):-किसी की कही हुई बातें आपकी भावना को ठेस पहुंचा सकती हैं। लंबे समय से काम अटके हैं तो उन्हें आज पूरा कर लें। आज के दिन दूसरों की कमियों का मजाक न उड़ाएं, तो वहीं दूसरी ओर जितना हो सके अपना संपर्कों को बढ़ाएं और अच्छे लोगों से मिलें। सकारात्मक विचारों को आत्मसात करें। वाहन चलाने में विशेष रूप से सावधानी का प्रयोग करें।
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अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए अब नहीं ले जा सकेंगे मोबाइल फोन, इन चीज़ों पर भी लगी पाबंदी
अयोध्या रामलला (Ramlala): अगर आप भी रामलला के दर्शन करने उनके साथ फोटोज क्लिक करने अयोध्या जाने का प्लान कर रहे है तो ये खबर आपके लिए बेहद ही खास है। 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा हुआ था जिसमे लाखों श्रद्धांलु वहां मौजूद थे। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के दर्शन के लिए लगातार हजारों श्रद्धांलु अयोध्या पहुँच रहे हैं। इस बीच रामलला के दर्शन को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है। कि अब राम मंदिर परिसर में मोबाइल फोन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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एआई सुरक्षा के बीच देश के 23.50 लाख विद्यार्थियों ने दी नीट-यूजी परीक्षा
-राजस्थान के 24 शहरों में 1.92 लाख एवं कोटा के 56 सेंटर पर 27,119 ने दिया पेपर
- एनटीए द्वारा रिजल्ट 14 जून को, अधिकृत ‘आंसर की’ जल्द
न्यूजवेव @नई दिल्ली /कोटा
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा सबसे बडी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी,2024 रविवार को दोपहर 2 से शाम 5ः20 बजे तक आधुनिक तकनीक के कडे़ सुरक्षा घेरे में शांतिपूर्वक आयोजित की गई, जिसमें देश के 557 शहरों में 23.50 लाख (98%) परीक्षार्थियों ने पेन-पेपर मोड में पेपर दिया। विदेश के 14 शहरों में भी यह परीक्षा हुई। इसका रिजल्ट 14 जून को घोषित किया जायेगा।
एनटीए के जोनल कॉर्डिनेटर प्रदीपसिंह गौड ने बताया कि नीट-यूजी परीक्षा के लिये राजस्थान के 24 शहरों के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस द्वारा टेबलेट स्क्रीन पर परीक्षार्थी का डेटाबेस आ जाने से बायोमेट्रिक स्केनिंग तेजी से हुई। इस तकनीक से परीक्षार्थियों को कोई असुविधा नहीं हुई। जूमर के माध्यम से कडी सुरक्षा के बीच पेपर हुआ।
उन्होंने बताया कि राज्य में इस वर्ष 1.97 लाख पंजीकृत परीक्षार्थियों में से 1.92 लाख ( 97.5 %) पेपर देने पहुंचे। कोटा में 27,456 पंजीकृत परीक्षार्थियों से 27,119 ने 56 परीक्षा केंद्रों पर पेपर दिया। 337 छात्र अनुपस्थित रहे। कोटा, जयपुर, जोधपुर, अजमेर, उदयपुर, भरतपुर, अलवर, बीकानेर, बांसवाडा, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, बाडमेर, बारां, झुंझनू, सीकर, सिरोही, सवाईमाधोपुर, पाली, नागौर, चुरू, दौसा, धौलपुर, करौली के परीक्षा केंद्रों पर सुबह से शाम तक विद्यार्थियों एवं अभिभावकों की हलचल बनी रही। प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी कोटा के परीक्षा केंद्रों पर गर्ल्स परीक्षार्थियों की संख्या सर्वाधिक रही।
24.06 लाख में 13.63 लाख छात्रायें
इस वर्ष भी डॉक्टर बनने की दौड में बेटियां आगे रहीं। नीट-यूजी 2024 के लिये 24 लाख 6 हजार परीक्षार्थी पंजीकृत हुये, जिनमें 13.63 लाख छात्रायें एवं 10.18 लाख छात्र शामिल हैं। जबकि गत वर्ष इस परीक्षा में 20,87,449 पंजीकृत हुये थे। इस वर्ष 2,94,384 परीक्षार्थी बढे हैं।
रिजल्ट में 12 लाख क्वालिफाई होने की उम्मीद
एनटीए ने नीट-यूजी, 2023 में 20.87 लाख परीक्षार्थियों में से 11.45 लाख को काउंसलिंग के लिये क्वालिफाई घोषित किया था। चंूकि इस वर्ष 2.94 लाख परीक्षार्थियों की संख्या बढने एवं एमबीबीएस व बीडीएस की सीटें बढ़ जाने से 12 लाख से अधिक परीक्षार्थियों को काउंसलिंग हेतु क्वालिफाई होने का अनुमान है।
सामान्य वर्ग से 4 लाख ज्यादा OBC छात्र
खास बात यह है कि मेडिकल कॉलेजों में 27 प्रतिशत आरक्षण होने से ओबीसी-एनसीएल वर्ग के सर्वाधिक 10,43,084 परीक्षार्थी रहे, जबकि सामान्य वर्ग में परीक्षार्थी घटकर 6,43,596 रह गये। इसी तरह, एससी वर्ग के 3,52,107 एवं एसटी वर्ग के 1,54,489 ने नीट-यूजी परीक्षा दी। सामान्य कमजोर आय वर्ग के 1.88.557 ने भी इसमें रूचि दिखाई।
720 अंकों के पेपर में 200 प्रश्न पूछे
एनटीए ने नीट-यूजी के पेपर में फिजिक्स, केमिस्ट्री, जूलॉजी व बॉटनी चारों विषयों से 720 अंकों के कुल 200 प्रश्न पूछे गये। प्रत्येक विषय के सेक्शन ए में 35 प्रश्न एवं सेक्शन-बी में 15 प्रश्न रहे, जिसमें से 10 प्रश्न हल करना था। प्रत्येक प्रश्न 4 अंकों का है। गलत उत्तर होने पर एक अंक की नेगेटिव मार्किंग होगी। परीक्षार्थियों ने बताया कि इस वर्ष पेपर में एनसीईआरटी सिलेबस से जुडे प्रश्न अधिक पूछे गये। चारों विषयों में प्रश्नों का स्तर मॉडरेट रहा। परीक्षार्थी अब अपना संभावित एनटीए स्कोर पता करने के लिये अधिकृत ‘आंसर की’ का इंतजार कर रहे हैं। उधर, कई प्रमुख कोचिंग संस्थानों ने अपनी वेबसाइट पर अनुमानित ‘आंसर की’ जारी कर दी है।
10 वर्ष में दोगुना हुई MBBS सीटें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के अनुसार, इस वर्ष देश के 706 सरकारी व प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में MBBS की अधिकृत सीट बढ़कर 1,08,940 हो गई हैं, जो 2014 में 51,348 थीं। इस तरह 10 वर्षों में 57,591 एमबीबीएस की सीटों में वृद्धि हुई है। इसी तरह बीडीएस के 323 कॉलेज की 28,088, आयुष पाठ्यक्रम की कुल 55,851 सीटों पर भी नीट-यूजी में क्वालिफाई विद्यार्थियों को अवसर मिलेगा।
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ReviewMeta से जानें फर्जी रेटिंग बस एक सेकंड में, बचाएं ढेर सारे रुपए
ReviewMeta से जानें कि आखिर अमेजन की रेटिंग्स फर्जी हैं या नहीं।
आजकल फेक चीजों का जमाना काफी बढ़ गया है खास करके एआई के आ जाने से। बड़े-बड़े सेलिब्रिटी तथा नेता लोग भी से नहीं बच रहे हैं और deepfake जैसे गलत वीडियो का शिकार हो रहे हैं। इसी कड़ी में amazon जैसी बड़ी कंपनी भी नही बच रही है।
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Amazon के सभी प्रोडक्ट्स में फेक रेटिंग और रिव्यू की भरमार पड़ी हुई है लेकिन अब यह…
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आय में वृद्धि के लिए कामदा एकादशी पर करें ये आसान उपाय, खूब मिलेगा लाभ
हर साल चैत्र माह क�� शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन कामदा एकादशी पर्व मनाया जाता है। इस साल कामदा एकादशी 19 अप्रैल को मनाई जाने वाली है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य से सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही पिछले जन्मों में किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इसलिए इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
ज्योतिष शास्त्र में एकादशी की तिथि पर विशेष उपाय किए जाते हैं। इन उपायों को करने से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। आय, सुख और सौभाग्य में भी जमकर वृद्धि होती है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कामदा एकादशी के दिन इन खास उपायों को करना चाहिए।
➤ कुंडली में बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने के लिए कामदा एकादशी की पूजा के दौरान भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को हल्दी की सात गांठें चढ़ाएं। इस उपाय को करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है और धन लाभ होता है।
➤ अगर आप कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो स्नान-ध्यान के बाद भगवान नारायण की विधि-विधान से पूजा करें। साथ ही पूजा के दौरान उन्हें एकाक्षी नारियल ही चढ़ाएं। इस उपाय को मनोकामना पूरी होती है।
➤ अगर आप आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं, तो कामदा एकादशी की तिथि पर स्नान-ध्यान करने के बाद पीले रंग के वस्त्र पहनें। अब कच्चे दूध में केसर मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहती है।
➤ अगर आप देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो कामदा एकादशी के दिन साबूत चावल की खीर बनाएं और इसे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं। भगवान को गुड़ से बनी खीर का ही भोग लगाएं। इस उपाय को करने से आपकी आय में वृद्धि होगी।
Pandit Subham Shastri
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बदलाव
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🛠️ सुधार
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वेब पर हमने अकाउंट मेनू से बदलाव ब्लॉग का लिंक हटा दिया है. वो वाकई उसकी सही जगह नहीं थी और हम उस मेनू को साफ़ करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि आपके ब्लॉग को मैनेज करना आसान हो जाए.
नए डैशबोर्ड टैब कॉन्फ़िगरेशन विकल्पों के साथ प्रयोग करते समय गलती से हमने वो डैशबोर्ड टैब तोड़ दिए जो Tumblr लैब्स के ज़रिए एनेबल किए गए थे, जैसे कि ब्लॉग सब्स टैब. हमने उन टैब को ठीक करने के लिए उस बदलाव को वापस ले लिया है.
हमने ब्लॉग के RSS फ़ीड में कौन सा कंटेंट जाता है इसे चुनने के तरीके से जुड़ी और गड़बड़ियाँ ठीक कर दी हैं. इस बार हमने जवाब पोस्ट कंटेंट को RSS आइटम के तौर पर कैसे दिखाया जाता है इससे जुड़ी कुछ समस्याएँ हल कर दी हैं.
हमने नए डेस्कटॉप वेबसाइट नेविगेशन से जुड़ी कुछ लेआउट वाली परेशानियाँ भी दूर कर दी हैं, खास तौर पर वो दिक्कतें जो ब्राउज़र विंडो का साइज़ बदलने पर होती थीं.
वेब पर उस नई गतिविधि रीडिज़ाइन प्रयोग में विज़ुअल समस्या सुलझा दी जिसकी वजह से नहीं पढ़े गए गतिविधि आइटम को कुछ कलर पैलेट में पढना मुश्किल हो रहा था.
Safari में वो बग सुधार दिया जो वयस्क कंटेंट को ठीक तरह से धुंधला नहीं होने दे रहा था.
मोबाइल फ़ोन ब्राउज़र पर Tumblr का इस्तेमाल करते समय अब हैमबर्गर मेनू आइकन में एक संकेतक होगा जब आपके इनबॉक्स में कोई नहीं पढ़ा गया आस्क या सबमिशन होगा.
🚧 जारी
हम ज़्यादा उपयोगकर्ताओं के लिए लिगेसी पोस्ट एडिटर का इस्तेमाल करने के विकल्प को हटाना जारी रख रहे हैं.
हमें उस समस्या के बारे में पता है जो कुछ वीडियो को iOS ऐप में प्ले होने से रोक रही है और हम जल्द से जल्द एक सुधार लाने पर काम कर रहे हैं.
🌱 जल्द आने वाले
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कोई समस्या हो रही है? एक सहायता अनुरोध दर्ज करें और हम इस बारे में जितनी जल्दी हो सके आपसे संपर्क करेंगे!
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बॉलीवुड की घमंड तोड़ने के लिए ,अल्लू अर्जुन का एक और मुवी तैयार
मनोरंजन। तेलुगू इंडस्ट्री के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन ने अपने बर्थडे पर फैन्स को खास तोहफा दिया है। अर्जुन अपने आइकॉनिक किरदार पुष्पराज के रोल में फिर लौट आए हैं। और उनकी फिल्म पुष्पा द रूल का टीजर आ गया है। पुष्पा द राइज में फैन्स को अपने बेहद मास अवतार से खूब एंटरटेन करने के बाद, अल्लू अर्जुन अब सीक्वल से फिर धमाल मचाने के लिए तैयार हैं। अपना 42वां जन्मदिन मना रहे अर्जुन ने फैन्स को वो तोहफा दे…
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