Poised : World Kidney Day 2024: इस तरीके से खुद करें किडनी फंक्शन टेस्ट, क्रिएटिनिन का लगाएं पता
World Kidney Day 2024: इस तरीके से खुद करें किडनी फंक्शन टेस्ट, क्रिएटिनिन का लगाएं पता
How To Do Kidney Function Test:
हर साल किडनी फंक्शन टेस्ट करवाना, किडनी को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से दिल के रोगियों, मधुमेहवाले, और किडनी रोगियों के लिए यह बहुत आवश्यक है। क्या आप जानते हैं कि आप इस टेस्ट को घर पर भी कर सकते हैं? आइए इसके लाभों को जानें।
World Kidney Day 2024:
किडनी…
वर्ष का 40वाँ दिन, त्रिचूर पोरम (केरल), रवियोग अहोरात्र, व्यतिपात महापात समाप्त 09:10, यमघण्टयोग सूर्योदय से 15:30, श्री महावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान (जैन), अगस्त्य अस्त,
🌺 👉वास्तु टिप्स 👈🌺
महिलाएं रात को बाल ना बनाएं।
*सुविचार*
प्रभु के प्रत्येक विधान में प्रसन्न रहना चाहिये।👍🏻
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
*किडनी को कैसे रखें हेल्दी -*
1. उच्च रक्तचाप और डायबिटीज सहित रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले रोग किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए उच्च रक्तचाप और डायबिटीज को नियंत्रित करें।
2. क्या आप धूम्रपान करते हैं तो इसे छोड़ देने में ही भलाई है। धूम्रपान किडनी के अलावा किडनी को क्षति पहुंचाने वाली डायबिटीज और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की स्थिति को ज्यादा खराब कर देता है।
3. ज्यादा पैसे कमाने और चीजों के पीछे भागने की वजह से आप अपने शरीर को बहुत ही कम समय दे रहे हैं। इसके लिए आप शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं आमतौर पर धीरे-धीरे किडनी क्षतिग्रस्त होती जाती है, ऐसे में नियमित शारीरिक सक्रियता से किडनी की बीमारी रोकने में मदद मिलती है।
4. किडनी को यदि हेल्दी रखना है तो आप अपने खान-पान में सुधार करें। नमक का सेवन कम करें तथ प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं, क्योंकि इसमें सोडियम होता है जो उच्च रक्तचाप पैदा कर सकता है। इसके अलावा फलों और सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें तथा रोजाना 3 लिटर पानी पीजिए।
5. दवाईयों पर निर्भरता कम करें, क्योंकि दवाईयां आपकी किडनी को खराब कर सकती है।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। कामकाज में वृद्धि के योग हैं। घर-बाहर सभी तरफ प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदाय��� रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
कार्यस्थल पर परिवर्तन व सुधार हो सकता है। योजना फलीभूत होगी। मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नए कार्य मिलेंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
सत्संग का लाभ प्राप्त हो सकता है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति लाभदायक रहेगी। घर-बाहर सभी तरफ सफलता प्राप्त होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। बाहर जाने का कार्यक्रम बन सकता है। धन प्राप्ति सुगमता से होगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि हो सकती है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में वृद्धि हो सकती है, प्रयास करते रहें। कारोबार में अधिक ध्यान दें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। पारिवारिक चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी।
👩🏻🦱 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
स्थायी संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। विरोध होगा। व्यस्तता के चलते थकान रह सकती है। प्रमाद न करें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
रचनात्मक कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। संगीत इत्यादि में रुचि रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। किसी पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। पठन-पाठन व लेखन इत्यादि के कार्य सफल रहेंगे। भावना में बहकर निर्णय न लें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
कोई बुरी सूचना मिल सकती है। नकारात्मकता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। सावधान रहें। लेन-देन में सावधानी आवश्यक है। दूसरों के बहकावे में न आएं। सोच-समझकर निर्णय लें। व्यापार से लाभ होगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
पहले की गई मेहनत का फल प्राप्त होगा। रुके कार्य पूरे होंगे। लाभ में वृद्धि होगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। प्रसन्नता बनी रहेगी। असहाय लोगों की मदद करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। सभी तरफ से सफलता मिलेगी। जल्दबाजी न करें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
आत्मसम्मान बना रहेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। पारिवारिक आवश्यकताओं पर व्यय होगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। उत्साह बना रहेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा। जल्दबाजी न करें।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
फालतू खर्च अधिक हो सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। पुराना रोग उभर सकता है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। जल्दबाजी न करें।
किडनी को स्वस्थ रखेंगे ये खाद्य पदार्थ, आज ही इन्हें अपने आहार में शामिल करें
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किडनी हेल्दी फूड टिप्स: गलत खान-पान और बदलती जीवनशैली के कारण डायबिटीज, हृदय रोग और किडनी की समस्या का खतरा बढ़ रहा है। जानकारों के मुताबिक दुनिया की करीब 10 फीसदी आबादी किडनी की बीमारी से पीड़ित है। वैसे तो गुर्दे छोटे होते हैं, लेकिन स्वस्थ शरीर में ये बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह शरीर में प्रवेश करने वाले अपशिष्ट पदार्थों को छानने में मदद करता है। यदि ऐसी स्थिति में आपको किडनी की…
Bad Food For Kidney: आपकी किडनी को खराब कर देती हैं ये 5 चीजें, लिमिट में ही करें सेवन, जानिए इनके नुकसान
Bad Food For Kidney: आपकी किडनी को खराब कर देती हैं ये 5 चीजें, लिमिट में ही करें सेवन, जानिए इनके नुकसान
Bad Food For Kidney: हम अकसर सुनते हैं कि सही खानापान स्वस्थ जीवनशैली की निशानी है. ये बात वह लोग अच्छी तरह समझ पाते हैं, जो इस भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग अपनी सेहत का ध्यान रखने में लापरवाही कर देते हैं, जिससे उनका शरीर कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाता है. इसलिए जरूरी है सही खानपान का होना, जिससे शरीर का हर एक अंग स्वस्थ रहे.
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि लोगों की गलत जीवनशैली और…
हरी सब्जी और हरे फलों से होगा वजन कम, जानिए अन्य फायदे
आजकल वजन घटाना एक बड़ी समस्या बन गया है! लाखों की संख्या में लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं! वजन बढ़ने से शरीर में कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं! शरीर में मोटापा बढ़ने की बड़ी वजह है गलत और अनियमित खान-पान, बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और तनाव! ऐसे में आपको वजन कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले अपने डाइट प्लान पर ध्यान देने की जरूरत है! आपको खाने से कार्बोहाइड्रेट और चीनी तुरंत कम कर देनी चाहिए! ज्यादातर लोग खाने में आलू, चावल और रोटी खाना पसंद करते हैं! कुछ लोगों को फास्ट फूड और स्नैक्स खाने की बी आदत होती है, लेकिन वजन बढ़ाने में ये सभी चीजें बहुत तेजी से काम करती हैं! अगर आपको पतला होना है तो अपनी डाइट में लो कैलोरी वाली चीजों को शामिल करें! इसके लिए खाने में हरी सब्जियां और फल खूब खाएं.!
ब्रोकली- अगर आपको वजन कम करना है तो खाने में ब्रोकली जरूर शामिल करें! ब्रोकली खाने में स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर है! ब्रोकली में विटामिन-ए, विटामिन सी, कैल्शियम, पोटैशियम, फोलिक एसिड, फाइबर और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं! रोजाना ब्रोकली खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है! इससे हार्ट भी हेल्दी, आंखें और हड्डियां मजबूत होती हैं!
खाने में हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ाने से आपका वजन तेजी से कम होगा! केल भी ऐसी ही हरी पत्तेदार सब्जी है, जो आपका मोटापा दूर करने में मदद करती है! केल को लीफ कैबेज भी कहते हैं! केल में दूसरी हरी सब्जियों से ज्यादा पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं! इसे खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है! केल से पाचन और हार्ट स्वस्थ रहता है!
तरबूज– फलों में वजन कम करने के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद तरबूज माना जाता है! तरबूज खाने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं! इससे वजन भी आसानी से कंट्रोल हो जाता है! तरबूज में कोलेस्ट्रॉल और कैलोरी बहुत क��� होते हैं! इससे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट, किडनी और आंखे स्वस्थ रहती हैं!
लौकी– वजन कम करने के लिए लौकी भी बहुत पोष्टिक आहार है! लौकी को पचाना काफी आसान है और इससे तेजी से वजन घटाने में मदद मिलती है! अगर आप डायट पर हैं, तो लौकी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें! लौकी में ढेर सारे विटामिन, खनिज और फाइबर पाया जाता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है!
https://kisansatta.com/green-vegetables-and-green-fruits-will-reduce-weight-know-other-benefits/ #GreenVegetable, #Healthtip #GreenVegetable, #healthtip Life #Life KISAN SATTA - सच का संकल्प
कोरोना का संक्रमण होने के बाद पहले हफ्ते में पांच या ज्यादा लक्षण दिखते हैं तो यह इशारा है कि मरीज पर लंबे समय तक कोरोना का असर रह सकता है। यह दावा किंग्स कॉलेज लंदन की रिसर्च में किया गया है। रिसर्च कहती है कि संक्रमण के बाद अगर पहले हफ्ते में थकान, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, आवाज भारी होना, मांसपेशियों और शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं तो लॉन्ग कोविड का खतरा है।
लंबे समय कोविड का साइडइफेक्ट
रिसर्च कहती है, ऐसे मरीज जो कोरोना का संक्रमण होने के 4 से 8 हफ्ते बाद तक रिकवर नहीं कर पाते, उनमें पोस्ट कोविड का खतरा बढ़ता है। पोस्ट कोविड यानी लंबे समय तक कोरोना के साइड इफेक्ट से जूझना। रिकवरी के बाद ऐसे मरीजों में खांसी, सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द और अधिक थकान जैसे लक्षण दिखते हैं।
40 हजार मरीजों पर हुई रिसर्च
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कोरोना के 40 हजार मरीजों पर रिसर्च की। ��समें ब्रिटेन और स्वीडन के मरीज शामिल किए गए। इनमें से 20% ने कहा कि संक्रमण के 1 माह बाद भी पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाए। 190 मरीजों में कोरोना के लक्षण लगातार 8 से 10 हफ्ते तक दिखे। वहीं, 100 मरीजों ने बताया, संक्रमण के 10 हफ्ते बाद तक परेशान हुए। रिसर्च कहती है कि ये मामले लंबे समय तक कोविड के असर की बात साबित करते हैं।
रिकवरी के बाद एक्टिविटी कंट्रोल में रखें
रिसर्चर कहते हैं, कोरोना से उबरने के बाद अगले कुछ हफ्तों तक अपनी एक्टिविटीज को कंट्रोल में रखें। यह थकावट की वजह बनती है और आने वाले समय में इसका बुरा देखने को मिल सकता है। खानपान में हेल्दी फूड लें। योगासन करें। दवाओं को समय पर लेना न भूलें।
64% मरीजों कई महीनों तक असर दिख रहा
कोरोना से रिकवर होने वाले 64% मरीजों में कई महीनों तक वायरस का असर दिख रहा है। इलाज के बाद भी मरीज सांस लेने की दिक्कत, थकान, बेचैनी और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। यह रिसर्च करने वाली ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का कहना है- कोरोना का संक्रमण होने के 2 से 3 महीने बाद ये असर दिखना शुरू हो रहा है। 64% मरीज सांस लेने की तकलीफ से जूझ रहे थे। वहीं, 55% थकान से परेशान थे।
यह आंकड़े ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में जारी किए गए हैं।
क्या है लॉन्ग कोविड, ऐसे समझें
लॉन्ग कोविड की कोई वैज्ञानिक परिभाषा नहीं है। जो मरीज कोविड-19 निगेटिव हो गए, उन्हें महीनों बाद भी कोरोना का असर दिख रहा है और समस्याएं हो रही हैं। कोविड से उबरने के बाद भी लक्षणों का लॉन्ग-टर्म अनुभव ही लॉन्ग कोविड है।
लॉन्ग कोविड से जूझ रहे दो लोगों के लक्षण बिल्कुल अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन, कॉमन लक्षण है थकान। सांस लेने में दिक्कत, खांसी, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों का दर्द, सुनने और देखने की समस्याएं और सिरदर्द।
ऐसे मरीजों में आंतों, किडनी, फेफड़ों और दिल को नुकसान हो सकता है। इनमें रिकवरी के बाद डिप्रेशन, बेचैनी के मामले भी दिख रहे हैं।
लॉन्ग कोविड शब्द का इस्तेमाल पहली बार एलिसा पेरेगो (यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की रिसर्च एसोसिएट) ने मई 2020 में अपने कोविड-19 अनुभवों को शेयर करते हुए किया था। तब से कई मरीज इस तरह के अनुभव सुना चुके हैं।
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Having more than 5 coronavirus symptoms is a sign of long covid ; Latest Updates From British Researchers kings college london
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कोरोना का संक्रमण होने के बाद पहले हफ्ते में पांच या इससे अधिक तरह के लक्षण दिखते हैं तो यह इशारा है कि मरीज में लम्बे समय कोरोना का असर रह सकता है। यह दावा किंग्स कॉलेज लंदन की रिसर्च में किया गया है।
रिसर्च कहती है, संक्रमण के बाद अगर पहले हफ्ते में थकान, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, आवाज भारी होना, मांसपेशियों और शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं तो मरीज लम्बे समय के कोरोना से परेशान रह सकता है। इसे लॉन्ग कोविड भी कहते हैं।
लम्बे समय कोविड का साइडइफेक्ट
रिसर्च कहती है, ऐसे मरीज जो कोरोना का संक्रमण होने के 4 से 8 हफ्ते बाद तक रिकवर नहीं कर पाते उनमें पोस्ट कोविड का खतरा बढ़ता है। पोस्ट कोविड यानी लम्बे समय तक कोरोना के साइडइफेक्ट से जूझना। रिकवरी के बाद ऐसे मरीजों में खांसी, सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द और अधिक थकान जैसे लक्षण दिखते हैं।
40 हजार मरीजों पर हुई रिसर्च
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कोरोना के 40 हजार मरीजों पर रिसर्च की। इसमें ब्रिटेन और स्वीडन के मरीज शामिल किए गए। इनमें से 20 फीसदी ने कहा, संक्रमण के 1 माह बाद भी पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाए। 190 मरीजों में कोरोना के लक्षण लगातार 8 से 10 हफ्ते तक दिखे। वहीं, 100 मरीजों ने बताया, संक्रमण के 10 हफ्ते बाद तक परेशान हुए। रिसर्च कहती है, ये मामले बताते हैं कि लम्बे समय तक कोविड का असर रहता है।
रिकवरी के बाद एक्टिविटी कंट्रोल में रखें
रिसर्चर कहते हैं, कोरोना से उबरने के बाद अगले कुछ हफ्तों तक अपनी एक्टिविटीज को कंट्रोल में रखें। यह थकावट की वजह बनती है और आने वाले समय में इसका बुरा देखने को मिल सकता है। खानपान में हेल्दी फूड लें। योगासन करें। दवाओं को समय पर लेना न भूलें।
64 फीसदी मरीजों कई महीनों तक असर दिख रहा
कोरोना से रिकवर होने वाले 64% मरीजों में कई महीनों तक वायरस का असर दिख रहा है। इलाज के बाद भी मरीज सांस लेने की दिक्कत, थकान, बेचैनी और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। यह रिसर्च करने वाली ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का कहना है- कोरोना का संक्रमण होने के 2 से 3 महीने बाद ये असर दिखना शुरू हो रहा है। रिसर्च के दौरान पाया गया कि 64% मरीज सांस लेने की तकलीफ से जूझ रहे थे। वहीं, 55% थकान से परेशान थे।
यह आंकड़े ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में जारी किए गए हैं।
क्या है लॉन्ग कोविड, ऐसे समझें
लॉन्ग कोविड की कोई वैज्ञानिक परिभाषा नहीं है। जो मरीज कोविड-19 निगेटिव हो गए, उन्हें महीनों बाद भी कोरोना का असर दिख रहा है और समस्याएं हो रही हैं। कोविड-19 से उबरने के बाद भी लक्षणों का लॉन्ग-टर्म अनुभव ही लॉन्ग कोविड है।
लॉन्ग कोविड से जूझ रहे दो लोगों के लक्षण बिल्कुल अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन, कॉमन लक्षण है थकान। सांस लेने में दिक्कत, खांसी, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों का दर्द, सुनने और देखने की समस्याएं और सिरदर्द।
ऐसे मरीजों में आंतों, किडनी, फेफड़ों और दिल को नुकसान हो सकता है। इनमें रिकवरी के बाद डिप्रेशन, बेचैनी के मामले भी दिख रहे हैं।
लॉन्ग कोविड शब्द का इस्तेमाल पहली बार एलिसा पेरेगो (यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की रिसर्च एसोसिएट) ने मई 2020 में अपने कोविड-19 अनुभवों को शेयर करते हुए किया था। तब से कई मरीज इस तरह के अनुभव सुना चुके हैं।
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कोरोना का संक्रमण होने के बाद पहले हफ्ते में पांच या इससे अधिक तरह के लक्षण दिखते हैं तो यह इशारा है कि मरीज में लम्बे समय कोरोना का असर रह सकता है। यह दावा किंग्स कॉलेज लंदन की रिसर्च में किया गया है।
रिसर्च कहती है, संक्रमण के बाद अगर पहले हफ्ते में थकान, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, आवाज भारी होना, मांसपेशियों और शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं तो मरीज लम्बे समय के कोरोना से परेशान रह सकता है। इसे लॉन्ग कोविड भी कहते हैं।
लम्बे समय कोविड का साइडइफेक्ट
रिसर्च कहती है, ऐसे मरीज जो कोरोना का संक्रमण होने के 4 से 8 हफ्ते बाद तक रिकवर नहीं कर पाते उनमें पोस्ट कोविड का खतरा बढ़ता है। पोस्ट कोविड यानी लम्बे समय तक कोरोना के साइडइफेक्ट से जूझना। रिकवरी के बाद ऐसे मरीजों में खांसी, सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द और अधिक थकान जैसे लक्षण दिखते हैं।
40 हजार मरीजों पर हुई रिसर्च
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कोरोना के 40 हजार मरीजों पर रिसर्च की। इसमें ब्रिटेन और स्वीडन के मरीज शामिल किए गए। इनमें से 20 फीसदी ने कहा, संक्रमण के 1 माह बाद भी पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाए। 190 मरीजों में कोरोना के लक्षण लगातार 8 से 10 हफ्ते तक दिखे। वहीं, 100 मरीजों ने बताया, संक्रमण के 10 हफ्ते बाद तक परेशान हुए। रिसर्च कहती है, ये मामले बताते हैं कि लम्बे समय तक कोविड का असर रहता है।
रिकवरी के बाद एक्टिविटी कंट्रोल में रखें
रिसर्चर कहते हैं, कोरोना से उबरने के बाद ���गले कुछ हफ्तों तक अपनी एक्टिविटीज को कंट्रोल में रखें। यह थकावट की वजह बनती है और आने वाले समय में इसका बुरा देखने को मिल सकता है। खानपान में हेल्दी फूड लें। योगासन करें। दवाओं को समय पर लेना न भूलें।
64 फीसदी मरीजों कई महीनों तक असर दिख रहा
कोरोना से रिकवर होने वाले 64% मरीजों में कई महीनों तक वायरस का असर दिख रहा है। इलाज के बाद भी मरीज सांस लेने की दिक्कत, थकान, बेचैनी और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। यह रिसर्च करने वाली ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का कहना है- कोरोना का संक्रमण होने के 2 से 3 महीने बाद ये असर दिखना शुरू हो रहा है। रिसर्च के दौरान पाया गया कि 64% मरीज सांस लेने की तकलीफ से जूझ रहे थे। वहीं, 55% थकान से परेशान थे।
यह आंकड़े ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में जारी किए गए हैं।
क्या है लॉन्ग कोविड, ऐसे समझें
लॉन्ग कोविड की कोई वैज्ञानिक परिभाषा नहीं है। जो मरीज कोविड-19 निगेटिव हो गए, उन्हें महीनों बाद भी कोरोना का असर दिख रहा है और समस्याएं हो रही हैं। कोविड-19 से उबरने के बाद भी लक्षणों का लॉन्ग-टर्म अनुभव ही लॉन्ग कोविड है।
लॉन्ग कोविड से जूझ रहे दो लोगों के लक्षण बिल्कुल अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन, कॉमन लक्षण है थकान। सांस लेने में दिक्कत, खांसी, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों का दर्द, सुनने और देखने की समस्याएं और सिरदर्द।
ऐसे मरीजों में आंतों, किडनी, फेफड़ों और दिल को नुकसान हो सकता है। इनमें रिकवरी के बाद डिप्रेशन, बेचैनी के मामले भी दिख रहे हैं।
लॉन्ग कोविड शब्द का इस्तेमाल पहली बार एलिसा पेरेगो (यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की रिसर्च एसोसिएट) ने मई 2020 में अपने कोविड-19 अनुभवों को शेयर करते हुए किया था। तब से कई मरीज इस तरह के अनुभव सुना चुके हैं।
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Food for kidney: किडनी को साफ करके स्वस्थ रखते हैं ये 5 फूड, डाइट में शामिल करने से मिलेगा फायदा
Food for kidney: किडनी को साफ करके स्वस्थ रखते हैं ये 5 फूड, डाइट में शामिल करने से मिलेगा फायदा
Food for kidney: एक स्वस्थ शरीर में किडनी अहम रोल निभाती है. यह एक अहम अंग है, जो हमारी बॉडी को हेल्दी रखती है. इसका मुख्य कार्य ब्लड से अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त तरल पदार्थ को छानकर ब्लड को साफ करना और अपशिष्ट पदार्थों को मूत्र के रास्ते बहार निकालना है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि स्वस्थ किडनी (healthy kidney) ही स्वस्थ शरीर के निर्माण में योगदान देती है. इसलिए किडनी की सेहत का ख्याल रखने के…
डॉ. सुधींद्र श्रृंगी
कोटा। हाई ब्लड प्रेशर जिसे हाइपरटेंशन भी कहते हैं की समस्या आजकल काफी आम हो गई है। इस समस्या के होने पर धमनियों में खून का प्रेशर बढ़ जाता है। अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी फेल होने का खतरा भी रहता है। अगर आपका ब्लड प्रेशर लगातार 120/80 mmHg से ज्यादा रहता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। हाई बीपी में डॉक्टरी इलाज तो जरूरी है ही साथ ही लाइफस्टाइल और खान-पान में भी बदलाव करने की जरूरत होती है।
जंक फूड, ऐल्कॉहॉल, स्मोकिंग जैसी चीजों से दूर रहकर आप हाई बीपी के रिस्क को कम कर सकते हैं। लेकिन एक ऐसा सुपरफूड भी है जिसके सेवन से आपका हाई ब्लड प्रेशर हमेशा कंट्रोल में रह सकता है और वह है- अलसी। अलसी जिसे फ्लैक्स सीड्स या तीसी भी कहते हैं का इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है और यह सेहत के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है। अलसी देखने में भले ही छोटी हो, लेकिन अपने औषधीय गुणों के कारण इसके फायदे इतने सारे हैं कि अलसी को कई बीमारियों में रामबाण तक माना जाता है।
बीपी को कंट्रोल करने में मददगार अलसी
अलसी के साथ एक बेहद अहम बात ये है कि जब तक आप इसे चबाकर न खाएं, इसका पूरा फायदा आपको नहीं मिलेगा। यही वजह है कि ज्यादातर लोग इसे भिगोकर खाना पसंद करते हैं। आप चाहें तो इसे पीसकर इसका पाउडर बनाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं। सिर्फ एक चम्मच अलसी आपके ब्लड प्रेशर लेवल को कंट्रोल में रख कर आपके हार्ट को हेल्दी रख सकती है।
6 महीने तक हर दिन करें अलसी का सेवन
साल 2016 में कनाडा में हुई एक स्टडी में यह बात सामने आयी कि करीब 30 ग्राम अलसी को 6 महीने तक हर दिन खाने से डायस्टोलिक (diastolic) ब्लड प्रेशर 7mmhg और सिस्टॉलिक (systolic) ब्लड प्रेशर 10mmhg तक कम हो जाता है। हर दिन अलसी का 6 महीने तक सेवन करने से आपका ब्लड प्रेशर 2mmhg तक कम हो जाता है और इतना ब्लड प्रेशर कम होने से स्ट्रोक से मौत का खतरा 10 प्रतिशत और हार्ट डिजीज से मौत का खतरा 7 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
पोटैशियम से भरपूर अलसी
जब बात हाई बीपी को कम करने की आती है तो हमें पोटैशियम से भरपूर चीजें खानी चाहिए क्योंकि पोटैशियम यूरिन के रास्ते शरीर में मौजूद अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालने में किडनी की मदद करता है। इसकी वजह से ब्लड प्रेशर नॉर्मल हो जाता है। लिहाजा पोटैशियम, बीपी को कंटोल करने में मददगार है और अलसी में पोटैशियम भरपूर मात्रा में होता है। 100 ग्राम अलसी में 813 मिलिग्राम पोटैशियम होता है। इसलिए डेली डायट में अलसी को शामिल करना बेहद जरूरी है।
ओमेगा 3 फैटी ऐसिड भी है अलसी में
अलसी यानी फ्लैक्स सीड्स में ओमेगा-3 फैटी ऐसिड और फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है और यह फिर से आपके ब्लड प्रेशर को कम करने और हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करता है। दरअसल, खून की धमनियों की दीवारों पर मौजूद कोशिकाओं को सुरक्षित में मदद करता है फाइबर जिससे ब्लज प्रेशर का लेवल भी कंट्रोल में रहता है।
अलसी में कई और न्यूट्रिएंट्स भी
अलसी में अल्फा-लिनोलेनिक ऐसिड और लिगनान भी होता है जो हाई बीपी को कंट्रोल में रखने में मदद करता है। ये लिगनेन पाचन तंत्र को बेहतर बनाने, डायबीटीज के रिस्क को कम करने और बैड कलेस्ट्रॉल के लेवल को भी सुधारने में मदद करता है।
अगर आप वजन घटाने का प्लान कर रहे हैं तो अपने आहार में ठंडा दूध शामिल करें.
इसमें कैल्शियम के साथ विटामिन डी भी होता है जो हेल्थ को अच्छा और स्वस्थ रखता है. दूध एक हेल्दी फूड में आता है. ये कैलोरीज को बर्न कर वजन को नियंत्रण में रखता है. इसके अलावा ये शरीर में हेल्दी फैट्स बनाते हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखता है.
कई लोगों के दिन की शुरुआत दूध से होती है. किसी दिन अगर वे अपने नाश्ते में दूध नहीं पीते हैं तो उनका दिन अधूरा-सा निकालता है. दूध के कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे होते हैं. ये हमारे शरीर को प्रचूर मात्रा में पोषक तत्व देता है और गर्मियों में तो ये हमारे शरीर के लिए बेस्ट होता है.
इसमें कैल्शियम के साथ विटामिन डी भी होता है जो हेल्थ को अच्छा और स्वस्थ रखता है. दूध एक हेल्दी फूड में आता है. ये कैलोरीज को बर्न कर वजन को नियंत्रण में रखता है. इसके अलावा ये शरीर में हेल्दी फैट्स बनाते हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखता है.
दूध का रोज सेवन आपकी स्किन को भी अच्छा करने में मदद करता है. सिर्फ यही नहीं ये पेट में हो रही एसिडिटी को कम करने में भी मदद करता है. अगर आपको बेचैनी महसूस हो रही है तब भी आप ठंडे दूध को सेवन कर सकते हैं.
दूध, शरीर को भरपूर मात्रा में हाइड्रेट रखता है. क्योंकि दूध में पोटैशियम और सोडियम पाया जाता है जो कि किडनी के लिए एक बहुत ही अच्छा विकल्प होता है.
कभी-भी आपको बेवक्त भूख लगे तो ठंडा दूध पीएं. आप इसमें हल्की-सी कॉफी भी डाल सकते हैं. इससे आपको इसमें फ्लेवर तो मिलेगा ही साथ ही ये लंबे समय के लिए आपको भरा पेट रखेगा.
गर्मियों में हम कई बार कच्चे दूध से अपनी स्किन को साफ करते हैं. कच्चा दूध हमारी स्किन को हेल्दी रख उस पर ग्लो लाने में मदद करता है. ये चेहरे से काले धब्बे भी साफ करने में मदद करता है.
तो ठंडा दूध आपकी बॉडी से सिर्फ फैट ही नहीं बल्कि कई तरह से फायदे दे सकता है.
कोरोना का संक्रमण होने के बाद पहले हफ्ते में पांच या इससे अधिक तरह के लक्षण दिखते हैं तो यह इशारा है कि मरीज में लम्बे समय कोरोना का असर रह सकता है। यह दावा किंग्स कॉलेज लंदन की रिसर्च में किया गया है।
रिसर्च कहती है, संक्रमण के बाद अगर पहले हफ्ते में थकान, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, आवाज भारी होना, मांसपेशियों और शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं तो मरीज लम्बे समय के कोरोना से परेशान रह सकता है। इसे लॉन्ग कोविड भी कहते हैं।
लम्बे समय कोविड का साइडइफेक्ट
रिसर्च कहती है, ऐसे मरीज जो कोरोना का संक्रमण होने के 4 से 8 हफ्ते बाद तक रिकवर नहीं कर पाते उनमें पोस्ट कोविड का खतरा बढ़ता है। पोस्ट कोविड यानी लम्बे समय तक कोरोना के साइडइफेक्ट से जूझना। रिकवरी के बाद ऐसे मरीजों में खांसी, सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द और अधिक थकान जैसे लक्षण दिखते हैं।
40 हजार मरीजों पर हुई रिसर्च
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कोरोना के 40 हजार मरीजों पर रिसर्च की। इसमें ब्रिटेन और स्वीडन के मरीज शामिल किए गए। इनमें से 20 फीसदी ने कहा, संक्रमण के 1 माह बाद भी पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाए। 190 मरीजों में कोरोना के लक्षण लगातार 8 से 10 हफ्ते तक दिखे। वहीं, 100 मरीजों ने बताया, संक्रमण के 10 हफ्ते बाद तक परेशान हुए। रिसर्च कहती है, ये मामले बताते हैं कि लम्बे समय तक कोविड का असर रहता है।
रिकवरी के बाद एक्टिविटी कंट्रोल में रखें
रिसर्चर कहते हैं, कोरोना से उबरने के बाद अगले कुछ हफ्तों तक अपनी एक्टिविटीज को कंट्रोल में रखें। यह थकावट की वजह बनती है और आने वाले समय में इसका बुरा देखने को मिल सकता है। खानपान में हेल्दी फूड लें। योगासन करें। दवाओं को समय पर लेना न भूलें।
64 फीसदी मरीजों कई महीनों तक असर दिख रहा
कोरोना से रिकवर होने वाले 64% मरीजों में कई महीनों तक वायरस का असर दिख रहा है। इलाज के बाद भी मरीज सांस लेने की दिक्कत, थकान, बेचैनी और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। यह रिसर्च करने वाली ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का कहना है- कोरोना का संक्रमण होने के 2 से 3 महीने बाद ये असर दिखना शुरू हो रहा है। रिसर्च के दौरान पाया गया कि 64% मरीज सांस लेने की तकलीफ से जूझ रहे थे। वहीं, 55% थकान से परेशान थे।
यह आंकड़े ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में जारी किए गए हैं।
क्या है लॉन्ग कोविड, ऐसे समझें
लॉन्ग कोविड की कोई वैज्ञानिक परिभाषा नहीं है। जो मरीज कोविड-19 निगेटिव हो गए, उन्हें महीनों बाद भी कोरोना का असर दिख रहा है और समस्याएं हो रही हैं। कोविड-19 से उबरने के बाद भी लक्षणों का लॉन्ग-टर्म अनुभव ही लॉन्ग कोविड है।
लॉन्ग कोविड से जूझ रहे दो लोगों के लक्षण बिल्कुल अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन, कॉमन लक्षण है थकान। सांस लेने में दिक्कत, खांसी, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों का दर्द, सुनने और देखने की समस्याएं और सिरदर्द।
ऐसे मरीजों में आंतों, किडनी, फेफड़ों और दिल को नुकसान हो सकता है। इनमें रिकवरी के बाद डिप्रेशन, बेचैनी के मामले भी दिख रहे हैं।
लॉन्ग कोविड शब्द का इस्तेमाल पहली बार एलिसा पेरेगो (यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की रिसर्च एसोसिएट) ने मई 2020 में अपने कोविड-19 अनुभवों को शेयर करते हुए किया था। तब से कई मरीज इस तरह के अनुभव सुना चुके हैं।
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Having more than 5 coronavirus symptoms is a sign of long covid ; Latest Updates From British Researchers kings college london