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#किडनी को हेल्दी कैसे रखें
ragbuveer · 14 days
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*🚩🏵️ॐगं गणपतये नमः 🏵️🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे-राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (षष्ठी, सप्तमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#हम_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
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※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक:-30-अप्रैल-2024
वार :-------मंगलवार
तिथि :---06षष्ठी:-07:05/07 सप्तमी:-29:46
माह:-----वैशाख
पक्ष:------कृष्णपक्ष
नक्षत्र:---उत्तराषाढा:-28:09
योग:-----साध्य:-22:23
करण:----वणिज:-07:05
चन्द्रमा:---धनु10:36/मकर
सूर्योदय:---06:05
सूर्यास्त:----19:05
दिशा शूल-----उत्तर
निवारण उपाय:-----गुड का सेवन
ऋतु:--------ग्रीष्म ऋतु
गुंलिक काल:---12:35से 14:21
राहू काल:---15:50से17:27
अभीजित---11:58से12:50
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:----कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-09:21से10:58तक
लाभ:-10:58से12:35तक
अमृत:-12:35से14:12तक
शुभ:-15:50से17:27तक
🌗चोघङिया रात🌓
लाभ:-20:27से21:49तक
शुभ:-23:12से00:35तक
अमृत:-00:35से01:58तक
चंचल:-01:58से03:20तक
🌸आज के विशेष योग🌸
वर्ष का22वाँ दिन, भद्रा 07:05 से 18:29 तक, रवियोग समाप्त 28:09, वज्रमुस्लयोग सूर्योदय से 28:09, अगस्त्य अस्त, गुरु अर्जुन देव जयंती,(प्राचीन मत),
🌺 👉वास्तु टिप्स 👈🌺
महिलाएं रात को बाल ना बनाएं।
*सुविचार*
प्रभु के प्रत्येक विधान में प्रसन्न रहना चाहिये।👍🏻 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
*किडनी को कैसे रखें हेल्दी -*
1. उच्च रक्तचाप और डायबिटीज सहित रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले रोग किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए उच्च रक्तचाप और डायबिटीज को नियंत्रित करें।
2. क्या आप धूम्रपान करते हैं तो इसे छोड़ देने में ही भलाई है। धूम्रपान किडनी के अलावा किडनी को क्षति पहुंचाने वाली डायबिटीज और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की स्थिति को ज्यादा खराब कर देता है।
3. ज्यादा पैसे कमाने और चीजों के पीछे भागने की वजह से आप अपने शरीर को बहुत ही कम समय दे रहे हैं। इसके लिए आप शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं आमतौर पर धीरे-धीरे किडनी क्षतिग्रस्त होती जाती है, ऐसे में नियमित शारीरिक सक्रियता से किडनी की बीमारी रोकने में मदद मिलती है।
4. किडनी को यदि हेल्दी रखना है तो आप अपने खान-पान में सुधार करें। नमक का सेवन कम करें तथ प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं, क्योंकि इसमें सोडियम होता है जो उच्च रक्तचाप पैदा कर सकता है। इसके अलावा फलों और सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें तथा रोजाना 3 लिटर पानी पीजिए।
5. दवाईयों पर निर्भरता कम करें, क्योंकि दवाईयां आपकी किडनी को खराब कर सकती है।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। कामकाज में वृद्धि के योग हैं। घर-बाहर सभी तरफ प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
कार्यस्थल पर परिवर्तन व सुधार हो सकता है। योजना फलीभूत होगी। मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नए कार्य मिलेंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
सत्संग का लाभ प्राप्त हो सकता है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति लाभदायक रहेगी। घर-बाहर सभी तरफ सफलता प्राप्त होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। बाहर जाने का कार्यक्रम बन सकता है। धन प्राप्ति सुगमता से होगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि हो सकती है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में वृद्धि हो सकती है, प्रयास करते रहें। कारोबार में अधिक ध्यान दें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। पारिवारिक चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी।
👩🏻‍🦱 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
स्थायी संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। विरोध होगा। व्यस्तता के चलते थकान रह सकती है। प्रमाद न करें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
रचनात्मक कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। संगीत इत्यादि में रुचि रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। किसी पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। पठन-पाठन व लेखन इत्यादि के कार्य सफल रहेंगे। भावना में बहकर निर्णय न लें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
कोई बुरी सूचना मिल सकती है। नकारात्मकता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। सावधान रहें। लेन-देन में सावधानी आवश्यक है। दूसरों के बहकावे में न आएं। सोच-समझकर निर्णय लें। व्यापार से लाभ होगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
पहले की गई मेहनत का फल प्राप्त होगा। रुके कार्य पूरे होंगे। लाभ में वृद्धि होगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। प्रसन्नता बनी रहेगी। असहाय लोगों की मदद करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। सभी तरफ से सफलता मिलेगी। जल्दबाजी न करें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
आत्मसम्मान बना रहेगा। भूले-बिसरे साथियों स�� मुलाकात होगी। पारिवारिक आवश्यकताओं पर व्यय होगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। उत्साह बना रहेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा। जल्दबाजी न करें।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
फालतू खर्च अधिक हो सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। पुराना रोग उभर सकता है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। जल्दबाजी न करें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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किडनी का ख्याल कैसे रखें?
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किडनी हमारे शरीर के सबसे ज्यादा हेल्दी अंगों में से एक है और इसका नियमित रूप से ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। जब भी हम बीमार पड़ते हैं, तो उसके लिए डॉक्टर हमें दवाएं देते हैं। हमारे द्वारा खाई जाने वाली ये दवाएं हमारे शरीर की बीमारी को ठीक करने में तो मदद करती हैं, लेकिन इन दवाओं को फिल्टर हमारी किडनी को करना पड़ता है। खासतौर पर जिन लोगों को पहले से किडनी से जुड़ी कोई पुरानी बीमारी है, तो उनके लिए किसी भी बीमारी से जुड़ी दवाएं लेना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। दवाओं का असर हमारी किडनी पर जरूर पड़ता है, चाहे वे दवाएं किडनी की किसी बीमारी का इलाज करने के लिए ही क्यों न तैयार की गई हों। ऐसे में कई आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि क्रोनिक किडनी रोग में कुछ विशेष प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करना उपयुक्त हो सकता है, लेकिन सभी ऐसी दवाएं सुरक्षित नहीं होतीं। कुछ आयुर्वेदिक उत्पाद किडनी के लिए सुरक्षित माने जाते हैं।
जिन लोगों को पहले से किडनी संबंधी बीमारी है, उनके लिए दवाओं का चयन करना कठिन होता है। इस समस्या में कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ उपयोगी हो सकती हैं।
1. पुनर्नवा (Punarnava for kidney)
पुनर्नवा एक प्राचीन और प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो किडनी के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसका नियमित सेवन किडनी की सुरक्षा में मदद करता है और किडनी संबंधी बीमारियों को नियंत्रित करने में सहायक होता है। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी और डायुरेटिक गुणों से भरपूर है, जो संवेदनशीलता को कम करने और बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसे आयुर्वेद और एलोपैथी दोनों में उपयोगी माना गया है।
2. गोक्षुरा (Gokhru for kidney)
आयुर्वेद में, गुर्दे संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए गोखरू का प्रयोग प्रचलित है। गोखरू चूर्ण के सेवन से किडनी के मरीजों को लाभ होता है। कुछ अध्ययनों में इसमें यूरिक एसिड, क्रिएटिनिन, और किडनी स्टोन को कम करने के गुण पाए गए हैं, जो क्रोनिक किडनी रोग के खतरे को कम कर सकते हैं। गोखरू का नियमित सेवन किडनी की सेहत को बनाए रखने में मदद कर सकता है, इसलिए यह किडनी संबंधी समस्याओं के लिए एक उपयुक्त आयुर्वेदिक औषधि मानी जाती है।
3. वरुणा (Varuna for kidney)
आयुर्वेद में, किडनी रोगी को उनकी सेहत को बनाए रखने के लिए वरुणा से बनी दवाएं प्रदान की जाती हैं। वरुणा का पाउडर क्रोनिक किडनी रोग के रोगियों को लाभ पहुंचा सकता है, जिससे उनके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ अध्ययनों में यह सिद्ध हुआ है कि वरुणा किडनी स्टोन को नष्ट करने में और उसके पुनर्जनन के खतरे को कम करने में सहायक हो सकता है। इसलिए, वरुणा को किडनी संबंधी समस्याओं के उपचार में एक महत्वपूर्ण और प्रभावी आयुर्वेदिक दवा माना जाता है।
4. गिलोय बेल (Giloy bel for kidney)
भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में, गिलोय एक प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो व्यापक रूप से प्रयोग की जाती है। इसे बुखार, गठिया, डेंगू जैसी बीमारियों के उपचार में प्रभावी माना जाता है। इसके अलावा, गिलोय का उपयोग किडनी संबंधी समस्याओं और क्रोनिक रोगों के इलाज में भी किया जाता है। इसकी प्राकृतिक गुणधर्मों के कारण, गिलोय को आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण और प्रभावी औषधि माना जाता है जो विभिन्न रोगों के उपचार में सहायक होती है।
5. चंदन (Sandalwood for kidney)
आयुर्वेद में, चंदन का उपयोग स्किन संबंधी समस्याओं के इलाज में किया जाता है, लेकिन यह आपको शायद ही पता हो कि चंदन का उपयोग किडनी संबंधी बीमारियों के लिए भी फायदेमंद होता है। चंदन डायुरेटिक गुणों के साथ काम करता है और किडनी से संबंधित रोगों को ठीक करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, चंदन के शांतिदायक गुण भी होते हैं जो किडनी के संक्रमण को दूर करने में सहायक होते हैं। इसलिए, चंदन को किडनी संबंधी बीमारियों के इलाज में एक प्रमुख आयुर्वेदिक उपाय माना जाता है।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने किडनी को स्वस्थ रखने से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों की चर्चा की है। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपको गाइड करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इस लेख से संबंधित सवालों और सुझावों को कॉमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे शेयर कर सकते हैं। 
विशेष- इस लेख में दी गई सभी जानकारियाँ शोध के आधार पर हैं। किसी भी व्यक्ति को जो किडनी संबंधी समस्या हो या उसका इलाज चल रहा हो, उन्हें किसी भी विषय पर डॉक्टर से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है। साथ ही, यदि किसी को एलर्जी हो, तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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doonitedin · 2 years
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Yoga for Kidney Health: लेटे-लेटे करें ये 2 योगासन, जिंदगी में कभी खराब नहीं होगी किडनी, Diabetes में रोजाना करें
Yoga for Kidney Health: लेटे-लेटे करें ये 2 योगासन, जिंदगी में कभी खराब नहीं होगी किडनी, Diabetes में रोजाना करें
किडनी की बीमारी के कारण हर साल लाखों लोगों की जान चली जाती है. क्योंकि, किडनी एक महत्वपूर्ण अंग है, जो खून साफ करने और शरीर से जहरीले पदार्थ निकालने का काम करती है. डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के कारण किडनी की बीमारी का खतरा बन जाता है. लेकिन योगा की मदद से हमेशा किडनी को हेल्दी रखा जा सकता है. कमाल की बात ये है कि ये योगासन आपको लेटकर करने हैं. आइए किडनी के लिए फायदेमंद योगासनों के बारे में…
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kisansatta · 3 years
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माइग्रेन की समस्या से हैं परेशान, स्वामी रामदेव से जानें कैसे पाएं सिरदर्द से छुटकारा
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कोरोना वायरस आपके मसल्स को डैमेज कर देता है। जिससे हमें मसल्स दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसी कारण सिरदर्द, सर्वाइकल का दर्द जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। माइग्रेन को ट्रिगर करने वाली वजह जितनी कॉमन है। दर्द उतना ही खतरनाक है। दुनिया के हर 7वें शख्स को माइग्रेन है और कई बार तो ये दर्द 1 घंटे से लेकर 1 हफ्ते तक बना रहता है और मरीज़ को bedridden कर देता है। लेकिन आपको बता दें कि रोजाना 40 मिनट पसीना बहाकर आप माइग्रेन के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं
शोधों के अनुसार एक्सराइज़ या योग से endorphin हॉर्मोन रिलीज होता है जो बॉडी के लिए नेचुरल पेनकिलर तो है ही। इसके साथ ही स्ट्रेस को कम करता है और अच्छी नींद आती है। जानिए स्वामी रामदेव से कैसे आयुर्वेदिक के द्वारा इस समस्या से पाएं छुटकारा।
कोरोना रिकवरी के बाद सिरदर्द की समस्या, स्वामी रामदेव से जानें इंफेक्शन के बीच कैसे मिटेगी माइग्रेन की समस्या
गर्म पानी में दिव्य पेय या बाम डालकर स्टीम लें। इससे नाक, कान, गला आदि खुल जाता है। साथ ही सिरदर्द की समस्या से निजात मिलेगा।
बादाम और अखरोट को  रात को भिगो दें औप सुबह पीसकर दूध या पानी के साथ खा लें।
गाय के घी की जलेबी और इमरती खाना चाहिए। इससे सिरदर्द में लाभ मिलता है।
बादाम रोगन नाक में डालने से लाभ मिलेगा।
कफ के कारण सिरदर्द की समस्या है तो सरसों का तेल, अणु तेल नाक में डाले।
वात के कारण सिरदर्द की समस्या है तो नाक में बादाम का तेल डाले।
स्वामी रामदेव से जानिए लंग्स, हार्ट और किडनी को कैसे रखें हेल्दी
पित्त के कारण अगर सिरदर्द की समस्या है तो जलनेति करे। इसके लिए आप पानी या दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सिर-पेट पर मिट्टी की पट्टी फायदेमंद
मेधावटी सुबह-शाम लें
मेधा क्वाथ का काढ़ा पिएं
गौधंती 10 ग्राम, मोती पिष्टी 2-3 ग्राम और प्रवाल पिष्टी 10 ग्राम लेकर मिक्स कर लें। इसके बाद इसे 1-2 ग्राम शहद के साथ खा लें।
उत्सखरदूस,  गजवान, 1 चम्मच सौंफ को मिट्टी के घड़े में पानी के साथ रातभर के लिए भिगो दें। सुबह इसे छानकर बस पी लें। इससे आपको दिन में ही माइग्रेन की समस्या से निजात मिल जाएगी।
https://kisansatta.com/troubled-by-migraine-problem-learn-how-to-get-rid-of-headache-with-swami-ramdev/ #LearnHowToGetRidOfHeadacheWithSwamiRamdev, #TroubledByMigraineProblem learn how to get rid of headache with Swami Ramdev, Troubled by migraine problem Life, Trending #Life, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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shaileshg · 4 years
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कोरोनाकाल में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले 20 फीसदी तक बढ़े हैं। ज्यादातर मरीज हृदय रोगों से जुड़े लक्षण दिखने के बावजूद उसे नजरअंदाज कर रहे हैं। कोरोना के डर से हॉस्पिटल जाने से बच रहे हैं। नतीजा, सर्जरी की नौबत आ रही है। हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोनाकाल में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो हार्ट के ऑपरेशन्स टाले जा सकते हैं।
आज वर्ल्ड हार्ट डे, इस साल की थीम है- यूज हार्ट टू बीट कार्डियो वेस्��ुलर डिसीज। इस मौके पर इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियो-थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुकेश गोयल और नानावटी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुशांत पाटिल बता रहे हैं कोरोनाकाल में हार्ट को कैसे हेल्दी रखें...
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72 साल की महिला के मामले से समझें क्यों अलर्ट रहना जरूरी इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियो-थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुकेश गोयल कहते हैं, कोरोनाकाल में इमरजेंसी यूनिट में हार्ट अटैक के मामले कम आ रहे हैं। कोरोना के कारण मरीज अस्पताल आने से डर रहे हैं। इसलिए घर पर कार्डियक अरेस्ट के कारण होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। अगर हृदय रोगों से जुड़े लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टरी सलाह लेने में देरी न करें। एक ऐसा ही मामला हमारे पास आया, इससे खतरे को समझा जा सकता है।
हाल ही में फरीदाबाद की 72 साल की महिला हार्टअटैक के बाद अस्पताल पहुंची। वह पिछले 12 घंटे से सीने में जलन को अनदेखा कर रही थी। कोरोना के डर के कारण वह अस्पताल आने से बचती रही। कुछ घंटों बाद स्थानीय डॉक्टर ने उन्हें अपोलो हॉस्पिटल रेफर किया।
हॉस्पिटल में जांच हुई। रिपोर्ट में सामने आया कि हार्ट अटैक के कारण दोनों हार्ट चैम्बर को अलग करने वाली दीवार फट गई थी। इसका असर फेफड़ों पर भी पड़ा और यूरिन आउटपुट होने के कारण किडनी भी फेल हुई। तीन दिन तक कार्डियक सपोर्ट पर रखने के बाद 5 घंटे तक उसकी बायपास सर्जरी हुई।
डॉ. मुकेश के मुताबिक, अगर परेशानी की शुरुआत होते ही उन्हें हॉस्पिटल लाया जाता है तो सर्जरी तक नौबत नहीं पहुंचती। ऐसे मामलों में हालत अगर अधिक बिगड़ने के बाद हॉस्पिटल लाया जाता है तो मरीज़ को आर्टिफिशियल हार्ट इम्प्लान्ट भी कराना पड़ सकता है।
सर्जरी से बचने के लिए हृदय रोगी ये ध्यान रखें
सर्जरी से बचने के लिए सबसे जरूरी है, हृदय रोगी अपनी दवाएं और ट्रीटमेंट न बंद करें। घर में रहते हुए ही खुद को फिजिकली एक्टिव रखें। भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। बाहर निकलने पर मास्क जरूर लगाएं। घर में कोई बाहरी शख्स आता है तो सीधे उसके सम्पर्क में न आएं।
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3 रिसर्च बताती हैं कि कोरोना के निशाने पर हार्ट भी है हृदय रोगी पहले से कोरोना के रिस्क जोन में हैं लेकिन रिकवरी के बाद भी इसका असर हार्ट पर बरकरार रहता है। ऐसे समझें...
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट कहती है, कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों के हार्ट पर गहरा असर पड़ा है। संक्रमण के इलाज के बाद इनमें सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द जैसे लक्षण दिख रहे हैं। हार्ट के काम करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। जो लम्बे समय तक दिखेगा।
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वाले 100 में से 78 मरीजों के हार्ट डैमेज हुए और दिल में सूजन दिखी। रिसर्च कहती है, जितना ज्यादा संक्रमण बढ़ेगा भविष्य में उतने ज्यादा बुरे साइड-इफेक्ट का खतरा बढ़ेगा।
ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वाला हर 7 में से 1 इंसान हार्ट डैमेज से जूझ रहा है। यह सीधेतौर पर उनकी फिटनेस पर असर डाल रहा है।
हार्ट को हेल्दी कैसे रखें, 5 बातों से समझें
खानपान : मोटा अनाज और कम मीठे फल लें गेहूं की रोटी की जगह बाजरा, ज्वार या रागी अथवा इनका आटा मिलाकर बनाई रोटी खाएं। आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाएं। इनके बजाय पपीता, कीवी, संतरा जैसे कम मीठे फल खाएं। तली और मीठी चीजें जितना कम कर दें, उतना बेहतर है। जितनी भूख से उससे 20 फीसदी कम खाएं और हर 15 दिन में वजन चेक करते रहें।
वर्कआउट : 45 मिनट की एक्सरसाइज या वॉक जरूरी सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक कसरत करें। वॉकिंग भी करते हैं तो असर दिखता है। दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह मोटापा है। वजन जितना बढ़ेगा और हृदय रोगों का खतरा उतना ज्यादा रहेगा। फिटनेस को इस स्तर पर लाने का प्रयास करें कि सीधे खड़े होने पर जब आप नीचे नजरें करें तो बेल्ट का बक्कल दिखे। अगर एक से डेढ़ किलोमीटर जाना है तो पैदल जाएं।
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लाइफस्टाइल : जल्दी सोने-जल्दी उठने का रुटीन बनाएं, 7 घंटे की नींद जरूरी रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें। जल्दी सोने और जल्द उठने का रूटीन बनाएं। रात 10 से सुबह 6 बजे तक सोने का आदर्श समय ��ै। इससे शरीर नाइट साइकिल में बेहतर आराम कर सकेगा। तनाव लेने से बचें, इसका सीधा असर मस्तिष्क और हृदय पर होता है।
धूम्रपान-अल्कोहल : इससे जितना दूर रहेंगे, हार्ट उतना हेल्दी रहेगा धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें। लगातार धूम्रपान करने से उसका धुआं धमनियों की लाइनिंग को कमजोर करता है। इससे धमनियों में वसा के जमा होने की आशंका और भी बढ़ जाती है। इसी तरह अल्कोहल से दूरी बना लेते हैं तो हार्ट हेल्दी रहेगा।
सोशल मीडिया : हार्ट को हेल्दी रखने के लिए अफवाहों से बचना भी जरूरी
डॉ. सुशांत पाटिल कहते हैं, सोशल मीडिया और वॉट्सऐप पर आए मैसेज में कई तरह के दावे किए जाते हैं जो आपकी सेहत को बिगाड़ सकते हैं। हार्ट को लेकर भी कई अफवाह वायरल होती हैं। जैसे- दिन की शुरुआत 4 गिलास पानी से करते हैं तो हृदय रोगों का खतरा नहीं होता। ऐसे मैसेजेस से बचें और कोई भी जानकारी लेने के लिए डॉक्टर पर ही भरोसा करें, वरना ये हालत को सुधारने की बजाय और बिगाड़ सकते हैं।
दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हृदय रोगों से
दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतें हृदय रोगों से होती हैं। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक, दुनियाभर में हर 3 में से 1 मौत हृदय रोग से हो रही है। इसके 80 फीसदी मामले मध्य आय वर्ग वाले देशों में सामने आते हैं।
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World Heart Day 2020: How to Minimize Operational Risk? All You Need To Know From Heart Expert
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ivxtimes · 4 years
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कोरोनाकाल में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले 20 फीसदी तक बढ़े हैं। ज्यादातर मरीज हृदय रोगों से जुड़े लक्षण दिखने के बावजूद उसे नजरअंदाज कर रहे हैं। कोरोना के डर से हॉस्पिटल जाने से बच रहे हैं। नतीजा, सर्जरी की नौबत आ रही है। हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोनाकाल में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो हार्ट के ऑपरेशन्स टाले जा सकते हैं।
आज वर्ल्ड हार्ट डे, इस साल की थीम है ''यूज हार्ट टू बीट कार्डियो वेस्कुलर डिसीज''। इस मौके पर इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियो-थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुकेश गोयल और नानावटी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुशांत पाटिल बता रहे हैं कोरोनाकाल में हार्ट को कैसे हेल्दी रखें...
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72 साल की महिला के मामले से समझें क्यों अलर्ट रहना जरूरी इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियो-थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुकेश गोयल कहते हैं, कोरोनाकाल में इमरजेंसी यूनिट में हार्ट अटैक के मामले कम आ रहे हैं। कोरोना के कारण मरीज अस्पताल आने से डर रहे हैं। इसलिए घर पर कार्डियक अरेस्ट के कारण होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। अगर हृदय रोगों से जुड़े लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टरी सलाह लेने में देरी न करें। एक ऐसा ही मामला हमारे पास आया, इससे खतरे को समझा जा सकता है।
हाल ही में फरीदाबाद की 72 साल की महिला हार्टअटैक के बाद अस्पताल पहुंची। वह पिछले 12 घंटे से सीने में जलन को अनदेखा कर रही थी। कोरोना के डर के कारण वह अस्पताल आने से बचती रही। कुछ घंटों बाद स्थानीय डॉक्टर ने उन्हें अपोलो हॉस्पिटल रेफर किया।
हॉस्पिटल में जांच हुई। रिपोर्ट में सामने आया कि हार्ट अटैक के कारण दोनों हार्ट चैम्बर को अलग करने वाली दीवार फट गई थी। इसका असर फेफड़ों पर भी पड़ा और यूरिन आउटपुट होने के कारण किडनी भी फेल हुई। तीन दिन तक कार्डियक सपोर्ट पर रखने के बाद 5 घंटे तक उसकी बायपास सर्जरी हुई।
डॉ. मुकेश के मुताबिक, अगर परेशानी की शुरुआत होते ही उन्हें हॉस्पिटल लाया जाता है तो सर्जरी तक नौबत नहीं पहुंचती। ऐसे मामलों में हालत अगर अधिक बिगड़ने के बाद हॉस्पिटल लाया जाता है तो मरीज़ को आर्टिफिशियल हार्ट इम्प्लान्ट भी कराना पड़ सकता है।
सर्जरी से बचने के लिए हृदय रोगी ये ध्यान रखें
सर्जरी से बचने के लिए सबसे जरूरी है, हृदय रोगी अपनी दवाएं और ट्रीटमेंट न बंद करें। घर में रहते हुए ही खुद को फिजिकली एक्टिव रखें। भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। बाहर निकलने पर मास्क जरूर लगाएं। घर में कोई बाहरी शख्स आता है सीधेतौर पर उसके सम्पर्क में न आएं।
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3 रिसर्च बताती हैं कि कोरोना के निशाने पर हार्ट भी है हृदय रोगी पहले से कोरोना के रिस्क जोन में हैं लेकिन रिकवरी के बाद भी इसका असर हार्ट पर बरकरार रहता है। ऐसे समझें...
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट कहती है, कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों के हार्ट पर गहरा असर पड़ा है। संक्रमण के इलाज के बाद इनमें सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द जैसे लक्षण दिख रहे हैं। हार्ट के काम करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। जो लम्बे समय तक दिखेगा।
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वाले 100 में से 78 मरीजों के हार्ट डैमेज हुए और दिल में सूजन दिखी। रिसर्च कहती है, जितना ज्यादा संक्रमण बढ़ेगा भविष्य में उतने ज्यादा बुरे साइड-इफेक्ट का खतरा बढ़ेगा।
ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वाला हर 7 में से 1 इंसान हार्ट डैमेज से जूझ रहा है। यह सीधेतौर पर उनकी फिटनेस पर असर डाल रहा है।
हार्ट को हेल्दी कैसे रखें, 5 बातों से समझें
खानपान : मोटा अनाज और कम मीठे फल लें गेहूं की रोटी की जगह बाजरा, ज्वार या रागी अथवा इनका आटा मिलाकर बनाई रोटी खाएं। आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाएं। इनके बजाय पपीता, कीवी, संतरा जैसे कम मीठे फल खाएं। तली और मीठी चीजें जितना कम कर दें, उतना बेहतर है। जितनी भूख से उससे 20 फीसदी कम खाएं और हर 15 दिन में वजन चेक करते रहें।
वर्कआउट : 45 मिनट की एक्सरसाइज या वॉक ज��ूरी सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक कसरत करें। वॉकिंग भी करते हैं तो असर दिखता है। दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह मोटापा है। वजन जितना बढ़ेगा और हृदय रोगों का खतरा उतना ज्यादा रहेगा। फिटनेस को इस स्तर पर लाने का प्रयास करें कि सीधे खड़े होने पर जब आप नीचे नजरें करें तो बेल्ट का बक्कल दिखे। अगर एक से डेढ़ किलोमीटर जाना है तो पैदल जाएं।
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लाइफस्टाइल : जल्दी सोने-जल्दी उठने का रुटीन बनाएं, 7 घंटे की नींद जरूरी रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें। जल्दी सोने और जल्द उठने का रूटीन बनाएं। रात 10 से सुबह 6 बजे तक सोने का आदर्श समय है। इससे शरीर नाइट साइकिल में बेहतर आराम कर सकेगा। तनाव लेने से बचें, इसका सीधा असर मस्तिष्क और हृदय पर होता है।
धूम्रपान-अल्कोहल : इससे जितना दूर रहेंगे, हार्ट उतना हेल्दी रहेगा धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें। लगातार धूम्रपान करने से उसका धुआं धमनियों की लाइनिंग को कमजोर करता है। इससे धमनियों में वसा के जमा होने की आशंका और भी बढ़ जाती है। इसी तरह अल्कोहल से दूरी बना लेते हैं तो हार्ट हेल्दी रहेगा।
सोशल मीडिया : हार्ट को हेल्दी रखने के लिए अफवाहों से बचना भी जरूरी
डॉ. सुशांत पाटिल कहते हैं, सोशल मीडिया और वॉट्सऐप पर आए मैसेज में कई तरह के दावे किए जाते हैं जो आपकी सेहत को बिगाड़ सकते हैं। हार्ट को लेकर भी कई अफवाह वायरल होती हैं। जैसे- दिन की शुरुआत 4 गिलास पानी से करते हैं तो हृदय रोगों का खतरा नहीं होता। ऐसे मैसेजेस से बचें और कोई भी जानकारी लेने के लिए डॉक्टर पर ही भरोसा करें, वरना ये हालत को सुधारने की बजाय और बिगाड़ सकते हैं।
दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हृदय रोगों से
दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतें हृदय रोगों से होती हैं। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक, दुनियाभर में हर 3 में से 1 मौत हृदय रोग से हो रही है। इसके 80 फीसदी मामले मध्य आय वर्ग वाले देशों में सामने आते हैं।
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World Heart Day 2020: How to Minimize Operational Risk? All You Need To Know From Heart Expert
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raghav-shivang · 4 years
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कोरोनाकाल में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले 20 फीसदी तक बढ़े हैं। ज्यादातर मरीज हृदय रोगों से जुड़े लक्षण दिखने के बावजूद उसे नजरअंदाज कर रहे हैं। कोरोना के डर से हॉस्पिटल जाने से बच रहे हैं। नतीजा, सर्जरी की नौबत आ रही है। हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोनाकाल में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो हार्ट के ऑपरेशन्स टाले जा सकते हैं।
आज वर्ल्ड हार्ट डे, इस साल की थीम है ''यूज हार्ट टू बीट कार्डियो वेस्कुलर डिसीज''। इस मौके पर इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियो-थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुकेश गोयल और नानावटी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुशांत पाटिल बता रहे हैं कोरोनाकाल में हार्ट को कैसे हेल्दी रखें...
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72 साल की महिला के मामले से समझें क्यों अलर्ट रहना जरूरी इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियो-थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुकेश गोयल कहते हैं, कोरोनाकाल में इमरजेंसी यूनिट में हार्ट अटैक के मामले कम आ रहे हैं। कोरोना के कारण मरीज अस्पताल आने से डर रहे हैं। इसलिए घर पर कार्डियक अरेस्ट के कारण होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। अगर हृदय रोगों से जुड़े लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टरी सलाह लेने में देरी न करें। एक ऐसा ही मामला हमारे पास आया, इससे खतरे को समझा जा सकता है।
हाल ही में फरीदाबाद की 72 साल की महिला हार्टअटैक के बाद अस्पताल पहुंची। वह पिछले 12 घंटे से सीने में जलन को अनदेखा कर रही थी। कोरोना के डर के कारण वह अस्पताल आने से बचती रही। कुछ घंटों बाद स्थानीय डॉक्टर ने उन्हें अपोलो हॉस्पिटल रेफर किया।
हॉस्पिटल में जांच हुई। रिपोर्ट में सामने आया कि हार्ट अटैक के कारण दोनों हार्ट चैम्बर को अलग करने वाली दीवार फट गई थी। इसका असर फेफड़ों पर भी पड़ा और यूरिन आउटपुट होने के कारण किडनी भी फेल हुई। तीन दिन तक कार्डियक सपोर्ट पर रखने के बाद 5 घंटे तक उसकी बायपास सर्जरी हुई।
डॉ. मुकेश के मुताबिक, अगर परेशानी की शुरुआत होते ही उन्हें हॉस्पिटल लाया जाता है तो सर्जरी तक नौबत नहीं पहुंचती। ऐसे मामलों में हालत अगर अधिक बिगड़ने के बाद हॉस्पिटल लाया जाता है तो मरीज़ को आर्टिफिशियल हार्ट इम्प्लान्ट भी कराना पड़ सकता है।
सर्जरी से बचने के लिए हृदय रोगी ये ध्यान रखें
सर्जरी से बचने के लिए सबसे जरूरी है, हृदय रोगी अपनी दवाएं और ट्रीटमेंट न बंद करें। घर में रहते हुए ही खुद को फिजिकली एक्टिव रखें। भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। बाहर निकलने पर मास्क जरूर लगाएं। घर में कोई बाहरी शख्स आता है सीधेतौर पर उसके सम्पर्क में न आएं।
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3 रिसर्च बताती हैं कि कोरोना के निशाने पर हार्ट भी है हृदय रोगी पहले से कोरोना के रिस्क जोन में हैं लेकिन रिकवरी के बाद भी इसका असर हार्ट पर बरकरार रहता है। ऐसे समझें...
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट कहती ��ै, कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों के हार्ट पर गहरा असर पड़ा है। संक्रमण के इलाज के बाद इनमें सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द जैसे लक्षण दिख रहे हैं। हार्ट के काम करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। जो लम्बे समय तक दिखेगा।
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वाले 100 में से 78 मरीजों के हार्ट डैमेज हुए और दिल में सूजन दिखी। रिसर्च कहती है, जितना ज्यादा संक्रमण बढ़ेगा भविष्य में उतने ज्यादा बुरे साइड-इफेक्ट का खतरा बढ़ेगा।
ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वाला हर 7 में से 1 इंसान हार्ट डैमेज से जूझ रहा है। यह सीधेतौर पर उनकी फिटनेस पर असर डाल रहा है।
हार्ट को हेल्दी कैसे रखें, 5 बातों से समझें
खानपान : मोटा अनाज और कम मीठे फल लें गेहूं की रोटी की जगह बाजरा, ज्वार या रागी अथवा इनका आटा मिलाकर बनाई रोटी खाएं। आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाएं। इनके बजाय पपीता, कीवी, संतरा जैसे कम मीठे फल खाएं। तली और मीठी चीजें जितना कम कर दें, उतना बेहतर है। जितनी भूख से उससे 20 फीसदी कम खाएं और हर 15 दिन में वजन चेक करते रहें।
वर्कआउट : 45 मिनट की एक्सरसाइज या वॉक जरूरी सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक कसरत करें। वॉकिंग भी करते हैं तो असर दिखता है। दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह मोटापा है। वजन जितना बढ़ेगा और हृदय रोगों का खतरा उतना ज्यादा रहेगा। फिटनेस को इस स्तर पर लाने का प्रयास करें कि सीधे खड़े होने पर जब आप नीचे नजरें करें तो बेल्ट का बक्कल दिखे। अगर एक से डेढ़ किलोमीटर जाना है तो पैदल जाएं।
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लाइफस्टाइल : जल्दी सोने-जल्दी उठने का रुटीन बनाएं, 7 घंटे की नींद जरूरी रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें। जल्दी सोने और जल्द उठने का रूटीन बनाएं। रात 10 से सुबह 6 बजे तक सोने का आदर्श समय है। इससे शरीर नाइट साइकिल में बेहतर आराम कर सकेगा। तनाव लेने से बचें, इसका सीधा असर मस्तिष्क और हृदय पर होता है।
धूम्रपान-अल्कोहल : इससे जितना दूर रहेंगे, हार्ट उतना हेल्दी रहेगा धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें। लगातार धूम्रपान करने से उसका धुआं धमनियों की लाइनिंग को कमजोर करता है। इससे धमनियों में वसा के जमा होने की आशंका और भी बढ़ जाती है। इसी तरह अल्कोहल से दूरी बना लेते हैं तो हार्ट हेल्दी रहेगा।
सोशल मीडिया : हार्ट को हेल्दी रखने के लिए अफवाहों से बचना भी जरूरी
डॉ. सुशांत पाटिल कहते हैं, सोशल मीडिया और वॉट्सऐप पर आए मैसेज में कई तरह के दावे किए जाते हैं जो आपकी सेहत को बिगाड़ सकते हैं। हार्ट को लेकर भी कई अफवाह वायरल होती हैं। जैसे- दिन की शुरुआत 4 गिलास पानी से करते हैं तो हृदय रोगों का खतरा नहीं होता। ऐसे मैसेजेस से बचें और कोई भी जानकारी लेने के लिए डॉक्टर पर ही भरोसा करें, वरना ये हालत को सुधारने की बजाय और बिगाड़ सकते हैं।
दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हृदय रोगों से
दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतें हृदय रोगों से होती हैं। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक, दुनियाभर में हर 3 में से 1 मौत हृदय रोग से हो रही है। इसके 80 फीसदी मामले मध्य आय वर्ग वाले देशों में सामने आते हैं।
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World Heart Day 2020: How to Minimize Operational Risk? All You Need To Know From Heart Expert
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chaitanyabharatnews · 5 years
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आखिर क्या होती है वीगन डाइट? जिसे फॉलो करने का चल रहा है ट्रेंड, जानें इसके फायदे और नुकसान
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चैतन्य भारत न्यूज दुनियाभर में पिछले काफी समय से 'वीगन डाइट ट्रेंड' चल रहा है। भारत में भी कई लोग वीगन डाइट के समर्थन में हैं और इसे अपना रहे हैं। बता दें वीगन डाइट वेजिटेरियन डाइट से भी एक कदम आगे है। यह एक ऐसी शाकाहारी डाइट है जिसमें लोग पशु या उनके उत्पाद को नहीं खाते हैं। वीगन डाइट को फॉलो करने वाले लोग दूध या उससे बने उत्पाद, अंडे, मांस जैसी किसी भी चीज को अपने भोजन में शामिल नहीं करते। यहां तक कि कई लोग शहद का भी सेवन नहीं करते। वीगन डाइट वाले लोग सिर्फ सब्जियां, फल, ड्राय फ्रूट्स और अनाज को ही अपने भोजन में शामिल करते हैं। वीगन डाइट में कहां से मिलता है प्रोटीन? वीगन डाइट फॉलो करने से पहले अक्सर मन में यह सवाल उठता है कि इसमें प्रोटीन कहां से मिलता है? खासतौर से इस डाइट को फॉलो करने वाले लोग अपने शरीर में कैल्शियम और प्रोटीन की कमी कैसे पूरी करते हैं? बता दें वीगन डाइट फॉलो करने वाले लोग प्रोटीन के लिए सोया, टोफू, सोया मिल्क, दालों, पीनट बटर, बादाम आदि पर निर्भर रहते हैं। इसके अलावा इन्हें कैल्शियम हरी पत्तेदार सब्जियों, टोफू और रागी के आटे इत्यादि से मिलता है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); वीगन डाइट से होने वाले फायदे स्वस्थ बनता है दिल रिपोर्ट्स के मुताबिक, वीगन डाइट से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है। दरअसल इसमें अधिकांश फैट हेल्दी सोर्स जैसे नारियल, फलियों, एवोकैडो आदि से हासिल होता है। जानवर और डेयरी प्रोडक्ट से मिलने वाला अधिकांश फैट बैड कोलेस्ट्रॉल उत्पन्न करता है। ऐसे में वीगन डाइट को फॉलो करने वाले लोग बैड कोलेस्ट्रॉल से बचे रहते हैं और उनका दिल भी स्वस्थ बना रहता है। बीपी का खतरा कम वीगन डाइट पर हुई एक रिसर्च के मुताबिक, इस डाइट को फॉलो करने वाले लोगों में कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है जिससे ब्लड प्रेशर की समस्या भी कम होती है। इसके अलावा टाइप-2 डायबिटीज और किडनी के मरीजों के लिए भी इस डाइट को फॉलो करना बेहतर माना जाता है। वजन घटाने में असरकारक वजन घटाने के लिए वीगन डाइट को फॉलो करना अच्छा विकल्प है। दरअसल वीगन डाइट में आपको ऐसी कई खाने की चीजें अपनी लाइफस्टाइल से हटानी पड़ती हैं जो वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। जैसे कि प्रोसेस्ड फूड, हाई-फैट डेयरी प्रोडक्ट, हाई-फैट प्रोटीन आदि। कैंसर से बचाव अन्य डाइट के मुकाबले वीगन डाइट में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा कहीं ज्यादा होती है। बता दें एंटीऑक्सीडेंट्स पर्यावरण में प्रदूषण और गलत खानपान के कारण हमारे शरीर में पैदा होने वाले फ्री-रेडिकल्स से हमारे सेल्स की रक्षा करते हैं। ऐसे में वीगन डाइट फॉलो करने वाले लोगों में प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर जैसे और भी कई तरह के कैंसर होने की आशंका बहुत कम हो जाती है। वीगन डाइट से होने वाले नुकसान वीगन डाइट फॉलो करने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर इसे ठीक तरह से फॉलो नहीं जाए तो इससे शरीर को पर्याप्त पोषण मिलने में दिक्कत हो सकती है। इससे खासकर शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है, क्योंकि इस डाइट में एनिमल बेस्ड फूड का सेवन नहीं किया जाता है। शरीर को विटामिन-B 12 और विटामिन-D भी नहीं मिल पाता है। इसके अलावा वीगन डाइट फॉलो करने वाले लोगों के शरीर में कई बार आयरन और ओमेगा 3 फैटी एसिड की भी कमी पाई जाती है। (विशेष ध्यानार्थः यह आलेख केवल पाठकों की अति सामान्य जागरुकता के लिए है। चैतन्य भारत न्यूज का सुझाव है कि इस आलेख को केवल जानकारी के दृष्टिकोण से लें। इनके आधार पर किसी बीमारी के बारे में धारणा न बनाएं या उसके इलाज का प्रयास न करें। यह भी याद रखें कि स्वास्थ्य से संबंधित उचित सलाह, सुझाव और इलाज प्रशिक्षित डॉक्टर ही कर सकते हैं।) ये भी पढ़े... जानिए कैसे होती है शरीर में मिनरल्स की कमी और क्या हैं इसके लक्षण रोजाना चाय पीने से होता है दिमाग तेज, चाय का सेवन न करने वालों को होते हैं ये नुकसान वजन घटाने के लिए बहुत फायदेमंद है पनीर, जानिए क्या है इसे खाने के फायदे Read the full article
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ragbuveer · 1 year
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*🚩🔱ॐगं गणपतये नमः🔱🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल(दशमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-30-अप्रैल-2023
वार :-------रविवार
तिथी :-----10दशमी:-20:29
पक्ष:------शुक्लपक्ष
माह:-------वैशाख
नक्षत्र:------मघा:-15:31
योग:-------वृद्बि:-11:16
करण:------तैतिल:-07:29
चन्द्रमा:-----सिंह
सुर्योदय:-----06:05
सुर्यास्त:------19:05
दिशा शूल-----पश्चिम
निवारण उपाय:---पान का सेवन
ऋतु :---------------ग्रीष्म-ऋतु
गुलीक काल:---15:51से 17:28
‌राहू काल:------17:28से19:05
अभीजित------11:56से12:50
विक्रम सम्वंत .........2080
शक सम्वंत ............1945
युगाब्द ..................5125
सम्वंत सर नाम:-----पिंगल
🌓चोघङिया दिन🌗
चंचल:-07:45से09:23तक
लाभ:-09:23से11:00तक
अमृत:-11:00से12:38तक
शुभ:-14:14से15:52तक
🌓चोघङिया रात🌗
शुभ:-19:05से20:27तक
अमृत:-20:27से21:50तक
चंचल:-21:50से23:13तक
लाभ :-02:00से03:22तक
शुभ :-04:44से06:05तक
🌲आज के विशेष योग🌲
वर्ष का 40वाँ दिन, त्रिचूर पोरम (केरल), रवियोग अहोरात्र, व्यतिपात महापात समाप्त 09:10, यमघण्टयोग सूर्योदय से 15:30, श्री महावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान (जैन), अगस्त्य अस्त,
🌺 👉वास्तु टिप्स 👈🌺
महिलाएं रात को बाल ना बनाएं।
*सुविचार*
प्रभु के प्रत्येक विधान में प्रसन्न रहना चाहिये।👍🏻
*💊💉आरोग्य उपाय🌿🍃*
*किडनी को कैसे रखें हेल्दी -*
1. उच्च रक्तचाप और डायबिटीज सहित रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले रोग किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए उच्च रक्तचाप और डायबिटीज को नियंत्रित करें।
2. क्या आप धूम्रपान करते हैं तो इसे छोड़ देने में ही भलाई है। धूम्रपान किडनी के अलावा किडनी को क्षति पहुंचाने वाली डायबिटीज और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों की स्थिति को ज्यादा खराब कर देता है।
3. ज्यादा पैसे कमाने और चीजों के पीछे भागने की वजह से आप अपने शरीर को बहुत ही कम समय दे रहे हैं। इसके लिए आप शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं आमतौर पर धीरे-धीरे किडनी क्षतिग्रस्त होती जाती है, ऐसे में नियमित शारीरिक सक्रियता से किडनी की बीमारी रोकने में मदद मिलती है।
4. किडनी को यदि हेल्दी रखना है तो आप अपने खान-पान में सुधार करें। नमक का सेवन कम करें तथ प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं, क्योंकि इसमें सोडियम होता है जो उच्च रक्तचाप पैदा कर सकता है। इसके अलावा फलों और सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें तथा रोजाना 3 लिटर पानी पीजिए।
5. दवाईयों पर निर्भरता कम करें, क्योंकि दवाईयां आपकी किडनी को खराब कर सकती है।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। कामकाज में वृद्धि के योग हैं। घर-बाहर सभी तरफ प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
कार्यस्थल पर परिवर्तन व सुधार हो सकता है। योजना फलीभूत होगी। मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नए कार्य मिलेंगे। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
सत्संग का लाभ प्राप्त हो सकता है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति लाभदायक रहेगी। घर-बाहर सभी तरफ सफलता प्राप्त होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। बाहर जाने का कार्यक्रम बन सकता है। धन प्राप्ति सुगमता से होगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि हो सकती है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में वृद्धि हो सकती है, प्रयास करते रहें। कारोबार में अधिक ध्यान दें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। पारिवारिक चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी।
👩🏻‍🦱 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
स्थायी संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। विरोध होगा। व्यस्तता के चलते थकान रह सकती है। प्रमाद न करें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
रचनात्मक कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। संगीत इत्यादि में रुचि रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। किसी पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। पठन-पाठन व लेखन इत्यादि के कार्य सफल रहेंगे। भावना में बहकर निर्णय न लें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
कोई बुरी सूचना मिल सकती है। नकारात्मकता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। सावधान रहें। लेन-देन में सावधानी आवश्यक है। दूसरों के बहकावे में न आएं। सोच-समझकर निर्णय लें। व्यापार से लाभ होगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
पहले की गई मेहनत का फल प्राप्त होगा। रुके कार्य पूरे होंगे। लाभ में वृद्धि होगी। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। प्रसन्नता बनी रहेगी। असहाय लोगों की मदद करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। सभी तरफ से सफलता मिलेगी। जल्दबाजी न करें।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
आत्मसम्मान बना रहेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। पारिवारिक आवश्यकताओं पर व्यय होगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। उत्साह बना रहेगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
नवीन वस्त्राभूषण पर व्यय होगा। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा। जल्दबाजी न करें।
🐠 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
फालतू खर्च अधिक हो सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। पुराना रोग उभर सकता है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। जल्दबाजी न करें।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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doonitedin · 3 years
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Food for kidney: किडनी को साफ करके स्वस्थ रखते हैं ये 5 फूड, डाइट में शामिल करने से मिलेगा फायदा
Food for kidney: किडनी को साफ करके स्वस्थ रखते हैं ये 5 फूड, डाइट में शामिल करने से मिलेगा फायदा
Food for kidney: एक स्वस्थ शरीर में किडनी अहम रोल निभाती है. यह एक अहम अंग है, जो हमारी बॉडी को हेल्दी रखती है. इसका मुख्य कार्य ब्लड से अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त तरल पदार्थ को छानकर ब्लड को साफ करना और अपशिष्ट पदार्थों को मूत्र के रास्ते बहार निकालना है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि स्वस्थ किडनी (healthy kidney) ही स्वस्थ शरीर के निर्माण में योगदान देती है. इसलिए किडनी की सेहत का ख्याल रखने के…
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raghav-shivang · 4 years
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कोरोनाकाल में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले 20 फीसदी तक बढ़े हैं। ज्यादातर मरीज हृदय रोगों से जुड़े लक्षण दिखने के बावजूद उसे नजरअंदाज कर रहे हैं। कोरोना के डर से हॉस्पिटल जाने से बच रहे हैं। नतीजा, सर्जरी की नौबत आ रही है। हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोनाकाल में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो हार्ट के ऑपरेशन्स टाले जा सकते हैं।
आज वर्ल्ड हार्ट डे, इस साल की थीम है ''यूज हार्ट टू बीट कार्डियो वेस्कुलर डिसीज''। इस मौके पर इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियो-थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुकेश गोयल और नानावटी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुशांत पाटिल बता रहे हैं कोरोनाकाल में हार्ट को कैसे हेल्दी रखें...
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72 साल की महिला के मामले से समझें क्यों अलर्ट रहना जरूरी इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियो-थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मुकेश गोयल कहते हैं, कोरोनाकाल में इमरजेंसी यूनिट में हार्ट अटैक के मामले कम आ रहे हैं। कोरोना के कारण मरीज अस्पताल आने से डर रहे हैं। इसलिए घर पर कार्डियक अरेस्ट के कारण होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। अगर हृदय रोगों से जुड़े लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टरी सलाह लेने में देरी न करें। एक ऐसा ही मामला हमारे पास आया, इससे खतरे को समझा जा सकता है।
हाल ही में फरीदाबाद की 72 साल की महिला हार्टअटैक के बाद अस्पताल पहुंची। वह पिछले 12 घंटे से सीने में जलन को अनदेखा कर रही थी। कोरोना के डर के कारण वह अस्पताल आने से बचती रही। कुछ घंटों बाद स्थानीय डॉक्टर ने उन्हें अपोलो हॉस्पिटल रेफर किया।
हॉस्पिटल में जांच हुई। रिपोर्ट में सामने आया कि हार्ट अटैक के कारण दोनों हार्ट चैम्बर को अलग करने वाली दीवार फट गई थी। इसका असर फेफड़ों पर भी पड़ा और यूरिन आउटपुट होने के कारण किडनी भी फेल हुई। तीन दिन तक कार्डियक सपोर्ट पर रखने के बाद 5 घंटे तक उसकी बायपास सर्जरी हुई।
डॉ. मुकेश के मुताबिक, अगर परेशानी की शुरुआत होते ही उन्हें हॉस्पिटल लाया जाता है तो सर्जरी तक नौबत नहीं पहुंचती। ऐसे मामलों में हालत अगर अधिक बिगड़ने के बाद हॉस्पिटल लाया जाता है तो मरीज़ को आर्टिफिशियल हार्ट इम्प्लान्ट भी कराना पड़ सकता है।
सर्जरी से बचने के लिए हृदय रोगी ये ध्यान रखें
सर्जरी से बचने के लिए सबसे जरूरी है, हृदय रोगी अपनी दवाएं और ट्रीटमेंट न बंद करें। ���र में रहते हुए ही खुद को फिजिकली एक्टिव रखें। भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। बाहर निकलने पर मास्क जरूर लगाएं। घर में कोई बाहरी शख्स आता है सीधेतौर पर उसके सम्पर्क में न आएं।
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3 रिसर्च बताती हैं कि कोरोना के निशाने पर हार्ट भी है हृदय रोगी पहले से कोरोना के रिस्क जोन में हैं लेकिन रिकवरी के बाद भी इसका असर हार्ट पर बरकरार रहता है। ऐसे समझें...
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट कहती है, कोरोना से रिकवर हो चुके मरीजों के हार्ट पर गहरा असर पड़ा है। संक्रमण के इलाज के बाद इनमें सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द जैसे लक्षण दिख रहे हैं। हार्ट के काम करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। जो लम्बे समय तक दिखेगा।
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वाले 100 में से 78 मरीजों के हार्ट डैमेज हुए और दिल में सूजन दिखी। रिसर्च कहती है, जितना ज्यादा संक्रमण बढ़ेगा भविष्य में उतने ज्यादा बुरे साइड-इफेक्ट का खतरा बढ़ेगा।
ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वाला हर 7 में से 1 इंसान हार्ट डैमेज से जूझ रहा है। यह सीधेतौर पर उनकी फिटनेस पर असर डाल रहा है।
हार्ट को हेल्दी कैसे रखें, 5 बातों से समझें
खानपान : मोटा अनाज और कम मीठे फल लें गेहूं की रोटी की जगह बाजरा, ज्वार या रागी अथवा इनका आटा मिलाकर बनाई रोटी खाएं। आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाएं। इनके बजाय पपीता, कीवी, संतरा जैसे कम मीठे फल खाएं। तली और मीठी चीजें जितना कम कर दें, उतना बेहतर है। जितनी भूख से उससे 20 फीसदी कम खाएं और हर 15 दिन में वजन चेक करते रहें।
वर्कआउट : 45 मिनट की एक्सरसाइज या वॉक जरूरी सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक कसरत करें। वॉकिंग भी करते हैं तो असर दिखता है। दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह मोटापा है। वजन जितना बढ़ेगा और हृदय रोगों का खतरा उतना ज्यादा रहेगा। फिटनेस को इस स्तर पर लाने का प्रयास करें कि सीधे खड़े होने पर जब आप नीचे नजरें करें तो बेल्ट का बक्कल दिखे। अगर एक से डेढ़ किलोमीटर जाना है तो पैदल जाएं।
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लाइफस्टाइल : जल्दी सोने-जल्दी उठने का रुटीन बनाएं, 7 घंटे की नींद जरूरी रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें। जल्दी सोने और जल्द उठने का रूटीन बनाएं। रात 10 से सुबह 6 बजे तक सोने का आदर्श समय है। इससे शरीर नाइट साइकिल में बेहतर आराम कर सकेगा। तनाव लेने से बचें, इसका सीधा असर मस्तिष्क और हृदय पर होता है।
धूम्रपान-अल्कोहल : इससे जितना दूर रहेंगे, हार्ट उतना हेल्दी रहेगा धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें। लगातार धूम्रपान करने से उसका धुआं धमनियों की लाइनिंग को कमजोर करता है। इससे धमनियों में वसा के जमा होने की आशंका और भी बढ़ जाती है। इसी तरह अल्कोहल से दूरी बना लेते हैं तो हार्ट हेल्दी रहेगा।
सोशल मीडिया : हार्ट को हेल्दी रखने के लिए अफवाहों से बचना भी जरूरी
डॉ. सुशांत पाटिल कहते हैं, सोशल मीडिया और वॉट्सऐप पर आए मैसेज में कई तरह के दावे किए जाते हैं जो आपकी सेहत को बिगाड़ सकते हैं। हार्ट को लेकर भी कई अफवाह वायरल होती हैं। जैसे- दिन की शुरुआत 4 गिलास पानी से करते हैं तो हृदय रोगों का खतरा नहीं होता। ऐसे मैसेजेस से बचें और कोई भी जानकारी लेने के लिए डॉक्टर पर ही भरोसा करें, वरना ये हालत को सुधारने की बजाय और बिगाड़ सकते हैं।
दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हृदय रोगों से
दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौतें हृदय रोगों से होती हैं। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के मुताबिक, दुनियाभर में हर 3 में से 1 मौत हृदय रोग से हो रही है। इसके 80 फीसदी मामले मध्य आय वर्ग वाले देशों में सामने आते हैं।
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World Heart Day 2020: How to Minimize Operational Risk? All You Need To Know From Heart Expert
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raghav-shivang · 4 years
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महामारी के दौरान आईं कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल से संबंधित गंभीर परेशानियों से जूझ रहे मरीजों में से कम ही लोग इलाज के लिए अस्पताल या इमरजेंसी डिपार्टमेंट तक जा रहे हैं। जबकि इसी दौरान सीने में दर्द से लक्षणों को ऑनलाइन ज्यादा सर्च किया गया। हाल ही में रिसर्चर्स ने इन दोनों मामलों के बीच लिंक का पता करने के लिए एक ऑनलाइन स्टडी की थी।
रिसर्चर्स को उम्मीद थी कि ज्यादा सर्च होगा हार्ट अटैक 1 जून 2019 से लेकर 31 मई तक चली स्टडी में मायो क्लिनिक के रिसर्चर्स ने इटली, स्पेन, ब्रिटेन और अमेरिका गूगल ट्रैंड्स की जांच की। इस दौरान उन्होंने "चेस्ट पेन" और "मायोकार्डियल इंफार्कशन (हार्ट अटैक)" जैसी सर्च टर्म्स का रिव्यु किया। उन्होंने पाया कि महामारी से पहले दोनों सर्चेज एक-दूसरे के लगभग समान थीं।
उम्मीद की जा रही थी कि हार्ट अटैक को लेकर की जा रही सर्च इतनी ही रहेगी या इसका स्तर बढ़ेगा। हालांकि महामारी की शुरुआत में "मायोकार्डियल इंफार्कशन" को लेकर सर्च कम हो गईं थीं, जबकि "चेस्ट पेन" को लेकर की गई सर्च में कम से कम 34% का इजाफा हुआ था।
शायद सीने में दर्द को संक्रमण का लक्षण समझ रहे हैं लोग जेएमआईआर कार्डियो में प्रकाशित स्टडी के पहले लेखक और रोचेस्टर में मायो क्लिनिक कार्डियोलॉजी के फैलो कोनर सेनेशल ने कहा, "दिलचस्प बात है कि हार्ट अटैक को लेकर सर्च उसी वक्त कम हुईं जब हार्ट अटैक के कम मरीज भर्ती हुए। चौंकाने वाली बात यह है कि इस दौरान सीने में दर्द को लेकर सर्च बढ़ी।" उन्होंने कहा, "इससे यह चिंता बढ़ती है कि या तो लोगों ने गलत तरीके से चेस्ट पेन को संक्रमण का लक्षण समझ लिया है या कोरोना के डर के कारण इलाज लेने से बच रहे हैं।"
कोरोना के आम लक्षणों के बीच गूगल सर्च के मामले में फर्क जानने के लिए स्टडी में "कफ" और "फीवर" से जुड़े सवालों को भी ट्रैक किया। शुरुआत में यह चीजें कई बार खोजी गईं, लेकिन बाद में ये भी कम हो गईं। हालांकि सीने में दर्द से जुड़ी सर्च की संख्या पूरी मई में ज्यादा रही।
डॉक्टर कोनर ने कहा, "होम रेमेडीज फॉर चेस्ट पेन (सीने में दर्द के घरेलू इलाज)" और "नेचुरल रेमेडीज फॉर चेस्ट पेन (सीने में दर्द के प्राकृतिक इलाज)" जैसी सर्च भी बढ़ी हैं। इनमें 41% से ज्यादा का इजाफा हुआ है।" उन्होंने कहा, "यह रिजल्ट चौंकाने वाले थे और यह जानकारी दे रहे थे कि मरीज महामारी के दौरान हेल्थ केयर को नजरअंदाज कर रहे हैं।"
डॉक्टर कोनर ने कहा कि संक्रमण को लेकर चिंता करना सही है, लेकिन अगर मरीज सीने में दर्द महसूस कर रहे हैं तो उन्हें मेडिकल जांच करानी चाहिए। ऐसा सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है, जिससे उन्हें कार्डिवेस्कुलर केयर में देरी से होने वाले नतीजों से बचाने में मदद करेगा।
लोगों को शिक्षित होना होगा ऑनलाइन सर्च को लेकर हुई यह स्टडी बताती है कि मरीजों को शिक्षित करने के लिए नए तरीके खोजने होंगे। जैसे महामारी के दौरान भी हार्ट अटैक और स्ट्रोक का इलाज सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है। साथ ही लोग भी सामान्य हार्ट अटैक के सामान्य लक्षणों को लेकर तैयार हो सकते हैं। हालांकि, इस बात को लेकर सतर्क रहें कि पुरुषों और महिलाओं में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं।
नजरअंदाज न करें भोपाल में कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर रोहित कुमार श्रीवास्तव कहते हैं, "हार्ट की प्रॉब्लम होना अपने आप में ही बहुत बड़ा रिस्क होता है। यह लाइफ थ्रैटनिंग होती है। हमें इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। भले ही महामारी चल रही है, लेकिन इससे हार्ट की परेशानियां कम नहीं हुई हैं।"
डॉक्टर श्रीवास्तव के अनुसार, दावाइयों के साथ-साथ एक्सरसाइज, अच्छी डाइट, योग कर रहे हैं तो हार्ट डिसीज बढ़ने या इसके होने की संभावना कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हेल्दी लाइफ स्टाइल लें, खाने में फ्रेश फलों और सब्जियों का उपयोग करें। ज्यादा नमक वाले खाने और जंक फूड न लें और अगर आपको स्मोकिंग जैसे किसी रिस्क फेक्टर की आदत है तो उसे बंद करें।
क्या है हार्ट अटैक? सेंटर्स फॉर डिसीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के अनुसार हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इंफार्कशन भी कहा जाता है। ऐसा तब होता है जब दिल की मांसपेशियों के हिस्से को पर्याप्त खून नहीं मिल पाता। ऐसे म��ं बिना इलाज के जितना ज्यादा वक्त गुजरेगा, उतना ही ज्यादा दिल की मसल्स को नुकसान होगा। कोरोनरी आर्टरी डिसीज (सीएडी) को हार्ट अटैक की मुख्य वजह माना जाता है। इसके साथी है एजेंसी के मुताबिक, हार्ट फेलियर, कोरोनरी आर्टरी डिसीज, कार्डियोमायोपैथीज, पल्मोनरी हाइपरटेंशन से जूझ रहे मरीजों को कोरोना से गंभीर बीमारी होने का खतरा ज्यादा है।
कैसे पहचानें दर्द, क्योंकि सीने में होने वाला हर दर्द हार्ट अटैक नहीं होता भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर कार्डियोलॉजी डॉक्टर राजीव गुप्ता कहते हैं, "छाती का दर्द मसल्स के दर्द की वजह से हो सकता है, सर्वाइकल दर्द हो सकता है, एसिडिटी की वजह से हो सकता है, पित्त की थैली में अगर पथरी है तो उसकी वजह से हो सकता है।" उन्होंने बताया कि ये सभी दर्द किसी न किसी चीज से जुड़े होंगे। पित्त की थैली का दर्द खाना खाने से बढ़ेगा, मसल्स का दर्द मूवमेंट्स या चलने-फिरने से बढ़ेगा।
डॉक्टर गुप्ता ने कहा, "अगर हार्ट अटैक का दर्द है तो वो एकदम से आएगा और 2-3 मिनट में बढ़ जाएगा। यह दर्द सामान्यत सीने के दाएं, बाएं, बीच में, जबड़े तक या बाएं हाथ तक जाएगा। यह दर्द काफी तेज होगा।" उन्होंने कहा "अगर हार्ट अटैक हो रहा है तो यह दर्द 10 मिनट से ज्यादा देर तक रहेगा, लेकिन अगर एंजाइना है तो दर्द 2-5 मिनट में कम हो जाएगा।"
डॉक्टर गुप्ता बताते हैं कि अगर एंजाइना आधे या 20 मिनट तक हो रहा तो साथ में पसीना आएगा और बेचैनी होगी या उल्टी होगी। अगर ऐसा है तो हम हार्ट अटैक की ओर जा रहे हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो एंजाइना पर रुक गए हैं।
हार्ट अटैक से उबरने के बाद क्या करें? अगर आपको हार्ट अटैक आया था तो हो सकता है कि हार्ट डैमेज हो गया हो। ऐसा होना आपके दिल की रिदम और खून पंप करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा आपको दूसरे हार्ट अटैक या स्ट्रोक, किडनी डिसॉर्डर और पैरिफेरल आर्ट्रियल डिसीज (पीएडी) जैसी बीमारियों का जोखिम हो सकता है। ऐसे में आप इन स्टेप्स को फॉलो कर हार्ट से संबंधित भविष्य की परेशानियों को कम कर सकते हैं।
फिजिकल एक्टिविटी: आपकी रोज की गतिविधियों के बारे में हेल्थ केयर टीम से बात करें और उन्हें पूरी जानकारी दें। हो सकता है कि डॉक्टर आपके काम, ट्रैवलिंग या सेक्सुअल एक्टिविटीज को कुछ समय के लिए सीमित करना चाह रहे हों।
लाइफस्टाइल में बदलाव: डॉक्टर की बताई मेडिसिन के अलावा हेल्दी डाइट लें, फिजिकल एक्टिविटी बढ़ा दें, स्मोकिंग बंद करना और तनाव को मैनेज करना हार्ट की हेल्थ और लाइफ क्वालिटी को सुधारने में मदद करेंगे।
तीन बातों का रखें खास ध्यान महामारी के दौरान दिल के स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। किसी भी तरह की गलती या शरीर के प्रति लापरवाही आपकी हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि क्या करें और क्या न करें।
संतुलित एक्सरसाइज: अगर आप एक्सरसाइज कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि शरीर को उतनी ही मूवमेंट दें, जितना उसे आदत हो। ज्यादा एक्सरसाइज बिल्कुल न करें, क्योंकि इससे फायदे के बजाए नुकसान हो सकता है।
संतुलित डाइट: महामारी फैलने के बाद से लोग घरों में ज्यादा वक्त बिता रहे हैं ऐसे में अपनी डाइट को लेकर सतर्क रहें। अगर घर में खाने की चीजें मौजूद हैं तो लगातार खाते न रहें। ज्यादा खाने से बचें।
जैसी सलाह दी है वैसे ही लें दवाइयां: कई बार लोग अपनी दवाइयों को लेकर जागरूक नहीं रहते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार, कुछ समय की देर तो चलती है, लेकिन सुबह की दवाई को दोपहर या दोपहर की दवाई को रात में न लें। जैसा डॉक्टर बता रहे हैं वहीं दवाई और बताए गए समय पर ही लें।
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raghav-shivang · 4 years
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महामारी के दौरान आईं कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल से संबंधित गंभीर परेशानियों से जूझ रहे मरीजों में से कम ही लोग इलाज के लिए अस्पताल या इमरजेंसी डिपार्टमेंट तक जा रहे हैं। जबकि इसी दौरान सीने में दर्द से लक्षणों को ऑनलाइन ज्यादा सर्च किया गया। हाल ही में रिसर्चर्स ने इन दोनों मामलों के बीच लिंक का पता करने के लिए एक ऑनलाइन स्टडी की थी।
रिसर्चर्स को उम्मीद थी कि ज्यादा सर्च होगा हार्ट अटैक 1 जून 2019 से लेकर 31 मई तक चली स्टडी में मायो क्लिनिक के रिसर्चर्स ने इटली, स्पेन, ब्रिटेन और अमेरिका गूगल ट्रैंड्स की जांच की। इस दौरान उन्होंने "चेस्ट पेन" और "मायोकार्डियल इंफार्कशन (हार्ट अटैक)" जैसी सर्च टर्म्स का रिव्यु किया। उन्होंने पाया कि महामारी से पहले दोनों सर्चेज एक-दूसरे के लगभग समान थीं।
उम्मीद की जा रही थी कि हार्ट अटैक को लेकर की जा रही सर्च इतनी ही रहेगी या इसका स्तर बढ़ेगा। हालांकि महामारी की शुरुआत में "मायोकार्डियल इंफार्कशन" को लेकर सर्च कम हो गईं थीं, जबकि "चेस्ट पेन" को लेकर की गई सर्च में कम से कम 34% का इजाफा हुआ था।
शायद सीने में दर्द को संक्रमण का लक्षण समझ रहे हैं लोग जेएमआईआर कार्डियो में प्रकाशित स्टडी के पहले लेखक और रोचेस्टर में मायो क्लिनिक कार्डियोलॉजी के फैलो कोनर सेनेशल ने कहा, "दिलचस्प बात है कि हार्ट अटैक को लेकर सर्च उसी वक्त कम हुईं जब हार्ट अटैक के कम मरीज भर्ती हुए। चौंकाने वाली बात यह है कि इस दौरान सीने में दर्द को लेकर सर्च बढ़ी।" उन्होंने कहा, "इससे यह चिंता बढ़ती है कि या तो लोगों ने गलत तरीके से चेस्ट पेन को संक्रमण का लक्षण समझ लिया है या कोरोना के डर के कारण इलाज लेने से बच रहे हैं।"
कोरोना के आम लक्षणों के बीच गूगल सर्च के मामले में फर्क जानने के लिए स्टडी में "कफ" और "फीवर" से जुड़े सवालों को भी ट्रैक किया। शुरुआत में यह चीजें कई बार खोजी गईं, लेकिन बाद में ये भी कम हो गईं। हालांकि सीने में दर्द से जुड़ी सर्च की संख्या पूरी मई में ज्यादा रही।
डॉक्टर कोनर ने कहा, "होम रेमेडीज फॉर चेस्ट पेन (सीने में दर्द के घरेलू इलाज)" और "नेचुरल रेमेडीज फॉर चेस्ट पेन (सीने में दर्द के प्राकृतिक इलाज)" जैसी सर्च भी बढ़ी हैं। इनमें 41% से ज्यादा का इजाफा हुआ है।" उन्होंने कहा, "यह रिजल्ट चौंकाने वाले थे और यह जानकारी दे रहे थे कि मरीज महामारी के दौरान हेल्थ केयर को नजरअंदाज कर रहे हैं।"
डॉक्टर कोनर ने कहा कि संक्रमण को लेकर चिंता करना सही है, लेकिन अगर मरीज सीने में दर्द महसूस कर रहे हैं तो उन्हें मेडिकल जांच करानी चाहिए। ऐसा सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है, जिससे उन्हें कार्डिवेस्कुलर केयर में देरी से होने वाले नतीजों से बचाने में मदद करेगा।
लोगों को शिक्षित होना होगा ऑनलाइन सर्च को लेकर हुई यह स्टडी बताती है कि मरीजों को शिक्षित करने के लिए नए तरीके खोजने होंगे। जैसे महामारी के दौरान भी हार्ट अटैक और स्ट्रोक का इलाज सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है। साथ ही लोग भी सामान्य हार्ट अटैक के सामान्य लक्षणों को लेकर तैयार हो सकते हैं। हालांकि, इस बात को लेकर सतर्क रहें कि पुरुषों और महिलाओं में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं।
नजरअंदाज न करें भोपाल में कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर रोहित कुमार श्रीवास्तव कहते हैं, "हार्ट की प्रॉब्लम होना अपने आप में ही बहुत बड़ा रिस्क होता है। यह लाइफ थ्रैटनिंग होती है। हमें इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। भले ही महामारी चल रही है, लेकिन इससे हार्ट की परेशानियां कम नहीं हुई हैं।"
डॉक्टर श्रीवास्तव के अनुसार, दावाइयों के साथ-साथ एक्सरसाइज, अच्छी डाइट, योग कर रहे हैं तो हार्ट डिसीज बढ़ने या इसके होने की संभावना कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हेल्दी लाइफ स्टाइल लें, खाने में फ्रेश फलों और सब्जियों का उपयोग करें। ज्यादा नमक वाले खाने और जंक फूड न लें और अगर आपको स्मोकिंग जैसे किसी रिस्क फेक्टर की आदत है तो उसे बंद करें।
क्या है हार्ट अटैक? सेंटर्स फॉर डिसीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के अनुसार हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इंफार्कशन भी कहा जाता है। ऐसा तब होता है जब दिल की मांसपेशियों के हिस्से को पर्याप्त खून नहीं मिल पाता। ऐसे में बिना इलाज के जितना ज्यादा वक्त गुजरेगा, उतना ही ज्यादा दिल की मसल्स को नुकसान होगा। कोरोनरी आर्टरी डिसीज (सीएडी) को हार्ट अटैक की मुख्य वजह माना जाता है। इसके साथी है एजेंसी के मुताबिक, हार्ट फेलियर, कोरोनरी आर्टरी डिसीज, कार्डियोमायोपैथीज, पल्मोनरी हाइपरटेंशन से जूझ रहे मरीजों को कोरोना से गंभीर बीमारी होने का खतरा ज्यादा है।
कैसे पहचानें दर्द, क्योंकि सीने में होने वाला हर दर्द हार्ट अटैक नहीं होता भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर कार्डियोलॉजी डॉक्टर राजीव गुप्ता कहते हैं, "छाती का दर्द मसल्स के दर्द की वजह से हो सकता है, सर्वाइकल दर्द हो सकता है, एसिडिटी की वजह से हो सकता है, पित्त की थैली में अगर पथरी है तो उसकी वजह से हो सकता है।" उन्होंने बताया कि ये सभी दर्द किसी न किसी चीज से जुड़े होंगे। पित्त की थैली का दर्द खाना खाने से बढ़ेगा, मसल्स का दर्द मूवमेंट्स या चलने-फिरने से बढ़ेगा।
डॉक्टर गुप्ता ने कहा, "अगर हार्ट अटैक का दर्द है तो वो एकदम से आएगा और 2-3 मिनट में बढ़ जाएगा। यह दर्द सामान्यत सीने के दाएं, बाएं, बीच में, जबड़े तक या बाएं हाथ तक जाएगा। यह दर्द काफी तेज होगा।" उन्होंने कहा "अगर हार्ट अटैक हो रहा है तो यह दर्द 10 मिनट से ज्यादा देर तक रहेगा, लेकिन अगर एंजाइना है तो दर्द 2-5 मिनट में कम हो जाएगा।"
डॉक्टर गुप्ता बताते हैं कि अगर एंजाइना आधे या 20 मिनट तक हो रहा तो साथ में पसीना आएगा और बेचैनी होगी या उल्टी होगी। अगर ऐसा है तो हम हार्ट अटैक की ओर जा रहे हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो एंजाइना पर रुक गए हैं।
हार्ट अटैक से उबरने के बाद क्या करें? अगर आपको हार्ट अटैक आया था तो हो सकता है कि हार्ट डैमेज हो गया हो। ऐसा होना आपके दिल की रिदम और खून पंप करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा आपको दूसरे हार्ट अटैक या स्ट्रोक, किडनी डिसॉर्डर और पैरिफेरल आर्ट्रियल डिसीज (पीएडी) जैसी बीमारियों का जोखिम हो सकता है। ऐसे में आप इन स्टेप्स को फॉलो कर हार्ट से संबंधित भविष्य की परेशानियों को कम कर सकते हैं।
फिजिकल एक्टिविटी: आपकी रोज की गतिविधियों के बारे में हेल्थ केयर टीम से बात करें और उन्हें पूरी जानकारी दें। हो सकता है कि डॉक्टर आपके काम, ट्रैवलिंग या सेक्सुअल एक्टिविटीज को कुछ समय के लिए सीमित करना चाह रहे हों।
लाइफस्टाइल में बदलाव: डॉक्टर की बताई मेडिसिन के अलावा हेल्दी डाइट लें, फिजिकल एक्टिविटी बढ़ा दें, स्मोकिंग बंद करना और तनाव को मैनेज करना हार्ट की हेल्थ और लाइफ क्वालिटी को सुधारने में मदद करेंगे।
तीन बातों का रखें खास ध्यान महामारी के दौरान दिल के स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। किसी भी तरह की गलती या शरीर के प्रति लापरवाही आपकी हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में डॉक्टर गुप्ता ने बताया कि क्या करें और क्या न करें।
संतुलित एक्सरसाइज: अगर आप एक्सरसाइज कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि शरीर को उतनी ही मूवमेंट दें, जितना उसे आदत हो। ज्यादा एक्सरसाइज बिल्कुल न करें, क्योंकि इससे फायदे के बजाए नुकसान हो सकता है।
संतुलित डाइट: महामारी फैलने के बाद से लोग घरों में ज्यादा वक्त बिता रहे हैं ऐसे में अपनी डाइट को लेकर सतर्क रहें। अगर घर में खाने की चीजें मौजूद हैं तो लगातार खाते न रहें। ज्यादा खाने से बचें।
जैसी सलाह दी है वैसे ही लें दवाइयां: कई बार लोग अपनी दवाइयों को लेकर जागरूक नहीं रहते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार, कुछ समय की देर तो चलती है, लेकिन सुबह की दवाई को दोपहर या दोपहर की दवाई को रात में न लें। जैसा डॉक्टर बता रहे हैं वहीं दवाई और बताए गए समय पर ही लें।
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