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PAK vs NZ: लगते ही अचानक हवा में घूम गई चमत्कारी गेंद, केन विलियमसन रह गए हैरान, देखें वीडियो
PAK vs NZ: लगते ही अचानक हवा में घूम गई चमत्कारी गेंद, केन विलियमसन रह गए हैरान, देखें वीडियो
पाक बनाम न्यूजीलैंड वनडे: पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच खेली जाने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज का पहला मैच आज खेला जा रहा है। इस मैच का आयोजन कराची के स्टेडियम में किया जा रहा है. इसमें टॉस जीतकर पाकिस्तान ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और आधी पारी खत्म होने के बाद न्यूजीलैंड ने 3 विकेट गंवा दिए. पाकिस्तान के लिए डेब्यू कर रहे उसामा मीर ने आते ही गदर मचा दिया और शानदार गेंद पर केन विलियमसन…
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hindie24bollywood · 1 year
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बेशरम रंग ट्रैक में SRK लुक: 'बेशरम रंग' गाने में शाहरुख खान के लुक की कीमत जानकर हैरान हो सकते हैं आप
बेशरम रंग ट्रैक में SRK लुक: ‘बेशरम रंग’ गाने में शाहरुख खान के लुक की कीमत जानकर हैरान हो सकते हैं आप
बेशरम रंग ट्रैक में शाहरुख का लुक: शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान’ का फैन्स को बेसब्री से इंतजार है। हाल ही में फिल्म का गाना ‘बेशरम रंग’ रिलीज हुआ है, जो सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। इस गाने के बोल लोगों के दिलों को छू रहे हैं. वहीं, ‘बेशरम रंग’ गाने में दीपिका पादुकोण भी नजर आ रही हैं, जो अपनी अदाओं से लोगों के दिलों को दहला रही हैं। इतने सारे जूते ले जाना शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म…
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sabkuchgyan · 2 years
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अंपायर के फैसले से नाखुश थे रोहित शर्मा, तुरंत लिया हैरान कर देने वाला डीआरएस-वीडियो
अंपायर के फैसले से नाखुश थे रोहित शर्मा, तुरंत लिया हैरान कर देने वाला डीआरएस-वीडियो
रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम इंडिया ने रविवार को गुवाहाटी में दूसरा टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच 16 रन से जीत लिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रही तीन मैचों की टी20 सीरीज को 2-0 से जीत लिया। भारत ने पहली बार दक्षिण अफ्रीका को अपनी ही धरती पर टी20 सीरीज में हराया। इस मैच में दक्षिण अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। भारतीय टीम की ओपनिंग जोड़ी केएल राहुल और…
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अमेरिका | सलमान रुश्दी पर हमला करने के आरोपी लेखक के बचने पर 'हैरान' नवभारत
अमेरिका | सलमान रुश्दी पर हमला करने के आरोपी लेखक के बचने पर ‘हैरान’ नवभारत
फ़ाइल तस्वीर अमेरिका: न्यूयॉर्क में मारपीट के आरोपी बुकर पुरस्कार विजेता सलमान रुश्दी ने लेखक के बचने पर ‘हैरान’ जताया है. जेल में बंद हादी मटर ने न्यूयॉर्क पोस्ट के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि वह यह सुनकर हैरान थी कि रुश्दी हमले में बच गया था। उसने कहा कि जब उसे पिछली सर्दियों में एक ट्वीट से पता चला कि लेखक चौटौक्वा संस्थान में आ रहा है, तो उसने वहां जाने का फैसला किया। मटर ने अखबार से…
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jayshriram2947 · 6 months
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पवन तनय संकट हरन
मंगल मूरति रूप
राम लखन सीता सहित
हृदय बसहु सुर भूप
🏹सीताराम🏹
🙏🙏ᕫ🙏🙏
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shivaom99 · 1 year
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BEAUTIFUL story of GRACE from MAHADEVA SHAMBHO PARVATI MAA from @lordofayodhya • भागवती सती भगवान शिव से उनकी समाधि खुलने के। आस अपने पिता दक्ष के घर जाने की आज्ञा माँगतीहुई. भागवान शिव उन्हें समझाते हुए कि बिना बुलाए कहीं नहीं जाना चाहिये। RamCharitManas Day#39 Baal Kand #arteruasia #digitalart #ramcharitmanas#lordofayodhya Doha #59,60 नित नव सोचु सतीं उर भारा। कब जैहउँ दुख सागर पारा।। मैं जो कीन्ह रघुपति अपमाना। पुनिपति बचनु मृषा करि जाना।। सो फलु मोहि बिधाताँ दीन्हा। जो कछु उचित रहा सोइ कीन्हा।। अब बिधि अस बूझिअ नहि तोही। संकर बिमुख जिआवसि मोही।। कहि न जाई कछु हृदय गलानी। मन महुँ रामाहि सुमिर सयानी।। जौ प्रभु दीनदयालु कहावा। आरती हरन बेद जसु गावा।। तौ मैं बिनय करउँ कर जोरी। छूटउ बेगि देह यह मोरी।। जौं मोरे सिव चरन सनेहू। मन क्रम बचन सत्य ब्रतु एहू।। दो0- तौ सबदरसी सुनिअ प्रभु करउ सो बेगि उपाइ। होइ मरनु जेही बिनहिं श्रम दुसह बिपत्ति बिहाइ।।59।। सो0-जलु पय सरिस बिकाइ देखहु प्रीति कि रीति भलि। बिलग होइ रसु जाइ कपट खटाई परत पुनि।।57ख।। –*–*– एहि बिधि दुखित प्रजेसकुमारी। अकथनीय दारुन दुखु भारी।। बीतें संबत सहस सतासी। तजी समाधि संभु अबिनासी।। राम नाम सिव सुमिरन लागे। जानेउ सतीं जगतपति जागे।। जाइ संभु पद बंदनु कीन्ही। सनमुख संकर आसनु दीन्हा।। लगे कहन हरिकथा रसाला। दच्छ प्रजेस भए तेहि काला।। देखा बिधि बिचारि सब लायक। दच्छहि कीन्ह प्रजापति नायक।। बड़ अधिकार दच्छ जब पावा। अति अभिमानु हृदयँ तब आवा।। नहिं कोउ अस जनमा जग माहीं। प्रभुता पाइ जाहि मद नाहीं।। दो0- दच्छ लिए मुनि बोलि सब करन लगे बड़ जाग। नेवते सादर सकल सुर जे पावत मख भाग।।60।। P.S: Apologies if there are any errors of mind or understanding. . . . Follow @LordofAyodhya for art related to Shree Ram and Ramcharit manas Follow @arteurasia for more diverse art. . . #sitaram #ram #bhakti #ayodhya #sabkeshreeram #imagination #creativity #wonder #art #digitalart #aiart #digitalartist #lordofayodhya #bharat #uttarpradesh #india #ramcharitmanas #arteurasia https://www.instagram.com/p/Col9EJdOJ4t/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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powerlordhanuman · 10 months
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Lord Hanuman chalisa
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श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि बरनऊं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन कुमार बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुं लोक उजागर रामदूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवनसुत नामा महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुंडल कुंचित केसा हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै कांधे मूंज जनेऊ साजै संकर सुवन केसरीनंदन तेज प्रताप महा जग बन्दन विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मन बसिया सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा भीम रूप धरि असुर संहारे रामचंद्र के काज संवारे लाय सजीवन लखन जियाये श्रीरघुबीर हरषि उर लाये रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई सहस बदन तुम्हरो जस गावैं अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा जम कुबेर दिगपाल जहां ते कबि कोबिद कहि सके कहां ते तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना लंकेस्वर भए सब जग जाना जुग सहस्र जोजन पर भानू लील्यो ताहि मधुर फल जानू प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं जलधि लांघि गये अचरज नाहीं दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते राम दुआरे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसारे सब सुख लहै तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहू को डर ना आपन तेज सम्हारो आपै तीनों लोक हांक तें कांपै भूत पिसाच निकट नहिं आवै महाबीर जब नाम सुनावै नासै रोग हरै सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा संकट तें हनुमान छुड़ावै मन क्रम बचन ध्यान जो लावै सब पर राम तपस्वी राजा तिन के काज सकल तुम साजा और मनोरथ जो कोई लावै सोइ अमित जीवन फल पावै चारों जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा साधु संत के तुम रखवारे असुर निकंदन राम दुलारे अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता अस बर दीन जानकी माता राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा तुम्हरे भजन राम को पावै जनम-जनम के दुख बिसरावै अन्तकाल रघुबर पुर जाई जहां जन्म हरि भक्त कहाई और देवता चित्त न धरई हनुमत सेइ सर्ब सुख करई संकट कटै मिटै सब पीरा जो सुमिरै हनुमत बलबीरा जै जै जै हनुमान गोसाईं कृपा करहु गुरुदेव की नाईं जो सत बार पाठ कर कोई छूटहि बंदि महा सुख होई जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा होय सिद्धि साखी गौरीसा तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय मंह डेरा कीजै नाथ हृदय मंह डेरा पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप.
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blessed1neha · 1 year
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If the horoscope of Lord Ram and Sita was a perfect match? Why was there so much suffering in their marriage then?
This is the most common query when one thinks about Astrology and its utility. Being perplexed about the life events of any of the Vishnu Avtaars or even the Rudra Avtaar, even when they were all Demi-Gods, is obvious!
A relevant couplet by Saint Kabir Das Ji can be quoted:
मुनि वशिष्ट से पंडित ज्ञानी , सोध के लगन धरी । सीता हरन मरन दशरथ को , वन में बिपति परी । करम गति टारे नाहीं टरी ।
So, here we are talking about two great Kings, Dashrath and Janak Both were very righteous, and their subjects had much adoration for both.
King Janak, was even referred to the most learned wise man, or the ‘Sat Guru’ of his times. Whereas Dashrath had the honour of having Muni Vasisth as his ‘Kul Guru’
So, basically it can be assumed that both collectively did the right thing for their age and times. [Remember, they were great Kings and their pupil were like their family.]
Then, what went wrong? Nothing! Yes, absolutely nothing went wrong. It was all pre-planned and pre-destined.
The purpose of horoscope matching for marriage, is that they both should be supportive to each others cause and purpose of life. This is what happened in Sia-Ram’s match.
The purpose of Shri Ram was to get rid of the devils dwelling around, who were posing a threat to all the sages and humans in general. As a future king, it was his duty too, to cleanse all the evil doers in the society before establishing the Ram-Rajya! How else could have been a king on excursion (or exile, as it is termed) for 14 years without raising an eyebrow!
In getting married Sita Ji to Ram, she supported him in all his endeavors, be it the van-vaas, be it her kidnapping (as it was also needed as a premise for an exiled Prince to attack on an enemy, Ram being Purush-uttom, couldn’t do anything adharmik)
Considering, why did Laxman became an accomplice to Ram. Here too, we need to broaden the perspectives of two brothers taking care of the Kingdom, while two others taking care of the others. In the current scenario, you may count it as Ministry of External Affairs and Ministry of Defense, being Ram (always being politically correct & Laxman always being the aggressive) while the other portfolio of the cabinet resting with Bharat & Shatrughan.
Did Ram and Sita really suffered? Where is it written in any of the Ramayanas written by anyone? While it has clearly mentioned of the pain and agony of Dashrath while sending Ram to exile or the agony of Ram when Laxman went into coma. So, it is us mortals who are unaware of the true mission, consider their lives to be full of pain, while it mustn’t have been.
What was the achievement of this particular episode of Ramayana? All the Devils were neutralized, friendly relations were established with all the neighboring kingdoms.
The losses thus occurred? Except for the pains while a team is out on excursion, there was no loss, the Kingdom, the family, the pupil, the neighboring states, all were handed back to Ram on his return.
Now, look at Uttar Ramayana Sita was sent to exile, as people said that she became impure due to her stay with the devil. This is what we know! While the fact is, Sita is Pious, and was kept pious by Ravana. He never used force onto her, when he was such a great warrior! We are so used to hear about rape cases all around us these days; wasn’t it possible for Ravan? He never did! So why did Ram sent her to exile (or to Valmiki Ji’s Ashram)? The basic reason is that Sita ji was pregnant, and as we know, the sanskar gained during pregnancy have a lasting effect onto the child (Abhimanyu of Mahabharata is a true example). In the Ashram, she would be taken care of! She would receive the best knowledge through Maharishi Valmiki and the kids would attain the basic learning and knowledge in the best possible manner, while keeping aloof from the glitz and glamour of a princely life!
Finally they were tested too, both at the court of Shri Ram and in the war front when they stopped the Horse of the Ashv-Megh-Yagna.
So, in totality, Ayodhya received the best of king as Shri Ram and his sons Luv-Kush. It was well matched through Muni Vasisth as per the need of those times.
Hence, kundli matching isn’t always done for a happy life, rather its a means to achieve the desired result (Karmic outcomes) out of a marriage.
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pgkadam75 · 2 days
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पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप। hanuman chalisa | हनुमान चालीसा |#shor...
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IND vs SL: सूर्यकुमार यादव की तूफानी पारी देख हैरान हुए विराट कोहली, ऐसा दिया रिएक्शन
IND vs SL: सूर्यकुमार यादव की तूफानी पारी देख हैरान हुए विराट कोहली, ऐसा दिया रिएक्शन
IND vs SL तीसरा टी20: भारत और श्रीलंका के बीच शनिवार को राजकोट में खेले गए तीसरे टी20 मैच में सूर्यकुमार यादव की खतरनाक बल्लेबाजी देख क्रिकेट प्रेमियों के रोंगटे खड़े हो गए. तीसरे और निर्णायक मैच में भारत ने 91 रनों की शानदार जीत दर्ज की और सीरीज पर 2-1 से कब्जा कर लिया। टीम इंडिया की इस धमाकेदार जीत के हीरो रहे तूफानी बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव. उन्होंने विस्फोटक बल्लेबाजी करते हुए 51 गेंदों में 7…
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sabkuchgyan · 2 years
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एक ओटीटी शो के लिए शर्म की ड्रेस पहने टीवी की इन 7 संस्कारी दुल्हनों को देख फैंस हुए हैरान
एक ओटीटी शो के लिए शर्म की ड्रेस पहने टीवी की इन 7 संस्कारी दुल्हनों को देख फैंस हुए हैरान
टेलीविजन पर आदर्श बहू का किरदार निभाने वाली कुछ नायिकाओं ने भी टीवी अपने दूसरे अवतार से लोगों को चौंका दिया। एक्ट्रेस की लिस्ट में ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ हिना खान से लेकर ‘कसौटी जिंदगी की’ तक श्वेता तिवारी का नाम शामिल है।एक्ट्रेस त्रिधा चौधरी ‘दहलीज’ में बेहद परिष्कृत लुक में नजर आई थीं। लेकिन ‘आश्रम’ वेब सीरीज में एक्ट्रेस ने बॉबी देओल के साथ कई बोल्ड सीन किए। इसके अलावा कई वेब शोज में…
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studycarewithgsbrar · 2 years
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Intertesting Viilage: भारत के आखिरी गांव के रोचक तथ्य जानकर हैरान रह जाएंगे आप - Punjab News Latest Punjabi News Update आज
Intertesting Viilage: भारत के आखिरी गांव के रोचक तथ्य जानकर हैरान रह जाएंगे आप – Punjab News Latest Punjabi News Update आज
भारत का अंतिम जीवित मुख्य शिकारी: आपने कई गांवों के दिलचस्प किस्से सुने और देखे होंगे, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा गांव देखा है जहां लोग भारतीय रसोई में खाना बना रहे हों लेकिन सोने के लिए दूसरे देश में चले जाएं। इस गांव में यह एक दिन की बात नहीं है बल्कि आए दिन होती है। हाँ, कृपया मुझे बताओ क्यों। दरअसल इस गांव का एक हिस्सा भारत में है और दूसरा किसी दूसरे देश में। इस गांव का ��ाम लोंगवा है। इसे भारत…
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lyricsssdotin · 6 months
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दोहा : श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। चौपाई : जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। प्रमोटेड कंटेंट रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा।। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूंज जनेऊ साजै। संकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।। विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।। भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।। जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।। तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।। तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना। लंकेस्वर भए सब जग जाना।। जुग सहस्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।। प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।। दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।। राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।। सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना।। आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।। भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।। संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।। सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा। और मनोरथ जो कोई लावै। सोइ अमित जीवन फल पावै।। चारों जुग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।। साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।। अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन जानकी माता।। राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।। तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।। अन्तकाल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।। और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।। संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।। जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।। जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई।। जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।। तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।। दोहा : पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।। Discover the spiritual power of the Hanuman Chalisa, a revered 40-verse hymn celebrating the mighty monkey god Hanuman. Penned by the legendary 16th-century poet Tulsidas, this hymn is a profound tribute to Hanuman's unyielding strength, loyalty, and faith, resonating deeply in Hindu devotion. Hanuman, a central figure in Hindu mythology, symbolizes the pinnacle of courage, intellect, and altruism. His absolute devotion to Lord Rama, resilience against challenges, and firm belief in the victory of good over evil have positioned him as a timeless source of inspiration for countless devotees. The Hanuman Chalisa beautifully encapsulates Hanuman's divine attributes through its lyrical depth and symbolic richness. More than a hymn of praise, it offers a pathway for personal transformation and spiritual enlightenment. Exploring the Hanuman Chalisa: Unveiling the Layers of Devotion: The Hanuman Chalisa unfolds in two distinct sections, each illuminating a different facet of Hanuman's complex character. The initial 39 verses celebrate Hanuman, highlighting his extraordinary strength, keen intelligence, and deep devotion to Lord Rama. Each verse of the Hanuman Chalisa intricately reveals Hanuman's character, showcasing his fearless courage against daunting demons, steadfast loyalty to Lord Rama, and unshakable commitment to Dharma. The language, both simple and vivid, draws the reader into Hanuman's world of remarkable achievements and profound devotion. The concluding section of the Hanuman Chalisa, comprising the final verse, transitions from adulation to appeal.
It embodies a deep, humble prayer, reflecting total surrender to Hanuman's divine grace. Here, the devotee acknowledges Hanuman's mighty power and kindness, earnestly seeking his blessings and guardianship in life's journey. The Hanuman Chalisa: A Tapestry of Symbolism Far beyond a simple hymn, the Hanuman Chalisa stands as a deeply spiritual scripture, imbued with rich symbolism and profound meaning. Each verse is a gateway to deeper understanding, inviting devotees to reflect on devotion, service, and the path to self-realization. Hanuman's epic leap to Lanka transcends mere mythology, symbolizing the soul's ascent from the material to the spiritual. His triumph over demons echoes the conquest of negative thoughts that obstruct spiritual growth. His unwavering devotion to Rama becomes a guiding light for personal spiritual quests. Benefits and Transformative Power: A Hymn for All The Hanuman Chalisa transcends religious boundaries, offering transformative power to people of all faiths. It inspires with its emphasis on courage, strength, and steadfast faith, resonating with anyone on a journey of self-discovery and personal growth. Reciting the Hanuman Chalisa with true devotion can lead to life-changing effects. It nurtures inner strength and resilience, empowering one to tackle challenges with courage. It strengthens faith during tough times, offering comfort and hope. Moreover, it deepens devotion to higher ideals, steering individuals on a path of righteousness and spiritual fulfillment. Conclusion: A Legacy of Inspiration The Hanuman Chalisa transcends time and cultures, impacting millions worldwide. Its sustained popularity reflects its ability to inspire, uplift, and instigate transformation. This hymn resonates with the universal human spirit, shining as a beacon of hope and a guide towards spiritual awakening and self-realization. More than a devotional hymn, the Hanuman Chalisa is a living tribute to Hanuman's unwavering strength, loyalty, and faith. Continuously inspiring, it guides individuals towards personal growth, spiritual fulfillment, and steadfast devotion to higher ideals. #HinduDevotionalSongs https://lyricsss.in/hanuman-chalisa-%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a4%a8%e0%a5%81%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%80%e0%a4%b8%e0%a4%be/?feed_id=91&Lyricsss
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bhaktiportal · 7 months
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Hanuman Chalisa PDF in Hindi – श्री हनुमान चालीसा हिंदी में
Hanuman Chalisa PDF – हनुमान चालीसा पीडीएफ़ में डाउनलोड करने के लिए ओर अध्यात्मिक जानकारी के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़े।
हनुमान चालीसा 16 वीं शताब्दी में अवधी भाषा में तुलसीदास जी  द्वारा लिखी गई है, जिन्होंने रामचरितमानस भी लिखी थी।
शस्त्रों के अनुसार हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से भक्त के प्रति हनुमान जी को कृपा होता है। हर मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा, हनुमान चालीसा का जाप करने से सभी संकट और विघ्न से हमे रक्षा करता है ।
इस पोस्ट हम हनुमान चालीसा का पाठ करने का क्या लाभ होता है, हनुमान चालीसा पाठ करने की क्या विधि है इसके बारे मे चर्चा करेंगे। आप सबीके सुविधा के लिए हनुमान चालीसा पीडीएफ़ फॉर्मैट में दे रहा हु ।
आप इस Hanuman Chalisa PDF डाउनलोड करके बिना इंटरनेट के भी पढ़ सकते हो।  
Hanuman Chalisa PDF में डाउनलोड करने के लिए पोस्ट में दिए हुए लिंक पर क्लिक करे ।
Read Shri Hanuman Chalisa PDF in Hindi – श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें
||श्री हनुमान चालीसा ||
|| दोहा ||
श्रीगुरु चरन सरोज रज | निज मनु मुकुरु सुधारि ||
बरनऊं रघुबर बिमल जसु | जो दायकु फल चारि ||
बुद्धिहीन तनु जानिके | सुमिरौं पवन-कुमार ||
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं | हरहु कलेस बिकार ||
|| चौपाई ||
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर | जय कपीस तिहुं लोक उजागर ||
रामदूत अतुलित बल धामा | अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा || २ ||
महाबीर बिक्रम बजरंगी | कुमति निवार सुमति के संगी ||
कंचन बरन बिराज सुबेसा | कानन कुंडल कुंचित केसा || ४ ||
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै | कांधे मूंज जनेऊ साजै ||
संकर सुवन केसरीनंदन | तेज प्रताप महा जग बन्दन || ६ ||
विद्यावान गुनी अति चातुर  | राम काज करिबे को आतुर ||
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया | राम लखन सीता मन बसिया || ८ ||
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा | बिकट रूप धरि लंक जरावा ||
भीम रूप धरि असुर संहारे | रामचंद्र के काज संवारे || १० ||
लाय सजीवन लखन जियाये | श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ||
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई | तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई || १२ ||
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं | अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ||
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा | नारद सारद सहित अहीसा || १४ ||
जम कुबेर दिगपाल जहां ते | कबि कोबिद कहि सके कहां ते ||
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा | राम मिलाय राज पद दीन्हा || १६ ||
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना | लंकेस्वर भए सब जग जाना ||
जुग सहस्र जोजन पर भानू | लील्यो ताहि मधुर फल जानू || १८ ||
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं | जलधि लांघि गये अचरज नाहीं ||
दुर्गम काज जगत के जेते | सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते || २० ||
राम दुआरे तुम रखवारे | होत न आज्ञा बिनु पैसारे ||
सब सुख लहै तुम्हारी सरना | तुम रक्षक काहू को डर ना || २२ ||
आपन तेज सम्हारो आपै | तीनों लोक हांक तें कांपै ||
भूत पिसाच निकट नहिं आवै | महाबीर जब नाम सुनावै || २४ ||
नासै रोग हरै सब पीरा | जपत निरंतर हनुमत बीरा ||
संकट तें हनुमान छुड़ावै | मन क्रम बचन ध्यान जो लावै || २६ ||
सब पर राम तपस्वी राजा | तिन के काज सकल तुम साजा ||
और मनोरथ जो कोई लावै | सोइ अमित जीवन फल पावै || २८ ||
चारों जुग परताप तुम्हारा | है परसिद्ध जगत उजियारा ||
साधु-संत के तुम रखवारे | असुर निकंदन राम दुलारे || ३० ||
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता | अस बर दीन जानकी माता ||
राम रसायन तुम्हरे पासा | सदा रहो रघुपति के दासा || ३२ ||
तुम्हरे भजन राम को पावै | जनम-जनम के दुख बिसरावै ||
अन्तकाल रघुबर पुर जाई | जहां जन्म हरि-भक्त कहाई || ३४ ||
और देवता चित्त न धरई | हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ||
संकट कटै मिटै सब पीरा || जो सुमिरै हनुमत बलबीरा || ३६ ||
जै जै जै हनुमान गोसाईं | कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ||
जो शत बार पाठ कर कोई | छूटहि बंदि महा सुख होई || ३८ ||
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा | होय सिद्धि साखी गौरीसा ||
तुलसीदास सदा हरि चेरा | कीजै नाथ हृदय मंह डेरा || ४० ||
|| दोहा ||
पवन तनय संकट हरन | मंगल मूरति रूप || राम लखन सीता सहित | हृदय बसहु सुर भूप ||
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dotengine · 8 months
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क्या कैच है! VIDEO देख आप भी हो जाएंगे हैरान
क्रिकेट हिंदुस्तान में ऐसा खेल जिसकी दीवानगी लोगों के सर चढ़ कर बोलती है. #कय #कच #ह #VIDEO #दख #आप #भ #ह #जएग #हरन
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topbloggerofalltime · 8 months
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हनुमान चालीसा
॥ श्री हनुमान चालीसा ॥
॥ दोहा॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार । बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ॥
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॥ चौपाई ॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥
राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥
महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुँचित केसा ॥४
हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेउ साजै ॥
शंकर स्वयं/सुवन केसरी नंदन । तेज प्रताप महा जगवंदन ॥
बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ॥८
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥
भीम रूप धरि असुर सँहारे । रामचन्द्र के काज सँवारे ॥
लाय सजीवन लखन जियाए । श्री रघुबीर हरषि उर लाये ॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते । कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना । राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६
तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना । लंकेश्वर भए सब जग जाना ॥
जुग सहस्त्र जोजन पर भानु । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥
दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥२०
राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रक्षक काहू को डरना ॥
आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हाँक तै काँपै ॥
भूत पिशाच निकट नहिं आवै । महावीर जब नाम सुनावै ॥२४
नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥
संकट तै हनुमान छुडावै । मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥
सब पर राम तपस्वी राजा । तिनके काज सकल तुम साजा ॥
और मनोरथ जो कोई लावै । सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८
चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ॥
साधु सन्त के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता । अस बर दीन जानकी माता ॥
राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२
तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुख बिसरावै ॥
अंतकाल रघुवरपुर जाई । जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥
और देवता चित्त ना धरई । हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥
संकट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥३६
जै जै जै हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥
जो सत बार पाठ कर कोई । छूटहि बंदि महा सुख होई ॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय मह डेरा ॥४०
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॥ दोहा ॥ ���वन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप । राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ॥
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