कलि के शंकर खोटे
हिय में इनके दरसन राजे, मति में पोथे मोटेभगति बिसराय नीति बखाने कलि के शंकर खोटे।
अवध बुलावे भूरि भाव से, ये अहं में लोटे-पोटेइतिहासन में दर्ज़ भयेंगें चतुर नाम कलकोटे।
तिमिर जलधि में ज्योत जराई, आदि प्रभु थे छोटेबड़कन बना रहे पीठन को भरम भरे परकोटे।
राम-राम रज-रिक्त रज्यो पर, चार मनन हैं कचोटेक्यों भावे घूंट तुलसी बचन जब पीये मिथ्या के लोटे।
आंगन बैठ आसीस पठावे, नखत आडंबर ओटेकहत है…
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1. (पृष्ठ 32ए 33 पर):-- ठहरो स्वर्ण युग (रामराज्य) आ रहा है। एक अधेड़ उम्र का औदार्य (उदार) अजोड़ महासत्ता #अधिकारी #भारत ही नहीं सारी पृथ्वी पर #स्वर्णयुग लाएगा और अपने #सनातन धर्म का पुनरूत्थान करके #यथार्थभक्ति मार्ग बताकर सर्वश्रेष्ठ #हिन्दू राष्ट्र बनाएगा। तत्पश्चात् #ब्रह्मदेश #पाकिस्तान, बांग्ला, #श्रीलंका, नेपाल, #तिब्बत (तिबेत), #अफगानिस्तान, #मलाया आदि देशों में वही सार्वभौम #धार्मिक #नेता होगा। सत्ताधारी चांडाल चैकडि़यों पर उसकी #सत्ता होगी वह नेता (शायरन) #दुनिया को अधाप मालूम होना है, बस देखते रहो। #saintrampalji https://www.instagram.com/p/Cl4zbqQSdWX/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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हमारे #सनातन धर्म का दर्शन कराती अति #सुंदर घड़ी।। 12:00 बजने के स्थान पर आदित्य लिखा हुआ है जिसका अर्थ यह है कि सूर्य 12 प्रका�� के होते हैं। 1:00 बजने के स्थान पर ब्रह्म लिखा हुआ है इसका अर्थ यह है कि ब्रह्म एक ही प्रकार का होता है ।एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति। 2:00 बजने की स्थान पर अश्विन और लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि अश्विनी कुमार दो हैं। 3:00 बजने के स्थान पर त्रिगुणः लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि गुण तीन प्रकार के हैं ---- सतोगुण रजोगुण तमोगुण। 4:00 बजने के स्थान पर चतुर्वेद लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि वेद चार प्रकार के होते हैं -- ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद और अथर्ववेद। 5:00 बजने के स्थान पर पंचप्राणा लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य है कि प्राण पांच प्रकार के होते हैं । 6:00 बजने के स्थान पर षड्र्स लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि रस 6 प्रकार के होते हैं । 7:00 बजे के स्थान पर सप्तर्षि लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि सप्त ऋषि 7 हुए हैं । 8:00 बजने के स्थान पर अष्ट सिद्धियां लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि सिद्धियां आठ प्रकार की होती है । 9:00 बजने के स्थान पर नव द्रव्यणि अभियान लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि 9 प्रकार की निधियां होती हैं। 10:00 बजने के स्थान पर दश दिशः लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि दिशाएं 10 होती है। 11:00 बजने के स्थान पर रुद्रा लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि रुद्र 11 प्रकार के हुए हैं। https://www.instagram.com/p/Ck_QtMGMjSR/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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भारत ने विश्व को दिव्यता का बोध कराया
प्रभु प्रेमी संघ द्वारा चलें दिव्य जीवन की ओर विषय पर आयोजित व्याख्यान माला को संबोधित करते हुए जूनापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद जी ने कहा कि इस समय भारत का नेतृत्व योग्य हाथों में हैं। इसलिए हमें नकारात्मक को त्यागना होगा। स्वामी जी ने कहा कि यह भारत भूमि है जो परमात्मा का बेटा नहीं पैदा करती बल्कि परमात्मा ही पैदा करती है। यही वह धरा है, जिसने उस वक्त दुनिया को दशमलव, प्रतिशत, शून्य व आत्मज्ञान…
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सनातन संस्थेच्या वतीने सिंधुदुर्गात ८ ठिकाणी ‘गुरुपौर्णिमा महोत्सव'
सनातन संस्थेच्या वतीने सिंधुदुर्गात ८ ठिकाणी ‘गुरुपौर्णिमा महोत्सव’
९ भाषांत होणार ऑनलाईन महोत्सव
धर्मनिष्ठ समाज निर्मितीसाठी ‘गुरुपौर्णिमा महोत्सवां’त सहभागी व्हा !
सनातन संस्थेचे आवाहन
ब्युरो । सिंधुदुर्ग : हिंदु धर्मातील अद्वितीय अशी श्रेष्ठ परंपरा म्हणजे ‘गुरु-शिष्य परंपरा’ ! राष्ट्र आणि धर्म संकटात असतांना सुव्यवस्था निर्माण करण्याचे महत्कार्य गुरु-शिष्यांनी केल्याचा गौरवशाली इतिहास भारताला लाभला आहे. त्या त्या काळी अधर्म माजला असतांना भगवान श्रीकृष्णाने…
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सनातन धर्म में प्रवेश करने वाले जफ़र शेख ने कहा "ब्रह्मांड का प्रत्येक मनुष्य सनातनी"
सनातन धर्म में प्रवेश करने वाले जफ़र शेख ने कहा “ब्रह्मांड का प्रत्येक मनुष्य सनातनी”
मंदसौर के जफ़र शेख ने सनातन धर्म में प्रवेश कर कहा “तलवार के दम पर नहीं, बल्कि अपनी मर्जी से बना हूँ हिन्दू।”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मध्य प्रदेश के मंदसौर में शेख जफर नाम के एक व्यक्ति ने विधि-विधान से हिन्दू धर्म अपनाते हुए घर वापसी की है। अब वो चैतन्य सिंह राजपूत के नाम से जाने जाएँगे। उन्होंने स्थानीय पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए महामंडलेश्वर चिदंबरानंद सरस्वती से आशीर्वाद भी…
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सनातन धर्म महान है आदि सनातन धर्म के अनुसार श्री ब्रह्मा, विष्णु ,महेश केवल तीन नाशवान लोक पृथ्वी लोक स्वर्ग लोक पाताल लोक के प्रभु हैंl
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झूठ त्यागो, सत्य स्वीकारो
वर्तमान के संतों ने आज तक सृष्टि की रचना कैसे हुई, इसका रचियता कौन है? यह शास्त्रों से स्पष्ट नहीं किया।
जबकि श्रीमद् देवी भागवत पुराण पेज नंबर 123 से स्पष्ट होता है की ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी जन्म मृत्यु में है। फिर सृष्टि रचनहार कौन हैं ? सिर्फ संत रामपाल जी महाराज जी ने ही यह स्पष्ट किया।
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#सनातनधर्म_का_पुनरुत्थान
हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक में बताया गया है कि सनातनी पूजा का अंत कैसे हुआ और सनातनी पूजा का पुनः उत्थान कैसे होगा। पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
Sant Rampal Ji Maharaj App
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