CM Yogi की बड़ी बैठक, Atiq Ahmed मर्डर के बाद कई सख्त फैसले, जानिए
CM Yogi Atiq Ahmed और Ashraf की नृशंस हत्या मामले में सख्ती दिखा रहे हैं। शनिवार रात करीब 10.30 बजे पुलिस हिरासत में हुई हत्या के बाद कई घंटों तक चली उत्तर प्रदेश की हाईलेवल बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं।
यूपी पुलिस के आला अधिकारियों संग बैठक
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पांच अधिकारियों को प्रयागराज भेजने का फैसला हुआ है। Prayagraj की वारदात के बाद सीएम योगी की अध्यक्षता…
पीएमजीएसवाई कार्यालय में फैली गन्दगी को देखकर जिलाधिकारी ने जताई सख्त नाराजगी
पीएमजीएसवाई कार्यालय में फैली गन्दगी को देखकर जिलाधिकारी ने जताई सख्त नाराजगी
पीएमजीएसवाई कार्यालय में फैली गन्दगी को देखकर जिलाधिकारी ने सख्त नाराजगी जताई।
जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. सौरभ गहरवार की उपस्थित में आज विभिन्न कार्यालयों के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा एक मुहिम चलाकर कार्यालय परिसरों में झाड़ी कटान करने के साथ ही प्लास्टिक एवं अन्य प्रकार का कचरा इकट्ठा कर नगरपालिका के वाहन द्वारा डंपिंग जोन में भेजा गया।
इससे पूर्व जिलाधिकारी द्वारा जिला कार्यालय सहित अन्य…
क्राइम अगेंस्ट वूमेन के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत- जस्टिस एम आर शाह
क्राइम अगेंस्ट वूमेन के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत- जस्टिस एम आर शाह
रांची। ज्यूडिशिएल एकेडमी में महिलाओं के खिलाफ जारी आपराधिक घटनाओं पर विमर्श को लेकर शनिवार को कार्यक्रम आयोजित की गई। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस अनिरूद्ध बोस और झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि क्राइम अगेंस्ट वूमेन के खिलाफ अब सख्त कदम समय की मांग है। इसे बड़े तरीके से निपटना भी जरूरी…
शिवराज सिंह चौहान : अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल भिजवाएं... यूरिया गायब होने पर सीएम ने तड़के दिखाया सख्त रवैया
शिवराज सिंह चौहान : अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें जेल भिजवाएं… यूरिया गायब होने पर सीएम ने तड़के दिखाया सख्त रवैया
भोपाल: एमपी में पोषण घोटाला (एमपी यूरिया लापता खबर) के बाद यूरिया गायब होने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि करीब एक हजार टन यूरिया गायब हो गया है। शुक्रवार की सुबह सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कृषि विभाग और जबलपुर संभाग के अधिकारियों को तलब किया. इस बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने सख्त रुख दिखाया है. साथ ही अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी गई है। उन्होंने दो टूक कहा है कि इसमें शामिल अधिकारियों…
फडणवीस ने कहा, महा एनडीपीएस एक्ट को और सख्त बनाने के लिए संशोधन करेगा
फडणवीस ने कहा, महा एनडीपीएस एक्ट को और सख्त बनाने के लिए संशोधन करेगा
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम में संशोधन करेगा और इसे और अधिक सख्त बनाने के लिए उकसाने को एक गंभीर अपराध बना देगा। वे विधान परिषद में बोल रहे थे।
यह कहते हुए कि साइकोट्रोपिक दवाओं का खतरा कैंसर की तरह फैल रहा है, फडणवीस, जो गृह मंत्री भी हैं, ने कहा कि सरकार की योजना ड्रग्स के खिलाफ बड़े पैमाने पर…
कळाला Zakir Khan च्या 'सख्त लौंडा'चा अर्थ, किती घेतो मानधन?
कळाला Zakir Khan च्या ‘सख्त लौंडा’चा अर्थ, किती घेतो मानधन?
कळाला Zakir Khan च्या ‘सख्त लौंडा’चा अर्थ, किती घेतो मानधन?
कॉमेडियन झाकीर खानची आठवण झाली की लोकांच्या मनात पहिले दोन शब्द येतात ते म्हणजे सक्त लौंडा. एका मुलाखतीत झाकीरने या शब्दाचा अर्थ काय आहे हे सांगितलं. तसंच त्याच्या वाढदिवसानिमित्त त्याच्याबद्दल फारशा माहीत नसलेल्या गोष्टी जाणून घेऊ.
कॉमेडियन झाकीर खानची आठवण झाली की लोकांच्या मनात पहिले दोन शब्द येतात ते म्हणजे सक्त लौंडा. एका मुलाखतीत…
हजरत मुहम्मद जी ने पवित्र कुरान शरीफ के अनुसार इबादत करी और 63 वर्ष की आयु में सख्त बीमार होकर तड़पते-2 भी नमाज की। तथा घर पर आकर असहनीय पीड़ा में सारी रात तड़फ कर प्राण त्याग दिए। क्या कुरान शरीफ में सही इबादत करने का मार्ग है?
हजरत मुहम्मद जी ने पवित्र कुरान शरीफ के अनुसार इबादत करी और ६३ वर्ष की आयु में सख्त बीमार होकर तडपते-२ भी नमाज की। तथा घर पर आकर असहनीय पीडा में सारी रात तडफ़ कर प्राण त्याग दिए। क्या कुरान शरीफ में सही इबादत करने का मार्ग है?
लखनऊ, 24.08.2023 | पृथ्वी के आवश्यक तत्वों में से एक, जल जीवन की प्रमुख आवश्यकता है तथा इसके बिना सभी जीवित प्राणी और पौधे समाप्त हो जाते हैं | विश्व में तेजी से बढ़ रहे जल संकट एवं जल संरक्षण हेतु समाज और सरकार की जिम्मेदारी पर प्रकाश डालने हेतु विश्व जल सप्ताह 2023 के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा लोयोला इंटरनेशनल स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में वाद विवाद प्रतियोगिता एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया | यह कार्यक्रम लोयोला इंटरनेशनल स्कूल, महानगर, लखनऊ में आयोजित किया गया जिसके अंतर्गत प्रतिभागियों ने Conservation of Water Resources is the Government's Responsibility विषय पर अपने अपने विचार प्रस्तुत किये जिसमें उन्होंने सरकार के साथ-साथ समाज के लोगों से भी पानी को बचाने एवं जल स्रोतों को संरक्षित रखने की अपील की |
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की प्रबंध न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, लोयोला इंटरनेशनल स्कूल की शिक्षिकाओं मिस शुभी कपूर व मिस अंकिता ने दीप प्रज्वलन किया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी लोगों को चंद्रयान 3 के चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की बधाई दी तथा कहा कि हम सभी को भारत के वैज्ञानिकों पर गर्व है तथा हम सभी को अपने देश को पूरे विश्व में गौरवान्वित करने हेतु निरंतर प्रयास करना चाहिए | जल संरक्षण आज के समय का एक बहुत ज्वलंत मुद्दा है | जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी का 71% हिस्सा पानी से ढका हुआ है जिसमें से सिर्फ 3% पानी ही पीने योग्य है जिसका सदुपयोग करना तथा संरक्षण करना हम सभी की जिम्मेदारी है एवं समाज के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें सरकार के साथ मिलकर जल समस्या को दूर करने का संकल्प लेना चाहिए जिससे हमारी आने वाली पीढ़ियों को जल संकट का सामना न करना पड़े |
लोयोला इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमती श्रुति सिंह ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी तथा कहा कि हमारे समाज में ऐसे कई ज्वलंत मुद्दे हैं जिन पर समाज और सरकार दोनों का ध्यान आकर्षित करने की आवश्यकता है | मैं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का आभार प्रकट करती हूं जिन्होंने विश्व में बढ़ रहे जल संकट पर जागरूकता फैलाने हेतु इस कार्यक्रम का आयोजन किया | मेरा मानना है कि स्कूलों में इस तरह की गतिविधियां आयोजित होती रहनी चाहिए जिससे छात्र-छात्राओं के अंदर और अधिक आत्मविश्वास विकसित हो सके तथा वे अपने देश को और अच्छी तरीके से जान सके |
Conservation of Water Resources is the Government's Responsibility विषय पर सभी प्रतिभागियों ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारत जैसे बड़े देश में कई ऐसे कल कारखाने हैं जो जल को प्रदूषित करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं साथ ही मंदिरों में चढ़ाए गए फूल और प्रसाद भी जल में विसर्जित कर दिया जाते है, लोग शवों को नदियों में बहा देते हैं और प्रशासन उनके सामने लाचार-सा प्रतीत होता है, इसलिए हम सबको मिलकर लोगों में जल प्रदूषण को समाप्त करने हेतु जागरूकता फैलानी चाहिए और अपनी नदियों, तालाबों को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए । इसके अलावा हमारा सरकार से अनुरोध है कि जल प्रदूषण को रोकने और जल संरक्षण हेतु और अधिक सख्त नियम और कानून बनाए और जो भी व्यक्ति नियमों की अनदेखी करे उस पर सख्त कार्रवाई हो ताकि हम भविष्य के लिए पानी को बचा सके।
वाद विवाद प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को दो वर्गों में बांटा गया:कनिष्ठ वर्ग एवं वरिष्ठ वर्ग | कनिष्ठ वर्ग से आनंदी सोनकर, अंशिका मिश्रा, सवा आलम तथा पर्णिका श्रीवास्तव व वरिष्ठ वर्ग से श्रेया गुप्ता, रुबाब जेहरा, सादिया खान तथा खदीजा मसूद ने प्रतियोगिता में प्रतिभागिता की जिसमें कनिष्ठ वर्ग से पर्णिका श्रीवास्तव को प्रथम व अंशिका मिश्रा को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया | वरिष्ठ वर्ग से रुबाब चेहरा को प्रथम पुरस्कार तथा श्रेया गुप्ता को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ सभी प्रतिभागियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र दिया गया |
वाद विवाद प्रतियोगिता एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में डॉ रूपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, श्रीमती श्रुति सिंह, प्रधानाचार्या, लोयोला इंटरनेशनल स्कूल, शिक्षिकाओं मिस शुभी कपूर, मिस अंकिता, मिस सहर जैदी, मिस खुशबू टिबरेवाल की गरिमामयी उपस्थिति रही | कार्यक्रम का संचालन ख़ुलूद फरहात ने किया |
हजरत मुहम्मद जी ने पवित्र कुरान शरीफ के अनुसार इबादत करी और ६३ वर्ष की आयु में सख्त बीमार होकर तडपते-२ भी नमाज की। तथा घर पर आकर असहनीय पीडा में सारी रात तडफ़ कर प्राण त्याग दिए। क्या कुरान शरीफ में सही इबादत करने का मार्ग है?
सोशल मीडिया में गृह मंत्री का Fake Letter, मुख्यमंत्री श्री धामी ने दिए दोषी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश
सोशल मीडिया में गृह मंत्री का Fake Letter, मुख्यमंत्री श्री धामी ने दिए दोषी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश
अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री, श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि संज्ञान में आया है कि किसी व्यक्ति को जेड सिक्योरिटी प्रदान करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को कोई पत्र नहीं भेजा गया है।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया कि सोशल मीडिया में चल रहे इस फेक लैटर को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने दोषी व्यक्ति पर सख्त…
हजरत मुहम्मद जी ने पवित्र कुरान शरीफ के अनुसार इबादत करी और ६३ वर्ष की आयु में सख्त बीमार होकर तडपते-२ भी नमाज की। तथा घर पर आकर असहनीय पीडा में सारी रात तडफ़ कर प्राण त्याग दिए। क्या कुरान शरीफ में सही इबादत करने का मार्ग है?
नई दिल्ली: कोरोना काल के चलते कई लोगो की नोकरी चली गई है। कई लोगो को अभी नौकरी की सख्त जरूरत है।आज के समय में अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने व जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजगार बहुत जरूरी है। कोरोना काल से रोजगार की समस्या ज्यादा गंभीर बनी हुई है। अगर आप भी अपने लिए नौकरी की तलाश कर रहे है तो यह खबर आपके लिए खुशी की खबर है।
UPSC Success Story: 30 बार फेल होने के बावजूद बने IPS , जानिए सफलता के…
जून में रुपये की यात्रा: मजबूत शुरुआत, रिकॉर्ड निचले स्तर को छूना, अब उतार-चढ़ाव; विवरण जानें
जून में रुपये की यात्रा: मजबूत शुरुआत, रिकॉर्ड निचले स्तर को छूना, अब उतार-चढ़ाव; विवरण जानें
रुपया पिछले कुछ समय से कमजोर स्थिति में है, जबकि हाल ही में यह डॉलर के मुकाबले 78.22 के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। हाल के महीनों में रुपये के कमजोर होने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है: पूंजी का पलायन दुनिया भर में सख्त मौद्रिक नीतियों, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और डॉलर की सामान्य मजबूती के बीच देश से बाहर। जून में अब तक घरेलू मुद्रा में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है और करीब 40…
अच्छा या बुरा नही होकर एक वक्त हैं। जो वक्त बेवक्त खाली हो जाता हैं। उस खालीपन के अंदर कई मौसम एक साथ रहा करते हैं।
आज चमकती हुई धूप हैं। सर्द मौसम बहुत पास से गुजर रहा है। धूप निश्चिंत हैं कि अब सर्द मौसम बाधा नहीं बनेंगे, लेकिन बीच बीच में बेमकसद भटकती असंतुष्ट बदली धूप को आशंकित करती हैं। इस आशंका को तब और बल मिलता हैं, जब हवाएं अट्टहास करती पास से गुजर जाती हैं।
शोर करता यह उद्वेलित मालूम पड़ता हैं जैसे बेमतलब का हो।
बेमतलब का होना इसे और जंगली बनाता हैं। उपेक्षा और तिरस्कार से सख्त हो चुका, यह लोगो को दर्द दे कर अपना गुस्सा निकालता है। अपनी पहचान खातिर बार–बार शोर करता अपनी मौजूदगी का अहसास कराता हैं।
लेकिन इन जाड़ों के बाद वाली धूप में तुम्हारा क्या काम?
वेग से गुजरती इन हवाओं को देख धूप थोड़ी देर के लिए ठिठक पड़ती हैं। जानी पहचानी लेकिन पहचान का कोई सिरा नजर नहीं आता। मिलने की खुशबू आ रही , लेकिन कैसे मिले थे याद नही! हवाएं शिकायती और उम्मीद की मिलीजुली नजरों से धूप को ताक रही हैं। जैसे कुछ इशारा करना चाह रही हो। "भूल गए क्या वो तपिश जब मुझे गले लगाएं थे? भूल गए वो शाम जब मेरे आगोश में ताजे हुए थे। या सुकून वाली वो रातें जब तुम मेरे सपनो में सोएं थे? अब मुझे तुम्हारी जरूरत हैं और तुम मुझे निचोड़ रहे हो। सूखा डाल रहे हो। कोई कैसे भूल सकता हैं!"
धूप निःशब्द हैं। थोड़ी देर के लिए सहम जाता हैं। यादें पीछा करती हैं और सुबह ओस बन जाती हैं।
बेउम्मीद मुसाफ़िर बन चुका हवा शुष्क हो चला हैं। धूप का सहारा मिले तो अभी भी बरस सकता हैं, लेकिन इसके आसार नजर नहीं आते। धूप को भी फरवरी का कर्तव्य निभाना हैं। ऐसे कैसे उस आवारगी में वापस मुड़ जाए।
एक दर्द फैल रही हैं हवा के अंदर, एक ऐसा दर्द जिसे दस्तक की कमी खाती हैं। जिधर से गुजरती हैं खामोशी पसरा देती हैं। यह सिर्फ खामोशी नही जादुई खामोशी हैं– जो सर्द हैं रूखा सूखा हैं। सामने पड़ने वाले खुद ब खुद इसमें समा जाते हैं।
यह संक्रमण काल हैं, जिधर ठंडी गर्मी आमने –सामने, नजरे मिलाए एक दूसरे से विदा ले रहे हैं। और अंततः किसी एक को विदा हो जाना हैं। बेदिली से ही सही हर बार इस मौसम में सर्द हवा को ही विदा लेनी पड़ती है। कुछ वक्त गुजार चुकने के बाद भला कौन कही जाना चाहता हैं।
लेकिन कोई आगे बढ़ने के वावजूद भी एकाएक चला तो नही जाता?
ये सर्द हवा भी एकबारगी नही चला जाएगा। जाने कितने प्रेमी जोड़ों को एक दूसरे से वादा करते देख मुस्कुराएगा। ईश्वर से इनके लिए रहम की भीख मांगेगा। फरवरी को मार्च बनाएगा। सुर्ख रंगो में रंगते चला जाएगा। ऐसा जाएगा की पेड़ के सारे पत्ते दूर तक उसका पीछा करेंगे।
सड़क छत खेत तालाब से गुजर कर यह उन गलियों से भी गुजरेगा जिन गलियों में शोर हुआ करता था। अब रात की वीरानगी है।
अतीत को ओढ़े उस जर्जर महल के सूखे रंगो को कुरेदता उसके सीलन को अपने साथ लेता जाएगा।
खंडहर हो चुके उस मकान के गलियारों से भी गुजरेगा और बंद किवाड़ वाली उस कमरे में सपनों को मुस्कुराता छोड़ आगे बढ़ जाएगा।
चलते चलते यह नदी बन जाएगा। समतल पे सरपट दौड़ेगा, खाइयों को भरते थमी थमी चलेगा। सामने पहाड़ आए, किनारे हो लेगा। जंगल को सींचते यात्रा चलता रहेगा।
क्या हैं यह जिंदगी? कभी सब दे देती हैं। कभी एक झटके में सब छीन लेती हैं! लेकिन इस लेन देन में जिंदा रहना जरूरी हैं। इस बात का हवा को पता हैं। रौशनी चौराहे मुहल्ले खेत खलिहान ओझल होने लगे हैं।
यहां से अकेलेपन की यात्रा हैं। वापसी की यात्रा की नियति हमेशा से अकेलेपन की रही हैं। अकेलापन अकेला ही रहता हैं। जिस पल किसी के साथ की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, वह पल प्रायः अकेला गुजरता हैं। कुछ सच्चाईयां भयानक होती हैं। उनके नुकीले दांत होते हैं।
उस जगह से बेदखल हो जाते हैं जहां कुछ वक्त गुजार चुके होते हैं। मन रम जाता हैं। अहंकार अपना घर बना लेता हैं, एक सुंदर महल।
और जब यहां से रवानगी होती है तो सब कुछ बदल जाता हैं।
दिलकश अंदाज की जगह भावशून्यता दिखती हैं। स्वागत करती बांहे अब मजबूरियों में कांप रही होती हैं।
शब्दों में इतनी भी हिम्मत नही कि ढंग से विदा कर सके।
सामने कई रास्ते हैं। जो आगे चल कर एक हो जाते हैं।
वह रास्ता रेगिस्तान को जाता हैं। रेगिस्तान सुना ही था सुना ही रहा।
लोग रास्ते बनाते गए और आंधियां निशान मिटाते गई।
ऐसी पल भर में खो जानें वाली रास्तों में वह होकर भी नही था।
किनारे खड़ा वो पेड़ नजदीक आ रहा हैं।
उमंगों की यात्रा में इसी जगह कुछ वक्त के लिए ठहरा था।
पत्तियां नई–नई सी थी। चिड्डियो की आवाज़ें जैसे महबूब की पुकार हो चले थे।
ढोल बाजे दूर कही गांव में बज रहे थे। शायद कोई दुल्हन धड़कते दिल से अपनी बारात का इंतजार कर रही थी।
अब वो गांव दुल्हन को विदा कर अलसाया सा पड़ा था।
पेड़ भी मौन था।
मुझे पहचानता था मालूम नही। बिना पहचान के कौन कही रुकता हैं।
सामने सपाट आकाश दिख रहा है। मिलों फैली तन्हाईया बांहे फैलाए खड़ी हैं। स्वागत कोई भी करे अच्छा लगता हैं।
शून्य हो चला है समय। समय का शून्य हो जाना वक्त को थाम लेता हैं।
सुख चुकी हवा को लहरे भींगो देने खातिर पास बुला रही हैं।
कभी लहरों के ऊपर हवा तो कभी हवा के ऊपर लहरें। जैसे ईश्वर सबको अपने आगोश में ले लेते हैं वैसे सागर भी हवा को अपने आगोश में लेकर भिगो रही हैं।