फाउंडेशन लर्निंग के लिये उचित माध्यम है मातृभाषा: डाॅ. धन सिंह रावत
फाउंडेशन लर्निंग के लिये उचित माध्यम है मातृभाषा: डाॅ. धन सिंह रावत
कहा, एनईपी-2020 में स्कूलों को मातृभाषा में पढ़ाने की अनुमति
फाउंडेशन लर्निंग के लिये उचित माध्यम है मातृभाषा, यह बात विद्यालयी शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने वर्चुअल माध्यम से ‘मातृभाषा उत्सव’ के उद्घाटन अवसर पर कही।
लोक भाषाओं में बच्चों की अभिव्यक्ति बढ़ाने एवं मातृभाषा के प्रति बच्चों में सम्मान की भावना विकसित करने के उद्देश्य से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड द्वारा…
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जिस स्कूल में पढ़ती है ऐश्वर्या राय बच्चन की बेटी, जानिए कितनी है उसकी फीस
नई दिल्ली: भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी का बुधवार यानी एक नवंबर को जन्मदिन था। नीता अंबानी रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर और चेयरपर्सन भी हैं। इस मौके पर मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के नाम पर मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में नीता मुकेश अंबानी जूनियर स्कूल (NMAJS) की विधिवत शुरूआत हुई। यह जूनियर स्कूल, धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल (DAIS) परिसर के पास स्थित है। नीता अंबानी के नेतृत्व में ही साल 2003 में धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल (DAIS) की स्थापना की गई थी। इस स्कूल में अमिताभ बच्चन की पोती आराध्या बच्चन समेत कई जानी मानी हस्तियों के बच्चे पढ़ते हैं।मुकेश अंबानी के पुत्र और रिलायंस जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी ने भी साल 2009 में धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल से आईबी डिप्लोमा प्रोग्राम पूरा किया था। यह स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नए मानक स्थापित कर रहा है और केवल 20 वर्षों में दुनिया के बेस्ट स्कूलों की लीग में पहुंच गया है। ईशा अंबानी का कहना है कि उनकी मां ने DAIS की कल्पना एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय स्कूल के रूप में की थी, जिसका दिल, दिमाग और आत्मा भारतीय हो। इस स्कूल ने भारत में शिक्षा का चेहरा पूरी तरह से बदल दिया है।
कितनी है फीस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल में LKG से लेकर 7वीं क्लास तक की सालाना फीस एक लाख 70 हजार रुपये है। महीने के हिसाब से देखा जाए तो यह 14,000 रुपये बैठती है। आठवीं से 10वीं क्लास की आईसीएसई की एनुअल फीस 1,85,000 रुपये है। इसी तरह क्लास 8 से 10 की आईजीसीएसई की एनुअल फीस 5.9 लाख रुपये है। क्लास 11 और 12 की आईबीडीपी बोर्ड की एनुअल फीस 9.65 लाख रुपये है।इस स्कूल में 60 क्लासरूम हैं। हर क्लास रूम में पब्लिक एड्रेस सिस्टम, डिजिटल क्लॉक्स, डिस्प्ले एंड राइटिंग बोर्ड्स, लॉकर्स, कस्टम मेड फर्निचर के साथ ही ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन, मल्टीमीडिया सपोर्ट और एसी है। यहां स्पोर्ट्स पर भी खास ध्यान दिया जाता है। स्कूल में टेनिस, बास्केबॉल कोर्ट के साथ ही आउटडोर स्पोर्टस के लिए भी अनेकों विकल्प हैं। इसका प्ले ग्राउंड 2.3 एकड़ में फैला है। इसके अलावा स्कूल में आर्ट रूम, लर्निंग सेंटर, योगा रूम, सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स, मल्टीमीडिया ऑडिटोरियम भी है। स्कूल का मेडिकल सेंटर ऑल टाइम सर्विस देता है। http://dlvr.it/SyGbhJ
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फिजिक्स वाला विद्यापीठ द्वारा PWNSAT स्कॉलरशिप टेस्ट में 200 करोड़ रू की बम्पर छात्रवृत्ति
अवसरः कक्षा-6 से 12वीं के स्टूडेंट्स के लिये 1 से 15 अक्टूबर तक निःशुल्क टेस्ट, शीर्ष रैंक प्राप्त करने वालों को मिलेंगे 1.5 करोड़ रू के नकद पुरूस्कार भी
न्यूजवेव @कोटा
देश के अग्रणी यूनिकॉर्न एड-टेक संस्थान पीडब्ल्यू (फिजिक्सवाला) ने कक्षा-6 से 12वीं में अध्ययनरत तथा ड्रॉपर्स विद्यार्थियों को अपनी योग्यता परखने के लिये PW NSAT-2023 (फिजिक्स वाला नेशनल स्कॉलरशिप कम एडमिशन टेस्ट) लांच किया है। यह निशुल्क परीक्षा ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों मोड में आयोजित की जायेगी।
पीडब्ल्यू विद्यापीठ ऑफलाइन के सीईओ अंकित गुप्ता ने पत्रकारों को बताया कि पीडब्ल्यू एनएसएटी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्टूडेंट्स को 200 करोड़ रू की मेगा स्कॉलरशिप दी जायेगी। इसके लिये देशभर में कक्षा-6 से 12वीं तक स्टूडेंट्स पीडब्ल्यू सेंटर, वेबसाइट या एप के माध्यम से 30 सितंबर तक अपना निशुल्क रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। यह परीक्षा संस्थान के सभी परीक्षा केंद्रों पर 1, 8 एवं 15 अक्टूबर,2023 रविवार को ऑफलाइन मोड में आयोजित की जायेगी। स्टूडेंट्स आगामी 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक घर बैठे अपने शहर से ही ऑनलाइन मोड में यह परीक्षा दे सकते हैं। इस राष्ट्रीय परीक्षा का रिजल्ट 20 अक्टूबर, 2023 को घोषित किया जायेगा।
पीडब्ल्यू विद्यापीठ के कोटा सेंटर हेड कुन्दन कुमार ने पत्रकार वार्ता में बताया कि पीडब्ल्ूयू एनएसएटी-2023 में कक्षा-6 से 12वीं तक एवं ड्रॉपर्स सहित 10 लाख स्टूडेंट्स को जोडने का लक्ष्य है, जिससे प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थी को अपने स्कोर के आधार पर अपनी योग्यता व नेशनल रैंक का पता लग सकेगा। इसमें प्रत्येक कक्षा में सिलेबस के अनुसार एनसीईआरटी आधारित 40 बहुवैकल्पिक प्रश्न पूछे जायेंगे। पेपर 160 अंकों का होगा।
किसे कितना नकद पुरूस्कार
��ाजीव रस्तोगी सर ने बताया कि पीडब्ल्ूयू एनएसएटी-2023 का उद्देश्य स्कूली बच्चों के टेलेंट को नर्चर करना है। कक्षा-8वीं, 9वीं एवं 10वीं के स्टूडेंट्स को इस परीक्षा में रैंक-1 प्राप्त करने पर 1 लाख नकद पुरूस्कार,रैंक-2 पर 75 हजार रू, रैंक-3 पर 50 हजार रू तथा रैंक-4 से 10 तक 7 स्टूडेंट्स को 35 हजार रू सहित रैक-160 तक आकर्षक नकद पुरूस्कार दिये जायेंगे।
इसी तरह, इस स्कॉलरशिप टेस्ट में मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के इच्छुक कक्षा-11वीं एवं 12वीं के स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप के अतिरिक्त रैंक-1 पर 1.50 लाख, रैंक-2 पर 1 लाख, रैंक-3 पर 75 हजार, रैंक-4 से 10 तक 7 स्टूडेंट्स को 50-50 हजार रू., रैंक-11 से 25 तक 15 स्टूडेंट्स को 35-35 हजार रू, रैंक-26 से 50 तक 25 स्टूडेंट्स को 20-20 हजार रू जीतने का अवसर भी मिलेगा।
नीट डिवीजन के हेड हितेश शर्मा ने बताया कि पहली बार कक्षा-छठी व सातवीं के 50 स्टूडेंट्स को रैंक-1 से 50 तक प्राप्त करने पर कोचिंग शुल्क में 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जायेगी। रैंक-51 से 200 तक 150 स्टूडेंट्स को 75 प्रतिशत, रैंक-201 से 500 तक 300 स्टूडेंट्स को 50 प्रतिशत, रैंक-501 से 1000 तक 500 स्टूडेंट्स को 25 प्रतिशत स्कॉलरशिप लेने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि संस्थान ने हर वर्ग के स्टूडेंट्स का ध्यान रखते हुये विद्यापीठ रेजीडेंशियल प्रोग्राम (VPR) भी लांच किया है, जिसमें हॉस्टल में ही टीचिंग व मैस सुविधा भी रहेगी।
प्री-फाउंडेशन हेड राजीव रंजन ने बताया कि पीडब्ल्यू में कक्षा-6 से ही बच्चों को एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग दी जा रही है। वे जो क्लास में पढते हैं, उसे आत्मविश्वास के साथ करके दिखाते भी हैं। इससे रूचि के अनुसार, उनमें टेलेंट विकसित हो रहा है। उन्हें सभी क्षेत्रों के लिये काउंसलिंग दी जा रही है।
इसलिये पीडब्ल्यू है देश में नंबर-1
संस्थान के फाउंडर डायरेक्टर अलख पांडे के अनुसार, भारत के शीर्ष 101वें यूनिकॉर्न ‘फिजिक्स वाला विद्यापीठ’ देश के लाखों विद्यार्थियों के लिये यूपीएससी, गेट, कैट, सीए, सीडीएस, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग, सीटीईटी सहित जेईई-मेन, एडवांस्ड, नीट-यूजी सहित सभी प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये नंबर-1 प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है। पीडब्ल्यू के देश में 60 स्टडी सेंटर्स हैं, जहां ऑनलाइन व हाईब्रिड कोचिंग के विकल्प मौजूद हैं।
पीडब्ल्यू का स्टडी मैटेरियल हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, मराठी, तेलगू व गुजराती भाषाओं में उपलब्ध होने से सभी माध्यमों के स्टूडेट्स की फर्स्ट च्वाइस बन चुका है। इसके 61 यूट्यूब चैनलों में 31 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स की सबसे बड़ी फॉलोइंग है। पीडब्ल्यू मोबाइल ऐप 10 मिलियन से अधिक यूजर्स द्वारा डाउनलोड किया जा चुका है। गूगल प्ले स्टोर पर 4.6 की शानदार रेटिंग के साथ यह सबसे विश्वसनीय कोचिंग प्लेटफॉर्म बन चुका है।
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ऑटोडेस्क लर्निंग पार्टनर के साथ जुड़ने के पांच लाभ
जबकि परिवर्तन पूरे https://preparationlab.com/ रोज़मर्रा के जीवन में एक सुसंगत है, हाल के वर्षों के दौरान दुनिया भर में परिवर्तन की गति कई कुश्ती पर पारित हुई है, जिसमें विद्वानों के समुदाय के अंदर भी शामिल है। जैसा पहले कभी नहीं था, छात्रों का वर्तमान युग कुशल भेद्यता से भरे भविष्य का सामना कर रहा है - और कुशल खुला द्वार। क्षमताएं जो एक बार विशेषज्ञ रूप से महत्वपूर्ण होने के लिए नियत थीं, वर्तमान में आगे बढ़ रही हैं, समझ और प्रशिक्षकों को छोड़कर, जब काम का भाग्य कताई प्रवेश द्वार की तरह लगता है तो तैयार कैसे हो सकता है।
Autodesk Learning Partners (ALP) दर्ज करें। लर्निंग पार्टनर्स छात्रों और शिक्षकों की मदद करने के लिए पूर्व-योग्य हैं, उन्हें सीखने की सामग्री, तैयारी और शैक्षिक योजनाओं के माध्यम से आगे बढ़ने वाले भविष्य के लिए योजना और संयोजन के दृश्य में उद्योग के पैटर्न के लिए स्पष्ट रूप से तैयार किया गया है। यदि आप वास्तव में अनिच्छुक महसूस कर रहे हैं, तो निम्नलिखित पांच कारण हैं जिनकी वजह से एक शिक्षक या स्कूल को ऑटोडेस्क लर्निंग पार्टनर के साथ जुड़ने से लाभ होगा।
1. एक विश्वसनीय साथी के साथ सीखें
लर्निंग पार्टनर्स योजना बनाने, बनाने और चीजों का उपयोग करने के विभिन्न तरीकों की महत्वपूर्ण जांच करने के लिए छात्रों, शिक्षकों, संगठनों और दुकानदारों की योजना बनाते हैं। लर्निंग पार्टनर्स श्रम शक्ति से व्यक्तियों को बनाए रखते हैं - अपने पेशे में कभी भी - भविष्य में फलने-फूलने के लिए, दुनिया पर अधिक सकारात्मक प्रभाव के साथ, बेहतर बनाने और बेहतर बनाने के अनुरोधों के साथ।
गेनिंग पार्टनर अपने प्रयासों में मदद करने के लिए विशेष सहयोगी परियोजनाओं और संपत्तियों को देखते हैं और छात्रों, शिक्षकों और विशेषज्ञों को नॉनस्टॉप लर्निंग में भाग लेने में मदद करते हैं। लर्निंग पार्टनर्स छात्रों और शिक्षकों को मजबूत योजना उपकरणों, सामग्री, निर्देशात्मक कक्षाओं और शैक्षिक कार्यक्रमों के साथ तैयार करते हैं ताकि कल की स्थिति के लिए वास्तविक कठिनाइयों और अपस्किल का समाधान किया जा सके।
2. उद्योगों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को ट्रैक करें
लर्निंग पार्टनर्स छात्रों, शिक्षकों और ग्राहकों को विकास के महान अवसर प्रदान करते हैं। उनकी दूरगामी निर्देशात्मक कक्षाएं और शैक्षिक कार्यक्रम छात्रों को आइटम की जानकारी का विस्तार करने, पुष्टि परीक्षण की योजना बनाने और व्यावसायिक उद्देश्यों को पूरा करने में सहायता करते हैं।
लर्निंग पार्टनर के साथ इंटरफेस करके, आप पारंपरिक और आउट-ऑफ-द-क्रेट लर्निंग योगदान दोनों की जांच कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
एक एसीआई शिक्षक द्वारा छात्रों और शिक्षकों के लिए आस-पास के माध्यम से सीखने का पालन किया गया
एक एसीआई शिक्षक द्वारा एक आभासी होमरूम या बहुमुखी प्रयोगशाला के माध्यम से दी गई सीख
शिक्षक ने ई-लर्निंग पाठ्यक्रमों के साथ काम किया जो वीडियो में शामिल होते हैं और शिक्षक द्वारा देखे गए, प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण
उच्च स्तरीय योग्यता पाठ्यक्रम, जिसमें योजना कार्य प्रक्रिया और बनाने का भाग्य शामिल है
पुष्टिकरण परीक्षण तत्परता पाठ्यक्रम और अभ्यास परीक्षण
निर्माण और विनिर्माण जैसे उपक्रमों के लिए कार्य उपलब्धता ड्राइव
स्कॉलैस्टिक फाउंडेशन एक ऐसे लर्निंग पार्टनर को चुन सकते हैं जो उनके मुद्दों को एक अधिकृत प्रशिक्षण केंद्र या अधिकृत अकादमिक पार्टनर के माध्यम से संबोधित करता है जो शिक्षक, समझ, या आईटी प्रबंधक के सीखने के तरीके के लिए उनके प्रशासन को फिट करेगा।
3. विशेष रूप से आप पर केंद्रित सहायता प्राप्त करें
यदि आप एक छात्र हैं, तो लर्निंग पार्टनर आपके भविष्य में व्यवसायों तक पहुंचने के लिए किसी भी समस्या को दूर कर सकते हैं। वे सहयोग की पेशकश करते हैं मूल्यवान खुले दरवाजे, केंद्रित चर्चा, पुष्टिकरण परीक्षणों के लिए समर्थन, समझ प्रतियोगिता, और छात्र के साथ इंटरफेस करने का वादा। नई क्षमताएं प्राप्त करें, महत्वपूर्ण संबंध बनाएं और उचित अनुभव प्राप्त करें।
यदि आप एक प्रशिक्षक हैं, तो हमारे लर्निंग पार्टनर्स पुष्टिकरण पहचान प्राप्त करने और मान्यता परीक्षणों के माध्यम से प्रभावी ढंग से हवा देने के लिए छात्रों की पूर्वापेक्षाओं को समझने में मदद करने के लिए तैयार सीखने के तरीके प्राप्त करने में आपकी सहायता करेंगे। उनके शिक्षण प्रशासन में अतिरिक्त रूप से शामिल हैं:
आइटम तैयार करना और निष्पादन - कक्षा में बनाने का भविष्य
एक योजना के साथ विशेषज्ञता के प्रभुत्व में मदद करने और दृष्टिकोण बनाने के लिए अंडरस्टडी प्रतियोगिताएं
पाठ्यक्रम में सुधार और शैक्षिक शैक्षिक कार्यक्रम में नए नवाचार का संयोजन
सभी के लिए योजना और डिजाइनिंग एक्सेस - समझ और विशेषज्ञ
कार्य स्थिति विशेष विशेषज्ञता में सुधार
ऑटोडेस्क आस-पास के अवसर, शिक्षकों के साथ व्यवस्थित
स्टीम क्षेत्रों में विशिष्ट प्रवीणता पाठ्यक्रम; स्टीम शिविर और पाठ्यक्रम में सुधार
एक सहायक संकाय शिक्षक के रूप में कार्य करें
4. उत्पाद महारत और निर्देशात्मक कौशल के साथ ऑटोडेस्क प्रमाणित प्रशिक्षकों से लाभ प्राप्त करें
हमारे लर्निंग पार्टनर ऑटोडेस्क सर्टिफाइड इंस्ट्रक्टर्स का एक विशेषज्ञ स्टाफ रखते हैं, जिसे हमारे समग्र शिक्षण स्थानीय क्षेत्र द्वारा माना जाता है।
Autodesk सर्टिफाइड इंस्ट्रक्टर (ACI) उद्योग के दिशा-निर्देशों को पूरा करने और शैक्षिक सेटिंग्स में लीड कोर्स करने के लिए आइटम जानक��री के साथ क्रेडेंशियल विशेषज्ञ हैं। शिक्षकों द्वारा प्राप्त एसीआई पहचान विश्वसनीय संघों द्वारा दी और अनुमोदित की जाती है। पुष्टि किए गए प्रशिक्षकों से अपेक्षा की जाती है कि वे निर्देशात्मक वर्ग की पूर्वापेक्षाओं, शैक्षिक निष्पादन मूल्यांकनों को पूरा करके और अपने ऑटोडेस्क आइटम की जानकारी को ध्यान में रखते हुए वार्षिक रूप से अपने एसीआई प्रमाणन को फिर से स्थापित करें।
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नई दिल्ली के लिए शत-प्रतिशत टीकाकरण कवरेज हमारी प्राथमिकता: मीनाक्षी लेखी
नई दिल्ली के लिए शत-प्रतिशत टीकाकरण कवरेज हमारी प्राथमिकता: मीनाक्षी लेखी
नई दिल्ली: केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने ‘हर घर दस्तक’ अभियान के तहत स्वामी शिव नारायण मंदिर बी आर कैंप, रेस कोर्स क्लब, नई दिल्ली में मुफ्त टीकाकरण अभियान का उद्घाटन किया। शिविर का आयोजन लर्निंग लिंक्स फाउंडेशन, हिंदुजा फाउंडेशन और डिवोक हेल्थ के सहयोग से किया गया था, जिससे दिल्ली एनसीआर में 3500 से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।
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Teachers Want Syllabus to Focus on Foundational Abilities to Recover Learning Losses: Survey
Teachers Want Syllabus to Focus on Foundational Abilities to Recover Learning Losses: Survey
स्कूलों के फिर से खुलने से शिक्षा को ‘हमेशा की तरह व्यवसाय’ की तरह नहीं माना जा सकता है। शिक्षक चाहते हैं कि पाठ्यक्रम शुरू करने से पहले सीखने के अंतराल को पहले दूर किया जाए, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा ‘ओपन स्कूल, फोकस ऑन रिकवरिंग लॉस्ट लर्निंग: क्लियर वॉयस ऑफ टीचर्स’ नामक एक सर्वेक्षण से पता चलता है।
सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वेक्षण किए गए लगभग सभी (96%) शिक्षक चाहते हैं कि जब स्कूल फिर से खुलते…
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Toppr ने फाउंडेशन होल्डिंग्स से सीरीज डी में ₹ 350 करोड़ जुटाए
Toppr ने फाउंडेशन होल्डिंग्स से सीरीज डी में ₹ 350 करोड़ जुटाए
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित लर्निंग ऐप, मुंबई स्थित टॉपप्र ने फाउंडेशन होल्डिंग्स के नेतृत्व में सीरीज डी फंडिंग में in 350 करोड़ जुटाए हैं, जिसमें अन्य लंबे समय के साझेदारों जैसे कैज़ेन प्राइवेट इक्विटी से भागीदारी है।
इसके साथ, कंपनी ने अब कुल has 700 करोड़ जुटाए हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा, टॉपप्र इस निवेश का उपयोग एआई-आधारित टॉपप्र स्कूल ऑपरेटिंग सिस्टम को विकसित करने के लिए…
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काइली जेनर, केली क्लार्कसन और अधिक सेलेब्स जो इस छुट्टी के मौसम को वापस दे रहे हैं
सेलेब्स हॉलिडे स्पिरिट महसूस कर रहे हैं।
अपने स्वयं के परिवारों की क्रिसमस की इच्छा सूची को पूरा करने से विराम लेते हुए, इन सितारों ने समय और संसाधनों को निर्धारित करते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए कि पूर्ण अजनबियों को सिर्फ अद्भुत छुट्टी का मौसम है। चाहे वे यह सुनिश्चित कर रहे हों कि कोई भी उनके समुदायों में भूखा न रहे या जरूरतमंद लोगों के लिए जादुई अनुभव स्थापित न करे, नीचे दिए गए 10 अच्छे कामों ने हमें इस महीने छलनी आँखों से छोड़ दिया है।
कार्डी बी
रैपर को 20 दिसंबर को एक स्थानीय मियामी टारगेट पर स्पॉट किया गया था , जहां टीएमजेड की रिपोर्ट में उसने बच्चों के लिए उपहारों में हजारों डॉलर का स्टॉक किया था - गुड़िया के गोदाम से लेकर खेल सेट और बहुत कुछ। कथित तौर पर छुट्टी का मौक़ा $ 5,000 था - तब भाग्यशाली प्राप्तकर्ताओं को वितरित किए जाने से पहले इसे किराए पर चल रहे ट्रक में लोड किया गया था।
कार्डी बी के लिए एक प्रतिनिधि ने टिप्पणी के लिए तुरंत लोगों के अनुरोध को वापस नहीं किया, लेकिन "प्रेस" गायक की पिछली उदारता अच्छी तरह से प्रलेखित है। पिछले साल, रैपर ने ब्रुकलिन में ग्रेवसेंड पड़ोस का दौरा किया, ताकि जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त शीतकालीन कोट दान किया जा सके। हालाँकि वह ब्रोंक्स में पली-बढ़ी थी, ब्रुकलिन का कार्डी के लिए विशेष अर्थ है - यह वह जगह है जहाँ उसने "रेड बारज़" और "मेरे ऊपर खींचो" के लिए अपने वीडियो शूट किए।
काइली जेनर
ब्यूटी मोगुल अरबपति को मॉम क्रिस जेन्नर ने सैन फर्नांडो वैली रेस्क्यू मिशन की यात्रा पर शामिल किया, जहां उन्होंने काइली ट्रक से भोजन और खिलौने पास किए और तस्वीरें खिंचवाईं। "मैंने काफी मजा किया था। जेनर ने कहा कि मैं उन सभी लोगों से मिल रहा हूं और हर किसी को इतना खुश देख रहा हूं क्योंकि हमने अपना बाकी साल पूरा कर लिया है। '
माइकल बी जॉर्डन और एलेन डीजेनरेस
द एलेन डीजेनर्स शो में डेवेनेरेस की छुट्टी के विशेष एलेन की सबसे बड़ी रात की समीक्षा के पूर्वावलोकन में, जस्ट मर्सी स्टार ने शैक्षिक गिलमोर कम्युनिटी लर्निंग सेंटर, एक न्यू जर्सी संगठन का एक आश्चर्यजनक दौरा किया जो जोखिम वाले युवाओं को प्रभावित करता है। संस्थापक फ्रैंक गिलमोर को ख़ुशी के आँसू में छोड़ दिया गया जब अभिनेता ने घोषणा की कि डेगनेर्स दो साल के लिए अपने किराए को कवर करेंगे, जिससे उन्हें कार्यक्रम में सुधार करने और मर्सिडीज वैन को उपहार में देने के लिए $ 50,000 नकद दिए गए।
गिलमोर ने कहा, "यह मेरे कंधों से उठा हुआ एक बड़ा बोझ है।" “मैं बस इतना भावुक था। यह मेरा पहली बार था जब मेरी किसी एक सलाह के सामने रोना आ रहा था। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरे साथ ऐसा हो रहा है। ”
गैरी सिनिस
फॉरेस्ट गम्प अभिनेता के गैर-लाभकारी, गैरी सिनिस फाउंडेशन और अमेरिकन एयरलाइंस ने इस महीने की शुरुआत में डिज्नी वर्ल्ड में सभी सैन्य -भुगतान वाले सदस्यों के 1,000 बच्चों का इलाज किया। "मुझे इन परिवारों के बारे में बहुत कुछ पता चल गया है," सिनिस ने WKMG को इस घटना के बारे में बताया। "मैं उनसे प्यार करता हूं और मैं उनकी मदद के लिए कुछ करना चाहता हूं।"
“महत्वपूर्ण घटक यह है कि ये बच्चे एक दूसरे से मिलते हैं और उन्हें पता है कि वे अकेले नहीं हैं। वे दोस्ती करते हैं जो जीवन भर चलती है, ”उन्होंने कहा।
चरण और आयशा करी
ग्रिंच और सिंडी लू के रूप में तैयार, किस तरह से ग्रिंच चुराया क्रिसमस से , कर्ल ने ईट में उपस्थिति में 2,000 ओकलैंड परिवारों को अपनी पहचान बताई। जानें। दिसंबर के अंत में प्ले विंटर वंडरलैंड घटना। ओकलैंड ��े पार्क, मनोरंजन और युवा विकास, खाओ के शहर के साथ साझेदारी में। जानें। खेल। छुट्टी की गतिविधियों की एक दोपहर के लिए ओकलैंड भर में बच्चों और माता-पिता की मेजबानी की, जिसमें आभूषण बनाना, परिवार के चित्र, कुकी सजाने और सांता क्लॉज के साथ यात्रा शामिल है! परिवार भी पूर्ण भोजन किट (एक टर्की और सभी निर्धारण के साथ), खिलौने, किताबें और खेल सहित उपहारों के साथ घर गए।
लेब्रोन जेम्स
एनबीए स्टार के पास अपने आई प्रॉमिस स्कूल में छात्रों को पोलर एक्सप्रेस पर एक जादुई यात्रा करने की परंपरा है।
श्री लेब्रोन ने ध्रुवीय एक्सप्रेस पर उत्तरी ध्रुव की जादुई यात्रा के लिए अपने 3 ग्रेडर भेजे!
#WeAreFamily pic.twitter.com/Bg2qPq1iMx
- मैं PROMISE स्कूल (@IPROMISchool) 11 दिसंबर 2019
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पिछले साल, जेम्स ने अपने होमबोन जेम्स फैमिली फाउन्डेशन के माध्यम से ऑरेन पब्लिक स्कूल के अलावा अपने गृहनगर अक्रोन, ओहियो में आई प्रॉमिस स्कूल खोला। संस्था बच्चों और उनके माता-पिता को जोखिम में डालती है, और छात्रों को मुफ्त भोजन और बाइक प्रदान करती है।
केविन हार्ट और केली क्लार्कसन
केली क्लार्कसन शो में , एंड्रिया नाम की एक एकल मां ने अपने दो बेटों को पालने और नर्सिंग की डिग्री हासिल करने के दौरान 10 अन्य लोगों के साथ एक घर साझा करने की अपनी कहानी बताई। सेलेब्स ने अपनी ट्यूशन को कवर करने के लिए स्कॉलरशिप के साथ मॉम को आश्चर्यचकित कर दिया, अपने लड़कों के लिए प्रस्तुत किया, और उनके लिए एक पूरी तरह से सुसज्जित अपार्टमेंट Xfinity के सौजन्य से स्थानांतरित किया।
केली रिपा और मार्क कॉनसेलोस
इस पोस्ट को इंस्टाग्राम पर देखें
# Ad मैंने एक धमाका किया जिसमें मार्क दिखा जहां किराने का सामान पैदा हुआ है और #DmveringSmiles @Amazon के साथ हमारे दोस्तों के साथ @winnyc_org - शहर में परिवार आश्रय और सहायक आवास के सबसे बड़े प्रदाता! इस बारे में अधिक जानें कि आप इस छुट्टियों के मौसम को अमेज़ॅन पर कैसे वापस दे सकते हैं।
केली रिपा (@kellyripa) द्वारा 16 दिसंबर, 2019 को सुबह 6:42 बजे शेयर की गई एक पोस्ट
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पति और पत्नी की जोड़ी न्यू यॉर्क सिटी स्थित चैरिटी विन एनवाईसी के लिए एक हॉलीडे पार्टी की मेजबानी करने के लिए अमेज़ॅन में शामिल हुई, जो संगठन के अमेज़ॅनस्माइल चैरिटी लिस्ट से आइटम वितरित करने में बेघर परिवारों को आश्रय और आवास प्रदान करता है।
"हम वास्तव में हमारे जीवन में बहुत भाग्यशाली रहे हैं, हमारे बच्चे स्वस्थ हैं और हमारे माता-पिता अपेक्षाकृत स्वस्थ हैं और इसलिए, हम परे, परे धन्य हुए हैं। तो इस तरह के एक संगठन के साथ शामिल होने में सक्षम होने के लिए और कुछ वापस देने के लिए हमारे लिए सब कुछ का मतलब है क्योंकि हम पहले से ही हमारे बेतहाशा सपनों से परे धन्य हो गए हैं, ”रिपा ने PEOPLE को उनकी भागीदारी के बारे में बताया।
निक तोप
21 दिसंबर को लॉस एंजेलिस में ज़ेन, पावर 106, निक केनन मॉर्निंगिंग्स और वैरायटी बीजीसी द्वारा प्रस्तुत दूसरे वार्षिक ला गिव बैक में तोप ने सांता क्लॉज़ के रूप में कपड़े पहने।
डीजे खालिद और मीक मिल
हिप हॉप सितारों ने दिसंबर के अंत में NYC में एनबीए स्टोर में बच्चों के लिए REFORM एलायंस के समर्थन से खरीदारी की होड़ की मेजबानी की, बच्चों को खेल परिधान खरीदने में मदद की। बाद में, न्यू इंग्लैंड पैट्रियट्स के मालिक रॉबर्ट क्राफ्ट ने टीम को बफ़ेलो बिलों पर टीम को देखने के लिए पैट्रियट्स के चार्टर प्लेन पर जिलेट स्टेडियम में उड़ान भरने की व्यवस्था की।
जेसी मेकार्टनी
गायिका मिनियापोलिस के मेसोनिक चिल्ड्रन अस्पताल में मरीज़ों के लिए प्रदर्शन करने और उन्हें लव योर मेलन बीनिज़ देने के लिए गई थी। वहां, उन्होंने एक मरीज को एक विशेष सेरेनेड दिया, जिसकी अभी-अभी हार्ट सर्जरी हुई थी। “यह जूलिया है। हम मेसोनिक चिल्ड्रन अस्पताल में लिफ्ट में मिले थे, उसकी ओपन-हार्ट सर्जरी के दो दिन बाद, ” मैककार्टनी ने इंस्टाग्राम पर लिखा । “ये मेरे पसंदीदा स्थान हैं। जिनसे फर्क पड़ता है। माँ की प्रतिक्रिया यह सब इसके लायक बनाती है! ”
सहयोगी ब्रुक, एम्मा रॉबर्ट्स और डेविड आर्क्वेट
तीनों क्रिसमस से पहले ला में दो सप्ताह तक सेना में शामिल हुए, छुट्टियों का जश्न मनाने और भूख के मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए लॉस एंजिल्स में वार्षिक फेलिस फिएस्टास की मेजबानी करने के लिए फीडिंग अमेरिका और पैरा लॉस नीनोस के साथ मिलकर काम किया। उन्होंने 700 से अधिक बच्चों और परिवारों को दोपहर के भोजन और ताजा उपज प्रदान करने में मदद की, ताज़े फल वितरित किए और 2,000 से अधिक उपस्थित लोगों को किसानों की बाजार-शैली दी।
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Chhattisgarh News In Hindi : Sitapur News – chhattisgarh news sitapur a new initiative foundation of the language and learning foundation | सीतापुर| लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन की एक नई पहल नींव सीतापुर| लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन की एक नई पहल नींव और भाषा पिटारा कार्यक्रम में सरगुजा की शिक्षिका अनीता तिवारी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाषा प्रबोधक सम्मान प्रदान किया। वह ब्लॉक में 56 प्राथमिक शिक्षकों काे वाट्स एप ग्रुप के माध्यम से एलएलएफ का लाभ दिला रही हैं। Source link
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अब देश में ज्ञान-विज्ञान-अनुसंधान से होंगे नवाचार
मंथन: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) से स्कूल स्तर से उच्च शिक्षा संस्थानों तक हॉलिस्टिक एजुकेशन को मिलेगा बढावा, स्किल बेस्ड लर्निंग से मिलेंगे जॉब के नये अवसर।
अरविंद
न्यूजवेव@ जयपुर/कोटा
प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत‘ पर केंद्रित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 कुछ हद तक विकसित देशों के शिक्षा पैटर्न पर आधारित है। ज्ञान-विज्ञान-अनुसंधान के मापदंडों पर फोकस शिक्षा सिर्फ रटने-पढने और डिग्री लेने तक सीमित न रहकर हॉलिस्टिक एप्रोच से वोकेशनल लर्निंग भी देगी, जिससे कॉलेज स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में जॉब के नये अवसर उपलब्ध होंगे।
Dr.Paresh C. Dave
आईपी मोमेंट, नईदिल्ली के संस्थापक निदेशक डॉ.परेश कुमार सी. दवे ने एक वेबिनार में कहा कि, एनईपी-2020 में उच्च शिक्षा में अनुसंधान को बढावा देने के लिये ‘नेशनल रिसर्च फाउंडेशन‘ गठित करना एक दूरगामी कदम है। देश के लाखों युवाओं में रिसर्च के प्रति रूचि जागृत होगी, इसके लिये उन्हें एक नेशनल प्लेटफॉर्म मिलेगा। देश के सभी यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में सभी अकादमिक विषयों में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने से उच्च शिक्षा में इसका रूझान बढे़गा।
देश में प्रति एक लाख पर 15 शोधकर्ता
रिसर्च व इनोवेशन (R&I) में निवेश की संभावनायें आबादी के अनुपात में अनुसंधान उत्पादन पर निर्भर करती है। भारत के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, देश में प्रति एक लाख आबादी पर केवल 15 शोधकर्ता हैं, जबकि चीन में 111, संयुक्त राज्य अमेरिका में 423 और इजराइल मे��� 825 शोधकर्ता हैं। एक स्टडी के अनुसार, यूरोप में आर्थिक विकास का दो-तिहाई हिस्सा अनुसंधान और नवाचार (R&I) से मिलता है। दुनिया के प्रत्येक देश में अनुसंधान और नवाचार (R&I) निवेश 2 से 5 प्रतिशत की सीमा में है। भारत में आर एंड आई निवेश 2008 से 2014 के बीच नहीं बढ़ सका, जिसे शिक्षा नीति के माध्यम से तेजी से आगे बढाना है।
बच्चों को स्टार्टअप पॉलिसी से जोडें
उन्होंने कहा कि पिछले साल, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय नवाचार और स्टार्टअप नीति घोषित की थी। इसमें छात्र उद्यमियों को अनुमति के बावजूद परीक्षा में बैठने की अनुमति है, भले ही उनकी न्यूनतम उपस्थिति कम हों। छात्रों व फैकल्टी को स्टार्टअप में काम करने के लिए सेमेस्टर और वर्ष के ब्रेक की अनुमति दी जाएगी और उन्हें फिर से प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा। संस्थान किसी कंपनी में 2 से 9.5 फीसदी इक्विटी में हिस्सेदार हो सकते हैं। विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि एनईपी में स्टार्टअप पॉलिसी को भी शामिल किया जायेगा।
IPR व पेटेंट भी कोर्स का हिस्सा हों
आईपीआर विशेषज्ञ डॉ.परेश दवे के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में अनुसंधान व नवाचार के साथ बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) और पेटेंट पहलू को भी सिलेबस में शामिल किया जाये। जब विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में कैम्पस खोलने की अनुमति दे दी गई है तो शोध कर रहे भारतीय विद्यार्थियों को इंटेलेक्चुल प्रॉपर्टी राइट्स (IPR) व पेटेंट के बारे में जानकारी अवश्य होना चाहिये अन्यथा भारतीय रिसर्च स्कॉलर मेहनत से किसी क्षेत्र में अनुसंधान करेंगे, फॉरेन यूनिवर्सिटी अथवा कंपनिया उसका पेटेंट करवाकर आर्थिक लाभ अर्जित करती रहेगी।
अभी देश में रिसर्च पेटेंट कम
डॉ. दवे ने बताया कि भारत में दायर पेटेंट आवेदनों की संख्या और आगे अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट आवेदन की संख्या का देखें तो चीन व संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रतिवर्ष 11 से 13 लाख पेटेंट फाइलिंग होती है, जबकि भारत में प्रतिवर्ष केवल 50,000 पेटेंट आवेदन हैं। इनमें से 70 प्रतिशत विदेशियों द्वारा दायर किए जाते हैं। ऐसे महत्वूपर्ण पहलुओं को नई शिक्षा नीति में शामिल करने की आवश्यकता है।
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कल होगा स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल कोटडा में महा फेस्टिवल(सीखने का मेला) 22 फरवरी 2019 रिपोर्ट- विनोद कुमार (Kotdatimes.com) ये सच है की सीखने का एक तरीका नही बल्क़ि अनेकों तरीके है | पर यह हर कही दिख सकता है,जरुरत है महसूस करने व अवसर देने की तब मिलते है वो सीखने के तरीके जो सबको नही मिल पाते | कुछ ऐसे ही तरीको को आदिवासी अंचल में क्षमतालय फाउंडेशन,जतन संस्थान व आदिवासी विकास मंच के साझा प्रयासों से यंहा के बच्चों को आनंद और खेल के माध्यम से विभिन्न स्तर की कक्षाओं के अनसुलझे सवालों और शंकाओ के बादलों को हटाया जा रहा है | जैसे ही बच्चो के मन से शंकाओ के बादल हटे तो उनके चेहरे पर कुछ सीख जाने की चमक साफ दिखाई दे रही है | यह कार्य संस्था के आई डिस्कवर फेलो के जरिये सीखने के मेलो द्वारा किया जा रहा है | अभी तक अलग अलग समुदायों तथा स्कूलों में 52 लर्निंग फेस्टिवल का आयोजन कर चुके है जिसमे लग-भग 6000 बच्चों और 2300 समुदाय के लोगो को इससे जोड़ पाए है | इसी कड़ी में (क्षमतालय संस्थान) ने एक महा फेस्टिवल का आयोजन किया जो की कोटडा के स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल कोटड़ा में हुआ | यह महा फेस्टिवल कुल 7 दिनों का था | जिसमे पहले पाँच दिन (18/02/2019 – 22/02/2019) स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल में और अंतिम दो दिन (23/02/2019 – 24/02/2019) आस्था संस्थान द्वारा आयोजित मिलन मेला के साथ होने थे | पहले पांच दिनों में बच्चों ���ो अलग अलग सीखने-सीखाने की स्टूडियो और गतिविधि के माध्यम से बच्चों में रचनात्मकता का विकास करने की कोशिश की गई | और उनके द्वारा स्टूडियो में रचनात्मक तरीके से बनाये गये मॉडल को मिलन मेला में प्रदर्शित किया जायेगा | जिससे लोग यंहा के बच्चों में प्रतिभा को देख पाए और बच्चों तथा उनके माता-पिता के अन्दर की झिझक दूर हो सके | कोटडा 2025 कैसा हो पर विशेष चर्चा इस महा फेस्टिवल के छठवें दिन (23/02/2019) कोटडा के 11 ग्राम पंचायत (कुकावास, झेड़, मांडवा, तिलरवा,सुलाव, जुड़ा, धधमता, नयावास, कऊचा, बेड़ाधर, और महाद) के सरपंच को एक साथ मंच पर बुलाकर शिक्षा के द्वारा एक पंचायत को आदर्श पंचायत कैसे बना सकते है इस विषय पर चर्चा की जाएगी | इसके बाद यहाँ पर कार्य करने वाली सभी CSO’s और सरकारी अधिकारीगण के साथ कोटडा 2025 विषय पर भी चर्चा होगी | जिसमे सभी लोग अपने अपने विजन और कार्यो को एक दुसरे के साथ साझा कर पाए और एक दुसरे के बीच तालमेल हो पाए | इसके अलावा अलग-अलग पंचायतों के ग्राम शिक्षा समिति तथा वहां के युवाओं को एक साथ एक मंच पर लाकर शिक्षा के महत्व के बारे में उनसे संवाद कर https://www.instagram.com/p/BuMQ5nagWvg/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=qtojjhh03ask
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सीबीएसई 27 दिसंबर को प्रधानाचार्यों, वीपी और वरिष्ठ शिक्षकों के लिए अभिविन्यास सत्र आयोजित करेगा | शिक्षा
सीबीएसई 27 दिसंबर को प्रधानाचार्यों, वीपी और वरिष्ठ शिक्षकों के लिए अभिविन्यास सत्र आयोजित करेगा | शिक्षा
सीबीएसई 27 दिसंबर, 2021 को प्रधानाध्यापकों, उप-प्राचार्यों और वरिष्ठ शिक्षकों के लिए एक अभिविन्यास सत्र आयोजित करेगा। सत्र के लिए पंजीकरण करने का लिंक नीचे दिया गया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई प्राचार्यों, उप-प्राचार्यों और वरिष्ठ शिक्षकों के लिए एक अभिविन्यास सत्र आयोजित करेगा। सीबीएसई द्वारा यूनिसेफ, युवा और उद्यम लर्निंग फाउंडेशन के सहयोग से अभिविन्यास सत्र 27 दिसंबर, 2021 को…
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विद्यावृत - माहे मार्च/एप्रिल २०२०
संस्कृती संवर्धन मंडळ सगरोळी जि नांदेड
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विज्ञान जत्रेत बालवैज्ञानिकांचा उत्साह- प्रकल्प सादरीकरणातून संशोधनवृतीची अनुभूति
विज्ञान हा एक असा दिवा आहे की जो कुठेही पेटवल्यावर ज्ञानाचा प्रकाश पसरतो. विद्यार्थ्यांच्या सृजनशीलतेला संधी मिळाल्यास कल्पना आणि जिज्ञासू वृतीमधून नवनिर्मिती कशी होते, हे क्षेत्रिय बालविज्ञान जत्रेतून दिसून आले. संस्थेच्या हीरक महोत्सव वर्षानिमित नांदेड जिल्ह्यातील बालवैज्ञानिकांसाठी दि. ६ फेब्रूवारी रोजी विज्ञान जत्रेचे आयोजन करण्यात आले. नांदेड जिल्ह्यातील पन्नासहून अधिक शाळेतील बालवैज्ञानिक आणि मार्गदर्शक शिक्षक यांनी आपल्या प्रकल्पाची मांडणी केली. प्राथमिक गटातून 'इकोफ्रेंडली मल्टीयुजेबल अॅग्रिकल्चरल मशीन’ 'पावसाच्या पाण्याचे जलसिंचन' 'पाण्याची आद्रर्ता ओळखणे' माध्यमिक गटातून 'स्मार्ट होम प्��कल्प' 'स्मार्ट ब्लाईंड स्टीक प्रकल्प' 'आयुर्वेदिक ��ाम' या प्रकल्पाची निवड झाली. या विज्ञान जत्रेत संस्थेच्या प्राथमिक, शिवाजी हायस्कूल, सैनिकी विद्यालयाच्या विद्यार्थ्यांनी ऍक्टिव्ह बेस्ड टिचिंग अँड लर्निंग या ABTL. अंतर्गत विविध शैक्षणिक साहित्य निर्मितीची मांडणी या विज्ञान प्रदर्शनात केली. उपस्थित मान्यवरांच्या हस्ते बालविज्ञान जत्रेतील विजेत्या बालवैज्ञानिकांचे बक्षीस वितरण करण्यात आले. क्षेत्रिय बालविज्ञान जत्रेचे उद्घाटन हैदराबादच्या कार्टेल इंजिनियर प्रा.लि.चे संचालक सुरेश पटवर्धन व हयुव्हेल लाईफ सायन्सेस प्रा.लि.चे संचालक डॉ.शिशीर कुमार यांच्या हस्ते झाले. यावेळी मराठी विज्ञान परिषदेचे सदस्य डॉ.शंभुनाथ कहाळेकर, डॉ.योगेश जोशी, चंद्र्कांत जोशी, चेअरमन प्रमोद देशमुख यांची उपस्थिती होती.यावेळी विद्यार्थी शिक्षक आणि सहभागी बालवैज्ञानिकांची उपस्थिती होती.
माजी विद्यार्थ्यांचे स्नेह मिलन उत्साहात....
कुठे गळाभेट तर कुठे आनंदाश्रू... माजी विद्यार्थ्यांनी आपल्या भावनांना केली मोकळी वाट....
अनेक वर्षानंतर मित्र व गुरुजांना भेटल्यानंतर शालेय जीवनातील आठवणींना उजाळा देणाऱ्या गप्पांचे नुसते कल्पनाचित्र उभे केल्यास कसे वाटेल... येथे त्याचा प्रत्यक्ष अनुभव अनेकांना घेता आला. संस्थेने हीरक महोत्सवी वर्षानिमित्त दि.८ फेब्रुवारी रोजी माजी विद्यार्थी व कार्यकर्त्याचे भव्य स्नेहमिलन आयोजित केले होते. यावेळी अनेक वर्षानंतर प्रिय मित्र व गुरुजी भेटल्यानंतर कुठे गळाभेट तर कुठे आनंदाश्रू व गप्पांच्या मैफिलींचे दृश्य दिसत होते. संस्थेच्या माजी विद्यार्थ्यांनी व्यक्त होत आपल्या भावनांना मोकळी वाट करून दिली. या स्नेहमिलन कार्यक्रमात अनेक विद्यार्थी एकमेकांना शालेय जीवनानंतर प्रथमच भेटले.अध्यक्षीय समारोपात प्रशालेचे प्रथम विद्यार्थी तथा संस्थेचे माजी कार्यकर्ते दत्ताराम खिरप्पा यांनी, कर्मयोगी बाबासाहेब देशमुख यांनी केलेल्या प्रयत्न आणि परिश्रमच्या त्यागातूनच ही संस्था लौकिकास आली. सगरोळी व पंचक्रोशीतील मुलांना संजीवनी देणारी ही संस्था आज खूप मोठे कार्य करीत असल्याने अभिमान वाटतो असे गौरोद्गर काढले. या स्नेह मेळाव्यास मागील ६० वर्षातील हजारो माजी विद्यार्थ्यांची उपस्थिती होती.
हीरक महोत्सव सांगता समारोह
संस्थेस साठ वर्ष पूर्ण झाल्याने गतवर्ष विविध उपक्रमांनी साजरे झाले. दि.८ फेब्रुवारी रोजी हीरक महोत्सवी वर्षाचा सांगता सोहळा संपन्न झाला. कार्यक्रमाच्या अध्यक्षस्थानी संस्थेचे पदसिद्ध अध्यक्ष प. पू. श्रद्धेय डॉ. ज्ञानराज माणिकप्रभु महाराज होते. सार्वजनिक बांधकाम मंत्री मा.अशोक चव्हाण व खासदार विनय सहस्रबुद्धे यांची प्रमुख उपस्थिती होती. आमदार रावसाहेब अंतापूरकर, माजी आमदार सुभाष साबणे, नांदेड जिल्हा परिषदेच्या अध्यक्षा सौ. मंगाराणी अंबुलगेकर, सरपंच सौ. सुजाता सिदनोड, संस्थेचे चेअरमन प्रमोद देशमुख, हीरक महोत्सव समितीची अध्यक्ष अरविंद देशमुख आदींची उपस्थिती होती.
कुठलीही दळनवळणाची साधने नसताना सगरोळीसारख्या ग्रामीण भागात ६० वर्षापूर्वी शैक्षणिक संस्था स्थापन करणे याचा विचार करणेही कठीण होते. परंतु कर्मयोगी बाबासाहेबांनी १९५९ साली संस्कृति संवर्धन मंडळाची स्थापना करून छोट्याश्या झोपडीत शाळा सुरु केली हे त्यांचे मोठे धाडसाचे काम होते. शिक्षणाचा व्यवसाय न बनवता समाजाच्या उन्नतीसाठी हे शिक्षणाचे पवित्र कार्य निरंतरपणे चालू आहे याचा अभिमान वाटतो. संस्थेचे कार्य आदर्शवत असून समाजाला दिशा देण्याच कार्य करीत आहे. सरकारचा प्रतिनिधी म्हणून नेहमी संस्थेच्या पाठीशी राहील अशी ग्वाही सार्वजनिक बांधकाम मंत्री तथा पालक मंत्री अशोकराव चव्हाण यांनी दिली.
खूप दिवसांपासून सगरोळीच्या संस्थेची भेट घेण्याची इच्छा होती. हीरक महोत्सवी सांगता समारोह कार्यक्रमामुळे योग जुळून आला. ग्रामीण विकासात महिलांची मोलाची भूमिका आहे. हि संस्था शिक्षणासह महिला सक्षमीकरनाचे कार्य करीत आहेच. यापुढे अधिकाधिक ग्रामीण महिलांचे जीवनमान उंचावण्यासाठी विशेष प्रयत्न करावा. तरुणांना व्यावसायिक शिक्षणातून रोजगार मिळवून देण्यासाठी येथे सुरु असलेले उपक्रम स्तुत्य आहेत असे गोरोद्गार खासदार विनय सहस्त्रबुद्धे यांनी काढले.
कर्मयोगी बाबासाहेबांनी सर्वसामान्यांना आधार देण्याचे महान कार्य केले आहे. समाजाचं आपण काहीतरी देणे लागतो. जे समाजाचे आहे ते समाजासाठी आनंदाने व प्रामाणिकपणे देण्याचे कार्य मागील ६० वर्षापासून संस्था अखंडपणे करीत आहे. डॉ. ज्ञानराज माणिकप्रभू महाराज आपल्या अध्यक्षीय आशीर्वादपर भाषणात म्हणाले.
प्रास्ताविकेत संस्थेचे चेअरमन प्रमोद देशमुख यांनी, पैशांचा संचय न करता सद्गुणी व प्रामाणिक कार्य करणाऱ्या कार्यकर्त्यांचा संचय करावा असे नेहमी बाबासाहेब म्हणत. त्यांच्या या विचारांनीच आज अनेक संस्था कायकर्ते, पंचक्रोशीतील माणसे जोडली गेली आहेत. त्यांच्या विश्वासावरच संस्था यशस्वी वाटचाल करीत असल्याचे सांगितले. कार्यक्रमाचे सूत्र संचालन मुकुंद महाराज तर आभार गंगाधर जाधव यांनी व्यक्त केले. या कार्यक्रमास संस्थेचे माजी विद्यार्थी ग्रामस्थ, पालक, हितचिंतक मोठ्या संखेने उपस्थित होते.
शेतकऱ्यांसाठी तीन दिवसीय कृषी तंत्रज्ञान महोत्सव....
दररोज हजारो शेतकऱ्यांची उपस्थिती... कुलगुरू डॉ. अशोक ढवण यांच्या हस्ते उदघाटन
दरवर्षी प्रमाणे संस्थेच्या कृषी विज्ञान केंद्रातर्फे दि. ९ ते ११ फेब्रुवारी दरम्यान तीन दिवसीय कृषी तंत्रज्ञान महोत्सवाचे आयोजन करण्यात आले. महोत्सवाचे उद्घाटन वसंतराव नाईक मराठवाडा कृषी विद्यापीठाचे कुलगुरू डॉ. अशोक ढवन यांच्या हस्ते झाले. यादरम्यान अनेक कृषी क्षेत्रातील तज्ञ व यशस्वी शेतकऱ्यांनी फायदेशीर शेतीचा कानमंत्र दिला. तर कृषी विज्ञान केंद्राने प्रक्षेत्रावर मांडणी केलेल्या प्रयोगाची शिदोरी शेतकरी घेऊन गेले. उद्घाटन प्रसंगी कुलगुरू यांनी, पारंपरिक शेतीत बदल करुन भाजीपाला, फळबागा या मिश्र पिकांसह शेळीपालन,मत्स्यपालन, कुक्कुटपालन, रेशीमशेती, मधुमक्षिका पालन, दुग्धव्यवसाय, अशा कृषिपुरक व्यवसायासह एकात्मिक शेती करावी असे प्रतिपादन केले. प्रत्येक गावातील शेतकऱ्यांनि पोषक परसबागेची निर्मिती करावी. आर्थिक प्राप्तीसह आरोग्यसंवर्धक होईल. शेतकऱ्यांना नवीन तंत्रज्ञान निवडीचे पर्याय उपलब्ध होत आहेत असे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ATARI)चे संचालक डॉ. लखनसिंग म्हणाले. येथील कृषी तंत्रज्ञान महोत्सव शेतकऱ्यांसाठी एक पर्वणी असल्याचे जिल्हा कृषि अधीक्षक रविशंकर चलवदे म्हणाले. डॉ. धनंजय परकाळे यांनी पशुसंवर्धनासाठी शासनाच्या योजनांची माहिती दिली. शेतकऱ्यांनी याचा लाभ घेऊन पशुपालन व्यवसाय करावा असे आवाहन केले.
कृषी तंत्रज्ञान महोत्सवातील लक्षवेधी कार्यक्रम... यशस्वी उद्योजीका सावित्रींच्या लेकीचा सन्मान...
दि. १० रोजी सावित्रींच्या लेकींनी बचत गटांच्या माध्यमातून उभारलेल्या व्यवसायाची यशोगाथा महिला मेळाव्यात उपस्थित महिलांसमोर मांडण्यात आली.
कामगार ते यशस्वी उद्योजिका हा प्रवास करणाऱ्या कमलाताई परदेशी यांनी, कोणतेही काम हलके नसते, एकजुटीने कार्य केल्यास यश नक्कीच मिळते. व्यावसायिकतेला एकतेची जोड देऊन ते अधिक गतिमान करता येऊ शकते हा स्वतःचा अनुभव विषद केला. अंबिका मासालेच्या माध्यमातून विविध प्रकारची मसाले देश विदेशात विक्री केली जातात. दहा महिलांपासून सुरु झालेला या व्यवसात दोनशे महिला कार्यरत असून आज वर्षाकाठी सहा कोटीची उलाढाल होत असल्याचे त्यांनी सांगितले. अभिनेत्री मेघनाताई झुझाम यांनी आपल्या एकपात्री प्रयोगातून सावित्रीबाई फुलेंचा जीवनप्रवास उलगडत प्रबोधनातून मुलींच्या उच्च शिक्षणासाठी प्रोत्साहन दिले. नाबार्डचे जिल्हा विकास अधिकारी राजेश धुर्वे यांनी, महिला स्वयं सहाय्यता गटांसाठी नाबार्डच्या विविध योजनेची माहिती दिली. यावेळी महिला बचत गट व यशस्वी महिलांनी आपले मनोगत व्यक्त केले. पुणे येथील धन्वंतरी प्रतिष्ठानच्या श्रीमती प्रेरणा देशमुख यांनी महिलांच्या आरोग्याविषयी मार्गदर्शन केले. जिल्हाधिकारी अरुण डोंगरे व नांदेड जिल्हापरिषदेचे मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक काकडे यांच्या हस्ते यशस्वी महिला उद्योजिकांना प्रमाणपत्र देऊन गौरविण्यात आले.
महोत्सवात बहरली खाऊ गल्ली... बचतगटांना मिळाले व्यासपीठ
भेळ, पाणीपुरी, ब्रेड पकोडा, वडापाव, पावभाजी. गुलाब व आवळा शरबत, दही धपाटा, मशरूम पकोडे, पापड, लोणचे, विविध प्रकारचे मसाले, अगरबत्ती यासह घोंगडे, गोदड्या व गृहोपयोगी वस्तूंच्या स्टॉलवर महिला व बच्चे कंपनींनी मोठी गर्दी केल्याने महोत्सवात खाद्य संस्कृति बहरली होती.
जिल्ह्यातील महिला बचत गटांना व्यासपीठ, त्यांच्या उत्पादनांची विक्री व प्रचार प्रसार व्हावा, बचत गटांचे सक्षमीकरण व्हावे यासाठी खाद्य संस्कृतीचे आयोजन केले होते. यामध्ये जिल्ह्यातील पन्नासहून अधिक बचत गट यासह अनेक महिलांनी आपापली उत्पादने या खाद्य संस्कृतीत मांडली होती. या महोत्सवात व्यासपीठ उपलब्ध करून दिल्याने उद्योजक महिलांनी समाधान व्यक्त केले. महिला आर्थिक विकास महामंडळ, उमेद, डीआरडी, धान फाउंडेशन, महिला व बालकल्याण विभाग, आत्मा व शिक्षण मंडळ यांच्या अंतर्गत असलेल्या अनेक बचत गटांनी या महोत्सवात सहभाग नोंदविला होता.
ग्रामीण कुटुंबाच्या निरामय जीवनासाठी गंगम्मा मंडल पोषणबाग... (न्यूट्रीशियन गार्डन) शेतकऱ्यांची पसंती...
निरामय जीवनासाठी विषमुक्त अन्न सेवन हा एकमेव पर्याय असून नैसर्गिक तथा सेंद्रिय पद्धतीने कुटुंबापुरते शेतात किंवा घराशेजारी मोकळ्या जागेत 'गंगम्मा पोषणबाग' विकसित करून ताजा व सकस भाजीपाला सेवन केल्यास आर्थिक बचत होऊन निरोगी जीवन जगता येऊ शकते. याकरिता ३० फुट गोलाकार जागेवर गंगम्मा पोषणबागेचे प्रात्यक्षिक करण्यात आले होते. कृषी तंत्रज्ञान महोत्सवात हे मॉडेल शेतकऱ्यांचे आकर्षण ठरले. ह्या पोषण बागेत मेथी, पालक, गाजर, टोमॅटो, मोहरी, वांगे, भगर, मिरची, मुळा, बीट, पानकोबी, राजगीरा, कांदा, फुलकोबी, मका, शेपू, भेंडी, कोथिंबीर, गवार, काकडी, हळद, दोडका, औरा, कारला अशा ऐकून २२ प्रकारच्या फळभाज्या, पालेभाज्या, वेलवर्गीय व कंदमूळवर्गीय भाजीपाला घेण्यात आला. या प्रकारच्या भाजीपाला घरच्या घरी सांडपाणी, टाकाऊ अन्न व ओला कचरा, शेणखत याचा उपयोग करून पिकवावा. या भाजीपाला सेवनातून रक्तशय कमी करण्यासाठी लागणाऱ्या लोह आणि फोलिक असिडयुक्त भाजीपाला दररोज मिळतो. शरीराला लागणाऱ्या कॅल्शीयम व इतर खनिज, जीवनसत्वे यांची गरज पूर्ण होते. महिलांमध्ये रक्तातील तांबड्या पेशी म्हणजे हिमोग्लोबिनचे प्रमाण कमी असते तर हाडांचा ठीसुळपणा आढळून येतो. ह्या पोषणबागेतील ह्या भाजीपाला सेवन केल्यास शरीरास लागणाऱ्या सर्व प्रकारच्या जीवनसत्वांची गरज पूर्ण होते. ह्या पोषणबागेतून कुटुंबाला पुरेसा भाजीपाला प्राप्त होऊन अधिकचा भाजीपाला विक्रीही करता येऊ शकतो त्यामुळे दवाखान्याला लागणारा खर्च व भाजीपाल्यातून मिळणारे उत्पन्न पाहता कुटुंबाचे आर्थिक स्त्रोतहि हि पोषणबाग बनू शकते, फक्त गरज आहे ती शेतकऱ्यांनी अवलंब करण्याची. निरोगी ग्रामीण जीवन यासाठीच महोत्सवात ह्या गंगम्मा मंडल पोषणबागेचे प्रात्यक्षिक शेतकऱ्यांसमोर ठेवले होते. तेलंगणातील गंगम्मा नावाच्या महिलेने आपल्या घराच्या अंगणात अशी बाग विकसित केली म्हणून त्यास गंगम्मा तर गोलाकार असल्याने मंडल असे संबोधले गेल्याने त्यास 'गंगम्मा मंडल' पोषणबाग असे नाव पडले.
तंत्रज्ञान महोत्सवात शेतकऱ्यांना रायपूरच्या एक किलो पेरुची ओळख.
रायपुर येथील व्ही.एन.आर. नर्सरीने विकसित केलेले बीटी पेरूचे वाण महोत्सवात शेतकऱ्यांना अवलोकनार्थ उपलब्ध केले होते. एक किलोचे हे पेरू पाहण्यासाठी शेतकऱ्यांनी मोठी गर्दी केली होती. शेतकऱ्यांनी पारंपारिक पिक पद्धतीसोबतच फळबाग लागवड करावी यासाठी विशेष प्रयत्न केले जात असून महोत्सवात अशा विविध नवीन वाणाची ओळख करून दिली जाते.
बदलत्या हवामानास अनुकूल तंत्रज्ञानावर आधारित पिक प्रात्याक्षिके....
पावसाळा, हिवाळा व उन्हाळा या तिन्ही ऋतूवर आधारित शेतीपद्धती अवलंबून आहे. परंतु हवामानाच्या अनिश्चीतीतेमुळे शेती व्यवसाय धोक्यात आला आहे. ह्यावर उपाययोजना म्हणून हवामानास अनुकूल तंत्रज्ञानावर आधारित पीक पद्धतीसाठी या महोत्सवात प्रात्याक्षिके सादर केली होती.
एक एकर प्रक्षेत्रावर प्रात्यक्षिकाच्या माध्यमातून अनिश्चित पाउस मानासाठी पर्यायी आपत्कालीन पिक योजना, त्यामध्ये हवामान अनुकूल वाणाचा वापर व कमी कालावधी, कीड व रोग प्रतिकारक, पाण्याचा ताण सहन करणारे वाण, उतारला आडवी मशागत व पेरणी, रुंद वरंबा सरी यंत्राने (बी.बी.एफ.) पेरणी, आंतरपीक पद्धती, शून्य मशागत लागवड, प्लास्टिक व शेतातील टाकाऊ काडी कचऱ्यापासून मलचिंग तंत्रज्ञानाचा वापर हिरवळीच्या खतांचा वापर, भूसुधारकाचा वापर, कीड नियंत्रणासाठी एकात्मिक कीड व्यवस्थापन, माती परीक्षणावर आधारित एकात्मिक अन्नद्रव्य व्यवस्थापन, तुषार व ठिबक अशा सूक्ष्म सिंचनाचा वापर, रोग व किडींच्या संरक्षणापासून बीज प्रक्रिया, जल व मृद संधारनासाठी पिकात ठराविक ओळीनंतर सरी काढणे, संरक्षित सिंचनासाठी शेत तळ्याचा वापर, एकात्मिक शेती पद्धतीचा अवलंब म्हणजे कृषी पूरक उद्योग असे ऐकून १६ तंत्रज्ञानावर आधारित प्रात्याक्षिके प्रत्यक्ष शेतावर केली होती.
महोत्सावाचा समारोप
महाराष्ट्र कृषिमूल्य आयोगाचे अध्यक्ष पाशा पटेल यांनी, निसर्गाच्या लहरीपणामुळे कोणत्याही प्रकारच्या पिकांचे खात्रीलायक उत्पन्न मिळणे कठीण झाले आहे. शेतीमालास हमीभाव मिळाला तरच शेतकरी जगेल असे प्रखरपणे आपली भावना व्यक्त केली. संस्थेच्या कृषि विज्ञान केंद्राचे कार्य हे शेतकऱ्यांना आधार देणारे असून कृषि तंत्रज्ञानाचा आधार घेत शेती करावी असे आवाहन केले. यावेळी राष्ट्रीय बांबू अभियान मराठवाडा विभागाचे समन्वय श्री भालेकर यांनी टिशूकल्चरच्या रोपांपासून केलेली बांबूची लागवड फायदेशीर आहे. बांबू हे बहुउपयोगी वनस्पती असून त्याचा वापर मोठया प्रमाणात केला जात आहे. कमी पाण्यावर होणारी बांबूची शेती शेतकऱ्यांनी करण्याचे आवाहन केले. प्रगतशील शेतकरी विनोद पाटील यांनी लिंबू, सीताफळ, पेरू,फळबाग शेती करून आर्थिक प्रबळता मिळवीता येते हे प्रत्यक्ष स्वअनुभवातून आलेले अनुभव शेतकऱ्यांसोबत कथन केले. कांदा एक फायदेशीर शेती याविषयी राष्ट्रीय पुरस्कारप्राप्त कांदा उत्पादक शेतकरी उद्धवराव खेडकर यांनी, कांदा हे हमखास उत्पन्न देणारे पीक असून कमी पाण्यावर, कमी उत्पादन खर्च व कमी कालावधीचे पीक असल्याने कांदा लागवडीसचे आवाहन केले.
नेदरलँडची 'एरीस' आंतरराष्ट्रीय संस्था व कृषी विज्ञान केंद्रामध्ये सामंजस्य करार...
वातावरण बदलाचा शेतीवर होत असलेला अनिष्ट परिणाम लक्षात घेऊन कृषीपूरक उद्योगाला चालना देण्यासाठी संस्थेच्या कृषी विज्ञान केंद्रातर्फे देशातील निवडक शेतकऱ्यांसाठी नेदरलँडच्या 'एरिस' या आंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थेमार्फत ब्रॉयलर संगोपनावरील व्यावसायिक प्रशिक्षणाचे आयोजन करण्यात आले. दुसऱ्या टप्प्यातील दि. १७ ते २८ फेब्रुवारी दरम्यान दहा दिवसाचे प्रशिक्षण पूर्ण झाले. यावेळी 'एरीस' व कृषी विज्ञान केंद्रामध्ये सामंजस्य करार झाला असून, संस्कृति संवर्धन मंडळाचे चेअरमन प्रमोद देशमुख व नेदरलँडच्या 'एरीस' संस्थेचे प्रशिक्षक तथा प्रतिनिधी हेलमीक व्हॅन रइस यांनी करारावरती स्वाक्षऱ्या केल्या. यावेळी एरिस संस्थेच्या अॅन एस्पेल, भारतातील प्रशिक्षण प्रतिनिधी श्रीमती डॉ. तरन्नुम कादरभाई, सगरोळीच्या सरपंच सौ. सुजताताई सिद्नोड, जेष्ठ नागरिक देविदासराव देशमुख, कृषी विज्ञान केंद्रात्तील शास्त्रज्ञ व शेतकरी उपस्थित होते. यापुढे ह्या दोन संस्था एकत्रितपणे शेतकऱ्यांना आंतरराष्ट्रीय दर्जाचे ब्रॉयलर संगोपनावरील व्यावसायिक प्रशिक्षण तथा इतर माहिती आदानप्रदान करणार आहेत.
'एरीस' या संस्थेतर्फे शेतकऱ्यांना कुकुटपालन व्यवसायासाठी उपयुक्त असे ज्ञान दिले जाईल अशी शिक्षण, प्रशिक्षण व्यवस्था उपलब्ध करण्यात आली आहे. जगातील सर्वच शेतकऱ्यांना या व्यवसायाचे प्रशिक्षण मिळावे यासाठी 'एरिस' संस्था सन १९७० पासून अंतरराष्ट्रीय स्तरावर प्रशिक्षण देते.
करारामधील वैशिष्टे
'एरीस' ट्रेनिंग सेंटरतर्फे कृषी विज्ञान केंद्राच्या शास्त्रज्ञांना व निवडक शेतकऱ्यांना दरवर्षी नेदरलँड् येथे अद्यावत प्रशिक्षण मिळणार. प्रशिक्षण घेतलेले शास्त्रज्ञ व शेतकरी भारतातील इतर शेतकऱ्यांना प्रशिक्षण देतील. कृषी विज्ञान केंद्राच्या कार्यकर्त्यांना प्राधान्याने शिष्यवृत्तीसाठी प्रयत्न असेल. व्हिडीओ कॉन्फरनसिंगद्��ारे वेळोवेळी मार्गदर्शन केले जाईल, जगातील इतर देशात असलेल्या 'एरीस' च्या संबंधित संस्थांबरोबर शिक्षण, कृषी व पशु कल्याण याविषयावर माहितीचे आदानप्रदान होईल. संस्थेतील शिक्षक व विद्यार्थ्यांनाही संधी उपलब्ध होईल. व्यावसायिक कुकुटपालनास चालना देण्यासाठी दोन्ही संस्था विविध उपक्रम हाती घेतील. सगरोळीसारख्या भागात प्रशिक्षण देण्याची संधी आम्हाला कृषी विज्ञान केंद्रामुळे प्राप्त झाली. 'एरीस' प्रात्यक्षिकावर आधारित प्रशिक्षण देणारी संस्था आहे. प्रशिक्षणाचा फायदा शेतकऱ्यांनी घेतल्यास अधिक आनंद होतो. हा झालेला करार आमच्यासाठी समाधानकारक असून, येथे प्रशिक्षणादरम्यान मिळालेल्या अनुभावरून ह्या दोन संस्थेत शेतकऱ्यांसाठी काम करण्याकरिता मोठा वाव असल्याचे हेलमिक म्हणाले. हा करारनामा नसून सहनामा आहे. ग्रामीण भागातील लोकांसाठी कार्य करणार आहोत. कृषी विज्ञान केंद्राच्या माध्यमातून तंत्रज्ञानाचे हस्तांतरण होणार आहे. कुकुटपालन व्यवसायातील शेतकऱ्यांना प्रशिक्षणासाठी आता नेदरलँड येथे पाठवता येईल. असे संस्थेचे चेअरमन प्रमोद देशमुख यांनी सांगितले.
बालकांचे हक्क याविषयी तीन दिवसीय कार्यशाळा संपन्न
UNRCR सेंट्रल फॉर सोशल एकॅशन मुंबई येथील प्रशिक्षकांच्या मार्गदर्शनाखाली संस्थेतील शिक्षक, गृहपाल, पर्यवेक्षक, यांच्यासाठी दि.२७ ते २९ फेब्रुवारी दरम्यान तीन दिवसीय कार्यशाळा संपन्न झाली. या कार्यशाळेतून मुलांना स्वहक्काची जाणीव करून देणे, मुलांच्या जबाबदारी आणि कर्तव्याची जाणीव, मुलांच्या सर्वांगीण व्यक्तिमत्त्व विकासासाठी प्रयत्न, शासकीय स्तरावरील उपक्रमात नेतृत्व विकासाची संधी मिळवून देणे, एकजूट होऊन शासकीय यंत्रणेत सहभाग घेणे, यासोबतच मुलांशी संवाद, त्यांच्या गरजा, त्यांच्या समस्या व प्रश्न शासन स्तरावर सोडविणे. बालसंसद ही पूर्णतः मुलांच्या सहभागावर आधारित असून यामध्ये ०६ ते १८ वर्षे वयोगटातील मुलांचा प्रामुख्याने सहभाग असून बालसभेच्या माध्यमातून कौशल्य विकास, गट संघटन, भविष्यातील समाजाचे जबाबदार नागरिक घडविण्यासाठी बालसंसद कार्य करत आहे.
वरोरा येथील जोडो-भारत राज्यस्तरीय मॅरेथॉन स्पर्धेत खेळाडूंचे यश..
दि.९ फेब्रुवारी रोजी आनंदवन-वरोरा (जि.चंद्रपूर) येथे झालेल्या मॅरेथॉन स्पर्धेत संस्थेतील खेळाडूंनी घवघवीत यश मिळविले. महाराष्ट्र अॅथलेटीक्स संघटना व चंद्रपूर जिल्हा अॅथलेटीक्स संघटना संलग्नित श्रद्धेय बाबा आमटे स्मृती निमित्त महारोगी सेवा समिती, वरोरा आनंदवन द्वारा भव्य राज्यस्तरीय जोडो भारत मॅरेथॉन स्पर्धेचे आयोजन केले होते. या स्पर्धेत ५ किमी, १० किमी व २१ किमी या विविध प्रकारात सगरोळीच्या ऐकून ७ खेळाडूंनी सहभाग घेतला होता. पाच किमी धावणे स्पर्धेत सचिन पवार याने १५ मिनिट १७ सेकंदात स्पर्धा पूर्ण करून दुसरा क्रमांक मिळविला तर विष्णू लव्हाळे याने १० किमीची स्पर्धा ३३ मिनिट १३ सेकंदात पूर्ण करून दुसरा क्रमांक मिळविला इतर कृष्णा भालेवर ५ किमी, साईनाथ उस्केलवार ५ किमी, अनिल तर्फेवार २१ किमी, राजुरे इरवंत २१ किमी, व मारोती वडजे १० किमी. या खेळाडूंनीहि समाधानकारक यश मिळविले. पूज्य बाबा आमटे यांच्या कुटुंबीयांनी सर्व खेळाडूंचे कौतुक केले. यावेळी चंद्रपूर जिल्ह्याचे जिल्हाधिकारी, महाराष्ट्र असोसिएशनचे सचिव, क्रीडाप्रेमींची मोठ्या प्रमाणात उपस्थिती होती.
नेदरलॅंडमधील शिक्षक जोहान्स व अॅन रमले शाळेत....
विद्यार्थ्यांशी साधला संवाद व कृतियुक्त शिक्षण पद्धतीचे केले कौतुक.
नेदरलॅंडच्या जोहान्स इनटी हॉल व अॅन वांडर्स या शिक्षकांनी संस्थेच्या शाळेला भेट दिली. एक दोन नव्हे तर तब्बल दहा दिवस ते विद्यार्थ्यांसोबत रमले. यादरम्यान त्यांनी वर्ग भेटी, विद्यार्थी व शिक्षकांशी संवाद साधून येथे चालू असलेल्या (ए.बी.टी.एल) अॅक्टीव्हिटी बेसड् टीचिंग लर्निंग म्हणजे कृतियुक्त शिक्षण पद्धतीचे कौतुक केले तर विद्यार्थ्यांचा वर्गहि घेतला.
जोहान्स इनटी हॉल हे नेदरलॅंडच्या अॅन्हेम या शहरातील अॅनेंथीन कॉलेजमध्ये गणित विषयाचे शिक्षक आहेत. तर अॅना वांडर्स या महिला शिक्षीका केस्टर्न शहरातील हेलीकॉन ऑप्लीडींजर ह्या शाळेत कृषी व्यवसाय हा विषय शिकवितात. या दोघांनीही शिवाजी हायस्कूल, शिवाजी ज्युनिअर बेसिक स्कूल, सैनिकी विद्यालय व मिलेनिअम इंग्लिश स्कूलमधील विद्यार्थ्यांशी संवाद साधत संस्थेतील सायन्स पार्क, अटल टिंकरिंग लॅब, झेस्ट, स्पीकवेल, मेवा, इक्विप, सील या शैक्षणिक उपक्रमांची तर सगरोळी सनराइज क्रीडा प्रकल्पाची माहिती घेतली. यादरम्यान त्यांनी दोन्ही देशातील शिक्षण पद्धतीची देवान घेवाण केली.
सगरोळीच्या शाळेतील ���िक्षण पद्धतीत केले जाणारे विविध प्रयोग अद्यावत असून आधुनिक जगाचे आव्हाने पेलणारे आहेत असे मनोगत ह्या शिक्षकांनी व्यक्त केले. शाळेच्या वेळानंतर ह्या परदेशी पाहुण्यांनी येथील शेती, बाजारपेठ, गावातील नागरिकांच्या भेटी व शेतकरी, व्यापाऱ्यांशी संवाद साधून येथील समाज जीवनाविषयी माहिती घेतली. येथील शाकाहारी पदार्थ खूप छान असून सोबत घेऊन जाणार असल्याचे ते म्हणाले. आम्हांला पुन्हा संधी मिळाली तर आम्ही पुढच्या वर्षी पुन्हा येऊ म्हणत येथील विद्यार्थी आणि शिक्षकांप्रती कृतज्ञता व्यक्त करत संस्थेच्या कार्याचा गौरव केला.
राज्यस्तरीय वॉटर आलिम्पियड स्पर्धेत सुयश .....
रोटरी वॉटर ऑलिम्पियाड२०२० ही राज्यस्तरीय ऑनलाईन स्पर्धा पुणे विद्यापीठाच्या वतीने दि.२३ फेब्रुवारी रोजी आयोजित केली होती. राज्यभरातून ५००० मुलांनी ही परीक्षा दिली. यामधून प्राथमिक गटातून १०, माध्यमिक गटातून १० मुलांनी यश संपादन करून प्रश्नमंजुषा मध्ये सहभागी झाले. यात प्राथमिक मधून कु. धनश्री राऊलवार तृतीय तर माध्यमिक गटातून वेदांत गिरगावकर चौथा क्रमांक पटकावला आहे. यशस्वी विद्यार्थ्यांना प्रमाण पत्र देऊन गौरविण्यात आले. संस्था आणि प्रशालेच्या वतीने यशस्वी विद्यार्थ्यांचे अभिनंदन करण्यात आले.
प्रशालेतील मुलींना सायकलचे वाटप.....
शासनाच्या मानव विकास योजनेअंतर्गत संस्थेच्या शिवाजी हायस्कूल मधील बाहेर गावाहून ये-जा करणाऱ्या ९ मुलींना सगरोळीच्या सरपंच सुजाताताई सिदनोड, संस्थेचे सचिव डॉ. जयंत जकाते यांच्या हस्ते सायकलचे वाटप करण्यात आले. यावेळी विद्यार्थी आणि शिक्षक, पालक यांची उपस्थिती होती.
संस्कार भारतीतर्फे रांगोळी आणि नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाळा संपन्न
संस्थेच्या सैनिकी विद्यालयात जागतिक महिला दिनानिमित्त महिला व मुलींसाठी दि. ४ मार्च रोजी रांगोळी व नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाळा घेण्यात आली. महिला हक्क आणि संस्कार हि काळाची गरज असल्याने या विषयी प्रमुख मर्गदर्शक सौ. स्नेहलताई पाठक यांनी माहिती दिली. गीताताई रावतोळे यांनी भू अलंकरण रांगोळी तर सुनीताताई घाटे यांनी नाट्य अभिनयाचे मार्गदर्शन केले.
व्यवसाय अभ्यासक्रमातील ४४ विद्यार्थ्यांची निवड
श्री छ. शिवाजी ज्युनिअर कॉलेज व्यवसाय अभ्यासक्रमातील विद्यार्थ्यांकरिता विविध औद्योगिक कंपनीत नौकरीची संधी उपलब्ध व्हावी या उद्देशाने दि.११ फेब्रुवारी रोजी भरती मेळावा आयोजित करण्यात आला. सगरोळी, नायगाव, देगलूर, भोकर परिसरातून ११६ विद्यार्थ्यांच्या मुलाखती घेण्यात आल्या. यातील ४४ मुलांना नौकरीची संधी उपलब्ध झाली. मेटलमॅन ऑटो प्रा. ली., इंडोरन्स इंजिअरिंग, बिजी लिड्रं, औरंगाबाद इलेक्ट्ररीकल्स, धूत ट्रान्समिशन, वर्ल्ड वाईड पुणे, ऑईल फिल्ड मशिन प्रा. ली. या उद्योग समूहाच्या अधिकाऱ्यांनी विद्यार्थ्यांची निवड केली.
सूर्यनमस्कार व समूहगायन स्पर्धेत प्रशालेचे यश
मातृमंदिर विश्वस्त संस्थ निगडी, पुणे यांच्यावतीने घेण्यात आलेल्या सूर्यनमस्कार, विद्यार्थी समूहगायन, अध्यापक समूहगायन स्पर्धेत संस्थेच्या प्राथमिक, शिवाजी हायस्कूल आणि सैनिकी विद्यालयाने सहभाग घेतला. मराठवाडा स्तरावरील सूर्यनमस्कार स्पर्धेत सैनिकी विद्यालय प्रथम, शिवाजी हायस्कूलने तिसरा क्रमांक मिळविला. विद्यार्थी समूहगायन स्पर्धेत शिवाजी हायस्कूल व्दितीय तर सैनिकी विद्यालयाने तृतीय क्रमांक पटकावला. शिवाजी ज्युनिअर बेसिक स्कूलला उतेजनार्थ गौरविण्यात आले. दि.९ फेब्रुवारी रोजी झालेल्या मातृमंदिर विश्वस्त संस्था निगडी यांच्यावतीने आयोजित पारितोषिक वितरण कार्यक्रमात संस्थेचे प्रतिनिधी मल्लखांब व सूर्यनमस्कार प्रशिक्षक विनोद वाघमारे यांना प्रशस्तीपत्र देऊन गौरविण्यात आले.
छत्रपती शिवजन्मोत्सव हर्षोल्हासात साजरा
छत्रपती शाहू सैनिकी विद्यालयाच्या वतीने शिवजन्मोत्सवा चा कार्यक्रम घेण्यात आला. यावेळी प्रमुख वक्ते प्रा. विश्वाधार देशमुख यांची उपस्थिती होती. यावेळी मिलेनियम स्कूलच्या विद्यार्थ्यांनी शिवाजी महाराजांचा पोवाडा तर प्राथमिक शाळेच्या मुलांनी शिवाजी महाराजांच्या जीवन चरित्र आधारित विविध प्रसंगातून सादरीकरण केले. शिवाजी हायस्कूलच्या कु. श्वेता तुकडे हिने शिवाजी महाराजांच्या जीवनकार्याची माहिती आपल्या प्रभावी वक्तृत्वातून कथन केले. सैनिकी विद्यालयातील विद्यार्थ्यांनी शिवाजी महाराज यांच्या कार्याचे गुणगान पोवाड्यातून सादर केले. प्रमुख वक्ते यांनी 'शिवरायांशी का आठवावे' या विषयी बोलतांना आपण आपली निष्ठा आणि नैतिकता जपून ती देशकार्यासाठी वर्तनातून आदर्श दाखवून देण्यासाठी दक्ष राहण्यास सांगितले. कार्यक्रमाच्या अध्यक्षस्थानी सुनील देशमुख होते. यावेळीं विद्यार्थी, शिक्षक, पालक मोठया संख्येने उपस्थित होते.
संकल्प दिन उत्साहात... 'क्षात्रतेज' वार्षिक अंकाचे विमोचन
संस्कृति संवर्धन मंडळ संस्थेचे संस्थापक पू. कर्मयोगी बाबासाहेब देशमुख यांचा जन्मदिन दरवर्षी 'संकल्प दिन' म्हणून साजरा केला जातो. दि. १५ मार्च रोजी झालेल्या या कार्यक्रमात मार्गदर्शक म्हणून ज्ञानप्रबोधिनी पुणे या संस्थेचे संचालक श्री गिरीष बापट, आणि विवेकानंद रुग्णालयाचे प्रमुख पदमभूषण डॉ.अशोकजी कुकडे उपस्थित होते. यावेळी सैनिकी विद्यालयाच्या 'क्षात्रतेज' वार्षीकांकाचे प्रकाशन मान्यवरांच्या हस्ते करण्यात झाले.
कर्मयोगी बाबासाहेबांच्या जयंतीनिमित्त दरवर्षी संकल्प ठरविला जातो व तो पूर्ण करण्यासाठी कार्यकर्ते कटिबद्ध असतात. यावर्षी 'कार्याकार्त्यामधील व्यावसायिकता' हा संकल्प निश्चित केला असून ह्या विषयी गिरीष बापट यांनी, वेळेचे व्यवस्थापन, अचूक मोजमाप व कामाचे नियोजन करावे, ध्येय निश्चित ठेऊन उद्दिष्टपूर्तीसाठी प्रयोगशीलता अंगीकारल्यास कार्यकर्त्यामध्ये व्यावसायीकता दृढ होण्यास मदत होईल. कर्मचारी आणि कार्यकर्ता यातील फरक सांगून जो निष्ठेने आणि एकाग्रतेने काम करतो तो कार्यकर्ता. अशा कार्यकर्त्याकडून असे संकल्प पूर्ण होणे हे समाज आणि राष्ट्र हिताचे असते म्हणून व्यावसायिकता जोपासण्यासाठी विद्यार्थी आणि कार्यकर्त्यानी वेळ, पैसा आणि मेहनत आदींचे नियोजन करावे म्हणजे यश मिळण्यास फार वेळ लागणार नाही. चांगले ते घ्यावे व वाईट सोडावे, जे हवय त्याची निर्मिती केली पाहिजे त्यातून आनंद मिळतो. कमीत कमी पैशात व कष्टात उद्दिष्टांनुसार कार्याची पूर्तता केल्यास ती व्यावसायिक कृती ठरते. नवीन संकल्पना सुचाव्यात त्या अनुषंगाने विचार करावा. या माध्यमातूनच व्यावसायिक वृत्ती निर्माण होईल असे सांगितले. व्यसनाधीनता व त्याचे मानवी जीवनावर होत असलेले दुष्परिणाम या विषयी सांगताना डॉ. अशोक कुकडे यांनी मानवी शरीर हे सर्वात मौलिक संपत्ती असून सूर्यनमस्कार, योगा याद्वारे आपण आरोग्यमय जीवन व्यतीत करावा असा संदेश दिला. अध्यक्षीय समारोप प्रसंगी श्री देशमुख यांनी आपण केलेला संकल्प हा कार्यामधून व कृतीतून दाखवून देत त्यासाठी सातत्याने अधिक प्रयत्नशील राहुन कार्य करण्याचा संदेश कार्यकर्त्यांना दिला. यावेळी विविध पुरस्कार प्राप्त झालेल्या क��र्यकर्त्यांचा सन्मान मान्यवरांच्या हस्ते झाला.
श्रध्दा देशमुख महिला भूषण पुरस्काराने सन्मानित ...
सामाजिक क्षेत्रात विशेषतः महिला सक्षमीकरणासाठी कार्यरत असलेल्या महिलांच्या कार्याची दखल घेऊन दरवर्षी महाराष्ट्र राज्य मराठी पत्रकार संघ, दै. समीक्षा, पत्रप्रेस परिषद, मंथन क्रिएटिव्ह ग्रुप व ह्युमन राईट्स फाउंडेशनतर्फे गेल्या दहा वर्षापासून विविध क्षेत्रातील कर्तृत्ववान महिलांचा जागतिक महिला दिनी दि.८ मार्च रोजी विशेष सन्मान केला जातो. संस्थेच्या उत्कर्ष अॅग्रो इंडिस्ट्रीजच्या संचालिका श्रद्धा देशमुख यांचा माजी मुख्यमंत्री तथा पालकमंत्री ना. अशोकराव चव्हाण यांच्या हस्ते कुसुमताई महिला भूषण पुरस्कार देऊन सन्मान करण्यात आला. श्रद्धा देशमुख या उत्कर्ष अॅग्रो इंडिस्ट्रीद्वारे अन्न प्रक्रिया उद्योग व प्रशिक्षण देण्याचे कार्य करीत आहेत. सोया दूध, पनीर, सीताफळ, आवळा, करवंद, कोरफड या पासून विविध उत्पादने व लोणचे, स्क्वॅश आदी पदार्थाची निर्मिती व महिलांना प्रशिक्षण देत आहेत. गृहउद्योग, मिरची पावडर, शेवगा पावडर, मसाले, डाळ निर्मिती, ब्युटीपार्लर, पाक कला, महिलांच्या आरोग्य विषयी शिबिरांचे आयोजन करून सक्षमीकरणासाठी मोलाची भूमिका पार पाडत आहेत.
काटकळंबा ता कंधार येथे क्षमता बांधणी टप्यास सुरुवात...
नाबार्ड व ॲटलास काॕपको चॕरिटेबल संस्था पुणे यांनी काटकळंबा ता.कंधार पाणलोट क्षेत्र विकास प्रकल्पास मान्यता दिल्यानंतर एप्रिल 2019 पासून मृद व जलसंधारणाचे विविध काम संस्कृति संवर्धन मंडळ सगरोळी संस्थेच्या माध्यमातुन हाती घेतले आहेत.यावर्षी नाबार्डने क्षमता बांधणी टप्यास मंजूरी दिली असून यात एकूण 100 हेक्टर क्षेत्रावर मृदसंधारणाची कामे प्रस्तावित आहेत यात सलग समतल चर ,खोल सलग समतल चर,गली प्लग बांधबंदिस्ती ,सांडवे तसेच वृक्षारोपण आदी कामांचा समावेश आहे.दि.24 एप्रिल 2020 रोजी प्रत्यक्ष कामाचा शुभारंभ करण्यात आला आहे याप्रसंगी पाणालोट समितीचे अध्यक्ष श्री बाबुराव बस्वदे,बालाजी पानपट्टे,मोहन पवार उपसरपंच गोविंदराव वाकोरे,सरपंच प्रतिनिधी राष्ट्रपाल चावरे साईनाथ कोळगिरे,सुभाष मोरे,सदाशिव हाम्पले ,रामदास बस्वदे व तसेच पाणलोट समितीचे पदाधिकारी आणि संस्था प्रतिनिधी गंगाधर कानगुलवार ,व्यंकटी ढाले आदी उपस्थित होते.सध्या गट क्रमांक 167 व 166 या क्षेत्रावर सलग समतल चर,खोल सलग समतल चर आदी कामे मजूरांमार्फत प्रगतीपथावर आहेत.कोरोना महामारी लक्षात घेता मजूरांना कामे देतांना आवश्यक ती काळजी व खबरदारी घेतली जात आहे.लाॕकडाऊन कालावधीत गावातील स्थानिक मजूरांच्या हाताला रोजगार उपलब्ध झाल्याने गावक-यांनी सामाधान व्यक्त केले आहे.क्षमता बांधणी टप्पा यशस्वीपणे पुर्ण झाल्यानंतर नाबार्ड मुख्य टप्यास मान्यता देणार आहे.सदरील प्रकल्प हा नाबार्डचा महत्वाकांक्षी प्रकल्प हवामानावर आधारित पाणलोट प्रकल्प असून बदलत्या हवामानाचा अभ्यास करुन शेतक-यांना पिक रचनेत पध्दतीत बदल करता येणार आहे.
विद्यार्थ्यांकडून ग्रंथदान....
संस्थेच्या सैनिकी विद्यालयातील दहावीच्या विद्यार्थ्यांसाठी सदिच्छा सोहळा संपन्न झाला. यावेळी विदार्थ्यांनी आपले मनोगत व्यक्त केले. या सोहळ्यात विद्यार्थ्यांनी प्रशालेतील आपल्या लहान बांधवांना स्पर्धा परीक्षेची तयारी करता यावी यासाठी दहा हजार रुपये किमतीचे स्पर्धा परीक्षा, व्यक्तिमत्व विकास संदर्भीय व विविध ग्रंथ वसतिगृहास भेट देऊन वसतिगृहात ग्रंथालय सुरू करून नवा आदर्श निर्माण केला. विद्यार्थ्यांना परीक्षेसाठी शुभेच्छा देण्यात आल्या.
भावपूर्ण श्रद्धांजली
दीपक कानेगावकर
सगरोळी सनराईज क्रीडा प्रकल्पाचे मार्गदर्शक तथा मुंबई येथील उद्योजक दीपक कानेगावकर यांचे दि. २१ फेब्रुवारी रोजी मुंबई येथे निधन झाले. सन २००३ साली कानेगावकर यांच्या मार्गदर्शनाने निवडक खेळाडूंसह सगरोळी सनराईज या क्रीडा प्रकल्पाची सुरुवात झाली. अठरा वर्षानंतरही हा प्रकल्प कानेगांवकर यांनी ठरवलेल्या उद्देशानुसार वाटचाल करीत आहे. अनेक खेळाडूंनी राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय स्तरावर यश संपादन केले आहे. त्यांच्या मार्गदर्शनामुळे येथील संस्थेत वर्गातील शिक्षणाएवढेच मैदानातील खेळांनाही महत्व प्राप्त झाले आहे. दर्जेदार प्रशिक्षण, योग्य आहार, प्रशिक्षांसाठी लागणारे साहित्य आदींची पूर्तता कानेगांवकर यांनी केली. त्यांच्या सोबत अनेक क्रीडाप्रेमी संस्थेशी जोडल्या गेले व आज दीपक कानेगांवकर यांच्यामुळेच संस्थेत स्वतंत्रपणे क्रीडा धोरण अंमलात आले आहे.
माधवराव गटणे
श्री. माधवराव गटणे यांचे पुणे येथे दि.२३ मार्च रोजी अल्पशा आजाराने निधन झाले. संस्थेच्या बालकमंदिर वसतिगृहात ३२ वर्षे गृहपाल पदी कार्यरत होते. अत्यंत प्रामाणिक व निष्ठेने त्यांनी विद्यार्थ्यांची सेवा केली. हजारो निराधार व गरजू मुलांचा पित्याप्रमाणे त्यांनी सांभाळ केला. संस्थेने एक पितृतुल्य व्यक्तिमत्व गमावले आहे. भावपूर्ण श्रद्धांजली.
नारायण आणेराव
राष्ट्रीय खेळाडू व स्थलसेनेत २५ वर्षे देशसेवा केल्यानंतर नारायण आणेराव यांनी संस्थेत 'सगरोळी सनराईज या क्रीडा प्रकल्पाच्या मुख्य प्रशिक्षकाची धुरा सांभाळली. त्यांच्या मार्गदर्शनाने खेळाडूंनी अनेक स्पर्धा गाजवल्या. यामध्ये आणेराव यांची भूमिका महत्वाची होती. नारायण आणेराव यांचे दि. २५ मार्च रोजी अल्पशा आजाराने निधन झाले. संस्था परिवारातर्फे भावपूर्ण आदरांजली...
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देश में कोरोनावायरस आने के साथ से ही स्कूल-क��लेज बंद हैं। अब टीचर्स और स्टूडेंट्स दोनों ऑनलाइन क्लासेज पर निर्भर हैं। हालांकि, डिवाइस के जरिए क्लासेज को शुरू करना जितना आसान सुनने में लगता है, दरअसल यह उतना आसान है नहीं। लगातार ऑनलाइन क्लासेज से टीचर्स, बच्चे और पैरेंट्स कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं। यूनेस्को की रिपोर्ट बताती है कि कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में 100 करोड़ से ज्यादा बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। जबकि, अकेले भारत में यह आंकड़ा 32 करोड़ 7 लाख 13 हजार 810 है।
भोपाल की रहने वाली प्रीति दुबे एक कॉलेज में टीचर होने के साथ-साथ 11 साल की बच्ची की मां भी हैं। प्रीति बताती हैं कि आजकल उनकी बेटी भी ऑनलाइन क्लासेज कर रही है, लेकिन जो सब्जेक्ट उसे समझ नहीं आता, वो उससे बचने की कोशिश करती है और पैरेंट्स से सीखने का वादा करती है। ऐसे में मुझे अपने काम के साथ-साथ बेटी की पढ़ाई पर भी ध्यान देना पड़ रहा है, इससे कई बार तनाव का सामना करना पड़ता है।
प्रीति कहती हैं "ऑनलाइन क्लासेज से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं, क्योंकि क्लास के मुकाबले बच्चे ऑनलाइन लर्निंग में पूरी तरह फोकस नहीं कर पाते।" हालांकि वे माहौल सामान्य होने तक ऑनलाइन क्लासेज का ही समर्थन करती हैं।
बच्चे किस तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं?
राजस्थान के कोटा में न्यूरो साइकैट्रिस्ट और काउंसलर डॉक्टर नीना विजयवर्गीय के अनुसार, बच्चे अपने साथियों और दूसरे लोगों के साथ फेस टू फेस मुलाकात नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें क्लासरूम जैसी गंभीरता और माहौल नहीं मिल रहा है। ऐसे में उन्हें क्लास के साथ कनेक्ट होने में परेशानी हो रही है।
आम परेशानियों के अलावा ऑनलाइन क्लासेज के साथ कई तकनीकी दिक्कतें भी जुड़ी हुई हैं। डॉ. विजयवर्गीय के मुताबिक, ऑडियो-वीडियो की परेशानी, छोटा स्क्रीन साइज, कमजोर नेटवर्क, डिस्टरबेंस, डिवाइस की कमी जैसी परेशानियों का सामना बच्चे रोज कर रहे हैं।
अहमदाबाद में साइकैट्रिस्ट और काउंसलर डॉ. ध्रुव ठक्कर कहते हैं "एजुकेशन और आईटी सेक्टर दोनों के साथ ही परेशानियां हो रही हैं, क्योंकि वर्क फ्रॉम होम शुरुआत में तो ठीक रहा, लेकिन बिना लोगों से मुलाकात के यह बोरिंग होता गया। सबसे पहला फ्रस्ट्रेशन यही है।"
पैरेंट्स हो रहे तनाव का शिकार
प्रीति बताती हैं "क्लासेज के दौरान छोटे बच्चों के साथ पैरेंट्स को बैठना पड़ता है। इसके अलावा जॉब के साथ-साथ बच्चों के साथ काम करना मुश्किल हो रहा है। डाउट्स के लिए बच्चे पैरेंट्स के ऊपर निर्भर हो रहे हैं और जब डाउट नहीं सुलझ सकते तो बच्चों की एजुकेशन का ही नुकसान होता है।'
डॉक्टर विजयवर्गीय कहते हैं कि माता-पिता को एग्जाम और सिलेबस की ज्यादा चिंता है। इसके अलावा पैरेंट्स की गैरमौजूदगी में बच्चे पढ़ाई छोड़कर गलत चीजें देखने लगते हैं। ऐसे में पैरेंट्स उनकी ऑनलाइन एक्टिविटीज को मॉनिटर करना होगा।
5 टिप्स जो पढ़ाई, नौकरी और रिश्तों को बेहतर बनाने में मदद करेंगे-
1. समझें और सपोर्ट करें: चीजों को आपस में समझना जरूरी है। क्लासेज और जॉब्स के दौरान घर में अच्छा माहौल तैयार करें और हर चीज में एक-दूसरे को सपोर्ट करें। ऐसा करने से आपके काम और स्वास्थ्य दोनों ही प्रभावित नहीं होंगे।
2. लाइफस्टाइल और शेड्यूल: काम के बोझ से बचने के लिए अपना एक शेड्यूल तैयार करें और अपने पसंदीदा चीज को भी वक्त दें। इसके अलावा अच्छी और हेल्दी लाइफस्टाइल चुनें, ताकि आप तनाव और घबराहट से बच सकें। भरपूर 8 घंटे की नींद, संतुलित डाइट और पानी पीते रहें। सुबह-शाम एक्सरसाइज को वक्त दें।
3. ब्रेक: बच्चे और माता-पिता काफी ज्यादा वक्त सोशल मीडिया पर गुजार रहे हैं। ऐसे में यह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। एक्सपर्ट्स मोबाइल को एडिक्शन की तरह मानते हैं। ऐसे में सोशल मीडिया और दूसरे स्क्रीन टाइम को भी कम करें।
4. केवल जरूरी चीजों पर ध्यान: यह समय पहले ही काफी ज्यादा तनाव से भरा हुआ है। ऐसे में वर्किंग शेड्यूल से अपने लिए वक्त निकालने की कोशिश करें। इसके लिए केवल जरूरी चीजों पर ही ध्यान देने की कोशिश करें और गैरजरूरी काम से बचें। हां, जरूरी काम में कोई टालमटोल न करें।
5. स्वास्थ्य का ध्यान: स्क्रीन टाइम बढ़ने के कारण बच्चे और माता-पिता हेल्थ प्रॉब्लम्स का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में अपनी हेल्थ का ध्यान रखें। उदाहरण के लिए ऑनलाइन क्लास ले रहे बच्चे और घर से ही दफ्तर का काम निपटा रहे पैरेंट्स को समय-समय पर आंखों की जांच करानी चाहिए।
पैरेंट्स बच्चों को सब्जेक्ट पढ़ाएं
कई बच्चों को रिसोर्सेज की कमी या स्लो नेटवर्क जैसी अलग-अलग परेशानियों के कारण अपनी पढ़ाई जारी रखने में मुश्किल हो रही है, जबकि शिक्षा जारी रहे यह बहुत जरूरी है। डॉ. ठक्कर कहते हैं कि अगर हो सके तो पैरेंट्स बच्चों को सब्जेक्ट पढ़ाएं। अगर बच्चा पढ़ने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है तो उन्हें आर्ट और क्राफ्ट जैसी नई चीजें भी सिखाएं जो वे सीखना चाहते हैं।
शिक्षक भी कर रहे परेशानियों का सामना
मई में आईं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ दसवीं क्लास के स्टूडेंट्स ने क्लास के दौरान अश्लील वीडियो चला दिए थे और टीचर्स पर भद्दे कमेंट्स किए थे। इसके अलावा टीचर्स स्टॉकिंग का भी सामना कर रहे हैं।
डॉ. विजयवर्गीय बताती हैं कि टीचर्स भी इस सिस्टम के आदी नहीं होने के कारण डरे हुए हैं और वे ऑनलाइन क्लासेज के दौरान आत्मविश्वास महसूस नहीं कर पा रहे हैं। बच्चे भी स्क्रीन पर होने का कारण न तो टीचर्स की बात मान रहे हैं और न ही शिष्टाचार अपना रहे हैं। कुछ बहाने बनाकर क्लासेज से बचने की कोशिश करते हैं।
लगातार बन रहे अजीब और नेगेटिव माहौल के कारण टीचर भी तनाव में आ जाते हैं। डॉ. ठक्कर कहते हैं कि "यह मजबूरी है हमारे पास कोई चॉइस नहीं है। हमें इन हालात को मानना होगा, क्योंकि आप इसे बदल नहीं सकते। यह अस्थाई है परमानेंट नहीं। कुछ महीनों के लिए आपको सहनशीलता बनानी होगी।'
डॉ. ठक्कर कहते हैं कि 'बच्चों के साथ थोड़ी बातचीत और एंटरटेनमेंट करें। बच्चों को संभालना चुनौती है, लेकिन क्रिएटिविटी की मदद ले सकते हैं। जैसे ब्रेक या गेम और इसमें बच्चों के साथ-साथ पैरेंट्स को भी शामिल करें।"
एक टीचर ने ऑनलाइन क्लास में स्टूडेंट्स का इंटरेस्ट बनाए रखने के लिए क्लास का समय कम कर दिया है। पहले जहां एक क्लास करीब 35 मिनट की होती थी, अब यह कम होकर 20 मिनट की हो गई है। इस दौरान बच्चों से बातचीत भी की जाती है।
परेशान टीचर वीडियो क्लासेज का सहारा ले सकते हैं
डॉ. विजयवर्गीय के अनुसार, अगर टीचर लाइव क्लासेज में ज्यादा परेशानी महसूस कर रहे हैं तो वे वीडियो क्लास की मदद ले सकते हैं। टीचर्स टू वे कम्युनिकेशन बंद कर वीडियो क्लासेज जारी कर सकते हैं। आप क्लास का वीडियो बनाकर अपलोड कर दें। इससे पैरेंट्स पर भी बोझ नहीं पड़ेगा और बच्चों को भी रिवीजन करने में आसानी होगी। इसके अलावा नेटवर्क परेशानी से जूझ रहे बच्चों को भी फायदा होगा।
तनाव में न आएं बच्चे
ऑनलाइन क्लासेज कर रहे कई स्टूडेंट्स अपने प्रदर्शन और शिक्षा को लेकर भी चिंतित हैं। ऐसे में एक्सपर्ट्स बच्चों को तनाव से दूर रहने की सलाह देते हैं, क्योंकि डिप्रेशन का सबसे आम कारण स्ट्रेस है। डॉक्टर विजयवर्गीय ने कहा कि हम स्ट्रेस से बचे सकते हैं, लेकिन डिप्रेशन बीमारी है और इसके बाद इलाज ही एक रास्ता है।
डॉ. ठक्कर कहते हैं कि प्रेशर की वजह से हो रहा नुकसान एजुकेशन लॉस से ज्यादा बड़ा है। क्योंकि अगर आप पढ़ाई में पीछे हो गए हैं तो आप उसे कवर कर सकते हैं, लेकिन अगर आप प्रेशर में आ रहे हैं तो स्वास्थ्य परेशानी हो सकती है।
डॉ. ठक्कर कहते हैं कि "पैरेंट्स को बच्चों को सिखाना चाहिए कि बुरे हालात में हमें चीजों को समझना पड़ता है। नई पीढ़ी ने पढ़ाई को लेकर पहले की तरह बुरे हालात नहीं देखे हैं। उन्हें जितना मिल रहा है उन्हें उसकी भी कीमत नहीं है। बच्चों को बताएं कि कभी-कभी हालात हमारे काबू में नहीं होते हैं ऐसे में बुरे वक्त में भी हम इसका फायदा कैसे उठा सकते हैं।"
ऑनलाइन एजुकेशन मतलब ज्यादा स्क्रीन टाइम
पहले ही मोबाइल और लैपटॉप पर ज्यादा वक्त बिताने वाले छात्र अब और ज्यादा स्क्रीन के संपर्क में आने लगे हैं। ऐसे में आंखों का ख्याल रखना भी जरूरी है। रामकृष्ण परमार्थ फाउंडेशन मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर और डॉ. वसुधा डामले गैरजरूरी स्क्रीन टाइम में कटौती करने की सलाह भी देती हैं, क्योंकि जितना ज्यादा स्क्रीन टाइम उतनी ज्यादा दिक्कत।
इरिटेशन: लगातार कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन पर काम या मूवी-गेम्स के कारण इरिटेशन की समस्या भी होती है। इस दौरान व्यक्ति को आंखों की मदद से कोई भी काम करने में असुविधा होती है। इसका कारण और भी कई बीमारियां हो सकती हैं।
ड्राइनेस: डॉक्टर्स बताते हैं कि गर्मियों में ड्राइनेस आम परेशानी है। ड्राइनेस का मुख्य कारण है आंख में तरल या लुब्रिकेंट की कमी होना। ड्राइनेस ज्यादा बढ़ने पर मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह लें। डॉक्टर रमनानी के अनुसार, इसका इलाज बेहद ही सामान्य है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर आपको ड्रॉप्स दे देंगे, जिसकी वजह से आंखें सूखेंगी नहीं।
रेडनेस: इस दौरान आपकी आंखों में रेडनेस और खुजली भी हो सकती है। हालांकि एलर्जी और इंफेक्शन जैसे कई कारणों के कारण आंखों में रेडनेस की परेशानी हो सकती है।
आंखों से पानी आना: आंखों में से पानी आने के कारण भी एलर्जी, इंफेक्शन, चोट हो सकते हैं। लगातार स्क्रीन पर काम करने के कारण आंखों से पानी आने की परेशानी हो सकती है।
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Take advantage of bad situation, health loss is worse than education loss; Parents and teachers also reduce stress by staying creative
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A historic change in Indian education system #edutalkindore #indianeducation #neweducationpolicy स्कूली शिक्षा में 10+2 खत्म, 5+3+3+4 की नई व्यवस्था होगी लागू! केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी है. साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है, अब इसे 10+2 से बांटकर 5+3+3+4 फार्मेट में ढाला गया है. इसका मतलब है कि अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे. फिर अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा. इसके बाद में तीन साल मध्य चरण (कक्षा 6 से 8) और माध्यमिक अवस्था के चार वर्ष (कक्षा 9 से 12). इसके अलावा स्कूलों में कला, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम का कोई कठोर पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, वो ले सकते हैं. प्वाइंट्स -शिक्षकों के साथ-साथ अभ��भावकों को भी जागरूक करने पर जोर. -प्रत्येक छात्र की क्षमताओं को बढ़ावा देना प्राथमिकता होगी. -वैचारिक समझ पर जोर होगा, रचनात्मकता और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा मिलेगा. -छात्रों के लिए कला और विज्ञान के बीच कोई कठिनाई, अलगाव नहीं होगा. -नैतिकता, संवैधानिक मूल्य पाठ्यक्रम का प्रमुख हिस्सा होंंगी. नई शिक्षा नीति के कुछ अन्य महत्वपूर्ण पहलू -2040 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को मल्टी सब्जेक्ट इंस्टिट्यूशन बनाना होगा जिसमें 3000 से अधिक छात्र होंगे. -2030 तक हर जिले में या उसके पास कम से कम एक बड़ा मल्टी सब्जेक्ट हाई इंस्टिट्यूशन होगा. -संस्थानों का पाठ्यक्रम ऐसा होगा कि सार्वजनिक संस्थानों के विकास पर उसमें जोर दिया जाए. -संस्थानों के पास ओपन डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन कार्यक्रम चलाने का विकल्प होगा. -उच्चा शिक्षा के लिए बनाए गए सभी तरह के डीम्ड और संबंधित विश्वविद्यालय को सिर्फ अब विश्वविद्यालय के रूप में ही जाना जाएगा. -मानव के बौद्धिक, सामाजिक, शारीरिक, भावनात्मक और नैतिक सभी क्षमताओं को एकीकृत तौर पर विकसित करने का लक्ष्य. नई नीति में संगीत, दर्शन, कला, नृत्य, रंगमंच, उच्च संस्थानों की शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल होंगे. स्नातक की डिग्री 3 या 4 साल की होगी. 2050 तक स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणाली के माध्यम से कम से कम 50 फीसदी शिक्षार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा में शामिल होना होगा. गुणवत्ता योग्यता अनुसंधान के लिए एक नया राष्ट्रीय शोध संस्थान बनेगा, इसका संबंध देश के सारे विश्विद्यलय से होगा। https://www.instagram.com/p/CDTlR60h0S6/?igshid=1mouns9x0bg9j
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