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#पॉम ऑयल
rudrjobdesk · 2 years
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सरकार के इस फैसले के बाद 5 रुपये तक सस्ता हो सकता है खाद्य तेल, चीनी भी नहीं लगेगी कड़वी!
सरकार के इस फैसले के बाद 5 रुपये तक सस्ता हो सकता है खाद्य तेल, चीनी भी नहीं लगेगी कड़वी!
केन्द्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने चौतरफा महंगाई की मार झेल रही जनता को राहत देने के लिए पिछले 7 दिनों में एक के बाद कई बड़े फैसले किए हैं। पहले जहां पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने के लिए एक्साइज ड्यूटी में कटौती की गई। वहीं, मंगलवार को सरकार ने कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी के तेल के आयात पर कस्टम ड्यूटी, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपेमेंट सेस शून्य कर दिया है।…
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prabudhajanata · 1 year
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मुंबई: (Godrej Agrovet)गोदरेज एग्रोवेट के ऑयल पाम बिजनेस ने समाधान नाम की एक अभूतपूर्व पहल शुरू की है। यह एक वन स्टॉप सॉल्यूशन सेंटर है जो ऑयल पाम किसानों को ज्ञान, उपकरण, सेवाएं और समाधान का व्यापक पैकेज प्रदान करेगा। 'समाधान' का उद्देश्य ताड़ के तेल उद्योग में एक महत्वपूर्ण संबल बनना है और ताड़ के तेल के किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाकर और उनकी उत्पादकता को बढ़ाकर उनकी पैदावार का अनुकूलन करने में सहायता करना है। आधुनिक तकनीकों की जानकारी और उनकी सुलभता सुनिश्चित करने पर जोर देने के साथ, 'समाधान' किसानों को ताड़ के तेल की खेती में उद्यम करने के बारे में सोच-विचार कर निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा जिससे उनकी आय में निरंतर वृद्धि हो सकेगी। अगस्त 2021 में खाद्य तेल - ऑयल पाम पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमईओ-ओपी) के लॉन्च के बाद से, विविधीकृत कृषि-व्यवसाय कंपनी एवं भारत में ऑयल पाम क्षेत्र में अग्रणी, गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड ने अगले पांच वर्षों के दौरान 60,000 हेक्टेयर अतिरिक्त ऑयल पाम के वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा था ताकि भारत में ताड़ के तेल के दीर्घकालीन सतत विकास का समर्थन कर सके। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कंपनी ने 'समाधान' सेंटर विकसित किया है। प्रत्येक समाधान केंद्र के जरिए ~2,000 हेक्टेयर ऑयल पॉम के रोपण का समर्थन करने और किसानों को आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकियों एवं विशेषज्ञ सलाह के उपयोग के माध्यम से परिपक्व बागानों में निरंतर उत्पादकता हासिल करने में मदद करने का इरादा है। इस पहल के माध्यम से, गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड ने भारतीय ऑयल पाम के किसानों के साथ वैश्विक सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा करने, और किसानों को विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में इन पद्धतियों को अपनाने में मदद की योजना बनाई है। यह किसानों को विकासात्मक वित्त, सरकारी सब्सिडी/योजनाओं और अन्य सुविधाओं का लाभ उठाने में सहायता करने में भी मदद करेगा। गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री बलराम सिंह यादव ने इस पहल के बारे में बताते हुए कहा, “ऑयल पाम के कारोबार में तीस से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, हम स्थायी तरीके से पाम ऑयल रोपण प्रक्रियाओं के बारे में किसानों को शिक्षित करने हेतु काम कर रहे हैं। समाधान की मदद से, हम उद्योग के विस्तार और समृद्धि के लिए हल प्रदान करने की उम्मीद करते हैं। हम इन ताड़ के तेल का उत्पादन करने वाले किसानों को विभिन्न प्रकार के संसाधन, सेवाएं, पेशेवर मार्गदर्शन और नवीनतम तकनीक प्रदान करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। हमने हाल ही में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दो केंद्र खोले हैं और मार्च 2023 तक हम इसका विस्तार करना चाहते हैं। 2027 तक, हमारी योजना इनके समान 50 और केंद्र स्थापित करने की है।" खाद्य तेल पर राष्ट्रीय मिशन - ऑयल पाम (एनएमईओ-ओपी) ने अगस्त 2021 में लॉन्च होने के बाद से ऑयल पाम उद्योग में उत्साह और गति की एक नई भावना पैदा की है। यह कार्यक्रम भारत सरकार की एक ऐतिहासिक पहल है जिसका उद्देश्य विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में, ताड़ के तेल का दीर्घकालिक सतत विकास और नए किसानों को अतिरिक्त सहायता प्रदान करते हुए, उन्हें नया खेत शुरू करने की चुनौतियों से उबरने में मदद करना है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने एनएमईओ-ओपी योजना के तहत 2027 तक 1,000,000 हेक्टेयर तेल ताड़ की खेती करने का लक्ष्य रखा है। लंबे समय तक टिकाऊ विकास के लिए वायबिलिटी गैप पेमेंट (वीजीपी) कार्यक्रम की शुरूआत और नए किसानों के लिए बढ़ा हुआ प्रोत्साहन दो ऐसी प्रमुख विशेषताएं हैं जो इसे उद्योग के लिए अद्वितीय और सहायक बनाती हैं।
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mykrantisamay · 3 years
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सरकार ने दिसंबर तक रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क घटाकर 10% किया
सरकार ने दिसंबर तक रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क घटाकर 10% किया
प्रतिनिधित्व के लिए छवि। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की एक अधिसूचना के अनुसार, रिफाइंड ब्लीचड डियोडोराइज़्ड पॉम ऑयल और रिफाइंड ब्लीच्ड डिओडोराइज़्ड पामोलिन की “आयात नीति” को तत्काल प्रभाव से और 31 दिसंबर तक की अवधि के लिए प्रतिबंधित से मुक्त करने के लिए संशोधित किया गया है। 2021″। पीटीआई नई दिल्ली आखरी अपडेट:30 जून, 2021, 20:55 IST पर हमें का पालन करें: सरकार ने बुधवार को इस साल 31…
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vatankiawazcom · 3 years
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सरकार के इस फैसले से जल्द ही सस्ते में मिलने लगेंगे खाद्य तेल, 5 सालों में सबसे महंगी दर पर मिल रहे हैं खाने के तेल
सरकार के इस फैसले से जल्द ही सस्ते में मिलने लगेंगे खाद्य तेल, 5 सालों में सबसे महंगी दर पर मिल रहे हैं खाने के तेल
सरकार खाद्य तेलों के आयात पर लगने वाले एग्री सेस को कम करके खाने के तेलों की कीमतों को कम कर सकती है. इस समय खाने के तेलों के दाम 5 सालों में सबसे महंगी दर पर मिल रहे हैं. इस समय खाने के तेल के भाव आसमान पर पहुंच गए हैं. खाने के तेलों के दामों को घटाने के लिए सरकार इसके आयात पर लगने वाले एग्री सेस को घटाने पर विचार कर रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार क्रूड पॉम ऑयल,…
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sonita0526 · 4 years
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पीएम महातिर ने कहा- भारत के पॉम ऑयल बैन से उर्जा, हम इसका समाधान खोजने की कोशिश करेंगे
पीएम महातिर ने कहा- भारत के पॉम ऑयल बैन से उर्जा, हम इसका समाधान खोजने की कोशिश करेंगे
कुआलालंपुर। भारत द्वारा मलेशिया से पॉम ऑयल के बंद किए जाने से मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद परेशान हैं। मंगलवार को मोहम्मद ने कहा- भारत का कदम हमारी चिंताओं को बढ़ाने वाला है लेकिन इसका समाधान खोजने की कोशिश की जाएगी। बता दें कि महातिर ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया था। भारतीय संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन विधेयक का भी विरोध किया गया। मोदी सरकार ने इसे देश के आंतरिक…
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devbhumimedia · 7 years
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मलेशिया के प्रधानमंत्री ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये देहरादून। मलेशिया के प्रधानमंत्री दातो हाजी मोहम्मद नजीब बिन तुन हाजी अब्दुल रज्जाक की भारत यात्रा के अवसर पर मलेशियन पाम वॉइल काउंसिल (एमपीओसी) ने मुम्बई डब्बावाला असोसीएशन (एमडीए) तथा सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स असोसीएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के साथ सहयोग को और अधिक बढ़ाने के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया। इसका लक्ष्य मलेशियन पॉम ऑयल एवं एमएसपीओ प्रमाणित पॉम ऑयल के विकास और इस्तेमाल को व्यापक रुप से प्रोत्साहित करने के लिए पारस्परिक हित के क्षेत्र में सहभागिता को जारी रखना है। इसके तहत पॉम ऑयल को बहुमूल्य वस्तु के रुप में महत्ता प्रदान कर उत्पाद व बाजार विकास समर्थन एवं गतिविधियों के माध्यम से इसके उत्पादकों, संसाधकों, उपयोक्ताओं एवं उपभोक्ताओं के हितों को तुष्ट किया जाएगा। इसके अंतर्गत इन दोनो संगठनो के हितों को संयुक्त प्रयासों के माध्यम से उत्तरदायित्व बोध के दायरे में लाया जाएगा। उभय पक्षों ने उपर्युक्त दोनों एमओयू को मलेशिया के माननीय प्रधानमंत्री की मौजूद्गी निष्पादित किया। मलेशियन पॉम ऑयल काउंसिल ऑफ मलेशिया (एमपीओसी), जिसका निबंधित कार्यालय, कुआलालंपुर, मलेशिया में है, भारतीय उपभोक्ताओं, खाद्य निर्माताओं एवं अन्य अंतिम उपयोक्ताओं के बीच मलेशियन पॉम ऑयल की व्यापक स्वीकार्यता हेतु संभावनाओं के प्रोत्साहन एवं सृजन के लिए प्रासंगिक व्यापार व उपभोक्ता संगठनो के साथ सहयोग करने का इच्छुक है। इसी प्रकार एमपीओसी सर्टिफिकेशन स्टैंडर्ड्स के जरिए मलेशियन पॉम ऑयल की उपलब्धियों के प्रति व्यापक जागरुकता के प्रसार का भी इच्छुक है। इसके उद्देश्यों में मलेशियन पॉम ऑयल उद्योग में स्थायित्वपूर्ण पद्घतियों और इससे जुड़े गुणवत्ता संबंधी एमएसपीओ द्वारा निर्धारित आश्वासन का प्रदर्शन करना सम्मिलित है। मुंबई डब्बावाला असोसीएशन (एमडीए), लगभग 5000 सदस्यों के साथ समूचे मुंबई महानगर में अपने ग्राहकों को उनके घर से कार्यालयों में लंच बॉक्स (डब्बा) में ताजा पका भोजन पहुँचाने का काम करता है। यह सरल कार्य एक बेहद विशेषीकृत व्यापार के तौर पर अपने वर्तमान स्वरुप में एक शताब्दी से विकसित होता चला आ रहा है एवं यह मुंबई की संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। एमडीए के सदस्य रोजाना लगभग 2,00,000 डब्बों की डिलीवरी करते हैं। दी सॉल्वेंट एक्सटै्रक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए), का पंजीकृत कार्यालय मुंबई, भारत में स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 1963 में भारत में सॉल्वेंट एक्सटै्रक्शन उद्योग के विकास एवं वृद्घि को बढ़ावा देने में सहायता करने के लिए की गयी थी। पिछले अनेक वर्षों में इस एसोसिएशन की गतिविधियों की संभावनाओं एवं परिधि में विस्तार हुआ है और वर्तमान समय में यह भारत में वनस्पति तेल उद्योग एवं व्यापार का अग्रणी एसोसिएशन है। इस एसोसिएशन को भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा एक ''गैर सरकारी संगठन''(एनजीओ) के रुप में चिन्हित किया गया है एवं इसे विभिन्न ऑयल मिल्स, कंपाउंड फीड, वृ़क्ष व वन से प्रान्त होने वाले माइनर ऑयल्स, खाद्य तेल एवं ऑयलसीड के निर्यात के लिए भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा ''टे्रड प्रमोशन ऑर्गनाइ���ेशन'' (टीपीओ) के तौर पर मान्यता प्रदान की गयी है।
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abhay121996-blog · 3 years
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मलेशिया में 125 साल बाद मिला अत्‍यंत दुर्लभ उल्‍लू, नारंगी रंग की हैं आंखें Divya Sandesh
#Divyasandesh
मलेशिया में 125 साल बाद मिला अत्‍यंत दुर्लभ उल्‍लू, नारंगी रंग की हैं आंखें
क्‍वालालंपुर मलेशिया के वर्षा वनों में पाए जाने वाले एक दुर्लभ उल्‍लू को 125 साल बाद फिर से पाया गया है। नारंगी रंग की आंखों वाले इस अद्भुत उल्‍लू को मलेशिया के माउंट किनाबलू के जंगलों में देखा गया है। यह उल्‍लू राजाह स्‍कोप प्रजाति का है। इस उल्‍लू के शरीर पर खास तरह के धारियां बनी हुई हैं और इसका पर्यावास भी अलग तरह का है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि यह नई तरह की प्रजाति है और इसके संरक्षण की जरूरत है।
इस उल्‍लू के बारे में अभी बहुत ज्‍यादा जानकारी नहीं है लेकिन यह पहाड़ों पर घने वन के अंदर रहता है। इन उल्‍लूओं के घरों पर अब संकट मंडरा रहा है और इसकी वजह, जलवायु परिवर्तन, जंगलों का काटा जाना तथा पॉम ऑयल का उत्‍पादन है। तकनीकी मामलों के विशेषज्ञ कीगन ट्रांनक्लिलो ने वर्ष 2016 में इस उल्‍लू की तलाश में काफी समय माउंट किनाबलू के जंगल के अंदर बिताया था।
राजाह स्‍कोप्‍स उल्‍लू की सन 1892 में सबसे पहले पहचान कीगन ने स्मिथसोनिआन पत्रिका को बताया कि जंगल के अंदर जहां अत्‍यधिक अंधेरा था, वहां यह उल्‍लू उड़ा और बैठ गया। उन्‍होंने कहा कि यह उल्‍लू कुछ समय बाद ही उड़ गया लेकिन बाद में सौभाग्‍य से वापस आ गया। वह बता सकते थे कि यह स्‍कोप उल्‍लू है लेकिन उसका आकार बड़ा था और उसकी आंखें भी नारंगी थीं। कीगन ने इसके बारे में शोधकर्ता एंडी बोयसे को बताया जो यूनिवर्सिटी ऑफ मोंटाना में शोध कर रहे हैं।
एंडी ने बताया कि मुझे एक विचित्र उल्‍लू के बारे में फोन कॉल आया। मैं उस समय प्रयोगशाला में था। एंडी अब स्मिथसोनिआन माइग्रेटरी बर्ड सेंटर में परिस्थितिकी विज्ञानी हैं। उन्‍होंने कहा, ‘जब मैंने इस उल्‍लू को देखा तो मैं पूरी तरह से आश्‍चर्यचकित रह गया। मैं काफी उत्‍साहित हो गया क्‍योंकि हमने एक कल्‍पना में पाए जाने वाले पक्षी की खोज की है। इसके बाद मैंने बहुत तेजी से इसका दस्‍तावेजीकरण किया। राजाह स्‍कोप्‍स उल्‍लू की सबसे पहले पहचान सन 1892 में रिचर्ड बोवडलर शार्पे ने की थी।
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mykrantisamay · 3 years
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खाद्य तेल की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल, एक साल में कितनी बढ़ी पाम तेल की कीमतें?
खाद्य तेल की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल, एक साल में कितनी बढ़ी पाम तेल की कीमतें?
विदेश नीति के कारण खाद्य तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं। एक साल में पॉम ऑयल के दाम 40 फीसदी बढ़े कोरोना का फायदा उठाकर चीन ने गुजरात से मूंगफली का तेल खरीदा. आयातित स्टील के नियम बदलने से कंपार्टमेंट और महंगा हो जाएगा। Source link
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sonita0526 · 4 years
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मलेशिया से पॉम ऑयल का आयात बंद करेगा भारत, कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन किया था
मलेशिया से पॉम ऑयल का आयात बंद करेगा भारत, कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन किया था
नई दिल्ली। भारत जल्द ही मलेशिया से पॉम ऑयल का आयात बंद करेगा। रिफाईनरी को मौखिक आदेश में सरकार के फैसले से सोमवार को अवगत कराया गया। पिछले साल भारत ने मलेशिया से लगभग 5 लाख टन पॉम ऑयल किया था। मलेशिया के प्रधान महातिर मोहम्मद ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 और धारा 35 ए हटाने का विरोध किया था। मोहम्मद ने नागरिकता कानून में संशोधन का भी विरोध किया था। विदेश मंत्रालय ने मलेशियाई राज राज को को बुलाकर…
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