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#आरक्षण का विवरण
laweducation · 1 year
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BPSC बिहार सिविल जज नोटिफिकेशन जारी, कुल 155 पदों पर होगी नियुक्ति
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बिहार लोक सेवा आयोग ने अपने विज्ञापन संख्या 23/2023 में 32वीं बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर असैनिक न्यायाधीश के 155 पद जो भविष्य में माननीय न्यायालय के आदेशानुसार घट भी सकते है पर नियुक्ति हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए है| BPSC Civil Judge Recruitment 2023 - बिहार लोक सेवा आयोग की और से दिनांक 20.02.2023 को जारी किये गए नोटिफिकेशन के अनुसार इस साल सिविल जजों के 155 पदों पर भर्ती की जाएगी और इन पदों की संख्या माननीय न्यायालय के आदेश से कम भी सकती है| योग्य एंव इच्छुक अभ्यर्थी दिनांक 27.02.2023 से Bihar Public Service Commission की ओफिशियल साईट www.bpsc.bih.nic.in पर जाकर आवेदन कर सकते है| Earn Money Online - Reward Event: Exness Lucky DrawBPSC Civil Judge PSC रिक्त पदों का विवरण – (i) अनारक्षित वर्ग –  पद 61 (महिलाओ के पद 22) (ii) आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग – 15 पद (महिलाओ के पद 04) (iii) अनुसूचित जाति – 29 पद (महिलाओ के पद 07) (iv) अनुसूचित जनजाति – 02 पद (महिलाओ के पद 01) (v) अत्यन्त पिछड़ा वर्ग – 30 पद (महिलाओ के पद 10) (vi) पिछड़ा वर्ग – 18 पद (महिलाओ के पद 06) कुल पद – 155 जिसमे 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के फलस्वरूप महिलाओ के लिए अनुमान्य 50 पद शामिल है| विस्तृत जानकारी के लिए नोटिफिकेशन देखे शैक्षणिक योग्यता – बार कांउसिल ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/संस्थान से विधि स्नातक (लॉ ग्रजुएट) अथवा समतुल्य परीक्षा में उत्तीर्ण आवेदन कर सकते है| उम्र सीमा – दिनांक 01.08.2022 को न्यूनतम आयु सीमा 22 वर्ष से अधिक एंव दिनांक 01.08.2019 को अधिकतम आयु 35 वर्ष से कम हो| लेकिन आरक्षित वर्ग तथा अनारक्षित वर्ग की महिला के लिए उक्त दिनांक को आयु 40 वर्ष से कम एंव 22 वर्ष से अधिक होनी चाहिए| चयन प्रक्रिया – यह तीन चरण में होगा जिसमे - प्रारम्भिक परीक्षा (प्रीलिम्स), लिखित परीक्षा (मेन्स परीक्षा) तथा इंटरव्यू है और नियुक्ति हेतु चयन लिखित परीक्षा एंव साक्षात्कार में प्राप्त अंको के आधार पर किया जाएगा| आवेदन की महत्वपूर्ण दिनांक - आवेदन प्रारम्भ की दिनांक – 27.02.2023 आवेदन की अन्तिम दिनांक – 27.03.2023 ऑनलाइन आवेदन भरने हेतु विस्तृत निर्देश आयोग की वेबसाईट www.bpsc.bih.nic.in पर उपलब्ध है Read the full article
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emkanews7 · 1 year
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Maa Tujhe Pranam Yojana | मां तुझे प्रणाम योजना मध्य प्रदेश 
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Maa Tujhe Pranam Yojana, मां तुझे प्रणाम योजना मध्य प्रदेश, माँ तुझे प्रणाम योजना 2022, मां तुझे प्रणाम अमर उजाला DSYWMP, www.dsywmp.gov.in application form 2022, पोस्ट ऑफिस वैकेंसी 2022 MP लास्ट डेट, MP Maa Tujhe Pranam Yojana: मां तुझे प्रणाम योजना मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा शुरू की गई एक लोकप्रिय योजना है योजना के अंतर्गत राज्य में रहने वाले लड़के लड़कियों के अंदर राष्ट्र भावना को और ज्यादा विकसित करने के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर का भ्रमण करवाया जाएगा कि उनके अंदर भी देश के प्रति कुछ करने की जज्बा और राष्ट्रीय भावना उत्पन्न हो सके अब आप लोगों के मन में सवाल आएगा कि  मां तुझे प्रणाम योजना क्य�� है?  योजना के लाभ के , मां तुझे प्रणाम योजना की योग्यता, मां तुझे प्रणाम योजना हेतु दस्तावेज, आवेदन करने की प्रक्रिया क्या होगी?  अगर आप इन सब के बारे में नहीं जानते हैं तो हम आपसे निवेदन करेंगे कि हमारे साथ आर्टिकल पर आखिर तक बनी रहे हैं चलिए शुरू करते हैं- 
Maa Tujhe Pranam Yojana 2023
आर्टिकल का प्रकारसरकारी योजनाआर्टिकल का नाममां तुझे प्रणाम योजनासाल2023लाभ कौन ले सकता हैप्रदेश के बेटे और बेटियांप्रक्रियाऑनलाइनऑफिशियल वेबसाइटclick here Maa Tujhe Pranam Yojana
मां तुझे प्रणाम योजना क्या है? MA Tujhe Pranam Yojana 
मां तुझे प्रणाम योजना मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा शुरू किया गया एक महत्वकांक्षी योजना है योजना के अंतर्गत राज्य सरकार राज्य में रहने वाली बेटे और बेटियों को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत की सैन्य गतिविधि की तैयारी किस प्रकार की जा रही है उसके बारे में जानकारी दी जाएगी और साथ में  बताया जाएगा कि भारतीय सेना किस प्रकार हमारे देश की रक्षा दुश्मनों से करते हैं ताकि उनके अंदर राष्ट्रीय भावना को और भी ज्यादा विकसित किया जा सके योजना के माध्यम से राज्य की बालिकाओं में समर्पण भावना के साथ राष्ट्रीय भावना को भी विकसित किया जाएगा I
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Maa Tujhe Pranam Yojana
 मां तुझे प्रणाम योजना के लाभ Benefits Maa Tujhe Pranam Yojana 
- maa tujhe pranam Yojana 2022 के संचालित करने से राज्य में रहने वाले बालक और बालिकाओं के अंदर राष्ट्रीय भावना को और भी मजबूती के साथ विकसित करना है - योजना के माध्यम से राज्य में रहने वाली बेटियों को सीमाओं का भ्रमण किया जाएगा ताकि बेटियों के अंदर राष्ट्र के प्रति समर्पण भावना को विकसित किया जाएगा -  योजना की शुरुआत खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा किया गया है |  - मां तुझे सलाम योजना के अंतर्गत चयनित लड़कियों को गृह निवास यात्रा का किराया, दैनिक खर्च, आवास की सुविधा, भोजन, स्थानीय यातायात की सुविधा, रेल के आरक्षण, ट्रैक, टी-शर्ट एवं किट बैग प्रदान किए जाएंगे I  - योजना के माध्यम से देश के युवाओं में राष्ट्रप्रेम की भावना को और भी ज्यादा मजबूत करना है ताकि देश के प्रति उनके क्या करता है उनका उन्हें बोध कराया जा सके I 
मां तुझे प्रणाम योजना को योग्यता Eligible Maa Tujhe Pranam Yojana 2023
- मध्य प्रदेश का मूलनिवासी होना आवश्यक है -  आयु 15 वर्ष से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए । - योजना का लाभ राज्य  के बेटे और अब बेटियों दोनों को मिलेगा
 मां तुझे प्रणाम योजना हेतु दस्तावेज REQUIRED DOCUMENTS ,Maa Tujhe Pranam Yojana 
- आधार कार्ड - चरित्र प्रमाण पत्र  - शैक्षणिक योग्यता का प्रमाण पत्र - मेडिकल सर्टिफिकेट - निवास प्रमाण पत्र - आयु प्रमाण पत्र
मां तुझे प्रणाम योजना 2023 ऑनलाइन आवेदन कैसे करें Maa Tujhe Pranam Yojana Apply process 
- सबसे पहले आपको इसके official website  पर विजिट करना होगा.  - अब आप इसके होम पेज पर पहुंच जाए - यहां आवेदन करने का लिंक दिखाई पड़ेगा उस पर आपको क्लिक करना है I  - अब आपके सामने आवेदन पत्र ओपन होगा जहां आपसे जो भी आवश्यक जानकारी पूछी जाएगी उसका विवरण देंगे - इस के बाद आप अपना आवेदन पत्र यहां पर सबमिट कर देंगे I  MP लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 श्रमिक कार्ड ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 2023 Read the full article
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newsuniversal-in · 1 year
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पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने बैठक कर प्राप्त किया जानकारी
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सिद्धार्थनगर। कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को उ0प्र0 राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने सभी सम्बंधित लोगों के साथ बैठक करके शासन को रिपोट भेजने के लिए जानकारी प्राप्त किया। उ0प्र0 राज्य स्थ��नीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष मा0 न्यायमूर्ति राम औतार सिंह की अध्यक्षता एवं सदस्य महेन्द्र कुमार, संतोष कुमार विश्वकर्मा, बृजेश कुमार सोनी, जिलाधिकारी संजीव रंजन की उपस्थिति में कलेक्ट्रेट सभागार में समस्त अधिशासी अधिकारी एवं जनप्रतिनिधिगण की उपस्थिति में बैठक सम्पन्न हुई। जिलाधिकारी संजीव रंजन द्वारा उ0प्र0 राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष मा0 न्यायमूर्ति राम औतार सिंह की अध्यक्षता एवं सदस्य महेन्द्र कुमार, संतोष कुमार विश्वकर्मा, बृजेश कुमार सोनी का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया।
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उ0प्र0 राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष मा0 न्यायमूर्ति राम औतार सिंह जनप्रतिनिधियों का प्रत्यावेदन लेने के साथ-साथ मौखिक भी उनकी समस्याओं को सुना। आयोग के अध्यक्ष मा0 न्यायमूर्ति राम औतार सिंह ने कहा कि आयोग का उद्देश्य यह पता लगाना है कि प्रावधानों के तहत निर्धारित 27 प्रतिशत ओ.बी.सी. वर्ग को आरक्षण प्राप्त हो रहा है कि नहीं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में नगरनिकाय का कार्य देखने वाले एडीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया जायेंगा। जिसमें संबंधित उप जिलाधिकारी तथा अधिशासी अधिकारी सदस्य तथा जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी सदस्य सचिव रहेंगे। समिति लोगों की शिकायतों एवं समस्याओं को सुनकर अपनी रिपोर्ट देंगी। बैठक के दौरान अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों से प्रश्नावली भरवायी गयी, जिसका उद्देश्य मुख्य रूप से अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों का जनसंख्या के अनुपात में राजनैतिक प्रतिनिधित्व का आकलन करना है। प्रश्नवाली में यह भी पूछा गया है कि नगरनिकाय में पिछड़े वर्ग को दिये गये आरक्षण से वे संतुष्ट है अथवा नहीं। अधिकारियों की बैठक में जिलाधिकारी संजीव रंजन ने जनपद की 11 नगर निकायों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। संबधित अधिशासी अधिकारी द्वारा अपने-अपने नगरनिकायों का विवरण प्रस्तुत किया तथा संबंधित नगरपालिका व नगरपंचायत के अधिशासी अधिकारी ने पिछड़ी जाति के सभासद पिछले नगरनिकायों के चुनाव में 27 प्रतिशत का आरक्षण एवं अन्य जानकारी आयोग को उपलब्ध कराया। बैठक में आयोग के सदस्य महेन्द्र कुमार ने बताया कि मा0 उच्च न्यायालय के निर्देश पर आयोग का गठन उ0प्र0 शासन ने किया है। इस प्रकरण की सुनवायी मा. उच्चतम न्यायालय में 11 अप्रैल को होगी। इसलिए आयोग का प्रयास है कि 31 मार्च तक रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करें। सदस्य बृजेश कुमार सोनी ने बताया कि 1953 में कालेकर समिति तथा 1980 में मण्डल समिति के रिपोर्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाता है। आयोग सभी जनपदों का भ्रमण करके सभी 762 निकायों का अध्ययन करेंगा। उ0प्र0 राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा प्रिन्ट/इलेक्ट्रानिक मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता की गयी। इस बैठक में उपरोक्त के अतिरिक्त उपरोक्त के अतिरिक्त अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) उमाशंकर, समस्त नगर पालिका/नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी, जनप्रतिनिधिगण आदि उपस्थित थे। Read the full article
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marketingstrategy1 · 1 year
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Reservation Bill Controversy:आरक्षण पर राजभवन का पलटवार, कहा- पत्र में विशेष परिस्थितियों का उल्लेख नहीं - Cg Rajbhavan Counterattack On Reservation Dispute
Reservation Bill Controversy:आरक्षण पर राजभवन का पलटवार, कहा- पत्र में विशेष परिस्थितियों का उल्लेख नहीं – Cg Rajbhavan Counterattack On Reservation Dispute
छत्तीसगढ़ राजभवन – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी ख़बर सुनें ख़बर सुनें आरक्षण विवाद को लेकर मचे घमासान के बीच राजभवन इस मामले में पलटवार किया है। राजभवन की ओर से इस संबंध में कहा गया है कि मात्रात्मक विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया है। उन विशेष एवं बाध्यकारी परिस्थितियों को नहीं बताया गया है, जिसके अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का प्रतिशत राज्य की सेवाओं में…
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mediawalablog · 2 years
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Promotion In Central Government : आरक्षण सहित 8 हज़ार केंद्रीय कर्मचारियों को प्रमोशन की तैयारी
New Delhi : अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के सदस्यों को केंद्र सरकार प्रमोशन में आरक्षण देने सहित 8,089 अधिकारियों को प्रमोट करने के लिए तैयार है। शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। प्रमोशन में 1,734 पद प्रमोशन में आरक्षण के अंतर्गत नहीं आते, जबकि 5,032 अनारक्षित हैं। सरकार ने SC श्रेणी में 727 और ST श्रेणी में 207 प्रमोशन करने का फैसला किया है। 389 पदों के लिए विवरण नहीं मिला। कई नियमित प्रमोशन 6 साल से अधिक समय से लंबित थे। अधिकारियों ने इसकी लगातार मांग कर रहे थे। प्रमोशन में आरक्षण सरकार में अवर सचिव के पद तक लागू होता है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने गुरुवार को कई आदेश जारी किए। न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि कई आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं, जबकि अन्य प्रक्रिया में हैं। केंद्रीय सचिवालय सेवा (CSS) में लगभग 4,734 अधिकारियों को नियमित प्रमोशन मिलने वाली है। इनमें 1,757 से अधिक अधिकारी शामिल। 1,472 से अधिक अनुभाग अधिकारियों को अवर सचिव के पद पर प्रमोट किया जा रहा है, जो 2015 से लंबित है। उप सचिव रैंक पर 327 और निदेशक स्तर पर 1,097 अधिकारियों को प्रमोशन मिलेगा। केंद्रीय सचिवालय आशुलिपिक सेवा में 2,966 अधिकारियों को प्रमोट किया जाएगा। वहीं, केंद्रीय सचिवालय लिपिक सेवा के 389 अधिकारियों को प्रमोट किया जाना तय है। डीओपीटी ने कहा कि अनुबंध में बताए गए सभी अधिकारी जो इस आदेश की तारीख तक सेवा में हैं, उन्हें संबंधित मंत्रालयों और विभागों में रखा जाता है, जहां वे वर्तमान में अगले आदेश तक ग्रेड में नियमित प्रमोशन पर तैनात हैं। आदेश में कहा गया कि किसी भी वर्ष के लिए चयन सूची में शामिल और अभी भी अवर सचिव का पद धारण करने वाले अधिकारियों को उप सचिव के पद का कार्यभार ग्रहण करना आवश्यक है। उनकी नियमित नियुक्ति केवल उसी तिथि से प्रभावी होगी। वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों के मामले में उन्हें सात दिनों (कार्य दिवस) के भीतर अपनी इच्छा प्रस्तुत करके और आदेश जारी होने के 30 दिनों के भीतर CSI प्रभाग को रिपोर्ट करके प्रमोशन प्राप्त करने के लिए कहा गया है। केंद्रीय सचिवालय के अधिकारी और CSS फोरम पिछले कई सालों से प्रमोशन में हो रही देरी का विरोध कर रहे हैं। अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने फरवरी में केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की थी। उनके साथ प्रमोशन के साथ-साथ अन्य सेवा मामलों पर भी चर्चा की। इस साल अप्रैल में सरकार ने सभी मंत्रालयों को सभी स्तरों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के प्रतिनिधित्व पर डेटा एकत्र करना शुरू करने के लिए कहा था। इन समूहों के लिए प्रमोशन में आरक्षण को लागू करने में एक महत्वपूर्ण पहला कदम है।
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coolnayasaveralove · 3 years
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जानिए उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में कितना कर सकतें है खर्च? और कितनी है जमानत राशि, जानें सभी विवरण
जानिए उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में कितना कर सकतें है खर्च? और कितनी है जमानत राशि, जानें सभी विवरण
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव लखनऊ– UP Panchayat chunav 2021: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी तेज हो गई है। राज्य में जिलेवार आरक्षण की लिस्ट ब्लॉक और जिला मुख्यालय पर चिपकाया जा रहा है। वहीं फाइनल लिस्ट 15 मार्च को जारी होगी। इसके बाद ही State Election Commission त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा। ऐसे में चुनाव की तैयारी में लगे भावी प्रधान समेत अन्य प्रत्याशी चुनाव…
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allgyan · 3 years
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RCTC Charges  (आईआरसीटीसी  कैंसलेशन शुल्क)-
IRCTC Charges  (आईआरसीटीसी  कैंसलेशन शुल्क)-
IRCTC  Payment Gateway Charges -
IRCTC  Payment -आईआरसीटीसी ई-टिकट कैंसलेशन शुल्क, नियम: आईआरसीटीसी ट्रेन के चार्ट तैयार करने से पहले और आरक्षण चार्ट तैयार होने के बाद कन्फर्म टिकट पर फ्लैट कैंसलेशन शुल्क लेता है। भारतीय रेलवे अपने वर्ग के टिकटों पर अलग-अलग कैंसलेशन शुल्क लगाता है जैसे कि कार्यकारी वर्ग या एसी प्रथम श्रेणी, एसी टू-टियर, एसी थ्री-टियर, अन्य। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) - राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर की ई-टिकटिंग शाखा, ने अपनी आधिकारिक आईआरसीटीसी अगली पीढ़ी की ई-टिकटिंग वेबसाइट पर कन्फर्म ट्रेन टिकटों को रद्द करने पर नियम निर्दिष्ट किए हैं।आईआरसीटीसी कन्फर्म टिकट पर ट्रेन का चार्ट बनने से पहले और रिजर्वेशन चार्ट बनने के बाद फ्लैट कैंसिलेशन चार्ज वसूल करता है।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC), i-PAY का इनहाउस पेमेंट गेटवे अब हर दिन 125,000 से अधिक ट्रांजैक्शन प्रोसेस कर रहा है। आईआरसीटीसी के एक बयान में कहा गया है कि आई-पे आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर रेलवे टिकट, हवाई टिकट और टूर पैकेज बुक करने के लिए भुगतान की सुविधा प्रदान करता है।
यह आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध कई भुगतान गेटवे में से एक है।
“अप्रैल-2019 के महीने में लॉन्च होने पर, i-PAY ने कुल ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग का केवल 5.8 प्रतिशत किया, जो बढ़कर 13 प्रतिशत हो गया है। वर्तमान में, आई-पे को आईआरसीटीसी के विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों जैसे एयर टिकटिंग, पर्यटन, आई-मुद्रा और ई-टिकटिंग में लाइव कर दिया गया है।
पेमेंट गेटवे एक ई-कॉमर्स वेबसाइट और एक बैंकिंग ट्रांजेक्शन वेबसाइट के बीच एक माध्यम के रूप में कार्य करता है। आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने कहा कि अधिक लेनदेन की सुविधा के लिए आई-पे प्लेटफॉर्म को अन्य ईकॉमर्स वेबसाइट पर विस्तारित करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
आईआरसीटीसी ने कहा कि उसने हाल ही में आई-पे भुगतान गेटवे का उपयोग करने वाले आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप उपयोगकर्ताओं के लिए 'ऑटोपे' की एक नई सुविधा भी पेश की है। आईआरसीटीसी के एक बयान में कहा गया है, "इस सुविधा में, उपयोगकर्ता को अपने यूपीआई बैंक खाते या अन्य भुगतान साधन को एक मैंडेट सुविधा के माध्यम से डेबिट करने की अनुमति देनी होती है, जो उसके भुगतान साधन पर एक ग्रहणाधिकार (अवरुद्ध राशि) बनाता है।"
बयान में कहा गया है, "इस सुविधा का उपयोग करते हुए, तत्काल कोटा के तहत प्रतीक्षा सूची वाले टिकट की पुष्टि होने के बाद ही टिकट बुक करने के लिए पैसा डेबिट किया जाएगा।"
सीधे शब्दों में कहें तो उपयोगकर्ता अपने खाते के विवरण दर्ज कर सकते हैं और एक बार कन्फर्म टिकट उपलब्ध होने पर आईआरसीटीसी वेबसाइट को टिकट बुकिंग राशि में कटौती करने की अनुमति दे सकते हैं। यदि चार्ट तैयार होने के बाद भी तत्काल प्रतीक्षा सूची में टिकट प्रतीक्षा सूची में रहता है, तो केवल लागू शुल्क (जैसे रद्दीकरण शुल्क, आईआरसीटीसी सुविधा शुल्क और मैंडेट शुल्क) उपयोगकर्ता के खाते से काट लिया जाएगा और अवरुद्ध राशि जारी की जाएगी।
साथ ही, यदि एक टिकट की पुष्टि नहीं होती है, तो अवरुद्ध राशि का उपयोग दूसरी टिकट बुक करने के लिए किया जा सकता है। इसका मतलब तेज रिफंड भी होगा।
आईआरसीटीसी के अनुसार, ऑटो���े सुविधा पूर्व अधिकृत आदेश के माध्यम से टिकट बुकिंग की उच्च विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है क्योंकि यह बुकिंग के समय भुगतान साधन विवरण में उपयोगकर्ता के समय को कम करती है।
“उपयोगकर्ता का बैंक खाता तभी डेबिट होगा जब सिस्टम पीएनआर (यात्री नाम रिकॉर्ड) उत्पन्न करेगा। ऑटोपे अधिक फायदेमंद है जहां 'बर्थ चॉइस नॉट मेट' या 'नो रूम' परिदृश्यों के कारण उपयोगकर्ता के बैंक खाते से भुगतान की कटौती के बाद भी टिकट बुक नहीं होता है," आईआरसीटीसी के बयान में कहा गया है।
बयान में कहा गया है, "यह उपरोक्त मामलों में ग्राहकों को वित्तीय स्वतंत्रता देता है, जहां ग्राहक आईआरसीटीसी से अपने बैंक खाते में रिफंड राशि जमा करने की चिंता किए बिना उसी / अगले दिन बाद की बुकिंग करना चाहते हैं।"
IRCTC Cancellation charges of e-Tickets before the chart preparation of trains -
आईआरसीटीसी के मुताबिक, काटी गई राशि कैंसिलेशन के समय और कैंसिलेशन के समय ट्रेन टिकट की स्थिति पर आधारित होती है।
1. यदि एक कन्फर्म टिकट ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 48 घंटे पहले ऑनलाइन रद्द किया जाता है, तो टिकटों की श्रेणी के लिए न्यूनतम प्रति यात्री फ्लैट रद्दीकरण शुल्क इस प्रकार हैं:
एसी फर्स्ट क्लास या एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए 240 रुपये काटे जाएंगे एसी टू-टियर या फर्स्ट क्लास के लिए 200 रुपये काटे जाएंगे एसी थ्री टियर या एसी चेयर कार या एसी थ्री इकोनॉमी क्लास के लिए 180 रुपये काटे जाएंगे स्लीपर क्लास के लिए 120 रुपए कटेंगे द्वितीय श्रेणी के लिए 60 रुपये निर्धारित किए जाएंगे
2. यदि एक कन्फर्म ट्रेन टिकट ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 48 घंटे की अवधि के भीतर और 12 घंटे तक रद्द किया जाता है, तो रद्दीकरण शुल्क ऊपर उल्लिखित न्यूनतम फ्लैट दर के अधीन किराए का 25 प्रतिशत होगा, साथ ही सभी एसी क्लास पर जीएसटी लागू।
3. यदि कन्फर्म ट्रेन टिकट 12 घंटे की अवधि के भीतर और ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से चार घंटे पहले तक ऑनलाइन रद्द किया जाता है, तो रद्दीकरण शुल्क न्यूनतम रद्दीकरण दर के अधीन, जीएसटी के साथ किराए का 50 प्रतिशत होगा। सभी एसी कक्षाओं के लिए लागू।
4. आईआरसीटीसी ने कहा कि कन्फर्म रिजर्वेशन वाले ट्रेन टिकटों पर किराए की कोई वापसी स्वीकार्य नहीं होगी, अगर टिकट ऑनलाइन रद्द नहीं किया जाता है या ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से चार घंटे पहले तक टीडीआर ऑनलाइन दर्ज नहीं किया जाता है।
How to cancel IRCTC e-ticket online (आईआरसीटीसी का ई-टिकट ऑनलाइन कैसे कैंसिल करें)-
आईआरसीटीसी की ई-टिकटिंग वेबसाइट पर जाएं। लॉगिन स्क्रीन पर अपने सही उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड के साथ लॉग इन करें। My Transactions' पर जाएं और My Account मेन्यू के तहत 'Booked Ticket History' लिंक पर क्लिक करें। बुक किए गए टिकट प्रदर्शित किए जाएंगे। रद्द करने के लिए टिकट का चयन करें और 'टिकट रद्द करें' पर क्लिक करें। जिन यात्रियों के टिकट कैंसिल किए जाने हैं, उन्हें चुनकर कैंसिलेशन शुरू करें यात्री के नाम से पहले चेक बॉक्स का चयन करें और 'टिकट रद्द करें' बटन पर क्लिक करें एक पुष्टिकरण पॉप-अप प्रदर्शित किया जाएगा। रद्दीकरण की पुष्टि करने के लिए 'ओके' बटन का चयन करें। सफलतापूर्वक रद्द करने पर, रद्द करने की राशि काट ली जाएगी और धनवापसी राशि स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी। रद्द करने के लिए एक पुष्टिकरण संदेश मोबाइल नंबर (बुकिंग के समय प्रदान किया गया) पर भेजा जाएगा। रद्द करने के लिए एक पुष्टिकरण मेल आईआरसीटीसी के साथ पंजीकृत ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा। आंशिक रद्दीकरण के मामले में, यात्री को उन यात्रियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक आरक्षण पर्ची (ईआरएस) का एक नया प्रिंटआउट प्राप्त करना चाहिए जो अपनी यात्रा जारी रख रहे है।   रेलवे जैसा की आप जानते है हमेसा इसके चार्जेज में और ट्रेनों में बदलाव होते रहते है क्योकि भारत सरकार का उपक्रम है और इसके लिए बाकायदा बजट भी पेश होता है। हमने इस लेख हर तरह के चार्जेज को कवर करने की कोशिश की है। अगर आपको हमारे लेख पसंद आये तो हमे अपना प्यार दे।
Please read full article -https://bit.ly/3lULauQ
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ग्रामीण आजीविका मिशन
ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM भर्ती 2020) 2873 ब्लॉक स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर पर विभिन्न पदों के लिए आवेदन, अंतिम तिथि: 20 जुलाई 2020
ग्रामीण आजीविका मिशन भर्ती 2020 (SRLM भर्ती 2020) ने 2873 ब्लॉक स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर पर विभिन्न पदों के लिए आवेदन मांगे हैं। आप यह SRLM की भर्ती के इच्छुक हैं तो आवेदन कर सकते हैं। योग्यता, आवेदन शुल्क, वेतन/सैलरी, आयु सीमा, नोटिफिकेशन और अन्य जानकारी नीचे दी गई हैं। इस SRLM भर्ती 2020 -2021 वैकेंसी से जुड़ी जानकारी इस प्रकार है। Advt No: 4509/1854 / Aajeevika / HR / 2020-21
ब्लॉक भर्ती 2020 (आजीविका भर्ती 2020)
                                                         ब्लॉक स्तर   पोस्ट नाम रिक्तियों की संख्या वेतनमान शैक्षिक योग्यता उम्र (01.01.2020 के अनुसार)   ब्लॉक मिशन मैनेजर 1821 25000 – 30000 / – मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12 वीं पास/समतुल्य । 18 से 35 वर्ष   क्लस्टर कोऑर्डिनेटर 48 20000 – 25000 / – मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट डिग्री। 18 से 35 वर्ष   एम टी एस 454 20000 – 25000 / – मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12 वीं पास/समतुल्य । 18 से 35 वर्ष   जिला स्तर   पोस्ट नाम रिक्तियों की संख्या वेतनमान   जिला मिशन मैनेजर 68 30000 – 35000 / – मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट डिग्री। 18 से 35 वर्ष   ट्रेड तकनीशियन इलेक्ट्रीशियन 298 22000 – 28000 / – संबधित ट्रेड में (NCVT/SCVT) मान्यता प्राप्त बोर्ड / संस्थान से आई टी आई /डिप्लोमाधारी  योग्य उम्मीदवार किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड / संस्थान 10वीं पास या समतुल्य योग्यताधारी   फिटर 14 18 से 35 वर्ष   इलेक्ट्रॉनिक 11   वेल्डर 22   मैकेनिकल 6   एम टी एस 114 25000 – 35000 / – मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12 वीं पास/समतुल्य । 18 से 35 वर्ष   राज्य स्तर   पोस्ट नाम रिक्तियों की संख्या वेतनमान   मिशन मैनेजर 05 45000 – 75000 / – मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट डिग्री। 18 से 37 वर्ष   मिशन एग्जीक्यूटिव 04 30000 – 45000 / – मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट डिग्री। 18 से 37 वर्ष   सीनियर टेक्निकल एक्सपर्ट 03 35000 – 55000 / – मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट डिग्र��। 18 से 40 वर्ष   पेशेवर युवा 05 25000 – 40000 / – मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12 वीं पास/समतुल्य । 18 से 35 वर्ष
देवनागरी / हिंदी भाषा का व्यावहारिक ज्ञान आवश्यक है सभी पदों हेतु कंप्यूटर का व्यावहारिक ज्ञान होना आवश्यक है
आवेदन शुल्क :- सामान्य/ओ बी सी के लिये 500/- एस सी/एस टी के लिये 300/- पेमेंट मोड :- केवल ऑनलाइन माध्यम से किसी भी डेबिड/क्रेडिट कार्ड/इंटरनेट बेंकिग से किया जा सकता है l महत्वपूर्ण तिथियाँ ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत और फीस का भुगतान: 20-06-2020 लास्ट तारीख ऑनलाइन आवेदन की और फीस भुगतान 20-07-2020 लिखित/मौखिक परीक्षा का आयोजन:  दिसम्बर 2020 / जनवरी 2021 * परीक्षा शुल्क सहित ऑनलाइन आवेदन पत्र 20-07-2020 को मध्य रात्रि 11:59 बजे तक ही भरे जा सकेंगे l आवेदकों को सलाह दी जाती है कि अंतिम दिनांक का इन्तेज़ार किये बिना निर्धारित समय सीमा के भीरत ही ऑनलाइन आवेदन करें l * परीक्षा – परीक्षा बोर्ड द्वारा आवंटित निर्धारित परीक्षा केन्द्रों पर ही करवाई जाएगी, परीक्षा की तिथि, समय व स्थान के संबध में सुचना वेबसाइट व प्रेस के माध्यम से अलग से प्रकाशित की जाएगी l * परीक्षा की स्कीम एवं डिटेल पाठ्यक्रम एवं ऑनलाइन आवेदन में संशोधन इत्यादि की सुचना अलग से वेबसाइट पर दी जाएगी l
ग्रामीण आजीविका मिशन रिक्रूटमेंट : सभी आवेदकों को सलाह दी जाती है कि आवेदन करने से पहले नीचे दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें I
इन पदों पर चयनित सभी प्रोफेशनल्स (RYPLC ह्यूमन रिसोर्स एजेंसी) के कर्मचारी होंगे I रिक्तियों की संख्या बिना किसी पूर्व सूचना के बढाई एवं घटाई जा सकती हैl ग्रामीण आजीविका मिशन के पास किसी भी स्तर पर भर्ती प्रक्रिया को निरस्त व संशोधित करने के समस्त अधिकार सुरक्षित है l विज्ञापन में स्पष्ट रूप से प्रत्येक पद के लिए आयु सीमा, शिक्षा योग्यता, प्रासंगिक पद योग्यता, कार्य अनुभव (जैसा कि लागू होता है) की अवधि पात्रता मानदंड को लिखा गया है I उम्मीदवार एक से अधिक पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, यदि वे एक से अधिक पदों के लिए पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। हालांकि, RYPLC एक ही बैठक में सभी / कई पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित कर सकता है। उस स्थिति में, उम्मीदवार स्वयं चयन करे की किस पोस्ट के लिए लिखित परीक्षा देना चाहते है I उम्मीदवारों द्वारा ऑनलाइन प्रदान की गई जानकारी के आधार पर आवेदनों की जांच निर्धारित पात्रता मानदंडों के आधार पर की जाएगी। जो पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं, उन्हें चयन प्रक्रिया के अगले चरण मै सम्मिलित होने के लिए अंतिम रूप से शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। ये उम्मीदवारों की ज़िम्मेदारी है की वे आवेदन करने से पहले ध्यान से जाँच करें कि क्या वे पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं या नहीं. अगर चयन प्रक्रिया के दौरान किसी भी स्तर पर (ज्वाइनिंग होने के बाद भी) ये पाया जाता हैं की उम्मीदवार पोस्ट का आवश्यक पात्रता मानदंड पूरा नहीं कर रहा है तो RYPLC के पास आपको भर्ती प्रक्रिया से निरस्त करने के समस्त अधिकार है l यह उम्मीदवारों की जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ऑनलाइन आवेदन में उनके द्वारा प्रस्तुत की गई सभी जानकारी सही है और प्रमाण के रूप में मूल दस्तावेजों द्वारा समर्थित है। इसलिए सभी आवेदक सावधानीपूर्वक ऑनलाइन आवेदन पत्र भरे। जो उम्मीदवार लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करेंगे उन उम्मीदवारो द्वारा ऑनलाइन आवेदन पत्र में दी गयी सभी जानकारी और विवरण को मूल दस्तावेजों के साथ मिलान करके चयन प्रक्रिया के चरण दो के शुरू होने से पहले सत्यापित किया जाएगा। यदि यह पाया जाता है कि उम्मीदवार ऑनलाइन प्रदान किये गए विवरणों का प्रमाण देने में असमर्थ है (उदाहरण के लिए – आयु, अधिवास, आरक्षण श्रेणी, शिक्षा योग्यता, कार्य अनुभव आदि), या यह पाया जाता है कि किसी उम्मीदवार ने कोई फर्जी प्रमाण पत्र तैयार किया है या यह पाया गया है कि उम्मीदवार उस पोस्ट के लिए निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करता हैं, तो उनकी उम्मीदवारी को चयन प्रक्रिया के किसी भी स्तर पर बिना किसी नोटिस के रद्द किया जा सकता है। सभी आवेदकों से अनुरोध है कि वो समय-समय पर भर्ती से संबंधित विवरण, अपडेट और अन्य घोषणाओं के लिए www.ryplc.co.in वेबपेज को देखते रहे I कृपया ध्यान दें कि चयन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए सभी खर्च आवेदकों द्वारा ही वहन किए जाएंगे l फीस वापसी पर किसी भी प्रकार का दावा स्वीकार्य नहीं है l
आवेदन कैसे करें? इच्छुक उम्मीदवार अंतिम तारीख 11-07-2020 से पहले ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैI किसी अन्य माध्यम से आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। महत्वपूर्ण निर्देश- सभी पात्र अभ्यर्थी जॉब्स अप्लाई करने से पहले इस www.ryplc.co.in पर  वैकेंसी से जुड़ी अधिसूचना और विज्ञापन पढ़ लें।
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thenewsme · 5 years
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चार आसान तरीके से दिल्ली में कंपनी पंजीकरण कैसे करें?
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यदि आप दिल्ली में व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो व्यवसाय की स्थापना आपके लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण होगा क्योंकि आपको दिल्ली में व्यवसाय पंजीकरण की सभी कानूनी आवश्यकताओं का पालन करना होगा और इसके अलावा, आपको मुख्य गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित करना ��ोगा आपके व्यवसाय का
यदि आप अपने व्यवसाय के लॉन्च और सेट-अप पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, तो आप Online Company Registration in Delhi दिल्ली में ऑनलाइन कंपनी पंजीकरण के लिए कानूनी प्रक्रिया से संबंधित किसी भी परेशानी के बिना व्यवसाय शुरू करने के लिए खोज कर रहे हैं। जहां दिल्ली में व्यवसायिक पंजीकरण के लिए पेशेवरों के पास जाना आपके लिए मुश्किल और महंगा है, CAONWEB दिल्ली में ऑनलाइन कंपनी पंजीकरण की सेवाएं सस्ती कीमतों और त्वरित समय-समय पर प्रदान करता है।
दिल्ली में प्राइवेट लिमिटेड कंपनी रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
दिल्ली में निजी लिमिटेड कंपनी पंजीकरण के लिए, आपको चार आसान तरीकों का पालन करना होगा जो नीचे विस्तार से बताए गए हैं:
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पहला तरीका: डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र:
पहला तरीका यह है कि दिल्ली में निजी सीमित कंपनी पंजीकरण में शामिल व्यक्ति के डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्रों की खरीद की जाए। DSSCs की आवश्यकता कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) के ऑनलाइन पोर्टल पर ई-फॉर्म भरने के लिए उठती है।
दूसरा तरीका: निदेशक पहचान संख्या प्राप्त करें
DIN डी आई एन एक निदेशक के लिए एक पहचान संख्या है और इसे किसी भी व्यक्ति द्वारा प्राप्त किया जाना चाहिए जो किसी कंपनी में निदेशक बनना चाहता है। DIN किसी भी संख्या में कंपनियों में निदेशक होने के लिए पर्याप्त है। DIN प्राप्त करने के दो तरीके हैं
पहला विकल्प: फाइल फॉर्म File Form DIN 3 जिसमें पहचान प्रमाण और पते के प्रमाण के साथ प्रस्तावित निदेशक के बुनियादी विवरण की आवश्यकता होती है। अब आवेदक को अलग से DIR-3 दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है और इसे SPIC e form (INC 32) के भीतर लागू किया जा सकता है।
दूसरा विकल्प: फ़ाइल SPICe form (INC 32) और DIN प्रस्तावित निदेशकों को जारी किए जाते हैं जिनके पास DIN नहीं है। SPICe फॉर्म (INC 32) के तहत, अधिकतम तीन निदेशक DIN के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि तीन (3) से अधिक निदेशक हैं और (3) तीन से अधिक व्यक्तियों के पास DIN नहीं है, तो आवेदक को (3) तीन निदेशकों के साथ कंपनी को शामिल करना होगा और बाद में निगमन पर नए निदेशकों की नियुक्ति करनी होगी।
तीसरा तरीका: नाम के आरक्षण के लिए फ़ाइल eform- RUN
नाम अनुमोदन के लिए दो विकल्प हैं:
पहला विकल्प: RUN (Reserve Unique Name)आर यू एन (रिजर्व यूनिक नाम) फॉर्म के माध्यम से नाम अनुमोदन के लिए आवेदन करें। आप RUN फॉर्म में दो प्रस्तावित नाम प्रदान कर सकते हैं और नाम की अस्वीकृति के मामले में, एक पुनः प्रस्तुत करने का विकल्प है।
दूसरा विकल्प:   SPIC e Form (INC-32) के माध्यम से नाम अनुमोदन के लिए आवेदन करें। आप SPIC e Form (INC-32) में दो प्रस्तावित नाम प्रदान कर सकते हैं और नाम की अस्वीकृति के मामले में, आवेदक को बिना किसी अन्य शुल्क के उसी SPIC e Form (INC-32) को फिर से भरने का दूसरा मौका मिलेगा।
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चौथा तरीका:     सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉर्पोरेशन के लिए फाइल SPICe form (INC-32)
SPICe Form (INC-32) में एक आवेदन कंपनी निगमन के लिए प्रस्तुत किया जाना चाहिए अर्थात् नाम के आरक्षण के लिए, एक नई कंपनी को शामिल करने और डीआई एन (DIN) के आवंटन के लिए आवेदन और PAN और TAN के लिए आवेदन। यह E-form सहायक दस्तावेजों के साथ है जिसमें निदेशक और ग्राहक, MOA और AOA आदि का विवरण शामिल है, एक बार ई-फॉर्म संसाधित हो जाने और पूरा हो जाने के बाद, कंपनी पंजीकरण प्रक्रिया पूरी हो जाती है और निगमन का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
दिल्ली में हमारे ग्राहकों को ऑनलाइन कंपनी पंजीकरण में मदद करने के लिए, हम CAONWEB में आपको दिल्ली में व्यवसाय पंजीकरण में विशेषज्ञता रखने वाले सर्वश्रेष्ठ कंपनी सचिवों को खोजने का विकल्प प्रदान करते हैं।
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khsnews · 3 years
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भारतीय रेलवे आईआरसीटीसी ताजा खबर तीन उत्सव विशेष ट्रेन दीवाली 30 बोगियों में वृद्धि जानें पूर्ण विवरण सीजीपीजी।
भारतीय रेलवे आईआरसीटीसी ताजा खबर तीन उत्सव विशेष ट्रेन दीवाली 30 बोगियों में वृद्धि जानें पूर्ण विवरण सीजीपीजी।
जयपुर NWR (Northwest Railway Zone) यात्रियों की सुविधा के लिए लगातार ट्रेनों की संख्या बढ़ा रहा है। दिवाली 2021 त्योहार के कारण अब तक 30 से अधिक यात्री ट्रेनों में कोच जोड़े जा चुके हैं। इसके साथ ही तीन स्पेशल ट्रेनें शुरू की गई हैं। नवीनतम विस्तार दो लंबी दूरी की ट्रेनों में बोगियों का पुन: विस्तार है। फिलहाल सुविधाओं का विस्तार महोत्सव तक जारी रहेगा। NWR ने हाल ही में आरक्षण और यात्रियों के…
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nayesubah · 3 years
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त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव की युद्ध स्तर पर चल रही है तैयारी, आरक्षित सीटों का विवरण किया गया सार्वजनिक
त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव की युद्ध स्तर पर चल रही है तैयारी, आरक्षित सीटों का विवरण किया गया सार्वजनिक
Preparations for three-tier Panchayati elections are going on on a war footing, the details of reserved seats have been made public. चस्पा किया गया आरक्षण सूची को देखते व फोटो लेते लोग BIHAR: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के सभी 16 पंचायतों में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही है, सोमवार प्रखंड कार्यालय परिसर में सभी 16 पंचायतों के सभी वार्डों में कौन-कौन से सीटें आरक्षित…
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abhay121996-blog · 3 years
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Explained : जातीय जनगणना बस सियासी धोखा, नहीं सुलझ पाएगा आरक्षण का पेच, जानें क्यों Divya Sandesh
#Divyasandesh
Explained : जातीय जनगणना बस सियासी धोखा, नहीं सुलझ पाएगा आरक्षण का पेच, जानें क्यों
नई दिल्ली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की 10 पार्टियों ने जाति जनगणना करवाने का मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ओर की छोटी-बड़ी सभी पार्टियों के नेता शामिल थे। पीएम से मुलाकात के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जनगणना में जब धर्म का लेखो-जोखा लिया ही जाता है तो एक कॉलम बढ़ाकर जाति का भी विवरण लिया जा सकता है, इसके लिए अलग से खर्च भी नहीं होगा। उनकी दलील है कि अनुसूचित जनजाति (ST) और अनुसूचित जाति (SC) के लिए अलग-अलग कोष्ठक होते ही हैं, तो एक और कॉलम बनाने में क्या हर्ज है। आप भी इस दलील से सहमत हो सकते हैं, लेकिन इससे जाति जनगणना का मकसद पूरा होगा, इस पर संदेह है। ऐसा क्यों? आइए समझते हैं…
बढ़ रही है ओबीसी की जनसंख्या पता होना चाहिए कि भारत में वर्ष 1931 के बाद से सभी जातीय जनगणना नहीं हुई है। फिर भी जातियों की जनसंख्या का मोटा-मोटा आकलन सरकार के पास होता है। ब्रिटिश राज में 1881 से 1931 तक जातीय जनगणना हुई थी, लेकिन भारत आजाद हुआ तो स्वदेशी सरकार ने इसकी परंपरा खत्म कर दी। हालांकि, जनगणना में एससी-एसटी समूह के लोगों की आबादी का उल्लेख होता है। आंकड़े बताते हैं कि 1971 में एससी-एसटी वर्ग की देश की आबादी में भागीदारी 21.54 प्रतिशत थी जो 2011 में बढ़कर 25.26 प्रतिशत रह गई। इसका कारण यह है कि ये दोनों वर्ग देश में सबसे ज्यादा पिछड़े हैं, इस कारण उनमें अशिक्षा, गरीबी ज्यादा है जो सीधा प्रजनन दर को प्रभावित करते हैं।
जातीय जनगणना की मांग के पीछे यह है असली मकसद ध्यान रहे कि जातीय जनगणना की मांग करने वाले नेताओं का कहना है कि एक बार आबादी में किसी जाति की हिस्सेदारी का पता चल जाने पर उनके लिए कल्याणकारी योजनाओं का खाका खींचने में मदद मिलेगी। इससे विभिन्न मापदंडों पर पिछड़े लोगों का तेजी से विकास हो सकेगा। मतलब साफ है कि जातीय जनगणना का मकसद सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण से जुड़ा है। कुछ जातियां खुद को ओबीसी लिस्ट में शामिल करने का आंदोलन चला रही हैं तो वहीं राजनीतिक दल सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आरक्षण के लिए तय की गई 50% की सीमा हटाने की मांग कर रहे हैं।
वर्ग और जाति पर धोखा खा रहे हैं नेता? इनकी दलील है कि सभी धर्मों की पिछड़ी जातियों के लोग देश की आबादी के 52 प्रतिशत हैं, इसलिए केंद्र सरकार के सभी पदों की 52% नौकरियां ओबीसी समूह के लोगों को दी जाएं। यह मांग करने वाले ही जातीय जनगणना करवाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, वो शायद यह नहीं समझ पा रहे हैं कि अन्य पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिया जा रहै है, अन्य पिछड़ी जातियों को नहीं। इसका सबूत यह है कि एसटी-एसटी में कोई क्रीमि लेयर तय नहीं है जबकि ओबीसी दर्जा प्राप्त जातियों में क्रीम लेयर के लोग आरक्षण नहीं ले सकते हैं। यानी, एससी-एसटी की सभी जातियों का एक-एक व्यक्ति आरक्षण के योग्य है जबकि ओबीसी दर्जे की सभी जातियों के सिर्फ वही लोग आरक्षण ले पाते हैं जो क्रीमि लेयर के दायरे में नहीं आते हैं। ध्यान रहे कि क्रीमि लेयर के निर्धारण के लिए सालाना आमदनी समेत कई अन्य कारकों की परख की जाती है।
बढ़ रही है आरक्षण में ओबीसी की भागीदारी केंद्र सरकार की नौकरियों में ओबीसी को अभी 21.57 प्रतिशत प्रतिनिधित्व हासिल है जो उनकी आबादी के अनुपात के लिहाज से बहुत कम है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जीतेंद्र सिंह ने 17 जुलाई, 2019 को लोकसभा को लिखित जवाब में बताया था कि 1 जनवरी, 2012 को केंद्र सरकारी की नौकरियों में ओबीसी के 16.55 प्रतिशत लोग थे जो 1 जनवरी, 2016 को 21.57 प्रतिशत हो गए। यानी, साल दर साल आरक्षण में ओबीसी की भागीदारी बढ़ रही है।
जातियों के अंदर उपजातियों का पचड़ा समस्या यह है कि देश में एक जाति के अंतर्गत कई उपजातियां हैं। यही वजह है कि मोदी सरकार ने 2017 में जस्टिस रोहिणी आयोग का गठन किया था। केंद्र सरकार की सूची में 2,633 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया है। आयोग ने इस वर्ष सरकार को सुझाव दिया था कि इन्हें चार वर्गों में बांटकर इन्हें क्रमशः 2, 6, 9 और 10 प्रतिशत आरक्षण दे दिया जाए। इस तरह, ओबीसी के लिए तयशुदा 27 प्रतिशत का आरक्षण उपजातियों के चार वर्गों में बंट जाएगा।
बीजेपी का रानीतिक निशाना सीएसडीएस-लोकनीति के सर्वे में दावा किया गया है कि आरक्षण में ओबीसी ग्रुप की दबंग जातियों, मसलन बिहार और यूपी में यादव, से अपेक्षाकृत कमजोर जातियों को तवज्जो देने पर चुनावों में बीजेपी को फायदा हुआ है। 2009 में बीजेपी को ओबीसी का 22% वोट मिला था जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में ओबीसी में अपेक्षाकृत कमजोर तबकों से 47% वोट मिला। वहीं, उत्तर प्रदेश और बिहार में बीजेपी को यादवों का समर्थन घटता दिख रहा है। यूपी में 2014 के लोकसभा चुनाव में यादवों का 14 प्रतिशत वोट मिला था जो 2019 के चुनाव में घटकर 9 प्रतिशत रह गया। वहीं, बिहार में यह क्रमशः 26 प्रतिशत से घटकर 24 प्रतिशत रह गया।
जातीय जनगणना से पूरा होगा मकसद?ऊपर बताए गए दो तथ्यों- जाति नहीं वर्ग और उपजातियों में वर्गीकरण, से स्पष्ट होता है कि जातीय जनगणना से आरक्षण में ओबीसी को उचित प्रतिनिधित्व दिलाने का मकसद पूरा नहीं हो पाएगा। इसके लिए ओबीसी की उपजातियों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति का गहराई से जायजा लेना होगा। ऐसा जनगणना में संभव नहीं है। हालांकि, 2011 की स��माजिक-आर्थिक आधार पर जातीय जनगणना में इसकी प्रतिबद्धता जताई गई है। लेकिन, आज तक उसके आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं।
राजनीतिक दलों से भी पूछने होंगे सवाल यह अलग-अलग आकलनों में साबित हो चुका है कि ओबीसी की आर्थिक-सामाजिक स्थिति इलाकों और राज्यों के आधार पर अलग हो जाती है। ऐसे में जातीय जनगणना के आधार पर ओबीसी के लिए आरक्षण या कल्याणकारी योजनाओं का खाका खींचने की परिकल्पना त्रुटिपूर्ण है। नेताओं में भी जाति के नाम पर अपने राजनीतिक फायदे की चिंता ज्यादा दिखती है। वो पिछड़े वर्ग के उत्थान को लेकर कितने कृतसंकल्पित हैं, इस बारे में विचार करेंगे तो दिल दुखाने वाली कई बातें सामने आएंगी। मसलन, बिहार में 15 साल तक लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी की सरकार रही, तो क्या ओबीसी वो सब मिल गया जो मिलना चाहिए था? ऐसे ही प्रश्न देश के अन्य राज्यों और वहां के शासन में रही पार्टियों से भी पूछना काफी प्रासंगिक होगा।
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allgyan · 3 years
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IRCTC Charges  (आईआरसीटीसी  कैंसलेशन शुल्क)-
IRCTC  Payment Gateway Charges -
IRCTC  Payment -आईआरसीटीसी ई-टिकट कैंसलेशन शुल्क, नियम: आईआरसीटीसी ट्रेन के चार्ट तैयार करने से पहले और आरक्षण चार्ट तैयार होने के बाद कन्फर्म टिकट पर फ्लैट कैंसलेशन शुल्क लेता है। भारतीय रेलवे अपने वर्ग के टिकटों पर अलग-अलग कैंसलेशन शुल्क लगाता है जैसे कि कार्यकारी वर्ग या एसी प्रथम श्रेणी, एसी टू-टियर, एसी थ्री-टियर, अन्य। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) - राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर की ई-टिकटिंग शाखा, ने अपनी आधिकारिक आईआरसीटीसी अगली पीढ़ी की ई-टिकटिंग वेबसाइट पर कन्फर्म ट्रेन टिकटों को रद्द करने पर नियम निर्दिष्ट किए हैं।आईआरसीटीसी कन्फर्म टिकट पर ट्रेन का चार्ट बनने से पहले और रिजर्वेशन चार्ट बनने के बाद फ्लैट कैंसिलेशन चार्ज वसूल करता है।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC), i-PAY का इनहाउस पेमेंट गेटवे अब हर दिन 125,000 से अधिक ट्रांजैक्शन प्रोसेस कर रहा है। आईआरसीटीसी के एक बयान में कहा गया है कि आई-पे आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर रेलवे टिकट, हवाई टिकट और टूर पैकेज बुक करने के लिए भुगतान की सुविधा प्रदान करता है।
यह आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध कई भुगतान गेटवे में से एक है।
“अप्रैल-2019 के महीने में लॉन्च होने पर, i-PAY ने कुल ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग का केवल 5.8 प्रतिशत किया, जो बढ़कर 13 प्रतिशत हो गया है। वर्तमान में, आई-पे को आईआरसीटीसी के विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों जैसे एयर टिकटिंग, पर्यटन, आई-मुद्रा और ई-टिकटिंग में लाइव कर दिया गया है।
पेमेंट गेटवे एक ई-कॉमर्स वेबसाइट और एक बैंकिंग ट्रांजेक्शन वेबसाइट के बीच एक माध्यम के रूप में कार्य करता है। आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने कहा कि अधिक लेनदेन की सुविधा के लिए आई-पे प्लेटफॉर्म को अन्य ईकॉमर्स वेबसाइट पर विस्तारित करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
आईआरसीटीसी ने कहा कि उसने हाल ही में आई-पे भुगतान गेटवे का उपयोग करने वाले आईआरसीटीसी वेबसाइट और मोबाइल ऐप उपयोगकर्ताओं के लिए 'ऑटोपे' की एक नई सुविधा भी पेश की है। आईआरसीटीसी के एक बयान में कहा गया है, "इस सुविधा में, उपयोगकर्ता को अपने यूपीआई बैंक खाते या अन्य भुगतान साधन को एक मैंडेट सुविधा के माध्यम से डेबिट करने की अनुमति देनी होती है, जो उसके भुगतान साधन पर एक ग्रहणाधिकार (अवरुद्ध राशि) बनाता है।"
बयान में कहा गया है, "इस सुविधा का उपयोग करते हुए, तत्काल कोटा के तहत प्रतीक्षा सूची वाले टिकट की पुष्टि होने के बाद ही टिकट बुक करने के लिए पैसा डेबिट किया जाएगा।"
सीधे शब्दों में कहें तो उपयोगकर्ता अपने खाते के विवरण दर्ज कर सकते हैं और एक बार कन्फर्म टिकट उपलब्ध होने पर आईआरसीटीसी वेबसाइट को टिकट बुकिंग राशि में कटौती करने की अनुमति दे सकते हैं। यदि चार्ट तैयार होने के बाद भी तत्काल प्रतीक्षा सूची में टिकट प्रतीक्षा सूची में रहता है, तो केवल लागू शुल्क (जैसे रद्दीकरण शुल्क, आईआरसीटीसी सुविधा शुल्क और मैंडेट शुल्क) उपयोगकर्ता के खाते से काट लिया जाएगा और अवरुद्ध राशि जारी की जाएगी।
साथ ही, यदि एक टिकट की पुष्टि नहीं होती है, तो अवरुद्ध राशि का उपयोग दूसरी टिकट बुक करने के लिए किया जा सकता है। इसका मतलब तेज रिफंड भी होगा।
आईआरसीटीसी के अनुसार, ऑटोपे सुविधा पूर्व अधिकृत आदेश के माध्यम से टिकट बुकिंग की उच्च विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है क्योंकि यह बुकिंग के समय भुगतान साधन विवरण में उपयोगकर्ता के समय को कम करती है।
“उपयोगकर्ता का बैंक खाता तभी डेबिट होगा जब सिस्टम पीएनआर (यात्री नाम रिकॉर्ड) उत्पन्न करेगा। ऑटोपे अधिक फायदेमंद है जहां 'बर्थ चॉइस नॉट मेट' या 'नो रूम' परिदृश्यों के कारण उपयोगकर्ता के बैंक खाते से भुगतान की कटौती के बाद भी टिकट बुक नहीं होता है," आईआरसीटीसी के बयान में कहा गया है।
बयान में कहा गया है, "यह उपरोक्त मामलों में ग्राहकों को वित्तीय स्वतंत्रता देता है, जहां ग्राहक आईआरसीटीसी से अपने बैंक खाते में रिफंड राशि जमा करने की चिंता किए बिना उसी / अगले दिन बाद की बुकिंग करना चाहते हैं।"
IRCTC Cancellation charges of e-Tickets before the chart preparation of trains -
आईआरसीटीसी के मुताबिक, काटी गई राशि कैंसिलेशन के समय और कैंसिलेशन के समय ट्रेन टिकट की स्थिति पर आधारित होती है।
1. यदि एक कन्फर्म टिकट ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 48 घंटे पहले ऑनलाइन रद्द किया जाता है, तो टिकटों की श्रेणी के लिए न्यूनतम प्रति यात्री फ्लैट रद्दीकरण शुल्क इस प्रकार हैं:
एसी फर्स्ट क्लास या एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए 240 रुपये काटे जाएंगे एसी टू-टियर या फर्स्ट क्लास के लिए 200 रुपये काटे जाएंगे एसी थ्री टियर या एसी चेयर कार या एसी थ्री इकोनॉमी क्लास के लिए 180 रुपये काटे जाएंगे स्लीपर क्लास के लिए 120 रुपए कटेंगे द्वितीय श्रेणी के लिए 60 रुपये निर्धारित किए जाएंगे
2. यदि एक कन्फर्म ट्रेन टिकट ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 48 घंटे की अवधि के भीतर और 12 घंटे तक रद्द किया जाता है, तो रद्दीकरण शुल्क ऊपर उल्लिखित न्यूनतम फ्लैट दर के अधीन किराए का 25 प्रतिशत होगा, साथ ही सभी ��सी क्लास पर जीएसटी लागू।
3. यदि कन्फर्म ट्रेन टिकट 12 घंटे की अवधि के भीतर और ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से चार घंटे पहले तक ऑनलाइन रद्द किया जाता है, तो रद्दीकरण शुल्क न्यूनतम रद्दीकरण दर के अधीन, जीएसटी के साथ किराए का 50 प्रतिशत होगा। सभी एसी कक्षाओं के लिए लागू।
4. आईआरसीटीसी ने कहा कि कन्फर्म रिजर्वेशन वाले ट्रेन टिकटों पर किराए की कोई वापसी स्वीकार्य नहीं होगी, अगर टिकट ऑनलाइन रद्द नहीं किया जाता है या ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से चार घंटे पहले तक टीडीआर ऑनलाइन दर्ज नहीं किया जाता है।
How to cancel IRCTC e-ticket online (आईआरसीटीसी का ई-टिकट ऑनलाइन कैसे कैंसिल करें)-
आईआरसीटीसी की ई-टिकटिंग वेबसाइट पर जाएं। लॉगिन स्क्रीन पर अपने सही उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड के साथ लॉग इन करें। My Transactions' पर जाएं और My Account मेन्यू के तहत 'Booked Ticket History' लिंक पर क्लिक करें। बुक किए गए टिकट प्रदर्शित किए जाएंगे। रद्द करने के लिए टिकट का चयन करें और 'टिकट रद्द करें' पर क्लिक करें। जिन यात्रियों के टिकट कैंसिल किए जाने हैं, उन्हें चुनकर कैंसिलेशन शुरू करें यात्री के नाम से पहले चेक बॉक्स का चयन करें और 'टिकट रद्द करें' बटन पर क्लिक करें एक पुष्टिकरण पॉप-अप प्रदर्शित किया जाएगा। रद्दीकरण की पुष्टि करने के लिए 'ओके' बटन का चयन करें। सफलतापूर्वक रद्द करने पर, रद्द करने की राशि काट ली जाएगी और धनवापसी राशि स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी। रद्द करने के लिए एक पुष्टिकरण संदेश मोबाइल नंबर (बुकिंग के समय प्रदान किया गया) पर भेजा जाएगा। रद्द करने के लिए एक पुष्टिकरण मेल आईआरसीटीसी के साथ पंजीकृत ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा। आंशिक रद्दीकरण के मामले में, यात्री को उन यात्रियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक आरक्षण पर्ची (ईआरएस) का एक नया प्रिंटआउट प्राप्त करना चाहिए जो अपनी यात्रा जारी रख रहे है।   रेलवे जैसा की आप जानते है हमेसा इसके चार्जेज में और ट्रेनों में बदलाव होते रहते है क्योकि भारत सरकार का उपक्रम है और इसके लिए बाकायदा बजट भी पेश होता है। हमने इस लेख हर तरह के चार्जेज को कवर करने की कोशिश की है। अगर आपको हमारे लेख पसंद आये तो हमे अपना प्यार दे।
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jobssarkarinaukri · 3 years
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जम्मू-कश्मीर में परिसीमन: परिसीमन क्या है और यह क्यों किया जाता है? जम्मू-कश्मीर के लिए इसका क्या मतलब है?
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 24 जून, 2021 को नई दिल्ली में जम्मू और कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक आयोजित करने की उम्मीद है। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के 14 प्रमुख राजनीतिक नेताओं को बैठक के लिए आमंत्रित किया है, जिसमें राजनीतिक दिग्गज शामिल हैं कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के रूप में। आउटरीच ने अटकलों को जन्म दिया है कि प्रधान मंत्री जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं के साथ क्या चर्चा करेंगे। चर्चा में जम्मू और कश्मीर में परिसीमन अभ्यास और विधानसभा चुनावों की संभावित समय-सारणी शामिल होने का अनुमान है, जो जल्द ही केंद्र शासित प्रदेश में होने की उम्मीद है। यह पहली बार है कि केंद्र ने 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजन के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों तक पहुंचने का प्रयास किया है। इस कदम से पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला सहित कई वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं को एहतियातन हिरासत म���ं रखा गया था। आखिर��ार उन्हें पिछले साल रिहा कर दिया गया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर घोषणा की थी कि केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे। जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए परिसीमन महत्वपूर्ण है। तो जम्मू-कश्मीर में परिसीमन क्या है और क्यों किया जाता है?
जम्मू और कश्मीर में परिसीमन क्या है?
चुनाव आयोग के अनुसार, किसी देश या एक विधायी निकाय वाले प्रांत में क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों (विधानसभा या लोकसभा सीट) की सीमाओं या सीमाओं को तय करने या फिर से परिभाषित करने का कार्य परिसीमन है। इस प्रक्रिया में देश के कुल क्षेत्रफल को छोटी-छोटी इकाइयों में विभाजित करना शामिल है, ताकि चुनाव सुचारू रूप से और कुशलतापूर्वक हो और बेहतर शासन का लक्ष्य रखा जा सके।
भारत में परिसीमन अभ्यास कौन करता है?
परिसीमन अभ्यास एक स्वतंत्र उच्च-शक्ति वाले पैनल द्वारा किया जाता है जिसे परिसीमन आयोग के रूप में जाना जाता है, जिसके आदेशों में कानून का बल है और किसी भी अदालत द्वारा इस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है।
परिसीमन क्यों किया जाता है?
समय के साथ जनसंख्या में परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करने के लिए परिसीमन अभ्यास किया जाता है। मुख्य उद्देश्य पिछली जनगणना के आंकड़ों के आधार पर सीमाओं को इस तरह से फिर से तैयार करना है ताकि सभी सीटों की आबादी, जहां तक ​​संभव हो, पूरे राज्य में समान रहे। लक्ष्य • मुख्य उद्देश्य जनसंख्या के समान वर्गों के लिए समान प्रतिनिधित्व प्राप्त करना है ताकि भौगोलिक क्षेत्रों का निष्पक्ष विभाजन सुनिश्चित किया जा सके ताकि सभी राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के पास मतदाताओं की संख्या के मामले में समान अवसर हो। • जनसंख्या आकार के आधार पर किसी निर्वाचन क्षेत्र के क्षेत्र को फिर से परिभाषित करने के लिए वर्षों से परिसीमन अभ्यास किया गया है। • इस अभ्यास में संविधान के अनुसार अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए विधानसभा सीटों का आरक्षण भी शामिल है।
परिसीमन कैसे किया जाता है?
इस अभ्यास में विधानसभा या लोकसभा सीट की सीमाओं को फिर से शामिल करना शामिल है, जिसका अर्थ है कि इसके परिणामस्वरूप लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवंटित सीटों की संख्या में बदलाव हो सकता है।
परिसीमन अभ्यास कितनी बार किया जाता है?
परिसीमन अभ्यास आमतौर पर जनगणना के बाद हर कुछ वर्षों में किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में लगभग समान संख्या में मतदाता हों। इसे देश में आखिरी बार 2002-2008 के बीच अंजाम दिया गया था लेकिन तब जम्मू-कश्मीर को इस अभ्यास से बाहर रखा गया था। संसद संविधान के अनुच्छेद 82 के तहत एक परिसीमन अधिनियम बनाती है और एक स्वतंत्र उच्चाधिकार प्राप्त पैनल जिसे परिसीमन आयोग के रूप में जाना जाता है, का गठन इस अभ्यास को करने के लिए किया जाता है।
जम्मू और कश्मीर में परिसीमन: मुख्य विवरण
• अतीत में जम्मू-कश्मीर में परिसीमन अभ्यास क्षेत्र की विशेष स्थिति के कारण देश के बाकी हिस्सों से थोड़ा अलग रहा है। • लोकसभा सीटों का परिसीमन तब जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान द्वारा शासित था, लेकिन विधानसभा सीटों का परिसीमन जम्मू और कश्मीर संविधान और जम्मू और कश्मीर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1957 द्वारा अलग से शासित किया गया था। • हालांकि, जम्मू और कश्मीर ने अपना विशेष दर्जा खो दिया और 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया। • इसके बाद, 6 मार्च, 2020 को केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा और संसद की सीटों को बनाने के लिए एक विशेष परिसीमन आयोग का गठन किया गया था। परिसीमन आयोग • जम्मू-कश्मीर के लिए गठित परिसीमन आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई करती हैं और इसमें चुनाव आयुक्त और राज्य चुनाव आयुक्त के साथ-साथ पांच सहयोगी सदस्य शामिल होते हैं - केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, सांसद जुगल किशोर सिंह, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता डॉ। फारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी और मोहम्मद अकबर लोन। • आयोग को जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 का 34) के भाग V के प्रावधानों और परिसीमन अधिनियम, 2002 (2002 का 33) के प्रावधानों के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश के निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन करना अनिवार्य किया गया है। • जम्मू-कश्मीर में निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या अब 107 से बढ़ाकर 114 किए जाने की उम्मीद है, लेकिन यह अगस्त 2019 में संसद में पेश किए गए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 के अनुसार, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के अंतर्गत आने वाली 24 सीटों को भी ध्यान में रखता है। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा... • इससे पहले, जम्मू और कश्मीर विधानसभा की प्रभावी ताकत 87 थी, जिसमें पीओके की खाली सीटें और लद्दाख क्षेत्र में आने वाली चार सीटें शामिल थीं। लद्दाख अब एक अलग केंद्र शासित प्रदेश है जिसमें कोई विधायिका नहीं है।
जम्मू-कश्मीर के लिए इसका क्या मतलब है?
परिसीमन अभ्यास के पूरा होने से केंद्र शासित प्रदेश में राजनीतिक प्रक्रिया की बहाली की शुरुआत होगी, प्रधान मंत्री द्वारा किए गए वादे के अनुसार जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों का मार्ग प्रशस्त होगा। केंद्र शासित प्रदेश जून 2018 से केंद्र के शासन में है।
पृष्ठभूमि
परिसीमन आयोग ने फरवरी 2021 में एक बैठक बुलाई थी, लेकिन उसके पांच सहयोगी सदस्यों में से केवल दो ही बैठक में शामिल हुए। नेशनल कांफ्रेंस के तीनों नेता डॉ. फारूक अब्दुल्ला और हसनैन मसूदी, सांसद और मोहम्मद अकबर लोन बैठक में शामिल नहीं हुए। आयोग ने जून 2021 में 20 जिला आयुक्तों को पत्र लिखकर विभिन्न पहलुओं पर विवरण मांगा था, जिसमें अंतर-जिला जनसांख्यिकीय वितरण, जनसंख्या घनत्व वितरण, स्थलाकृति और जिले में लोगों की राजनीतिक आकांक्षाओं का विवरण शामिल है। Government Jobs / सरकारी नौकरी - दैनिक अद्यतन प्राप्त करने के लिए सदस्यता लें सरकारी नौकरियों / सरकारी नौकरी / सरकारी नौकरी परिणाम के सभी नवीनतम अधिसूचना प्राप्त करने के लिए अपने इनबॉक्स में सदस्यता लें। इसे अभी देखें और सरकारी क्षेत्र में एक शानदार पेशेवर कैरियर प्राप्त करें। https://jobssarkarinaukri.info सरकारी नौकरियों / सरकारी नौकरी और सरकार के परिणामों से संबंधित सभी प्रश्नों के लिए एक स्थान पर है। यहाँ आप सरकारी नौकरियों / सरकारी नौकरी / सरकारी नौकरी परिणाम / सरकारी नौकरी के सभी नवीनतम अधिसूचना पा सकते हैं। जॉब्स, परीक्षा, परिणाम, एडमिट कार्ड और कुछ शैक्षिक लेख, जिन्हें लिंक के रूप में देखा जा सकता है। आप यहाँ हर परीक्षा और परिणाम के लिए विस्तृत जानकारी पा सकते हैं। सरकारी नौकरियों के परिणाम / सरकारी परिणाम / सरकारी नौकरी समाचारों के लिए नियमित रूप से नौकरियों की जांच करें, सभी आवेदकों के लिए सभी जानकारी उंगलियों पर है। यह संभव है कि स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल कर आवेदन करे और सरकारी नौकरी पाने के सपने को पूरा करे । Read the full article
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tutorstips · 3 years
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Provision and Reserve: Differences with an example - In Hindi
Provision and Reserve: Differences with an example – In Hindi
प्रावधान और आरक्षण (Provision and Reserve) के बीच के अंतर को जानने के लिए हमें यह जानना होगा कि दोनों शर्तों का अर्थ नीचे दिखाया गया है: – प्रावधान का अर्थ (Meaning of Provision):- लेखांकन में प्रावधान (Provision in Accounting) का अर्थ उस राशि से है जो ज्ञात देयता की कुछ अनिश्चित राशि के लिए लाभ या हानि खाते (आय विवरण) के विरुद्ध लगाया जाता है जो निकट भविष्य में खर्च की जाएगी। चालू वर्ष के लिए…
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24gnews · 3 years
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ओडिशा राज्य में संचालित स्कूल पास-आउट के लिए इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेजों में कोटा लागू करने के लिए
ओडिशा राज्य में संचालित स्कूल पास-आउट के लिए इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेजों में कोटा लागू करने के लिए
ओडिशा सरकार ने सोमवार को राज्य के स्कूलों से पास होने वाले छात्रों के लिए इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण का प्रावधान करने का फैसला किया। इसने सभी जनप्रतिनिधियों और सरकारी सेवकों को हर साल संपत्ति विवरण प्रस्तुत करने के लिए अनिवार्य करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री एके अरुखा ने कहा कि विवरण सार्वजनिक क्षेत्र में पारदर्शिता के लिए रखा जाएगा। पढ़ें | केंद्र…
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