Navadurga- Full Story Of The first Shailputri
दुर्गाजी पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री‘ के नाम से ही जानी जाती हैं। यह ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। शैलराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण ही इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। नवरात्र पूजन में प्रथम दिन इन्हीं देवी की पूजा और उपासना की जाती
नवदुर्गा- प्रथम शैलपुत्री
दुर्गाजी पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री‘ के नाम से ही जानी जाती हैं। यह ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। शैलराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण ही इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। नवरात्र पूजन में प्रथम दिन इन्हीं देवी की पूजा और उपासना की जाती है। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी जगत में वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने अपने दाएँ हाथ में…
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वाल्मीकि रामायण- बालकाण्ड सर्ग- १०
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण- बालकाण्ड सर्ग- १० अंगदेश में ऋष्यश्रृंग के आने तथा शान्ता के साथ विवाह होने के प्रसंग का विस्तार के साथ वर्णन।
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण- बालकाण्ड सर्ग- १० भावार्थ सहित
॥ 卐 ॥॥ श्री गणेशाय नमः ॥॥ श्री कमलापति नम: ॥॥ श्री जानकीवल्लभो विजयते ॥॥ श्री वाल्मीकि रामायण ॥
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मुख पृष्ठ अखंड रामायण वाल्मीकि रामायण बालकाण्ड सर्ग- १०
वाल्मीकि रामायण(भावार्थ सहित)सब एक ही स्थान पर
बालकाण्ड सर्ग- १०
बालकाण्डम्
दशमः सर्गः (सर्ग 10)
( अंगदेश में ऋष्यश्रृंग के आने तथा…
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वाल्मीकि रामायण- बालकाण्ड सर्ग- ६
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण- बालकाण्ड सर्ग- ६ राजा दशरथ के शासनकाल में अयोध्या और वहाँ के नागरिकों की उत्तम स्थिति का वर्णन।
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित- बालकाण्ड सर्ग- ६ भावार्थ सहित
॥ 卐 ॥॥ श्री गणेशाय नमः ॥॥ श्री कमलापति नम: ॥॥ श्री जानकीवल्लभो विजयते ॥॥ श्री वाल्मीकि रामायण ॥
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मुख पृष्ठ अखंड रामायण वाल्मीकि रामायण बालकाण्ड सर्ग- ६
वाल्मीकि रामायण(भावार्थ सहित)सब एक ही स्थान पर
बालकाण्ड सर्ग- ६
बालकाण्डम्षष्ठः सर्गः (सर्ग 6)
( राजा दशरथ के शासनकाल में अयोध्या और वहाँ के…
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शिव-शक्ति श्रीराम मिलन (प्रथम भाग)
एक बार त्रेता युग में शिवजी अगस्त्य ऋषि के पास गए। उनके साथ जगज्जननी भवानी सतीजी भी थीं। ऋषि ने संपूर्ण जगत् के ईश्वर जानकर उनका पूजन किया। मुनिवर अगस्त्यजी ने रामकथा विस्तार से कही, जिसको महेश्वर ने परम सुख मानकर सुना। फिर ऋषि ने शिवजी से सुंदर हरिभक्ति
शिव-शक्ति श्रीराम मिलन (प्रथम भाग)
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शिव-शक्ति श्रीराम मिलन
जिस समय सम्पूर्ण ब्रह्मांड मे चारों ओर केवल अंधेरा हीं अंधेरा था। या यु कहे कि चारों ओर केवल रात्रि का ही साम्राज्य था। अग्नि, जल, वायु और पृथ्वी का भी कोई नामोनिशान तक नहीं था। उस समय केवल एकमात्र ‘सत ब्रह्म’ अर्थात सदाशिव की ही सत्ता विद्ध्मान थी, जो केवल अनादि और चिन्मय कहलाती थी…
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श्री गणेश की जन्म कथा | The Birth Story Of The Shri Ganesh
एक बार सृष्टि (प्रकृति) ने संपूर्ण शक्तियों से युक्त एक पार्वती पुत्र की कामना की और उस (श्री गणेश) की जन्म का कारण बनाया जया और विजया नामक पार्वती की सखियों को। आइए जानते है विस्तार पूर्वक...
।मुख पृष्ठ।।पोस्ट।।श्री गणेश की जन्म कथा।
श्री गणेश की जन्म कथा
एक समय था जब सृष्टि की रचना, ब्रह्मा विष्णु और महेश ने की थी। सृष्टि, कुदरत या प्रकृति कुछ भी कहिए। एक बार सृष्टि ने घोर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया। तब शिवजी ने प्रसन्न होकर सृष्टि को वरदान मांगने को कहा। सृष्टि ने कहा, हे ईश्वर! हे शंभू, मैं चाहती हूं कि सृष्टि में कुछ मेरे अनुसार भी बदलाव हो। मेरे अनुसार ही जन्म और…
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नवदुर्गा- संपूर्ण कथा दूसरी ब्रह्मचारिणी | Navadurga
नवरात्री पर्व के दूसरे दिन माँ “ब्रह्मचारिणी” की पूजा-अर्चना की जाती है। साधक इस दिन अपने मन और ध्यान को माँ के चरणों में लगाते हैं। यदि विस्तार पूर्वक देखा जाये तो ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ होत
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नवदुर्गा- दूसरी ब्रह्मचारिणी
।हिन्दी।।English।
नवरात्री पर्व के दूसरे दिन माँ “ब्रह्मचारिणी” की पूजा-अर्चना की जाती है। साधक इस दिन अपने मन और ध्यान को माँ के चरणों में लगाते हैं। यदि विस्तार पूर्वक देखा जाये तो ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ होता है तप का आचरण करने वाली।
माता देवी ने…
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नवदुर्गा- संपूर्ण कथा पहली शैलपुत्री | Navadurga
दुर्गाजी पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री‘ के नाम से ही जानी जाती हैं। यह ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। शैलराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण ही इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। नवरात्र पूजन में प्रथम दिन इन्हीं देवी की पूजा और उपासना की जाती
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नवदुर्गा- पहली शैलपुत्री
।हिन्दी।।English।
दुर्गाजी पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री‘ के नाम से ही जानी जाती हैं। यह ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। शैलराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण ही इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। नवरात्र पूजन में प्रथम दिन इन्हीं देवी की पूजा और उपासना की जाती है। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी जगत में…
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हिन्दू नववर्ष का विक्रम संवत 2081 में प्रवेश Hindu Navavarsh
नववर्ष संपूर्ण जगत में एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। दुनिया के भिन्न-भिन्न स्थानों पर नववर्ष की तिथि भी भिन्न-भिन्न होती है। इस साल 2024 में हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2081, पिंगल संवत्सर का स्वागत मंगलवार 9 अप्रैल 2024 के दिन किया जायेगा। हिन्दू धर
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हिन्दू नववर्ष 2024
नववर्ष संपूर्ण जगत में एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। दुनिया के भिन्न-भिन्न स्थानों पर नववर्ष की तिथि भी भिन्न-भिन्न होती है। भिन्न-भिन्न संप्रदायों के नववर्ष समारोह भी भिन्न-भिन्न होते हैं और भिन्न-भिन्न संस्कृतियों में इसका महत्व भी भिन्न-भिन्न होता ही है।
हिन्दू नववर्ष 2024, विक्रमी संवत 2081.
मंगलवार, 9 अप्रैल 2024.
प्रतिपदा तिथि…
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हिन्दू नववर्ष का विक्रम संवत 2081 में प्रवेश Hindu Navavarsh
नववर्ष संपूर्ण जगत में एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। दुनिया के भिन्न-भिन्न स्थानों पर नववर्ष की तिथि भी भिन्न-भिन्न होती है। इस साल 2024 में हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2081, पिंगल संवत्सर का स्वागत मंगलवार 9 अप्रैल 2024 के दिन किया जायेगा। हिन्दू धर
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हिन्दू नववर्ष 2024
नववर्ष संपूर्ण जगत में एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। दुनिया के भिन्न-भिन्न स्थानों पर नववर्ष की तिथि भी भिन्न-भिन्न होती है। भिन्न-भिन्न संप्रदायों के नववर्ष समारोह भी भिन्न-भिन्न होते हैं और भिन्न-भिन्न संस्कृतियों में इसका महत्व भी भिन्न-भिन्न होता ही है।
हिन्दू नववर्ष 2024, विक्रमी संवत 2081.
मंगलवार, 9 अप्रैल 2024.
प्रतिपदा तिथि…
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वाल्मीकी रामायण- बालकाण्ड सर्ग- ५०
वाल्मीकी रामायण- बालकाण्ड सर्ग- ५० - 𝕄ℕ𝕊𝔾𝕣𝕒𝕟𝕥𝕙
बालकाण्ड सर्ग- ५० यह महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत का महाकाव्य और स्मृति का एक अंग है। और पापो का नाश कराने वाले श्रीरामचन्द्र जी के जीवन की गाथा है।
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॥ 卐 ॥॥ श्री गणेशाय नमः ॥॥ श्री कमलापति नम: ॥॥ श्री जानकीवल्लभो विजयते ॥॥ श्री वाल्मीकि रामायण ॥दान करें 🗳
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वाल्मीकि रामायण(भावार्थ सहित)सब एक ही स्थान पर
बालकाण्ड…
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वाल्मीकी रामायण- बालकाण्ड सर्ग- ४९
बालकाण्ड सर्ग- ४९ यह महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत का महाकाव्य और स्मृति का एक अंग है। और पापो का नाश कराने वाले श्रीरामचन्द्र जी के जीवन की गाथा है।
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वाल्मीकि रामायण(भावार्थ सहित)सब एक ही स्थान पर
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वाल्मीकी रामायण- बालकाण्ड सर्ग- ४८
बालकाण्ड सर्ग- ४८ यह महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत का महाकाव्य और स्मृति का एक अंग है। और पापो का नाश कराने वाले श्रीरामचन्द्र जी के जीवन की गाथा है।
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Chhath Puja 2023: छठ पूजा विधि, मंत्र, आरती और कथा
एकमात्र ऐसा त्यौहार जो भगवान को श्रद्धांजलि देता है जो पृथ्वी पर प्रकाश और ऊर्जा लाता है, छठ पूजा में कई अनुष्ठान शामिल हैं जिसमे वैदिक देवता-सूर्य की पूजा कार्तिकेय के महीने में 4 दिनों तक की जाती है जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में पड़ता है।
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छठ पूजा
छठ पूजा 2023 खरना मुहूर्त
शास्त्रों मे कार्तिक माह की पंचमी तिथि का दिन ही खरना कहलाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसे लोहंडा के नाम से भी जाना जाता है। एवं खरना के दिन के विन से ही महिलाएं शाम को मीठा भोजन कर व्रत की शुरूआत करती हैं।
खरना 2023 शुभ योग
नहाय खाय- 17 नवंबर, 2023
खरना मुहूर्त– 19 नवंबर, 2023 सूर्यास्त का समय: शाम 05 बजकर 26 मिनट
खरना…
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दीपावली पूजन विधि और मंत्र | Diwali Poojan Vidhi Aur Mantr
दीपावली पूजन शुरू करने से पहल��� श्री गणेश लक्ष्मी के विराजने के स्थान पर मनमोहक रंगोली बनाएं। आप जिस चौकी पर पूजन कर रहे हैं उसके चारों कोने पर एक-एक दीपक अवश्य जलाएं। इसके बाद प्रतिमा स्थापित करने वाले स्थान पर कच्चे चावल रखें और फिर गणेश लक्ष्मी की प्रति
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दीपावली पूजन विधि और मंत्र
।हिन्दी।।English।
दीपावाली पूजन के लिए जरूरी सामग्री:
कलावा, रोली, सिंदूर, एक नारियल, कलश, कलश हेतु आम का पल्लव, अक्षत, लाल वस्त्र, फूल, पांच सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी, अगरबत्ती,…
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धनतेरस पूजा विधि, आरती और मंत्र- 2023 | Dhanteras Puja Vidhi
धनतेरस पर माता लक्ष्मी, गणेशजी, कुबेर देवता और धन्वंतरि जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। शास्त्रों मे इस दिन की जाने वाली विधिवत पूजा के लिए प्रदोष काल को अतिशुभ माना जाता है।
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धनतेरस पूजा विधि, आरती और मंत्र
हमारे देश हिन्दुस्तान में धनतेरस को बहुत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस शुभ दिन को सभी लोग अपने घरों की साफ सफाई करके इसे जगमग रोशनी से सराबोर कर देते हैं। धनतेरस पर माता लक्ष्मी, गणेशजी, कुबेर देवता और धन्वंतरि जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। शास्त्रों मे इस दिन की जाने वाली विधिवत पूजा के लिए प्रदोष काल…
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नवदुर्गा- संपूर्ण कथा दूसरी ब्रह्मचारिणी | Navadurga
नवरात्री पर्व के दूसरे दिन माँ “ब्रह्मचारिणी” की पूजा-अर्चना की जाती है। साधक इस दिन अपने मन और ध्यान को माँ के चरणों में लगाते हैं। यदि विस्तार पूर्वक देखा जाये तो ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ होत
मुख पृष्ठ पोस्ट नवदुर्गा दूसरी ब्रह्मचारिणी
नवदुर्गा- दूसरी ब्रह्मचारिणी
।हिन्दी।।English।
नवरात्री पर्व के दूसरे दिन माँ “ब्रह्मचारिणी” की पूजा-अर्चना की जाती है। साधक इस दिन अपने मन और ध्यान को माँ के चरणों में लगाते हैं। यदि विस्तार पूर्वक देखा जाये तो ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ होता है तप का आचरण करने वाली।
माता देवी ने…
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