दुर्गाजी पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री‘ के नाम से ही जानी जाती हैं। यह ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। शैलराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण ही इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। नवरात्र पूजन में प्रथम दिन इन्हीं देवी की पूजा और उपासना की जाती
नवदुर्गा- प्रथम शैलपुत्री
दुर्गाजी पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री‘ के नाम से ही जानी जाती हैं। यह ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। शैलराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण ही इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। नवरात्र पूजन में प्रथम दिन इन्हीं देवी की पूजा और उपासना की जाती है। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी जगत में वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती हैं। इस देवी ने अपने दाएँ हाथ में…
इस बार मंगलवार से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि, कब है कलश स्थापना मुहूर्त; जानें क्या होगी माता की सवारी
इस बार मंगलवार से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि, कब है कलश स्थापना मुहूर्त; जानें क्या होगी माता की सवारी
Chaitra Navratri 2024 : हिंदू धर्म में नवरात्रि (Navratri) का बहुत महत्व होता है. चैत्र और आश्विन माह में नवरात्रि पर नौ दिन शक्ति का रूप माता आदिशक्ति (Goddess Durga) की आराधना की जाती है.
नवरात्रि के नौ दिन भक्त व्रत रखकर माता की पूजा-अर्चना करते हैं. चैत्र नवरात्र नया काम शुरू करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है. नवरात्र के समय विधि-विधान से व्रत रखकर माता दुर्गा के नव रूपों की आराधना की जाती…
💰 दहेज के लिए जहां नव विवाहिताओं को जिंदा जला दिया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज के आशीर्वाद से हो रही हैं दहेज मुक्त शादी।
अब दहेज रूपी दानव की भेंट नहीं चढ़ेगी बेटियां।
संत रामपाल जी महाराज का सपना दहेज मुक्त हो भारत अपना।💰श्री देवीपुराण के तीसरे स्कंद में प्रमाण है कि इस ब्रह्माण्ड के प्रारम्भ में तीनों देवताओं का जब इनकी माता श्री दुर���गा जी ने विवाह किया, उस समय न कोई बाराती था, न कोई भाती था। न कोई भोजन-भण्डारा किया गया था। न डी.जे बजा था, न कोई नृत्य किया गया था। श्री दुर्गा जी ने अपने बड़े पुत्र श्री ब्रह्मा
जी से कहा कि हे ब्रह्मा! यह सावित्री नाम की लड़की तुझे तेरी पत्नी रूप में दी जाती है। इसे ले जाओ और अपना घर बसाओ। इसी प्रकार अपने बीच वाले पुत्र श्री विष्णु जी से लक्ष्मी जी तथा छोटे बेटे श्री शिव जी को पार्वती जी को देकर कहा ये तुम्हारी पत्नियां हैं। इनको ले जाओ और अपना-अपना घर बसाओ। तीनों अपनी-अपनी पत्नियों को लेकर अपने-अपने लोक में चले गए जिससे विश्व का विस्तार हुआ।
💰दहेज के कारण बेटी परिवार पर भार मानी जाने लगी है और उसको गर्भ में ही मारने का सिलसिला शुरू है।जो माता-पिता के लिए महापाप का कारण बनता है। बेटी देवी का स्वरूप है। हमारी कुपरम्पराओं ने बेटी को दुश्मन बना दिया।
संत रामपाल जी महाराज जी ही भारत को दहेज मुक्त बना रहे हैं। वही सच्चे संत हैं और वास्तविक समाज सुधारक हैं।```
#Marriage_In_17Minutes
#SantRampalJiMaharaj
Dowry Free India
दहेज के लालच में हो रही है बेटी की हत्या
लेकिन अब नहीं जाएगी दहेज के लिए बेटी की जान।
क्योंकि संत रामपाल जी महाराज बना रहे हैं दहेज मुक्त भारत अभियान।
दहेज के अत्याचारों से गयी बहू की जान।
अब नहीं सहेंगी बेटियाँ दहेज का अपमान।
संत रामपाल जी महाराज चला रहे हैं सफलतम दहेज मुक्त भारत अभियान
जहां समाज में आज भी दहेज के लिए बहू को जला दिया जाता है।वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आध्यात्मिक ज्ञान को समझने के बाद यह जान चुके हैं कि दहेज विष के समान है। और दहेज मुक्त अंतर्जातीय विवाह करके समाज से इस कुरीति को जड़ से खत्म कर रहे हैं
मानसिक परेशानी का कारण है अपनी परंपराएं।
यह भार व्यर्थ के लिए खड़े हैं जैसे बड़ी कोठी-बडी़ मंहगी कार, मंहगे आभूषण (स्वर्ण के आभूषण), संग्रह करना, विवाह में दहेज लेना-देना, बैंड-बाजे, डीजे बजाना, घुड़चढ़ी के समय पूरे परिवार का बेशर्मों की तरह नाचना।
माया का नशा जीव पर हावी है। जैसे दहेज यानी पराया धन प्राप्त करने की व्यर्थ परम्परा
अध्यात्म ज्ञान रूपी औषधि सेवन करने से जीव का नशा उतर जाता है।
फिर वह भक्ति के सफर पर चलता है क्योंकि उसे परमात्मा के पास पहुँचना है जो उसका अपना पिता है।
दहेज के लिए जहां नव विवाहिताओं को जिंदा जला दिया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज के आशीर्वाद से हो रही हैं दहेज मुक्त शादी।
अब दहेज रूपी दानव की भेंट नहीं चढ़ेगी बेटियां।
संत रामपाल जी महाराज का सपना दहेज मुक्त हो भारत अपना।
दहेज नहीं तो निकाह नहीं, दहेज से किया जा रहा है बेटियों का मोल।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के आशीर्वाद से हो रहे हैं अंतर्जातीय दहेज मुक्त विवाह। धर्म और जाति की बेड़ियों को तोड़कर कर रहे हैं बेटियों का जीवन खुशहाल।
मानव समाज में आज दहेज प्रथा के कारण गरीब से गरीब व्यक्तियों को जीवन जीने में परेशानी हो रही है।
वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य बिना दहेज रमैनी(शादी )करके सुखमय जीवन जी रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में बन रहा है दहेज मुक्त भारत।
एक तरफ जहां दहेज न देने पर महिलाओं को मार दिया जाता है।वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी अंतर्जातीय व दहेज मुक्त विवाह करके एक नये मानव समाज का निर्माण कर रहे हैं।
जहां दहेज नहीं मिलने पर परिवार के सामने जला दिया जाता है बहू को।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में रमैनी के माध्यम से सम्पन्न हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह, जिससे लाखों लोगों को दहेज रूपी राक्षस से मिल रहा है छुटकारा। संत रामपाल जी के सानिध्य में बन रहा है दहेज मुक्त भारत।
⭕’’विवाह कैसे करें‘‘
जैसे श्री देवी दुर्गा जी ने अपने तीनों पुत्रों (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी) का विवाह किया था। मेरे (संत रामपाल जी के) अनुयाई ऐसे ही करते हैं। 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी है। फेरों के स्थान पर उसको बोला जाता है जो करोड़ गायत्री मंत्र से उत्तम तथा लाभदायक है। जिसमें विश्व के सर्व देवी-देव तथा पूर्ण परमात्मा का आह्वान तथा स्तुति-प्रार्थना है। जिस कारण से सर्व शक्तियां उस विवाह वाले जोड़े की सदा रक्षा तथा सहायता करते हैं। इससे बेटी बची रहेगी। जीने की सुगम राह हो जाएगी।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
विवाह में प्रचलित वर्तमान परंपरा का त्याग :-
विवाह में व्यर्थ का खर्चा त्यागना पड़ेगा। जैसे बेटी के विवाह में बड़ी बारात का आना, दहेज देना, यह व्यर्थ परंपरा है।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
दहेज के कारण बेटी परिवार पर भार मानी जाने लगी है और उसको गर्भ में ही मारने का सिलसिला शुरू है।जो माता-पिता के लिए महापाप का कारण बनता है। बेटी देवी का स्वरूप है। हमारी कुपरम्पराओं ने बेटी को दुश्मन बना दिया।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
श्री देवीपुराण के तीसरे स्कंद में प्रमाण है कि इस ब्रह्माण्ड के प्रारम्भ में तीनों देवताओं का जब इनकी माता श्री दुर्गा जी ने विवाह किया, उस समय न कोई बाराती था, न कोई भाती था। न कोई भोजन-भण्डारा किया गया था। न डी.जे बजा था, न कोई नृत्य किया गया था। श्री दुर्गा जी ने अपने बड़े पुत्र श्री ब्रह्मा
जी से कहा कि हे ब्रह्मा! यह सावित्री नाम की लड़की तुझे तेरी पत्नी रूप में दी जाती है। इसे ले जाओ और अपना घर बसाओ। इसी प्रकार अपने बीच वाले प��त्र श्री विष्णु जी से लक्ष्मी जी तथा छोटे बेटे श्री शिव जी को पार्वती जी को देकर कहा ये तुम्हारी पत्नियां हैं। इनको ले जाओ और अपना-अपना घर बसाओ। तीनों अपनी-अपनी पत्नियों को लेकर अपने-अपने लोक में चले गए जिससे विश्व का विस्तार हुआ।
दहेज लेना व देना अपराध है, पाप है
जब मानव को परमात्मा के विधान का ज्ञान होगा, तब वह सर्व पापों से बचेगा। अपराध करना विष खाने के तुल्य समझेगा। वह संत रामपाल जी महाराज के सत्संगों से हो सकता है। सत्संग के माध्यम से अच्छे विचार जनता को सुनने को मिलेंगे तो इस समस्या का समाधान पूर्ण रूप से हो जाएगा। संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए जा रहे सत्संग-विचार के वचनों का जादुई प्रभाव पड़ता है।
निर्धनता तथा समाज में फैली कुरीतियाँ जैसे दहेज प्रथा, विवाह पर अनाप-सनाप खर्च करना, मृत्यु भोज, बड़ी बारात आदि-आदि तथा अन्य बुराईयाँ जैसे नशा आदि-आदि के कारण निर्धन व्यक्ति कर्ज तथा गंभीर बीमारी से परेशान होकर तथा अपनी कन्याओं के विवाह व मँहगी पढ़ाई के कारण आत्महत्या तक परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है।
इन सब परेशानियों का खात्मा संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचनों व सतभक्ति से ही हो सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी ही दहेज मुक्त भारत का निर्माण कर रहे हैं।
आत्महत्या तथा हत्या दोनों परमात्मा के विधानानुसार घोर अपराध हैं। यह किसी भी परिस्थिति में नहीं होना चाहिए। अज्ञानता तथा सामाजिक कुरीतिओं (दहेज, भात, छुछक तक बेटी का खर्च करना, बारात का अधिक आना-बुलाना) के कारण कितनी मासूम कन्याओं की हत्या तथा आत्महत्या हुई है। हम चाहते हैं कि ऐसी गलती कोई ना दोहराए। इसलिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी। जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे।
दहेज के कारण मासूम लड़कियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है। लेकिन, अब बेटी बोझ नहीं।
क्योंकि संत रामपाल जी महाराज दहेज मुक्त भारत बना रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बिना दहेज के 17 मिनट में रमैनी (शादी) करके, खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज की दी गई शिक्षा से हो रहा है दहेज का खात्मा।
संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान करेगा दहेज मुक्त भारत का निर्माण।
दहेज न देने पर जहां समाज में बेटी को प्रताड़ित किया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से सादगी से हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह। सास-ससुर द्वारा बहू को घर में दिया जाता है बेटी के समान दर्जा।
एक तरफ जहां दहेज की मांग पूरी करने में असमर्थ पिता आत्महत्या कर लेता है वहीं परम संत रामपाल जी महाराज जी दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करते हुए एक सबसे बड़े समाज सुधारक की भूमिका निभा रहे हैं।
क्योंकि संत रामपाल जी महाराज बना रहे हैं दहेज मुक्त भारत अभियान।
💰 दहेज के अत्याचारों से गयी बहू की जान।
अब नहीं सहेंगी बेटियाँ दहेज का अपमान।
संत रामपाल जी महाराज चला रहे हैं सफलतम दहेज मुक्त भारत अभियान
💰जहां समाज में आज भी दहेज के लिए बहू को जला दिया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आध्यात्मिक ज्ञान को समझने के बाद यह जान चुके हैं कि दहेज विष के समान है। और दहेज मुक्त अंतर्जातीय विवाह करके समाज से इस कुरीति को जड़ से खत्म कर रहे हैं
💰 मानसिक परेशानी का कारण है अपनी परंपराएं।
यह भार व्यर्थ के लिए खड़े हैं जैसे बड़ी कोठी-बडी़ मंहगी कार, मंहगे आभूषण (स्वर्ण के आभूषण), संग्रह करना, विवाह में दहेज लेना-देना, बैंड-बाजे, डीजे बजाना, घुड़चढ़ी के समय पूरे परिवार का बेशर्मों की तरह नाचना।
💰माया का नशा जीव पर हावी है। जैसे दहेज यानी पराया धन प्राप्त करने की व्यर्थ परम्परा
अध्यात्म ज्ञान रूपी औषधि सेवन करने से जीव का नशा उतर जाता है।
फिर वह भक्ति के सफर पर चलता है क्योंकि उसे परमात्मा के पास पहुँचना है जो उसका अपना पिता है।
💰 दहेज के लिए जहां नव विवाहिताओं को जिंदा जला दिया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज के आशीर्वाद से हो रही हैं दहेज मुक्त शादी।
अब दहेज रूपी दानव की भेंट नहीं चढ़ेगी बेटियां।
संत रामपाल जी महाराज का सपना दहेज मुक्त हो भारत अपना।
💰दहेज नहीं तो निकाह नहीं, दहेज से किया जा रहा है बेटियों का मोल।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के आशीर्वाद से हो रहे हैं अंतर्जातीय दहेज मुक्त विवाह। धर्म और जाति की बेड़ियों को तोड़कर कर रहे हैं बेटियों का जीवन खुशहाल।
💰मानव समाज में आज दहेज प्रथा के कारण गरीब से गरीब व्यक्तियों को जीवन जीने में परेशानी हो रही है।
वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य बिना दहेज रमैनी(शादी )करके सुखमय जीवन जी रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में बन रहा है दहेज मुक्त भारत।
💰एक तरफ जहां दहेज न देने पर महिलाओं को मार दिया जाता है।
वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी अंतर्जातीय व दहेज मुक्त विवाह करके एक नये मानव समाज का निर्माण कर रहे हैं।
💰 जहां दहेज नहीं मिलने पर परिवार के सामने जला दिया जाता है बहू को।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में रमैनी के माध्यम से सम्पन्न हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह, जिससे लाखों ��ोगों को दहेज रूपी राक्षस से मिल रहा है छुटकारा। संत रामपाल जी के सानिध्य में बन रहा है दहेज मुक्त भारत।
💰’’विवाह कैसे करें‘‘
जैसे श्री देवी दुर्गा जी ने अपने तीनों पुत्रों (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी) का विवाह किया था। मेरे (संत रामपाल जी के) अनुयाई ऐसे ही करते हैं। 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी है। फेरों के स्थान पर उसको बोला जाता है जो करोड़ गायत्री मंत्र से उत्तम तथा लाभदायक है। जिसमें विश्व के सर्व देवी-देव तथा पूर्ण परमात्मा का आह्वान तथा स्तुति-प्रार्थना है। जिस कारण से सर्व शक्तियां उस विवाह वाले जोड़े की सदा रक्षा तथा सहायता करते हैं। इससे बेटी बची रहेगी। जीने की सुगम राह हो जाएगी।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
💰विवाह में प्रचलित वर्तमान परंपरा का त्याग :-
विवाह में व्यर्थ का खर्चा त्यागना पड़ेगा। जैसे बेटी के विवाह में बड़ी बारात का आना, दहेज देना, यह व्यर्थ परंपरा है।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
💰दहेज के कारण बेटी परिवार पर भार मानी जाने लगी है और उसको गर्भ में ही मारने का सिलसिला शुरू है।जो माता-पिता के लिए महापाप का कारण बनता है। बेटी देवी का स्वरूप है। हमारी कुपरम्पराओं ने बेटी को दुश्मन बना दिया।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
💰श्री देवीपुराण के तीसरे स्कंद में प्रमाण है कि इस ब्रह्माण्ड के प्रारम्भ में तीनों देवताओं का जब इनकी माता श्री दुर्गा जी ने विवाह किया, उस समय न कोई बाराती था, न कोई भाती था। न कोई भोजन-भण्डारा किया गया था। न डी.जे बजा था, न कोई नृत्य किया गया था। श्री दुर्गा जी ने अपने बड़े पुत्र श्री ब्रह्मा
जी स�� कहा कि हे ब्रह्मा! यह सावित्री नाम की लड़की तुझे तेरी पत्नी रूप में दी जाती है। इसे ले जाओ और अपना घर बसाओ। इसी प्रकार अपने बीच वाले पुत्र श्री विष्णु जी से लक्ष्मी जी तथा छोटे बेटे श्री शिव जी को पार्वती जी को देकर कहा ये तुम्हारी पत्नियां हैं। इनको ले जाओ और अपना-अपना घर बसाओ। तीनों अपनी-अपनी पत्नियों को लेकर अपने-अपने लोक में चले गए जिससे विश्व का विस्तार हुआ।
💰दहेज लेना व देना अपराध है, पाप है
जब मानव को परमात्मा के विधान का ज्ञान होगा, तब वह सर्व पापों से बचेगा। अपराध करना विष खाने के तुल्य समझेगा। वह संत रामपाल जी महाराज के सत्संगों से हो सकता है। सत्संग के माध्यम से अच्छे विचार जनता को सुनने को मिलेंगे तो इस समस्या का समाधान पूर्ण रूप से हो जाएगा। संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए जा रहे सत्संग-विचार के वचनों का जादुई प्रभाव पड़ता है।
💰निर्धनता तथा समाज में फैली कुरीतियाँ जैसे दहेज प्रथा, विवाह पर अनाप-सनाप खर्च करना, मृत्यु भोज, बड़ी बारात आदि-आदि तथा अन्य बुराईयाँ जैसे नशा आदि-आदि के कारण निर्धन व्यक्ति कर्ज तथा गंभीर बीमारी से परेशान होकर तथा अपनी कन्याओं के विवाह व मँहगी पढ़ाई के कारण आत्महत्या तक परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है।
इन सब परेशानियों का खात्मा संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचनों व सतभक्ति से ही हो सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी ही दहेज मुक्त भारत का निर्माण कर रहे हैं।
💰आत्महत्या तथा हत्या दोनों परमात्मा के विधानानुसार घोर अपराध हैं। यह किसी भी परिस्थिति में नहीं होना चाहिए। अज्ञानता तथा सामाजिक कुरीतिओं (दहेज, भात, छुछक तक बेटी का खर्च करना, बारात का अधिक आना-बुलाना) के कारण कितनी मासूम कन्याओं की हत्या तथा आत्महत्या हुई है। हम चाहते हैं कि ऐसी गलती कोई ना दोहराए। इसलिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी। जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे।
💰दहेज के कारण मासूम लड़कियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है। लेकिन, अब बेटी बोझ नहीं।
क्योंकि संत रामपाल जी महाराज दहेज मुक्त भारत बना रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बिना दहेज के 17 मिनट में रमैनी (शादी) करके, खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
💰संत रामपाल जी महाराज की दी गई शिक्षा से हो रहा है दहेज का खात्मा।
संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान करेगा दहेज मुक्त भारत का निर्माण।
💰दहेज न देने पर जहां समाज में बेटी को प्रताड़ित किया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से सादगी से हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह। सास-ससुर द्वारा बहू को घर में दिया जाता है बेटी के समान दर्जा।
💰एक तरफ जहां दहेज की मांग पूरी करने में असमर्थ पिता आत्महत्या कर लेता है वहीं परम संत रामपाल जी महाराज जी दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करते हुए एक सबसे बड़े समाज सुधारक की भूमिका निभा रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी कर रहे हैं 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह अथवा रमैनी। जिससे अब माता पिता के ऊपर बेटी बोझ नहीं बनती।
congratulations for baby girl hindi | नवजात बच्ची के लिए बधाई सन्देश
Congratulations for baby girl hindi, नमस्ते दोस्तों आज हम आपको लेकर आये है। लेटेस्ट नवजात बच्ची के लिए बधाई सन्देश, जो आपको ज़रूर पसंद आएंगे। नव जात लड़की का जन्म हिन्दू सभ्यता के अनुसार माँ दुर्गा का रूप मानी जाती। जिसके घर लड़का जन्म लेता है वह भाग्यशाली मानते है। तथा जिस घर में लड़की जन्म लेती है, वह शुभाग्यशाली माना जाता…
श्रीगंगानगर में श्री हनुमान जन्मोत्सव पर निकाली गई भव्य शोभायात्रा
Duc Newz Rajasthan : Bhanwar Boyat ⚫ विभिन्न प्रकार की मनमोहक झांकियां रही शोभायात्रा में सम्मिलित ⚫ नव दुर्गा के रूप में घोड़े पर सवार होकर निकली श्रीगंगानगर की बेटियां ⚫ शोभा यात्रा के दौरान भगवा रंग में रंगा नजर आया शहर श्रीगंगानगर शहर वीरवार को लगभग 4 घंटे तक भगवा रंग में रंगा नजर आया। मौका था विश्व हिंदू परिषद द्वारा श्री हनुमान जन्मोत्सव पर निकाली गई भव्य शोभायात्रा का, जब हाथों में केसरिया…
🔔 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल(प्रतिपदा तिथि, गुडीपाडवा)*🔔
※══❖═══▩ஜ ۩۞۩ ஜ▩═══❖══※
*🌷हिन्दु नूतन वर्ष स्वागतम्🌷*
🌺भारत वर्ष के द्वारा मनाने वाले इस सृष्टि के नव निर्माण वर्ष की आपको ह्र्दयांकित मंगल कामनाओ के साथ हृदय तल से अनन्त कोटि कोटि शुभकामनायें।🌺
👣 🚩जय माता दी🚩 👣
*🕉नवरात्र महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं🕉*
नवरात्र शक्ति की शक्तियों को जगाने के दिन होंगे। इन दिनों में देवी की पूजा करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है। दुर्गा माता के नौ रूप है। जिनके नाम इस प्रकार है।
नवरात्रि के प्रत्येक दिन शक्ति के एक रूप की पूजा की जाती है। प्रथम दिन शैलपुत्री तथा नवम दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है। देवी शक्ति अपने भक्तों को आशीर्वाद दे, उनकी सभी इच्छाओं की पूर्ती करती है।
👣 🚩जय माता दी🚩 👣
🙏🌸🙏🌸🙏🌸🙏🌸🙏
💥🎆🎆🎆🌺🎆🎆🎆💥
दिनांक:-22-मार्च-2023
वार:-------बुधवार
तिथी :------01प्रतिपदा:-20:21
पक्ष:-------शुक्लपक्ष
माह:-------चैत्र
नक्षत्र:-----उत्तराभाद्रपद:-15:31
योग:-------शुक्ल:-09:16
:---------ब्रह्म:-30:15
करण:-----किस्तुध्ना:-09:33
चन्द्रमा:------मीन
सुर्योदय:------06:44
सुर्यास्त:-------18:46
दिशा शूल-------उत्तर
निवारण उपाय:---गुड का सेवन
ऋतु :--------------बंसत ऋतु
गुलीक काल:---11:03से 12:34
राहू काल:-------12:34से14:05
अभीजित-------- नहीं है
विक्रम सम्वंत-------2080
शक सम्वंत -----------1945
युगाब्द ------------------5125
सम्वंत सर नाम:------पिड़्गल
🌞चोघङिया दिन🌞
लाभ:-06:44से08:14तक
अमृत:-08:14से09:44तक
शुभ:-11:14से12:44तक
चंचल:-15:45से 17:15तक
लाभ:-17:15से 18:46तक
🌓चोघङिया रात🌗
शुभ:-20:15से21:45तक
अमृत :-21:45से23:15तक
चंचल :-23:15से00:45तक
लाभ :-03:45से05:15तक
🙏आज के विशेष योग 🙏
वर्ष का 001 दिन, इष्टि, संवत्सरारंभ, गुडीपडवा,शालिवाहन शक 1945 प्रारंभ, अभ्यंगस्नान
, ध्वजारोहण चैत्र (बंसत)नवरात्रारंभ, कल्पादि, हेडगेवार जयंती, राष्ट्रीय चैत्र मास प्रारंभ, पंचक, वैधृति महापात समाप्त07:02, चांन्द्र संवत्सर प्रारंभ, घट स्थापना, श्री गौतम जंयती, संतवत्सर पूजन, आरोग्य विधा -व्रत, ध्वजारोहण, बालेन्दुव्रत,
👉वास्तु टिप्स👈
बबुल के पेड़ को घर के आस पास भी ना होने दे।
*सुविचार*
श्रेष्ठ कर्म वही है जिससे लोगों का उपकार हो। साधु पुरुषों की क्रिया मूल्यवान् होती है।👍🏻
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
🚩 नवरात्र में नौ देवियों की पूजा का विधान है , वास्तव में यह देवियां औषधियां हैं!
प्रतिपदा-शैलपुत्री--(हरड़ ) का नाम है, ये सात प्रकार की है- हरीतिमा, पथया ,कायस्थ ,अमृता, हेमवती चेतकी ,श्रेयसी। हरड़ को आयुर्वेद में माता का स्वरूप माना जाता है यह उदर रोगों की उत्तम औषधि है।
*🐑🐂 राशिफल🐊🐬*
🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
शत्रु भय रहेगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। शत्रु परास्त होंगे। आय में वृद्धि होगी। कुसंगति से बचें। घर-परिवार से सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। शुभ समाचार मिलेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट से बाधा हो सकती है। लाभ होगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
संतान पक्ष की चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट से काम में रुकावट हो सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। शत्रुभय रहेगा। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। सभी ओर से अनुकूलता रहेगी। विवेक से कार्य करें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। किसी वरिष्ठजन का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त होंगे। जोखिम न लें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
घर-बाहर तनाव व अशांति रह सकती है। भागदौड़ अधिक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ से निकलेंगे। दु:खद समाचार मिल सकता है। भाइयों से मतभेद हो सकता है। कोर्ट व कचहरी में प्रतिकूलता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
लेन-देन में सावधानी रखें। प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। झंझटों में न पड़ें। कार्य की बेहतरी के साथ उत्साह बना रहेगा। काम में मन लगेगा। कार्य के लिए बाहर जाना पड़ सकता है। प्रसन्नता बनी रहेगी।
👱🏻♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
नेत्र पीड़ा हो सकती है। धनागम चारों तरफ से होगा। अतिथि आएंगे। व्यय होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास बढ़ेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आज का काम आज ही करें। दूसरों से अपेक्षा न करें। शुभ समय। नए मित्र मिलेंगे।
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। बेरोजगारी दूर होगी। आय में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सभी ओर से सहयोग मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। लापरवाही न करें। जोखिम न लें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
लेन-देन में सावधानी रखें। ऐश्वर्य पर खर्च होगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। विवाद को बढ़ावा न दें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। भाइयों तथा पार्टनरों से मतभेद हो सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में कमी रहेगी। जल्दबाजी न करे��।
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
बेवजह तनाव रहेगा। शारीरिक कष्ट संभव है। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। संतान पक्ष से सुख प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। शुभ समय।
🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
आर्थिक नीति में परिवर्तन तत्काल लाभ नहीं देगा। कार्यप्रणाली सुधरेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। मित्र व संबंधी सहयोग को आगे आएंगे। कोई बड़ी समस्या से सामना हो सकता है। हिम्मत से काम लेना होगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
सुख के साधन जुटेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट-कचहरी के काम अनुकूल रहेंगे। शत्रुओं की तरफ से शांति रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। समय पक्ष का है। फायदा उठाएं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाजी से बचें।
🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। घर में मतभेद हो सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यवसाय ठीक चलेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। आय बढ़ेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं ।
क्योंकि संत रामपाल जी महाराज बना रहे हैं दहेज मुक्त भारत अभियान।
💰 दहेज के अत्याचारों से गयी बहू की जान।
अब नहीं सहेंगी बेटियाँ दहेज का अपमान।
संत रामपाल जी महाराज चला रहे हैं सफलतम दहेज मुक्त भारत अभियान
💰जहां समाज में आज भी दहेज के लिए बहू को जला दिया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आध्यात्मिक ज्ञान को समझने के बाद यह जान चुके हैं कि दहेज विष के समान है। और दहेज मुक्त अंतर्जातीय विवाह करके समाज से इस कुरीति को जड़ से खत्म कर रहे हैं
💰 मानसिक परेशानी का कारण है अपनी परंपराएं।
यह भार व्यर्थ के लिए खड़े हैं जैसे बड़ी कोठी-बडी़ मंहगी कार, मंहगे आभूषण (स्वर्ण के आभूषण), संग्रह करना, विवाह में दहेज लेना-देना, बैंड-बाजे, डीजे बजाना, घुड़चढ़ी के समय पूरे परिवार का बेशर्मों की तरह नाचना।
💰माया का नशा जीव पर हावी है। जैसे दहेज यानी पराया धन प्राप्त करने की व्यर्थ परम्परा
अध्यात्म ज्ञान रूपी औषधि सेवन करने से जीव का नशा उतर जाता है।
फिर वह भक्ति के सफर पर चलता है क्योंकि उसे परमात्मा के पास पहुँचना है जो उसका अपना पिता है।
💰 दहेज के लिए जहां नव विवाहिताओं को जिंदा जला दिया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज के आशीर्वाद से हो रही हैं दहेज मुक्त शादी।
अब दहेज रूपी दानव की भेंट नहीं चढ़ेगी बेटियां।
संत रामपाल जी महाराज का सपना दहेज मुक्त हो भारत अपना।
💰दहेज नहीं तो निकाह नहीं, दहेज से किया जा रहा है बेटियों का मोल।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के आशीर्वाद से हो रहे हैं अंतर्जातीय दहेज मुक्त विवाह। धर्म और जाति की बेड़ियों को तोड़कर कर रहे हैं बेटियों का जीवन खुशहाल।
💰मानव समाज में आज दहेज प्रथा के कारण गरीब से गरीब व्यक्तियों को जीवन जीने में परेशानी हो रही है।
वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य बिना दहेज रमैनी(शादी )करके सुखमय जीवन जी रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में बन रहा है दहेज मुक्त भारत।
💰एक तरफ जहां दहेज न देने पर महिलाओं को मार दिया जाता है।
वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी अंतर्जातीय व दहेज मुक्त विवाह करके एक नये मानव समाज का निर्माण कर रहे हैं।
💰 जहां दहेज नहीं मिलने पर परिवार के सामने जला दिया जाता है बहू को।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में रमैनी के माध्यम से सम्पन्न हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह, जिससे लाखों लोगों को दहेज रूपी राक्षस से मिल रहा है छुटकारा। संत रामपाल जी के सानिध्य में बन रहा है दहेज मुक्त भारत।
💰’’विवाह कैसे करें‘‘
जैसे श्री देवी दुर्गा जी ने अपने तीनों पुत्रों (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी) का विवाह किया था। मेरे (संत रामपाल जी के) अनुयाई ऐसे ही करते हैं। 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी है। फेरों के स्थान पर उसको बोला जाता है जो करोड़ गायत्री मंत्र से उत्तम तथा लाभदायक है। जिसमें विश्व के सर्व देवी-देव तथा पूर्ण परमात्मा का आह्वान तथा स्तुति-प्रार्थना है। जिस कारण से सर्व शक्तियां उस विवाह वाले जोड़े की सदा रक्षा तथा सहायता करते हैं। इससे बेटी बची रहेगी। जीने की सुगम राह हो जाएगी।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
💰विवाह में प्रचलित वर्तमान परंपरा का त्याग :-
विवाह में व्यर्थ का खर्चा त्यागना पड़ेगा। जैसे बेटी के विवाह में बड़ी बारात का आना, दहेज देना, यह व्यर्थ परंपरा है।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
💰दहेज के कारण बेटी परिवार पर भार मानी जाने लगी है और उसको गर्भ में ही मारने का सिलसिला शुरू है।जो माता-पिता के लिए महापाप का कारण बनता है। बेटी देवी का स्वरूप है। हमारी कुपरम्पराओं ने बेटी को दुश्मन बना दिया।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
💰श्री देवीपुराण के तीसरे स्कंद में प्रमाण है कि इस ब्रह्माण्ड के प्रारम्भ में तीनों देवताओं का जब इनकी माता श्री दुर्गा जी ने विवाह किया, उस समय न कोई बाराती था, न कोई भाती था। न कोई भोजन-भण्डारा किया गया था। न डी.जे बजा था, न कोई नृत्य किया गया था। श्री दुर्गा जी ने अपने बड़े पुत्र श्री ब्रह्मा
जी से कहा कि हे ब्रह्मा! यह सावित्री नाम की लड़की तुझे तेरी पत्नी रूप में दी जाती है। इसे ले जाओ और अपना घर बसाओ। इसी प्रकार अपने बीच वाले पुत्र श्री विष्णु जी से लक्ष्मी जी तथा छोटे बेटे श्री शिव जी को पार्वती जी को देकर कहा ये तुम्हारी पत्नियां हैं। इनको ले जाओ और अपना-अपना घर बसाओ। तीनों अपनी-अपनी पत्नियों को लेकर अपने-अपने लोक में चले गए जिससे विश्व का विस्तार हुआ।
💰दहेज लेना व देना अपराध है, पाप है
जब मानव को परमात्मा के विधान का ज्ञान होगा, तब वह सर्व पापों से बचेगा। अपराध करना विष खाने के तुल्य समझेगा। वह संत रामपाल जी महाराज के सत्संगों से हो सकता है। सत्संग के माध्यम से अच्छे विचार जनता को सुनने को मिलेंगे तो इस समस्या का समाधान पूर्ण रूप से हो जाएगा। संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए जा रहे सत्संग-विचार के वचनों का जादुई प्रभाव पड़ता है।
💰निर्धनता तथा समाज में फैली कुरीतियाँ जैसे दहेज प्रथा, विवाह पर अनाप-सनाप खर्च करना, मृत्यु भोज, बड़ी बारात आदि-आदि तथा अन्य बुराईयाँ जैसे नशा आदि-आदि के कारण निर्धन व्यक्ति कर्ज तथा गंभीर बीमारी से परेशान होकर तथा अपनी कन्याओं के विवाह व मँहगी पढ़ाई के कारण आत्महत्या तक परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है।
इन सब परेशानियों का खात्मा संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचनों व सतभक्ति से ही हो सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी ही दहेज मुक्त भारत का निर्माण कर रहे हैं।
💰आत्महत्या तथा हत्या दोनों परमात्मा के विधानानुसार घोर अपराध हैं। यह किसी भी परिस्थिति में नहीं होना चाहिए। अज्ञानता तथा सामाजिक कुरीतिओं (दहेज, भात, छुछक तक बेटी का खर्च करना, बारात का अधिक आना-बुलाना) के कारण कितनी मासूम कन्याओं की हत्या तथा आत्महत्या हुई है। हम चाहते हैं कि ऐसी गलती कोई ना दोहराए। इसलिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी। जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे।
💰दहेज के कारण मासूम लड़कियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है। लेकिन, अब बेटी बोझ नहीं।
क्योंकि संत रामपाल जी महाराज दहेज मुक्त भारत बना रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बिना दहेज के 17 मिनट में रमैनी (शादी) करके, खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
💰संत रामपाल जी महाराज की दी गई शिक्षा से हो रहा है दहेज का खात्मा।
संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान करेगा दहेज मुक्त भारत का निर्माण।
💰दहेज न देने पर जहां समाज में बेटी को प्रताड़ित किया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से सादगी से हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह। सास-ससुर द्वारा बहू को घर में दिया जाता है बेटी के समान दर्जा।
💰एक तरफ जहां द���ेज की मांग पूरी करने में असमर्थ पिता आत्महत्या कर लेता है वहीं परम संत रामपाल जी महाराज जी दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करते हुए एक सबसे बड़े समाज सुधारक की भूमिका निभा रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी कर रहे हैं 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह अथवा रमैनी। जिससे अब माता पिता के ऊपर बेटी बोझ नहीं बनती।
दुर्गाजी पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री‘ के नाम से ही जानी जाती हैं। यह ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। शैलराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण ही इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। नवरात्र पूजन में प्रथम दिन इन्हीं देवी की पूजा और उपासना की जाती
मुख पृष्ठ पोस्ट नवदुर्गा पहली शैलपुत्री
नवदुर्गा- पहली शैलपुत्री
।हिन्दी।।English।
दुर्गाजी पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री‘ के नाम से ही जानी जाती हैं। यह ही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। शैलराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण ही इनका नाम ‘शैलपुत्री’ पड़ा। नवरात्र पूजन में प्रथम दिन इन्हीं देवी की पूजा और उपासना की जाती है। इनका वाहन वृषभ है, इसलिए यह देवी जगत में…
क्योंकि संत रामपाल जी महाराज बना रहे हैं दहेज मुक्त भारत अभियान।
💰 दहेज के अत्याचारों से गयी बहू की जान।
अब नहीं सहेंगी बेटियाँ दहेज का अपमान।
संत रामपाल जी महाराज चला रहे हैं सफलतम दहेज मुक्त भारत अभियान
💰जहां समाज में आज भी दहेज के लिए बहू को जला दिया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आध्यात्मिक ज्ञान को समझने के बाद यह जान चुके हैं कि दहेज विष के समान है। और दहेज मुक्त अंतर्जातीय विवाह करके समाज से इस कुरीति को जड़ से खत्म कर रहे हैं
💰 मानसिक परेशानी का कारण है अपनी परंपराएं।
यह भार व्यर्थ के लिए खड़े हैं जैसे बड़ी कोठी-बडी़ मंहगी कार, मंहगे आभूषण (स्वर्ण के आभूषण), संग्रह करना, विवाह में दहेज लेना-दे��ा, बैंड-बाजे, डीजे बजाना, घुड़चढ़ी के समय पूरे परिवार का बेशर्मों की तरह नाचना।
💰माया का नशा जीव पर हावी है। जैसे दहेज यानी पराया धन प्राप्त करने की व्यर्थ परम्परा
अध्यात्म ज्ञान रूपी औषधि सेवन करने से जीव का नशा उतर जाता है।
फिर वह भक्ति के सफर पर चलता है क्योंकि उसे परमात्मा के पास पहुँचना है जो उसका अपना पिता है।
💰 दहेज के लिए जहां नव विवाहिताओं को जिंदा जला दिया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज के आशीर्वाद से हो रही हैं दहेज मुक्त शादी।
अब दहेज रूपी दानव की भेंट नहीं चढ़ेगी बेटियां।
संत रामपाल जी महाराज का सपना दहेज मुक्त हो भारत अपना।
💰दहेज नहीं तो निकाह नहीं, दहेज से किया जा रहा है बेटियों का मोल।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के आशीर्वाद से हो रहे हैं अंतर्जातीय दहेज मुक्त विवाह। धर्म और जाति की बेड़ियों को तोड़कर कर रहे हैं बेटियों का जीवन खुशहाल।
💰मानव समाज में आज दहेज प्रथा के कारण गरीब से गरीब व्यक्तियों को जीवन जीने में परेशानी हो रही है।
वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य बिना दहेज रमैनी(शादी )करके सुखमय जीवन जी रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में बन रहा है दहेज मुक्त भारत।
💰एक तरफ जहां दहेज न देने पर महिलाओं को मार दिया जाता है।
वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी अंतर्जातीय व दहेज मुक्त विवाह करके एक नये मानव समाज का निर्माण कर रहे हैं।
💰 जहां दहेज नहीं मिलने पर परिवार के सामने जला दिया जाता है बहू को।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में रमैनी के माध्यम से सम्पन्न हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह, जिससे लाखों लोगों को दहेज रूपी राक्षस से मिल रहा है छुटकारा। संत रामपाल जी के सानिध्य में बन रहा है दहेज मुक्त भारत।
💰’’विवाह कैसे करें‘‘
जैसे श्री देवी दुर्गा जी ने अपने तीनों पुत्रों (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी) का विवाह किया था। मेरे (संत रामपाल जी के) अनुयाई ऐसे ही करते हैं। 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी है। फेरों के स्थान पर उसको बोला जाता है जो करोड़ गायत्री मंत्र से उत्तम तथा लाभदायक है। जिसमें विश्व के सर्व देवी-देव तथा पूर्ण परमात्मा का आह्वान तथा स्तुति-प्रार्थना है। जिस कारण से सर्व शक्तियां उस विवाह वाले जोड़े की सदा रक्षा तथा सहायता करते हैं। इससे बेटी बची रहेगी। जीने की सुगम राह हो जाएगी।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
💰विवाह में प्रचलित वर्तमान परंपरा का त्याग :-
विवाह में व्यर्थ का खर्चा त्यागना पड़ेगा। जैसे बेटी के विवाह में बड़ी बारात का आना, दहेज देना, यह व्यर्थ परंपरा है।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
💰दहेज के कारण बेटी परिवार पर भार मानी जाने लगी है और उसको गर्भ में ही मारने का सिलसिला शुरू है।जो माता-पिता के लिए महापाप का कारण बनता है। बेटी देवी का स्वरूप है। हमारी कुपरम्पराओं ने बेटी को दुश्मन बना दिया।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
💰श्री देवीपुराण के तीसरे स्कंद में प्रमाण है कि इस ब्रह्माण्ड के प्रारम्भ में तीनों देवताओं का जब इनकी माता श्री दुर्गा जी ने विवाह किया, उस समय न कोई बाराती था, न कोई भाती था। न कोई भोजन-भण्डारा किया गया था। न डी.जे बजा था, न कोई नृत्य किया गया था। श्री दुर्गा जी ने अपने बड़े पुत्र श्री ब्रह्मा
जी से कहा कि हे ब्रह्मा! यह सावित्री नाम की लड़की तुझे तेरी पत्नी रूप में दी जाती है। इसे ले जाओ और अपना घर बसाओ। इसी प्रकार अपने बीच वाले पुत्र श्री विष्णु जी से लक्ष्मी जी तथा छोटे बेटे श्री शिव जी को पार्वती जी को देकर कहा ये तुम्हारी पत्नियां हैं। इनको ले जाओ और अपना-अपना घर बसाओ। तीनों अपनी-अपनी पत्नियों को लेकर अपने-अपने लोक में चले गए जिससे विश्व का विस्तार हुआ।
💰दहेज लेना व देना अपराध है, पाप है
जब मानव को परमात्मा के विधान का ज्ञान होगा, तब वह सर्व पापों से बचेगा। अपराध करना विष खाने के तुल्य समझेगा। वह संत रामपाल जी महाराज के सत्संगों से हो सकता है। सत्संग के माध्यम से अच्छे विचार जनता को सुनने को मिलेंगे तो इस समस्या का समाधान पूर्ण रूप से हो जाएगा। संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए जा रहे सत्संग-विचार के वचनों का जादुई प्रभाव पड़ता है।
💰निर्धनता तथा समाज में फैली कुरीतियाँ जैसे दहेज प्रथा, विवाह पर अनाप-सनाप खर्च करना, मृत्यु भोज, बड़ी बारात आदि-आदि तथा अन्य बुराईयाँ जैसे नशा आदि-आदि के कारण निर्धन व्यक्ति कर्ज तथा गंभीर बीमारी से परेशान होकर तथा अपनी कन्याओं के विवाह व मँहगी पढ़ाई के कारण आत्महत्या तक परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है।
इन सब परेशानियों का खात्मा संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचनों व सतभक्ति से ही हो सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी ही दहेज मुक्त भारत का निर्माण कर रहे हैं।
💰आत्महत्या तथा हत्या दोनों परमात्मा के विधानानुसार घोर अपराध हैं। यह किसी भी परिस्थिति में नहीं होना चाहिए। अज्ञानता तथा सामाजिक कुरीतिओं (दहेज, भात, छुछक तक बेटी का खर्च करना, बारात का अधिक आना-बुलाना) के कारण कितनी मासूम कन्याओं की हत्या तथा आत्महत्या हुई है। हम चाहते हैं कि ऐसी गलती कोई ना दोहराए। इसलिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी। जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे।
💰दहेज के कारण मासूम लड़कियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है। लेकिन, अब बेटी बोझ नहीं।
क्योंकि संत रामपाल जी महाराज दहेज मुक्त भारत बना रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बिना दहेज के 17 मिनट में रमैनी (शादी) करके, खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
💰संत रामपाल जी महाराज की दी गई शिक्षा से हो रहा है दहेज का खात्मा।
संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान करेगा दहेज मुक्त भारत का निर्माण।
💰दहेज न देने पर जहां समाज में बेटी को प्रताड़ित किया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से सादगी से हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह। सास-ससुर द्वारा बहू को घर में दिया जाता है बेटी के समान दर्जा।
💰एक तरफ जहां दहेज की मांग पूरी करने में असमर्थ पिता आत्महत्या कर लेता है वहीं परम संत रामपाल जी महाराज जी दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करते हुए एक सबसे बड़े समाज सुधारक की भूमिका निभा रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी कर रहे हैं 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह अथवा रमैनी। जिससे अब माता पिता के ऊपर बेटी बोझ नहीं बनती।
संत रामपाल जी महाराज चला रहे हैं सफलतम दहेज मुक्त भारत अभियान
💰जहां समाज में आज भी दहेज के लिए बहू को जला दिया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आध्यात्मिक ज्ञान को समझने के बाद यह जान चुके हैं कि दहेज विष के समान है। और दहेज मुक्त अंतर्जातीय विवाह करके समाज से इस कुरीति को जड़ से खत्म कर रहे हैं
💰 मानसिक परेशानी का कारण है अपनी परंपराएं।
यह भार व्यर्थ के लिए खड़े हैं जैसे ब���़ी कोठी-बडी़ मंहगी कार, मंहगे आभूषण (स्वर्ण के आभूषण), संग्रह करना, विवाह में दहेज लेना-देना, बैंड-बाजे, डीजे बजाना, घुड़चढ़ी के समय पूरे परिवार का बेशर्मों की तरह नाचना।
💰माया का नशा जीव पर हावी है। जैसे दहेज यानी पराया धन प्राप्त करने की व्यर्थ परम्परा
अध्यात्म ज्ञान रूपी औषधि सेवन करने से जीव का नशा उतर जाता है।
फिर वह भक्ति के सफर पर चलता है क्योंकि उसे परमात्मा के पास पहुँचना है जो उसका अपना पिता है।
💰 दहेज के लिए जहां नव विवाहिताओं को जिंदा जला दिया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज के आशीर्वाद से हो रही हैं दहेज मुक्त शादी।
अब दहेज रूपी दानव की भेंट नहीं चढ़ेगी बेटियां।
संत रामपाल जी महाराज का सपना दहेज मुक्त हो भारत अपना।
💰दहेज नहीं तो निकाह नहीं, दहेज से किया जा रहा है बेटियों का मोल।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के आशीर्वाद से हो रहे हैं अंतर्जातीय दहेज मुक्त विवाह। धर्म और जाति की बेड़ियों को तोड़कर कर रहे हैं बेटियों का जीवन खुशहाल।
💰मानव समाज में आज दहेज प्रथा के कारण गरीब से गरीब व्यक्तियों को जीवन जीने में परेशा���ी हो रही है।
वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य बिना दहेज रमैनी(शादी )करके सुखमय जीवन जी रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में बन रहा है दहेज मुक्त भारत।
💰एक तरफ जहां दहेज न देने पर महिलाओं को मार दिया जाता है।
वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी अंतर्जातीय व दहेज मुक्त विवाह करके एक नये मानव समाज का निर्माण कर रहे हैं।
💰 जहां दहेज नहीं मिलने पर परिवार के सामने जला दिया जाता है बहू को।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में रमैनी के माध्यम से सम्पन्न हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह, जिससे लाखों लोगों को दहेज रूपी राक्षस से मिल रहा है छुटकारा। संत रामपाल जी के सानिध्य में बन रहा है दहेज मुक्त भारत।
💰’’विवाह कैसे करें‘‘
जैसे श्री देवी दुर्गा जी ने अपने तीनों पुत्रों (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी) का विवाह किया था। मेरे (संत रामपाल जी के) अनुयाई ऐसे ही करते हैं। 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी है। फेरों के स्थान पर उसको बोला जाता है जो करोड़ गायत्री मंत्र से उत्तम तथा लाभदायक है। जिसमें विश्व के सर्व देवी-देव तथा पूर्ण परमात्मा का आह्वान तथा स्तुति-प्रार्थना है। जिस कारण से सर्व शक्तियां उस विवाह वाले जोड़े की सदा रक्षा तथा सहायता करते हैं। इससे बेटी बची रहेगी। जीने की सुगम राह हो जाएगी।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
💰विवाह में प्रचलित वर्तमान परंपरा का त्याग :-
विवाह में व्यर्थ का खर्चा त्यागना पड़ेगा। जैसे बेटी के विवाह में बड़ी बारात का आना, दहेज देना, यह व्यर्थ परंपरा है।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
💰दहेज के कारण बेटी परिवार पर भार मानी जाने लगी है और उसको गर्भ में ही मारने का सिलसिला शुरू है।जो माता-पिता के लिए महापाप का कारण बनता है। बेटी देवी का स्वरूप है। हमारी कुपरम्पराओं ने बेटी को दुश्मन बना दिया।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
💰श्री देवीपुराण के तीसरे स्कंद में प्रमाण है कि इस ब्रह्माण्ड के प्रारम्भ में तीनों देवताओं का जब इनकी माता श्री दुर्गा जी ने विवाह किया, उस समय न कोई बाराती था, न कोई भाती था। न कोई भोजन-भण्डारा किया गया था। न डी.जे बजा था, न कोई नृत्य किया गया था। श्री दुर्गा जी ने अपने बड़े पुत्र श्री ब्रह्मा
जी से कहा कि हे ब्रह्मा! यह सावित्री नाम की लड़की तुझे तेरी पत्नी रूप में दी जाती है। इसे ले जाओ और अपना घर बसाओ। इसी प्रकार अपने बीच वाले पुत्र श्री विष्णु जी से लक्ष्मी जी तथा छोटे बेटे श्री शिव जी को पार्वती जी को देकर कहा ये तुम्हारी पत्नियां हैं। इनको ले जाओ और अपना-अपना घर बसाओ। तीनों अपनी-अपनी पत्नियों को लेकर अपने-अपने लोक में चले गए जिससे विश्व का विस्तार हुआ।
💰दहेज लेना व देना अपराध है, पाप है
जब मानव को परमात्मा के विधान का ज्ञान होगा, तब वह सर्व पापों से बचेगा। अपराध करना विष खाने के तुल्य समझेगा। वह संत रामपाल जी महाराज के सत्संगों से हो सकता है। सत्संग के माध्यम से अच्छे विचार जनता को सुनने को मिलेंगे तो इस समस्या का समाधान पूर्ण रूप से हो जाएगा। संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए जा रहे सत्संग-विचार के वचनों का जादुई प्रभाव पड़ता है।
💰निर्धनता तथा समाज में फैली कुरीतियाँ जैसे दहेज प्रथा, विवाह पर अनाप-सनाप खर्च करना, मृत्यु भोज, बड़ी बारात आदि-आदि तथा अन्य बुराईयाँ जैसे नशा आदि-आदि के कारण निर्धन व्यक्ति कर्ज तथा गंभीर बीमारी से परेशान होकर तथा अपनी कन्याओं के विवाह व मँहगी पढ़ाई के कारण आत्महत्या तक परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है।
इन सब परेशानियों का खात्मा संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचनों व सतभक्ति से ही हो सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी ही दहेज मुक्त भारत का निर्माण कर रहे हैं।
💰आत्महत्या तथा हत्या दोनों परमात्मा के विधानानुसार घोर अपराध हैं। यह किसी भी परिस्थिति में नहीं होना चाहिए। अज्ञानता तथा सामाजिक कुरीतिओं (दहेज, भात, छुछक तक बेटी का खर्च करना, बारात का अधिक आना-बुलाना) के कारण कितनी मासूम कन्याओं की हत्या तथा आत्महत्या हुई है। हम चाहते हैं कि ऐसी गलती कोई ना दोहराए। इसलिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी। जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे।
💰दहेज के कारण मासूम लड़कियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है। लेकिन, अब बेटी बोझ नहीं।
क्योंकि संत रामपाल जी महाराज दहेज मुक्त भारत बना रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बिना दहेज के 17 मिनट में रमैनी (शादी) करके, खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
💰संत रामपाल जी महाराज की दी गई शिक्षा से हो रहा है दहेज का खात्मा।
संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान करेगा दहेज मुक्त भारत का निर्माण।
💰दहेज न देने पर जहां समाज में बेटी को प्रताड़ित किया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से सादगी से हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह। सास-ससुर द्वारा बहू को घर में दिया जाता है बेटी के समान दर्जा।
💰एक तरफ जहां दहेज की मांग पूरी करने में असमर्थ पिता आत्महत्या कर लेता है वहीं परम संत रामपाल जी महाराज जी दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करते हुए एक सबसे बड़े समाज सुधारक की भूमिका निभा रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी कर रहे हैं 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह अथवा रमैनी। जिससे अब माता पिता के ऊपर बेटी बोझ नही
NavDurga (नवदुर्गा): माँ कालरात्रि (Maa Kalratri) The Seventh Form of Maa Durga which is been Worshipped in Navratri
🚩🚩जय श्री राम🚩🚩
माँ #कालरात्रि (Kalratri): माता दुर्गा का सप्तम रूप (Seventh Form of Navdurga).
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता॥
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी त��लाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।
वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयन्करि॥
The #Seventh power of Maa #Durga is known as #Kalratri. The worship of Maa Kalratri is Performed on the seventh day of #Navratri. On this day the mind of the seeker is situated in the 'Sahasrara' cycle (सहस्रार चक्र).
ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै
ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:
In the #Puranas, Maa Kalratri has been called the goddess of all siddhis and she was born for the slaughter of the demon #Chand_Mund.
Nature of Mata Kalratri:
The appearance of Maa Kalratri is very terrible to see, but it is always going to give auspicious results, for this reason she also has a name '#Shubhankari' (शुभंकरी).
His body color is very dark like dense darkness. Scalp hair is scattered. There is a garland that shines like a lightning in the neck. He has three eyes. These three eyes are round like the universe. They emit bright rays like electricity.
From the breath of mother's nose, fierce flames of fire keep coming out. Her vehicle is a #Gardabh (Donkey). She gives a bridesmaid to everyone with raised right hand #Varmudra. The right hand lower hand is in #Abhayamudra. There is an iron fork in the upper hand on the left hand side and a sword (dagger) in the lower hand.
माँ कालरात्रि महामंत्र:
या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।