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#सहजन का सूप
nirogstreet-fan · 4 years
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सहजन (drumstick or moringa) भारतीय मूल का पौधा है, लेकिन औषधीय गुणों के कारण यह अब पूरी दुनिया में पहुँच चुका है. सहजन एक ऐसा फली है जो औषधीय गुणों से भरपूर है. इसका वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा (moringa oleifera) है. इसे सुजना, सेंजन और मुनगा आदि नामों से भी जाना जाता है। सहजन की फली की स्वादिष्ट सब्जी बनती है. लेकिन इसका पूरा पेड़ ही पोषक तत्वों से भरपूर है और पत्तियां, छाल आदि सभी का अलग-अलग तरीके से उपयोग किया जाता है.  पानी को साफ़ करने और हाथों की सफाई के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है.
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pradeshjagran · 5 years
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सहजन के सूप के फायदे, हर किसी को दिलाता है कई बीमारियों से छुटकारा...
सहजन के सूप के फायदे, हर किसी को दिलाता है कई बीमारियों से छुटकारा…
सेहत को ठीक रखने के लिए प्रकृति में कई ऐसी चीजें मौजूद हैं जिनके सेवन से हम कई बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं. आपने ध्यान दिया हो तो घरेलु नुस्खे भी होते हैं जिनके इस्तेमाल से आपको बिमारियों से राहत मिल जाती है. ऐसी ही प्रकृति में मौजूद है खास चीज सहजन, यानी ड्रमस्टिक.
यह इतना ज्‍यादा पोषक तत्‍वों से भरा होता है कि महिला और पुरुष दोनों ही इसका सेवन कर सकते हैं. इसका सूप अगर आप रोज़ पीते हैं तो…
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omthedevinename · 4 years
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शुगर के मरीज को कैसा आहार लेना चाहिए (sugar control diet chart) चलिये अब ये जानते हैं कि मधुमेह के मरीजों के आहार तालिका में कौन-कौन से चीजें होने चाहिए। एक बात ध्यान में  रखना चाहिए कि मधुमेह का मरीज थोड़े-थोड़े अंतराल में भोजन करें क्योंकि, एक साथ बहुत सारा खाना खाने से रक्त में शर्करा का स्तर बहुत तेजी से बढ़ता है। दिनभर के भोजन को पाँच हिस्सों ���ें बाँट लें तथा थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाएँ। * मधुमेह रोगी का आहार ज्यादा फाइबर युक्त होना चाहिए जैसे- छिलके सहित पूरी तरह से बनी हुई गेहूँ की रोटी, जई (oats) आदि जैसे जटिल कार्बोहाइड्रेट शामिल होने चाहिए, क्योंकि वे खून के प्रवाह में धीरे-धीरे मिल जाते है। * गेहूँ और जौ 2-2 किलो की मात्रा में लेकर एक किलो चने के साथ पीस लें। रोटी बनाने के लिए इस चोकर सहित आटे का प्रयोग करें। * सब्जियों में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, टिंडा, चौलाई, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, बोकली, टमाटर, बंदगोभी, सोयाबीन की बड़ी, काला चना, बीन्स, शिमला मिर्च, हरी पत्तेदार सब्जियाँ आहार में शामिल करें। इनसे बने सूप का भी सेवन करें। * कमजोरी दूर करने के लिए कच्चा नारियल, अखरोट, मूंगफली के दाने, काजू, इसबगोल, सोयाबीन, दही और छाछ आदि का सेवन करें। * ग्रीन टी का सेवन डायबिटीज के रोगी के लिए बहुत लाभदायक है। इसमें मौजूद एंटिऑक्सिडेंट व्यक्ति को स्वस्थ रखते है। ग्रीन टी हो या काली चाय दोनों का ही सेवन बिना दूध और चीनी के करना चाहिए। * 25 ग्राम अलसी को पीसकर आँटे में गूथकर रोटी बनाएँ। अलसी रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करती है। * शुगर के मरीज (sugar patient food chart) को फल हो या दूसरे खाद्द पदार्थ (diabetes food) हमेशा सोच समझकर खाना चाहिए। नहीं तो मधुमेह के मरीज का शुगर हाई हो जायेगा, जो जानलेवा साबित हो सकता है। चलिये इसलिए जानते हैं कि शुगर के मरीज को कौन-से फल खाने चाहिए और किनसे करना चाहिए परहेज- * कुछ फलों में शर्करा की उच्च मात्रा होने के कारण इन फलों को डायबिटीज के रोगियों को नहीं खाना चाहिए। जैसे- अंगूर, चेरी, अनानास, केला, सूखे मेवे और मीठे फलों का जूस भी नहीं लेना चाहिए। * एक छोटे अंगूर में भी लगभग एक ग्राम कार्बोहाइड्रेड होता है। इसलिए डायबिटीज के रोगी को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। * अंगूर की ही तरह एक चेरी में एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है अत: इसको ज्यादा मात्रा में नहीं खाना चाहिए। * पके हुए अनानास में शर्करा का उच्च स्तर होता है इसलिए यह फल डायबिटीज के रोगी को नहीं खाना चाहिए या अल्प मात्रा में कभी-कभी लेना चाहि (at Agra, Uttar Pradesh) https://www.instagram.com/p/CFmCWaysi0F/?igshid=j4tik9txwxel
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kisansatta · 4 years
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डायबिटीज होने पर डाइट में करें ये बदलाव
अगर आपको शुगर की बीमारी है तो आप अपने डाइट पर ध्यान देना आवश्यक है| डाइट पर इसलिए और ध्यान देना होना चाहिए क्योकि डाइट पर ही शुगर लेबल टिका होता है|अगर हम अपने डाइट फॉलो करते है तो शुगर कंटोल किया जा सकता है| डाइट पर ही टिका होता है|डायबिटीज यानी की मधुमेह एक ऐसी बीमारी हैं, जिससे मौजूदा वक्त में सबसे ज्यादा लोग पीड़ित है।
मौजूदा दौर में परुष और महिलाएं दोनों ही अपने काम को लेकर टेंशन और अधिकतर वक्त ऑफिस के कामों में बीताते हैं। मधुमेह रोगियों का हेल्थ हम रूटीन से डाइट फॉलो करे तो कोई भी शुगर हो कंटोल किया जा सकता है| मधुमेह रोगियों को पेट खाने की बजाए हल्का खाना खाएं और सुबह हल्का नाश्ता करने के बजाए इसे भरपेट करना चाहिए|
आप वजन कम करने के साथ-साथ हाई ब्लड शुगर को भी नियंत्रित कर सकते हैं| एक नई शोध में ये जानकारी सामने आई है| यह जानकारी शोधकर्ताओं ने दी है|शोधकर्ता के अनुसार रात के बजाय सुबह के समय शरीर खाना अच्छे से पचाने में मदद करता है| यह शोध ‘द जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म’ में प्रकाशित हुआ है|
शोधकर्ताओं के अनुसार, जब हम एब्जॉर्शन, डाइजेशन, और पोषक तत्वों के लिए भोजन पचाते हैं तब हमारा शरीर ऊर्जा का विस्तार करता है|डाइट-इंड्यूस्ड थर्मोजेनेसिस (डीआईटी) के रूप में चर्चित इस प्रक्रिया में ये पता चलता है कि हमारा मेटाबॉलिज्म कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है| और कैसे यह डाइट के आधार पर अलग-अलग तरीके से काम करता है|
लुबेक विश्वविद्यालय की कॉरेस्पोंडेंस लेखक जूलियन रिचटर ने कहा, ‘हमारे परिणामों से पता चलता है कि नाश्ते में खाया जाने वाला भोजन, डिनर में किए गए भोजन की तुलना में दो बार उच्च आहार-प्रेरित थर्मोजेनेसिस बनाता है. उन्होंने कहा, ‘इस शोध से अच्छे से नाश्ता करने के महत्व का पता चलता है|अगर आप साबुत अनाज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स सफेद आटे के मुकाबले ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से नियंत्रित करता है।
व्हीट ब्रान भोजन को ब्लड शुगर में धीरे-धीरे परिवर्तित करता है औरशरीर के प्राकृतिक इंसुलिन हार्मोन मैकेनिज्म क�� लिए आसानी से मैनेज करता है।साबुत अनाज का आटा फाइबर का बहुत बढ़िया स्रोत है जो हमारी आंतड़ियों की गतिविधियों को नियंत्रित करता है। भोजन का फाइबर वाला हिस्सा अधिक होना चाहिए ताकि यह पानी अधिक सोख सके।
डायबिटीज होने पर क्‍या न खाएं
डायबिटिज के मरीजों को अपनी डाइट से घी और नारियल का तेल आदि चिकनाई युक्त चीजों को बाहर कर देना चाहिए। इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को पूरी, कचौड़ी, समोसा, पकौड़े आदि जैसे तले हुए भोजन से भी बचना चाहिए, क्योंकि इससे होने वाला फैट आपके शरीर में असंतुलन पैदा करता है।
इसके साथ ही गुड़, शक्कर, मिश्री, चीनी, शर्बत, मुरब्बा, शहद, पिज्जा, बर्गर, क्रीम रोल,आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक का इस्तेमाल डायबिटीज के मरीजों को बिल्कुल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनमें शुगर की मात्रा अधिक होती है। अगर आप भी मधुमेह के रोगी है तो कुछ फलों का सेवन आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। आप अपने डॉक्टर की सलाह लेकर ही फलों का सेवन करें।
डायबिटीज होने पर क्‍या खाएं
मधुमेह  के मरीजों को अपनी डाइट में छिलके सहित गेहूं की रोटी, जई आदि जैसे ज्यादा फाइबर युक्त भोजनल और कार्बोहाइड्रेट शामिल करने चाहिए क्योंकि यह रक्त प्रवाह में धीरे-धीरे मिलते हैं। डायबिटीज के मरीजों को सब्जियों में करेला, मेथी, सहजन (ड्रमस्टिक), पालक, तुरई, शलजम, बैगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रोकली, टमाटर, बंदगोभी, सोयाबीन की मंगौड़ी, जौ, बंगाली चना, पुदीना, हल्दी, काला चना, दालचीनी भी शामिल करना चाहिए।
इसके अलावा उन्हें फलीदार सब्जियां जैसे बीन्स, सैम फली, शिमला मिर्च, हरी पत्तेदार सब्जियों का भी सेवन करना चाहिए क्योंकि इनमें शुगर की मात्रा कम और फाइबर और अन्य विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके साथ ही इन सब्जियों से बने पतले सूप का जितना चाहें उतना सेवन करें उतना बेहतर होता है क्योंकि इसे आसानी से पचाया जा सकता है।
https://kisansatta.com/make-changes-in-the-diet-when-you-have-diabetes30122-2/ #DietFollow, #MakeChangesInTheDietWhenYouHaveDiabetes, #WeightAndHighBloodSugar Diet follow, Make changes in the diet when you have diabetes, Weight and high blood sugar State #State KISAN SATTA - सच का संकल्प
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chaltapurza-blog · 5 years
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सहजन है सेहत से भरपूर, जानिए सहजन के सूप के फायदे
सहजन एक ऐसा पेड़ है जिसका हर भाग मानव सेहत में लिए बहुत फायदेमंद है। सहजन के पौधे की जड़, फली, फूल और पत्तियां यानि पूरा पौधा उपयोगी है, इसका उपयोग हम सब्जी, सूप आदि के रूप में कर सकते हैं।
सहजन का वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। इसे स्थानीय भाषा में मोरिंगा, सुरजना, मुनगा, सहजन (ड्रमस्ट‍िक) नाम से जाना जाता है। इसमें अनेक पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जिनमें प्रोटीन, अमीनो एसिड, बीटा कैरोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और अनके प्रकार के खनिज तत्वों आदि हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
इसकी सब्जी बहुत स्वादिष्ट और सेहत से भरी होती है। इसे दक्षिण भारत में यह पूरे साल इस्तेमाल किया जाता है और विशेषकर सांभर बनाने में होता है। इसके फूलों की भी सब्जी बनाई जाती है। सहजन की फली से वात व उदरशूल रोग में फायदा मिलता है तो इसके फूलों से उदर व कफ रोगों बेहद फायदेमंद है। वहीं पत्तियों से नेत्ररोग, मोच, सायटिका, गठिया आदि की तकलीफों में राहत मिलती है। सब्जी के अलावा हम इसका सूप बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं जोकि सेहत के लिए काफी फायदेमंद रहता है। Read More- health benefits of drumstick soup
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crazyindia · 6 years
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(via अनेक बीमारियों का इलाज और बिस्तर पर मचाये पूरी रात धमाल वो है सहजन का सूप | drumstick soup sehjan ka soup – Only in Ayurveda)
जानिए सहजन सूप बनाने की विधि और इसके अद्भुत फ़ायदे-Best Healthly सूप रेसिपी -Weight loss,skin,Anemai Subscribe Our Tech Channel for Latest Technology update Link :- https://youtube.com/techindiacrazy Sahjan/Drumstick/Moringa Powder यहाँ से खरीदें :- Buy This Products with this Link and Get Discounts :- Amazon:- 1. https://amzn.to/2zmiSUG 2. https://amzn.to/2zeS48Z 3. https://amzn.to/2u8Kl6x 4. https://amzn.to/2m2N0vb 5. https://amzn.to/2NwlL8E
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sabkuchgyan · 3 years
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99% लोग नहीं जानते इस हरी सब्जी खाने के फायदे, जल्दी जानिए
99% लोग नहीं जानते इस हरी सब्जी खाने के फायदे #green #vegetable
यह 101 रोगों का उपचार है, सहजन की फली, व फूलों में कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, कॉम्पलैक्स बहुत मात्रा में पाया जाता है। सहजन की फली का सूप बना कर के पीया जा सकता है, इसके फूलों की भी सब्जी बना कर खाई जाती है। इस में एक प्रकार का यौगिक गुण पाया जाता है, इससे शुक्राणुओं की संख्‍या बढ़ाने में मदद मिलती है। सहजन के फूलों में विटामिन-ए, सी और बी बहुत मात्रा में पाया…
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margdarsanme · 3 years
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दस्त उपचार Dast Upchar
Home Remedies to Cure Loose Motion : मौंसम बदलते ही स्वास्थ्य समस्याएं होने आरम्भ हो जाती हैं। जिसका प्रभाव सर्वप्रथम पाचन तंत्र पर पड़ता है। जिससे अपचन और दस्त लगना आम समस्या है। जिसे डायरिया भी कहा जाता है। कई बार अन्य वजहों जैसेकि बैक्टीरिया - संक्रमण फैलने या फिर पेट इंफेक्शन, अपचन, गलत खान-पान से भी दस्त - लूस मोशन समस्या होती है। 
लूस मोशन समस्या में तुरन्त चिकित्सकीय उपचार नहीं होने पर घरेलू नुस्खों से भी काफी हद तुरन्त आराम पा सकते हैं। लूस मोशन रोकने के अजमाये तरीके और लूस मोशन ठीक होने पर क्या खायें पीयें सम्बन्धित विस्तृत जानकारी निम्नलिखित प्रकार से है।
लूजमोशन रोकने के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Loose Motion in Hindi / Loose Motion Prevention Best Tips) Dast Upchar
आधा चम्मच जीरा और एक चम्मच सौंफ को बारीक पीसकर पाउडर बनायें। और 1 गिलास गुनुने पानी के मिलाकर पीयें। यह तरीका दस्त (Diarrhea) को रोकने में सहायक है।
दस्त लगने पर सूखी अदरक (सौंठ) पाउडर गर्म पानी के साथ उबलें। ठंड़ा होने पर पीयें। अदरक सौंठ पानी पेट मरोड़े - दस्त रोकने अच्छा तरीक माना जाता है।
पेट फूलने पर गले में उगली डालकर उल्टी करें। कई बार भोजन अचन के कारण भी पेट फूलता है। इस स्थिति में गले में उगली डालकर उल्टी करें। उल���टी करने से अपचित विषाक्त भोजन उल्टी के माध्यम से बाहर आ जाता है। और दस्त समस्या भी कम हो जाती है।
दस्त लगने पर सूखे अनार छिलकों का काढ़ा सेवन तुरन्त आराम दिलाने में सहायक है। अनार छिलका दस्त - डायरिया पुराना घरेलू उपचार है।
एक गिलास पानी में 5-6 ईलायची पीसकर अच्छे से मिलायें, फिर हल्की आंच में पकायें। गुनगुना होने पर पीयें। ईलायची पानी दस्त रोकने में सहायक है।
एमोडियम कैप्सूल शीघ्र दस्त - लूस मोशन रोकने में सक्षम है। 2 एमोडियम कैप्सूल एक साथ सादे पानी के साथ सेवन करें। एमोडियम कैप्सूल और पैरासीटामोल टैबलेटस लगभग सभी घरों में आपात काल के लिए रखे जाते हैं।
सूखें जामुन पत्तों को पीसकर उबालकर पीने से दस्त समस्या से जल्दी आराम मिलता है।
1 कप चायपत्ती गर्म पानी में आधा कप से कम ठंड़ा पानी मिलाकर पीयें। इस से भी दस्त समस्या से तुरन्त आराम मिलता है।
1 चम्मच भुने मेथी दानों का फंक दही के साथ खाने से दस्त समस्या में आराम मिलता है। परन्तु मेथीदाना दही 8 साल से छोटे बच्चों को नहीं दें।
पेचिश दस्त समस्या में बबूल की ताजी पत्तियां या छाल रस उबालकर दिन में 2-3 पीयें। बूूबूल डायरिया - दस्त में काफी प्रभावशाली औषधि है। यह पेट इंफेक्शन से भी बचाने में सहायक है।
दस्त समस्या अर्जुन की छाल या पत्तियां का काढ़ा पीना फायदेमंद है। अर्जुन काढ़ा पेट मरोड़े - दर्द में आराम और दस्त से होने वाले इंफेक्शन से बचाने में सहायक है।
दस्त लगने पर कच्चे सिंघाड़े खायें। और 30 मिनट बाद बिना चीने के लस्सी पीयें। सिंघाड़े और लस्सी दस्त रोकने में सहायक है।
लूस मोशन में कैमोमाइल चाय दस्त रोकने में सहायक है। 2 चम्मच कैमोमाइल फूल और 6-7 पुदीना पत्तों 1 लीटर पानी में उबाल कर रखें। फिर दिन में 2-3 बार पीयें। कैमोमाइल पुदीना से बनी चाय और काढ़ा दस्त में खास घरेलू उपाय है।
दस्त लगने पर सहजन (ड्रमस्टिक) की पत्तियां रस शहद के साथ खाना फायदेमंद है। सहजन पत्तियां दस्त रोकने में सहायक है। सहजन पत्तियां 20 वर्ष से कम आयुवर्ग के लिए मना है। सहजन सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए। सहजन रक्त संचार तीब्र सकता है।
दस्त समस्या से इंफेक्शन से बचने के लिए आधा चम्मच कच्ची हल्दी रस 1 गिलास पानी के साथ दिन में एक बार सेवन करें। कच्ची हल्दी रस पेट इंफेक्शन बैक्टीरिया फैलने से बचाये रखने में सहायक है। और रक्त को साफ भी करता है।
दस्त (लूस मोशन) लगने पर क्या खायें पीयें ?
दस्त (लूस मोशन) समस्या में बार-बार प्सास लगने पर पुदीना पत्तों को उबाल कर खूब पीयें। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें।
दस्त लगने पर दही में ईसबगोल मिलाकर कर सेवन करें। चीनी, नमक आदि से परहेज करें।
दस्त लगने पर अनार का जूस पीयें। अनार जूस में कुछ नहीं मिलायें। अनार जूस दस्त में डिहाइड्रेशन से बनाने का अच्छा माध्यम है।
दस्त लगने पर दही खायें। दही बैक्टीरिया दस्त को रोकने का अच्छा माध्यम है। और दही के साथ चीनी नमक आदि नहीं मिलायें। दही काफी हद तक पेट इंफेक्शन, दर्द कम करता है। दही के साथ चावल खा सकते हैं।
दस्त लगने पर पका केला खायें। केले में पोटेशियम, पेक्टिन और फाइबर काफी होता है। जोकि दस्त लगने से बचाता है। और पाचनतंत्र को पुनः सुचारू करता है।
दस्त लगने पर बेल शरबत पीयें। बेल बीज सेवन नहीं करें। पके बेल गुदा और शरबत दोनों मरीज के लिए फायदेमंद है।
दस्त समस्या के बाद जल्दी पचने वाली चीजों में गाजर जूस, सूप या फिर उबली गाजर लें। गाजर जल्दी पाचन होता है। और पेट के इंफेक्शन को भी जल्दी ठीक करने में सहायक है।
डायरिया दस्त समस्या उबले आलू खाना फायदेमंद है। आलू में काफी मात्रा में स्टार्च होता है। लूस मोशन जल्दी रोकने में उबले आलू खाना फायदेमंद है।
दस्त लगने पर 2 चममच दालचीनी 1 लीटर पानी में उबालकर रखें। दिन में 2-2 बार पीयें। दस्त समस्या में दालचीनी पानी पीना फायदेमंद है।
दस्त समस्या कम होने पर मूंगदाल की खिचड़ी खायें। मूंगदाल खिचड़ी जल्दी पाचन होती है। परन्तु मूंगदाल खिचड़ी भी सीमित मात्रा में खायें।
दस्त समस्या में नारियल पानी पीयें। कच्चा नारियल पानी दस्त लगने से पेट में होने वाले दर्द और इंफेक्शन से बचाने में सहायक है।
दस्त समस्या में 2 चम्मच सेब सिरका 1 गिलास सादे पानी में घोलकर पीना फायदेमंद है। सेब सिरका दस्त के दौरान एंटीमाइक्रोबायल और एंटी इंफलामेंटरी पाने का अच्छा माध्यम है। सेब सिरका पेट संक्रमण इंफेक्शन सूजन से बचाने में सहायक है।
दस्त - लूस मोशन रूकने के तुरन्त बाद सख्त चीजें नहीं खायें। लस्सी, दही, नारियल पानी, छाछ़, मूंगदाल खिचड़ी सेवन करें। बार-बार पानी पीयें। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें।
लूजमोशन (दस्त) के दौरान सावधानियां
काढ़ा तैयार होने पर छान के ही सेवन करें। अधिक गर्म पेय नहीं पीयें। गुनगुना ठंड़ा होने पर ही सेवन करें।
एक ही समय में सभी नुस्खें नहीं अजमायें। 3 घण्टे बाद अगला उपाय लें। जल्दी ठीक होने के चक्कर में लूस मोशन ठीक होने बाद पेट सूख भी सकता है।
उपरोक्त सुझाव आपातकालीन हैं। 
अगर मरीज की हालत गम्भीर है तो तुरन्त उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल ले जायें।
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