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#सहजन का उपयोग
jyotishwithakshayg · 4 months
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Aaj ka Vedic Panchang
*🌞~ आज दिनांक - 18 फरवरी 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - माघ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - नवमी सुबह 08:15 तक तत्पश्चात दशमी*
*⛅नक्षत्र - रोहिणी सुबह 09:23 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*⛅योग - वैधृति दोपहर 12:39 तक तत्पश्चात विष्कम्भ*
*⛅राहु काल - शाम 05:11 से 06:37 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:10*
*⛅सूर्यास्त - 06:37*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:30 से 06:29 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 से 01:18 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - गुप्त नवरात्रि-नवमी*
*⛅विशेष - नवमी को लौकी एवं दशमी को कलम्बी शाक खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔸जया एकादशी - 20 फरवरी 24🔸*
*🔹एकादशी 19 फरवरी सुबह 08:49 से 20 फरवरी सुबह 09:55 तक ।*
*🔹व्रत उपवास 20 फरवरी मंगलवार को रखा जायेगा । 19, 20 फरवरी दो दिन चावल खाना निषिद्ध है ।*
*🔸एकादशी व्रत के लाभ🔸*
*👉 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
*👉 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*👉 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
*👉 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
*🌹19 फरवरी 2024 से वसंत ऋतु प्रारम्भ*
*🌹आहार : इस ऋतु में देर से पचनेवाले, शीतल पदार्थ, दिन में सोना, स्निग्ध अर्थात् घी-तेल में बने तथा अम्ल व मधुर रसप्रधान पदार्थों का सेवन न करें क्योंकि ये सभी कफवर्धक हैं ।*
*(अष्टांगहृदय : 3.26)*
*🌹वसंत में मिठाई, सूखा मेवा, खट्टे-मीठे फल, दही, आइसक्रीम तथा गरिष्ठ भोजन का सेवन वर्जित है । इन दिनों में शीघ्र पचनेवाले, अल्प तेल व घी में बने, तीखे, कड़वे, कसैले, उष्ण पदार्थों जैसे - लाई, मुरमुरे, जौ, भुने हुए चने, पुराना गेहूँ, चना, मूँग; अदरक, सोंठ, अजवायन, हल्दी, पीपरामूल, काली मिर्च, हींग; सूरन, सहजन की फली, करेला, मेथी, ताजी मूली, तिल का तेल, शहद, गोमूत्र आदि कफनाशक पदार्थों का सेवन करें । भरपेट भोजन न करें । नमक का कम उपयोग तथा 15 दिनों में एक कड़क उपवास स्वास्थ्य के लिए हितकारी है ।*
*🌹विहार : सूर्योदय से पूर्व उठना, व्यायाम, दौड़, तेज चलना, आसन व प्राणायाम (विशेषकर सूर्यभेदी) लाभदायी हैं । तिल के तेल से मालिश कर सप्तधान्य उबटन से स्नान करना स्वास्थ्य की कुंजी है ।*
*🔹 रविवार विशेष🔹*
*🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*
*🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
*🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
*🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*
*🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*
Aaj ka Vedic Panchang
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manishblogsworld · 11 months
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nirogstreet-fan · 4 years
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सहजन (drumstick or moringa) भारतीय मूल का पौधा है, लेकिन औषधीय गुणों के कारण यह अब पूरी दुनिया में पहुँच चुका है. सहजन एक ऐसा फली है जो औषधीय गुणों से भरपूर है. इसका वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा (moringa oleifera) है. इसे सुजना, सेंजन और मुनगा आदि नामों से भी जाना जाता है। सहजन की फली की स्वादिष्ट सब्जी बनती है. लेकिन इसका पूरा पेड़ ही पोषक तत्वों से भरपूर है और पत्तियां, छाल आदि सभी का अलग-अलग तरीके से उपयोग किया जाता है.  पानी को साफ़ करने और हाथों की सफाई के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है.
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dgnews · 3 years
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मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने प्रतिदिन पौधारोपण के संकल्प के अंतर्गत आज मुख्यमंत्री निवास में मुनगा का पौधा लगाया।
मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने प्रतिदिन पौधारोपण के संकल्प के अंतर्गत आज मुख्यमंत्री निवास में मुनगा का पौधा लगाया।
सेंजन, मुनगा या सहजन आदि नामों से जाना जाने वाला यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न रोगों से रोकथाम के गुण हैं। यह कई प्रकार के मल्टीविटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट, दर्द निवारक और एमिनो एसिड से भरपूर हैं। सहजन में विटामिन-सी की मात्रा बहुत होती है। इसकी कच्ची-हरी फलियाँ सर्वाधिक उपयोग में लायी जातीं हैं।#OnePlantADay
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newsreporters24 · 3 years
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Boost your immunity with Moringa: Check out its antiviral, antifungal and antioxidant properties
Boost your immunity with Moringa: Check out its antiviral, antifungal and antioxidant properties
नई दिल्ली: उत्तर भारत के मूल निवासी मोरिंगा का पेड़ जिसे मोरिंगा ओलीफेरा, सहजन का पेड़, बेन तेल के पेड़ के रूप में भी जाना जाता है, पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है। यह लंबे समय से आयुर्वेदिक दवाओं में एक घटक के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। मोरिंगा विटामिन सी, विटामिन बी, विटामिन ए, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और महत्वपूर्ण अमीनो एसिड से भरपूर होता है। मोरिंगा में एंटीफंगल, एंटीवायरल,…
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thedepthnews · 3 years
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दवा से कम नहीं है सहजन, जानिए इससे जुड़े फ़ायदे - सहजन यानि ड्रमस्टिक एक ऐसी सब्जी है जिसमें गुणों का खजाना है. इसका वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफ़ेरा है. कहते हैं कि इसका हर भाग स्वास्थ्य और जीवन कल्याण के लिए उपयोग में लाया जाता है. दुनिया सहजन के पत्तों और उससे बने पाउडर को एक सुपर फ़ूड मानती है, हालांकि https://thedepth.in/health-benefits-of-drumsticks/
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raghav-shivang · 4 years
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फिट इंडिया मूवमेंट के एक साल पूरे होने पर कई हस्तियों से फिटनेस के संबंध में बात की। इस दौरान मोदी ने बताया कि वे फिट रहने के लिए हफ्ते में एक या दो बाद सहजन के पत्तों के पराठे खाते हैं।
सहजन को मोरिंगा या ड्रमस्टिक्स भी कहते हैं। कई बीमारियों में इसकी पेड़ के पत्ते, छाल, फूल, फल, बीज यहां तक कि जड़ों का इस्तेमाल भी किया जाता है। इसकी पत्तियों से मिलने वाले फायदों को देखते हुए कई लोग इन पत्तियों से बनी टैबलेट भी खाते हैं।
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ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल, मुंबई की चीफ डाइटीशियन डॉ. रशिका अशरफ अली के अनुसार, सहजन की पत्तियों से बने पराठे में क्लोरोजेनिक एसिड और फाइबर होता है जो वजन कम करने में मदद करता है। इसमें एंटी-कैंसर और एंटी-ट्यूमर गुण मौजूद होते हैं। इन पत्तियों में एंटी डायबिटीक प्रॉपर्टीज होती हैं जो शुगर लेवल नियंत्रित करने में सहायक हैं। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस होता है जो हडि्डयों को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह एनीमिया के इलाज में भी कारगर है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो पराठे सेंकते समय कम घी का इस्तेमाल करें।
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इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सी आर यादव बता रहे हैं आयुर्वेद में सहजन की पत्तियों के फायदे : - इन पत्तियों का काढ़ा, गठिया, सायटिका और डाइजेशन ठीक करने में मदद करता है। - मोच आने पर सहजन की पत्ती की लुग्दी बनाकर उसमें थोड़ा सा सरसों का तेल डालकर आंच पर पकाएं। इसे मोच पर लगाने से फायदा होता है। - सहजन के पत्तों का रस बच्चों के पेट के कीड़े निकालने एवं उलटी दस्त रोकने के काम आता है। - सहजन की पत्तियों को पीसकर लगाने से घाव एवं सूजन ठीक हो जाता है।
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सामग्री : गेहूं का आटा - 2 कप सहजन की पत्तियां - 1 कप हल्दी - 1/2 छोटा चम्मच जीरा - 1/2 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर - 1/2 छोटा चम्मच घी - 1 छोटा चम्मच नमक - स्वाद अनुसार
विधि : - सहजन की पत्तियों को धोकर छलनी में निकाल लें। कुछ देर रखकर इन्हें बारीक काट लें। - एक बड़े बर्तन में आटा छानें। इसमें जीरा, तेल, हल्दी, मिर्च पाउडर और सहजन की पत्तियों को डालकर पानी की सहायता से नरम आटा गूंथ लें। - गैस पर तवा गर्म करें। अब हथेली से छोटी लोई बनाएं और उससे पतला पराठा बेल लें। इसे घी लगाकर दोनों तरफ से सेकें। - गर्मागर्म पराठे को दही, अचार या सब्जी के साथ सर्व करें।
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Make these parathas by adding flour and turmeric to the leaves of the drumstick, Dr. Rasika Ashraf Ali, Chief Dietician of Breach Candy Hospital, Mumbai
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सहजन के स्वस्थ्य फायदे – रोगों का उपचार दक्षिण भारत में साल भर फली देने वाले पेड़ होते है. इसे सांबर में डाला जाता है . वहीँ उत्तर भारत में यह साल में एक बार ही फली देता है. सर्दियां जाने के बाद इसके फूलों की भी सब्जी बना कर खाई जाती है. फिर इसकी नर्म फलियों की सब्जी बनाई जाती है. इसके बाद इसके पेड़ों की छटाई कर दी जाती है. – आयुर्वेद में 300 रोगों का सहजन से उपचार बताया गया है। इसकी फली, हरी पत्तियों व सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी कॉम्पलैक्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। – इसके फूल उदर रोगों व कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, शियाटिका,गठिया आदि में उपयोगी है| – जड़ दमा, जलोधर, पथरी,प्लीहा रोग आदि के लिए उपयोगी है तथा छाल का उपयोग शियाटिका ,गठिया, यकृत आदि रोगों के लिए श्रेयष्कर है| – सहजन के विभिन्न अंगों के रस को मधुर,वातघ्न,रुचिकारक, वेदनाशक,पाचक आदि गुणों के रूप में जाना जाता है| – सहजन के छाल में शहद मिलाकर पीने से वात, व कफ रोग शांत हो जाते है| इसकी पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया,शियाटिका ,पक्षाघात,वायु विकार में शीघ्र लाभ पहुंचता है| शियाटिका के तीव्र वेग में इसकी जड़ का काढ़ा तीव्र गति से चमत्कारी प्रभाव दिखता है, – मोच इत्यादि आने पर सहजन की पत्ती की लुगदी बनाकर सरसों तेल डालकर आंच पर पकाएं तथा मोच के स्थान पर लगाने से शीघ्र ही लाभ मिलने लगता है | – सहजन को अस्सी प्रकार के दर्द व बहत्तर प्रकार के वायु विकारों का शमन करने वाला बताया गया है| – इसकी सब्जी खाने से पुराने गठिया , जोड़ों के दर्द, वायु संचय , वात रोगों में लाभ होता है. – सहजन के ताज़े पत्तों का रस कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है. – सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी कटकर निकल जाती है. – इसकी जड़ की छाल का काढा सेंधा नमक और हिंग डालकर पिने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है. – इसके पत्तों का रस बच्चों के पेट के किडें निकालता है और उलटी दस्त भी रोकता है. – इसका रस सुबह शाम पीने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है. – इसकी पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे धीरे कम होने लगता है. – इसकी छाल के काढ़े से कुल्ला करने पर दांतों के कीड़ें नष्ट होते है और दर्द में आराम मिलता है. – इसके कोमल पत्तों का साग खाने से कब्ज दूर होती है. – इसकी जड़ का काढे को सेंधा नमक और हिंग के साथ पिने से मिर्गी के दौरों में लाभ होता है. – इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से घाव और सुजन ठीक होते है. (at Kanpur, Uttar Pradesh) https://www.instagram.com/p/CD0hvu6hjKoDhb1HXSk9dVCUT0GK0pnAskUe0g0/?igshid=m3slyspyr1cx
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kisansatta · 4 years
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निर्माण कार्यों में खामियों पर नपेंगे लापरवाह कर्मी-कमिश्‍नर
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लखनऊ. मंडलायुक्‍त मुकेश कुमार मेश्राम ने बुधवार को राजधानी में निर्माण व विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। इस मौके पर अधिकारियों को सख्‍त लहजे में निर्माण कार्यों को गुणवत्‍ता के साथ निर्धारित समय सीमा में पूरा करने की हिदायत दी। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी मनीष बंसल,नगर आयुक्त इन्द्रमणि त्रिपाठी, मुख्य चिकित्साधिकारी नरेन्द्र अग्रवाल सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी व कार्यदायी संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे। मंडलायुक्‍त मुकेश कुमार मेश्राम ने समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी विकास व निर्माण कार्यों को ईमानदारी से मानक एवं गुणवत्ता परक ढंग कराते हुए समय सीमा में पूर्ण कराना सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि जिस प्रोजेक्ट में धन की आवश्यकता है, वह अपना उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराकर अवशेष धनराशि की डिमांड करें। अन्य विभाग भी अपने प्रोजेक्ट में मिट्टी के सभी कार्य मनरेगा से कराएं। उन्होंने कहा कि कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के लिये लोक निर्माण विभाग की लैब, आईआईटी कानपुर व अन्य संस्थाओं का टेक्निकल सपोर्ट लेकर प्रयोग की जा रही सामग्री के सैम्पल की जां��� कराई जाए। जिससे कि निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद उसमें कोई खामियां न मिले। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कही गुणवत्ताविहीन निर्माण मिला या सरकारी धन के दुरूपयोग व गबन का मामला प्रकाश में आया तो सम्बन्धित ठेकेदार या कर्मी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराकर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि जो भी निर्माण कार्य चल रहे है उसमें किसी भी प्रोजेक्ट में अतिरिक्त कार्यों को अपनी मर्ज़ी से सम्मिलित कर प्रस्ताव पुनरीक्षण न किया जाये। ऐसा करने से प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जायेगी फिर शासन से पैसा मिलने में काफी समय लग जायेगा और प्रोजेक्ट समय पर पूर्ण नही हो पायेगा। सभी निर्माण कार्यों में पूर्व से निर्धारित कार्यों को समय सीमा में पूर्ण कराया जाए। लाकडाउन अवधि में लंबित कार्यों को समय सीमा में पूर्ण कराने के लिए अतिरिक्त श्रमिकों को लगाकर या फिर दो शिफ्टों में श्रमिकों को लगाकर कार्य पूर्ण कराया जाए। मंडलायुक्‍त ने समीक्षा बैठक में जनकल्‍याणकारी योजनाओं के लिए ऐसी भूमि चिन्हित करने को लेकर कहा कि ऐसी भूमि का चिन्‍हांकन किया जाए जो समतल हो उसमें गढ्ढे न हो ऐसा करने से प्रोजेक्ट की लागत कमी आएगी। प्रोजेक्ट से मजदूरी वाला अंश निकालकर उस कार्य को मनरेगा के श्रमिकों से कराया जाये, उस मजदूरी वाले अंश की धनराशि का उपयोग आवश्यकतानुसार अन्य कार्य में किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभाग भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भूमि का चिन्हांकन कर लें और उस पर एक बोर्ड लगा दें कि यह जमीन किसकी है और भविष्य में इस जमीन का उपयोग किस योजना में किया जायेगा। उन्होंने कहा कि (कोविड-19) के दृष्टिगत स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित करने के लिये स्वास्थ्य विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं को समय सीमा से पहले पूर्ण कराया जाए। मंडलायुक्‍त ने बैठक में कहा कि वृहद वृक्षारोपण किया जाना है। जिसके लिए भूमि चिन्हित कर गढ्ढे की खुदाई करा ली जायें। उन्होंने कहा कि सड़क के दोनों किनारों, नदी, झील, तालाब, पोखर व नालों के किनारें, कार्यालयों व विद्यालयों के कैम्पस में वृक्षारोपण कराया जाये। बेसिक शिक्षा के प्रत्येक विद्यालय में किचन गार्डेन तैयार किया जाये जिसमे केला, सहजन, आम, आवला, अमरूद, कैथा, बेल, नींबू, शहतूत, करी पत्ता के वृक्ष लगायें जाये। वहां पर सब्जियों के भी पौधे लगाये जायें। उन्होंने कहा कि गोवंश आश्रय स्थल, चारागाह, हैण्डपम्प, ट्यूवेल के किनारे भी वृक्षारोपण कराया जाए और खराब पड़े हैण्डपम्प व ट्यूवेल के पास ग्राउण्ड वाटर रिचार्जिंग के लिए सोख्ता गढ्ढे बनवाये जायें, जिससे बरसात में वाटर रिर्चाजिंग हो सके। साइट पर हो थर्मल स्‍कैनिंग व सैनिटाइजर मंडलायुक्‍त ने अधिकारियों ने कहा कि सभी कार्यालयों व निर्माण कार्यों की साइट पर पल्स आक्सीमीटर व थर्मल स्कैनर का उपयोग सुनिश्चित कराया जाये और सेनेटाइजर व हैण्ड वाश करने के लिये पर्याप्त साबुन की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। वहां सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन भी कराया जाए। सभी लोगों द्वारा मास्क का प्रयोग किया जाए।
https://is.gd/27vRhJ #NegligentWorkersCommissionersWillBeFoundFaultOnDefectsInConstructionWorks Negligent workers-commissioners will be found fault on defects in construction works e-Paper, State, Top #e-Paper, #State, #Top KISAN SATTA - सच का संकल्प
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sanmarglive · 4 years
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उत्तर प्रदेश-योगी वृक्षारोपण दो अंतिम लखनऊ मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी प्रयास किया जाए कि सहजन के पौधे अधिक से अधिक रोपित हों। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक परिवार के घरों के आस-पास इनके रोपण की व्यवस्था की जाए। इनसे पोषण की समस्या का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि पौधरोपण के लिए नर्सरी में जैविक खाद का उपयोग हो। वृक्षारोपण के लक्ष्य को सफल बनाने के लिए कृषि, ग्राम्य विकास, शिक्षा तथा पंचायतीराज विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि किसानों, छात्र-छात्राओं, ग्रामीणों को अधिक से अधिक प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि राजकीय विभागों व सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ नौजवानों, व्यापारियों, स्वयंसेवी संगठनों, जनप्रतिनिधियों को जोड़ते हुए उनकी सहभागिता वृक्षारोपण कार्यक्रम में सुनिश्चित की जाए।
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manishblogsworld · 11 months
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Sahjan ke fayde aur nuksaan kya hai ? 
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chaltapurza-blog · 5 years
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सहजन है सेहत से भरपूर, जानिए सहजन के सूप के फायदे
सहजन एक ऐसा पेड़ है जिसका हर भाग मानव सेहत में लिए बहुत फायदेमंद है। सहजन के पौधे की जड़, फली, फूल और पत्तियां यानि पूरा पौधा उपयोगी है, इसका उपयोग हम सब्जी, सूप आदि के रूप में कर सकते हैं।
सहजन का वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। इसे स्थानीय भाषा में मोरिंगा, सुरजना, मुनगा, सहजन (ड्रमस्ट‍िक) नाम से जाना जाता है। इसमें अनेक पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जिनमें प्रोटीन, अमीनो एसिड, बीटा कैरोटीन, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और अनके प्रकार के खनिज तत्वों आदि हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
इसकी सब्जी बहुत स्वादिष्ट और सेहत से भरी होती है। इसे दक्षिण भारत में यह पूरे साल इस्तेमाल किया जाता है और विशेषकर सांभर बनाने में होता है। इसके फूलों की भी सब्जी बनाई जाती है। सहजन की फली से वात व उदरशूल रोग में फायदा मिलता है तो इसके फूलों से उदर व कफ रोगों बेहद फायदेमंद है। वहीं पत्तियों से नेत्ररोग, मोच, सायटिका, गठिया आदि की तकलीफों में राहत मिलती है। सब्जी के अलावा हम इसका सूप बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं जोकि सेहत के लिए काफी फायदेमंद रहता है। Read More- health benefits of drumstick soup
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khabargarh · 4 years
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ग्रीष्मकालीन सब्जियां: इन विटामिन की कमी को दूर करता है सहजन
ग्रीष्मकालीन सब्जियां: इन विटामिन की कमी को दूर करता है सहजन
ख़बरगढ़ रिपोर्ट
सहजन एक ऐसी सब्जी है जो ज्यादातर गर्मियों में मिलती है। इसकी तासीरझी होती है और यह पौष्टिक तत्वों से भरपूर माना जाता है। यह कई प्रकार से अपनी डायट में शामिल किया जा सकता है। इस तरह के कई सारे विशेष विटामिंस मौजूद हैं जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। खासकर गर्मियों के दिनों में इसका सेवन करना बहुत ही लाभकारी हो सकता है। आइए अब नीचे जानते हैं कि सहजन का सेवन करने के कारण…
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thanksayurveda · 3 years
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#मोरिंगा_सहजन_के_फायदे
पोटेशियम की उच्च मात्रा वाले फल और सब्जियां उच्च रक्तचाप को रोकने में सहायक होती हैं। अन्य हरी सब्जियों की तरह सहजन में पोटेशियम, विटामिन और खनीज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। मोरिंगा में केले के मुकाबले तीन गुना अधिक पोटैशियम पाया जाता है।
👉 सहजन का फल शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में सुधार करने के लिए जाना जाता है। पुरुषों में यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और वीर्य को गाढ़ा करने में मदद करता है। महिलाओं के लिए सहजन का सेवन माहवारी संबंधी परेशानियों के अलावा गर्भाशय की समस्याओं से भी बचाता है। इस मामले में यह महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए फायदेमंद हैं।
👉 सहजन में सूजन और दर्द को कम करने वाले गुण होते हैं जिनकी की वजह से यह शरीर में विभिन्न प्रकार के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। यह गठिया, जोड़ों का दर्द, माइग्रेन और सिरदर्द जैसे अन्य समंस्याओं के इलाज के लिए में लाभकारी होता है।
👉 मोरिंगा ओलिफेरा का उपयोग करने से पाचन से जुड़ी सभी समस्याएं जैसे हैजा, दस्त, पेचिस, पीलिया, कोलाइटिस को दूर करने में सहायक होता है। इसके लिए इसकी पत्तियों के 1 चम्मच रस में, 1 चम्मच शहद और नारियल पानी मिलाकर पीने से इन सभी रोगों में आराम मिलता है। इसकी फली की सब्जियां बनाकर खाने से कब्ज जैसे रोगों में आराम मिलता है। साथ ही इसकी सब्जी से गुर्दे और मूत्राशय में जमी पथरी पिघलकर निकल जाती है।
👉 ड्रमस्टिक यानी की सहजन की फली में कैल्शियम पाया जाता है जो बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होता है, जिससे हड्डियां और दाँत दोनों ही मजबूत बनते हैं। इसे गर्भवती महिलाओं को देने से उनके होने वाले बच्चों में कैल्शियम की मात्रा भरपूर मिलती है। जिससे होने वाला शिशु तंदुरस्त होता है। इसके साथ ही इसमें लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोरस की उचित मात्रा पाई जाती है, जो कि शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
👉 मोरिंगा शरीर में रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में प्रभावी है। इसमें मौजूद आइसोथियोसाइनेट और निइज़िमिनिन जैसे जैवसक्रिय घटक धमनियों की मोटाई को बढ़ने से रोकते हैं और फुफ्फुसीय उच्च रक्तचाप (pulmonary hypertension) के विकास को कम करते हैं।
👉 जिन लोगो के पैर में मोच आ गई हो उनके लिए मोरिंगा की पत्ती को सरसों के तेल में पकाकर मोच वाले स्थान पर रखने से जल्दी आराम मिल जाता है। साथ ही इसकी पत्तियां कई प्रकार के घाव और सूजन को भी ठीक करने में सहायक होती है।
Call: +91 7982053511 or Visit https://www.thanksayurveda.com/product-category/hashmi-dawakhana/
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ivxtimes · 4 years
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  गोरी-निखरी और बेदाग चेहरा के लिए बस अपनाएं ये घरेलू उपाय, फिर देखें कमाल   Image Source : INSTAGRAM/KLASSYMISSYBD
हर किसी की इच्छा होती है कि उसकी स्किन फ्लॉलेस और बेदाग दिखे। इसके लिए हरकोई काफी मेहनत करता हैं। महंगे से महंगे प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इन प्रोडक्ट्स में अधिक मात्रा में केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे आप कुछ दिनों की तो खूबसूरती पा लेते हैं लेकिन एक समय के बाद आपके चेहरे की नैचुरल चमक भी गायब हो जाती है। वहीं दूसरी ओर घरेलू उपायों की बात करें तो इसमें थोड़ा समय जरूर लगता है लेकिन इससे आपको हमेशा के लिए नैचुरल निखार मिल जाता है। वो भी बिना ज्यादा पैसे खर्च किए। अगर आप भी बेदाग निखरा चेहरा पाना चाहते हैं तो जरूर ट्राई करें ये घरेलू नुस्खे। 
बेदाग ग्लोइंग स्किन के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय
आइस क्यूब
बर्फ के टुकड़े को लेकर चेहरे पर हल्के से रगड़ें। इससे आपकी स्किन में अच्छी तरह से बल्ड सर्कुलेशन होगा। इसके अलावा अगर आप किसी पार्टी या फंक्शन में जाना चाहती है तो मेकअप लगाने से कुछ समय पहले अपने चेहरे पर आइस क्यूब से मसाज करें, इससे आपका मेकअप लंबे समय तक टिका रहेगा। इसके अलावा अगर ग्लोइंग स्किन चाहते हैं तो  स्किन पर आइस क्यूब की मालिश करते समय इसमें मॉइस्चराइज़र की कुछ बूँदें  भी डाल लें। फिर देखें कैसे आपको नैचुरल जवां स्किन मिलती है।
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हल्दी
हल्दी
ग्लोइंग स्किन के लिए हल्दी सबसे बेस्ट मानी जाती है। इसका इस्तेमाल करके आप कील-मुहांसों के साथ-साथ ब्लैकहैड्स जैसी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए एक बाउल में हल्दी और नींबू की कुछ बूंदे डालकर अच्छी चरह से मिक्स करके इसे अपने चेहरे पर ठीक ढंग से लगा लें। जब यह सूख जाए तब अपने चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। 
चावल का आटा
ग्लोइंग स्किन के साथ दाग-धब्बों से छुटकारा पाने के लिए चावल का आटा कारगर साबित हो सकता है। इसके अलावा यह ब्लैकहैड्स और डेड स्किन को हटाकर स्किन को सॉफ्ट बनाने में भी मदद करता है। इसके लिए एक बाउल में चावल का आटा लें और उसमें कच्चा दूध डालकर अच्छे से मिक्स कर लें। अब इस स्क्रब को अपने चेहरे और गर्दन में अच्छी तरह से लगा लें। 10 से 20 मिनट तक लगा रहने के बाद ठंडे पानी से धो लें।
सतंरा
संतरे का छिलके का फ्रेश पेस्ट बनाएं। अब इस पेस्ट में गुलाब जल की कुछ बूंदें मिलाएं।  इसके बाद इसे पैक को चेहरे पर 15 मिनट के लिए लगाए। इसके बाद चेहरे को अच्छी तरह से धो लें। इससे आपको ग्लोइंग स्किन मिलेगी। 
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मुल्तानी मिट्टी
मुल्तानी मिट्टी
एक बाउल में थोड़ी सी मुल्तानी मिट्टी के साथ गुलाब जल या पानी मिलाएं और इसे 10 मिनट के लिए छोड़ दें। तय समय के बाद इसे अच्छी तरह से मिक्स करके अपनी स्किन पर अच्छी तरह से लगाएं। अच्छी तरह से सुख जाने के बाद चेहरे को अच्छी तरहह से धो कर कोई मॉश्चराइजर लगा लें। 
चीनी
चीनी चेहरे से डेड स्किन हटाकर उसे निखारने में मदद करता है। इसके लिए एक बाउल में थोड़ी चीनी, नींबू और जैतून का तेल डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें। इसके बाद इसे स्क्रबर की तरह चेहरे पर इस्तेमाल करें। जैतून का तेल आपकी त्वचा को मॉइस्चराइज़ करता है। वहीं नींबू  स्किन को निखारने में मदद करता है। 
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vilaspatelvlogs · 3 years
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