लिंक डिवाइस का बदल सकेंगे नाम, बिजनेस यूजर्स के लिए नया फीचर लेकर आएगा वॉट्सऐप
लिंक डिवाइस का बदल सकेंगे नाम, बिजनेस यूजर्स के लिए नया फीचर लेकर आएगा वॉट्सऐप
नई दिल्ली. वॉट्सऐप एक ऐसे अपडेट पर काम कर रहा है, जो उसके बिजनेस यूजर्स को लिंक किए गए डिवाइस का नाम बदलने की अनुमति देगा. दरअसल, आप एक वॉट्सऐप अकाउंट से अधिकतम चार डिवाइस को लिंक कर सकते हैं. ऐसे में आपको डिवाइस याद रखने में दिक्कत हो सकती है कि अतीत में आपने कौन से डिवाइस इस्तेमाल किए हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए मेटा-स्वामित्व वाली इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप अब इस समस्या को हल करने के लिए इस…
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WhatsApp के नए फीचर से बदल जाएगा चैटिंग का अंदाज, जिसे जानकर आप भी कहेंगे- वाह
WhatsApp के नए फीचर से बदल जाएगा चैटिंग का अंदाज, जिसे जानकर आप भी कहेंगे- वाह
व्हाट्सएप समय-समय पर नए फीचर लाता रहता है और यूजर के अनुभव को बढ़ाता है। व्हाट्सएप ने इस साल कई शानदार फीचर पेश किए हैं। अब वॉट्सऐप एक ऐसा कमाल का फीचर लेकर आ रहा है, जिससे चैटिंग का तरीका ही बदल जाएगा। जानकर आप भी दंग रह जाएंगे। WABetaInfo की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, WhatsApp ने iOS बीटा पर वीडियो कॉल के लिए पिक्चर-इन-पिक्चर मोड रोल आउट करना शुरू कर दिया है। यह सुविधा उन बीटा उपयोगकर्ताओं के…
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व्हाट्सएप इन-ऐप सर्वे पर काम कर रहा है, खुद को टेक्स्ट करने की क्षमता: रिपोर्ट
व्हाट्सएप इन-ऐप सर्वे पर काम कर रहा है, खुद को टेक्स्ट करने की क्षमता: रिपोर्ट
व्हाट्सएप कथित तौर पर एक नए इन-ऐप सर्वे चैट फीचर पर काम कर रहा है, जिसे मेटा-स्वामित्व वाला प्लेटफॉर्म नई सुविधाओं, उत्पादों और अन्य पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए उपयोग करने की योजना बना रहा है। वॉट्सऐप फीडबैक के लिए यूजर्स को सिक्योर चैट के लिए रिक्वेस्ट भेजेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स के पास वॉट्सऐप के इस तरह के रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने का ऑप्शन होगा। इसके अलावा, एक और नई सुविधा के…
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Whatsapp News Whatsapp New features on Social Media Messenger App SSND
Whatsapp News Whatsapp New features on Social Media Messenger App SSND
नई दिल्ली: WhatsApp अपने यूजर्स की सुविधा और सुरक्षा के लिए नए-नए फीचर्स लाता रहता है और पुराने फीचर्स को अपडेट करता रहता है. WhatsApp अब एक ऐसे फीचर पर काम कर रहा है जिसके आने के बाद वॉट्सऐप ग्रुप के एडमिन ग्रुप के सभी मेंबर के मैसेज को डिलीट कर सकेंगे. WhatsApp के नए फीचर्स को ट्रैक करने वाली वेबसाइट WABetaInfo ने समय-समय पर कई नए फीचर्स को स्पॉट किया है. ताजा जानकारी के मुताबिक, WhatsApp…
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वॉट्सऐप यूजर्स अलर्ट! अब WhatsApp चैट को iOS से Pixel, Android 12 फोन में ट्रांसफर करें
वॉट्सऐप यूजर्स अलर्ट! अब WhatsApp चैट को iOS से Pixel, Android 12 फोन में ट्रांसफर करें
नई दिल्ली: Google ने घोषणा की है कि iPhone से Android पर संदेशों को स्थानांतरित करने के लिए WhatsApp का चैट इतिहास माइग्रेशन सुविधा अब Pixel और अन्य सभी Android 12 स्मार्टफ़ोन पर आ रही है।
यह सुविधा सैमसंग गैलेक्सी उपकरणों पर पहले से ही उपलब्ध है, लेकिन सैमसंग फोन के विपरीत, जहां यह सुविधा एंड्रॉइड 10 और इसके बाद के संस्करण चलाने वाले उपकरणों पर उपलब्ध है, यहां यह एंड्रॉइड 12 वाले फोन तक ही सीमित…
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असली है या नकली, किसे लेना चाहिए और किसे नहीं? जानिए कोरोना वैक्सीन की ABCD Divya Sandesh
#Divyasandesh
असली है या नकली, किसे लेना चाहिए और किसे नहीं? जानिए कोरोना वैक्सीन की ABCD
देश में कोरोना की वैक्सीन तेजी से लगाई जा रही है। अब कई कंपनियों की वैक्सीन मौजूद है। वैक्सीन को लेकर हममें से बहुत लोगों के मन में अभी तक कई तरह के भ्रम बने हुए हैं। कुछ गलतफमियां, कुछ सवाल और जरूरी बातें हैं जिनके जवाब मिलना जरूरी है। जैसे, कौन-सी वैक्सीन बेहतर है, क्या 100 फीसदी इम्यूनिटी मिल सकती है, कोरोना से ठीक हो चुके हैं तो फिलहाल वैक्सीन लें या न लें, वैक्सीन के फ्रॉड से कैसे बचना है? एक्सपर्ट्स से बात करके ऐसे ही सवालों के जवाब दे रहे हैं
लोकेश के. भारती
यहां कराएं रजिस्ट्रेशन
Aarogya Setu App
Co-WIN Vaccinator App
नजदीकी अस्पताल में सीधे जा सकते हैं, जहां वैक्सीनेशन की प्रक्रिया चल रही हो। यह सुविधा उन लोगों के लिए अहम है जो तकनीक के मामले में थोड़ा पीछे हैं।
यहां से लें मदद
वैक्सीनेशन के बाद 30 से 40 मिनट इंतजार करने के लिए कहा जाता है। इंतजार जरूर करें। अगर परेशानी होती है तो वहां के मेडिकल स्टाफ से मदद मांग सकते हैं।
हेल्पलाइन नंबर: 011-23978046
वॉट्सऐप पर मदद: 9013151515
टोल फ्री: 1075
ईमेल:
सबसे खास बातें
कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज में 12 से 16 हफ्ते का गैप होना चाहिए।
कोवैक्सीन की दूसरी डोज लेने में 4 से 6 हफ्ते का गैप होना चाहिए।
स्पूतनिक-वी की दूसरी डोज लेने में भी 4 से 6 हफ्ते का गैप होना चाहिए।
स्पूतनिक-वी लाइट को मंजूरी मिलने के बाद एक ही डोज लगाने की बात कही गई है।
जायडस-कैडिला की वैक्सीन ZyCoV-D कोरोना की पहली वैक्सीन होगी जिसे लगाते समय सुई का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
प्रेग्नेंट हों या दूध पिलाने वाली मां, कोरोना वैक्सीन लगवा सकती हैं।
जानें वैक्सीन से जुड़ी बेसिक जानकारी
वैक्सीन लें या न लें?
वैक्सीन जरूर लेनी है। सभी को लेनी है। बिना वैक्सीन के इम्यूनिटी नहीं बनेगी। फिलहाल जो वैक्सीन पूरी दुनिया में मिल रही हैं, वे सभी आपातकालीन इस्तेमाल (इमरजेंसी यूज) के लिए हैं। इनमें से अभी तक किसी को भी कमर्शल प्रोडक्शन का अधिकार नहीं मिला है। देश में इस वक्त तीन वैक्सीन: कोवैक्सीन, कोविशील्ड, स्पूतनिक-वी मिल रही हैं और जल्द ही फाइजर की वैक्सीन भी मिल सकती है। इन सभी को इमरजेंसी यूज (यह सिर्फ जान बचाने के लिए है, डेटा का विश्लेषण नहीं हुआ हैै) के लिए ही अधिकार दिया गया है। जिससे हर शख्स के शरीर में कोरोना के खिलाफ ऐंटिबॉडी विकसित हो सके।
कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पूतनिक-वी और फाइजर में से कौन-सी वैक्सीन बेहतर है?
हर वैक्सीन की क्षमता अलग-अलग होती है। सभी के साइड इफेक्ट्स भी अलग-अलग होते हैं। जिस वैक्सीन की क्षमता 50 फीसदी से ज्यादा है, वह वैक्सीन अच्छी है। देश में मिल रही हर वैक्सीन की क्षमता 50 फीसदी से ज्यादा है। सिर्फ क्षमता ज्यादा होने से वैक्सीन की क्वॉलिटी निर्धारित नहीं की जा सकती है। वैक्सीन लगने के बाद उसके साइड इफेक्ट्स कितने कम उभर रहे हैं, इससे भी वैक्सीन की क्वॉलिटी समझी जाती है। इसलिए कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पूतनिक-वी और फाइजर में से किसी को भी लगाया जा सकता है।
देश में कौन-सी नई वैक्सीन आ रही है और कब तक?
देश में मिल रही वैक्सीन: कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पूतनिक-वी।
जल्द मिलेगी
1. अमेरिकी वैक्सीन फाइजर
यह आरएनए तकनीक पर काम करती है।
इसकी क्षमता करीब 95 फीसदी कही गई है।
2. भारतीय वैक्सीन जायडस-कैडिला
यह पहली वैक्सीन होगी जिसे बिना इंजेक्शन शरीर में पहुंचाया जाएगा।
इसे फार्माजेट तकनीक से लगाया जाएगा, जिसमें तेज गति से वैक्सीन को स्किन के अंदर पहुंचाया जाता है। इससे इंफेक्शन का खतरा भी कुछ कम होगा।
इस वैक्सीन का नाम ZyCoV-D है।
इसने भारत के औषधि महानियंत्रक (DGCI) से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है।
यह पहली प्लाज्मिड DNA वैक्सीन है।
इस वैक्सीन के बारे में कहा जा रहा है कि यह 12 से 18 साल के किशोरों के लिए भी कारगर है।
इस वैक्सीन की 3 डोज लगेंगी।
3. स्पूतनिक-वी लाइट
भारत की कंपनी डॉ. रेडीज ने इस वैक्सीन के लिए DGCI के पास आवेदन दिया था। DGCI ने वैक्सीन से संबंधित डेटा उपलब्ध कराने के लिए कहा है। तब तक के लिए मंजूरी नहीं दी गई है।
इसे स्टोर करना आसान है।
इसकी एक खुराक ही दी जाएगी। जबकि भारत में पहले से मिल रही स्पुतनिक-वी वैक्सीन की दो खुराकें दी जाती हैं।
देसी और विदेशी वैक्सीन में क्या खास अंतर है?
देसी और विदेशी वैक्सीन में कोई फर्क नहीं है। दोनों का काम शरीर में कोरोना के खिलाफ ऐंटिबॉडी तैयार करना है। इस काम में देसी और विदेशी दोनों वैक्सीन कामयाब हैं।
क्या वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद भी बूस्टर डोज लगवानी होगी?
कोरोना वायरस की शुरुआत हुए 2 साल भी नहीं बीते हैं। फिलहाल लोगों की जान बचाने के लिए इमरजेंसी में वैक्सीन दी जा रही है। अभी इस पर स्टडी करनी बाकी है। इस बात का अनुमान लगाना मुश्किल है कि बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी या नहीं। स्टडी को पूरा होने में 3 से 5 साल या इससे ज्यादा का वक्त भी लग सकता है। जब तक वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां डेटा का सही तरीके से विश्लेषण नहीं कर लेतीं, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
रजिस्ट्रेशन कहां करवाना होगा?
रजिस्ट्रेशन के बाद वैक्सीन लगवाने का नंबर आता है।
पर वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते है। इसके अलावा Aarogya Setu app या Co-WIN Vaccinator App पर भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। यह भी मुमकिन न हो तो नजदीकी अस्पताल में सीधे जा सकते हैं, जहां वैक्सीनेशन की प्रक्रिया चल रही हो, वहां भी रजिस्ट्रेशन हो सकता है। यह सुविधा उन लोगों के लिए बेहतर है जो टेक सेवी नहीं हैं।
वैक्सीन कितनी असरदार
क्या वैक्सीन लगवाने के बाद ज़िंदगीभर कोरोना नहीं होगा?
इस बात की गारंटी नहीं दी जा सकती। कोरोना से पहले जितनी भी वैक्सीन अलग-अलग बीमारियों के खिलाफ लगाई जाती रही हैं बाद में उनके मामले भी देखे गए हैं। जैसे, MMR (मीजल्स, मम्स, रुबेला से बचाव के लिए), BCG (टीबी से बचाव के लिए)। इन्हें लगाने के बाद भी लोगों को ये बीमारियां हुई हैं। हां, यह जरूर है कि वैक्सीन लगने के बाद ऐसे मामले बहुत कम देखे गए। अगर किसी को बाद में ये बीमारियां हुई भी तो जानलेवा नहीं रहीं। कोरोना की वैक्सीन के साथ भी ऐसा ही है। जिन लोगों ने कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी हासिल कर ली है, भविष्य में दोबारा इंफेक्शन होने पर इसकी गंभीरता से काफी हद तक बच सकते हैं।
कोविशील्ड और कोवैक्सीन कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन जैसे, डेल्टा और डेल्टा प्लस के खिलाफ कितनी असरदार हैं?
सिर्फ कोवैक्सीन और कोविशील्ड ही नहीं, स्पूतनिक-वी लगवा चुके लोगों में अभी तक डेल्टा या डेल्टा प्लस के गंभीर मामले न के बराबर ही हैं। तीनों वैक्सीन इनके खिलाफ भी कारगर हैं। हालांकि इनकी विस्तार से स्टडी करना बाकी है।
वैक्सीन लगवाने के कितने दिनों बाद तक शरीर में इम्यूनिटी रहती है?
कोरोना वायरस को आए अभी डेढ़ साल ही हुआ है और वैक्सीन को तैयार हुए लगभग 6 महीने। अभी तक जिन्हें वैक्सीन लगी है, उनमें ऐंटिबॉडी की मौजूदगी देखी गई है। बीतते वक्त के साथ यह साबित होता जाएगा कि वैक्सीनेशन के बाद शरीर की इम्यूनिटी कितने दिनों तक रहती है।
वैक्सीन लगवाने के बाद इम्यूनिटी कितने दिनों में विकसित होती है?
वैक्सीन लगवाने के चौथे से पांचवें दिन अस्थायी ऐंटिबॉडी (IgM) बननी शुरू हो जाती है। यह अमूमन 15 से 20 दिन तक बनी रहती है। वहीं 15 से 20 दिन के बाद स्थायी ऐंटिबॉडी (IgG) बनने लगती है।
वैक्सीन की पहली डोज ही काफी नहीं?
इस बारे में अब तक विस्तार में स्टडी नहीं हुई है। हालांकि यह देखा गया है कि कुछ लोगों में पहली डोज के बाद ही ऐंटिबॉडी विकसित हो जाती है, वहीं कुछ लोगों में दूसरी डोज के बाद विकसित होती है। इसलिए दोनों डोज लेना जरूरी है।
वैक्सीन 100 फीसदी असरदार क्यों नहीं है?
पूरी दुनिया में आज तक ऐसी वैक्सीन नहीं बनी है जो 100 फीसदी असरदार हो। वैक्सीनेशन के बाद इम्यूनिटी की स्थिति क्या होगी, यह काफी हद तक उस शख्स के शरीर पर भी निर्भर करता है। अगर किसी को गंभीर बीमारी जैसे कि कैंसर हो, किडनी की बीमारी, ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ हो, डायबिटीज के पुराने मरीज हों और शुगर काबू में न हो, एलर्जी के गंभीर मरीज हों तो ऐसे लोगों में वैक्सीनेशन के बाद भी इम्यूनिटी कमजोर होती है। ऐंटिबॉडीज भी कम बनती हैं। स्वस्थ शरीर में वैक्सीन कारगर रहती है।
वैक्सीनेशन के बाद IgG ऐंटिबॉडी टेस्ट कराकर देखना चाहिए कि ऐंटिबॉडीज बनी हैं या नहीं?
वैक्सीन लेने के बाद शरीर में इम्यूनिटी दो तरीके से बनती है:
1. न दिखने वाली: यह सेल्युलर लेवल पर होता है। इस तरह की इम्यूनिटी होने पर वैक्सीनेशन के बाद भी IgG ऐंटिबॉडी टेस्ट नेगेटिव आ सकता है। लेकिन इम्यूनिटी बनाने वाली कोशिकाएं वायरस के आकार-प्रकार को याद कर लेती हैं। इसमें शरीर को इम्यूनिटी देने वाली T-हेल्पर सेल और T-किलर सेल अहम भूमिका निभाती हैं। ये सेल्स वायरस को अपनी मेमरी में स्टोर करती हैं। भविष्य में जब भी वायरस शरीर में पहुंचता है तो ऐंटिबॉडी बनने लगती है और वायरस को खत्म कर देती हैं। इसलिए वैक्सीन लेने के बाद या कोरोना से ठीक होने के बाद भी अगर किसी का ऐंटिबॉडी टेस्ट नेगेटिव हो तो परेशान नहीं होना चाहिए।
2. दिखने वाली: वैक्सीनेशन के बाद IgG ऐंटिबॉडी टेस्ट कराने पर रिजल्ट पॉजिटिव आता है। वैक्सीन लेने के 20 से 25 दिन में टेस्ट करा सकते हैं।
एक डोज ही लग पाए तो…
अगर किसी को वैक्सीन की पहली डोज लग गई है, लेकिन दूसरी डोज नहीं मिल पा रही है तो क्या वह दूसरी डोज को छोड़ सकता है?
कुछ दिन पहले तक यह सवाल वाजिब हो सकता था कि वैक्सीन नहीं मिल पा रही है, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। फिलहाल वैक्सीन की उपलब्धता में कोई कमी नहीं है। जहां तक दूसरी डोज छोड़ने की बात है तो ऐसा हरगिज नहीं करना चाहिए। कोरोना के खिलाफ पर्याप्त इम्यूनिटी के लिए दूसरी डोज लगवाना भी जरूरी है।
अगर कोई शख्स सरकार की ओर से तय वक्त में वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं ले पाता है तो क्या उसे फिर से पहली डोज लेनी पड़ेगी?
वैक्सीनेशन को हमें प्राथमिकता पर रखना चाहिए। वैक्सीन आने वाले समय में शरीर की सेहत, सामान्य कामकाज और यात्राओं के लिए पासपोर्ट का काम भी करेगी। सरकार ने जिस वैक्सीन के लिए जो समय सीमा निर्धारित किया है, उसी में वैक्सीन लगवानी चाहिए ताकि शरीर को सही इम्यूनिटी मिल सके।
अगर किसी को वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए स्लॉट और डेट मिल गई थी। लेकिन वह कोविड-19 से संक्रमित हो गया तो अब दूसरी डोज कब लेनी चाहिए?
इस सवाल में एक बात साफ है कि उस शख्स ने पहली डोज ले ली थी। दूसरी डोज लगवाने से पहले ही उसे कोरोना हो गया। ऐसे में कोरोना से उबरने यानी लक्षण खत्म के बाद (यह अमूमन 15 दिनों का होता है) 3 महीने का अंतराल रखना चाहिए यानी जिस दिन पहला लक्षण आया उसे जोड़कर 105 (90+15) दिनों के बाद।
कोवैक्सीन कम मात्रा में बन रही है। दूसरी डोज के लिए कोवैक्सीन नहीं मिल रही है कोई दूसरी वैक्सीन की डोज लगवा लें?
ऐसा नहीं है। कोवैक्सीन पहले जितनी मात्रा में बन रही थी, उतनी ही मात्रा में अब भी बन रही है। पहले जिस जगह कोवैक्सीन लगवाई थी, वहां पर फिर से कोवैक्सीन मिलने की गुंजाइश है। अभी तक सरकार ने दोनों वैक्सीन दो अलग-अलग कंपनियों की लगवाने के बारे में नहीं कहा है।
कौन न ले वैक्सीन
अगर कोई शख्स कैंसर, डायबिटीज या हाइपरटेंशन से पीड़ित है और दवाई ले रहा है तो क्या उसे वैक्सीन लगवानी चाहिए?
सभी को वैक्सीन लेनी है चाहे वह कैंसर का मरीज हो, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हार्ट, किडनी का या फिर किसी दूसरी बीमारी का। अगर मन में कोई डर हो तो अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें। किसी को एलर्जी की गंभीर समस्या है तो उसे वैक्सीन नहीं लेनी है। एलर्जी की गंभीर परेशानी का मतलब यह है:
एलर्जी की परेशानी शुरू होने पर 1. शरीर पर चकत्ते हो गए हों, 2. बीपी लो हो गया हो और 3. सांस लेने में परेशानी हो। एलर्जी की वजह से
ये तीनों लक्षण मरीज में उभरते हों तो वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए और अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
किसी शख्स में कोरोना के लक्षण हैं तो वैक्सीन लेनी चाहिए?
अगर किसी शख्स में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं तो पहले उसे कोरोना का इलाज करवाना चाहिए। 15 दिनों तक आइसोलेशन में रहना चाहिए। फिर लक्षण जाने के 3 महीने से अंदर वैक्सीन नहीं लगवानी है। दरअसल, कोरोना होने के बाद शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होती है। ऐसे में वैक्सीनेशन का फायदा भी ज्यादा नहीं होगा।
बच्चों के लिए वैक्सीन कब तक आएगी और यह कब तक उपलब्ध होगी?
अभी तक कोरोना का असर बच्चों पर कम पड़ा है। बहुत ही कम मामलों में बच्चों की स्थिति गंभीर हुई है। फिर भी बच्चों को कोरोना से बचाना है। इसके लिए कई कंपनियां काम कर रही हैं। हमारे देश में जायडस-कैडिला 12 से 18 साल तक के किशोरों के लिए वैक्सीन ला रही है। उम्मीद है कि यह अगस्त तक मुहैया हो जाएगी। वहीं भारत बायोटेक भी बच्चों की वैक्सीन बना रही है। यह 2 से 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चों के लिए है। यह सितंबर तक मिल सकती है।
नेजल वैक्सीन कब तक आ सकती है?
नाक से दी जाने वाली वैक्सीन को नेजल वैक्सीन या नेजल स्प्रे वैक्सीन भी कहते हैं। WHO के मुताबिक पूरी दुनिया में 7 कंपनियां नेजल वैक्सीन पर काम कर रही है। भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन अक्टूबर तक आ सकती है। इसके अलावा कोविशील्ड भी नेजल स्प्रे ला सकती है।
असली-नकली वैक्सीन की पहचान क्या है जो वैक्सीन लगाई जा रही है वह असली है या नकली, यह कैसे पता लगाएं?
रजिस्टर्ड प्राइवेट अस्पतालों, सरकारी अस्पतालों और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान जो वैक्सीनेशन कर रहे हैं, उसमें संदेह की गुंजाइश न के बराबर है। लेकिन इन जगहों पर भी वैक्सीनेशन के तरीकों पर ध्यान दिया जा सकता है। मन में शंका हो तो उसे दूर कर लेना चाहिए।
ऐसा नहीं है कि वैक्सीनेशन में फ्रॉड के मामले सिर्फ भारत में ही सामने आए हैं। इस तरह की घटनाएं अमेरिका, चीन, पोलैंड और मैक्सिको में भी हुई हैं। ये घटनाएं कैंप लगाकर दी जाने वाली वैक्सीन के मामले में ज्यादा हुई हैं।
अगर किसी कैंप में यह कहा जाता है कि आप अभी अपना मोबाइल नंबर और आधार नंबर दे दें, बाद में वैक्सीनेशन का मेसेज आएगा तो अलर्ट हो जाएं। अगर बाद में किसी का नाम या उनसे जुड़ी ऑनलाइन अपलोड करने में गलती हुई तो सर्टिफिकेट भी गलत आएगा। दरअसल कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीनेशन काफी अहम है। इसके लिए वक्त जरूर निकालना चाहिए। बेहतर होगा कि रजिस्ट्रेशन करवाकर स्लॉट लें और किसी अच्छे सरकारी या प्राइवेट अस्पताल या सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर ही वैक्सीनेशन करवाएं।
वायल देखकर भी असली-नकली वैक्सीन की पहचान की जा सकती है।
वैक्सीन की वायल (शीशी) पुरानी दिखे या ऐसा लगे कि इसे दोबारा पैक की गई है तो सचेत हो जाएं।
उस पर मैन्युफैक्चरिंग डेट, एक्सपायरी डेट आदि सही तरीके से नहीं दिख रही हो।
वैक्सीनेशन के दौरान इन बातों का भी रखें ध्यान
जहां वैक्सीन लेने गए हैं, वहां पर अगर हेल्थ वर्कर ने वायल से वैक्सीन निकालकर पहले ही सिरिंज में भर दी हो और आपके मन में कोई संदेह हो तो आप उन्हें सामने में भरने के लिए कह सकते हैं।
जो मेडिकल स्टाफ वैक्सीन लगा रहा है, उसकी यह जिम्मेदारी है कि वह अपना नाम और जिस कंपनी की वैक्सीन लगाई जा रही है उसकी जानकारी दे।
मोबाइल पर जब मेसेज से वैक्सीनेशन की जानकारी आती है तो मेडिकल स्टाफ ने जो जानकारी दी है, उससे मिलान कर लें। अगर अंतर दिख रहा है तो वहां के स्टाफ से जरूर बात करें।
कोवैक्सीन, स्पूतनिक-वी और कोविशील्ड वैक्सीन को रखने के लिए 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है। वहीं फाइजर की वैक्सीन को माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखना होता है। ऐसे में अगर किसी हेल्थ वर्कर ने 2 से 3 मिनट या इससे ज्यादा समय से पहले ही शीशी को बाहर निकाल लिया और सिरिंज में डालकर रख दिया है तो वैक्सीन की कोल्ड चेन टूट जाएगी और असर कम हो सकता है।
वैक्सीनेशन वैक्सीनेशन के 5 मिनट के अंदर ही मेसेज से यह कंफर्म कर दिया जाता है कि उस शख्स को किस कंपनी की वैक्सीन लगी है। उस पर उसका नाम भी दर्ज होता है।
कुछ मामलों में मेसेज देर से मिल सकता है, लेकिन यह भी पता करें कि जिस स्लॉट में हमें वैक्सीन लगी है, उस स्लॉट के बाकी लोगों के मेसेज कब आए। अगर उस स्लॉट में किसी का मेसेज नहीं आया है तो वहां के स्टाफ से जरूर बात करनी चाहिए। यह काम तब करें जब वैक्सीन लगाने के बाद आपको आनिवार्य रूप से आधा घंटा इंतजार करना होता है।
वैक्सीन लगने के बाद 30 से 40 मिनट तक इंतजार करने के लिए कहा जाता है कि वैक्सीन का कोई गलत असर हो तो उनका इलाज किया जा सके। आमतौर पर बीपी लो होने की परेशानी हो सकती है।
फ्रॉड से बचने के लिए ऐसे कदम उठाएं
कैंप लगाकर वैक्सीनेशन अच्छा उपाय है लेकिन ऐसा करने के दौरान कुछ राज्यों में फ्रॉड के मामले सामने आए हैं।
किसी खास जिले में कैंप लगाकर वैक्सीनेशन किया जा रहा हो तो पूरी जानकारी प्रशासन के पास भी जरूर होनी चाहिए। इनमें CMO/DM शामिल हों ताकि किसी को कैंप पर शक हो तो तत्काल ही इन अधिकारियों से पूछकर इसकी तसल्ली कर ले।
CMO/DM ऐसे कैंप को मंजूरी देने के बाद अपनी सरकारी वेबसाइट पर पूरी जानकारी मुहैया कराएं।
कैंप लगाने के लिए रजिस्टर्ड अस्पताल या सरकार से मान्यता प्राप्त संस्था को ही मंजूरी मिले।
उसके पास अस्पताल का एक ऑफिशल लेटर भी जरूर होना चाहिए।कैंप पर एक डॉक्टर जरूर हो। हर डॉक्टर का एक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है। उस नंबर को वहां लिखा जाना चाहिए। इसके अलावा वहां पर डॉक्टर और बाकी स्टाफ के नाम और फोटो के साथ लगे हों।
अगर कोई कैंप किसी रजिस्टर्ड अस्पताल के नाम से लगा हो तो वहां का फोन नंबर जरूर हो। उस नंबर को इंटरनेट पर और उसकी वेबसाइट पर सर्च करके भी चेक करना चाहिए कि नंबर फर्जी है या असली।
अगर वैक्सीन का उत्पादन करने वाली हर कंपनी अपने हर वायल पर बार कोड लगा दे तो उसे मोबाइल से स्कैन करके उस वायल के बारे में हर तरह जानकारी हासिल की जा सकती है कि कब उत्पादन हुआ, एक्सपायरी डेट क्या है आदि। इससे किसी भी तरह के फ्रॉड से बचा जा सकता है।
वैक्सीन सर्टिफिकेट कहां मिलता है और उसका फायदा
रजिस्ट्रेशन के सेंटर पर जाकर वैक्सीन लगवा रहे हैं तो सर्टिफिकेट कैसे मिलेगा?
अगर सीधे सेंटर पर जाकर वैक्सीन लगवा रहे हैं तो वहां भी आधार कार्ड और मोबाइल नंबर देना होता है। वैक्सीन लगने के बाद मोबाइल नंबर पर मेसेज आता है और सर्टिफिकेट डाउनलोड करने के लिए लिंक भी। उस लिंक पर क्लिक करने के बाद सर्टिफिकेट मिल जाता है। इसे मोबाइल ऐप Digilocker में भी रख सकते हैं और प्रिंट भी निकालकर रख सकते हैं।
जो सर्टिफिकेट मिला है वह असली है, इस बात का कैसे पता लगाएं?
सर्टिफिकेट सरकारी पोर्टल से हासिल किया गया है तो वह असली ही है।
वैक्सीन लगने के बाद अगर कोई शख्स बीमार हो जाता है या मर जाता है तो क्या कंपनी या सरकार कोई मुआवजा देगी?
हमारे देश में ऐसे मामले बहुत ही कम आए हैं। चूंकि अभी वैक्सीन को इमरजेंसी यूज का ही अधिकार मिला है, इसलिए मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है। DGCI ने इसके लिए किसी भी तरह का जुर्माना नहीं रखा है। जब वैक्सीन का कमर्शल यूज शुरू होगा तब ऐसे मामलों के लिए मुआवजे की बात भी होगी।
क्या वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवाने के बाद मास्क हटा सकते हैं?
अभी ऐसा नहीं करना चाहिए। जब तक पूरे देश में सबका वैक्सीनेशन न हो जाए और सरकार इसके लिए घोषणा न कर दे, न मास्क हटेगा और न ही सोशल डिस्टेंसिंग खत्म होगी। इसलिए अभी कई महीनों तक मास्क को लगाना पड़ेगा।
अगर किसी को अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन की एक-एक डोज लग जाए तो क्या होगा? कुछ देश एक्सपेरिमेंट के तौर पर अलग-अलग वैक्सीन लगा रहे हैं। इसका क्या नतीजा रहा?
इस तरह के प्रयोग भी हो रहे हैं। अपने देश में भी गलती से ही ऐसे मामले सामने आए, लेकिन ऐसे लोगों पर अभी तक कोई खास बुरा असर देखने को नहीं मिला है। सीधे कहें तो आंकड़े आने में वक्त लगेगा। इनका नतीजा बाद में क्या होगा, इस बारे में अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता। इसलिए जिस कंपनी की पहली डोज की वैक्सीन लगी है, उसी डोज की दूसरी डोज भी लगवानी चाहिए।
नोट: अगर इन सवालों के अलावा भी कोई सवाल हो तो अंग्रेजी या हिंदी में हमारे फेसबुक पेज SundayNBT पर लिख दें। इसके अलावा हमें ईमेल भी कर सकते हैं। अपने सवाल
पर बुधवार तक भेज दें। सब्जेक्ट में vaccine लिखें। हम चुने हुए सवालों के जवाब एक्सपर्ट से लेकर अपने फेसबुक पेज पर और अखबार में भी देंगे।
एक्सपर्ट पैनल
प्रो.(डॉ.) एन. के. अरोड़ा चेयरपर्सन, ORG, नैशनल टास्क फोर्स कोविड-19, ICMR
प्रो.(डॉ.) जी. सी. खिलनानी, चेयरमैन, इंस्टिट्यूट ऑफ पल्मोनरी, PSRI
प्रो.(डॉ.) संजय राय कम्यूनिटी मेडिसिन और इंचार्ज कोवैक्सीन ट्रायल, AIIMS
प्रो.(डॉ.) राजेश मल्होत्रा एचओडी ऑर्थोपीडिक्स, इंचार्ज कोविड ट्रॉमा सेंटर, AIIMS
डॉ. अंशुमान कुमार, डायरेक्टर, धर्मशिला हॉस्पिटल
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WhatsApp की नई कलाकारी! आवाज संदेश में दिया जा रहा है यह सबसे अच्छी सुविधा है
WhatsApp की नई कलाकारी! आवाज संदेश में दिया जा रहा है यह सबसे अच्छी सुविधा है
हाइलाइट्स:
नए फीचर पर काम कर रहा है व्हाट्सएप
इससे वॉयस मैसेज की स्पीड बढ़ जाएगी
कंपनी जल्द ही इसे रोलआउट कर सकती है
WhatsApp अपने प्लेटफॉर्म को अपडेट करने के लिए रोजाना नए-नए फीचर्स लाता रहता है। हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि वॉट्सऐप कथित तौर पर पब्लिक बीटा चैनल पर है वॉयस मैसेज प्लेबैक स्पीड फ़ीचर की टेस्टिंग कर रही है। इस विशेषता में क्या है और कब तक यह रोलआउट किया जाएगा। चलिए बात करते…
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वॉट्सऐप का नया फीचर: अब आपके चैट्स नहीं हो पाएंगे लीक, एंड्रॉयड और iOS दोनों यूजर्स को जल्द मिलेगी नई सुविधा
वॉट्सऐप का नया फीचर: अब आपके चैट्स नहीं हो पाएंगे लीक, एंड्रॉयड और iOS दोनों यूजर्स को जल्द मिलेगी नई सुविधा
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नई दिल्ली17 मिनट पहले
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इस साल की शुरुआत वॉट्सऐप के लिए अच्छी नहीं रही है। पॉलिसी को लेकर कंपनी के कई यूजर्स दूसरे प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हो गए हैं। ऐसे में अब यूजर्स की प्राइवेसी को ज्यादा सिक्योर करने के लिए कंपनी कई कदम उठा रही है। कंपनी ने चैट बैकअप को सुरक्षित करने की योजना बनाई है। जिसको लेकर कंपनी पासवर्ड का फीचर…
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WhatsApp पर वापस मिल सकते हैं डिलीट हुए Message, बेहद आसान है तरीका
WhatsApp पर वापस मिल सकते हैं डिलीट हुए Message, बेहद आसान है तरीका
आजकल वॉट्सऐप (WhatsApp) का इस्तेमाल लगभग हर व्यक्ति कर रहा है. अब वॉट्सऐप अपने यूज़र्स के लिए एक नई सुविधा लाया है, और वह है डिलीट किए गए मैसेज और चैट को स्मार्टफोन पर फिर से प्राप्त करना. आज हम आपको एक ऐसी आसान ट्रिक बताएंगे जिसका हर वॉट्सऐप यूज़र फायदा उठा सकता है. तो चलिए जानते हैं स्मार्टफोन पर वॉट्सऐप डिलीट किए गए मैसेज को रिस्टोर करने के स्टेप्स के बारे में:-
वॉट्सऐप पर, यूज़र्स की चैट को…
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व्हाट्सएप नाउ और सेफ, आया नया सिक्यॉरिटी फीचर
व्हाट्सएप नाउ और सेफ, आया नया सिक्यॉरिटी फीचर
हाइलाइट्स:
वॉट्सऐप वेब पर खाता लिंक करने से पहले खाता वेरिफाई करना होगा
आने वाले दिनों में सभी यूजर्स को यह फीचर मिलने लगेगा
मेसेजिंग ऐप वेब इंटरफेस को भी अपडेट कर रहा है
नई दिल्लीWhatsApp अपने डेस्कटॉप और वेब एप्लिकेशन में सिक्यॉरिटी के लिए नई सुविधा जोड़ रहा है। वॉट्सऐप यूजर्स को अब वेब या डेस्कटॉप पर अपना खाता नंबर करने से पहले खाता वेरिफाई करना होगा। नए वॉट्सऐप फीचर को आने वाले हफ्तों में…
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WhatsApp Web could soon get audio/video call feature | अब डेस्कटॉप वर्जन 'वॉट्सऐप वेब' से भी कर सकेंगे ऑडियो-वीडियो कॉलिंग, फिलहाल बीटा यूजर्स कर रहे टेस्टिंग
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नई दिल्ली11 घंटे पहले
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वॉट्सऐप वेब प्लेटफॉर्म का डेस्कटॉप वर्जन है
फिलहाल यह फीचर सिर्फ ऐप तक सीमित है
अपने यूजर्स को सुविधा देने के लिए वॉट्सऐप रोजाना नए-नए फीचर्स रोलआउट कर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वॉट्सऐप जल्द ही वॉट्सऐप वेब (डेस्कटॉप वर्जन) पर ऑडियो और वीडियो कॉल की सुविधा दे सकता है। मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप…
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WhatsApp Web could soon get audio/video call feature | अब डेस्कटॉप वर्जन 'वॉट्सऐप वेब' से भी कर सकेंगे ऑडियो-वीडियो कॉलिंग, फिलहाल बीटा यूजर्स कर रहे टेस्टिंग
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नई दिल्लीएक घंटा पहले
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वॉट्सऐप वेब प्लेटफॉर्म का डेस्कटॉप वर्जन है
फिलहाल यह फीचर सिर्फ ऐप तक सीमित है
अपने यूजर्स को सुविधा देने के लिए वॉट्सऐप रोजाना नए-नए फीचर्स रोलआउट कर रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वॉट्सऐप जल्द ही वॉट्सऐप वेब (डेस्कटॉप वर्जन) पर ऑडियो और वीडियो कॉल की सुविधा दे सकता है। मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप…
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नई सुविधा: वॉट्सऐप ने भारत समेत दुनियाभर के यूजर्स के लिए लॉन्च किया शॉपिंग बटन; अब सीधे चैट के जरिए कर सकेंगे खरीदारी
नई सुविधा: वॉट्सऐप ने भारत समेत दुनियाभर के यूजर्स के लिए लॉन्च किया शॉपिंग बटन; अब सीधे चैट के जरिए कर सकेंगे खरीदारी
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अब आप इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप के जरिए शॉपिंग कर सकेंगे। वॉट्सऐप ने अपने ऐप पर एक नया शॉपिंग बटन लॉन्च किया है। फेसबुक की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को भारत समेत दुनियाभर में वॉट्सऐप शॉपिंग बटन को रोलआउट कर दिया गया है। इसके जरिए कस्टमर्स प्रोडक्ट्स को देख सकते हैं और सिर्फ चैट के माध्यम से सीधे तौर पर इसकी खरीददारी कर सकेंगे।
यानी की नए शॉपिंग बटन के एड होने से बिजनेस…
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अब आप इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप के जरिए शॉपिंग कर सकेंगे। वॉट्सऐप ने अपने ऐप पर एक नया शॉपिंग बटन लॉन्च किया है। फेसबुक की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को भारत समेत दुनियाभर में वॉट्सऐप शॉपिंग बटन को रोलआउट कर दिया गया है। इसके जरिए कस्टमर्स प्रोडक्ट्स को देख सकते हैं और सिर्फ चैट के माध्यम से सीधे तौर पर इसकी खरीददारी कर सकेंगे।
यानी की नए शॉपिंग बटन के एड होने से बिजनेस अकाउंट यूजर्स अपने ग्राहकों को सीधे प्रोडक्ट का कैटलॉग चैट विंडो पर दे सकेंगे। इसे देखने के बाद यूजर्स को चैट के जरिए शॉपिंग का ऑप्शन दिया जाएगा।
नए फीचर के साथ लोग बिजनेस नाम के दाहिने साइड स्टोर फ्रंट आइकॉन को देख सकेंगे। यहां यूजर्स कैटलॉग को डिस्कवर और सर्विस के बारे में पता कर पाएंगे। वॉट्सऐप ने एक रिलीज में कहा कि पहले यूजर्स को रेडी लिस्ट को देखने के लिए बिजनेस प्रोफाइल को क्लिक करना होता था। यह बटन प्रोडक्ट की विजिबिलिटी बढ़ाने में भी सहायता करेगी। यह बिजनेस को आसान बनाने में मदद करेगी ताकि वे अपने प्रोडक्ट को डिस्क वर्ड कर पाएं जिससे उन प्रोडक्ट की बिक्री में मदद मिलेगी।
अब वॉट्सऐप से कर सकेंगे पेमेंट
अब हमेशा के लिए कर सकते हैं वॉट्सऐप ग्रुप म्यूट
वॉट्सऐप ने ईमेल जारी के जरिए कहा कि इस नई सुविधा के साथ ही यूजर्स बिजनेस नाम के ठीक सामने एक स्टोर फ्रंट आइकन देख पाएंगे। इससे यूजर्स के लिए कैटलॉग की खोज करना आसान हो जाएगा और यह देख सकेंगे कि क्या सामान या सर्विस दी जा रही हैं। इससे पहले, यूजर्स को यह देखने के लिए प्रोफेशनल्स प्रोफाइल पर क्लिक करना पड़ता था।
बटन कारोबार को अपने प्रोडक्ट की विजिबिलिटी को बढ़ाने में भी मदद करेगा। ईमेल में कहा गया है कि इससे कारोबारियों को अपने प्रोडक्ट्स की खोज करने में आसानी होगी, जिससे बिक्री बढ़ाने में मदद मिल सकती है। शॉपिंग बटन वॉइस कॉल बटन को बदल देगा। अब, यूजर्स को वॉयस या वीडियो कॉल का चयन करने के लिए कॉल बटन पर टैप करना होगा। मैसेजिंग सर्विस के तहत नया फीचर दुनिया भर में लॉन्च किया गया है।
बता दें कि वॉट्सऐप बिजनेस अकाउंट पर हर दिन 175 मिलियन से अधिक लोग मैसेज करते हैं। हर माह करीब 40 मिलियन लोग बिजनेस कैटलॉग देखते हैं। इसमें भारत में 3 मिलियन से अधिक यूजर्स शामिल हैं। इनमें करीब 3 मिलियन से ज्यादा भारतीय शामिल हैं। हालिया सर्वे के मुताबिक भारत के 76 फीसदी युवा कहते हैं कि मैं ऐसी कंपनी से व्यापार करना चाहता हूं जिससे मैसेज के जरिए आसानी से कम्युनिकेशन स्थापित किया जा सके।
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WhatsApp makes a move towards e-commerce, rolls out a shopping button
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वॉट्सऐप का नया फीचर: फोन में इंटरनेट कनेक्शन न होने पर भी की जा सकेगी डेस्कटॉप वॉयस-वीडियो कॉलिंग, जल्द ही मिलेगी सुविधा
वॉट्सऐप का नया फीचर: फोन में इंटरनेट कनेक्शन न होने पर भी की जा सकेगी डेस्कटॉप वॉयस-वीडियो कॉलिंग, जल्द ही मिलेगी सुविधा
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WhatsApp Desktop Won’t Interrupt Your Current Call If Your Phone Is Not Connected To The Internet Anymore, During The Call.
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नई दिल्ली4 मिनट पहले
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वॉट्सऐप ने हाल ही में डेस्कटॉप वर्जन में वॉयस और वीडियो कॉलिंग का फीचर जोड़ा है
ऐप में जल्द ही मल्टी डिवाइस सपोर्ट भी मिलेगा, इसे बीटा वर्जन 2.21.1.1…
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अब वॉट्सऐप से कर पाएंगे पेमेंट, मैसेज भी 7 दिन बाद हो जाएंगे ऑटो डिलीट; पढ़ें इस वीक के सभी ऐप अपडेट
आपको टेक्नोलॉजी पसंद है, लेकिन समय कम होने की वजह से आप इससे जुड़ी खबरें नहीं पढ़ पाते, तब हम आपके लिए टेक डिस्क्राइबर लेकर आए हैं। इस एक खबर में हम आपको इस सप्ताह अपडेट हुए ऐप्स के साथ लॉन्च होने वाली नई टेक्नोलॉजी के बारे में बताएंगे। तो चलिए जल्दी से शुरू करते हैं वीकली डिस्क्राइबर।
1. अब वॉट्सऐप से करें पेमेंट
ये सप्ताह वॉट्सऐप के फीचर्स के नाम रहा है। कंपनी ने कई जरूरी अपडेट के साथ पेमेंट फीचर भी रोलआउट कर दिया है। कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने वॉट्सऐप को UPI बेस्ड पेमेंट सर्विस शुरू करने की मंजूरी दी है। वॉट्सऐप फेसबुक की सब्सिडियरी कंपनी है। इसका अपडेट धीरे-धीरे कर यूज��्स के पास आएगा।
NPCI से मंजूरी मिलने के बाद फेसबुक के CEO मार्क जकरबर्ग ने एक वीडियो बयान जारी कर कहा कि वॉट्सऐप की पेमेंट सर्विस 10 क्षेत्रीय भाषाओं के वॉट्सऐप वर्जन में उपलब्ध होगी। जकरबर्ग ने कहा कि वॉट्सऐप के जरिए पेमेंट करने पर किसी भी प्रकार का चार्ज नहीं वसूला जाएगा। वॉट्सऐप के भारत में 40 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं। कंपनी पिछले 2 सालों से पेमेंट सर्विस शुरू करने के लिए मंजूरी का इंतजार कर रही थी। वॉट्सऐप करीब 10 लाख यूजर्स के जरिए पेमेंट सर्विस की टेस्टिंग कर रही थी।
2. री-डिजाइन स्टोरेज मैनेजमेंट टूल
वॉट्सऐप जंक मैसेज रिमूव करने के लिए री-डिजाइन स्टोरेज मैनेजमेंट टूल को रोल आउट कर रही है। ये टूल वॉट्सऐप यूजर्स को अपने फोन पर स्टोरेज कैपेसिटी को खाली करने के लिए आसानी से पहचानने, रिव्यू करने और बल्क डिलीट करने में मदद करता है। यह टूल उन अनावश्यक फाइलों को देखने और डिलीट करने को भी आसान बनाता है, जिन्हें ऐप पर बार-बार शेयर किया गया था।
ऐसे करें टूल का इस्तेमाल
रोल आउट होने के बाद जब यह टूल आपके फोन में आ जाएगा, तो आप वॉट्सऐप सेटिंग्स> स्टोरेज और डेटा> मैनेज स्टोरेज में जाकर री-डिजाइन किए गए स्टोरेज मैनेजमेंट टूल को एक्सेस कर पाएंगे।
इससे पहले, वॉट्सऐप केवल 'स्टोरेज यूसेज' सेक्शन के तहत चैट को लिस्टेड कर रहा था, जिसके माध्यम से यूजर अपने फोन के सिर्फ कुछ स्थान खाली कर सकते थे।
हालांकि, नया बदलाव एक ऑल-न्यू इंटरफेस के साथ एक नया एक्सपीरियंस प्रदान करेगा, जो अन्य ऐप्स के साथ-साथ वॉट्सऐप मीडिया कंटेंट द्वारा कितने स्टोरेज कंज्यूम किया गया है यह बताने के लिए एक डेडिकेटेड बार प्रदान करता है।
कई बार शेयर की जा चुकीं मीडिया फाइलों को देखने के लिए ऐप में एक डेडिकेटेड ऑप्शन भी मिलेगा। इससे अनावश्यक फॉर्वर्ड फाइलों को आसानी से ढूंढने और हटाने में मदद मिलेगी।
री-डिजाइन किया गया स्टोरेज मैनेजमेंट टूल उन फाइलों को लिस्टेड करता है, जिनका साइज 5MB से बड़ा है। इससे आपको फाइलों को साइज के अनुसार क्रमबद्ध करने और हटाने से पहले उनका रिव्यू करने की सुविधा मिलेगी।
री-डिजाइनिंग मौजूदा चैट लिस्ट को बनाए रखता है जहां से आप उन थ्रेड को देख सकते हैं जो अधिक स्टोरेज का कंज्यूम कर रहे हैं।
3. डिसअपीयरिंग फीचर भी आया
वॉट्सऐप ने यूजर्स के लिए नया डिसअपीयरिंग फीचर रोलआउट कर दिया है। बीते कुछ दिनों से इस फीचर की लगातार चर्चा हो रही थी। इस फीचर की खास बात है कि सात दिन के बाद मैसेज ऑटोमैटिक गायब या डिलीट हो जाएंगे। ये फीचर इंडिविजुअल और ग्रुप चैट दोनों पर काम करेगा। कई बार जब हम चैट डिलीट नहीं करते हैं तब वॉट्सऐप हैंग होने लगता है। ज्यादा मैसेज की मीडिया फाइल की वजह से फोन भी स्लो हो जाता है।
ऐसे करें सेटिंग को अप्लाई
आप जिस इंडिविजुअल या ग्रुप चैट पर इस फीचर को अप्लाई करना चाहते हैं उसे ओपन करें
अब चैट के प्रोफाइल पर जाएं या फिर कॉन्टैक्ट या ग्रुप के नाम पर टैप करें
यहां नीचे की तरफ आपको Disappearing Messages का ऑप्शन नजर आएगा, इस पर टैप करें
यहां टैप करते ही Continue का प्रॉम्प्ट आएगा, इस पर फिर से टैप कर लें
अब उस कॉन्टैक्ट या ग्रुप के लिए ये फीचर ऑन हो जाएगा, जिसका मैसेज चैट बॉक्स में नजर आएगा
4. गूगल का कीप क्रोम का बाय-बाय
गूगल के ऐसे कई प्रोडक्ट हैं जिनका इस्तेमाल यूजर्स द्वारा नहीं किया जा रहा है। इस लिस्ट में एक नाम कीप क्रोम का भी है। ऐसे में अब कंपनी अपने इस ऐप को हमेशा के लिए बंद करने जा रही है। गूगल के मुताबिक, वो कीप क्रोम को फरवरी 2021 में हमेशा के लिए बंद कर देगी।
कंपनी ने कहा कि उसका लंबा प्लान है जहां वो धीरे धीरे अपने क्रोम ऐप्स को बंद कर देगी। फिलहाल क्रोम ऐप को ओपन करने पर यूजर्स को ये जानकारी मिलती है कि क्रोम ऐप से इसे ब्राउजर पर भेज दिया जाएगा। क्रोम OS लॉक स्क्रीन अब किसी के लिए भी उपलब्ध नहीं होगा। बता दें कि कीप क्रोम एक्सटेंशन की मदद से आप आप सिस्टम पर किसी वेबपेज, फोटो, कोट्स को सेव कर सकते हैं।
5. गूगल मैसेजेज में कई कैटेगरीज
गूगल ने अपनी एंड्रॉयड मैसेजिंग ऐप गूगल मैसेजेज का नया अपडेट जारी करना शुरू कर दिया है। इसके बाद अब मैसेजेज कैटेगरी में बंट जाएंगे। यानी अब वन टाइम पासवर्ड (OTP) वाले मैसेजेज एक जगह और बैंक से आने वाले ट्रांजेक्शन के मैसेजेज एक जगह दिखाई देंगे। गूगल लंबे समय से इस फीचर की टेस्टिंग कर रही थी। जो यूजर इस फीचर को यूज करना चाहते हैं वे सेटिंग में से मैसेजिंग ऐप में जाकर इसे ऑन कर सकते हैं और जो इसका उपयोग नहीं करना चाहते वे इसे ऑफ कर सकते हैं। यूजर अपनी सुविधा के अनुसार कैटेगरी को बदल भी सकते हैं।
6. फेसबुक में आया डार्क मोड
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक की तरफ से फाइनली डॉर्क मोड को ऐप पर रोलआउट करना शुरू कर दिया गया है। एंड्रॉयड के साथ ही iOS यूजर्स ऐप पर डार्क मोड का अपडेट ले सकते हैं। फेसबुक की तरफ से कुछ महीने पहले मोबाइल पर डार्क मोड का सपोर्ट देने का ऐलान किया गया था।
ऐसे करें सेटिंग को अप्लाई
मोबाइल पर फेसबुक के डार्क मोड की सुविधा लेने अपने ऐप को सबसे पहले अपडेट करें।
अब ऐप पर डार्क मोड को टर्न ऑन करने के लिए मोबाइल के टॉप राइट कॉर्नर पर क्लिक करें।
इसके बाद Setting & Privacy ऑप्शन पर क्लिक करें।
अगर डार्क मोड आपके स्मार्टफोन पर रोलआउट हो गया है, तो Dark Mode दिखेगा।
इसके बाद Dark Mode पर टैप करके अनेबल कर लें।
7. iOS का नया अपडेट जारी
एपल ने iOS 14.2 और iPad OS 14.2 का अपडेट जारी कर दिया है। नए अपडेट के साथ नए वॉलपेपर, इमोजी सहित कई बग्स फिक्स दिए गए हैं। आप अपने आईफोन में अभी अपडेट कर सकते हैं। iOS 14.2 अपडेट के साथ 100 से ज्यादा नए इमोजी मिलेंगे। एपल के मुताबिक, इनमें एनिमल, फूड, फेस, हाउसहोल्ड ऑब्जेक्ट, म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट और जेंडर इंक्लूसिव इमोजी दी गई हैं।
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Weekly Discriber: Which Apps and Technology Were Updated 1 to 7 November, 2020
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