छत्तीसगढ़ीलोककथा लीलागर
-अंजली शर्मा
chhatisgarh lokkatha leelagar
“एक झन निःसंतान दंपति रहंय। गाँव के मुखिया रहे, अन्न-धन, जमीन-जायदाद के कछु कमी नइ रहे। फेर, विधाता हर हरेक के भाग म जम्मों जीनिस नइ लिखे रहय, कछु-न-कछु कमी कर देहे रथे। वइसने कमी ओकरो जीनगी म रथे। धन-दौलत भरे रथे फेर बाल-बच्चा बर तरसत रथें। कतको पूजा-पाठ, ब्रत-उपवास, प्रार्थना करथें भगवान के। ओकर गोसाईन हर शंकर भगवान के रोज…
नरसिंहनाथ मंदिर ओडिशा Nrusinghanath Temple Odisha नृसिंहनाथ मंदिर narsingh nath mandir odisha cgr नृसिंहनाथ मंदिर भारतीय राज्यों ओडिशा का एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। यह बारामगढ़ के पैइकमाल के पास गंधमर्धन पहाड़ी की तलहटी में स्थित है। यह मंदिर एक लोककथा किंवदंती मारजारा केशरी को समर्पित है। भारत के महानतम मंदिरों में से एक के रूप में प्रसिद्ध; नृसिंहनाथ मंदिर में विचित्र वातावरण है और इसकी रमणीयता के कारण, भक्त सभी मौसमों में इसके दर्शन करते हैं। इतिहास किंवदंती के अनुसार, जब लोग मुसिका दैत्य (अवतार माउस दानव) से बहुत पीड़ित थे, तो मारजारा केशरी के रूप में विष्��ु मणि राक्षसी मूषक रूप में भोजन करने के लिए दौड़े - मुसिका दैत्य सुरंग से कभी बाहर नहीं आए और मरजारा केशरी ने इंतजार किया। उस दिन। इस पौराणिक इतिहास के साथ मंदिर उसी दिन से प्रतिष्ठित है। यह कहानी अत्याचार और यातना की राक्षसी दुष्ट शक्ति के आधार पर है जो कभी भी आगे आने की हिम्मत नहीं करती है और भगवान नृसिंहनाथ उर्फ मरजारा केशरी तब से इसकी रक्षा कर रहे हैं। वास्तुकला पाटनागढ़ के राजा बैजल सिंह देव ने 1313 ईस्वी में इस ऐतिहासिक मंदिर की नींव रखी। यह केवल 45 फीट की ऊंचाई पर है, जिसे दो भागों में विभाजित किया गया है: पहला भगवान नृसिंहनाथ की सीट है, दूसरा जगमोहन को आवंटित किया गया है (एंटीचैबर जिसमें 3 गेट हैं और प्रत्येक में 4 खंभे हैं। ओडिया और देवनागरी शिलालेख के अनुसार, मंदिर था) 15 वीं शताब्दी की शुरुआत में बैजल देव द्वारा निर्मित। यह मंदिर भारत के ओडिशा क्षेत्र में प्रचलित देवला शैली की कलिंग वास्तुकला की उत्कृष्ट कृति है। पूजा और त्यौहार नृसिंह चतुर्दशी के अवसर पर यहां पवित्र बैसाख मेला लगता है। हर साल यह एक विशाल सभा को आकर्षित करता है। त्यौहार यहाँ सौर और चंद्र ग्रहण के अवसरों पर भी होते हैं। यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। कैसे पहुंचा जाये वायु द्वारा: निकटतम हवाई अड्डा बीजू पटनायक हवाई अड्डा, भुवनेश्वर। रेल द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन बरगढ़। सड़क मार्ग द्वारा: ओडिशा के सभी प्रमुख शहरों - भुवनेश्वर, बोलनगीर, कटक और रायपुर से बसें उपलब्ध हैं। वीडियो लिंक - https://youtu.be/JgipcRgeauE #nursinghnath #paikmal #bargarh #odisha #odishabyroad #narsinghnath #odishatemple (at Nursinghnath Temple) https://www.instagram.com/p/CmJF_ztrfku/?igshid=NGJjMDIxMWI=
भाईयो अपने हिंदू धर्म के पवित्र सदग्रंथ में जो लिखा गया है उसमे से हमे अभी तक किसी भी धर्मगुरु ने नही बताया कि कर्म का भोग भोगना ही पड़ता है बिल्कुल वीडियो में सही कहा है की कर्म का भोग भोगना ही है तो हम भक्ति क्यों करे कर्म का भोग भोगना ही है पर रामपाल जी महाराज ने यहां बताया है की भक्ति किस परमेश्वर की करना चाहिए और कोन से भगवान हमे इस 84 लाख योनियों से मुक्त करा सकते है मोक्ष मार्ग तो हमे अपने सद्ग्रंथ के अनुसार भक्ति करने स��� ही मिलेगा जैसे अपने सद्ग्रंथ में सही भक्ति विधि बताई गई है इस डेविट से मुझे समझ में आया की हम हिन्दुओं के साथ जितने भी कथा वाचक है वह हमे लोककथा सुना के हमारे मनुष्य जीवन से खेल रहे हैं और हमे नर्क की ओर ले जा रहे है यदि आज रामपाल जी महराज यह ज्ञान को हमारे सद्ग्रंथ में से मिलान करके नही बताते तो हम भी आज सतभक्ति से कोसो दूर रहते और मृत्यु के पश्चात नर्क में जाना पड़ता रामपाल जी महाराज का ज्ञान अपने ही सद्ग्रंथो में से ही बता रहे है और मानव जीवन का कल्याण कर रहे है
बुन्देलखंड में व्रतकथाओं के दो रूप हैं। पहला रूप है पौराणिक जो पुराणो से लिया गया है। दूसरा रूप है व्रतकथा का लोकरूप, जो लोककथा की तरह बुना हुआ है और लोक प्रचलित है। Bundeli Lok Vratkathaye जनमानस की भावनाओं से परंपराओं की तरह जुड़ी हुई हैं।
बुन्देलखंड की लोक व्रतकथायें
गणेश चतुर्थी में पार्वती का शरीर के मैल से पुतला बनाकर गणेश की उत्पत्ति, स्नान के समय गणेश का पहरा, शिवजी से युद्ध, गणेश के सिर…
English: legend 1. especially, a chronicle or register of the lives of saints, formerly read at matins, and in the refectories of religious houses 2. that which is appointed to be read 3. a story respecting saints ------------ - Chinese: 传奇 - French: légende - German: die Legende - Hindi: लोककथा - Italian: leggenda - Portuguese: lenda - Spanish: leyenda ------------ See previous words @ https://wordofthehour.org/r/past
Table of Contentsलड़का और स्टार फ़िश : Boy and Star Fish story
कौआ और लोमड़ी: Crow and Fox Short Hindi Story
"द अग्ली डकलिंग": The Ugly Duckling
"द थ्री लिटिल पिग्स" तीन छोटे सुअर Short Hindi Story
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लड़का और स्टार फ़िश : Boy and Star Fish story
Short Hindi Story: एक बार, एक शांत तटीय गाँव में, असाधारण करुणा की भावना वाला एक युवा लड़का रहता था।
वह हर सुबह समुद्र के किनारे जाता था, जहाँ अनगिनत स्टार फ़िश घटते ज्वार के कारण फँस गई थीं।
बड़ी सावधानी से, वह उन्हें एक-एक करके उठाता और वापस विशाल महासागर में फेंक देता।
यह एक श्रमसाध्य कार्य था, फिर भी उन्होंने इसे अटूट समर्पण के साथ किया।
एक दिन, लड़के के लगातार प्रयासों से प्रभावित होकर एक बूढ़ा व्यक्ति उसके पास आया।
उन्होंने पूछा, "तुम ऐसा क्यों करते हो, मेरे बच्चे? समुद्र तट मीलों तक फैला हुआ है,
और वहाँ बहुत सारी स्टार फ़िश हैं। तुम संभवतः उन सभी को नहीं बचा सकते।"
लड़का एक क्षण के लिए रुका, उसके हाथ में एक तारामछली थी। दृढ़ दृष्टि से, उसने उसे पानी में फेंक दिया
और उत्तर दिया, "आप सही हैं; मैं उन सभी को नहीं बचा सकता।
लेकिन मैं इसके लिए बदलाव ला सकता हूँ।" लड़के की बातों की बुद्धिमत्ता से बूढ़ा व्यक्ति आश्चर्यचकित रह गया।
उसने समझ में सिर हिलाया और लड़के को अपना काम जारी रखने के लिए छोड़कर चला गया।
लड़के और स्टार फ़िश की कहानी हमें सिखाती है कि दुर्गम चुनौतियों के सामने भी, दयालुता और करुणा के हमारे छोटे-छोटे कार्य किसी के जीवन में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। यह हमें याद दिलाता है कि हमें किसी भी अच्छे काम की शक्ति को कम नहीं आंकना चाहिए।
कौआ और लोमड़ी: Crow and Fox Short Hindi Story
एक हरे-भरे, प्राचीन जंगल में, एक चतुर कौवा अपनी चोंच में स्वादिष्ट पनीर का एक टुकड़ा लेकर एक शाखा पर बैठा था।
कौवे को अपने पुरस्कार पर गर्व हुआ। नीचे, एक धूर्त लोमड़ी ने पनीर को देखा, उसके मुँह में पानी आ गया।
लोमड़ी, जो अपने चालाक तरीकों के लिए जानी जाती है, कौवे के पास आई और बोली, "ओह, तुम कितने शानदार पक्षी हो!
तुम्हारे पंख सबसे अच्छे हैं, और तुम्हारी आवाज़, मैंने सुना है, जंगल में सबसे मधुर है।
मैं निश्चित रूप से आपका गायन आपकी उपस्थिति की तरह ही मनमोहक है।
क्या आप मुझे एक गीत सुनाकर अनुग्रहित करेंगे?" चापलूसी से खुश होकर कौआ विरोध नहीं कर सका।
उसने गाने के लिए अपनी चोंच खोली और उसी क्षण पनीर जमीन पर गिर गया। लोमड़ी ने तेजी से उसे पकड़ लिया
और बोली, "प्यारे कौए, तुम कितने चतुर हो, लेकिन सुंदरता और तारीफ ज्ञान जितनी मूल्यवान नहीं हैं।"
कहानी का सार स्पष्ट है: चापलूसी और खोखले शब्दों से सावधान रहें, क्योंकि वे आपके नुकसान का कारण बन सकते हैं।
"द अग्ली डकलिंग": The Ugly Duckling
हंस क्रिश्चियन एंडरसन की एक क्लासिक कहानी है।
यह बत्तखों के बीच पले हुए एक युवा हंस की कहानी बताती है,
जिसे अलग होने के कारण तिरस्कृत किया जाता है और बदसूरत माना जाता है।
हालाँकि, जैसे-जैसे मौसम बदलता है, "बदसूरत बत्तख" एक शानदार हंस में विकसित हो जाता है।
यह कहानी इस सबक को खूबसूरती से दर्शाती है कि सुंदरता व्यक्तिपरक है
और हर किसी के अपने अद्वितीय गुण होते हैं।
युवा हंस का परिवर्तन हमें याद दिलाता है
कि हमें दूसरों को उनकी उपस्थिति या अंतर के आधार पर नहीं आंकना चाहिए,
क्योंकि ये अंतर उभरने की प्रतीक्षा कर रहे असाधारण गुणों को छिपा सकते हैं।
अपने व्यक्तित्व को अपनाना और अपने और दूसरों के भीतर अंतर्निहित सुंदरता को पहचानना एक महत्वपूर्ण सबक है।
"द अग्ली डकलिंग" दयालुता, सहानुभूति और विविधता के उत्सव को प्रोत्साहित करती है, जिससे यह बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए एक कालातीत और शक्तिशाली कहानी बन जाती है।
"द थ्री लिटिल पिग्स" तीन छोटे सुअर Short Hindi Story
तीन सुअर भाई-बहनों के बारे में एक प्रिय लोककथा है जो अपना घर बनाने के लिए निकले थे।
एक सुअर पुआल का घर बनाता है, दूसरा लकड़ियों का उपयोग करता है,
और तीसरा एक मजबूत ईंट का घर बनाता है। एक चालाक भेड़िया उनके घरों को उड़ा देने की धमकी देता है।
पहले दो सूअरों के कमज़ोर घर भेड���िये की हड़बड़ाहट
और फुसफुसाहट की भेंट चढ़ जाते हैं। हालाँकि, तीसरे सुअर का ईंट का घर सुरक्षित है।
कहानी का नैतिक कड़ी मेहनत, दूरदर्शिता और भविष्य के लिए योजना के महत्व पर जोर देता है।
तीसरे सुअर की मेहनत और तैयारी रंग लाई,
जिसने चुनौतियों का सामना करते समय लचीलेपन और संसाधनशीलता के मूल्य पर प्रकाश डाला।
यह क्लासिक कहानी बच्चों को सिखाती है कि बुद्धिमानी से निर्णय लेने और एक मजबूत नींव बनाने के प्रयास से उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने में मदद मिल सकती है और अंततः एक सुरक्षित और सुरक्षित भविष्य प्राप्त हो सकता है।
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NCERT / CBSE Class-7- Durva – Second Lng. II [Hindi Medium]
पाठ्य पुस्तक दूर्वा II
• चिड़िया और चुरुंगुन (कविता)
• सबसे सुंदर लड़की (कहानी)
• मैं हूँ रोबोट (निबंध)
• गुब्बारे पर चिता (कहानी)
• थोड़ी धरती पाऊँ (कविता)
• गारो (लोककथा)
• पुस्तकें जो अमर हैं (निबंध)
• काबुलीवाला (कहानी)
• विश्वेश्वरैया (व्यक्तित्व)
• हम धरती के लाल (कविता)
• पोंगल (निबंध)
• शहीद झलकारीबाई (एकांकी)
• नृत्यांगना सुधा चंद्रन (जीवनी)
• पानी और धूप (कविता)
• गीत (कविता)
• मिटटी की मूर्तियाँ (निबंध-अतिरिक्त पठन हेतु)
• मौत का पहाड़ (चित्रकथा)
• हम होंगे कामयाब एक दिन (गीत-अतिरिक्त पठन हेतु)
(All books are 100℅ original and as per the latest NCERT syllabus. Prices includes Rs. 30 per book mandatory binding charges.)
सुपरस्टार कृष्णा के अंतिम अधिकार कल हैदराबाद के महा प्रस्थानम में होंगे | तेलुगु फिल्म समाचार
सुपरस्टार कृष्णा के अंतिम अधिकार कल हैदराबाद के महा प्रस्थानम में होंगे | तेलुगु फिल्म समाचार
1986 भारतीय तेलुगु भाषा की महाकाव्य ऐतिहासिक फिल्म कृष्णा द्वारा लिखित, निर्देशित, संपादित और निर्मित की गई, जिन्होंने जया प्रदा, राधा और मंदाकिनी के साथ अभिनय किया। फिल्म एक साथ हिंदी में सिंघासन के रूप में बनाई गई थी। एक लोककथा पर आधारित यह फिल्म 21 मार्च 1986 को रिलीज हुई थी। सिंहसनम तेलुगु सिनेमा की पहली 70 मिमी स्टीरियोफोनिक ध्वनि फिल्म है।
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आलोचकों की रेटिंग:
3.5/5
विक्रम वेधा बेताल पच्चीसी की लोककथा से प्रेरित है, जिसमें राजा विक्रमादित्य एक चालाक राक्षस को पकड़ने के लिए निकलता है जो बार-बार राजा को अलग-अलग पहेली से भरी कहानियां सुनाता है और जब राजा सही जवाब देता है तो भाग जाता है। फिल्म आधुनिक लखनऊ पर आधारित है। विक्रम (सैफ अली खान) एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी है जो खूंखार गैंगस्टरों को पकड़ने के लिए गठित एक टास्क फोर्स का नेतृत्व…
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NCERT Book for Class 5 Hindi in English PDF
पाठ 1: राख की रस्सी (लोककथा)
पाठ 2: फसलों के त्योहार (लेख)
पाठ 3: खिलौनेवाला (कविता)
पाठ 4: नन्हा फनकार (कहानी)
पाठ 5: जहाँ चाह वहाँ राह (लेख)
पाठ 6: चिट्ठी का सफ़र (लेख)
पाठ 7: डाकिए की कहानी, कुँवरसिंह की जुबानी (भेंटवार्ता)
पाठ 8: वे दिन भी क्या दिन थे (विज्ञान कथा)
पाठ 9: एक माँ की बेबसी (कविता)
पाठ 10: एक दिन की बादशाहत (कहानी)
पाठ 11: चावल की…
{Featured in IMDb Critics Reviews}
निर्देशक - पवन कुमार शर्मा
स्टार कास्ट - संजय मिश्रा, आस्था सावंत, नीरज सूद, यशपाल शर्मा, राजेश जैस, मंदाकिनी गोस्वामी, आदित्य श्रीवास्तव, गौरी वानखेड़े, अंशुल कुमार
हमारे देश में अनेकों प्रेम की दास्तानें आज भले ही कब्र में चैन की सांस ले रही हों, आराम फरमा रही हों। लेकिन उनका वह दौर था जब उन्होंने अपने समाज से लड़ाईयाँ लड़ीं, संघर्ष किया और आज वे प्रेमियों के पूजक बन गये हैं। भले ही उनके मायने आज बदल गये हों तथाकथित प्यार करने वाले लोगों के लिए लेकिन प्रेम अगर सच्चा हो तो वह अपनी राहें खुद बना ही लेता है।
ऐसी ही एक प्रेम कहानी है हिमाचली प्रेम कहानी। लाहुला और शिव की जो कब्र में दफन तो नहीं हो पाई लेकिन वह नदी में जरूर डूब गयी और उस नदी का पानी सारा प्रेममय हो गया। उस प्रेम के मीठे पानी के सहारे पूरे समाज में लाहुला ने जो अलख जगाई उस लाहुला की प्रेम की लोक गाथा को उसी के समाज ने विस्मृत सा कर दिया ताकि कोई और लाहुला जन्म न ले सके। हिमाचल के एक व्यक्ति ने बीड़ा उठाया उस लड़की की प्रेम कहानी को समाज के सामने लाने का। वह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि साल 1989 में दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अभिनय में आखरी गोल्ड मैडल हासिल करने वाला छात्र भी बना, वह व्यक्ति है पवन शर्मा जिनकी बनाई फ़िल्म 'वनरक्षक' भी यूनिक कहानी है।
खेकराम और रज्जो
फ़िल्म की कहानी लोककथा पर आधारित है, उस लोककथा को आजतक किसी ने साहित्य में नहीं लिखा है। लाहुला की एक बड़ी बहन रज्जो है जिसकी शादी हुई है खेकराम से खेकराम के दो भाई और हैं सुक्खी, रामलाल। रज्जो ब्याही तो खेकराम से गयी लेकिन उसे बिस्तर साझा करना पड़ रहा है अपने देवरों के साथ भी। रज्जो और लाहुला कि माँ के साथ भी ऐसा ही हुआ था इसलिए उसकी माँ अपनी जमीन, जायदाद बचाने और उसे अपने बेटे के लिए सुरक्षित रखने के लिए लाहुला की जिन्दगी को दांव पर लगाया और गाँव के एक साहूकार से उसकी शादी कर दी। साहूकार की पहली बीवी आत्महत्या कर चुकी है और लाहुला का जो भाई है वह फ़िल्म में दिखाई तो नहीं देता लेकिन सारी लड़ाई उसी के लिए लड़ी जा रही है।
लाहुला की माँ
लाहुला की माँ ने भी कभी उसके बाप तथा ताऊ के साथ बिस्तर बांटा था। अब उसकी माँ को शिव और लाहुला का प्रेम रास नहीं आता इसलिए वह अपने पति की न सुनकर अपनी मन मर्जी कर रही है लाहुला भी अपने माँ-बाप के प्यार को परखने के लिए अपने प्रेम की आहुति दे दी। अब कुछ यूं हुआ कि लाहुला अपने से चौगुनी उम्र के किसी और व्यक्ति से ब्याह रचाने के बाद तथा ब्रीणा हासिल करने के बाद बीच रास्ते अपनी डोली रुकवाकर नदी में कूद कर जान दे दी। आज भी हिमाचल के उस गाँव में एक मेला लगाया जाता है जिसे बसोआ नाम दिया गया है उसमें गुड्डे-गुड़िया की शादी की जाती है और अंत में उन्हें नदी में बहा दिया जाता है।
फ़िल्म की कहानी बड़ी ही प्यारी होने के साथ-साथ दुखदाई भी है। फ़िल्म स्त्री समाज पर सदियों से हो रहे अत्याचार की बात भी करती है तो वहीं प्रेम की अनकही, अनसुनी दास्तान को भी हमारे सामने लाती है। गलती एक इंसान ने की हो तो चल जाता है लेकिन उसी गलती को पूरा समाज करे तो वह उस समाज के लिए दाग बन जाता है। उसी दाग को मिटाने की भरपूर कोशिश करती है ब्रीणा। ब्रीणा दरअसल वह धनराशि है जो लड़की के माँ-बाप को लड़के वाले देते हैं। उससे पहले वे बाथड़ा/बाठड़ा नाम का खेल भी करते हैं जिसे एक तरह से गरीबों का स्वयंवर कहा जा सकता है। इसमें जो सबसे ज्यादा ब्रीणा लड़की के परिवार वालों को देता है लड़की का परिवार उसी के साथ अपनी लड़की को ब्याहकर भेज देता है।
लाहुला और शिव
लाहुला जिस शिव से प्रेम करती है उसके भी तीन भाई थे लेकिन शिव उनसे अलग रह रहा है और वह अपनी लाहुला को उनके साथ नहीं बांटना चाहता वह उसे हर वो खुशी देना चाहता है जिसकी हकदार वह लाहुला को समझता है। लाहुला इतनी खूबसूरत है कि खूबसूरती भी उससे माफी माँगे, झरने जैसी लाहुला का शरीर किसी लचीली बेल की डाल की माफिक है। लाहुला का मानना है कि गलत चीजें को रोने से नहीं बल्कि रोकने से रुकती है। अब लाहुला कितनी इसमें सफल हो पाई यह तो फ़िल्म देखने के बाद दर्शक ही बता सकते हैं। लेकिन यह प्रथा अब हिमाचल से लगभग लुप्त हो चुकी है लेकिन उनकी प्रेम कहानी आज भी कही जाती है।
फ़िल्म के गीत प्रसिद्ध गीतकार 'इरशाद कामिल' तथा नरेश पंडित ने लिखे हैं और आवाज दी है 'साधना सरगम', 'सुनिधि चौहान', जसपिंदर नरूला ने। फ़िल्म में ��शपाल शर्मा, संजय मिश्रा, राजेश जैस, आस्था सावंत , अंशुल कुमार, गौरी वानखेड़े का अभिनय बेहतरीन रहा और ये सभी किरदार अपना-अपना कर्मक्षेत्र बड़ी ही खूबसूरती से निभाते नजर आए। हालांकि निर्देशन की कुछ एक कमियाँ और बैकग्राउंड स्कोर की कमियों से भी फ़िल्म अछूती नहीं है लेकिन जब बेहद सीमित बजट आपके पास हो और कहानी के नाम पर चंद लाइन ही हों तब ऐसी बेहतर फ़िल्म बनाना बड़ा कठिन और जोखिमभरा हो जाता है। फ़िल्म के गाने ' रंग बदले', 'तू है सहारा', 'ताल दरिया' आपका मन मोह लेते हैं तो साथ ही फ़िल्म की कहानी भी आपको कुछ नया और हटकर दे जाती है।
यह फ़िल्म अब तक दो दर्जन से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों में प्रदर्शित की जा चुकी है और कुछ दिन के लिए डी टी एच पर भी दिखाई गयी थी। फ़िल्म फेस्टिवल्स के कई दौरे करने के बाद यह फ़िल्म एक मुकम्मल ओटीटी की खोज में लगी ह���ई है। जैसे ही यह किसी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आए इसे बिना कहे लपक लीजिएगा। ऐसी प्यारी, सुंदर, बेहतरीन प्रेम कहानियाँ जितनी खूबसूरती से दिखाई जाती हैं उन्हें देखा और सराहा भी उसी खूबसूरती से जाना चाहिए।
एक बार एक लेख 'भारतीय सिनेमा का मंत्र - ॐ प्रेमाय स्वाहा' में मैंने लिखा था - प्रेम शून्य से ब्रह्मांड और ब्रह्मांड से शून्य की यात्रा तय करता है। प्रेम के निकलते ही वे मठों, आश्रमों, ऑफिसों में तब्दील होने लगते हैं और फाइलों के भार से दबा यह संसार वीतरागी हो जाता है। ओफ़! कितना अनर्थ होगा न प्रेमाभाव में। इसीलिए मैं इसे प्रेम युग की संज्ञा देता हूँ और खुद को भी भाग्यशाली मानता हूँ कि इस युग में मैं भी जरुर कोई मजनूं, हीर, रांझा, रोमियो जैसा महान प्रेमी बन जाउंगा और लोग मेरे नाम की प्रेम के साप्ताहिक महापर्व और अश्वमेघ यज्ञ में सबसे अधिक आहुतियाँ लगाया करेंगे। ॐ प्रेमाय: स्वाहा! इस फ़िल्म की कहानी भी कुछ उसी तरह की है लेकिन बावजूद इसके यह उन सबसे अलग और विशेष है।
अपनी रेटिंग - 3.5 स्टार
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रतिहाकुन के बेरा आय। हा हा हा हा ही ही ही ही ही करत खटिया ले मोन्टू दनाक ले गिरगे । ही ही ही पे—- रोवत हे। चेमन कठल-कठल के हँसत हे। कका दाई मोंटू के रोवइ ल सुनके अउ चेंमन के हँसइ ला देखके खिसियावत किहिस “वाह रे कलजुगिहा भाई अपन छोटे भाई ल रोवत देख के तोला हंसी आवत हे। अपन…
English: legend 1. especially, a chronicle or register of the lives of saints, formerly read at matins, and in the refectories of religious houses 2. that which is appointed to be read 3. a story respecting saints ------------ - Chinese: 传奇 - French: légende - German: die Legende - Hindi: लोककथा - Italian: leggenda - Portuguese: lenda - Spanish: leyenda ------------ See previous words @ https://wordofthehour.org/r/past