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kavirameshchauhanfan · 10 months
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मेरी नई कविताएं-रमेश चौहान
मेरी नई कविताएं -रमेश चौहान meri nai kavitayen चिंता और चिंतन अनसुनी बातेंसुनता रहा मैंअनकही बातेंकहता रहा मैंअनदेखीदृश्य को देखकर । विचारों की तंतुमन विबर की लार्वा सेतनता जा रहा थाउलझता-सुलझता हुआमन को हृदय कीगहराई में देखकर ।। चिंता और चिंतनगाहे-बगाहे साथ हो चलेनैतिकता का दर्पण मेंअंकित छवि को देखकर ।। अंधभक्‍त और चम्‍मच अंधभक्त अंधा नहीं, चम्मच नहीं निर्जीव दो पाटन के बीच में पीस…
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kavirameshchauhanfan · 10 months
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Vedi set (मण्‍डलम् चक्रम्)
यह 7 मण्‍डल चक्र का सेट है जिसमें 2*2 फीट आकार में कपड़े की सिलाई से तैयार की रंगीन वेदी है।  इसमें सर्वतोभद्र, एकलिगातोभद्र, वास्‍तु चक्र, क्षेत्रपाल चक्र, नवग्रह चक्र, षोडस मातिृका चक्र एवं चौसठ योगिनी चक्र है । इसे पाटे पर डाल कर पूजा के लिए उपयोग में लाई जा सकती है । बार-बार वास्‍तु मण्‍डल बनाने की आवश्‍यकता नहीं है । यह बनी-बनाई है और धुलाई योग्‍य है । कुछ लोग प्‍लेक्‍स पर इसका प्रयोग करते…
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kavirameshchauhanfan · 10 months
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छत्तीसगढ़ की पारंपरिक पैरा कला
“छत्‍तीसगढ़ की पारंपरिक कला : पैरा आर्ट-एक संपूर्ण गाइड” एक ऐसी पुस्तक है जो छत्तीसगढ़ के इस पारंपरिक कला रूप के समृद्ध इतिहास, तकनीकों और आधुनिक नवाचारों पर प्रकाश डालती है। किताब की शुरुआत पैरा कला, इसकी उत्पत्ति और छत्तीसगढ़ में इसके महत्व के परिचय के साथ होती है। पैरा कला सीखने की इच्‍छा रखने वालों को आरंभ करने में मदद करने के लिए चित्रों के साथ, पैरा कला के लिए आवश्यक सामग्रियों और उपकरणों…
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kavirameshchauhanfan · 11 months
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दुखांत विषय से बेहतर कथानक कैसा?
महान विचारक अरस्तू ने कहा है – “Tragedy is the best form of poetry.” दुखांत कथानक से अधिक कौन सा कथानक मानव संवेदना को झकझोरता है! कदाचित कोई नहीं; नि:संदेह दुखांत घटना चाहे व्यक्ति के निजी जीवन में अथवा समष्टि /समूह के जीवन यात्रा में अचानक घटित होती है, सुनने और देखने वालों के मन और हृदय को विचलित ही कर देता है । साहित्य में तो निरीह, संघषर्रत व्यक्ति का जीवन वर्णन हमारे भावों को शून्य करते…
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kavirameshchauhanfan · 11 months
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छत्तीसगढ़ के लोक जीवन म कबीर
        छत्तीसगढ़िया मनखे के नस नस म कबीर समाय हवय कइहँव त ये बात अतिशंयोक्ति नइ होही। जिहाँ छत्तीसगढ़ मा कबीरपंथ के लाखों अनुयायी हो उँहा कबीर के लोकप्रियता के अंदाजा आप अइसने लगा सकथव। कबीर के दोहा, साखी, सबद रमैनी, निर्गुण भजन, उलटबासी छत्तीसगढ़ म सैकड़ों बछर ले अनवरत प्रवाहित हे।        एक डहर कबीर भजन के हजारों ऑडियो, वीडियो उपलब्ध हवय उँहें दूसर डहर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जुग म यू ट्यूब म…
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kavirameshchauhanfan · 11 months
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बाल साहित्य (कविता संग्रह):छोटी चिड़िया नीला रंग -प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह
बाल साहित्य (कविता संग्रह):छोटी चिड़िया नीला रंग -प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह ” छोटी चिड़िया नीला रंग” नामक पुस्तक में बच्चों के लिए चालीस कवितायेँ हैं । कवि प्रोफेसर रवीन्द्र प्रताप सिंह ने जीव जन्तुओ , प्रकृति और बाल भावों को केंद्र में रखते हुए बाल पाठकों के लिए सार्थक और रोचक पाठ प्रस्तुत किये हैं। ) chhoti chidiya nila rang 1.ट्रेन निकलती जंगल दिखते , पर्वत दिखतेहरे भरे मैदान भी फैले।छोटी…
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kavirameshchauhanfan · 11 months
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तर्क (Logic) अथवा आचार (Ethics):एक व्यंग्य आलेख
logics & Ethics आचार का अनुपालन, बहुत कठिन है डगर पनघट की! तर्क कठिन है किंतु उतना नहीं क्योंकि इसमें आचार का अभाव होता है, बुद्धि के खेल का प्रभाव प्रारंभ हो जाता है; तर्क के द्वारा जो जिसको जितना मूर्ख बना दे, परंतु युक्तिसंगत तर्क! इसके द्वारा तो मूर्ख को चारो खाने चित्त कर दिया जाता है.मूर्ख किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाता है। किंतु मूर्ख बनने में लाभ है न! मूर्ख बनने में और मूर्ख होने में अंतर…
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kavirameshchauhanfan · 11 months
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मेरा दृष्टिकोण:शब्द सौंदर्य, साहित्य के दर्पण में -प्रो. अर्जुन दूबे
मेरा दृष्टिकोण:शब्द सौंदर्य, साहित्य के दर्पण में -प्रो. अर्जुन दूबे यह चित्र तो अनुपम है, इसकी खूबसूरती इतनी है कि लगता है कि यह अभी बोल पड़ेगी! मन करता है कि इसे मैं अपलक निहारता रहूं! महान कवि कालिदास के मालविकाग्निमित्रम में तभी तो अग्निमित्र मालविका के चित्र से प्रेम कर बैठे थे । चित्र अद्वितीय रहा होगा, किंतु अब कहां है! न तो चित्र है और न ही चित्र के प्रति सम्मोहित समर्पित चरित्र ।…
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kavirameshchauhanfan · 11 months
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बाल साहित्य (कविता संग्रह):एक घोंसला चिड़िया का -प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह
एक बाल साहित्य (कविता):एक घोंसला चिड़िया का -प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह “एक घोंसला चिड़िया का” नामक पुस्तक में बच्चों के लिए चालीस कवितायेँ हैं । कवि प्रोफेसर रवीन्द्र प्रताप सिंह ने जीव जन्तुओ , प्रकृति और बाल भावों को केंद्र में रखते हुए बाल पाठकों के लिए सार्थक और रोचक पाठ प्रस्तुत किये हैं।” ek ghosala chidiya ka 1.बॉलकनी में नया घोंसला बॉलकनी में नया घोंसला ,देखो उसमे चिड़िया आयी।जाने कहाँ…
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पांच सात पांच (जापानी विधा में हिन्दी कवितायें)
पांच सात पांच (जापानी विधा में हिन्दी कवितायें) -रमेशकुमार सिंह चौहान ‘पांच सात पांच’ मेरी (रमेश चौहान) लिखी गई जापानी विधा में हिन्दी कविताओं का संग्रह है । इस संग्रह कुछ चुनिंदा कविताएं यहां प्रस्‍तुत की जा रही हैं । जापानी विधा में हिन्दी कवितायें हाइकु 1. हे गजानन कलम के देवता रखना लाज । 2. ज्ञान दायनी हर लीजिये तम अज्ञान मेट । 3. आजादी पर्व धर्म-धर्म का पर्व देश का गर्व. 4.…
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बाल साहित्य (काव्‍यसंग्रह): कई दिनों से चिड़िया रूठी-प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह
बाल साहित्य (काव्‍यसंग्रह): कई दिनों से चिड़िया रूठी -प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह द्वारा रचित बाल साहित्‍य की अनूपम कृति बाल काव्‍य संग्रह ‘कई दिनों से चिडि़या रूठी’ समग्र रूप से यहां प्रकाशित की जा रही है । यह बाल काव्‍य संग्रह नए दौर के बच्‍चों के लिए पठनीय है । bal kavita sangrah 1.कई दिनों से चिड़िया रूठी कई दिनों से चिड़िया रूठीपास बुलायें , पास न आये।इधर उड़ रही ,…
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लघु व्‍यंग्‍य:दांपत्य जीवन का संक्रमण
लघु व्‍यंग्‍य:दांपत्य जीवन का संक्रमण -प्रोफेसर अर्जुन दूबे dampttya jiwan ka sankraman सा भार्याया गृहे दक्षा,सा भार्याया प्रियंवदा ।सा भार्याया पति प्राणा, सा भार्याया पतिब्रता ।। सभी स्वतंत्र, नहीं, नहीं स्वच्छंद, जिसमें बंधन नहीं हो में रहना पसंद करते हैं :स्वतंत्रता में तो बंधन रहेगा ही क्योंकि स्वयं की स्वतंत्रता का रस पान करने के लिए दूसरे की स्वतंत्रता का महत्व तो देना ही पड़ेगा!…
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बाल साहित्य (कविता):डोका और लोका-प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह
बाल साहित्य (कविता):डोका और लोका द्वितिय भाग -प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह Doka aur Loka-2 डोका और लोका पुस्तक डोका और लोका नामक दो बंदरों के साहस की कहानी है। बाल पाठकों के लिए दूसरी और अंतिम कड़ी प्रस्तुत है : पक्षी तो थे पर थोड़े से ,आश्चर्य चकित थे दोनोंहै इतना फैला विस्तृत ये वन ,नदी बह रही है प्यारी सी।शीतल जल था स्वच्छ धवल ,दोनों तट पर हरियाली थी ,दोनों को आश्चर्य हुआ ,कितना सुन्दर है ये…
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बाल गीत- नानी के घर जाबो (सार छंद)
बालगीत- नानी के घर जाबो (सार छंद) -कन्‍हैया साहू ‘अमित’ chhattisgarhi balgeet छुट्टी होगे गरमी के अब, नानी के घर जाबो।पढ़ना-लिखना छोड़ अभी हम, नँगते मजा उड़ाबो।। पोठ करे हन पढ़ई-लिखई, हालत होगे खस्ता।निपट परीक्षा गेहे जम्मों, थीरथार हे बस्ता।बेर चढ़त ले नींद भाँजबो, सपना सुघर सजाबो।छुट्टी होगे गरमी के अब, नानी के घर जाबो।-1 खीर तसमई संग करौनी, मिलही दूध, महेरी।गाय, भँइस के पाछू फिरबो, पाबो बछिया,…
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एक व्यंग्य आलेख:मैं चक्रवर्ती सम्राट बन कर रहूंगा -प्रोफेसर अर्जुन दूबे
एक व्यंग्य आलेख:मैं चक्रवर्ती सम्राट बन कर रहूंगा -प्रोफेसर अर्जुन दूबे Mai Chatrwarti samarat banuga अश्वमेध यज्ञ करूंगा, परंतु उससे क्या होगा? चक्रवर्ती बन जाउंगा. वह कैसे! मेरे फरमान को सभी स्वीकार करेंगें और जो नहीं स्वीकार करेगा उसकी मृत्यु सुनिश्चित कर दूंगा! प्राचीन काल में अश्वमेध घोड़ा छोड़ जाता था,चारो ओर वह भ्रमण करता था, यदि किसी ने बांध लिया तो उससे युद्ध होता था । भगीरथ की कथा…
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बाल साहित्य (कविता):डोका और लोका-प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह
बाल साहित्य (कविता):डोका और लोका -प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह डोका और लोका पुस्तक डोका और लोका नामक दो बंदरों के साहस की कहानी है। बाल पाठकों के लिए यह क्रमशः प्रस्तुत है : Doka Aur Loka डोका और लोका भाग -1 बात पुरानी है यह बच्चोकई साल पहले की ,एक बहुत ही बड़ा था जंगलवहां पहाड़ों से सट कर।कई किलोमीटर तक फैला। तरह तरह के वृक्ष थे उसमेफल फूलों वाले और कटीले ,कितनी भी तेज धूप फैली होलगता बस वहां…
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सर्वाधिक आबादी को बोझ नहीं ताकत बनाएं
सर्वाधिक आबादी को  बोझ नहीं ताकत बनाएं  आज भारत विश्व का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है। इसे बोझ समझने की बजाय  एक अवसर मानकर चुनौतियों का सामना करना चाहिए । किसी देश की जनसंख्या को अक्सर उसकी ताकत और क्षमता के एक महत्वपूर्ण संकेतक के रूप में देखा जाता है। जबकि कुछ लोग बढ़ती जनसंख्या को एक बोझ के रूप में देख सकते हैं, वास्तविकता यह है कि एक अच्छी तरह से प्रबंधित जनसंख्या एक राष्ट्र के लिए…
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