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#मिरगी
trendingwatch · 2 years
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फातिमा सना शेख ने अपनी नई पोस्ट के साथ मिर्गी के बारे में जागरूकता फैलाई, 5 तथ्य साझा किए
फातिमा सना शेख ने अपनी नई पोस्ट के साथ मिर्गी के बारे में जागरूकता फैलाई, 5 तथ्य साझा किए
फातिमा सना शेख ने शेयर की ये तस्वीर. (शिष्टाचार: fatimasanashaikh) नई दिल्ली: फातिमा सना शेखो मिर्गी के बारे में जागरूकता फैलाने वाली एक पोस्ट छोड़ने के बाद इंटरनेट पर एक भारी चर्चा पैदा कर रही है, एक मस्तिष्क विकार जो “मस्तिष्क में रहने वाली परेशान तंत्रिका कोशिका गतिविधि के कारण आवर्ती, अकारण दौरे” का कारण बनता है। अपने पोस्ट के साथ, अभिनेत्री मिर्गी जागरूकता चुनौती 2022 को चिह्नित कर रही है।…
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drhimanshugupta · 2 days
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डॉ. हिमांशु गुप्ता(Best Neurosurgeon In Jaipur) माइक्रोस्कोपिक एंड इंडोस्कोपिक ब्रेन एंड स्पाइन न्यूरोसर्जन
परामर्श लें
⏭ सिर पर चोट ⏭ रीढ़ की हड्डी में चोट ⏭ मस्तिष्क का ट्यूमर ⏭ रीढ़ की हड्डी का ट्यूमर ⏭ स्लिप डिस्क ⏭ सिरदर्द और माइग्रेन ⏭ मिरगी
अस्पताल:-जीवन रेखा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, जयपुर
पता:-एस24, सेंट्रल स्पाइन, महल योजना, जगतपुरा,जयपुर,
समय:- सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक
क्लिनिक:-जयपुर एडवांस मल्टीस्पेशलिटी क्लिनिक पता:- ई-19, गिरधर मार्ग, अमित भारद्वाज पेट्रोल पंप के पास, मालवीय नगर, जयपुर
समय:- शाम 05:00 बजे से शाम 08:00
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:-9650052767
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althafrana · 10 months
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इरेक्टाइल डिसफंक्शन तब होता है जब कोई व्यक्ति यौन संभोग के लिए इरेक्शन को पर्याप्त रूप से प्राप्त करने या रखने में असमर्थ होता है। यह इरेक्शन प्रक्रिया के किसी भी चरण में समस्याओं के कारण हो सकता है। क्या आप जानते हैं कि पुरुषों में इरेक्शन कैसे होता है? जब कोई व्यक्ति यौन रूप से उत्तेजित होता है, तो लिंग में रक्त वाहिकाओं के भीतर एक मांसपेशी आराम करती है। यह पेनाइल धमनियों के माध्यम से रक्त के प्रवाह को बढ़ाने और लिंग के अंदर दो कक्षों को भरने की अनुमति दे रहा है।
शारीरिक कारण:-
* हृदय रोग
* डायबिटीज़
* मोटापा
* धूम्रपान
* मिरगी
* उच् च रक् तचाप
* हाइपरथायरायडिज्म
* गुर्दे की बीमारी
* बढ़ी हुई उम्र
भावनात्मक कारण:-
* उदासी।
* चिंता।
* तनाव।
* रिश्ते की समस्याएं।
लक्षण
* इरेक्शन प्राप्त करने में कठिनाई।
* इरेक्शन रखने में कठिनाई।
* यौन इच्छा में कमी।
Know More : https://ranamedicalhall.com/treatments/erectile-dysfunction/
WhatsApp us : https://wa.me/918848511462
Online Consultation form : https://ranamedicalhall.com/consultation-form/
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thedhongibaba · 1 year
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◆सेक्स एक शक्ति है, उसको समझिए।
■ हमने सेक्स को सिवाय गाली के आज तक दूसरा कोई सम्मान नहीं दिया। हम तो बात करने में भयभीत होते हैं। हमने तो सेक्स को इस भांति छिपा कर रख दिया है जैसे वह है ही नहीं, जैसे उसका जीवन में कोई स्थान नहीं है। जब कि सच्चाई यह है कि उससे ज्यादा महत्वपूर्ण मनुष्य के जीवन में और कुछ भी नहीं है। लेकिन उसको छिपाया है, उसको दबाया है। दबाने और छिपाने से मनुष्य सेक्स से मुक्त नहीं हो गया, बल्कि मनुष्य और भी बुरी तरह से सेक्स से ग्रसित हो गया। दमन उलटे परिणाम लाया है। शायद आपमें से किसी ने एक फ्रेंच वैज्ञानिक कुए के एक नियम के संबंध में सुना होगा। वह नियम है: लॉ ऑफ रिवर्स इफेक्ट। कुए ने एक नियम ईजाद किया है, विपरीत परिणाम का नियम। हम जो करना चाहते हैं, हम इस ढंग से कर सकते हैं कि जो हम परिणाम चाहते थे, उससे उलटा परिणाम हो जाए।
कुए कहता है, हमारी चेतना का एक नियम है—लॉ ऑफ रिवर्स इफेक्ट। हम जिस चीज से बचना चाहते हैं, चेतना उसी पर केंद्रित हो जाती है और परिणाम में हम उसी से टकरा जाते हैं।
पांच हजार वर्षों से आदमी सेक्स से बचना चाह रहा है और परिणाम इतना हुआ है कि गली-कूचे, हर जगह, जहां भी आदमी जाता है, वहीं सेक्स से टकरा जाता है। वह लॉ ऑफ रिवर्स इफेक्ट मनुष्य की आत्मा को पकड़े हुए है।
क्या कभी आपने यह सोचा कि आप चित्त को जहां से बचाना चाहते हैं, चित्त वहीं आकर्षित हो जाता है, वहीं निमंत्रित हो जाता है! जिन लोगों ने मनुष्य को सेक्स के विरोध में समझाया, उन लोगों ने ही मनुष्य को कामुक बनाने का जिम्मा भी अपने ऊपर ले लिया है। मनुष्य की अति कामुकता गलत शिक्षाओं का परिणाम है। और आज भी हम भयभीत होते हैं कि सेक्स की बात न की जाए! क्यों भयभीत होते हैं? भयभीत इसलिए होते हैं कि हमें डर है कि सेक्स के संबंध में बात करने से लोग और कामुक हो जाएंगे।
मैं आपको कहना चाहता हूं, यह बिलकुल ही गलत भ्रम है। यह शत प्रतिशत गलत है। पृथ्वी उसी दिन सेक्स से मुक्त होगी, जब हम सेक्स के संबंध में सामान्य, स्वस्थ बातचीत करने में समर्थ हो जाएंगे। जब हम सेक्स को पूरी तरह से समझ सकेंगे, तो ही हम सेक्स का अतिक्रमण कर सकेंगे।
जगत में ब्रह्मचर्य का जन्म हो सकता है, मनुष्य सेक्स के ऊपर उठ सकता है, लेकिन सेक्स को समझ कर, सेक्स को पूरी तरह पहचान कर। उस ऊर्जा के पूरे अर्थ, मार्ग, व्यवस्था को जान कर उससे मुक्त हो सकता है। आंखें बंद कर लेने से कोई कभी मुक्त नहीं हो सकता। आंखें बंद कर लेने वाले सोचते हों कि आंख बंद कर लेने से शत्रु समाप्त हो गया है, तो वे पागल हैं। सेक्स के संबंध में आदमी ने शुतुरमुर्ग का व्यवहार किया है आज तक। वह सोचता है, आंख बंद कर लो सेक्स के प्रति तो सेक्स मिट गया।
अगर आंख बंद कर लेने से चीजें मिटती होतीं, तो बहुत आसान थी ���िंदगी, बहुत आसान होती दुनिया। आंखें बंद करने से कुछ मिटता नहीं, बल्कि जिस चीज के संबंध में हम आंखें बंद करते हैं, हम प्रमाण देते हैं कि हम उससे भयभीत हो गए हैं, हम डर गए हैं। वह हमसे ज्यादा मजबूत है, उससे हम जीत नहीं सकते हैं, इसलिए हम आंख बंद करते हैं। आंख बंद करना कमजोरी का लक्षण है।
और सेक्स के बाबत सारी मनुष्य-जाति आंख बंद करके बैठ गई है। न केवल आंख बंद करके बैठ गई है, बल्कि उसने सब तरह की लड़ाई भी सेक्स से ली है। और उसके परिणाम, उसके दुष्परिणाम सारे जगत में ज्ञात हैं।
अगर सौ आदमी पागल होते हैं, तो उसमें से अट्ठानबे आदमी सेक्स को दबाने की वजह से पागल होते हैं। अगर हजारों स्त्रियां हिस्टीरिया से परेशान हैं, तो उसमें सौ में से निन्यानबे स्त्रियों के हिस्टीरिया के, मिरगी के, बेहोशी के पीछे सेक्स की मौजूदगी है, सेक्स का दमन मौजूद है। अगर आदमी इतना बेचैन, अशांत, इतना दुखी और पीड़ित है, तो इस पीड़ित होने के पीछे उसने जीवन की एक बड़ी शक्ति को बिना समझे उसकी तरफ पीठ खड़ी कर ली है, उसका कारण है। और परिणाम उलटे आते हैं।
अगर हम मनुष्य का साहित्य उठा कर देखें, अगर किसी देवलोक से कभी कोई देवता आए या चंद्रलोक से या मंगल ग्रह से कभी कोई यात्री आए और हमारी किताबें पढ़े, हमारा साहित्य देखे, हमारी कविताएं पढ़े, हमारे चित्र देखे, तो बहुत हैरान हो जाएगा। वह हैरान हो जाएगा यह जान कर कि आदमी का सारा साहित्य सेक्स ही सेक्स पर क्यों केंद्रित है? आदमी की सारी कविताएं सेक्सुअल क्यों हैं? आदमी की सारी कहानियां, सारे उपन्यास सेक्स पर क्यों खड़े हैं? आदमी की हर किताब के ऊपर नंगी औरत की तस्वीर क्यों है? आदमी की हर फिल्म नंगे आदमी की फिल्म क्यों है? वह आदमी बहुत हैरान होगा; अगर कोई मंगल से आकर हमें इस हालत में देखेगा तो बहुत हैरान होगा। वह सोचेगा, आदमी सेक्स के सिवाय क्या कुछ भी नहीं सोचता? और आदमी से अगर पूछेगा, बातचीत करेगा, तो बहुत हैरान हो जाएगा। आदमी बातचीत करेगा आत्मा की, परमात्मा की, स्वर्ग की, मोक्ष की। सेक्स की कभी कोई बात नहीं करेगा! और उसका सारा व्यक्तित्व चारों तरफ से सेक्स से भरा हुआ है! वह मंगल ग्रह का वासी तो बहुत हैरान होगा। वह कहेगा, बातचीत कभी नहीं की जाती जिस चीज की, उसको चारों तरफ से तृप्त करने की हजार-हजार पागल कोशिशें क्यों की जा रही हैं?
आदमी को हमने परवर्ट किया है, विकृत किया है और अच्छे नामों के आधार पर विकृत किया है। ब्रह्मचर्य की बात हम करते हैं। लेकिन कभी इस बात की चेष्टा नहीं करते कि पहले मनुष्य की काम की ऊर्जा को समझा जाए, फिर उसे रूपांतरित करने के प्रयोग भी किए जा सकते हैं। बिना उस ऊर्जा को समझे दमन की, संयम की सारी शिक्षा, मनुष्य को पागल, विक्षिप्त और रुग्ण करेगी। इस संबंध में हमें कोई भी ध्यान नहीं है! यह मनुष्य इतना रुग्ण, इतना दीन-हीन कभी भी न था; इतना विषाक्त भी न था, इतना पायज़नस भी न था, इतना दुखी भी न था।
मनुष्य के भीतर जो शक्ति है, उस शक्ति को रूपांतरित करने की, ऊंचा ले जाने की, आकाशगामी बनाने का हमने कोई प्रयास नहीं किया। उस शक्ति के ऊपर हम जबरदस्ती कब्जा करके बैठ गए हैं। वह शक्ति नीचे से ज्वालामुखी की तरह उबल रही है और धक्के दे रही है। वह आदमी को किसी भी क्षण उलटा देने की चेष्टा कर रही है।
क्या आपने कभी सोचा? आप किसी आदमी का नाम भूल सकते हैं, जाति भूल सकते हैं, चेहरा भूल सकते हैं। अगर मैं आप से मिलूं या मुझे आप मिलें तो मैं सब भूल सकता हूं—कि आपका नाम क्या था, आपका चेहरा क्या था, आपकी जाति क्या थी, उम्र क्या थी, आप किस पद पर थे—सब भूल सकता हूं, लेकिन कभी आपको खयाल आया कि आप यह भी भूल सके हैं कि जिससे आप मिले थे, वह आदमी था या औरत? कभी आप भूल सके इस बात को कि जिससे आप मिले थे, वह पुरुष है या स्त्री? कभी पीछे यह संदेह उठा मन में कि वह स्त्री है या पुरुष? नहीं, यह बात आप कभी भी नहीं भूल सके होंगे। क्यों लेकिन? जब सारी बातें भूल जाती हैं तो यह क्यों नहीं भूलता?
हमारे भीतर मन में कहीं सेक्स बहुत अतिशय होकर बैठा है। वह चौबीस घंटे उबल रहा है। इसलिए सब बात भूल जाती है, लेकिन यह बात नहीं भूलती। हम सतत सचेष्ट हैं। यह पृथ्वी तब तक स्वस्थ नहीं हो सकेगी, जब तक आदमी और स्त्रियों के बीच यह दीवार और यह फासला खड़ा हुआ है। यह पृथ्वी तब तक कभी भी शांत नहीं हो सकेगी, जब तक भीतर उबलती हुई आग है और उसके ऊपर हम जबरदस्ती बैठे हुए हैं। उस आग को रोज दबाना पड़ता है। उस आग को प्रतिक्षण दबाए रखना पड़ता है। वह आग हमको भी जला डालती है, सारा जीवन राख कर देती है। लेकिन फिर भी हम विचार करने को राजी नहीं होते—यह आग क्या थी?
और मैं आपसे कहता हूं, अगर हम इस आग को समझ लें तो यह आग दुश्मन नहीं है, दोस्त है। अगर हम इस आग को समझ लें तो यह हमें जलाएगी नहीं, हमारे घर को गरम भी कर सकती है सर्दियों में, और हमारी रोटियां भी पका सकती है, और हमारी जिंदगी के लिए सहयोगी और मित्र भी हो सकती है। लाखों साल तक आकाश में बिजली चमकती थी। कभी किसी के ऊपर गिरती थी और जान ले लेती थी। कभी किसी ने सोचा भी न था कि एक दिन घर में पंखा चलाएगी यह बिजली। कभी यह रोशनी करेगी अंधेरे में, यह किसी ने सोचा नहीं था। आज? आज वही बिजली हमारी साथी हो गई है। क्यों? बिजली की तरफ हम आंख मूंद कर खड़े हो जाते तो हम कभी बिजली के राज को न समझ पाते और न कभी उसका उपयोग कर पाते। वह हमारी दुश्मन ही बनी रहती। लेकिन नहीं, आदमी ने बिजली के प्रति दोस्ताना भाव बरता। उसने बिजली को समझने की कोशिश की, उसने प्रयास किए जानने के। और धीरे-धीरे बिजली उसकी साथी हो गई। आज बिना बिजली के क्षण भर जमीन पर रहना मुश्किल मालूम होगा।
मनुष्य के भीतर बिजली से भी बड़ी ताकत है सेक्स की।
मनुष्य के भीतर अणु की शक्ति से भी बड़ी शक्ति है सेक्स की।
कभी आपने सोचा लेकिन, यह शक्ति क्या है और कैसे हम इसे रूपांतरित करें? एक छोटे से अणु में इतनी शक्ति है कि हिरोशिमा का पूरा का पूरा एक लाख का नगर भस्म हो सकता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि मनुष्य के काम की ऊर्जा का एक अणु एक नये व्यक्ति को जन्म देता है? उस व्यक्ति में गांधी पैदा हो सकता है, उस व्यक्ति में महावीर पैदा हो सकता है, उस व्यक्ति में बुद्ध पैदा हो सकते हैं, क्राइस्ट पैदा हो सकता है। उससे आइंस्टीन पैदा हो सकता है और न्यूटन पैदा हो सकता है। एक छोटा सा अणु एक मनुष्य की काम-ऊर्जा का, एक गांधी को छिपाए हुए है। गांधी जैसा विराट व्यक्तित्व जन्म पा सकता है।
सेक्स है फैक्ट, सेक्स जो है वह तथ्य है मनुष्य के जीवन का। और परमात्मा? परमात्मा अभी दूर है। सेक्स हमारे जीवन का तथ्य है। इस तथ्य को समझ कर हम परमात्मा के सत्य तक यात्रा कर भी सकते हैं। लेकिन इसे बिना समझे एक इंच आगे नहीं जा हमने कभी यह भी नहीं पूछा कि मनुष्य का इतना आकर्षण क्यों है? कौन सिखाता है सेक्स आपको?
सारी दुनिया तो सिखाने के विरोध में सारे उपाय करती है। मां-बाप चेष्टा करते हैं कि बच्चे को पता न चल जाए। शिक्षक चेष्टा करते हैं। धर्म-शास्त्र चेष्टा करते हैं। कहीं कोई स्कूल नहीं, कहीं कोई यूनिवर्सिटी नहीं। लेकिन आदमी अचानक एक दिन पाता है कि सारे प्राण काम की आतुरता से भर गए हैं! यह कैसे हो जाता है? बिना सिखाए यह कैसे हो जाता है? सत्य की शिक्षा दी जाती है, प्रेम की शिक्षा दी जाती है, उसका तो कोई पता नहीं चलता। इस सेक्स का इतना प्रबल आकर्षण, इतना नैसर्गिक केंद्र क्या है? जरूर इसमें कोई रहस्य है और इसे समझन�� जरूरी है। तो शायद हम इससे मुक्त भी हो सकते हैं।
संभोग से समाधि की ओर # 2
https://t.me/zorbadivinehomesog
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rahulmarathiblog · 1 year
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बागेश्वरधाम बनलाय रहस्य ? दोन बेपत्ता एक मयत तर आता अल्पवयीन मुलीचा ..
बागेश्वरधाम येथे धीरेंद्र कृष्ण महाराज पुन्हा एकदा वादात सापडलेला असून या बाबाच्या दरबारात आलेल्या एका दहा वर्षीय मुलीचा वेळेत उपचार न झाल्याने मृत्यू झालेला आहे. राजस्थान येथील बाडमेर येथून या मुलीला बाबाच्या दरबारात मिरगी आजाराच्या उपचारासाठी आणण्यात आलेले होते . धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री याने या मुलीवर उपचारासाठी म्हणून विभूती दिली मात्र त्याचा मुलीवर काहीच परिणाम झाला नाही आणि ती शांतपणे बराच…
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rajendrasomani · 1 year
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बागेश्वरधाम बनलाय रहस्य ? दोन बेपत्ता एक मयत तर आता अल्पवयीन मुलीचा ..
बागेश्वरधाम येथे धीरेंद्र कृष्ण महाराज पुन्हा एकदा वादात सापडलेला असून या बाबाच्या दरबारात आलेल्या एका दहा वर्षीय मुलीचा वेळेत उपचार न झाल्याने मृत्यू झालेला आहे. राजस्थान येथील बाडमेर येथून या मुलीला बाबाच्या दरबारात मिरगी आजाराच्या उपचारासाठी आणण्यात आलेले होते . धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री याने या मुलीवर उपचारासाठी म्हणून विभूती दिली मात्र त्याचा मुलीवर काहीच परिणाम झाला नाही आणि ती शांतपणे बराच…
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spitonews · 1 year
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भारत में मिर्गी का इलाज प्राप्त करें (epilepsy best treatment in india)
भारत में मिर्गी का इलाज प्राप्त करें (epilepsy best treatment in india)
मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति के लिए तनाव या अवसाद बहुत परेशानी का कारण बनता है। ऐसे में मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति को ऐसी जगह से दूर रहना चाहिए जहां काम का दबाव ज्यादा हो। जिन लोगों को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं उन्हें आराम करना चाहिए। यह मांसपेशियों को भी आराम देता है और मिर्गी के दौरे की संभावना को कम करता है। इसके अलावा आप लोग मेडिटेशन, योग से कुछ हद्द तक राहत पा सकते हैं। यदि आप मिरगी से जुड़े कोई भी…
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drprasadumbarkar · 2 years
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मेंदू व चेतासंस्थेच्या सर्व विकारांसाठी तज्ज्ञ मार्गदर्शन आता उपलब्ध आहे. जर तुम्ही किंवा तुमच्या जवळच्या व्यक्तीस हे त्रास असतील तर लवकर भेट द्या, मेंदूला झालेली इजा, ब्रेनट्युमर, मेंदूमध्ये झालेली गाठ, अकस्मात मिरगी, स्ट्रोक किंवा अर्धांगवायू, मेंदूमद्धे रक्तस्त्राव होणे, अर्धशिशी, मेंदू व मणक्याचे जन्मजात आजार, मेंदूमध्ये पाणी होणे. अत्याधुनिक मेंदू व चेतासंस्थेच्या सर्व विकार अधिक माहितीसाठी आजच त्यांनी डॉ प्रसाद उंबरकर यांना धन्वंतरी हॉस्पिटल संगमनेर व श्री जनार्दन स्वामी हॉस्पिटल कोपरगाव येथे भेट द्यावी.
डॉ प्रसाद उंबरकर (मेंदू व मणका विकार तज्ञ) फोन - 08669177494 वेबसाईट: https://www.drprasadumbarkarneuro.com/
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ranbir-sing · 2 years
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#tuesdaymotivations
दयानंद सरस्वती के अज्ञान का पर्दाफाश
समुल्लास 4 पृष्ठ 70 पर लिखा है कि जिस किसी कुल में किसी एक व्यक्ति को निम्न रोगों में से एक भी रोग हो तो उस पूरे कुल के लड़के तथा लड़की से विवाह न करें।
जिस किसी कुल में किसी एक व्यक्ति को निम्न रोगों में से एक भी रोग हो तो उस पूरे कुल के लड़के तथा लड़की से विवाह न करें। वे रोग हैं:- बवासीर, दमा, खांसी, अमाश्य ( पेट की गड़बड़ी) मिरगी, श्वेत कुष्ट और गलित कुष्ट रोग तथा जिन व्यक्तियों के शरीर पर बड़े-2 बाल हों • उनके पूरे कुल को त्याग दें।
विचार करें :- क्या महर्षि दयानन्द के विधान अनुसार बच्चों का विवाह हो सकेगा? यदि विवाह होते ही कोई उपरोक्त रोग कन्या या वर को लग जाए तो वह कुल भी गया काम से, वाह रे भांग के नशेड़ी, तेरा “सत्यार्थ प्रकाश” का ज्ञान ।
पढ़े पुस्तक ज्ञान गंगा, जिसे निःशुल्क प्राप्त करने के लिए अपना मोबाइल नंबर, नाम, पूरा पता हमें Whatsapp करें 7496801823
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*#महर्षि_दयानंद_की_सच्चाई* समुल्लास 4 पृष्ठ 70 पर लिखा है कि विवाह के समय पिता के गोत्र तथा माता के कुल की छः पीढ़ियों को छोड़ कर लड़के -लड़की का विवाह करें। जिस किसी कुल में किसी एक व्यक्ति को निम्न रोगों में से एक भी रोग हो तो उस पूरे कुल के लड़के तथा लड़की से विवाह न करें। वे रोग हैं:- बवासीर, दमा,खांसी, अमाश्य, मिरगी, श्वेत कुष्ट और गलित कुष्ट रोग तथा जिन व्यक्तियों के शरीर पर बड़े-2 बाल हों उनके पूरे कुल को त्याग दें। विचार करें:- क्या महर्षि दयानंद के विधान अनुसार बच्चों का विवाह हो सकेगा? (Katwaria Sarai, Near Qutub Institutional Area में) https://www.instagram.com/p/Cd8bB6jJ8XE/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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#महर्षि_दयानंद_की_सच्चाई
समुल्लास 4 पृष्ठ 70 पर लिखा है कि विवाह के समय पिता के गोत्र तथा माता के कुल की छः पीढ़ियों को छोड़ कर लड़के -लड़की का विवाह करें।
जिस किसी कुल में किसी एक व्यक्ति को निम्न रोगों में से एक भी रोग हो तो उस पूरे कुल के लड़के तथा लड़की से विवाह न करें। वे रोग हैं:- बवासीर, दमा,खांसी, अमाश्य, मिरगी, श्वेत कुष्ट और गलित कुष्ट रोग तथा जिन
व्यक्तियों के शरीर पर बड़े-2 बाल हों उनके पूरे कुल को त्याग दें।
विचार करें:- क्या महर्षि दयानंद के विधान अनुसार बच्चों का विवाह हो सकेगा?
👉जनतंत्र टीवी पर संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन सुबह 5:00 AM से
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althafrana · 11 months
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इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक प्रकार की शिथिलता है, जिसमें पुरुष यौन गतिविधियों के लिए इरेक्शन को पर्याप्त रूप से प्राप्त करने और रखने में सक्षम नहीं होते हैं। यह आपके लिंग में रक्त के प्रवाह में कमी के कारण होता है। जब लिंग उत्तेजित हो जाता है, तो लिंग में रक्त वाहिकाओं के भीतर एक मांसपेशी शिथिल हो जाती है। यह पेनाइल धमनियों के माध्यम से रक्त के प्रवाह में वृद्धि का कारण बनता है और लिंग के अंदर दो कक्षों को भरता है। जब कक्ष रक्त से भरे होते हैं, लिंग उत्तेजित हो जाता है। फिर पेनाइल नसें लिंग में रक्त रखने के लिए संकुचित होती हैं ताकि तनाव को बनाए रखा जा सके।
शारीरिक कारण:
कार्डियोवैस्कुलर रोग
डायबिटीज़
उच्च रक्तचाप, या उच्च रक्तचाप
मोटापा
हाइपरथायरायडिज्म
उच्च कोलेस्ट्रॉल
गुर्दे की बीमारी
बढ़ी हुई उम्र
रिश्ते की समस्याएं
नींद संबंधी विकार
मिरगी
आदि
भावनात्मक कारण
यौन विफलता का डर
उदासी
चिंता
कम आत्म-सम्मान
तनाव
लक्षण:
इरेक्शन पाने में परेशानी |
इरेक्शन बनाए रखने में परेशानी
यौन इच्छा में कमी
Whatsapp Us : https://wa.me/918848511462
Know More : https://ranamedicalhall.com/treatments/erectile-dysfunction/
For Online Treatments : https://ranamedicalhall.com/consultation-form/
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manishsindhwani · 2 years
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#RealityOfMaharshiDayanand
जिस किसी कुल में किसी एक व्यक्ति को निम्न रोगों में से एक भी रोग हो तो उस पूरे कुल के लड़के तथा लड़की से विवाह न करें। वे रोग हैं:- बवासीर, दमा,खांसी, अमाश्य, मिरगी, श्वेत कुष्ट और गलित कुष्ट रोग
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mohan-sahu · 2 years
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लड़के तथा लड़की से विवाह न करें। वे रोग हैं:- बवासीर, दमा,खांसी, अमाश्य, मिरगी, श्वेत कुष्ट और गलित कुष्ट रोग तथा जिन
व्यक्तियों के शरीर पर बड़े-2 बाल हों उनके पूरे कुल को त्याग दें।
विचार करें:- क्या महर्षि दयानंद के विधान अनुसार बच्चों का विवाह हो सकेगा?
"ज्ञान गंगा" एक ऐसा आध्यात्मिक पुस्तक जो हमारे सभी आध्यात्मिक प्रश्नों का उत्तर प्रमाण सहित देता है।
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➜ श्रद्धा Tv 📺 दोपहर - 2:00 से 3:00
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#महर्षि_दयानंद_की_सच्चाई
📕समुल्लास 4 पृष्ठ 70 पर लिखा है कि विवाह के समय पिता के गोत्र तथा माता के कुल की छः पीढ़ियों को छोड़ कर लड़के -लड़की का विवाह करें।
जिस किसी कुल में किसी एक व्यक्ति को निम्न रोगों में से एक भी रोग हो तो उस पूरे कुल के लड़के तथा लड़की से विवाह न करें। वे रोग हैं:- बवासीर, दमा,खांसी, अमाश्य, मिरगी, ��्वेत कुष्ट और गलित कुष्ट रोग तथा जिन
व्यक्तियों के शरीर पर बड़े-2 बाल हों उनके पूरे कुल को त्याग दें।
विचार करें:- क्या महर्षि दयानंद के विधान अनुसार बच्चों का विवाह हो सकेगा?
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dayadas12 · 2 years
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#RealityOfMaharshiDayanand
समुल्लास 4 पृष्ठ 70 पर लिखा है कि विवाह के समय पिता के गोत्र तथा माता के कुल की छः पीढ़ियों को छोड़ कर लड़के -लड़की का विवाह करें।
जिस किसी कुल में किसी एक व्यक्ति को निम्न रोगों में से एक भी रोग हो तो उस पूरे कुल के लड़के तथा लड़की से विवाह न करें। वे रोग हैं:- बवासीर, दमा,खांसी, अमाश्य, मिरगी, श्वेत कुष्ट और गलित कुष्ट रोग तथा जिन
व्यक्तियों के शरीर पर बड़े-2 बाल हों उनके पूरे कुल को त्याग दें।
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