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#भारत में प्रति व्यक्ति डेटा का इस्तेमाल
dainiksamachar · 2 months
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देश में पूरी तरह से खत्म हुई महा गरीबी, आंकड़े देखकर हो जाएंगे खुश, देखें डिटेल्स
नई दिल्ली: भारत के लिए अच्छी खबर आई है। देश में अब महा गरीबी (Extreme Poverty) आधिकारिक तौर पर खत्म हो चुकी है। अमेरिकी थिंक टैंक ब्रुकिंग्स ने अपनी हालिया रिपोर्ट में ये बात कही है। रिपोर्ट के मुताबिक, लगातार कम हो रही है। देश अब महा गरीबी से पूरी तरह बाहर निकल चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सरकार की मजबूत नीति का परिणाम है, जिससे पिछले दशक में भारत में अच्छा विकास हुआ है। भारत ने हाल ही में 2022-23 के लिए अपना आधिकारिक उपभोग व्यय डेटा (Consumption Expenditure Data) जारी किया है। इन आंकड़ों से पिछले 10 वर्षों में भारत की गरीबी को लेकर अनुमान मिलता है। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2011-12 के मुकाबले वर्ष 2022-23 में प्रति व्यक्ति घरेलू मासिक खर्च दोगुने से ज्यादा हो गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के लिए अब समय आ गया है कि वह अन्य देशों की तरह गरीबी की उच्च रेखा अपनाए। गरीबी की उच्च रेखा अपनाने से सरकार को सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों को फिर से परिभाषित करने का मौका मिलेगा, ताकि जरूरतमंद लोगों की बेहतर पहचान हो सके और उन्हें अधिक सहायता प्रदान की जा सके। क्या कहते हैं आंकड़े आंकड़ों में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में असमानता में बड़ी गिरावट भी देखी गई है। शहरी गिनी इंडेक्स 36.7 से घटकर 31.9 हो गया और ग्रामीण गिनी इंडेक्स 28.7 से घटकर 27.0 हो गया। गिनी इंडेक्स को आमतौर पर आर्थिक असमानता के पैमाने के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, जो एक जनसंख्या के बीच आय या संपत्ति के वितरण को मापता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च विकास दर और असमानता में भारी गिरावट के कारण भारत ने महा गरीबी को खत्म कर दिया है। हेडकाउंट पॉवर्टी रेशियो हेडकाउंट पॉवर्टी रेशियो (HSR) के मुताबिक, साल 2011-12 में 12.2 फीसदी से घटकर 2022-23 में 2 प्रतिशत हो गया है। सरकार द्वारा आबादी के लगभग दो-तिहाई लोगों को दिए जाने वाले मुफ्त भोजन (गेहूं और चावल) और सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं शिक्षा के उपयोग को इस आंकड़े में शामिल नहीं किया गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विश्व बैंक के अनुमानों की तुलना में भारत में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों की संख्या काफी कम है। http://dlvr.it/T3W2Bp
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vilaspatelvlogs · 3 years
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सेहत के लिए जरूरी खबर: बच्चे हों या बड़े कोरोना में दोगुना हो गया सबका स्क्रीन टाइम, इससे कई बीमारियां हो सकती हैं; जानिए इसे मैनेज करने के तरीके
सेहत के लिए जरूरी खबर: बच्चे हों या बड़े कोरोना में दोगुना हो गया सबका स्क्रीन टाइम, इससे कई बीमारियां हो सकती हैं; जानिए इसे मैनेज करने के तरीके
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप एक घंटा पहले कॉपी लिंक कोरोना के हमले के साथ ही हमारी दुनिया बेहद डिजिटल हो चली है। शादी से लेकर किराने के सामान तक, हमारी हर जरूरत के लिए world wide web ही जरिया बन चुका है। लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू भी है। ज्यादातर लोगों का स्क्रीन टाइम इतना बढ़ गया है कि इसका हमारी सेहत पर बेहद बुरा असर पड़ने लगा है। एरिक्सन मोबिलिटी…
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shaileshg · 4 years
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इंटरनेट स्पीड को टेस्ट करने वाली कंपनी ओपनसिग्नल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दुनिया में सबसे तेज 5G डाउनलोड स्पीड सऊदी अरब में है। वहीं, टॉप इंटरनेट स्पीड वाले 15 देशों की बात की जाए तो इनमें भारत शामिल नहीं है। बहरहाल, शुरू करते हैं मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ...
आज इन 3 इवेंट्स पर रहेगी नजर
1. IPL के 13वें सीजन का 39वां मैच रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच आज शाम 7.30 बजे से अबु धाबी में खेला जाएगा।
2. मुंबई में आज से महिलाएं लोकल ट्रेन में यात्रा कर सकेंगी। ये ट्रेनें बीते 7 महीने से बंद थी।
3. काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मामले में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के रिवीजन के एडमिशन पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जिला जज ने फैसला सुरक्षित रखा। आज आ सकता है फैसला।
अब कल की 7 महत्वपूर्ण खबरें
1. बिहार चुनाव से 8 दिन पहले मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार शाम 6 बजे राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। पिछले 7 महीने में राष्ट्र के नाम यह उनका 7वां संदेश था। वह भी बिहार में वोटिंग से ठीक 8 दिन पहले। मोदी के 12 मिनट के भाषण में फोकस कोरोना पर था। मोदी ने हाथ जोड़कर कहा- ‘जब तक कोरोना की दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।’ वहीं, मोदी के संदेश से पहले भाजपा के यू-ट्यूब चैनल पर लाइक से ज्यादा डिसलाइक थे, जिसके नंबर बाद में भाजपा ने छुपा लिए।
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2. कमलनाथ के बयान पर राहुल ने दी नसीहत
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आइटम वाले बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने करीब 45 घंटे बाद मंगलवार को तीखी प्रतिक्रिया दी। राहुल ने कहा कि कमलनाथ भले ही मेरी पार्टी के हैं, वे चाहे जो भी हों, लेकिन जिस भाषा का उन्होंने इस्तेमाल किया है, मैं निजी तौर पर उसे पसंद नहीं करता। इस पर कमलनाथ बोले कि यह राहुलजी की राय है। मैं क्यों माफी मांगूंगा, मेरा लक्ष्य किसी का अपमान करना नहीं था।
-पढ़ें पूरी खबर 3. चांद पर भी होगा इंटरनेट, नासा ने नोकिया को चुना
चंद्रमा पर पहला सेल्युलर नेटवर्क बनाने के लिए नासा ने नोकिया कंपनी को चुना है। फिनिश कंपनी ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी भविष्य के लिए योजना बना रही कि इंसान चांद पर लौटेंगे और बस्तियां बसाएंगे। नासा का टारगेट 2024 तक इंसानों को चंद्रमा पर ले जाने का है और अपने आर्टेमिस (Artemis) प्रोग्राम के तहत लंबे समय तक वहां मौजूदगी दर्ज कराने का है।
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4. देश में 10 राज्यों में बेरोजगारी दर डबल डिजिट में
देश में ओवरऑल बेरोजगारी दर घटने के बावजूद 10 राज्यों में नौकरियों का हाल बुरा है। इन राज्यों में सितंबर में भी बेरोजगारी दर डबल डिजिट में रही। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के मुताबिक, बेरोजगारी के मामले में उत्तराखंड और हरियाणा टॉप पर हैं। उत्तराखंड में बेरोजगारी दर 22.3% और हरियाणा में 19.7% रही है।
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5. सऊदी में 3 सेकंड में 1GB मूवी डाउनलोड होती है
इंटरनेट स्पीड को टेस्ट करने वाली कंपनी ओपनसिग्नल ने 5G नेटवर्क से जुड़ी रिपोर्ट पेश की है। इसके मुताबिक, सऊदी अरब में 5G नेटवर्क पर एवरेज डाउनलोड स्पीड 377.2 Mbps रहा। जबकि साउथ कोरिया में 5G नेटवर्क पर एवरेज डाउनलोड स्पीड 336.1 Mbps रही। रिपोर्ट में 15 देशों में 5G स्पीड से जुड़ा 1 जुलाई से 28 सितंबर तक का डेटा शामिल किया गया है।
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6. राहुल ने GDP की तुलना कर मोदी पर साधा निशाना
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने दुनियाभर के देशों के लिए वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक जारी किया। इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश ने प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में भारत को पीछे छोड़ दिया है। पिछले दिनों जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे लेकर सवाल उठाए तो एकेडमिक लेवल पर चर्चा शुरू हो गई कि क्या वाकई में भारत विकास की रफ्तार में बांग्लादेश से पीछे छूट गया है?
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7. एमपी की संस्कृति मंत्री ने दिया विवादित बयान
मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने शिक्षा के संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा- सारे आतंकवादी मदरसों में पले-बढ़े और जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद की फैक्ट्री बना डाला। धर्म आधारित शिक्षा कट्टरता फैला रही है। इससे पहले, रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महिला मंत्री को "आइटम" कहा था वहीं, सोमवार को शिवराज के मंत्री ने विपक्षी नेता की पत्नी को 'रखैल' बताया था।
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अब 21 अक्टूबर का इतिहास
1296: अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली की गद्दी संभाली थी।
1951: दिल्ली में भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई थी।
2005: सामूहिक दुष्कर्म की शिकार पाकिस्तान की मुख्तारन माई को वुमन ऑफ द ईयर चुना गया।
आखिर में जिक्र क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस का। उन्होंने 1943 में सिंगापुर में आजाद हिंद सरकार बनाई थी। इस सरकार के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सेनाध्यक्ष बोस ही थे। पढ़ें, उन्हीं की कही एक बात...
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Modi folds hands on Corona; Rahul did not like Kamal Nath's point; NASA will bring internet on moon
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chaitanyabharatnews · 4 years
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निजी डाटा चोरी करने वालों की अब खैर नहीं, होगी जेल और 15 करोड़ तक जुर्माना, जानें डाटा चोरी से बचने के उपाय
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. निजी डेटा की सेंधमारी ने बीते कुछ सालों में भारत समेत दुनियाभर के कई देशों की सरकारों की टेंशन बढ़ा दी है। इसे लेकर भारत सरकार अब एक डाटा संरक्षण कानून लागू करने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस बिल को मंजूरी दे दी है। अब सरकार संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में इस बिल को पेश करेगी। इस बिल के मुताबिक डाटा लीक होने पर कंपनियों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); तीन साल तक होगी जेल दरअसल, तेज रफ्तार जिंदगी में लगभग हर काम इंटरनेट के जरिए ही होता है। महानगरों की ही बात करें तो राशन से लेकर खाना, दवा, अस्पताल में समय लेना, रेल-बस टिकट और कपड़े तक ऑनलाइन खरीदे जा रहे हैं। ऑनलाइन खरीदारी करने में यूजर को अपनी सभी जानकारी देनी होती है। ऐसे में यूजर का डाटा इंटरनेट कंपनियों के पास पहुंच जाता है और फिर उसका गलत इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन नए बिल के तहत यदि इंटरनेट कंपनियां यूजर के डाटा का गलत इस्तेमाल करती है तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, निजी डाटा चुराने पर अब कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों को तीन साल की जेल भी हो सकती है और कंपनी को 15 करोड़ रुपए तक या उसके वैश्विक टर्नओवर का चार फीसदी जुर्माना भी देना पड़ सकता है। राष्ट्रीय हित से जुड़े मामलों में डाटा के इस्तेमाल की अनुमति बिल के मुताबिक, कोई भी निजी या सरकारी संस्था किसी व्यक्ति के डाटा का उसकी अनुमति के बिना इस्तेमाल नहीं कर सकती। किसी भी व्यक्ति को उसके डाटा के संबंध में अहम अधिकार होंगे। चिकित्सा आपातकाल और राज्य या केंद्र की लाभकारी योजनाओं के लिए ऐसा किया जा सकता है। संबंधित व्यक्ति अपने डाटा में सुधार या फिर संस्था के पास मौजूद अपने डाटा तक पहुंच की मांग कर सकता है। बिल में प्रावधान है कि, 'किसी भी संस्था को संबंधित व्यक्ति के डाटा को इस्तेमाल करने से पहले उसके बारे में बताना होगा। हालांकि, इस बिल में राष्ट्रीय हित से जुड़े मामलों पर डाटा के इस्तेमाल की अनुमति मिलेगी। जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा, कानूनी कार्यवाही और पत्रकारिता के उद्देश्यों के लिए इस डाटा का इस्तेमाल किया जा सकेगा। ये भी हैं प्रावधान स्वास्थ्य, धर्म या राजनीतिक रुझान, बायोमेट्रिक, आनुवांशिक, यौन रुचियों, लैंगिक, वित्तीय आदि से संबंधित डाटा को संवेदनशील डाटा माना गया है। इसका उल्लंघन करने पर 5 करोड़ रुपए तक या कंपनी के वैश्विक टर्नओवर का दो फीसदी जुर्माने का प्रावधान है। सोशल मीडिया कंपनियों को अपने यूजर की पहचान के लिए ऐसा तंत्र विकसित करना होगा, जो स्वेच्छा से अपनी पहचान बताने को तैयार हैं। सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा और अदालती आदेश से जुड़े मामलों में ही निजी डाटा का इस्तेमाल किया जा सकता है। 15-20 पैसे प्रति व्यक्ति बिक रहा है डाटा हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी कि, लोगों की निजी जानकारियां महज 15 पैसे से लेकर 50 पैसे प्रति व्यक्ति के थोक भाव बिकती हैं। निजी डाटा लीक करने का कारोबार दस हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है। इनमें सबसे ज्यादा विदेशी कंपनियां लगी हुई हैं। अब तक इन मामलों को लेकर कोई कानून नहीं बना था, ऐसे में पुलिस चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रही है। आम जनता के पास रोजाना किसी न किसी कॉल सेंटर से फोन आ जाता है। कोई इंश्योरेंस लेने की बात कहता है तो कोई प्लॉट, फ्लैट, क्रेडिट कार्ड, या पर्सनल लोन का ऑफर करता है। ऐसे में कई बार लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कैसे होता है डाटा चोरी विशेषज्ञ की माने तो आपका स्मार्ट फोन कुछ ही सेकंड में हैक हो सकता है। ऐसे में आपकी सभी जानकारी लीक हो जाती है। एक अध्ययन के मुताबिक, 70 प्रतिशत से अधिक स्मार्टफोन ऐप्स ऐसी हैं जो आपकी निजी जानकारी थर्ड पार्टी ट्रैकिंग क��पनियों को दे रही हैं। इन ऐप के जरिए कंपनियों की पहुंच आपके मोबाइल फोन के माइक और फोटो गैलरी तक भी हो जाती है। ये सिलसिला तब से शुरू हुआ है, जब से यूजर्स ने स्मार्टफोन में ऐप डाउनलोड करना शुरू किया है। थर्ड पार्टी के पास डेटा जाने के बाद इसका कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे- गूगल पर जो चीज आप सबसे ज्यादा सर्च करते हैं या पढ़ते हैं उससे संबंधित विज्ञापन आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर आने लगते हैं। इससे कैसे बचें अपने फोन की ऐप में गैरजरूरी एक्सेस डिसेबल करें। फोन सेटिंग में जाकर आप ऐप परमीशन का स्टेटस देखें, और जिनकी एक्सेस नहीं देनी है, उन्हें डिसेबल कर दें। हमेशा दो मेल आईडी रखे। एक आईडी जो बैंक कम्यूनिकेशन वाली हो उसे मोबाइल से कनेक्ट न करें। सबसे ज्यादा डाटा चोरी उन जगहों से होती है जहां डाउनलोड किया गया। जब भी आप किसी साइबर कैफे कोई जरुरी काम करें, जैसे आधार या फिर अन्य दस्तावेज डाउनलोड करना, तो उन्हें रिसाइकिल बिन से भी डिलीट कर दें। अगर किसी साइबर कैफे में अपना मेल आईडी लॉगिन करते हैं तो उसे डिलीट करके ही जाएं। गूगल प्ले स्टोर पर ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी रेटिंग जरूर देखें। रेटिंग 4 या अधिक होनी चाहिए। ये भी पढ़े... 13 लाख भारतीयों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड का डेटा चोरी, ऑनलाइन बेच रहे हैकर्स यदि आप भी हुए हैं ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार, तो ऐसे कीजिए शिकायत आपको बिना बताए अकाउंट से पैसे निकाल रहे हैं ये ऐप, तुरंत करें डिलीट वरना हो सकता है नुकसान जानें कैसे भारतीय WhatsApp में घुसी इजरायली एजेंसी? कौन-कौन हुए इस जासूसी के शिकार? Read the full article
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ivxtimes · 4 years
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आजवर्ल्ड बाइसिकल डे हैं। कोरोना के इस संकट काल में जब सारे पहिये लगभग थम गए, तो लोगों को साइकिल फिर से अच्छी लगने लगी। अमेरिका जैसे देश में जहां बीते दो महीनों मेंइसकी बिक्री दुगुनी हो गई।भारत में सैकड़ों मजदूर शहरों की बेदर्दी से परेशान होकर अपनेगांवों की ओर साइकिल पर ही निकल पड़े।
बिहार की बेटी ज्योतिअपने पिता को लेकर हजार किलोमीटर निकलपड़ी ता�� कहीं पूरा परिवार ही साइकिल पर नजर आया।
इतिहास के पन्नों में सुविधा वाली साइकिल
ये तो हुई आज की बात, लेकिन साइकिल का सफर223 साल पुरानाहो चुका है।साइकिल बनाने के पीछे पहली सोच साधन और सुविधा की थी जो अब सेहत से जुड़ गई है। 1817 में पहली बार जर्मन ड्यूक शासक की सेवा में लगे एक सरकारी अफसरकार्ल वॉन ड्रैस ने दुनिया की पहली दो पहिया साइकिल बनाई थी। इसे ही बाइसिकल कहा गया और उस वक्त नाम दिया गया - ड्रैसिनी। इसका मतलब था एक हल्का वाहन जो आपको बिना मोटर के एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सके।
कुछ इस तरह की थी पहली साइकिल। इसमें न तो चेन थी और न पेैडल। चलाने वाले को पैरों की मदद से पहियों को गति देनी पड़ती थी।
अब बात सेहत की
साइकिल का रूप भले बदल गया हो, पर आज भी इसका कोईविकल्प नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर तमाम रिसर्च बताती हैं किरोजाना 30-40 मिनट की साइक्लिंग शरीर को फिट बनाकर तन और मन दोनों की परेशानियोंसे छुटाकारा दिला सकती है।
साइक्लिंग से कॉर्टिसोल का लेवल बढ़ता है
अच्छी बात ये है कि साइकिल चलाने से शरीर में फील गुड कराने वाले हैप्पीनेस हार्मोन कॉर्टिसोल का लेवल भी बढ़ता है। शरीर की चर्बी गलाने में तो ये कमाल करती है और आप इसकी मदद से महीने भर में लगभग दो किलो तक वजन कम कर सकते हैं।
आज के दिन की बात करें तो,यूनाइटेड नेशंस की जनरल असेम्बली ने 12 अप्रैल, 2018 को एक रेजोल्यूशन पास किया। फैसला हुआ कि सभी सदस्य देश हर साल 3 जून को वर्ल्ड बाइसिकल डे मनाएंगे।
2019 के वर्ल्ड बाइसिकल डे के इवेंट में फैशन मॉडल भव्या मोंगा। इस साल कोरोना लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण इस तरह की इवेंट नहीं पा रहे हैं।
कोरोना अनलॉकडाउन शुरू हो गया, लेकिन अपनी आदत को बनाए रख करअब आगे साइकिल चलानेसे क्या फायदे हो सकते हैं, बता रही हैंफिटनेस एक्सपर्ट नेहा शाह -
1. नहीं होगा जोड़ों का दर्द नियमित साइकिल चलाने का सबसे बड़ा फायदा है कि जोड़ों का दर्द काफी हद तक कम हो जाता है। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि साइक्लिंग के वक्त यह ध्यान रखें कि आपके जोड़90 डिग्री पर मूव हो रहे हों।
2. एंजाइटी- डिप्रेशन से मुक्ति साइक्लिंग के सिर्फ शारीरिक फायदे नहीं हैं। बल्कि, मानसिक तौर पर भी साइकिल के कई फायदे हैं। अगर आप डिप्रेशन या एंजाइटी से परेशान हैं, तो साइक्लिंग शुरू कर दें।
3. हार्टअटैक का खतरा कम रेगुलर साइकलिंग करने से हार्ट अटैक, एबनॉर्मल हार्ट रिदम्स, हार्ट फेलियर जैसी कार्डिडियोवस्क्यूलरडिसीज का खतरा भी न के बराबर होता है।
दुनियाभर में लाखों साइकिल क्लब चल रहे हैं क्योंकि साइकिल चलाने से दोस्ती भी मजबूत होती है।
4.साइक्लिंग से इम्युनिटी क्योंबढ़ती है ? 2018 में जर्नल द एजिंग सेल में छपीरिसर्चरिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि साइकिल चलाने वालोंकी इम्युनिटी पॉवर अन्य लोगों की तुलना में अधिक होती है। जब हम सुबह-सुबह खुली हवा में साइक्लिंग करते हैं तो शरीर ठंड का सामना करता है। थोड़ी देर बाद शरीर गर्म होता है और फिर अत्याधिक गर्मी भी झेलता है। ठंड और गर्मी झेलने कीयह प्रक्रिया शरीर की टी-सेल्स को ताकत देती है और हम मौसम के साथ बीमारियों के प्रति भीज्यादा ताकतवर बन जाते हैं।
5. अन्य वर्कआउट से बेहतर क्यों है साइक्लिंग ? साइकिल चलाने की उपयोगिता बताते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के एजिंग इंस्टीट्यूट के प्रो जैनेट लॉर्ड कहते हैं कि साइकिल चलाने से बॉडी फैट और कोलेस्टेरॉल का लेवल ठीक बना रहता है और आप खुद को जवानमहसूस करते हैं।
स्वीमिंग, जिम, रनिंग जैसे वर्कआउट के कई माध्यम हैं। लेकिन, साइक्लिंग करना इन सबसे बेहतर इसलिए है क्योंकि यह आपके रुटीन में आसानी से फिट हो जाता है। उदाहरण के लिए जिम, स्वीमिंग पूल, स्पोर्ट्स के लिए आपको अलग से समय निकालना होता है। जबकि साइक्लिंग आप ऑफिस, बाजार, स्कूल, कॉलेज जाते वक्त भी कर सकते हैं।
6. क्या साइक्लिंग के दौरान मास्क जरूरी है ? अगर इनडोर साइक्लिंग कर रहे हैं तो मास्क की जरूरत नहीं है। लेकिन, यदि ऐसे खुली जगह मेंसाइक्लिंग कर रहे हैं जहां भीड़ हैतो मास्क पहनना जरूरी है।
7. कितनी देर साइक्लिंग करनी चाहिए? यह रुटीन पर निर्भर करता है। अगर आप कोई अन्य फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं तो कम से कम सप्ताह में 5 दिन (रोज 40 मिनट) साइक्लिंग करना जरूरी है। वहीं अगर आप जिम या किसी तरह का दूसरा वर्कआउट करते हैं तो 15 मिनट साइक्लिंग करना भीकाफी है।
8. साइक्लिंग का कैलोरी कनेक्शन ? साइक्लिंग कासबसे बड़ा फायदा कैलोरी बर्न करना और वेट लॉस ही माना जाता है। रिसर्च डेटा से पता चलता है कि एक साल तक सप्ताह के 6 दिन साइकिल चलाने से आप करीब 2 लाख कैलोरी जला सकते हैं। इतनी कैलोरी करीब 26 किलो वजन कम करने के बराबर होती है।
इसे दिन और वजन के हिसाब से देखें तो 80 किलो का एक व्यक्ति हर रोज एक घंटा साइकिल चलाकर 650 कैलोरी घटा सकता है, यानि आप हर दिन एक घंटा साइकिल चलाकर 71 ग्राम वजन घटा सकते हैं।
नीदरलैंड्समें 15 वर्ष से अधिक उम्र वाले आठ में से सात लोगों के पास खुद कीसाइकिल है।
दुनिया नीदरलैंड्स से सीखें साइकिल चलाना
नीदरलैंड्स में साइकिल चलाना गर्व समझा जाता है और ये वहां की संस्कृति का हिस्सा है। डच राजधानी एम्सटर्डम को दुनिया की साइकिल कैपिटल भी कहा जाता है। यहां लगभग हर नागरिक के पास अपनी साइकिल है और पूरे देश में इसे चलाने के लिए अलग ट्रैक और पार्किंग की व्यवस्था है।
इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट पॉलिसी एनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 40% लोग छुट्टी के दिनों में साइकिल इस्तेमाल करते हैं। नीदरलैंड्स में कुल ट्रिप्स में से 30% ट्रिप्स साइकिल से की जाती हैं, जबकि दुनिया के दूसरे देशों में यह मात्र 1 से 5 फीसदी तक है।
नीदरलैंड के 11 बड़े नौकरी देने वाले संस्थान साइकिलिंग की आदत को बढ़ावा देने के लिए साइकिलों को फाइनेंस भी करते हैं। दो साल पहले यहां केउट्रेच शहर में दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल पार्किंग तैयार हो गई है। इस तीन मंजिला पार्किंग में 12500 साइकिलें पार्क करने की जगह है।
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Bicycle help you in increasing Immune System to reduce depression.
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raghav-shivang · 4 years
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आजवर्ल्ड बाइसिकल डे हैं। कोरोना के इस संकट काल में जब सारे पहिये लगभग थम गए, तो लोगों को साइकिल फिर से अच्छी लगने लगी। अमेरिका जैसे देश में जहां बीते दो महीनों मेंइसकी बिक्री दुगुनी हो गई।भारत में सैकड़ों मजदूर शहरों की बेदर्दी से परेशान होकर अपनेगांवों की ओर साइकिल पर ही निकल पड़े।
बिहार की बेटी ज्योतिअपने पिता को लेकर हजार किलोमीटर निकलपड़ी ताे कहीं पूरा परिवार ही साइकिल पर नजर आया।
इतिहास के पन्नों में सुविधा वाली साइकिल
ये तो हुई आज की बात, लेकिन साइकिल का सफर223 साल पुरानाहो चुका है।साइकिल बनाने के पीछे पहली सोच साधन और सुविधा की थी जो अब सेहत से जुड़ गई है। 1817 में पहली बार जर्मन ड्यूक शासक की सेवा में लगे एक सरकारी अफसरकार्ल वॉन ड्रैस ने दुनिया की पहली दो पहिया साइकिल बनाई थी। इसे ही बाइसिकल कहा गया और उस वक्त नाम दिया गया - ड्रैसिनी। इसका मतलब था एक हल्का वाहन जो आपको बिना मोटर के एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सके।
कुछ इस तरह की थी पहली साइकिल। इसमें न तो चेन थी और न पेैडल। चलाने वाले को पैरों की मदद से पहियों को गति देनी पड़ती थी।
अब बात सेहत की
साइकिल का रूप भले बदल गया हो, पर आज भी इसका कोईविकल्प नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर तमाम रिसर्च बताती हैं किरोजाना 30-40 मिनट की साइक्लिंग शरीर को फिट बनाकर तन और मन दोनों की परेशानियोंसे छुटाकारा दिला सकती है।
साइक्लिंग से कॉर्टिसोल का लेवल बढ़ता है
अच्छी बात ये है कि साइकिल चलाने से शरीर में फील गुड कराने वाले हैप्पीनेस हार्मोन कॉर्टिसोल का लेवल भी बढ़ता है। शरीर की चर्बी गलाने में तो ये कमाल करती है और आप इसकी मदद से महीने भर में लगभग दो किलो तक वजन कम कर सकते हैं।
आज के दिन की बात करें तो,यूनाइटेड नेशंस की जनरल असेम्बली ने 12 अप्रैल, 2018 को एक रेजोल्यूशन पास किया। फैसला हुआ कि सभी सदस्य देश हर साल 3 जून को वर्ल्ड बाइसिकल डे मनाएंगे।
2019 के वर्ल्ड बाइसिकल डे के इवेंट में फैशन मॉडल भव्या मोंगा। इस साल कोरोना लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण इस तरह की इवेंट नहीं पा रहे हैं।
कोरोना अनलॉकडाउन शुरू हो गया, लेकिन अपनी आदत को बनाए रख करअब आगे साइकिल चलानेसे क्या फायदे हो सकते हैं, बता रही हैंफिटनेस एक्सपर्ट नेहा शाह -
1. नहीं होगा जोड़ों का दर्द नियमित साइकिल चलाने का सबसे बड़ा फायदा है कि जोड़ों का दर्द काफी हद तक कम हो जाता है। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि साइक्लिंग के वक्त यह ध्यान रखें कि आपके जोड़90 डिग्री पर मूव हो रहे हों।
2. एंजाइटी- डिप्रेशन से मुक्ति साइक्लिंग के सिर्फ शारीरिक फायदे नहीं हैं। बल्कि, मानसिक तौर पर भी साइकिल के कई फायदे हैं। अगर आप डिप्रेशन या एंजाइटी से परेशान हैं, तो साइक्लिंग शुरू कर दें।
3. हार्टअटैक का खतरा कम रेगुलर साइकलिंग करने से हार्ट अटैक, एबनॉर्मल हार्ट रिदम्स, हार्ट फेलियर जैसी कार्डिडियोवस्क्यूलरडिसीज का खतरा भी न के बराबर होता है।
दुनियाभर में लाखों साइकिल क्लब चल रहे हैं क्योंकि साइकिल चलाने से दोस्ती भी मजबूत होती है।
4.साइक्लिंग से इम्युनिटी क्योंबढ़ती है ? 2018 में जर्नल द एजिंग सेल में छपीरिसर्चरिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि साइकिल चलाने वालोंकी इम्युनिटी पॉवर अन्य लोगों की तुलना में अधिक होती है। जब हम सुबह-सुबह खुली हवा में साइक्लिंग करते हैं तो शरीर ठंड का सामना करता है। थोड़ी देर बाद शरीर गर्म होता है और फिर अत्याधिक गर्मी भी झेलता है। ठंड और गर्मी झेलने कीयह प्रक्रिया शरीर की टी-सेल्स को ताकत देती है और हम मौसम के साथ बीमारियों के प्रति भीज्यादा ताकतवर बन जाते हैं।
5. अन्य वर्कआउट से बेहतर क्यों है साइक्लिंग ? साइकिल चलाने की उपयोगिता बताते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के एजिंग इंस्टीट्यूट के प्रो जैनेट लॉर्ड कहते हैं कि साइकिल चलाने से बॉडी फैट और कोलेस्टेरॉल का लेवल ठीक बना रहता है और आप खुद को जवानमहसूस करते हैं।
स्वीमिंग, जिम, रनिंग जैसे वर्कआउट के कई माध्यम हैं। लेकिन, साइक्लिंग करना इन सबसे बेहतर इसलिए है क्योंकि यह आपके रुटीन में आसानी से फिट हो जाता है। उदाहरण के लिए जिम, स्वीमिंग पूल, स्पोर्ट्स के लिए आपको अलग से समय निकालना होता है। जबकि साइक्लिंग आप ऑफिस, बाजार, स्कूल, कॉलेज जाते वक्त भी कर सकते हैं।
6. क्या साइक्लिंग के दौरान मास्क जरूरी है ? अगर इनडोर साइक्लिंग कर रहे हैं तो मास्क की जरूरत नहीं है। लेकिन, यदि ऐसे खुली जगह मेंसाइक्लिंग कर रहे हैं जहां भीड़ हैतो मास्क पहनना जरूरी है।
7. कितनी देर साइक्लिंग करनी चाहिए? यह रुटीन पर निर्भर करता है। अगर आप कोई अन्य फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं तो कम से कम सप्ताह में 5 दिन (रोज 40 मिनट) साइक्लिंग करना जरूरी है। वहीं अगर आप जिम या किसी तरह का दूसरा वर्कआउट करते हैं तो 15 मिनट साइक्लिंग करना भीकाफी है।
8. साइक्लिंग का कैलोरी कनेक्शन ? साइक्लिंग कासबसे बड़ा फायदा कैलोरी बर्न करना और वेट लॉस ही माना जाता है। रिसर्च डेटा से पता चलता है कि एक साल तक सप्ताह के 6 दिन साइकिल चलाने से आप करीब 2 लाख कैलोरी जला सकते हैं। इतनी कैलोरी करीब 26 किलो वजन कम करने के बराबर होती है।
इसे दिन और वजन के हिसाब से देखें तो 80 किलो का एक व्यक्ति हर रोज एक घंटा साइकिल चलाकर 650 कैलोरी घटा सकता है, यानि आप हर दिन एक घंटा साइकिल चलाकर 71 ग्राम वजन घटा सकते हैं।
नीदरलैंड्समें 15 वर्ष से अधिक उम्र वाले आठ में से सात लोगों के पास खुद कीसाइकिल है।
दुनिया नीदरलैंड्स से सीखें साइकिल चलाना
नीदरलैंड्स में साइकिल चलाना गर्व समझा जाता है और ये वहां की संस्कृति का हिस्सा है। डच राजधानी एम्सटर्डम को दुनिया की साइकिल कैपिटल भी कहा जाता है। यहां लगभग हर नागरिक के पास अपनी साइकिल है और पूरे देश में इसे चलाने के लिए अलग ट्रैक और पार्किंग की व्यवस्था है।
इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट पॉलिसी एनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 40% लोग छुट्टी के दिनों में साइकिल इस्तेमाल करते हैं। नीदरलैंड्स में कुल ट्रिप्स में से 30% ट्रिप्स साइकिल से की जाती हैं, जबकि दुनिया के दूसरे देशों में यह मात्र 1 से 5 फीसदी तक है।
नीदरलैंड के 11 बड़े नौकरी देने वाले संस्थान साइकिलिंग की आदत को बढ़ावा देने के लिए साइकिलों को फाइनेंस भी करते हैं। दो साल पहले यहां केउट्रेच शहर में दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल पार्किंग तैयार हो गई है। इस तीन मंजिला पार्किंग में 12500 साइकिलें पार्क करने की जगह है।
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Bicycle help you in increasing Immune System to reduce depression.
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indiavsdubai · 5 years
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अभिजीत बनर्जी पीएम से मिलने के बाद बोले- मोदी ने बताया कि वो देश को लेकर कैसे सोचते हैं
इस साल के अर्थशास्त्र के नोबेल विजेता प्रोफ़ेसर अभिजीत बनर्जी की मुलाक़ात नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई. पीएम मोदी ने अभिजीत बनर्जी से मुलाक़ात की तस्वीर डाली है.
इस तस्वीर को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा है, "नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से बेहतरीन मीटिंग हुई. मानव सशक्तीकरण के प्रति उनकी धुन स्पष्ट रूप से सबके सामने है. कई विषयों पर बनर्जी से विस्तार में चर्चा हुई. अभिजीत की उपबल्धि पर भारत को गर्व है. भविष्य के लिए उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं."
पीएम मोदी से मुलाक़ात के बाद अभिजीत बनर्जी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "मुझे पीएम मोदी से मिलने का सौभाग्य हासिल हुआ. प्रधानमंत्री ने मुझे पर्याप्त वक़्त दिया और उन्होंने बताया कि वो भारत के बारे में क्या सोचते हैं."
अभिजीत ने कहा, "मोदी देश के बारे में जो सोचते हैं वो बिल्कुल अलग है. पीएम ने अपनी नीतियों को लेकर बात की. वो चीज़ों को कैसे लागू कर रहे हैं इस पर भी बात की. पीएम ने बताया कि कैसे ज़मीन पर शासन में अभिजनों का नियंत्रण था. मोदी ने ये भी बताया कि वो कैसे ब्यूरोक्रेसी में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं. भारत के लिए यह बहुत अहम है कि अधिकारी लोगों के प्रति ज़िम्मेदार बनें. इस बेहतरीन मुलाक़ात के लिए पीएम मोदी को शुक्रिया."
2016 में जब पीएम मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की तो अभिजीत बनर्जी ने इसे मूर्खतापूर्ण क़दम बताया था. इसके साथ ही बनर्जी ने भारत में आर्थिक वृद्धि मापने के तरीक़ो की भी आलोचना करते हुए डेटा को संदिग्ध बताया था.
अभिजीत बनर्जी को नोबल मिला तो भारत सरकार की तरफ़ से कोई गर्मजोशी भरी प्रतिक्रिया नहीं आई थी. यहां तक कि रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अभिजीत बनर्जी को वामपंथी विचारधारा वाला बताया और कहा कि उनके आइडिया को भारत की जनता ने ख़ारिज कर दिया है.
अभिजीत बनर्जी ने 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस के घोषणापत्र बनाने में न्याय स्कीम को लेकर मदद की थी, जिसमें देश के सबसे ग़रीब 20 फ़ीसदी परिवारों के खाते में हर साल 72 हज़ार रुपए ट्रांसफर करने का वादा था.
लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस आम चुनाव में बुरी तरह से हार गई थी. इसी को लेकर अभिजीत बनर्जी पर निशाना साधते हुए पीयूष गोयल ने कहा था कि भारत की जनता ने उनके आइडिया को नकार दिया है.
अभिजीत बनर्जी ने बीबीसी संवाददाता अरुणोदय मुखर्जी को दिए इंटरव्यू में पीयूष गोयल की टिप्पणी पर कहा कि उन्हें बुरा लगा. अभिजीत ने कहा, "हां, बुरा तो लगा, लेकिन इसलिए नहीं कि मेरे ख़िलाफ़ कुछ बोला गया. बल्कि इसलिए बुरा लगा कि जब देश को प्रोफ़ेशनल्स ज़रूरत है तो उनका इस्तेमाल करना चाहिए."
क्या अभिजीत भारत में आना चाहेंगे? इस पर उन्होंने कहा, "अगर लगे कि देश को ज़रूरत है तो सलाह मैं देने के लिए तैयार हूं लेकिन अभी नौकरी छोड़कर या बच्चों को छोड़कर यहां आना मुश्किल है. जो रघुराम राजन ने किया वो एक तरह से त्याग किया था."
पीयूष गोयल बाक़ी मीडिया को दिए जवाब में अभिजीत बनर्जी ने कहा था, "मुझे लगता है कि इस तरह की टिप्पणी से कोई मदद नहीं मिलेगी. मुझे अपने काम के लिए नोबेल मिला है और उन्हें मेरे काम पर सवाल खड़ा करने से कुछ भी हासिल नहीं होगा. अगर बीजेपी भी कांग्रेस पार्टी की तरह अर्थशास्त्र को लेकर सवाल पूछेगी तो क्या मैं सच नहीं बताऊंगा? मैं बिल्कुल सच बताऊंगा."
उन्होंने कहा, "मैं एक प्रोफ़ेशनल हूं तो सभी के लिए हूं. किसी ख़ास पार्टी के लिए नहीं हूं. अर्थव्यवस्था को लेकर जो मेरी समझ है वो पार्टी के हिसाब से नहीं बदलेगी. अगर कोई मुझसे सवाल पूछेगा तो मैं उसके सवाल पूछने के मक़सद पर सवाल नहीं खड़ा करूंगा. मैं उन सवालों का जवाब दूंगा."
अभिजीत ने कहा था, "मैंने भारत में कई राज्य सरकारों के साथ काम किया है. इसमें बीजेपी की भी सरकारें हैं. मैंने गुजरात में ��्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर काम किया है. तब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे और मेरा तब का अनुभव बहुत बढ़िया रहा था. मुझे उस वक़्त किसी राजनीतिक व्यक्ति के तौर पर नहीं देखा गया था बल्कि एक विशेषज्ञ के तौर पर लिया गया और उन्होंने उन नीतियों को लागू भी किया था. मैं एक प्रोफ़ेशनल हूं तो वही हूं और ऐसा सबके लिए हूं. मैंने हरियाणा में खट्टर के साथ भी काम किया है."
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ऊर्जा संरक्षण के लिए शानदार तरीके और घर पर बिजली बचाने के लिए हिंदी में।
Great Ways For Energy Conservation And To Save Electricity At Home in Hindi.
2018 में भारत में घरों में आपूर्ति की जाने वाली बिजली की औसत लागत एक किलो वाट घंटे (किलोवाट) के लिए 5 रुपये आंकी गई है।  दर आपके स्थान और उपयोगिताओं प्रदाता के अनुसार भिन्न हो सकती है।
भारतीय घरों में बिजली बिल का भुगतान 500 रुपये से लेकर Rs.25,000 प्रति माह तक है।
बेशक, यह विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है जिसमें घर का आकार, एयर कंडीशनर की संख्या, अन्य घरेलू उपकरण और घरेलू द्वारा उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स, अन्य शामिल हैं।
हालांकि आपका बिजली का बिल कम है, लेकिन इसे आगे बढ़ाने के पर्याप्त अवसर हैं।  लेकिन इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, भारत में बिजली बिलिंग प्रणाली के बारे में कुछ बुनियादी बातों को समझना महत्वपूर्ण है।
बिजली की खपत की गणना।
भारत में सभी उपयोगिताओं प्रदाता- चाहे राज्य चलाते हों या निजी कंपनियां- किलो वाट घंटे (kWh) के आधार पर आपकी बिजली की खपत की गणना करते हैं।  बिजली की एक इकाई इसलिए 1kWh है।
इसे सीधे शब्दों में कहें तो 100 वाट का बिजली का बल्ब 1 किलोवाट बिजली की खपत करता है अगर एक घंटे के लिए छोड़ दिया जाए।
आम तौर पर, भारत में सभी उपयोगिताओं प्रदाता पहले 100 इकाइयों- या 100kWh के लिए रियायती दर- Rs.2 और Rs.4 प्रति kWh के बीच का शुल्क लेंगे।
यदि आप 300 यूनिट तक 100 से अधिक इकाइयों का उपभोग करते हैं, तो वे लगभग रु। 5 / यूनिट का शुल्क लेंगे।
यदि आपका घर या कार्यालय 301 इकाइयों के बीच 500 या 300kWh से 500kW तक की बिजली का उपयोग करता है, तो दर तेजी से अधिक है- अतिरिक्त खपत के लिए लगभग 9 रुपये प्रति यूनिट।
यदि आप 500 kWh से अधिक का उपयोग करते हैं, तो इनकी गणना लगभग 11 रुपये प्रति यूनिट की दर से की जाएगी।
इसका मतलब है, आपसे स्लैब के अनुसार शुल्क लिया जाएगा।  एक दर 300 यूनिट तक की खपत के लिए लागू की जाएगी, दूसरी 301 से 500 इकाइयों के लिए और तीसरी बिजली की 500 से अधिक इकाइयों के उपयोग के लिए।
इन दरों को ध्यान में रखते हुए, बिजली बचाना और अपने घरेलू खर्चों को नियंत्रण में रखना महत्वपूर्ण है।
कुछ सरल उपाय करके अपनी बिजली की लागत को कम करने के कई तरीके और साधन हैं।  रुचि रखते हैं?  यहां घरों और कार्यालयों में बिजली बचाने के तरीके और साधन दिए गए हैं।
बिजली बचाने के 12 कुशल तरीके
यहां हम बिजली के बिलों को कम करके बिजली और अपने पैसे को बचाने के लिए कुछ समय परीक्षण और सिद्ध तरीके प्रस्तुत करते हैं।
1. एयर कंडीशनर का उचित उपयोग
एयर कंडीशनर बिजली के सबसे बड़े गुज्जरों में शुमार हैं।  तेजी से वनों की कटाई से शहरों में जलवायु परिवर्तन और कंक्रीट के जंगलों की वजह से एयर कंडीशनर के उपयोग की आवश्यकता होती है।
Great Ways For Energy Conservation And To Save Electricity At Home in Hindi.
दुर्भाग्य से, अधिकांश भारतीय एयर कंडीशनर के उचित उपयोग के बारे में अनजान हैं।  वे उच्च चार्ज करने के लिए उपयोगिताओं प्रदाताओं को दोष देते हैं।
एयर कंडीशनर के उचित उपयोग में सही तापमान और मोड सेट करना शामिल है।  एयर कंडीशनर पर अलग-अलग मोड हैं जैसे कि चिल, नम, बरसात और धूप अन्य।
सही का चयन करें।  22 डिग्री सेल्सियस से नीचे का तापमान निर्धारित करने से अधिक बिजली की खपत होती है।
यह भी सुनिश्चित करें कि आपके एयर कंडीशनर, एयर इनलेट और आउटलेट के फिल्टर साफ हों।
जैसे ही आपका कमरा वांछित तापमान पर ठंडा हो जाए, एक एयर कंडीशनर बंद कर दें।  इसे छोड़ना केवल आपके बिजली के बिल में जुड़ता है।  यह भी सुनिश्चित करें कि जब आप कमरे, घर या कार्यालय से बाहर निकलें तो सभी एयर कंडीशनर बंद हो जाएं।
2. डेलाइट का उपयोग करें
दिन के उजाले के दौरान भी लाखों भारतीय घरों में बिजली के लैंप का उपयोग किया जाता है।  कुछ बिजली की रोशनी तब भी छोड़ देते हैं, जब उन्हें दिन के दौरान ज़रूरत नहीं होती है।
इसके बजाय, दिन के उजाले और प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करें।  उन बिजली के बल्बों को बंद करें, जिनमें नवीनतम ’पावर सेविंग’ शामिल हैं।
फ्लोरोसेंट ट्यूब, बिजली की बचत लैंप और उनकी पसंद भी बहुत सारी बिजली की खपत करते हैं।  उन्हें साधारण बल्बों की तुलना में कम शक्ति की आवश्यकता होती है।  फिर भी, दिन के उजाले के बावजूद उन्हें छोड़ना या उपयोग करना ऊर्जा की बर्बादी है।
आप घर और कार्यालय में प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करके बिजली बचा सकते हैं।
3. वॉटर हीटर
वॉटर हीटर को बहुत अधिक बिजली की आवश्यकता होती है। अंदर फिट किए गए हीटिंग कॉइल को पानी को जल्दी से गर्म करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि आपके पास तुरंत गर्म पानी हो सके। आप वॉटर हीटर के विवेकपूर्ण उपयोग के माध्यम से बिजली बचा सकते हैं।
जब आवश्यक न हो तो वॉटर हीटर को बंद करना पहला कदम है। जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया है, वे उच्च शक्ति वाले कॉइल से सुसज्जित हैं ताकि आप इसे स्नान, स्नान, दाढ़ी या धोने से पहले ही स्विच कर सकें: आप कुछ मिनटों के भीतर गर्�� पानी प्राप्त कर सकते हैं।
शेविंग, नहाते या शॉवर करते समय, रेजर, साबुन लगाने या शैम्पू करने के दौरान गर्म पानी के नल को बंद कर दें। इसका दोहरा फायदा है: आप पानी के बिल में भी बचत करते हुए बिजली बचाते हैं।
4. वाशिंग मशीन
वॉशिंग मशीन का उपयोग करने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके पास कपड़े का पूरा भार है। दैनिक धुलाई ठीक है क्योंकि यह व्यक्तिगत स्वच्छता का अनिवार्य हिस्सा है। लेकिन रोजाना या कम लोड के साथ वॉशिंग मशीन चलाने से आप बिजली का भार बर्बाद कर रहे हैं।
अपने कपड़े धोने के शेड्यूल से बिजली बचाना संभव है और ऐसा तभी किया जा सकता है जब इसके इस्तेमाल की योग्यता के लिए पर्याप्त कपड़े हों।
क्या आपको कपड़े धोने के लिए गर्म पानी की आवश्यकता होती है, वाटर हीटर का उपयोग केवल तब तक करना चाहिए जब तक वॉशर टब में पानी का वांछित तापमान न पहुँच जाए।
वॉटर हीटर को तुरंत बंद कर दें क्योंकि इसे छोड़ने से अधिक बिजली की खपत होती है।
बिजली बचाने के लिए सही धुलाई का समय और मोड सेट करें। गलत तरीके से वॉशर सेट करना अनजाने में बिजली अपव्यय का कारण बनता है। अगर यह अर्ध-स्वचालित मशीन का उपयोग कर रहा है, तो यह ड्रायर के लिए सही है।
यदि आप उन क्षेत्रों में रहते हैं जहाँ मौसम गर्म है, तो आप केवल धुले हुए कपड़ों से अतिरिक्त पानी निकालने के लिए ड्रायर का उपयोग कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे ड्रिप न करें। बाकी गर्म मौसम के कारण स्वाभाविक रूप से सूख जाएगा।
5. फ्रिज
अधिकांश भारतीय घरों में एक फ्रिज सर��वव्यापी है। आधुनिक दिन के रेफ्रिजरेटर ऊर्जा संरक्षण के प्रकार हैं। हालाँकि, उनकी बिजली अर्थव्यवस्था आपके उपयोग पर निर्भर करती है। अपने फ्रिज के अंदर लोड के अनुसार थर्मोस्टेट सेट करें।
यदि आपके रेफ्रिजरेटर में संग्रहीत खाद्य पदार्थों की मात्रा कम है, तो सेटिंग्स को तुरंत कम में बदलें। इससे आप बिजली बचा सकते हैं।
आमतौर पर, प्रत्येक रेफ्रिजरेटर के उपयोगकर्ता मैनुअल बिजली के लिए अधिकतम दक्षता प्राप्त करने के लिए उचित थर्मोस्टेट सेटिंग्स का संकेत देंगे। उपयोगकर्ता गाइड का ध्यानपूर्वक अध्ययन करें।
अपने फ्रिज में गर्म भोजन कभी न रखें। एक फ्रिज इसे ठंडा करने के लिए अधिक शक्ति का उपभोग करेगा क्योंकि गर्म भोजन गर्मी जारी करेगा। यह विशेष रूप से सच है यदि आप घर का बना मिठाई और डेसर्ट का भंडारण कर रहे हैं और इसे जमने और सेट करने के लिए ठंडा करने की आवश्यकता है।
गर्म भोजन का भंडारण कुछ समय के बाद आपके फ्रिज की कार्यक्षमता कम कर देता है और इस महंगे घरेलू उपकरण को अपूरणीय क्षति पहुंचाता है।
हालांकि आजकल कोई भी ठंढ या शून्य-ठंढ रेफ्रिजरेटर आम नहीं है, आपको अपनी कुशल चलने को सुनिश्चित करने के लिए महीने में कम से कम दो बार इस घरेलू उपकरण को बंद करना होगा।
आपके फ्रिज के कंप्रेशर्स और कूलिंग सिस्टम के निरंतर चलने से उन्हें समय की अवधि में कम कुशल हो जाएगा। इसलिए, वे अधिक बिजली की खपत करते हैं।
एक बार थोड़ी देर में, अपने बचे हुए खाद्य पदार्थों के फ्रिज से छुटकारा पाएं और इसे कुछ घंटों के लिए बंद कर दें। कमरे के तापमान को प्राप्त करने के लिए अंदरूनी अनुमति दें। अपने फ्रिज को साफ करें और फिर से चालू करें।
सुनिश्चित करें कि आप थर्मोस्टेट या सेंसर को भी साफ करें। नाजुक और नाजुक थर्मोस्टेट या सेंसर को पोंछते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें: कोई भी क्षति आपके फ्रिज को अपनी दक्षता खोने और अधिक बिजली का उपभोग करने का कारण बन सकती है।
यदि आपके पास दूसरा फ्रिज है, तो तुरंत बंद करें जब तक कि खर्च पूरी तरह से उचित न ह।
6. अपने इलेक्ट्रॉनिक्स को अनप्लग करें
टीवी, सेट-टॉप बॉक्स (एसटीबी) डायरेक्ट-टू-होम सैटेलाइट टीवी प्रदाताओं और केबल ऑपरेटरों, लैपटॉप, पीसी, म्यूजिक प्लेयर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा प्रदान किए जाते हैं, जब वे स्टैंडबाय मोड में होते हैं तो छोटी मात्रा में बिजली का उपयोग करते हैं।
इसके बजाय, इन उपकरणों को अनप्लग करें या बिजली बचाने के लिए उन्हें स्टैंडबाय मोड पर छोड़ने के बजाय स्विच बंद कर दें। बिजली की छोटी मात्रा केवल आपके बिजली बिल में जोड़ देती है।
एक अन्य प्रमुख अपराधी होम वाईफाई राउटर है। जब तक कोई व्यक्ति चौबीसों घंटे ऑनलाइन नहीं रहेगा, आपको राउटर चालू रखने की आवश्यकता नहीं है। इसमें काफी मात्रा में बिजली की खपत होती है। आप बस जरूरत पड़ने पर Wifi चालू कर सकते हैं।
आमतौर पर लोग अपने स्मार्टफोन को घरों में वाईफाई से कनेक्ट करते हैं। यह अनावश्यक है अगर आपके पास प्रीपेड या पोस्ट-पेड मोबाइल कनेक्शन है जिसमें डेटा भी शामिल है।
7. कंप्यूटर का उपयोग कम करें
जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो, घर पर पीसी या लैपटॉप का उपयोग करने से बचें। ऊर्जा संरक्षण होने के बावजूद, कंप्यूटर बहुत सारी बिजली की खपत करते हैं।
सोशल मीडिया तक पहुंचने या ईमेल पढ़ने सहित कई कार्य हैं जो स्मार्टफोन के माध्यम से किए जा सकते हैं। आप घर पर पीसी और लैपटॉप के उपयोग को कम या समाप्त करके आसानी से बिजली बचा सकते हैं।
कंप्यूटर गेम और उनके नियंत्रक बिजली की एक प्रमुख नाली हैं। हालांकि मैं कंप्यूटर गेम का आनंद लेने के आपके अधिकार से इनकार नहीं करता, लेकिन विवेकपूर्ण तरीके से इन पर अमल करना बुद्धिमानी है।
8. टेलीविजन
बिजली बचाने के लिए हमारी सूची में अगला है टीवी। यदि आपके पास इन पुराने टीवी सेटों में से एक है, जो बिजली की उच्च मात्रा की आवश्यकता है, तो एक नए, बिजली संरक्षण मॉडल के लिए व्यापार बंद करें।
बेशक, एक नए टीवी के लिए जाने पर कुछ पैसे खर्च होंगे। लेकिन कुछ महीनों में, आपने बिजली के बिलों में बचत करके नए टीवी के लिए भुगतान की गई पूरी राशि वसूल कर ली होगी।
अक्सर चैनलों के बीच स्विच करने से अधिक बिजली का उपयोग होता है। इसलिए, उस चैनल का चयन करें जिसे आप पहले से देखना चाहते हैं और केवल तभी बदलें जब जरूरत हो।
जब आप दूसरे कमरे में व्यस्त हों तब टीवी सेट कभी न छोड़ें। यह बिजली का अपव्यय है। यदि आपको लंबी अवधि के लिए कमरे से बाहर निकलना है, तो टीवी बंद करें और इसे भी अनप्लग करें।
9. छत, टेबल और स्टैंड प्रशंसक
फिर भी कई भारतीय परिवारों द्वारा की गई एक और आम गलती प्रशंसकों को छोड़ रही है जबकि कोई भी एक कमरे में नहीं है। याद रखें, पंखे बिजली से चलने वाली मोटरों पर चलते हैं। इसलिए, स्पष्ट कारण के बिना छोड़ा गया एक पंखा बिजली की बर्बादी है।
कमरे से बाहर निकलते समय या घर के बाहर जाते समय आप बस उन्हें बंद करके बिजली बचा सकते हैं।
इसके अलावा, अपने प्रशंसक के लिए सही सेटिंग्स का चयन करें। एक अच्छे के लिए उच्च गति पर इसका उपयोग करते हुए, बिजली की उच्च मात्रा के रूप में एक आकर्षक माहौल आता है। सीलिंग फैन या टेबल फैन का उपयोग कर कपड़े सुखाना एक बहुत बुरा विचार है।
आप बिजली पर बहुत अधिक खर्च करते हैं: 
कपड़े अच्छे से नहीं सूखते हैं, तब भी जब एक चालू पंखे के नीचे छोड़ दिया जाता है। इसके बजाय, एक लाइन या बाहर की ओर सूखे कपड़े��
10. माइक्रोवेव ओवन
भारतीय घर आमतौर पर माइक्रोवेव ओवन का उपयोग बचे हुए खाने या ठंडे खाने के लिए करते हैं। माइक्रोवेव बिजली के अकल्पनीय संस्करणों का उपयोग करते हैं। जब तक आपको खाना पकाने के लिए माइक्रोवेव की आवश्यकता नहीं होती है, तब तक उपयोग करना सबसे अच्छा है।
बचे हुए भोजन और भोजन को गर्म करने के लिए कई ऊर्जा संरक्षण और किफायती तरीके हैं जिन्हें कुछ हीटिंग की आवश्यकता होती है। 
इसके बजाय अपने गैस स्टोव का उपयोग करें।
यदि आप एक बिजली के घरेलू उपकरण का उपयोग करने के लिए इच्छुक हैं, तो एक टोस्टर पर खरीदें क्योंकि यह बहुत कम मात्रा में बिजली का उपभोग करता है।
11. इलेक्ट्रिक मॉस्किटो रिपेलेंट्स
अधिकांश भारतीय उस आकर्षक टीवी विज्ञापन और उसके जिंगल से परिचित होंगे: “मीठे सपने और… ..” विज्ञापन इलेक्ट्रिक मच्छर भगाने के एक लोकप्रिय ब्रांड के लिए है। विभिन्न ब्रांडों के ऐसे उपकरण बहुत से भारतीय घरों में आम हैं।
लेकिन "मीठे सपने" के बजाय, ये बिजली के मच्छर repellents जब यह आपके बिजली के बिल की बात करते हैं तो भयानक दुःस्वप्न दे सकते हैं।
भारत में असंख्य घर हर सुबह एक शक्तिशाली कीटनाशक को फैलाने वाले इन बिजली के मच्छरों के रिपेलेंट्स को बंद करने में विफल रहते हैं।
नतीजतन, छोटे उपकरण पूरे दिन बिना किसी उद्देश्य के, आपके बिजली के बिल में kWh को जोड़ते हुए चलते रहते हैं। बर्बाद होने वाली ऊर्जा की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि आपके घर में कितने बिजली के मच्छर हैं।
बेशक, वे तरल कीटनाशक को गर्म करने के लिए थोड़ी शक्ति का उपयोग करते हैं और इसे एक कमरे में फैलाते हैं। फिर भी, वे बिजली का उपभोग करते हैं। जैसे ही आप जागते हैं, इन उपकरणों को बंद करके बिजली बचाएं।
बिजली के मच्छर repellents पर बिजली बचाने का एक और तरीका खिड़कियों पर जाल का उपयोग करके है। यह आपके घर में मच्छरों के प्रवेश को कम करता है।
अंधेरे के बाद ही ऐसे रिपेलेंट्स का उपयोग करें। समय पर बिजली के मच्छर repellents को स्विच करना और उनके उचित उपयोग का एक और फायदा है: आप तरल कीटनाशक की रिफिल पर पैसे बचाते हैं और डिवाइस को अति प्रयोग से होने वाले संभावित नुकसान से बचाते हैं।
12. विद्युत प्रकाश
कोई भी एक अंधेरे, उदास घर पसंद नहीं करता है। इसलिए, हम शाम के आसपास बिजली की रोशनी पर स्विच करते हैं। यह एक आम और स्वीकार्य प्रथा है। आप बिजली की रोशनी के विवेकपूर्ण उपयोग से बिजली और पैसा बचा सकते हैं।
जब उपयोग में न हों तो रसोई और शौचालय सहित कमरों में रोशनी बंद करें। आप ऊर्जा सेवर लैंप का उपयोग कर रहे होंगे, लेकिन वे अभी भी बिजली की खपत करते हैं और व्यर्थ बिजली के लिए बिजली के बिलों का भुगतान करने से नहीं चूकते हैं।
पावर सेवर बल्ब का चयन करते समय, सुनिश्चित करें कि वाट क्षमता और आकार कमरे के लिए पर्याप्त हैं: छोटे का उपयोग करने का मतलब खराब प्रकाश और बिजली की बर्बादी है, बड़े लोगों का अर्थ है प्रकाश की चमक और कीमती बिजली की खपत और उच्च बिल।
केवल प्रतिष्ठित ब्रांडों द्वारा बनाए गए पावर सेवर बल्ब के लिए ऑप्ट। फ्लोरोसेंट ट्यूब का उपयोग करना अक्सर सस्ता काम करता है और कभी-कभी ऊर्जा सेवर बल्ब और लैंप की तुलना में बेहतर प्रकाश व्यवस्था प्रदान करता है।
बिजली बचाने के अन्य तरीके
क्या आपको घर या कार्यालय की सावधानीपूर्वक सूची लेनी चाहिए, यह पहचानना संभव है कि बिजली की बचत कहां संभव है।
पावर बैंक रिचार्ज करने के लिए छोड़ दिया, लैपटॉप और प्रिंटर स्टैंडबाय मोड पर छोड़ दिया, पूर्ण बैटरी के बावजूद चार्जर से जुड़ी मोबाइल शक्तियां, अनुचित चूल्हों का उपयोग करते समय, इंडक्शन स्टोव का उपयोग करते समय और रात के लैंप को छोड़ दिया गया, कुछ संकेतक हैं।
यह सलाह दी जाती है कि वर्ष में कम से कम एक बार अपने घर और कार्यालय की वायरिंग की जांच करवाएं, खासकर मानसून के बाद।  दोषपूर्ण वायरिंग से बिजली की हानि होती है।  जैसे-जैसे तारों में धातु पुरानी होती जाती है, बिजली का संचालन करने की इसकी क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है।
इसलिए, कुछ वर्षों के बाद तारों को बदलना बेहतर है।  इससे बिजली के साथ-साथ जीवन को बचाने में मदद मिल सकती है।  दोषपूर्ण तारों से शॉर्ट सर्किट और बिजली के झटके हो सकते हैं।
इलेक्ट्रिक स्टोव को उच्च kWh बिजली की आवश्यकता होती है और इसलिए सबसे अच्छे रूप से अलग होते हैं।  हालांकि ऊर्जा संरक्षण आधुनिक बिजली के स्टोव उपलब्ध हैं, वे सीमित बिजली की बचत प्रदान करते हैं।
इसके बजाय, उचित जहाजों के साथ प्रेरण स्टोव का उपयोग करें।  जैसा कि मैंने पहले उल्लेख किया है, एक इंडक्शन स्टोव के लिए बर्तनों में खाना पकाने का मतलब गंभीर ऊर्जा अपव्यय नहीं है।
विभिन्न धर्मों के लोग घर पर एक छोटे से मंदिर या वेदी पर विभिन्न प्रकार की विद्युत रोशनी का उपयोग करते हैं।  आप उच्च-गुणवत्ता वाले ऊर्जा संरक्षण और सजावटी लैंप का उपयोग करके कुछ बिजली बचा सकते हैं जो बहुत सस्ती कीमतों पर बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।
पारंपरिक बल्ब का उपयोग करने और बिजली बचाने के बजाय अपने विशेष स्थान को देने के लिए इन सजावटी लैंपों का उपयोग करें।
नाइट लैम्प: उपयोग या नहीं?
घर पर नाइट लैंप का इस्तेमाल तभी करें जब वास्तविक जरूरत हो।  वे बिजली का उपभोग करते हैं और अक्सर आपकी दृष्टि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
आपकी आंखों को दृश्य अनुकूलन विकसित करने की आवश्यकता है- प्रकाश और अंधेरे के विभिन्न डिग्री के अनुकूल होने की क्षमता और फिर भी स्पष्ट रूप से देखें।
रात के लैंप आपकी आंखों को एक कमरे में अंधेरे के अनुकूल नहीं होने देते हैं।  इसलिए, आप दृश्य अनुकूलन के मस्तिष्क और आंखों को वंचित करते हैं।  हालांकि, यह आपकी पसंद है कि घर पर नाइट लैंप का उपयोग करें या नहीं।
In conclusions:
यदि आप बस ऊपर बताए गए चरणों का पालन करते हैं तो बिजली बचाना एक सरल कार्य है। कार्यालय में बिजली के बिल में कटौती करने के लिए घर और कर्मचारियों को बिजली बचाने के लिए आपके घर के सहयोग की आवश्यकता होती है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईसी) का अनुमान है कि भारत उन देशों में शुमार होगा जो वित्त वर्ष 2018-2019 के दौरान अधिशेष बिजली पैदा करते हैं।
हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आपके उपयोगकर्ता प्रदाता आवश्यक रूप से टैरिफ कम करेंगे।
इसके बजाय, अमेरिकी डॉलर-भारतीय रुपया विनिमय दर की अस्थिरता के कारण बढ़ती पेट्रोलियम लागत बिजली कंपनियों को कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर कर सकती है। ऐसे परिदृश्यों को देखते हुए, यह जरूरी है कि आप घर और कार्यस्थल पर बिजली बचाएं।
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lazyupdates · 6 years
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रोजगार के मामले में विपक्ष के आरोपों का कड़ा जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश में रोजगार की कहीं कोई कमी नहीं है। पीएम मोदी ने नौकरियों के मोर्चे पर सरकार के विफल रहने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा कि रोजगार को लेकर डेटा के अभाव के कारण यह मुद्दा बना है।प्रधानमंत्रीने कहा है कि विपक्षी नौकरियों के मामले में ‘अपनी इच्छानुसार’ एक तस्वीर बना रहे हैं, क्योंकि हमारे पास नौकरियों पर पर्याप्त आंकड़े मौजूद नहीं हैं।
(PTI File Photo)
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक पीएम मोदी ने ‘स्वराज्य’ पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा, “नौकरियों की कमी से ज्यादा, नौकरियों पर आंकड़े की कमी की समस्या है। हमारे विपक्षी स्वाभाविक रूप से इस अवसर का इस्तेमाल अपनी इच्छानुसार तस्वीर बनाने और हमपर आरोप मढ़ने में कर रहे हैं। मैं हमारे विपक्षियों को नौकरी के मुद्दे पर हमपर आक्षेप लगाने का आरोप नहीं लगाता हूं, आखिरकार किसी के पास भी नौकरियों पर वास्तविक आंकड़ा मौजूद नहीं है।”
पीएम ने कहा कि नौकरियों को मापने का पारंपरिक ढांचा ‘नए भारत की नई अर्थव्यवस्था में नए रोजगार को मापने के लिए पर्याप्त नहीं है।’ उन्होंने साथ ही कहा कि यह हमारे नौजवानों के हितों और आकांक्षाओं को पूरा नहीं करता है। उन्होंने कहा, “उदाहरण के लिए, देश में सामान्य सेवा केंद्रों को चलाने वाले ग्रामीण स्तर पर तीन लाख उद्यमी हैं और ये ज्यादा रोजगार पैदा कर रहे हैं। स्टार्ट-अप नौकरियों की संख्या बढ़ रही है और यहां लगभग 15,000 स्टार्ट-अप्स हैं, जिसे सरकार ने मदद दी है और कइयों का संचालन शुरू होने वाला है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “अगर हम नौकरियों की संख्या को देखें तो, ईपीएफओ के पेरोल डेटा के अनुसार, सितंबर 2017 से अप्रैल 2018 तक 41 लाख औपचारिक नौकरियों का सृजन हुआ है। ईपीएफओ के डेटा पर अध्ययन के अनुसार, पिछले वर्ष औपचारिक क्षेत्र में 70 लाख नौकरियों का सृजन हुआ है।” पीएम मोदी ने कहा कि औपचारिक क्षेत्र में नौकरियों के सृजन से अनौपचारिक क्षेत्र में भी अतिरिक्त उत्पाद प्रभाव (स्पिनऑफ इफेक्ट) पैदा होगा, जोकि कुल नौकरियों का 80 प्रतिशत बैठता है।
उन्होंने कहा, “अगर आठ माह में औपचारिक क्षेत्र में 41 लाख नौकरियों का सृजन होता है, तो औपचारिक व अनौपचारिक क्षेत्र में कितनी नौकरियों का सृजन होगा।” मोदी ने कहा, “मुद्रा योजना के अंतर्गत 12 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए गए हैं। क्या यह आशा करना गलत है कि एक ऋण से कम से कम एक व्यक्ति की जीविका का निर्माण होता है या सहायता मिलती है।”
पीएम ने कहा, “पिछले एक वर्ष में एक करोड़ से भी ज्यादा घरों का निर्माण हुआ है. इससे कितना रोजगार पैदा हुआ? अगर प्रति माह सड़क का निर्माण दोगुना हो रहा है, अगर रेलवे, राजमार्गों, विमानन कंपनियों में जबरदस्त वृद्धि हो रही है, तो यह किसकी ओर इशारा करता है?” मोदी ने रोजगार सृजन को लेकर राजनीतिक बहस में ‘स्थिरता की कमी’ का आरोप लगाया और कहा कि अगर राज्य सरकारें लाखों नौकरियों के सृजन का दावा कर रही है तो, यह कैसे हो सकता है कि केंद्र सरकार नौकरियों का सृजन नहीं कर रही है?
पीएम मोदी बोले- ‘नौकरियों की कमी नहीं, वा‍स्‍तविक डेटा का अभाव है असली समस्या’
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globalexpressnews · 6 years
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पीएम मोदी ने कहा, नौकरियों की कमी नहीं, बस वा‍स्‍तविक आंकड़े नहीं हैं खास बातेंस्टार्ट-अप नौकरियों की संख्या बढ़ रही हैरोजगार सृजन को लेकर राजनीतिक बहस में 'स्थिरता की कमी''मुद्रा योजना के अंतर्गत 12 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए गए'नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विपक्षी नौकरियों के मामले में 'अपनी इच्छानुसार' एक तस्वीर बना रहे हैं, क्योंकि हमारे पास नौकरियों पर पर्याप्त आंकड़े मौजूद नहीं हैं. मोदी ने 'स्वराज्य' पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा, "नौकरियों की कमी से ज्यादा, नौकरियों पर आंकड़े की कमी की समस्या है. हमारे विपक्षी स्वाभाविक रूप से इस अवसर का इस्तेमाल अपनी इच्छानुसार तस्वीर बनाने और हमपर आरोप मढ़ने में कर रहे हैं. मैं हमारे विपक्षियों को नौकरी के मुद्दे पर हमपर आक्षेप लगाने का आरोप नहीं लगाता हूं, आखिरकार किसी के पास भी नौकरियों पर वास्तविक आंकड़ा मौजूद नहीं है." उन्होंने कहा कि नौकरियों को मापने का पारंपरिक ढांचा 'नए भारत की नई अर्थव्यवस्था में नए रोजगार को मापने के लिए पर्याप्त नहीं है.' उन्होंने साथ ही कहा कि यह हमारे नौजवानों के हितों और आकांक्षाओं को पूरा नहीं करता है. उन्होंने कहा, "उदाहरण के लिए, देश में सामान्य सेवा केंद्रों को चलाने वाले ग्रामीण स्तर पर तीन लाख उद्यमी हैं और ये ज्यादा रोजगार पैदा कर रहे हैं. स्टार्ट-अप नौकरियों की संख्या बढ़ रही है और यहां लगभग 15,000 स्टार्ट-अप्स हैं, जिसे सरकार ने मदद दी है और कइयों का संचालन शुरू होने वाला है." प्रधानमंत्री ने कहा, "अगर हम नौकरियों की संख्या को देखें तो, ईपीएफओ के पेरोल डेटा के अनुसार, सितंबर 2017 से अप्रैल 2018 तक 41 लाख औपचारिक नौकरियों का सृजन हुआ है. ईपीएफओ के डेटा पर अध्ययन के अनुसार, पिछले वर्ष औपचारिक क्षेत्र में 70 लाख नौकरियों का सृजन हुआ है." मोदी ने कहा कि औपचारिक क्षेत्र में नौकरियों के सृजन से अनौपचारिक क्षेत्र में भी अतिरिक्त उत्पाद प्रभाव (स्पिनऑफ इफेक्ट) पैदा होगा, जोकि कुल नौकरियों का 80 प्रतिशत बैठता है. उन्होंने कहा, "अगर आठ माह में औपचारिक क्षेत्र में 41 लाख नौकरियों का सृजन होता है, तो औपचारिक व अनौपचारिक क्षेत्र में कितनी नौकरियों का सृजन होगा." मोदी ने कहा, "मुद्रा योजना के अंतर्गत 12 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए गए हैं. क्या यह आशा करना गलत है कि एक ऋण से कम से कम एक व्यक्ति की जीविका का निर्माण होता है या सहायता मिलती है." VIDEO: बेरोज़गारी दूर करने को लेकर सरकार की नीति क्या? टिप्पणियां उन्होंने कहा, "पिछले एक वर्ष में एक करोड़ से भी ज्यादा घरों का निर्माण हुआ है. इससे कितना रोजगार पैदा हुआ? अगर प्रति माह सड़क का निर्माण दोगुना हो रहा है, अगर रेलवे, राजमार्गों, विमानन कंपनियों में जबरदस्त वृद्धि हो रही है, तो यह किसकी ओर इशारा करता है?" मोदी ने रोजगार सृजन को लेकर राजनीतिक बहस में 'स्थिरता की कमी' का आरोप लगाया और कहा कि अगर राज्य सरकारें लाखों नौकरियों के सृजन का दावा कर रही है तो, यह कैसे हो सकता है कि केंद्र सरकार नौकरियों का सृजन नहीं कर रही है? (इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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raghav-shivang · 4 years
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आजवर्ल्ड बाइसिकल डे हैं। कोरोना के इस संकट काल में जब सारे पहिये लगभग थम गए, तो लोगों को साइकिल फिर से अच्छी लगने लगी। अमेरिका जैसे देश में जहां बीते दो महीनों मेंइसकी बिक्री दुगुनी हो गई।भारत में सैकड़ों मजदूर शहरों की बेदर्दी से परेशान होकर अपनेगांवों की ओर साइकिल पर ही निकल पड़े।
बिहार की बेटी ज्योतिअपने पिता को लेकर हजार किलोमीटर निकलपड़ी ताे कहीं पूरा परिवार ही साइकिल पर नजर आया।
इतिहास के पन्नों में सुविधा वाली साइकिल
ये तो हुई आज की बात, लेकिन साइकिल का सफर223 साल पुरानाहो चुका है।साइकिल बनाने के पीछे पहली सोच साधन और सुविधा की थी जो अब सेहत से जुड़ गई है। 1817 में पहली बार जर्मन ड्यूक शासक की सेवा में लगे एक सरकारी अफसरकार्ल वॉन ड्रैस ने दुनिया की पहली दो पहिया साइकिल बनाई थी। इसे ही बाइसिकल कहा गया और उस वक्त नाम दिया गया - ड्रैसिनी। इसका मतलब था एक हल्का वाहन जो आपको बिना मोटर के एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सके।
कुछ इस तरह की थी पहली साइकिल। इसमें न तो चेन थी और न पेैडल। चलाने वाले को पैरों की मदद से पहियों को गति देनी पड़ती थी।
अब बात सेहत की
साइकिल का रूप भले बदल गया हो, पर आज भी इसका कोईविकल्प नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर तमाम रिसर्च बताती हैं किरोजाना 30-40 मिनट की साइक्लिंग शरीर को फिट बनाकर तन और मन दोनों की परेशानियोंसे छुटाकारा दिला सकती है।
साइक्लिंग से कॉर्टिसोल का लेवल बढ़ता है
अच्छी बात ये है कि साइकिल चलाने से शरीर में फील गुड कराने वाले हैप्पीनेस हार्मोन कॉर्टिसोल का लेवल भी बढ़ता है। शरीर की चर्बी गलाने में तो ये कमाल करती है और आप इसकी मदद से महीने भर में लगभग दो किलो तक वजन कम कर सकते हैं।
आज के दिन की बात करें तो,यूनाइटेड नेशंस की जनरल असेम्बली ने 12 अप्रैल, 2018 को एक रेजोल्यूशन पास किया। फैसला हुआ कि सभी सदस्य देश हर साल 3 जून को वर्ल्ड बाइसिकल डे मनाएंगे।
2019 के वर्ल्ड बाइसिकल डे के इवेंट में फैशन मॉडल भव्या मोंगा। इस साल कोरोना लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण इस तरह की इवेंट नहीं पा रहे हैं।
कोरोना अनलॉकडाउन शुरू हो गया, लेकिन अपनी आदत को बनाए रख करअब आगे साइकिल चलानेसे क्या फायदे हो सकते हैं, बता रही हैंफिटनेस एक्सपर्ट नेहा शाह -
1. नहीं होगा जोड़ों का दर��द नियमित साइकिल चलाने का सबसे बड़ा फायदा है कि जोड़ों का दर्द काफी हद तक कम हो जाता है। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि साइक्लिंग के वक्त यह ध्यान रखें कि आपके जोड़90 डिग्री पर मूव हो रहे हों।
2. एंजाइटी- डिप्रेशन से मुक्ति साइक्लिंग के सिर्फ शारीरिक फायदे नहीं हैं। बल्कि, मानसिक तौर पर भी साइकिल के कई फायदे हैं। अगर आप डिप्रेशन या एंजाइटी से परेशान हैं, तो साइक्लिंग शुरू कर दें।
3. हार्टअटैक का खतरा कम रेगुलर साइकलिंग करने से हार्ट अटैक, एबनॉर्मल हार्ट रिदम्स, हार्ट फेलियर जैसी कार्डिडियोवस्क्यूलरडिसीज का खतरा भी न के बराबर होता है।
दुनियाभर में लाखों साइकिल क्लब चल रहे हैं क्योंकि साइकिल चलाने से दोस्ती भी मजबूत होती है।
4.साइक्लिंग से इम्युनिटी क्योंबढ़ती है ? 2018 में जर्नल द एजिंग सेल में छपीरिसर्चरिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि साइकिल चलाने वालोंकी इम्युनिटी पॉवर अन्य लोगों की तुलना में अधिक होती है। जब हम सुबह-सुबह खुली हवा में साइक्लिंग करते हैं तो शरीर ठंड का सामना करता है। थोड़ी देर बाद शरीर गर्म होता है और फिर अत्याधिक गर्मी भी झेलता है। ठंड और गर्मी झेलने कीयह प्रक्रिया शरीर की टी-सेल्स को ताकत देती है और हम मौसम के साथ बीमारियों के प्रति भीज्यादा ताकतवर बन जाते हैं।
5. अन्य वर्कआउट से बेहतर क्यों है साइक्लिंग ? साइकिल चलाने की उपयोगिता बताते हुए यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के एजिंग इंस्टीट्यूट के प्रो जैनेट लॉर्ड कहते हैं कि साइकिल चलाने से बॉडी फैट और कोलेस्टेरॉल का लेवल ठीक बना रहता है और आप खुद को जवानमहसूस करते हैं।
स्वीमिंग, जिम, रनिंग जैसे वर्कआउट के कई माध्यम हैं। लेकिन, साइक्लिंग करना इन सबसे बेहतर इसलिए है क्योंकि यह आपके रुटीन में आसानी से फिट हो जाता है। उदाहरण के लिए जिम, स्वीमिंग पूल, स्पोर्ट्स के लिए आपको अलग से समय निकालना होता है। जबकि साइक्लिंग आप ऑफिस, बाजार, स्कूल, कॉलेज जाते वक्त भी कर सकते हैं।
6. क्या साइक्लिंग के दौरान मास्क जरूरी है ? अगर इनडोर साइक्लिंग कर रहे हैं तो मास्क की जरूरत नहीं है। लेकिन, यदि ऐसे खुली जगह मेंसाइक्लिंग कर रहे हैं जहां भीड़ हैतो मास्क पहनना जरूरी है।
7. कितनी देर साइक्लिंग करनी चाहिए? यह रुटीन पर निर्भर करता है। अगर आप कोई अन्य फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं तो कम से कम सप्ताह में 5 दिन (रोज 40 मिनट) साइक्लिंग करना जरूरी है। वहीं अगर आप जिम या किसी तरह का दूसरा वर्कआउट करते हैं तो 15 मिनट साइक्लिंग करना भीकाफी है।
8. साइक्लिंग का कैलोरी कनेक्शन ? साइक्लिंग कासबसे बड़ा फायदा कैलोरी बर्न करना और वेट लॉस ही माना जाता है। रिसर्च डेटा से पता चलता है कि एक साल तक सप्ताह के 6 दिन साइकिल चलाने से आप करीब 2 लाख कैलोरी जला सकते हैं। इतनी कैलोरी करीब 26 किलो वजन कम करने के बराबर होती है।
इसे दिन और वजन के हिसाब से देखें तो 80 किलो का एक व्यक्ति हर रोज एक घंटा साइकिल चलाकर 650 कैलोरी घटा सकता है, यानि आप हर दिन एक घंटा साइकिल चलाकर 71 ग्राम वजन घटा सकते हैं।
नीदरलैंड्समें 15 वर्ष से अधिक उम्र वाले आठ में से सात लोगों के पास खुद कीसाइकिल है।
दुनिया नीदरलैंड्स से सीखें साइकिल चलाना
नीदरलैंड्स में साइकिल चलाना गर्व समझा जाता है और ये वहां की संस्कृति का हिस्सा है। डच राजधानी एम्सटर्डम को दुनिया की साइकिल कैपिटल भी कहा जाता है। यहां लगभग हर नागरिक के पास अपनी साइकिल है और पूरे देश में इसे चलाने के लिए अलग ट्रैक और पार्किंग की व्यवस्था है।
इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट पॉलिसी एनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 40% लोग छुट्टी के दिनों में साइकिल इस्तेमाल करते हैं। नीदरलैंड्स में कुल ट्रिप्स में से 30% ट्रिप्स साइकिल से की जाती हैं, जबकि दुनिया के दूसरे देशों में यह मात्र 1 से 5 फीसदी तक है।
नीदरलैंड के 11 बड़े नौकरी देने वाले संस्थान साइकिलिंग की आदत को बढ़ावा देने के लिए साइकिलों को फाइनेंस भी करते हैं। दो साल पहले यहां केउट्रेच शहर में दुनिया की स��से बड़ी साइकिल पार्किंग तैयार हो गई है। इस तीन मंजिला पार्किंग में 12500 साइकिलें पार्क करने की जगह है।
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