सरकारी प्राथमिक स्कूलो में अनिवार्य रूप से होगी जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई
रांची। राज्य के सरकारी प्राथमिक स्कूलो में अब अनिवार्य रूप से जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई होगी। जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई क्लास एक से तीन तक के बच्चो को करायी जाएगी। यह फंडामेंटल लिटरेसी और न्यूमेरेसी प्रोग्राम के तहत चालू किया जाएगा। तीसरी क्लास के बच्चो को हो, मुंडारी, खडिया, कुउूख और संथाली भाषा पढ़ाई जाएगी।
राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में पहली से तीसरी तक के छात्र-छात्राओं के लिए फंडामेंटल लिटरेसी और…
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प्राथमिक स्कूल शिक्षक के पदों पर निकली भर्ती यहां से करे आवेदन WBBPE Recruitment 2023
WBBPE Recruitment 2023 : पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन ने कक्षा IV (प्राथमिक शिक्षा बोर्ड) के लिए शिक्षक के 1000 पदों पर ऑनलाइन आवेदन करने का नोटीफिकेशन जारी किया है। तो दोस्तों जल्द करें आवेदन WBBPE Recruitment 2023, की अधिक जानकारी के लिए निचे दिए गए तालिका में चेक करें।
व्हाट्सप्प जॉब्स अपडेट्स | टेलीग्राम जॉब अपड़ेस
WBBPE Recruitment 2023 :-
हेलो दोस्तों जो छात्र इस सरकारी नौकरी…
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29.04.2024, लखनऊ | सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर की जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा प्राथमिक विद्यालय, तकरोही, इंदिरा नगर, लखनऊ में "पुष्प अर्पण एवं प्रसाद वितरण" कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम में ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती सुधा मौर्या, शिक्षिकाओं श्रीमती विंदा देवी तथा सुश्री श्वेता द्वारा दीप प्रज्वलित कर गुरु तेग बहादुर जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए तथा उन्हें सादर नमन किया गया | सभी छात्र-छात्राओं ने भी गुरु तेग बहादुर जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए तथा उन्हें प्रसाद के रूप में ट्रस्ट द्वारा केले का वितरण किया गया ।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि, “गुरु तेग बहादुर जी का जन्म वैशाख महीने की कृष्ण पक्ष पंचमी को हुआ था तथा वह सिखों के नौवें गुरु के रूप में जाने जाते हैं । अपना समस्त जीवन मानवीय सांस्कृतिक की विरासत की खातिर बलिदान करने वाले गुरु तेग बहादुर जी का जीवन बहुत ही शौर्य से भरा हुआ था । बचपन में वे त्यागमल नाम से पहचाने जाते थे, जो कि एक बहादुर, निर्भीक, विचारवान और उदार चित्त वाले थे । मात्र 14 वर्ष की उम्र में ही अपने पिता के साथ उन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर मुगलों के हमले के खिलाफ हुए युद्ध में अपना साहस दिखाकर वीरता का परिचय दिया और उनके इसी वीरता से प्रभावित होकर गुरु हर गोविंद सिंह जी ने उनका नाम तेग बहादुर यानी तलवार के धनी रख दिया । माना जाता है कि जब मुगल बादशाह ने गुरु तेग बहादुर सिंह जी से इस्लाम धर्म या मौत दोनों में से एक चुनने के लिए कहा । तब मुगल बादशाह औरंगजेब चाहता था कि गुरु तेग बहादुर जी सिख धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म को स्वीकार कर लें, लेकिन जब गुरु तेग बहादुर जी ने इस्लाम अपनाने से इनकार कर दिया तब औरंगजेब ने उनका सिर कटवा दिया था । विश्व इतिहास में आज भी उनका नाम एक वीरपुरुष के रूप में बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है ।“
अंत में श्री हर्षवर्धन अग्रवाल ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि "इस तरह के कार्यक्रम प्रत्येक स्कूल में आयोजित होने चाहिए जिससे विद्यार्थी अपने देश के इतिहास के बारे में और अधिक जान सके |"
कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, प्रधानाध्यापिका श्रीमती सुधा मौर्या, शिक्षिकाओं श्रीमती विंदा देवी, सुश्री श्वेता, छात्र-छात्राओं तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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भद्रावतीत दिवंगत खा. बाळू धानोरकर यांच्या जयंतीनिमित्त विविध कार्यक्रमाचे आयोजन.
*रक्तदान शिबिरात 109 रक्तदात्यांचे रक्तदान*.
तालुका प्रतिनिधी( भद्रावती):- तालुका व शहर काँग्रेस भद्रावतीच्या वतीने चंद्रपूर- वनी- आणि लोकसभा मतदारसंघाचे दिवंगत खासदार बाळू धानोरकर यांच्या प्रथम जयंती निमित्त शहरात दि 4 रोज मंगळवार ला विविध कार्यक्रमाचे आयोजन करण्यात आले. यात घेण्यात आलेल्या रक्तदान शिबिरात 109 रक्तदात्यांनी रक्तदान केले.
यावेळी आमदार प्रतिभा धानोरकर, नगराध्यक्ष अनिल धानोरकर ,तालुकाध्यक्ष प्रशांत काळे, शहराध्यक्ष सुरज गावंडे ,प्रफुल चटकी, चंद्रकांत खारकर ,माजी नगराध्यक्ष सरिता सूर, रेखा कुटेमाटे, जयश्री दातारकर ,प्रतिभा सोनटक्के, लीला ढुमणे, लक्ष्मी पारखी, विनोद वानखेडे तसेच रोटरी क्लब च्या अध्यक्ष डॉ. माला प्रेमचंद कोषाध्यक्ष सुधीर पारधी ,विवेक आकोजवार युवराज धानोरकार ,अब्बास अजानी हनुमान घोटेकार विक्रांत बिसेन आदींची उपस्थिती होती.
सकाळी 9.30 वाजता शहरातील ग्रामीण रुग्णालयातील रुग्णांना फळांचे वाटप करण्यात आले .त्यानंतर शहरातील घूटकाळा येथील जिल्हा परिषद प्राथमिक शाळेतील 147 विद्यार्थ्यांना स्कूल बॅगचे वितरण करण्यात आले त्यानंतर शहरातील गरीब नागरिकांना पावसाळ्याचे दिवस लक्षात घेता 236 मोठ्या आकाराच्या छत्र्यांचे वितरण करण्यात आले. रक्तदान शिबिराला चंद्रपूर येथील शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालयातील चमृनी सहकार्य केले, यात डॉ. नितीन टिपले, अमोल रामटेके, अर्पणा रामटेके, सोनी मेश्राम, अभिलाष कुकडे, अक्षय जिद्देलवार, हर्षिता भारती, विजयालक्ष्मी बोबडे, रोशन पाटील आदींचा सहभाग होता.
दिवंगत खासदार बाळू धानोरकर यांचे स्वप्न साकार करण्यासाठी सर्व युवकांनी व नागरिकांनी सहकार्य करण्याचे आवाहन यावेळी आमदार प्रतिभा धानोरकर यांनी व्यक्त केले. अलीकडच्या काळातील अपघातांचे प्रमाण पाहता रक्ताची आवश्यकता वाढलेली असून विशेषता तरुणांनी रक्तदानासाठी सदैव तत्पर असावे असे मत नगराध्यक्ष अनिल धानोरकर यांनी यावेळी व्यक्त केले.
या कार्यक्रमाला माजी नगरसेवक प्रमोद नागोसे, प्रशांत झाडे, तन्नू शेख, आकाश ढवस ,गोरु थेम ,अनूप गेडाम निखिल राऊत, सुधीर मुळेवार ,राजृ डोंगे, अशोक येरगुडे ,राकेश दोन्तावार, सुयोग धानोरकर, प्रतीक धानोरकर, अक्षय बोडे, चंदु दानव, प्रदीप घागी, महेश मोरे, नयन जांभुळे ,ईश्वर धांडे आदींनी मोलाचे सहकार्य केले.
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Jamshedpur rural school - जादूगोड़ा का दुडकू प्राथमिक विद्यालय के ड्रॉप आउट बच्चों को वापस लाने के लिए जुटा स्कूल प्रबंधन, घर - घर जाकर ले रहे जानकारी
जादूगोड़ा : चिल चिल्लाती धूप व आसमान से बरसते आग के गोले बीच जादूगोड़ा का दुडकू प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ड्रॉप आउट बच्चों को वापस स्कूल से जोड़ने में जुटे है. स्कूल के दो शिक्षक पूर्ण चंद्र व शिक्षिका डी सिल्विया शनिवार को प्रयास योजना के तहत ड्राप आउट बच्चों को दोबारा स्कूल से जोड़ने या नामांकन के बाद स्कूल छोड़ चुके बच्चों के अभिभावक के तलाश में स्कूल से तीन किलोमीटर दूर राखा माइंस रेलवे…
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चीख-पुकार, हाहाकार... ढाई घंटे में तेंदुए ने नौ लोंगों को बनाया शिकार, हिला देगी कोहराम की यह कहानी
नई दिल्ली: सोमवार की सुबह नॉर्थ दिल्ली के जगतपुर गांव में जो हुआ, ऐसा दिल्ली में पहले न कभी हुआ न किसी ने सुना। लोग घरों में नींद से उठे ही थे कि एक घर में चीख पुकार और कोहराम मच गया। पूरे इलाके के लोग अपने तौर पर कयास लगाते हुए कुछ समझ पाते। मालूम चला कि गांव में तेंदुआ घुस आया है और कई लोगों को जख्मी कर दिया है। जिसके बाद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। घटना की जानकारी मिलते ही लोकल पुलिस, दमकल विभाग की टीम, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट व संबंधित ऐेजेंसी पहुंच गए। कई घंटे तक इलाके में तेंदुए के लिए चले धरपकड़ ऑपरेशन के बाद उसे पकड़ा जा सका। शुरुआती जानकारी के तौर पर पुलिस ने पहले तीन लोगों के गंभीर तौर पर जख्मी होने की पुष्टि की। इसके बाद घायलों की संख्या टोटल 9 हो गई। पुलिस ने बताया कि अस्पताल में 9 लोगों को भर्ती कराया गया। जिसमें चार को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।सुबह सवा 6 बजे पुलिस को मिली थी सूचनापुलिस के मुताबिक सुबह 6:14 बजे वजीराबाद पुलिस को कॉल मिली। कॉलर ने बताया कि आदर्श नगर गली नंबर 3 के पास जगतपुर गांव में तेंदुआ घर में घुस गया है। पुलिस फौरन मौके पर पहुंची। वन अधिकारियों को सूचित किया गया। सुबह के समय पुलिस ने गंभीर रूप से घायल 3 लोगों पर अस्पताल में भर्ती कराया। उनकी पहचान महेंद्र, आकाश और रामपाल के रूप में हुई। ये सभी जगतपुर गांव के रहने वाले हैं। मौके पर वन विभाग की टीम के 7 लोग और स्थानीय पुलिस के साथ दमकल विभाग की टीम मौजूद रही। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। लोगों पर हमला करने के बाद तेंदुआ करीब 8:25 बजे एक घर के अंदर दाखिल हो गया। घर के छोटे आंगन में पहुंचने पर तेंदुए को अंदर बंद कर लिया गया। स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई। वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल फेंका। करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद तेंदुए को वन विभाग की टीम पकड़ सकी।सुबह-सुबह इलाके में मची चीख पुकारसुबह करीब 6 बजे का वक्त, जिस वक्त लोग अपने-अपने कामों में लगे रहते हैं। ऐसे में दिल्ली के जगतपुर गांव में एक तेंदुए के आतंक से हर कोई सहम गया। सोमवार सुबह से ही लोगों में अफरा तफरी का माहौल था। लोग इधर-उधर भागते हुए दिखाई दे रहे थे, हर कोई अपने घर की खिड़की-दरवाजों को बंद करने की बात कहते हुए चीख पुकार रहा था। सुबह के करीब 6 बजे का समय रहा होगा, उस वक्त अचानक जगतपुर गांव में एक तेंदुआ गांव की गली नंबर 1,2 और इसके आसपास के घर व छतों पर देख गया। लोग हाथों में लाठी-डंडे लेकर तेंदुए के पीछे भाग रहे थे। इसी दौरान तेंदुए ने कई लोगों को अपने चपेट में ले लिया और उन्हें घायल कर दिया। गांव में तेंदुए की घुसने की जानकारी फैल गई। लोगों में दहशत देखने को मिली। आसपास के लोग घरों में कैद हो गए, कई परिवारों ने अपने बच्चों को स्कूल तक नहीं भेजा तो वहीं कुछ लोग आज ऑफिस दफ्तर भी नहीं पहुंच सके।कई लोगो पर किया तेंदुए ने हमलालोगों ने इसकी जानकारी पुलिस और वन विभाग को दी। जिस वक्त पुलिस वहां पहुंची, तेंदुआ यमुना पुश्ता से लगे एक गाय व भैंसों के तबेले में बैठा हुआ था। तबेले का मालिक नरेश ने एनबीटी से बात करते हुए बताया कि सुबह करीब 6 बजे का समय था। तेंदुआ उनके मवेशियों के तबेले और उससे लगे घर के अंदर घुस आया। तेंदुए को देख वे घर की छत की ओर भागने लगा। परिवार के दूसरे लोग भी छत की तरफ भागे, इसी दौरान तेंदुआं खुली सीढ़ियों से होते हुए छत पर पहुंच गया। इस दौरान उसने उनके छोटे बेटे आकाश जिनकी उम्र 28 वर्ष की है, उस पर हमला कर दिया। इसी दौरान गांव के कई सारे लोग वहां इकट्ठा हो गए। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी, लेकिन वन विभाग की टीम का कोई अता-पता नहीं था। छत पर बेटे पर हमला करने के बाद वह गली में नीचे कूदा, जिसके बाद कई और दूसरे लोगों को भी उसने अपने पंजे और नाखूनों से घायल कर दिया। 61 वर्षीय दिल्ली सरकार से रिटायर सतीश कुमार भी उन घायलों में से एक हैं, जिस पर तेंदुआ ने हमला किया। प्राथमिक उपचार के बाद वह घर लौट आए हैं। उन्होंने बताया कि लोगों के शोर सुनकर वह घर से बाहर निकले तो उन्होंने देखा कि एक लड़के को उसने अपने पैरों से दबा लिया है। इसे देख वह लाठी लेकर उसके पीछे भागे, किसी तरह उस लड़के को छोड़कर वह तेंदुआ उनके ऊपर कूद पड़ा, जिसकी वजह से वह भी घायल हो गए, उनके पीठ और पेट पर गहरे जख्म हैं। इसके बाद कई और लोगों को उसने घायल किया और फिर पास में ही महेंद्र के मकान में घुस गया। जिसमें कई घंटे तक कैद रहा, करीब 12 बजे वन विभाग पुलिस और अन्य एजेंसियों की टीम की ओर से चार-पांच घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद उसे यहां से निकलकर ले जाया गया।पहले बिछाया जाल फिर बेहोश कर तेंदुए को पकड़ातेंदुआ एक घर के कमरे में घुसा हुआ था। मौके पर भीड़ भी काफी अधिक हो गई थी। वन विभाग ने तेंदुए को घर के अंदर ही पकड़ने का प्लान बनाया। इसके लिए चीफ वाइल्डलाइफ वॉर्डन डॉ.… http://dlvr.it/T4xTcS
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दरगाह शरीफ उर्दू स्कूल की सफलता Success of Dargah Sharif Urdu School
जालना: जालना जिला परिषद द्वारा ७ मार्च को संपन्न हुई जिला स्तरीय प्रश्नमंजुषा स्पर्धा में जिप उर्दू प्राथमिक स्कूल दरगाह शरीफ के विद्यार्थियों ने दूसरा क्रमांक हासिल कर सफलता अर्जित की. कक्षा ६ से ८ वी तक के विद्यार्थ्यांना में सैयद इमरा नुरुद्दीन, सय्यद तूबा मुदस्सर और सय्यद महेक नाजेर ने प्रतियोगिता में भाग लेकर दूसरा स्थान प्राप्त किया.
सफल विद्यार्थियों का अभिनंदन मुख्याध्यापक इमरान खान,…
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क्षतिग्रस्त स्कूल में बच्चे पढ़ने को मजबूर स्कूल म स्वच्छता अभियान की उड़ रही धज्जियां
संवाददाता गोविन्द दुबे मंडीदीप
प्रदेश की राजधानी भोपाल से सटे रायसेन जिले की भोजपुर विधानसभा के जनशिक्षा केंद्र के संकुल उमरावगंज के शासकीय प्राथमिक शाला बामुलिया डांगी के बच्चे जान जोखिम में डाल कर रहे पढ़ाई पूरा स्कूल हुआ क्षतिग्रस्त वही स्कूल में बने दोनो शोचायल की हालत बदहाल वही पानी के लिए बने हैंड वॉश बने शोपीस बच्चो को 1 साल से नही मिला मध्यान भोजन इन सब अव्यवस्था को देखकर लगता है। की…
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Regional Marathi Text Bulletin, Chatrapati Sambhajinagar
Date – 04 March 2024
Time 7.10 AM to 7.20 AM
Language Marathi
आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक ०४ मार्च २०२४ सकाळी ७.१० मि.
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‘मुख्यमंत्री माझी शाळा, सुंदर शाळा` उपक्रमाची पारितोषिकं घोषित
राज्यासह देशभरात तीन दिवसांच्या पल्स पोलिओ लसीकरण मोहीमेला सुरुवात
समृद्धी महामार्गाच्या भरवीर ते इगतपुरी या तिसऱ्या टप्प्याचं आज लोकार्पण
लातूर-नांदेड राष्ट्रीय महामार्गावरच्या अपघातात नांदेड इथल्या चौघांचा मृत्यू
आणि
उदगीर इथं येत्या आठ ते १२ मार्च दरम्यान स्वर्गीय खाशाबा जाधव चषक राज्यस्तरीय कुस्ती स्पर्धेचं आयोजन
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राज्यातल्या शाळांच्या सर्वांगीण विकासासाठी राबवण्यात आलेल्या ‘मुख्यमंत्री माझी शाळा, सुंदर शाळा` उपक्रमाची पारितोषिकं, काल शालेय शिक्षण मंत्री दीपक केसरकर यांनी घोषित केली. शासकीय शाळा गटात प्रथम पारितोषिक वाशिम जिल्ह्यातल्या साखरा जिल्हा परिषद शाळेला, द्वितीय रायगड जिल्ह्यात हेदवली जिल्हा परिषद प्राथमिक शाळेला, तर तृतीय पारितोषिक सांगली जिल्ह्यात घालेवाडी इथल्या जिल्हा परिषद शाळेला जाहीर झालं आहे. खाजगी शाळा गटात प्रथम क्रमांक नाशिक जिल्ह्यातल्या एस्पेलियर हेरिटेज स्कूल, द्वितीय पुणे जिल्ह्यातल्या शारदाबाई पवार विद्यानिकेतन आणि तृतीय क्रमांक छत्रपती संभाजीनगरच्या बजाजनगर इथल्या भोंडवे पाटील शाळेनं पटकावला आहे. उद्या मुंबईत या पारितोषिकांचं वितरण होणार आहे. भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर आदर्श शाळा योजनेंतर्गत, 'मुख्यमंत्री माझी शाळा सुंदर शाळा' या उपक्रमांत, एक लाख तीन हजार ३१२ शाळा सहभागी झाल्या होत्या.
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"शासन आपल्या दारी" हा उपक्रम लोकाभिमुख असून, सर्वसामान्य माणसांच्या जीवनात बदल घडवणं, हे या योजनेचं उद्दिष्ट असल्याचं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी म्हटलं आहे. कल्याण इथं काल शासन आपल्या दारी या कार्यक्रमात ते बोलत होते. कल्याण मधल्या विविध विकासकामांचं लोकार्पण यावेळी करण्यात आलं. राज्य सरकारला केंद्र सरकारचं मोठं पाठबळ असून, त्यामुळे राज्याचा विकास चौफेर आणि वेगवान पद्धतीनं होत असल्याचं मुख्यमंत्री म्हणाले.
मुंबई महानगर प्रदेशातल्या कल्याण आणि तळोजा या दोन महत्त्वपूर्ण शहरांना जोडण्याच्या दृष्टीनं, मेट्रो मार्ग १२ च्या कामाचा शुभारंभ देखील काल मुख्यमंत्र्यांच्या हस्ते झाला.
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सर्वांना दृष्टी आणि श्रवणाची क्षमता प्राप्त झाल्याशिवाय विकसित भारताचं उद्दिष्ट पूर्णपणे साध्य होणार नाही, असं मत राज्यपाल रमेश बैस यांनी व्यक्त केलं आहे. मुंबईत काल जागतिक श्रवण दिनानिमित्त गरीब आणि गरजू कुटुंबातल्या २५० लहान मुलामुलींना मोफत श्रवणयंत्रांचं वाटप राज्यपालांच्या हस्ते करण्यात आलं, त्यावेळी ते बोलत होते. पार्श्वगायिका अनुराधा पौडवाल यांच्या पुढाकारानं तसंच सूर्योदय फाउंडेशन या संस्थेच्या माध्यमातून हा कार्यक्रम झाला. पाच वर्षांखालच्या मुलांना दिव्यांगांचं प्रमाणपत्र मिळण्यासंदर्भात आपण केंद्र सरकारकडे पाठपुरावा करू, असं आश्वासन राज्यपालांनी यावेळी दिलं.
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राष्ट्रीय पल्स पोलिओ लसीकरण मोहिमेअंतर्गत राज्यासह देशभरात तीन दिवसांच्या लसीकरण मोहीमेला, काल सुरुवात झाली. या मोहीमेअंतर्गत राज्यभरातल्या पाच वर्षांखालच्या एक कोटी १३ लाख ७० हजार ४४३ बालकांना, पोलिओचा डोस दिला जात आहे. राज्यातल्या ८९ हजार २९९ केंद्रांवर, दोन लाख २१ हजारांपेक्षा जास्त कर्मचाऱ्यांच्या सहकार्यानं, ही मोहीम राबवली जात आहे.
धाराशिव इथं आरोग्य मंत्री डॉ. तानाजी सावंत यांच्या हस्ते पल्स पोलिओ लसीकरण मोहिमेला प्रारंभ झाला.
छत्रपती संभाजीनगर महानगरपालिकेतर्फे पल्स पोलिओ मोहीम यशस्वीरित्या पार पाडण्यात आली. या मोहिमेचं ८० टक्के उद्दीष्ट काल साध्य झालं.
परभणी शहरात या मोहीमेचं महानगरपालिकेच्या ���युक्त तृप्ती सांडभोर यांच्या हस्ते, बालकांना पोलिओ डोस पाजून उद्घाटन करण्यात आलं. शहरात लसीकरणासाठी दहा फिरती पथकं नियुक्त करण्यात आली होती. ५६ हजार बालकांना काल पोलिओ लस देण्यात आली.
नांदेड इथं जिल्हा रुग्णालयात जिल्हाधिकारी अभिजीत राऊत यांच्या हस्ते बाळाला लस पाजून या मोहिमेचा शुभारंभ करण्यात आला.
हिंगोली इथं जिल्हा सामान्य रुग्णालयात अप्पर जिल्हाधिकारी खुशाल सिंह परदेशी यांच्या हस्ते लहान मुला मुलींना पोलिओचा डोस देण्यात आला. जालना, लातूर, बीड जिल्ह्यातही अनेक बालकांना पोलिओ डोस देण्यात आला. आजपासून नऊ मार्च पर्यंत घरोघरी जाऊनही लसीकरण करण्यात येणार असल्याचं प्रशासनानं कळवलं आहे.
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समृद्धी महामार्गाच्या भरवीर ते इगतपुरी या तिसऱ्या टप्प्याचं आज, सार्वजनिक बांधकाम मंत्री आणि नाशिकचे पालकमंत्री दादा भुसे यांच्या हस्ते लोकार्पण होणार आहे. अन्न, नागरी पुरवठा आणि ग्राहक संरक्षण मंत्री छगन भुजबळ, तसंच केंद्रीय आरोग्य राज्यमंत्री भारती पवार, या कार्यक्रमाला उपस्थित असतील. हा टप्पा सुरु झाल्यानं ठाणे, मुंबई परिसरातून शिर्डी ही प्रवासी वाहतूक, तसंच शिर्डी, अहमदनगर आणि नाशिकमधल्या सिन्नर तसंच इगतपुरी परिसरातल्या शेतकऱ्यांची, मुंबईच्या दिशेनं होणारी मालवाहतूक सुलभ आणि जलद होईल. या टप्प्याच्या लोकार्पणानंतर समृद्धी महामार्गावरच्या ७०१ किलोमीटर मार्गापैकी, वाहतुकीसाठी उपलब्ध मार्ग ६२५ किलोमीटरचा होणार आहे.
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा उद्या पाच मार्चला अकोला आणि छत्रपती संभाजीनगर जिल्ह्यांच्या दौर्यावर येणार आहेत. अकोला इथला दौरा आटोपून त्यांचं संध्याकाळी छत्रपती संभाजीनगर शहरात आगमन होईल. क्रांती चौकात छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या पुतळ्याला माल्यार्पण केल्यानंतर, मराठवाडा सांस्कृतिक मंडळ मैदानावर शहा यांची जाहीर सभा होणार आहे.
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प्रत्येक मतदारसंघातून शेकडो मराठे उमेदवारी अर्ज भरतील, असं मराठा आरक्षण आंदोलक मनोज जरांगे पाटील यांनी म्हटलं आहे. जरांगे काल संवाद दौऱ्यावर निघाले असता, जालना जिल्ह्यातल्या आंतरवाली सराटी इथं ते वार्ताहरांशी बोलत होते. लोकसभेसाठी एकेक मतदारसंघातून शेकडो फॉर्म भरले जातील, त्यामुळे मग निवडणूकांचं काय होईल, त्याची जबाबदारी राज्य सरकारची असेल, असंही ते म्हणाले.
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नवमतदारांसाठी मेरा पहला वोट देश के लिए, हे मतदार जागरूकता अभियान सरकारने सुरु केलं आहे. निवडणूक हा लोकशाहीचा उत्सव असतो. यंदा पहिल्यांदा मतदान करणारी छत्रपती संभाजीनगर इथली मधुमिती सौंदनकर हिनं मतदान करणार असल्याचा संकल्प केला,
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लातूर-नांदेड राष्ट्रीय महामार्गावर ऊसाचा ट्रक आणि चारचाकीमध्ये झालेल्या अपघातात नांदेड इथल्या चौघांचा मृत्यू झाला तर, एक जण गंभीर जखमी झाला. हे पाच जण तुळजापूर इथं देवदर्शनासाठी जात असताना काल पहाटेच्या सुमारास, आष्टामोड ते महाळंग्रा पाटी दरम्यान रस्त्याच्या कडेला उभ्या असलेल्या उसाच्या ट्रॅक्टरला भरधाव वेगात असलेल्या कारनं पाठीमागून धडक दिल्यानं हा अपघात झाला.
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नांदेड शहरातल्या उत्तर भागात काल संध्याकाळच्या सुमारास भूकंपाचे सौम्य धक्के जाणवले. भूगर्भातून आवाज येत असल्यानं या भागातले नागरिक घराबाहेर पडले. या भूकंपाची तीव्रता एक पूर्णांक पाच रिश्टर स्केल इतकी नोंदवली गेली. दहा किलोमीटर परिघ क्षेत्रात हा भूकंप जाणवला असल्याची माहिती, स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाडा विद्यापीठाच्या भूकंप मापक केंद्रानं दिली आहे.
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लातूर जिल्ह्यातल्या उदगीर इथं येत्या आठ ते १२ मार्च दरम्यान स्वर्गीय खाशाबा जाधव चषक राज्यस्तरीय कुस्ती स्पर्धेचं आयोजन करण्यात आलं आहे. उदगीर शहरातल्या तालुका क्रीडा संकुल मैदानावर ही स्पर्धा होणार असल्याची माहिती, राज्याचे क्रीडा आणि युवक कल्याण मंत्री संजय बनसोडे यांनी काल पत्रकार परिषदेत दिली.
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नाशिक जिल्ह्यात येवला इथल्या मुक्तीभूमीच्या परीसरात राज्य शासनाच्या १५ कोटी रूपयांच्या निधीतून बांधण्यात आलेल्या, बौद्ध भिक्खु विपश्यना केंद्राचा लोकार्पण सोहळा, काल अन्न आणि नागरी पुरवठा मंत्री छगन भुजबळ यांच्या उपस्थितीत पार पडला. गौतम बुद्ध यांची शिकवण आणि प्रेरक विचार प्रत्येकानं आत्मसात केले पाहिजे, तसंच समाजात रूजवले पाहिजे, असं भुजबळ यावेळी म्हणाले.
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सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठाच्या अहमदनगर इथल्या उपकेंद्राचं उद्घाटन, काल पालकमंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील यांच्या उपस्थितीत झालं. उच्च आणि तंत्रशिक्षण मंत्री चंद्रकांत पाटील दुरदृष्य प्रणालीद्वारे या कार्यक्रमात सहभागी झाले होते. नव्या शैक्षणिक धोरणाच्या अंमलबजावणीमध्ये कौशल्य शिक्षणाला दिलेलं प्राधान्य विचारात घेऊन, औद्योगिक क्षेत्राला आवश्यक असलेलं मनुष्यबळ निर्माण करण्याचं काम, विद्यापीठाच्या उपकेंद्रातून व्हावं, अशी अपेक्षा विखे पाटील यांनी यावेळी व्यक्त केली.
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जळगाव इथल्या जिल्हा रुग्णालयातली मदर मिल्क बँक, काल पालकमंत्री गुलाबराव पाटील यांच्या हस्ते कार्यान्वित करण्यात आली. नाशिक विभागातली पहिली अशी ही मदर मिल्क बँक नवजात शिशुंसाठी नवसंजीवनी ठरणार असल्याचं, पाटील यांनी या वेळी सांगितलं. शिशुंना आईचंच दूध मिळावं या दृष्टीनं, मदर मिल्क बँक, जिल्हा वार्षिक योजनेच्या नावीन्यपूर्ण उपक्रमातून साकारण्यात आल्याचं, जिल्हाधिकारी आयुष प्रसाद यांनी सांगितलं.
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बुलडाणा जिल्ह्यात शेगाव इथं संत गजानन महाराजांचा प्रकटदिन सोहळा काल उत्साहात, भक्तिभावानं पार पडला. १४६ व्या प्रकटदिन उत्सवाला गेल्या आठवड्यापासून सुरुवात झाली होती. या सोहळ्यानिमित्त संस्थानात विविध दिंड्यांमध्ये सुमारे ४७ हजार वारकरी येऊन गेले. संपूर्ण जिल्हाभरातल्या मंदिरामध्ये धार्मिक कार्यक्रम पार पडले.
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धाराशिव इथं काल झालेल्या लोक अदालतीमध्ये जिल्ह्यातली प्रलंबित एक हजार ११७ आणि दावापूर्व चार हजार २९५ प्रकरणं, तडजोडीअंती निकाली काढण्यात आली. विविध प्रलंबित दिवाणी स्वरुपाच्या प्रकरणांमध्ये दंड वसूल करण्यात आला.
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मुंबईत रणजी चषक क्रिकेट स्पर्धेच्या उपांत्य सामन्यात मुंबईनं तामिळनाडूविरुद्ध २०७ धावांची आघाडी मिळवली आहे. सामन्याच्या कालच्या दुसऱ्या दिवस अखेर मुंबईनं आपल्या पहिल्या डावामध्ये नऊ बाद ३५३ धावा केल्या.
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मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा पर राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन
मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा पर राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन
रांची। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद, यूनिसेफ और रूम टू रीड इंडिया ट्रस्ट के सहयोग से 27 से 29 तक होटल बीएनआर चाणक्या रांची में “मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा” पर राज्य स्तरीय सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि किरण कुमारी पासी, राज्य परियोजना निर्देशक डॉक्टर अविनव कुमार, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी एवं सुनीशा आहूजा, शिक्षा विशेषज्ञ यूनिसेफ दिल्ली पारुल शर्मा, शिक्षा…
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अनुकंपा नियुक्ति 2 : गोदनामा नहीं हलफनामा देकर पिता के नाम में हुआ बदलाव, पढ़िए पूरी खबर…
रायपुर: इन दिनों जशपुर जिला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है, चर्चा हो भी क्यो नहीं, चर्चा दो बातों को लेकर हो रही है पहला यह है कि छोटे से जिले के रहने वाले विष्णु देव साय रातों रात मुख्यमंत्री बन गए। वही दूसरा चर्चा का विषय जशपुर जिला शिक्षा अधिकारी को लेकर हो रही है, डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता बघेल ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाकर जशपुर जिले के प्रभारी शिक्षा अधिकारी, डीएमसी नरेंद्र सिंहा की अनुकंपा नियुक्ति को लेकर जवाब मांगा है। विधानसभा में कोई पहली बार जशपुर शिक्षा विभाग का मामला नही उछला है। इससे पहले भी कई मामले विधानसभा में सुर्खिया बटोर चुका है।
हलफनामा से बदला गया पिता का नाम
जशपुर जिले में एक साथ कई विभागों का प्रभार लेकर बैठे अधिकारी नरेंद्र कुमार सिन्हा के अनुम्पा नियुक्ति को लेकर कई तरह के सवाल उठाये जा रहे है । मिली जानकारी के अनुसार स्कूल के दाखिल ख़ारिज में पहले नरेंद्र कुमार सिन्हा के पिता का नाम शिवनंदन प्रसाद सिन्हा था लेकिन स्कूल को एक हलफनामा देकर उनके पिता के नाम पर गिरजानंद प्रसाद सिन्हा लिखवा दिया गया, सूत्रों की माने तो यह काम बैक डेट में किया गया होगा। अगर हलफनामा 1978 में बना और इस आधार पर प्राथमिक शाला के समस्त दस्तावेज में सुधार किया गया तो फिर मिडिल स्कूल में कैसे पिता का नाम शिवनंदन सिन्हा दर्ज हुआ। जिसे फिर काटकर गिरजानंदन सिन्हा किया गया। ये हलफनामा दाखिल ख़ारिज में दर्ज पुराने पिता जी शिवनंदन प्रसाद सिन्हा के द्वारा दिया गया है, जो जशपुर में ही सरकारी पद पर कार्यरत थे। इस हलफनामा में क्या लिखा गया है आप भी पढ़िए….
Read more: https://newsplus21.com/compassionate-appointment-2-change-in-fathers-nam/
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20.04.2024, लखनऊ | संपूर्ण विश्व को अहिंसा व आत्म शुद्धि, शांति एवं विश्व बंधुत्व का संदेश देने वाले जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी जी की जयंती के उपलक्ष्य में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालय, गाजीपुर, बस्तौली (1-8 कंपोजिट), इन्दिरा नगर, लखनऊ में "पुष्प अर्पण एवं प्रसाद वितरण" कार्यक्रम का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के अंतर्गत ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल एवं शिक्षकों श्रीमती अर्चना गौतम, श्रीमती अमिता सिंह, श्रीमती सुनीता देवी वर्मा, श्रीमती आरती सिंह, श्रीमती अंकिता वर्मा द्वारा दीप प्रज्वलित कर भगवान महावीर स्वामी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए तथा उन्हें सादर नमन किया गया | सभी छात्र-छात्राओं ने भी भगवान महावीर के चित्र पर पुष्प अर्पित किए तथा उन्हें प्रसाद के रूप में ट्रस्ट द्वारा केले का वितरण किया गया ।
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि, “महावीर जयंती हर साल भारतीय समाज में खुशी के साथ मनाई जाती है । यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है जो भगवान महावीर के जन्मदिन पर मनाया जाता है । महावीर स्वामी जैन धर्म के मुख्य आदर्श और दर्शनों के प्रवर्तक हैं । भगवान महावीर का जन्म सम्राट सिद्धार्थ के घर में हुआ था तथा उन्होंने जीवन को साधना, त्याग और संयम के माध्यम से भावनात्मक और धार्मिक उद्देश्यों के लिए समर्पित किया । उनके विचार और उपदेशों में सामाजिक न्याय, अहिंसा और शांति की महत्ता हमेशा से उच्च रही है । महावीर जयंती के दिन लोग धार्मिक आयोजनों, सभाओं और भजन-कीर्तन कार्यक्रमों में भाग लेते हैं । इस दिन को उनकी शिक्षाओं को याद करके उनके जीवन को अनुसरण करने और उनके अद्भुत आदर्शों को प्रेरणा स्वरूप माना जाता है । भगवान महावीर ने अपने जीवन में आत्म-संयम और अहिंसा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया जो आज भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है । उनके विचारों को अनुसरण करके हम समाज में शांति, सद्भावना और समृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं । इस प्रकार महावीर जयंती हमें समाज में धर्म, न्याय और सही दिशा की ओर अग्रसर करने के लिए प्रेरित करती है । इसे मनाकर हम भगवान महावीर के विचारों को जीवन में उतारने का प्रयास कर सकते हैं ।“
उच्च प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती अमिता सिंह ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, "भगवान महावीर स्वामी जी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे तथा उनका मानना था कि इंसान को हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए तथा हर बुराई से दूर रहना चाहिए |"
अंत में श्री हर्षवर्धन अग्रवाल ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि "इस तरह के कार्यक्रम प्रत्येक स्कूल में आयोजित होने चाहिए जिससे विद्यार्थी अपने देश के इतिहास के बारे में और अधिक जान सके |"
कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, शिक्षकों श्रीमती अर्चना गौतम, श्रीमती अमिता सिंह, श्रीमती सुनीता देवी वर्मा, श्रीमती आरती सिंह, श्रीमती अंकिता वर्मा, श्री कुंवर दीपक सिंह, छात्र-छात्राओं तथा ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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सरकारी प्राथमिक शाला में बाटी गई यूनिफॉर्म और स्टेशनरी, अभिभावकों के साथ मिलकर गांव में नशा मुक्ति अभियान चलाने का भी लिया गया संकल्प
सतना के कोठी स्थित शिव सागर शासकीय प्राथमिक शाला में जन भागीदारी से विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल यूनिफॉर्म और स्टेशनरी वितरण का कार्यक्रम संपन्न हुआ… कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती माता की तस्वीर के सामने दीप प्रज्वलित कर किया गया… यह पूरा कार्यक्रम जन भागीदारी से कराया गया… जिसमें नगर निगम सतना के पूर्व अतिक्रमण प्रभारी रमाकांत शुक्ला की अध्यक्षता में यह पूरा कार्यक्रम किया गया……
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Jamshedpur deadbody found from well : बागबेड़ा के रानीडीह स्कूल तालाब से अज्ञात व्यक्ति का सड़ा-गला शव मिलने से सनसनी, पुलिस ने शुरू की जांच, शव की शिनाख्त कराने के प्रयास में जुटी
जमशेदपुर : जमशेदपुर के बागबेड़ा थाना क्षेत्र के नागाडीह सर���ारी प्राथमिक विद्यालय स्थित कुएं से एक अज्ञात व्यक्ति की सड़ी-गली लाश बरामद होने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. सूचना मिलने पर पहुंची बागबेड़ा पुलिस ने शव को कुएं से बाहर निकलवा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, जबकि शव की पहचान कराने की कोशिश की जा रही है. (नीचे भी पढ़ें)
बता दें कि मंगलवार को नागाड़ीह सरकारी प्राइमरी स्कूल स्थित कुएं…
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मैं जागती आँखों से सपने देखने वाला और रचनात्मकता के जुनून में जीने वाला हूँ । मैं बचपन से ही रंगमंच की ओर आकर्षित हो गया था और तभी से मैं रचनात्मक गतिविधियों में शामिल हो गया। मेरे स्कूल के दिन मेरे थिएटर युग की शुरुआत थे। यह मेरे सपनों की एक यात्रा है रंगमंच से होते हुए सिनेमा के बहुआयामी आकाश को छूते हुए लोक कला, संस्कृति और साहित्य के पड़ावों से गुजरते हुए एक यायावर की यात्रा है । मंजिल तक पहुचने का प्रयास है।
सपने जो मैं खुली आँखों से सृजनात्मकता के लिए देख रहा हूँ.....। मेरा अपना विश्वास है कल ये सपने आकार लेंगे... साकार होंगे।
एक रंग यात्रा, एक अनन्त यात्रा.... लक्ष्य निश्चित है! गंतव्य नही!.......
Gaurishankar S Ranjan
(रंगमंच एवं फिल्म, टी.वी. निर्देशक)
हर कलाकार की अपनी एक जीवन यात्रा होती है और उसी में सम्मलित होतीं हैं न जाने कितनी अन्य अंतर्यात्राएँ जो हमारे साथ - साथ चलतीं रहतीं हैं। किरदारों और असल जिंदगी के समानांतर चलने वाली यह जो अंतर्यात्राएँ हैं वह अकसर हमें बहुत कुछ सिखलातीं रहतीं हैं।
बेचैनियां और अलमस्ती का एहसास कराने की कुब्बत भी मुझे इन्हीं कलाओं ने दी है और इसके साथ ही एक संस्कृतिबोधक निश्छल मन दिया है जिसने मुझे लोकसंस्कृति के प्रति समर्पित कर दिया। एक कलात्मक जीवन दृष्टि ने मुझे अपना बना लिया।
गाँव के ठेठ देसीपन ने मुझे गढ़ा - मढ़ा और सजाया - सँवारा। साठ के दशक में बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले के छोटे से गाँव ��जनर में 2 मई 1969 में जब मैंने पहली बार आँख खोली तो हँसता - मुसकराता , प्राकृतिक संपदाओं से समृद्ध गाँव देखा। बस गाँव की वह चंदन- सी माटी , पेड़ , खेत - खलिहान, ताल, नदी ,पोखर से लवरेज लोकजीवन, लोकसंगीत मेरी साँसों में समा गया जो आज भी मेरी साँसों मे कस्तूरी सुगंध की तरह महकता रहता है।
मेरे पिताजी श्री सुखलाल पशु चिकित्सक थे। उनकी पोस्टिंग गाँव में ही होती थी। नौ साल की उम्र झाँसी जिले के गाँव बिजौरा (गुरसरांय) झांसी उ.प्र. में आ गया। गाँव का गँवईपन , लोकमानस और लोकसंस्कृति के अनूठे , अप्रितम जीवन ने आँचलिक विरासत को सहेजने, सँवारने की अदम्य लालसा के अँकुर मेरे मन की माटी में बो दिए जो आज भी पल्लवित , पुष्पित और फलित हो रहे हैं। गाँव के इसी परिवेश ने मुझे कलात्मक अभिरुचियों से जोड़ा।
कुछ सालों बाद वर्ष 1976 में बिज���रा (गुरसरांय) झांसी से अतर्रा (बांदा) उ.प्र. जाना पडा अपने पूर्वज ग्राम कैरी, बिसंडा ब्लाक तहसील बाबेरू के पास। तब तक लोकसंस्कृति से जुड़ाव के जुनून ने मेरे मन के भीतर एक कलाकार को जन्म दे दिया जिसके कारण मैं बचपन से ही सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने लगा।
जब मैं प्राचीन प्राथमिक विद्यालय अतर्रा (बाँदा ) की चौथी कक्षा का छात्र था तभी मुझे रंगमंच से जुड़ने का अवसर मिला। मैंने विद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया और मण्डल स्तर पर झाँसी में आयोजित खेलकूद समारोह में पी. टी. , चित्रकला तथा ढिडिया नृत्य में भाग लेने पर पुरस्कृत किया गया। यहीं से मेरी रंगमंचीय यात्रा की सुखद शुरुआत हो गयी। अभिनय और ललित कलाओं को सीखने - समझने की ललक मन में कुलाँचें भरने लगी।
फिर एक बार पडाव बदलने का समय आया और वर्ष 1980 में मै राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (दद्दा) की साहित्य नगरी चिरगाँव (झांसी) उ.प्र. में आकर महाकवि केशव, बुंदेली शिरोमणि महाकवि ईसुरी के साहित्य के संस्कारों ने मेरी जीवन यात्रा को पूरी तरह अभिनय और रंगमंच की ओर समर्पित कर दिया। इसी दौरान मेरे अध्यापक श्री जगदीश श्रीवास्तव के सानिध्य में रामयश प्रचारणी समिति चिरगांव के साथ कई वर्षों तक रामलीला और नाटकों के मंचन मे अहम भूमिका निभाई ।
वर्ष 1986 में अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कदम आगे बढ़ाया और शौकिया थिएटर ग्रुप के साथ जुड़ गया। जहां एक अभिनेता के रूप में कई नाटकों मे अभिनय किया।
वर्ष1991 मे पहली बार चिरगांव (झांसी) मे सिनेमा हाल के अंदर सेट लगाकर “उधार का पति” नाटक का मंचन किया परिणाम दो दिन दो शो हाउसफुल और यहीं से मेरा रुझान रंगमंच की ओर कुछ ज़्यादा ही बढा और दिल्ली की ओर कदम बढ गये।
इसी दौरान क्रांतिकारी मास्टर रुद्रनारायण सिंह सक्सेना के पौत्र श्री मुकेश सक्सेना जी से मुलाकात हुई और वे अपने साथ दिल्ली ले गये। उनके मार्गदर्शन मेंं रंगमंच के विभिन्न आयामों को जानने का मौका मिला। आदर्णीय मुकेश सक्सेना जी के अनुज के रूप मे जीवन को नई दिशा मिली रंगमंच का सिलसिला शुरू हुआ तो तो फिर पीछे मुड़कर कभी नही देखा।
दिल्ली मे श्रीराम सेंटर फार आर्ट एंड कल्चर से एक साल का रंगमंच और अभिनय प्रशिक्षण मे प्रवेश लिया। इसी दौरान मैडम अमाल अल्लाना के निर्देशन मे हिम्मतमाई (Bertolt Brecht's play Mother Courage ) नाटक मे काम करने का मैका मिला जिसमें फिल्म अभिनेता मनोहर सिंह मुख्य भूमिका मे थे।
इसी दौरान समझ में आने लगा कि रंगमंच क्या है रंगमंच का विस्तार क्या है रंगमंच जो हम करते थे अपने गांव में वह नहीं जो अब देख रहे हैं वह सच है। फिर एक बार पढ़ने का सीखने का और समझने का सिलसिला नए सिरे से शुरू करना पड़ा जो काफी रोमांचक था। सम्पूर्ण रंगमंच....अभिनय और अभिनय के साथ बैकस्टेज जैसे कि कॉस्टयूम, मेकअप, लाइटिंग, प्रॉपर्टी अनेक विषयों पर जानकारी हासिल करना और सीखना।
वर्ष1992 मे भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ मे चयन हो गया। भारतेंदु नाट्य अकेडमी में नाटक की विभिन्न विधाओं का विस्तार पूर्वक अध्ययन करने का अवसर प्राप्त हुआ। यहां देश के जाने माने अनेक निर्देशकों के साथ काम करने का एक अलग अनुभव रहा। यहां भी भरपूर सीखने का मौका मिला और अनेकों रंग मंचीय प्रयोगों से निकलकर फिर वापस दिल्ली आ गए।
वर्ष 1996 में दिल्ली मे सूचना एवं प्रासारण मंत्रालय भारत सरकार के गीत एवं नाटक प्रभाग मे बतौर अभिनेता दो साल तक काम करते रहे । यहां भी एक अलग तरह का अनुभव रहा नेशनल ड्रामा ट्रुप के साथ कई नाटकों में अभिनय किया और देश के कई शहरों में सफलता पूर्वक प्रदर्शन किये। फिर वर्ष 1997 में दिल्ली सरकार के साहित्य कला परिषद रंगमंडल मे चले गये । यहां भी तीन साल रहे और देश के जाने-माने कई निर्देशको के साथ अनेक नाटको मे अभिनय किया।
मेरा रंगमंच का सफर विशेष रूप में अभिनेता ,निर्देशक और अध्यापक के रूप में रहा है। लगभग 60 से अधिक नाटकों में अभिनय और 30 से अधिक नाटकों का निर्देशन किया है, जिसका मंचन देश के भिन्न-भिन्न स्थानों पर 200 से अधिक बार हो चुका है। देश के लगभग 50 से अधिक रंग जगत के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ कार्य किया है जिनमें - पद्मविभूषण हबीब तनवीर, प्रो.बी.एम.शाह, सुश्री अमाल अलाना, प्रो. देवेंद्र राज अंकुर, श्री बादल सरकार, श्री वागीश कुमार सिंह, प्रो.हेमा सिंह, श्री उर्मिल कुमार थपलियाल, श्री जे.पी.सिंह, श्री अवतार साहनी, श्रीमती चित्रा सिंह, सुश्री चित्रा मोहन, श्री सुरेश शर्मा, श्री प्रवीर गुहा, श्री निरंजन गोस्वामी आदि प्रमुख है।
बतौर अध्यापक जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में ड्रामा इंस्ट्रक्टर के रूप में काम किया और “आस” एन.जी.ओ. के साथ भवाली (नैनीताल) में कई सालों तक नाट्य निर्देशक के रूप में काम किया और इसके साथ साथ छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित वंदना आर्ट्स कोंडागांव मे कई सालों तक रंगमंच की गतिविधियों से जुड़ा रहा और वहां पर राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के आयोजन भी किए।
वर्ष 2000 मे दिल्ली से मुम्बई चले गये। मुम्बई मे कई साल तक बतौर सह निर्देशक कई जाने-माने फिल्म, टी वी निर्देशकों के साथ काम किया। और रंगमंच से किसी न किसी रूप मे जुडे रहे। 2003 नवी मुंबई एरोली के डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल के 800 छात्रों के साथ भारत के 5000 वर्ष के गौरवमई इतिहास का सफल मंचन किया।
वर्ष 2009 से बतौर निर्देशक टी वी सीरियल का निर्देशन कर रहे हैं। अभी तक हिंदी, भोजपुरी मे कई सीरियल सोनी टीवी, ज़ी टीवी, स्टार प्लस, ज़ी पुरवईया, अंजन टीवी, महुआ टीवी, ज़ी गंगा, दूरदर्शन आदि के लिये 2000 से अधिक एपीसोड निर्देशित किये हैं।
वर्ष 2017 मे फिर एक बार नई दिशा मे कदम बढ़ गए अपनी जन्मभूमि बुन्देलखण्ड के लिए। बुन्देलखण्ड की लोक कला संस्कृति और साहित्य के संरक्षण-संवर्धन एवं बुन्देली को विशाव पटल पर लाने के लिए https://bundeliijhalak.com/ वेबसाट के माध्यम से बुंदेलखंड ही नही अपितु देश- विदेश मे बुंदेली संस्कृति को जन-जन तक पहुचाने का प्रयास शुरू हो गया और साथ ही रंगमंच और फिल्म मेकिंग की विधाओं का आन लाईन/आफ लाईन प्रशिक्षण अपनी गति ले चुका है। अपनी वेबसाईट https://filmsgear.in/ से रंगमंच एवं फिल्म मेकिंग की जानकारी , मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देश उपलब्ध है ।
बुंदेली लोक व��धा “रावला” पर आधारित लोक नाट्य को प्रयोगात्मक एरिना रंगमंच पर प्रदर्शन करने हेतु शोध चल रहा है। इस विधा की खास बात यह है कि पुरुष अभिनेता ही अभिनेत्री का चरित्र निभाता है और ये गंवई अभिनेता इतने निपुण होते है कि वह अपने नाट्य प्रदर्शन के दौरान दर्शकों से सीधा संवाद कर सकते है उनके सवालों का जवाब दे सकते हैं साथ ही दर्शक को अपने प्रदर्शन के साथ जोड लेंगे, ऐसा लगेगा कि वह दर्शक उन्हीं की नाट्य मंडली का ही एक चरित्र है।
स्थिति और परिस्थितियों के अनुकूल यह अभिनेता अपनी विषय वस्तु बदलने में सक्षम होते हैं। अभिनेता कब, कैसे इंप्रोवाइजेशन कर दें कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन नाट्य विधा पर इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पडता और फिर अभिनेता पुन: अपने मूल विषय वस्तु पर आकर प्रदर्शन को आगे बढ़ा देते हैं।
एक रंग यात्रा, एक अनन्त यात्रा.... लक्ष्य निश्चित है ! गंतव्य नही !.......
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