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#पीएचडी विदेशी विश्वविद्यालय
mwsnewshindi · 1 year
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मान्यता प्राप्त नहीं विदेशी विश्वविद्यालयों वाली एडटेक फर्मों द्वारा प्रस्तुत ऑनलाइन पीएचडी कार्यक्रम: यूजीसी, एआईसीटीई
मान्यता प्राप्त नहीं विदेशी विश्वविद्यालयों वाली एडटेक फर्मों द्वारा प्रस्तुत ऑनलाइन पीएचडी कार्यक्रम: यूजीसी, एआईसीटीई
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने एक नोटिस जारी कर लोगों को विदेशी शिक्षण संस्थानों के सहयोग से एडटेक कंपनियों द्वारा ऑनलाइन पीएचडी के लिए साइन अप करने की सलाह देते हुए कहा है कि ऐसे कार्यक्रमों को इसके द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। नोटिस में उच्च शिक्षा नियामकों ने कहा कि छात्रों और आम जनता को इस संबंध में विज्ञापनों से गुमराह नहीं होना चाहिए।…
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imsaki07 · 1 year
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सावधान! विदेशी विश्वविद्यालयों से ऑनलाइन पीएचडी नहीं होगी मान्य #news4
नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने शुक्रवार को घोषणा की कि विदेशी शिक्षण संस्थानों के सहयोग से ‘एडटेक’ कंपनियों द्वारा पेश ऑनलाइन पीएचडी पाठ्यक्रम मान्य नहीं हैं। यूजीसी और एआईसीटीआई ने छात्रों के लिए इस साल दूसरी बार ऐसी चेतावनी जारी की है। इस साल की शुरुआत में यूजीसी और एआईसीटीई ने अपने मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और संस्थानों को…
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navabharat · 1 year
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विदेशी विश्वविद्यालयों के सहयोग से पेश कंपनियों का ऑनलाइन PHD पाठ्यक्रम मान्य नहीं: UGC
विदेशी विश्वविद्यालयों के सहयोग से पेश कंपनियों का ऑनलाइन PHD पाठ्यक्रम मान्य नहीं: UGC
नयी दिल्ली. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने शुक्रवार को कहा कि विदेशी शिक्षण संस्थानों के सहयोग से ‘एडटेक’ कंपनियों द्वारा पेश ऑनलाइन पीएचडी पाठ्यक्रम मान्य नहीं हैं. यूजीसी और एआईसीटीआई ने छात्रों के लिए इस साल दूसरी बार ऐसी चेतावनी जारी की है. इस साल की शुरुआत में यूजीसी और एआईसीटीई ने अपने मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और संस्थानों को…
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getdreamjobonline · 3 years
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Government jobs: डीयू में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर निकली भर्ती, जल्द करें अप्लाई
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Government jobs: उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नौकरी की तलाश में जुटे प्रतिभाशाली युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। दिल्ली विश्वविद्यालय के आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के 41 पदों पर वैकेंसी निकली है। उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए सह अच्छा मौका है। इसके लिए अर्भ्यर्थी आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज की वेबसाइट https://www.andcollege.du.ac.in/ पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या डिटेल जानकारी हासिल कर सकते हैं।
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वेतन 57,700 रुपए
असिस्टेंट के पदों पर आवेदन के लिए अंतिम तारीख 08 जून 2021 है। भर्ती अभियान 2021 के तहत बायोमेडिकल साइंस, बॉटनी, केमिस्ट्री, कॉमर्स, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, गणित, फिजिक्स और जूलोजी विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्तियां होनी हैं। सातवें वेतन आयोग के मुताबिक पेय लेवल - 10 की सैलरी यानी 57,700 रुपए और साथ में कई अन्य भत्ते भी योग्य उम्मीदवार को मिलेंगे।
ANDC Recruitment 2021
यहां क्लिक करके ��ोटिफिकेशन पढ़ें।
कुल पद - 41
सामान्य वर्ग- 10, एससी- 07, एसटी- 03, ओबीसी- 14, इडब्लूएस- 04, पीडब्लूडी- 03।
बायोमेडिकल साइंस - 04,
बॉटनी - 05
केमिस्ट्री - 02
कॉमर्स - 05
कंप्यूटर साइंस - 05
इलेक्ट्रॉनिक्स - 01
गणित - 05
फिजिक्स - 09
जूलॉजी - 05
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शैक्षिक योग्यता
इच्छुक और योग्य अभ्यर्थी को संबंधित विषय में न्यूनतम 55 फीसदी अंकों के साथ पोस्ट ग्रेजुएट होना जरूरी है। साथ में यूजीसी नेट परीक्षा पास होना अनिवार्य है। किसी ऐसे विदेशी विश्वविद्यालय से पीएचडी हासिल करने वाले युवा भी आवेदन कर सकते हैं जो दुनिया के टॉप 500 विश्वविद्यालयों में आता हो।
आवेदन शुल्क 500 रुपए
सामान्य, ओबीसी और इडब्लूएस वर्ग श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 500 रुपए हैं। इस भर्ती में एससी, एसटी, पीडब्लूडी और महिलाओं के लिए आवेदन नि:शुल्क है।
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Web Title: Government jobs acharya narendra dev college recruitment 2021 for assistant professor posts
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/government-jobs-acharya-narendra-dev-college-recruitment-2021-for-assistant-professor-posts-6838815/
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24gnewshindi · 3 years
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DU 2021 प्रवेश: कल जारी करने के लिए विदेशी छात्रों के लिए आवेदन पत्र
DU 2021 प्रवेश: कल जारी करने के लिए विदेशी छात्रों के लिए आवेदन पत्र
DU प्रवेश 2021: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) शैक्षिक सत्र 2021-2022 के लिए 8 अप्रैल से विदेशी नागरिकों के लिए अपनी एम फिल, पीएचडी, स्नातक और स्नातकोत्तर प्रवेश प्रक्रिया शुरू करेगा। इच्छुक छात्रों को केवल पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। 250 से अधिक कार्यक्रमों की पेशकश की जा रही है और विदेशी छात्रों को प्रवेश के लिए किसी भी प्रवेश परीक्षा से गुजरना नहीं होगा। दिल्ली विश्वविद्यालय में…
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hindidailynews2020 · 4 years
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DU Admissions: दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले हेतु विदेशी स्टूडेंट्स के किए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ी
DU Admissions: दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले हेतु विदेशी स्टूडेंट्स के किए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ी
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दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक, परास्नातक, पीएचडी और अन्य कोर्सों में दाखिले के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ी, केवल विदेश के स्टूडेंट्स कर सकते हैं अप्लाई
By : एबीपी न्यूज़ | 27 Apr 2020 01:13 PM (IST)
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DU International Admissions 2020-21: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने 2020-2021 शैक्षिक सत्र हेतु स्नातक एवं परास्नातक कोर्सों में प्रवेश के…
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confectioneryvixen · 4 years
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कोरोनोवायरस महामारी, लाइफस्टाइल न्यूज और टॉप स्टोरीज के कारण स्टार्स नुप्पल पकड़ में आ गए
चाहे वह यात्रा प्रतिबंध हो, सामाजिक सुरक्षा के उपाय हो या महामारी पर आशंका हो, वैश्विक कोविद -19 संकट ने कई लोगों को अपने नामजद को स्थगित करने के लिए प्रेरित किया है, और सेलिब्रिटी कोई अपवाद नहीं हैं।
इन सात सेलिब्रिटी जोड़ों के लिए, शादी की घंटी अभी तक नहीं बजेगी।
मिक्की हुई और सुमेर मंगे
दो सप्ताह के विचार-विमर्श के बाद, ताइवान के कॉमेडियन मिकी हुआंग, 47, और 28 वर्षीय अभिनेत्री समर मेंग ने 19 अप्रैल को शादी करने का फैसला किया।
उन्होंने छह साल से अधिक समय तक डेटिंग करने के बाद 5 मार्च को अपनी शादी का पंजीकरण कराया था।
शादी समारोह, जो ताइपे के ली मेरिडियन होटल में होने वाला था, में लगभग 1,000 मेहमानों ने भाग लिया होगा – एक नंबर हुआंग को सामाजिक दूरी का अभ्यास करने के लिए मौजूदा सलाह से सावधान किया गया था।
कई विदेशी मेहमान यात्रा प्रतिबंधों के कारण कहीं भी उपस्थित नहीं हो सकते थे।
एएसई वंग और जॉन लोर
सिंगापुर की अभिनेत्री एसे वांग और उनके मंगेतर, अमेरिकी मूल के चीनी व्यापारी जॉन लॉर, दोनों 38 ने पिछले मंगलवार को अपनी शादी का पंजीकरण कराने के लिए सिंगापुर जाने की योजना बनाई थी।
लेकिन थाईलैंड स्थित इस दंपति को गर्भपात करना पड़ा, जिसके बाद सिंगापुर ने 15 मार्च को आसियान देशों सहित स्थानों की हाल की यात्रा के साथ सिंगापुर में प्रवेश करने वाले लोगों के लिए 14 दिन की अनिवार्य-होम नोटिस की घोषणा की।
7 फरवरी को सगाई करने वाले इस जोड़े को शादी के जश्न के लिए पिछले बुधवार से आज तक मालदीव में होना चाहिए था।
उन्हें योजना को भी पूरा करना पड़ा क्योंकि लोर के परिवार के कई सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित हैं, जहां संक्रमण और मौतों की संख्या बढ़ रही है।
अली FAZAL और RICHA चड्ढा
बॉलीवुड स्टार अली फजल और ऋचा चड्ढा, दोनों ने 33 साल की उम्र में अपने बड़े दिन को आगे बढ़ाया।
2017 की कॉमेडी-ड्रामा विक्टोरिया एंड अब्दुल में अनुभवी अंग्रेजी अभिनेत्री जूडी डेंच के साथ अभिनय करने वाले फजल 2015 से चड्ढा को डेट कर रहे हैं। वे इस महीने के आखिरी सप्ताह में अपनी शादी को पंजीकृत करने की योजना बना रहे थे।
विवाह समारोह नई दिल्ली में होने वाले थे, जो देश के बाकी हिस्सों की तरह, 25 मार्च को 21 दिनों के लॉकडाउन में प्रवेश किया।
केटी पेरी और ओरलैंडो ब्लैक
अमेरिकी गायक केटी पेरी और अंग्रेजी अभिनेता ऑरलैंडो ब्लूम ने पीपुल्स पत्रिका के अनुसार, शुरुआती गर्मियों में जापान में 150-अतिथि गंतव्य शादी की योजना बनाई थी, लेकिन कोरोनावायरस महामारी के कारण इसे रोकना पड़ा।
पेरी, 35 और ब्लूम, 43, जो पिछले साल वेलेंटाइन डे पर सगाई कर चुके थे, वे भी एक बच्चे की उम्मीद कर रहे हैं। पेरी, जो गर्मियों में है, ने पिछले महीने अपने नए गीत, नेवर वॉर्न व्हाइट के संगीत वीडियो में अपनी गर्भावस्था का अनावरण किया।
बच्चा पॉप स्टार का पहला बच्चा और ब्लूम का दूसरा होगा। उनकी पूर्व पत्नी, ऑस्ट्रेलियाई मॉडल मिरांडा केर के साथ उनका नौ वर्षीय बेटा फ्लिन है।
ईएमएमए स्टोन और डेव एमसीसीरी
31 वर्षीय ए-लिस्ट हॉलीवुड अभिनेत्री एम्मा स्टोन और उनके साथी 34 वर्षीय कॉमेडियन डेव मैकरी पिछले महीने एक अनाम स्थान पर एक निजी शादी आयोजित करने वाले थे।
यह जोड़ी कथित तौर पर कॉमेडी टेलीविजन शो सैटरडे नाइट लाइव के सेट पर मिली थी, जहां दिसंबर 2016 में मैक��री एक सेगमेंट डायरेक्टर हैं। उन्होंने पिछले दिसंबर में इंस्टाग्राम पर अपनी सगाई की घोषणा की।
यह ज्ञात नहीं है कि उन्होंने शादी की नई तारीख तय की है या नहीं।
डेनिस क्वैड एंड लौरा SAVOIE
65 वर्षीय अमेरिकी अभिनेता डेनिस क्वैड ने टेक्सास विश्वविद्यालय में 26 वर्षीय पीएचडी छात्र, अपनी हवाई विवाहिता लॉरा सावोई को बुलाया है।
यह समारोह कल अभिनेता क्रेग टी। नेल्सन के कौई के घर पर होने वाला था।
यह दंपति उत्सव को घर के करीब ले जा रहा है।
क्वाड, जिन्हें रोमांटिक कॉमेडी द पेरेंट ट्रैप (1998) और डिजास्टर फिल्म द डे आफ्टर टुमॉरो (2004) में अभिनय के लिए जाना जाता है, की शादी तीन बार हो चुकी है। उनकी दूसरी शादी अभिनेत्री मेग रयान से हुई, जिनके साथ उनका एक बेटा है।
उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में सावोई से अपनी सगाई की घोषणा की।
YORK और EDOARDO MAPELLI MOZZI का मुख्य आकर्षण
इस शाही जोड़े के लिए यह तीसरी बार भाग्यशाली नहीं है।
महारानी एलिजाबेथ की पोती, 31 वर्षीय, राजकुमारी बीट्राइस, जो कि ब्रिटिश संपत्ति डेवलपर 36 वर्षीय एडोआर्डो मापेली मोजी से जुड़ी हैं, ने अपने विवाह समारोह को फिर से स्थगित कर दिया है।
पीपुल पत्रिका के अनुसार, राजकुमारी को अपने पिता प्रिंस एंड्रयू के दोषी यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन के साथ कथित तौर पर संबंध रखने के कारण पहले ही अपनी शादी को दो बार पीछे धकेलना पड़ा था।
बड़े समारोहों के संबंध में सरकारी सलाह के बाद, दंपति ने पहले भी 18 मार्च को बकिंघम पैलेस गार्डन में एक रिसेप्शन रद्द कर दिया था।
शाही शादी के लिए योजनाएं, जो सेंट जेम्स पैलेस में चैपल रॉयल में आयोजित होने वाली थीं, तब और जटिल हो गईं, जब चर्च ऑफ इंग्लैंड ने 19 मार्च को घोषणा की कि चर्च की शादी पांच लोगों तक सीमित होगी – पुजारी, दूल्हा और दुल्हन , और दो गवाह हैं।
रानी ने उसी दिन एक बयान भी जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ भी शारीरिक दूरी बनाए रखेंगी।
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onlinekhabarapp · 4 years
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पदाधिकारी स्थानीय पाएपछि बौद्ध विश्वविद्यालय लयमा
२२ फागुन, बुटवल । लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय स्थापना भएको १५ वर्ष पुग्नै लाग्यो । तर, यसबारे धेरै बेखबर नै थिए ।
ऐनमा यो विश्वविद्यालय लुम्बिनीमै रहने उल्लेख भए पनि पदाधिकारीहरूले काठमाडौंकै सम्पर्क कार्यालयबाट सेवा–सुविधा बुझ्ने गरेका थिए ।
स्थापनाको १० वर्षपछि मात्रै बौद्ध विश्वविद्यालयले लुम्बिनीमा पठन पाठन गर्न थाल्यो । पछिल्लो चार वर्षमा भने विश्वविद्यालयले फड्को मारेको छ । काठमाडौंको दुई कोठामा सीमित रहेको विश्वविद्यालय अहिले सबैले देखिने गरी विकास भइरहेको छ । चार वर्षको अन्तरमा ठूला संरचना तयार भएका छन् । शैक्षिक कार्यक्रमको विस्तार भएको छ ।
‘लुम्बिनी क्षेत्रबाटै पदाधिकारी चयन भएपछि विश्वविद्यालयमा देखिने गरी विकास भयो,’ जानकारहरू भन्छन् । सरकारले काठमाडौंमा रहेका विश्वविद्यालयका सम्पर्क कार्यालय हटाउने निर्णय गरेसँगै काठमाडौंमा सीमित रहेका पदाधिकारी बाध्य भएर लुम्बिनी आएका हुन् ।
स्थापनाको एक दशक गतिहीन भएर गुज्रिएको लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय स्थानीय पदाधिकारी पाएसँगै बामे सर्न थालेको छ
विश्वविद्यालयका रजिष्ट्रार डा. तिलकराम आचार्य केन्द्रीय क्याम्पसका पूर्व सहायक प्रमुख हुन् । आचार्य लुम्बिनीमै आएर पदभार ग्रहण गर्ने पहिलो पदाधिकारी हुन् । उनको नियुक्तिसँगै विश्वविद्यालयका अन्य पदाधिकारीहरू पहिलो पटक लुम्बिनी आए । त्यसलगत्तै लुम्बिनीबाटै शैक्षिक कार्यक्रम सुरु गरिएको थियो ।
विश्वविद्यालयका पदाधिकारीहरू काठमाडौंमै बस्ने प्रवृत्तिका कारण विश्वविद्यालयले स्थापनाको लामो समयसम्म शैक्षिक गतिविधि सञ्चालन गर्न सकेको थिएन । दुई वर्षअघि सरकारले विश्वविद्यालयका काठमाडौंमा रहेका सम्पर्क कार्यालय हटाउने निर्णय गरेपछि सबै पदाधिकारीहरू अहिले लुम्बिनी हाजिर हुने गरेका छन् ।
विश्वविद्यालयका पदाधिकारीहरू दोहोरो सुविधा लिएर काठमाडौं बसेको भन्दै आलोचना समेत भएको थियो । निवर्तमान उपकुलपति डा. नरेशमान बज्राचार्यले एक वर्षमा करिव दुई महिनामात्रै विश्वविद्यालयको केन्द्रीय कार्यालयमा बिताएका थिए । त्रिुभवन विश्वविद्यालयमा सेवा गर्ने प्राध्यापकहरू अन्य विश्वविद्यालयमा पदाधिकारी बन्दा विकासमा ध्यान नदिएको गुनासो अझै हटेको छैन । सरकारले पदाधिकारी नियुक्ति गर्दा सोही विश्वविद्यालयमा सेवारतलाई नियुक्ति गर्नुपर्ने मागसमेत रहँदै आएको छ ।
लुम्बिनीमा भएको बौद्ध शिखर सम्मेलनपछि स्थापना भएको बौद्ध विश्वविद्यालय मुलुककै फरक प्रकृतिको शैक्षिक संस्था मानिन्छ । बौद्ध दर्शन, कला, धर्म, संस्कृति, पुरातात्विक विषय यसका अध्यापन दायरा हुन् ।
विद्यावारिधि (पीएचडी) बाट शैक्षिक कार्यक्रम सुरु गरेको विश्वविद्यालयले ०७१ सालमा स्नातकोत्तर तहमा बौद्ध शिक्षाको पठनपाठन गर्दै आएको छ । अहिलेसम्म छैठौं ब्याजका विद्यार्थीले बौद्ध दर्शन अध्ययन गरिरहेका छन् भने स्नातक तह र एक वर्षे प्रमाणपत्र तहका कक्षासमेत थपिएका छन् ।
‘केन्द्रीय कार्यालयमै कक्षा सञ्चालन र भौतिक पूर्वाधार निर्माण थालिएपछि विश्वविद्यालयको दायरा बढ्दै गएको छ, रजिष्ट्रार डा. तिलकराम आचार्यले भने, ‘अब शैक्षिक क्रियाकलापसँगै भौतिक पूर्वाधारलाई रफ्तारमा अघि बढाउछौं ।’
केन्द्रीय क्याम्पसले स्नातक र एकवर्षे प्रमाणपत्र तहका भाषा कक्षासमेत सुरु गरेको छ । बुटवलमा स्नातक तहमा ट्राभल एण्ड टुरिजम र कानून (बीएएलएलबी) कक्षा सञ्चालनमा रहेका छन् । विश्वविद्यालयमा अहिले करिब एक हजार विद्यार्थी पुगेका छन् । ०७१ सालमा जम्मा ७० जना विद्यार्थी भर्ना भएका थिए ।
बौद्ध विश्वविद्यालयले काठमाडौंका विभिन्न सात वटा निजी कलेजलाई सम्बन्धन दिएको छ । रजिष्ट्रार आचार्यले विदेशी विद्यार्थीलाई भर्ना लिने गरी तयारी भइरहेको बताए । ‘पूर्वाधार नभएका कारण प्रर्याप्त मात्रामा विद्यार्थी भर्ना गर्न कठिन थियो, अब केही संरचना तयार भएका छन,’ उनले भने ।
विश्वविद्यालयले ११ बिगा जग्गामा आधारभूत पूर्वाधार निर्माण गरेको छ । सरकारले भवनबाहेक अन्य पूर्वाधार निर्माणका लागि बजेट नदिँदा बौद्ध संस्कृतिसँग सम्बन्धित पूर्वाधार बनाउन कठिन रहेको विश्वविद्यालयले जनाएको छ । विश्वविद्यालयले लुम्बिनी विकास कोष परिसर र सुण्डीमा सुविधायुक्त छात्राबास, पदाधिकारी निवास, शिक्षक आवास निर्माण गरेको छ । २० करोडको लागतमा अनुसन्धान केन्द्र तथा करिब ११ करोड लागतमा पुस्तकालय भवन निर्माणाधीन छन् ।
बौद्ध दर्शन विश्वका धेरै विश्वविद्यालयमा अध्यापन हुन्छ । तर विदेशी नागरिकहरू लुम्बिनीलाई विशेष महत्त्व राख्ने गरेका छन् । यो विश्वविद्यालयलाई शैक्षिक पर्यटकीय क्षेत्रका रूपमा विकास गर्न सकिने सम्भावना रहेको जानकारहरू बताउँछन् । त्यसका लागि अझ धेरै पूर्वाधार आवश्यक रहेको रजिष्ट्रार आचार्यले बताए ।
लुम्बिनी आउने प्रायः पर्यटकहरू बौद्ध विश्वविद्यालयको अवलोकनमा पुग्ने गरेका छन् । केही समयअघि विश्वविद्यालय परिसरमै बनेको स्तुपामा बुद्धका अस्तुधातु प्रतिस्थापन गरिएपछि यसको आकर्षण बढेको हो ।
विश्वविद्यालयले ७ करोडको लागतमा स्तुपा बनाएको हो । जसमा म्यानमारका भिक्षुृहरूको सहयोगमा अस्तुधातु राखिएको छ । बौद्ध समुदायमा अस्तुधातु राखिएको स्तुपालाई महत्त्व दिइन्छ ।
विश्वविद्यालयका उपकुलपति प्रा.डा. हृदयरत्न बज्राचार्य विश्वकै नमूना विश्वविद्यालय बनाउने योजनासहित काम भइरहेको बताउँछन् । ‘हामी मुलुकका अन्य विश्वविद्यालयभन्दा भिन्न हौं, यसको फरक प्रकृति छ, उनले भने, ‘स्वदेशी विश्वविद्यालयको प्रतिष्पर्धी बन्दै नमूना बन्ने योजनामा छौं ।’
बौद्ध सर्किटका थुप्रै पुरातात्विक क्षेत्रको अध्ययन हुन बाँकी छ । यही विश्वविद्यालयले नै त्यस्ता जनशक्ति उत्पादन गर्ने रजिष्ट्रार आचार्यले बताए । आर्काेलोजी, म्युजियोलोजी, थेरवाद, महायान विषयहरू विश्वविद्यालयमा अध्यापन भइरहेका छन् । यी विषयले अध्यताहरू उत्पादन गर्दै पुरातात्विक क्षेत्रको अन्वेषण्मा सघाउ पुग्ने विश्वविद्यालयले जनाएको छ ।
विश्वविद्यालयले बौद्ध स्मारक क्षेत्रहरूमा शैक्षिक कार्यक्रम विस्तार गर्ने योजना बनाएको छ । विश्वविद्यालयलाई बौद्ध दर्शनसँग जोडेर बहुविषयमा लैजाँदै कपिलवस्तु र देवदहमा कक्षा सञ्चालनको योजना बनाएको हो ।
रूपन्देहीको देवदहलाई बुद्धको मावली मानिन्छ । त्यहाँको १०० बिगा जमिनमा भौतिक पूर्वाधार गर्ने योजना रहेको रजिष्ट्रार आचार्यले बताए । ‘जग्गा प्राप्तिका लागि मन्त्रालयमा फाइल पुगेको छ,’ उनले भने, ‘मन्त्रिपरिषद्ले जग्गा स्विकृति दिनासाथ पूर्वाधार निर्माण हुन्छ ।’
विश्वविद्यालयलाई शैक्षिक टुरिजम क्षेत्रका रूपमा विकास गर्ने योजना बनाइएको छ । विदेशी विद्यार्थीलाई अध्ययन अनूमति दिए लुम्बिनी प्रवद्र्धनमा सघाउ पुग्नेछ । त्यसकै लागि बुद्धस्थल तिलौराकोट र नवलपरासीको रामग्राममा समेत विश्वविद्यालयलाई विस्तार गर्ने योजना रहेको छ ।
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newswave-kota · 4 years
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‘संकल्प से सिद्धि’ दिवस है दीक्षांत समारोह -ओम बिरला
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कॅरिअर पॉइंट विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह गर्व और उल्लास के रंगों से हुआ सराबोर न्यूजवेव @ कोटा कॅरिअर पॉइंट यूनिवर्सिटी के दूसरे दीक्षांत समारोह में मंगलवार को सभी विद्यार्थियों को गरिमापूर्ण ढंग से उपाधियों से नवाजा गया। मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कॅरिअर पॉइंट यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रमोद माहेश्वरी एवं वाइस चांसलर डॉ. सुमेर सिंह व बोर्ड मेंबर ओम माहेश्वरी,, नवल माहेश्वरी, शैलेंद्र माहेश्वरी ने दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया।
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि दीक्षांत समारोह ‘संकल्प से सिद्धि दिवस’ होता है अपने ज्ञान, तपस्या और कड़ी मेहनत के बाद हमें जो ��पाधि प्राप्त होती है वह जीवन भर हमें याद रहती है। कई चुनौतियों का सामना करते हुये यह साधना सफल होती है। आज का दिन दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति का दिन है कि आप अपनी शिक्षा, दीक्षा, संस्कृति व विचार देश के नाम समर्पित कर रहे है। जब हम ऐसे विचारो से शिक्षा प्राप्त करते है कि यह शिक्षा मै अपने देश के नाम समर्पित करूगां तो आप राष्ट्र निर्माण की धुरी बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि मैने कॅरिअर पॉइंट यूनिवर्सिटी को बड़ी नजदीक से देखा है। यह विश्वविद्यालय हमेशा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। गर्व की बात है कि इस विश्वविद्यालय से क्वालिटी एजुकेशन और संस्कार भारत के साथ विदेशी विद्यार्थियों को भी मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कॅरिअर पॉइंट एजुकेशनल ग्रुप स्कूल, कोचिंग, विश्वविद्यालय हर स्तर की शिक्षा में अपना विशिष्ट योगदान दे रहा है और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहा है। भारत निर्माण की कहानी स्वयं लिखें युवा - प्रमोद माहेश्वरी
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समारोह की अध्यक्षता करते हुये कॅरिअर पॉइंट यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रमोद माहेश्वरी ने कहा कि आज का दिन उन सब चुनौतियों को याद करने का है जो आपने इस डिग्री को पाने में लगाई। आगे आने वाले समय में कैसे आगे बढ़ेगे यह और देखना है। उन्होंने कहा कि जब मैंने अपनी डिग्री आईआईटी, दिल्ली से ली थी। तब कभी सोचा नहीं था कि किसी दिन एक चांसलर की हैसियत से दीक्षांत समारोह में उपस्थित रहूंगा। ठीक इसी तरह एक समय ऐसा आएगा जब आप भी अपनी जीवन यात्रा को देखेंगे और अपनी उपलब्धियों का अवलोकन करेंगे। समय तेजी से बदल रहा है और चांसलर होने के नाते खुशी है कि आप लोगों ने जो ज्ञान यहॉ से अर्जित किया है उसके द्वारा आप समाज, को देश को अपने नवाचार से आर्थिक और सामाजिक रूप से अग्रसर करने में अपनी भूमिका निभाऐगे। सफलता साधना मांगती है और जो भी त्याग आपने किए हैं वो आपको सफलता के सोपान तक पहुंचाने में मदद करेंगे। जो भी ज्ञान आपने आर्जित किया है उसे एक लर्नर की तरह हमेशा बढ़ाते रहें, बाटते रहे। आपके पास ���हुत अवसर है चाहे वो स्किल इण्डिया, स्वच्छ भारत, मेक इन इण्डिया, डिजिटल इण्डिया, स्मार्ट सिटी या स्टार्टअप हो। आप बदलाव का माध्यम बने और भारत के निर्माण की कहानी स्वयं लिखे। समारोह में विधायक संदीप शर्मा, हीरालाल नागर, शिक्षाविद व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे 40 को मिले डिग्री के साथ गोल्ड मेडल
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विभिन्न संकायों 40 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया इसमे 2 छात्र नाइजीरिया से थे। यह छात्र इंजीनियरिंग के विभिन्न संकायों जिसमें सिविल, मैकेनिकल, कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिकल, डिजिटल कम्युनिकेशन, पावर सिस्टम आदि साथ ही कंप्यूटर एप्लीकेशन मैनेजमेंट, कृषि विज्ञान, पॉलिटेक्निकए विधि आदि संकायों से थे। प्रसन्ना भंडारी को पीएचडी की मानक उपाधि
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शहर की वरिष्ठ समाज सेविका श्रीमती प्रसन्ना भंडारी को उनके अतुलनीय सामाजिक योगदान के लिए सीपीयू द्वारा पीएचडी की मानक उपाधि से सम्मानित किया गया। उन्हें बालग्रह, बालिकाग्रह, श्रद्धा, आश्रय, शिशुग्रह, कृतिमचरण केन्द्र आदि मंे सेवाओं के लिये विभिन्न पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है। प्रसन्ना भंडारी ने कहा कि इससे प्रेरणा लेकर अन्य नागरिक भी समाज के जरूरतमंदों की सेवा के लिए आगे बढ़ें। असंभव को संभव कर दिखाया समरोह में कई ऐसे ग्रेजुएट उपाधि लेने मंच पर पहुंचे जिन्होन विपरीत हालात में भी हार नहीं मानी और संघर्षों के साथ अपनी शिक्षा पूरी की। बी-टेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर शिवराज गुर्जर ने आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के बावजूद अपनी प्रतिभा को साबित कर दिखाया। उसने ट्यूशन पढ़ा कर अपनी फीस का इंतजाम किया। उडीसा के आदिवासी क्षेत्र के छात्र छोत्रे टियू ने कम्प्यूटर साइंस में बीटेक किया। 200 फॉरेन स्टूडेंट्स ने कोटा को याद किया सीपी यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे 200 से अधिक फॉरेन स्टूडेंट्स जो अफ्रीकी देश नाइजीरिया, घाना, यूगांड़ा, रवांडा, इथोपिया, मोजाम्बिक, जिम्बाब्वे, अफगानिस्तान एवं नेपाल से हैं, उन्होंने यूनिवर्सिटी के साथियों के साथ सेल्फी लेकर कोटा में बिताये पलों को संजोया। यूनिवर्सिटी एक नजर मे -- कॅरिअर पॉइंट यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. सुमेर सिंह ने यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट प्रस्तुत की - - वर्तमान में 5657 नियमित विद्यार्थी विभिन्न पाठ्यक्रमों मे। - 200 से अधिक टीचिंग स्टाफ जिसमे प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर आदि - 220 से अधिक इन्टरनेशनल छात्र जिसमें नाइजीरिया, घाना, यूगांड़ा, रवांडा, इथोपिया, मोजाम्बिक, जिम्बाब्वे, अफगानिस्तान एवं नेपाल आदि सम्मिलित। - 550 से अधिक रिसर्च पेपर नेशनल और इन्टरनेशनल मे प्रकाशित। - 250 से अधिक कंपनिया प्लेसमेंट के लिए आई। - 1800 से अधिक छात्रों का माईक्रॉसोफ्ट, विप्रो, अमेजन, इन्फोसिस, एचसीएल सहित देश की नामी कंपनियों मे प्लेसमेंट। - 100 से अधिक यूजी, पीजी व डिप्लोमा कोर्सेस का संचालन। - विश्वविद्यालय के शोधार्थी डॉ. प्रीनॉन बागची द्वारा माइग्रेन (आरइएम डिसऑर्डर) पर महत्वपूर्ण शोध किया। डॉ. मोहम्मद अनीस ने छात्रों के पर्यावरण के प्रति जागरूकता एवं अभिवृति पर, डॉ. प्रीति मालवीय ने किशोरावस्था में तनाव का मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक परिपेक्ष में अध्ययन, डॉ. पल्लवी चन्दवासकर ने कार्बन उत्सर्जन एवं फुटप्रिंट पर, डॉ. रजनी इनभावन ने हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर पर, डॉ. शालिनी माहेश्वरी नें पोधों में एन्टीओक्सीडेंट की खोज पर अपना शोध किया एवं डॉ. शिखा व्यास ने एनजीओ में एमएचआर पर महत्वपूर्ण शोध किए। - विश्वविद्यालय ने भारत सरकार की संस्था राष्ट्रिय कृषि विस्तार प्रबंध संस्थान (मैनेज) के साथ मिलकर कृषि की वैज्ञानिक एवं व्यावसायिक पद्धतिओ के निशुल्क प्रशिक्षण के लिए एग्रीक्लिनिक एवं बिजनेस सेंटरकी स्थापना की है। - कृषि संकाय द्वारा स्थानीय ग्रामीणों को उन्नत कृषि के लिए जागरूक किया जाता है। - कृषि संकाय द्वारा गत वर्ष आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में देश के नामी वैज्ञानिको ने भाग लिया था इससे क्षेत्र में कृषि अनुसन्धान के प्रति जागरूकता बड़ी है। - विश्वविद्यालय के स्वास्थ विज्ञानं संकाय के फिजियोथेरेपी विभाग द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में ग्रामीणों के लिए निःशुल्क ओपीडी संचालित किया जा रहा है। - फिजियोथेरेपी विभाग मंडाना गांव के स्वास्थ केंद्र में भी निःशुल्क सेवाए उपलब्ध करवा रहा है। - विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज एवं गवर्नेंस में अध्यनरत विधि के छात्रों द्वारा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के मूट कोर्ट कॉम्पिटिशन में शानदार प्रदर्शन किया है। - विधि के छात्र स्थानीय ग्रामीणों के हित में निःशुल्क विधिक जागरूकता एवं सहायता शिविर आयोजित करने में भी अग्रणी रहे है। - विश्वविद्यालय एवं स्थानीय छात्रों को स्वरोजगार हेतु जागरूक करने के उद्देश्य से एंटरप्रेनरशिप डेवलपमेंट एवं इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना की गई है जिसमे निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते है। -विश्वविद्यालय अपनी कैंपस प्लेसमेंट प्रक्रिया में अन्य संस्थानों के छात्रों को भी अवसर देता है इस प्रक्रिया में अन्य संस्थानों के 300 से अधिक छात्र लाभान्वित हुए है। Read the full article
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cnnworldnewsindia · 6 years
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बेहतर शिक्षकों के चयन की चुनौती, -अध्यापन के द्वार योग्यतम लोगों के लिए ही खुलने चाहिए, क्योंकि यह मसला सिर्फ नौकरी का नहीं है
बेहतर शिक्षकों के चयन की चुनौती, -अध्यापन के द्वार योग्यतम लोगों के लिए ही खुलने चाहिए, क्योंकि यह मसला सिर्फ नौकरी का नहीं है
हाल में एक अमेरिकी प्रोफेसर मित्र ने एक चर्चा के दौरान कहा कि अमेरिकी शासनतंत्र नीति निर्माण में 25 वर्षो की योजना बनाकर काम करता है जबकि चीनी लोग अमूमन 50 सालों की योजना बनाते हैं। उनकी तुलना में नियोजन को लेकर हम भारतीयों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। हमारी योजनाओं में कई बार न केवल एक तदर्थता या एड हॉकिज्म का भाव दिखाई पड़ता है, बल्कि अनेक बार ये सुविचारित भी नहीं होते। खास तौर से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तो यह स्पष्ट दिखाई देता है। नवीनतम उदाहरण विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रलय की हालिया घोषणा है। हालांकि इस घोषणा में कई सकारात्मक पहलू भी हैं। एक महाशक्ति के रूप में भारत के उभरने की आकांक्षा को पूरा करने में उच्च शिक्षा की बड़ी भूमिका होगी। इसके लिए उच्च शिक्षा और शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ाने की जरूरत है। इस गुणवत्ता को बढ़ाने में अन्य विकल्पों के अलावा यह भी अत्यंत जरूरी है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में योग्यतम शिक्षकों की भर्ती हो। हमारे संस्थानों में शिक्षकों की संख्यात्मकता के साथ-साथ गुणात्मकता की भी समस्या है। संभवत: इन्हीं चीजों को ध्यान में रखकर विश्वविद्यालयों/कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के संबंध में ये घोषणाएं की गई हैं। इन घोषणाओं में सबसे महत्वपूर्ण तथा स्वागतयोग्य है वैश्विक रैंकिंग में शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों/संस्थानों से पीएचडी डिग्री प्राप्त लोगों की सहायक प्रोफेसरों के रूप में भर्ती के लिए विशेष प्रावधान किया जाना। इस प्रावधान का दूरगामी महत्व इस रूप में समझा जाए कि दुनिया के शीर्ष 500 विश्वविद्यालयों में भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों की संख्या मुश्किल से 8-10 ही है। इनमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु, 6- 7 आइआइटी और दिल्ली विश्वविद्यालय के ही नाम शामिल हैं। इन शीर्ष 500 संस्थानों से पीएचडी प्राप्त लोगों की नियुक्ति का विशेष अभियान नि:संदेह हमारे शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता में एक मील का पत्थर साबित होगा। अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अपने अध्यापन के दौरान मैंने पाया कि विदेशों में पढ़े अनेक भारतीय देश वापस लौटना चाहते हैं, लेकिन भारतीय शिक्षण संस्थानों में नियुक्ति की जटिलताओं की वजह से वे लौट नहीं पाते जबकि अमेरिका पूरी दुनिया से श्रेष्ठ शिक्षकों को आमंत्रित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता। 1लेकिन हालिया घोषणा के कुछ बिंदुओं पर शायद ठीक से चिंतन-मनन नहीं किया गया है जिस पर मानव संसाधन विकास मंत्रलय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को पुनर्विचार करने की जरूरत है। वर्तमान घोषणा में कहा गया है कि विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए पीएचडी अनिवार्य अर्हता होगी। जबकि कॉलेजों में नियुक्ति के लिए या तो पीएचडी अथवा स्नातकोत्तर डिग्री के साथ-साथ नेट यानी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा या स्लेट यानी राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। यहां दो तरह की समस्याएं हैं। एक तो पीएचडी संबंधी, दूसरे नेट संबंधी। नेट यूजीसी द्वारा आयोजित एक अखिल भारतीय परीक्षा है जिसमें पास होने का मतलब है कि उस विषय में उम्मीदवार का ज्ञान समुचित है। जबकि पीएचडी एक तरह की विशिष्ट विशेषज्ञता है जिसमें किसी विषय के बहुत ही छोटे से पहलू पर विशिष्ट ज्ञान हासिल होता है। पीएचडी किया हुआ व्यक्ति अपने विषय के उस पहलू का विशेषज्ञ तो हो सकता है, लेकिन इसका कतई अर्थ नहीं कि वह समग्र विषय का भी अच्छा और समुचित ज्ञान रखता हो। स्पष्ट है कि विश्वविद्यालयों में नियुक्ति के लिए सिर्फ पीएचडी को आधार बनाना उचित कदम नहीं होगा। यहां पीएचडी के साथ-साथ नेट की अनिवार्यता भी होनी ही चाहिए। यहां सवाल उठ सकता है कि फिर विदेशी पीएचडी वालों को नेट की छूट क्यों? तो यहां समझना जरूरी है कि विदेशों में पीएचडी में प्रवेश उन्हीं को मिलता है जो उस विषय में मुकम्मल ज्ञान रखते हैं। 1इसके अतिरिक्त पीएचडी से संबंधित एक अन्य समस्या भी है और वह है पीएचडी में दाखिले की प्रक्रिया। इसके लिए आमतौर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा होती है। हालांकि नेट पास लोगों को इस परीक्षा से छूट होती है। फिर नेट और प्रवेश परीक्षा में पास लोगों का इंटरव्यू होता है। फिर जाकर अंतिम एडमिशन होता है। दरअसल पीएचडी में दाखिले को लेकर एक बड़ी समस्या यह है कि जो विद्यार्थी नेट पास न हो उसे विभिन्न विश्वविद्यालयों में जाकर प्रवेश परीक्षा में बैठना पड़ता है। इसमें धन, ऊर्जा तथा समय की खासी बर्बादी होती है। ��ई विश्वविद्यालयों में परीक्षा का स्तर भी निम्न होता है। यह बहुत जरूरी है कि एआइटिपलई अथवा नीट की तर्ज पर पीएचडी में दाखिले के लिए एकल प्रवेश परीक्षा हो। यह छूट हो सकती है कि विभिन्न विश्वविद्यालय इंटरव्यू अपने-अपने यहां करें ताकि अपनी विशेषज्ञता के अनुसार विद्यार्थियों का दाखिला हो सके। संयुक्त प्रवेश परीक्षा होने से पीएचडी संबंधित एक और समस्या का भी हल हो जाएगा। वह यह कि परीक्षा का पैटर्न विभिन्न विश्वविद्यालयों में भिन्न-भिन्न है। कहीं यह पूरी तरह से वस्तुनिष्ठ है जैसे कि दिल्ली विश्वविद्यालय में तो कहीं यह पूर्णतया सब्जेक्टिव या व्याख्यात्मक है जैसे कि जेएनयू में है। उचित यही होगा कि परीक्षा में दोनों का मिलाजुला रूप हो। रिसर्च एप्टीट्यूड का प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ तो हो सकता है, लेकिन विषय संबंधित प्रश्न पत्र व्याख्यात्मक ही होना चाहिए। इसी से उम्मीदवार के ज्ञान की गहराई और विश्लेषण क्षमता का पता चल सकेगा। 1असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के दूसरे आधार नेट पर भी आज प्रश्न चिन्ह लग गया है। इसके वर्तमान पैटर्न में एक बड़ी कमी है कि इसका पूरी तरह वस्तुनिष्ठ प्रश्नों वाला होना। वर्ष 2012 के पूर्व तक इस परीक्षा में एक व्याख्यात्मक प्रश्न पत्र भी होता था, लेकिन 2012 से बिना किसी तार्किक और उचित कारण के व्याख्यात्मक प्रश्न पत्र को खत्म कर दिया गया जो घातक सिद्ध हो रहा है। आज नेट पास तमाम लोग मिल जाएंगे जिन्हें ठीक से एक पृष्ठ लिखना भी नहीं आता। इनके द्वारा विद्यार्थियों का जो ‘कल्याण’ होगा उसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है। स्लेट को भी खत्म कर दिया जाना चाहिए। कई राज्यों ने इसके जरिये अपने कम मेधावी छात्रों के लिए एक तरह से पिछला दरवाजा खोला है। यह न केवल उच्च शिक्षा, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए भ�� हानिकारक है । 1अध्यापन के द्वार योग्यतम लोगों के लिए ही खुलने चाहिए, क्योंकि यह मसला सिर्फ नौकरी का नहीं है। इससे कई पीढ़ियों के भविष्य के साथ-साथ समाज, राज्य व राष्ट्र की प्रगति भी जुड़ी होती है। प्रश्न है कि क्या नीति नियामक हंिदूी अखबारों में उठाई बातों का कभी संज्ञान भी लेंगे?
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mwsnewshindi · 2 years
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DU प्रवेश 2022: दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस साल 520 विदेशी छात्रों को प्रवेश दिया, पिछले साल की तुलना में गिरावट
DU प्रवेश 2022: दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस साल 520 विदेशी छात्रों को प्रवेश दिया, पिछले साल की तुलना में गिरावट
डीयू प्रवेश 2022: द्वारा कुल 520 विदेशी छात्रों को प्रवेश दिया गया है दिल्ली इस शैक्षणिक सत्र में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी पाठ्यक्रमों में विश्वविद्यालय, पिछले वर्ष की तुलना में 27.5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट है। इस वर्ष छात्रों की अधिकतम संख्या नेपाल (110) से है, इसके बाद तिब्बत (100) और बांग्लादेश (85) हैं। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने विदेशी छात्रों द्वारा प्रवेश की संख्या में गिरावट…
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yourwellnes · 4 years
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स्व-देखभाल के साथ चिंता का प्रबंधन
हम सभी दूसरों को सबसे पहले रखते हैं चाहे वह हमारा जीवनसाथी हो, बच्चे, दोस्त, माता-पिता। हम एक कार्यवाहक बनने के लिए बाध्य महसूस करते हैं। हालांकि, अपनी देखभाल करना आपकी भलाई और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। आत्म-देखभाल स्वार्थ और आत्म-भोग से बहुत दूर है।
यदि आप ठीक से अपनी देखभाल नहीं करते हैं, तो आपका शरीर पीड़ित होगा। जीर्ण तनाव प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे हमें अधिक संवेदनशील और वजन बढ़ने, जुकाम, नींद की समस्या, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी मुद्दों और अधिक होने की संभावना होती है। और अगर आप सिर्फ अपने दुखों को नेटफ्लिक्स और जंक फूड के द्वि घातुमान में डुबो देते हैं, तो आप मोटापे, बीमारी, मधुमेह और दुःख से पीड़ित हो सकते हैं। एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध नैदानिक ​​और परामर्श मनोचिकित्सक, पॉल Hokemeyer, पीएचडी कहते हैं, "तनाव डरपोक है।" "यह हमें उन चीजों को करने के लिए कहता है जो अल्पावधि में अच्छा महसूस करते हैं। लेकिन लंबी अवधि में, वे हमारी भावनाओं की तीव्रता में वृद्धि करते हैं और हमारे स्वास्थ्य और भलाई को कम करते हैं। खुद को द हाउस ऑफ कार्ड्स में खोना निश्चित रूप से आपकी चुनौतियों का सामना करेगा। छोटा लगता है। लेकिन यह आपकी भावनाओं को भी जगा देगा और आपको कमज़ोर या हाइपर एक्टिव महसूस कराएगा। "
यहां कुछ स्व-देखभाल रणनीति दी गई है जिसका उपयोग आप अपने दैनिक जीवन में चिंता को कम करने में कर सकते हैं।
सोशल मीडिया से हट जाओ
आप इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विट�� और अन्य सामाजिक एरेनास के माध्यम से स्क्रॉल कर सकते हैं। लेकिन लगातार प्लग-इन होना आपको चिंता-उत्प्रेरण घटनाओं के बारे में जोर देने के लिए प्रवृत्त करता है। मृत्यु से निपटने वाले दोस्त के बारे में सुनकर या किसी विदेशी देश में युद्ध के बारे में पढ़कर आप उदास और अकेला महसूस कर सकते हैं। और किसी को उष्णकटिबंधीय समुद्र तट पर पीना कोलाडा पीते हुए देखना जब आप अपने क्यूबिकल में फंस जाते हैं तो किसी को परेशान करने के लिए पर्याप्त है। "सोशल मीडिया हमारे शरीर पर कठिन है," डेबोरा सेरानी, ​​पीएचडी, न्यू यॉर्क में एक मनोवैज्ञानिक, एडेल्फी विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर और डिप्रेशन के साथ रहने के लेखक कहते हैं: क्यों जीव विज्ञान और जीवनी मैटर के साथ आशा और पथ के लिए पथ । "गर्दन, पीठ, कंधे और उंगली का दर्द अत्यधिक मीडिया के उपयोग से जुड़ा हुआ है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की नीली रोशनी हमारे सर्कैडियन लय के साथ हस्तक्षेप करती है, जिससे नींद में कठिनाई होती है।" हां, डिस्कनेक्ट करना कठिन हो सकता है। लेकिन, इतना लगातार आपके फ़ीड्स को स्कैन कर सकता है। डॉ। होकेमेयर कहते हैं, "यदि आप पोस्ट के माध्यम से स्क्रॉल करने या दृश्यरतिक आनंद के हिट के लिए अनिवार्य रूप से स्क्रॉल करने के बाद एक गाँठ में अपना पेट पाते हैं, तो इसे बंद करें और अपने उपयोग के चारों ओर सीमाएं डालें," डॉ। होकेमेयर कहते हैं। "हर दूसरे दिन, सप्ताह में एक बार या बिल्कुल नहीं, यह देखना ठीक है। आप अपने उपयोग को सीमित करके या पूरी तरह से प्राप्त करके मूल्य का कुछ भी याद नहीं कर रहे हैं।"
कुछ चाय पिएं
चाय पीना एक सामान्य अनुष्ठान है, जिसके प्रमाण संख्या में हैं - 158 मिलियन अमेरिकी किसी भी दिन एक कप का आनंद लेते हैं। यह अनुमान है कि पिछले साल अमेरिका में चाय, या बिलियन गैलन की 80 बिलियन से अधिक खपत हुई थी। पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने आठ सप्ताह तक कैमोमाइल पिया, उनमें कुछ चिंताजनक लक्षण नहीं थे। कैमोमाइल में रसायन होते हैं जो विश्राम को बढ़ावा देते हैं (एपीजेनिन और ल्यूएटोलिन)। आप ग्रीन टी भी आज़मा सकते हैं; एक दिन में सिर्फ 2.5 कप पीने से इसके लाभ प्राप्त करें। कई अध्ययनों से पता चला है कि हरी चाय में कैफीन और फ्लेवोनोइड आपके चयापचय दर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, इंसुलिन गतिविधि में सुधार कर सकते हैं और वसा ऑक्सीकरण भी बढ़ा सकते हैं। "शोध से पता चलता है कि ग्रीन टी में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला अमीनो एसिड- L-theanine- चिंता को कम करता है, तनाव को कम करता है, नींद में सुधार करता है और ध्यान, ध्यान और याददाश्त को बढ़ाता है," एपल न्यूट्रीशन के जेन्ना एपल, एमएस, आरडी कहते हैं। अप्पेल कहते हैं कि अगर आप किसी भी दवा या सप्लीमेंट को लेते हैं तो अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर से बात करें। इस बारे में पढ़ें कि कैसे चाय आपको पाउंड बहाने में मदद कर सकती है।
सिर बाहर
दिन में 15 मिनट धूप में बाहर रहना स्वाभाविक रूप से आपके विटामिन डी के स्तर को बढ़ाने का एक आदर्श तरीका है। वे 15 मिनट चिंता लक्षणों को कम करने और आपको कुछ बाहरी गतिविधि प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। एक हरे क्षेत्र में होना चाहिए। एक जापानी अध्ययन में पाया गया कि जो लोग एक जंगल से गुजरते थे, उनमें शहरी क्षेत्र में चलने वालों की तुलना में बाद में तनाव हार्मोन का स्तर कम था। यदि आप काम पर या किसी शहर में हैं, तो पार्क में या पेड़ की कतार वाली सड़क पर टहलने का प्रयास करें। डॉ। होकेमेयर कहते हैं, "अनुभव विशेष रूप से चिकित्सा है यदि आप प्रकृति को छोड़ देते हैं, तो आपने इसे कैसे पाया, इससे बेहतर है।" वह सुझाव देता है कि एक छोटा सा बैग लें और उसे अपने रास्ते में मिलने वाले किसी भी कूड़े से भर दें। "यह शाब्दिक और अनुमानित रूप से आपके मानस से बाहर मलबे को साफ करने का एक शानदार तरीका है," वे कहते हैं। यदि आप सड़क पर नहीं निकल सकते हैं, तो डॉ। सेरानी धूप के एक पूल में बैठने का सुझाव देती हैं, जो समान परिणाम पेश कर सकती है, वह कहती हैं। "डॉ। सेरानी कहते हैं," वास्तविक चीजें हमेशा आपके लिए बेहतर होती हैं। "लेकिन विटामिन, स्वस्थ खाद्य पदार्थों या समग्र अनुभवों के साथ पूरक अच्छे विकल्प हैं।"
एक पेड़, वनस्पति उद्यान या फूल लगाओ
अध्ययनों में पाया गया है कि प्रकृति आपको अधिक जीवंत, खुश और रचनात्मक महसूस कराती है। डॉ। सेरानी कहते हैं, "जंगल, समुद्र तट, एक बगीचे या एक पर्वत श्रृंखला के दृश्य, ध्वनियाँ, गंध, बनावट और यहां तक ​​कि स्वाद भी आपकी संवेदनाओं को ताज़ा करते हैं।" “जब हम अपना ध्यान काम या स्कूल से ��टाते हैं तो शारीरिक प्रतिक्रिया होती है। सेरोटोनिन, डोपामाइन और ऑक्सीटोसिन जैसे फील-गुड हार्मोन बढ़े हुए हैं, जिससे कल्याण की भावनाएं बढ़ती हैं। ” यह आपके सिर से बाहर निकल जाएगा और आपको प्रकृति के संपर्क में रख देगा, जो एक ज्ञात तनाव प्रबंधक है। हरा अंगूठा नहीं? एक हाउसप्लांट के लिए। बागवानी के पुरस्कारों को पुनः प्राप्त करना सीखें।
पानी 
हाइड्रेटेड रहना विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देगा, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देगा और थकान से राहत देगा। कनेक्टिकट विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया कि हल्के निर्जलीकरण से भी मूड की समस्या हो सकती है। जब तक आप प्यासे होंगे, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। तब तक, निर्जलीकरण की स्थापना हो रही है और यह आपके शरीर और दिमाग के प्रदर्शन को प्रभावित करना शुरू कर रहा है। एलिक्स टर्फ, एमएस, आरडी कहते हैं कि आप कब्ज, गुर्दे की पथरी और ऐंठन जैसी स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित हो सकते हैं। "पानी हमारे मांसपेशियों के ऊतकों का 75 प्रतिशत बनाता है," टौरॉफ कहते हैं। "जब हम निर्जलित होते हैं, तो हम कमजोर हो जाते हैं, चक्कर आते हैं और थकान होती है। पर्याप्त पानी नहीं पीने से इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है जो मांसपेशियों में ऐंठन का कारण बन सकता है। यदि निर्जलीकरण जारी रहता है, तो इसके गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं।"
कड़ी मेहनत करना
अध्ययन के बाद अध्ययन ने चिंता को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए व्यायाम का लाभ दिखाया है। "अभ्यास तनाव को कम करने में मदद करने के लिए दिखाया गया है," टरॉफ़ कहते हैं। "यह संज्ञानात्मक कार्य, सतर्कता और एकाग्रता में सुधार कर सकता है जो तनाव और चिंता से नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है।" यह आखिरी चीज हो सकती है जिसे आप सुबह जल्दी करना चाहते हैं या लंबे दिन के बाद। लेकिन व्यायाम फील-गुड एंडोर्फिन को जारी करता है जो मस्तिष्क के अफीम रिसेप्टर्स को सक्रिय कर सकता है और एक प्राकृतिक दर्द-निवारक प्रभाव होता है, जिसे टर्बो कहते हैं। वह कहती हैं, "वे नींद में सुधार कर सकते हैं, जो तनाव के साथ अत्यधिक सहसंबद्ध है।" यदि आप स्पैन्डेक्स-क्लेड और स्वेल्ट जिम गोअर के कमरे के साथ बातचीत करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो घर या बाहर व्यायाम करें। फुटपाथ पाउंड, एक व्यायाम डीवीडी में एक app या पॉप का पालन करें
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getdreamjobonline · 5 years
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सरकारी नौकरी: दिल्ली विश्वविद्यालय ने असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों पर निकाली भर्ती, यहां पढ़ें
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सरकारी नौकरी 2019: दिल्ली विश्वविद्यालय (राम लाल आनंद कॉलेज) ने एक भर्ती अधिसूचना जारी की है जिसमें विभिन्न विषयों में सहायक प्रोफेसर के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 8 नवंबर, 2019 है। आवेदन करने की अंतिम तिथि से पहले आवेदक निर्धारित प्रारूप में आवेदन करें।
उम्मीदवारों को इन पदों के लिए आवेदन करने से पहले आधिकारिक अधिसूचना जरूर पढ़नी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके पास सभी अपेक्षित शैक्षिक योग्यता और अनुभव है। पदों के लिए आवेदन करने के लिए आवेदकों को आधिकारिक अधिसूचना में दिए गए निर्देशों का पालन करना होगा। उन्हें विवरण के लिए आधिकारिक वेबसाइट - colrec.du.ac.in - पर जाना चाहिए।
उम्मीदवारों का किसी भी भारतीय विश्वविद्यालय से संबंधित विषय में कम से कम 55 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर डिग्री या किसी मान्यता प्राप्त विदेशी विश्वविद्यालय से समकक्ष डिग्री होनी चाहिए। उम्मीदवारों को यूजीसी या पीएचडी द्वारा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) को मंजूरी देनी चाहिए। विश्व विश्वविद्यालय रैंकिंग में शीर्ष 500 के बीच रैंकिंग के साथ किसी भी विदेशी विश्वविद्यालय / संस्थान से डिग्री।
प्रबंधन अध्ययन के लिए योग्यता एक प्रासंगिक अनुशासन में व्यवसाय प्रबंधन में मास्टर डिग्री है या दो साल के पूर्णकालिक पीजीडीएम में प्रथम श्रेणी] या प्रथम श्रेणी में स्नातक की डिग्री और पेशेवर रूप से योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट / कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट / कंपनी सेक्रेटरी। उन्हें राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नीट) आयोजित करनी चाहिए। अधिक जानकारी के लिए, उम्मीदवारों को आधिकारिक अधिसूचना का उल्लेख करना चाहिए।
दिल्ली यूनिवर्सिटी भर्ती 2019: आवेदन कैसे करें उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट - colrec.du.ac.in - के माध्यम से 8 नवंबर, 2019 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्हें ऑनलाइन आवेदन पत्र का प्रिंटआउट लेना चाहिए।
रिक्ति विवरण: असिस्टेंट प्रोफेसर (कॉमर्स): 10 पद असिस्टेंट प्रोफेसर (राजनीति विज्ञान): 7 पद असिस्टेंट प्रोफेसर (हिंदी): 7 पद असिस्टेंट प्रोफेसर (भूविज्ञान): 6 पद असिस्टेंट प्रोफेसर (मैनेजमेंट स्टडीज): 5 पद असिस्टेंट प्रोफेसर (गणित): 5 पद असिस्टेंट प्रोफेसर (अर्थशास्त्र): 4 पद असिस्टेंट प्रोफेसर (अंग्रेजी): 1 पद असिस्टेंट प्रोफेसर (माइक्रोबायोलॉजी): 04 पद असिस्टेंट प्रोफेसर (सांख्यिकी): 4 पद असिस्टेंट प्रोफेसर (पर्यावरण अध्ययन): 1 पद
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jainyupdates · 4 years
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DU University: दिल्ली विश्वविद्यालय ने बढ़ाई विदेशी छात्रों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि
DU University: दिल्ली विश्वविद्यालय ने बढ़ाई विदेशी छात्रों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि
DU University Admission 2020 : दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) ने शैक्षिक सत्र 2020-21 में अंडर ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिले के इच्छुक विदेशी आवेदकों के लिए आवेदन की तिथि बढ़ा दी है। विदेशी छात्र डीयू की वेबसाइट http://fsr.du.ac.inपर यूजी, पीजी, एमफिल, पीएचडी, सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन एमबीए व पीएचडी प्रोग्राम…
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aapnugujarat1 · 5 years
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गांधी के विचारों को व्यवहार में उतार रहे हैं विदेशी छात्र
राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए युवाओं को तैयार करने के लक्ष्य से महात्मा गांधी द्वारा १९२० में स्थापित गुजरात विद्यापीठ ना सिर्फ विभिन्न क्षेत्रों में उच्च शिक्षा दे रहा है बल्कि विभिन्न देशों से आने वाले छात्रों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों की सीख भी दे रहा है । १९६३ से ही डीम्ड विश्वविद्यालय गुजरात विद्यापीठ स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की शिक्षा देने के अलावा विशेष रूप से विदेशों से आने वाले छात्रों के लिए ‘गांधी की अहिंसा पर अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम’ नाम से चार महीने का डिप्लोमा भी देता है । इसका लक्ष्य है कि विभिन्न देशों से आने वाले छात्र उनके विचारों और सिद्धांतों को सीखें और अपने देश लौटकर उनका जीवन में अनुकरण करें । गांधी अध्ययन संकाय के प्रेम आनंद मिश्र का कहना है कि इस पाठ्यक्रम ने अमेरिका, मेक्सिको, फ्रांस, अजेर्ंटिना, ब्राजील, घाना, दक्षिण सूडान और इंडोनेशिया से आने वाले कई छात्रों का दृष्टिकोण बदला है । विद्यापीठ ने २०११ में यह डिप्लोमा शुरु किया था । पाठ्यक्रम के समन्वयक मिश्रा का कहना है, चार महीने के इस पाठ्यक्रम का लक्ष्य छात्रों को अहिंसा के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं का पाठ पढ़ाना है जिन्हें गांधी ने अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में लागू किया । अभी तक १५-१६ देशों के करीब ७० छात्र इस पाठ्यक्रम को पूरा कर चुके हैं । इसमें ज्यादा ध्यान व्यवहारिकता पर दिया जाता है । छात्रों को गांधी के विचारों से जुड़ी अन्य संस्थाओं और आश्रमों, जैसे जलगांव स्थित गांधी अनुसंधान फाउंडेशन और भावनगर स्थित सम्पूर्ण क्रांति विद्यालय, लोक भारती ले जाया जाता है । उन्हें प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्रों और जैविक कृषि केन्द्रों का भी भ्रमण कराया जाता है । मिश्रा ने कहा, छात्र इन जगहों पर पांच से दस दिन के लिए रुकते हैं, चीजों को समझते हैं, उनका अध्ययन करते हैं और विभिन्न गांधीवादी सिद्धांतों को व्यवहार में लागू करते हैं । पाठ्यक्रम पूरा कर स्वदेश लौट चुके कई छात्र हमें सूचित करते हैं कि कैसे उन्होंने अपेन देश में गांधीवादी सिद्धांतों को लागू किया है । वह बताते हैं कि ब्राजील से आया एक छात्र नयी तालिम के गांधीवादी सिद्धांत से इतना प्रेरित हुआ कि उसने अपने देश में बच्चों को ऐसी मौलिक शिक्षा देने के लिए स्कूल शुरु किया है । गांधीवादी सिद्धांत कहता है कि ज्ञान और कार्य कभी अलग-अलग नहीं हो सकते हैं । मिश्रा ने बताया, ब्राजील के इस छात्र ने उनसे कुछ चरखे भेजने का अनुरोध किया है ताकि अपने देश में वह छात्रों को खादी बनाना सिखा सके । घाना की एक छात्रा अब अपने देश में कार्यशालाओं का आयोजन कर सभी को बता रही है कि कैसे गांधी के अहिंसा का उपयोग कर घरेलू मुद्दों को सुलझाया जा सकता है । Read the full article
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getdreamjobonline · 6 years
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टीचिंग और नॉन टीचिंग पदों के लिए इस यूनिवर्सिटी में निकली भर्तियां
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भोपाल में नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी ने टीचिंग और नॉन टीचिंग के रिक्त पदों के लिए भर्तियां निकाली हैं। इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। अगर आप इन पदों पर आवेदन करने के लिए योग्य हैं तो 24 सितंबर 2018 तक आवेदन कर सकते हैं। इन पदों की भर्ती से संबंधित अधिक जानकारी के लिए नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट nliu .ac.in/">https://www.nliu.ac.in/ देख सकते हैं।
कुल पदों की संख्या -
अधिक जानकारी के लिए अधिसूचना लिंक देखें।
पद का नाम -
असिस्टेंट प्रोफेसर (टीचिंग जॉब)
विषय -
मोबाइल, वायरलेस, क्लाउड कंप्यूटिंग
डिजिटल फोरेंसिक
क्रिमिनल लॉ
कोन्सटीट्यूशनल लॉ
ह्यूमन राईट लॉ
बिजनेस लॉ
इंटेलेक्चुअल लॉ
एनवायरनमेंटल लॉ
इन्फोर्मेशन सिक्यूरिटी
***********************
नॉन टीचिंग पदों का विवरण -
असिस्टेंट इंजीनियर
डिप्टी रजिस्ट्रार, असिस्टेंट रजिस्ट्रार (एग्जामिनेशन)
असिस्टेंट रजिस्ट्रार (एडमिनिस्ट्रेशन)
टीचिंग स्टाफ के लिए योग्यता और अनुभव-
असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर आवेदन करने के लिए आवेदनकर्ता की योग्यता संबंधित विषय में 55% अंकों के साथ परास्नातक की डिग्री या किसी भारतीय/विदेशी विश्वविद्यालय से इसके समकक्ष कोई अन्य डिग्री होनी चाहिए। इसके साथ ही यूजीसी/सीएसआईआर की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) या यूजीसी की स्लेट/सेट पास होना चाहिए। या फिर पीएचडी की डिग्री होनी चाहिए।
नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए योग्यता -
डिप्टी रजिस्ट्रार (एग्जामिनेशन) के पदों पर आवेदन करने के लिए योग्यता कम से कम 55% अंकों के साथ मास्टर्स डिग्री या इसके समकक्ष डिग्री होनी चाहिए। इसके साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर/एजुकेशनल एडमिनिस्ट्रेशन/अन्य के पद पर कम से कम नौ साल तक काम करने का अनुभव के साथ ही सहायक रजिस्ट्रार या समकक्ष पदों पर पांच वर्ष का प्रशासनिक अनुभव होना चाहिए।
असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पदों के लिए योग्यता कम 55% अंकों के साथ मास्टर्स डिग्री या उसके समकक्ष कोई अन्य डिग्री होनी चाहिए। इसके साथ ही संबंधित क्षेत्र में कम से कम तीन साल काम करने का अनुभव होना चाहिए।
असिस्टेंट इंजीनियर के पदों पर आवेदन करने के लिए आवेदन कर्ता के पास कम से कम 55% अंकों के साथ सिविल इंजीनियरिंग में बीई/बी.टेक या उसके समकक्ष कोई अन्य डिग्री होनी चाहिए।
एेसे करें आवेदन -
अगर आप इन पदों के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन कर सकते हैं। और अपने आवेदन पत्र को निम्न पते पर भेज सकते हैं।
आवेदन भेजने का पता -
''ऑफिस ऑफ द रजिस्ट्रार, नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, केर्वा डैम रोड, भोपाल – 462044
महत्वपूर्ण तारीख -
आवेदन भेजने का लास्ट डेट - 24 सितंबर 2018 से शाम 05: 00 बजे तक
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/recruitments-for-teaching-and-non-teaching-posts-1-3420207/
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