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#दक्षिण पश्चिम मानसून सक्रिय
rudrjobdesk · 2 years
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Bihar Flood: नेपाल की तराई में लगातार बारिश से उफनाई नदियां, मिनटों का सफर घंटों में हो रहा तय
Bihar Flood: नेपाल की तराई में लगातार बारिश से उफनाई नदियां, मिनटों का सफर घंटों में हो रहा तय
आशीष सिन्‍हा किशनगंज. सीमांचल के रास्‍ते दक्षिण-पश्चिम मानसून का बिहार में प्रवेश हो गया है. इसके प्रभाव से किशनगंज, पूर्णिया जैसे जिलों में बारिश हुई है. नेपाल में भी मानसून के सक्रिय होने से तराई के इलाकों में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. नेपाल में तेज बारिश के कारण बिहार में नदियों का जलस्‍तर बढ़ने लगा है. सीमावर्ती जिलों में इसका परिणाम भी स्‍पष्‍ट होने लगा है. किशनगंज में भी स्‍थानीय…
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darkwombatnacho · 2 years
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India Weather: अभी बिदा नही हुआ है मानसून - कई राज्यों में होगी जमकर बारिश, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कैसा रहेगा मौसम
India Weather: अभी बिदा नही हुआ है मानसून – कई राज्यों में होगी जमकर बारिश, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कैसा रहेगा मौसम
India Weather Forecast:HN/ अक्टूबर का महीना चल रहा है, लेकिन मानसून (Monsoon) की विदाई अभी तक नहीं हुई है. देश के कई हिस्सों में मानसून अभी सक्रिय है. मौसम विभाग के मुताबिक साइक्लोन ‘नोरु’ की वजह से बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने चक्रवाती परिसंचरण के चलते दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई में देरी होगी. मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR Weather) में सोमवार (3 अक्टूबर) को मौसम साफ…
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news-trust-india · 2 years
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Uttarakhand Weather Update: कुमाऊं मंडल में अगले तीन दिन भारी वर्षा की चेतावनी
Uttarakhand Weather Update: कुमाऊं मंडल में अगले तीन दिन भारी वर्षा की चेतावनी
हल्द्वानी: Uttarakhand Weather Update  मौसम विभाग ने कुमाऊं मंडल में अगले तीन दिन भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। दक्षिण पश्चिम मानसून सक्रिय होने की वजह से अधिकांश जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना बन रही है। कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। SCO Summit 2022: पीएम मोदी और चिनफिंग की मुलाकात पर सस्पेंस ऐसे में 15 व 16 सितंबर के लिए आरेंज अलर्ट व 17 सितंबर के लिए रेड अलर्ट…
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hindimaster · 2 years
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India Weather Forecast Monsoon Update Rainfall Delhi Rajasthan Coastal Andhra Pradesh Flood In MP Kerela
India Weather Forecast Monsoon Update Rainfall Delhi Rajasthan Coastal Andhra Pradesh Flood In MP Kerela
India Weather Monsoon Update: देश के कई हिस्सों में मानसून (Monsoon) सक्रिय है. उत्तर से दक्षिण भारत तक बारिश और बाढ़ से लोगों की मुसीबत बढ़ी हुई है. उत्तर-पश्चिम और इससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान है. मौसम संबंधी गतिविधियों को देखते हुए 08 अगस्त तक तटीय आंध्र प्रदेश समेत प्रदेश (Coastal Andhra Pradesh) के कई हिस्सों में भारी बारिश की आशंका है.…
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cinnewsnetwork · 2 years
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देश में मानसून सक्रिय, कई राज्यों में यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी
देश में मानसून सक्रिय, कई राज्यों में यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग के अनुसार,अगले चार दिन में देश के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तरी ओडिशा, उससे सटे दक्षिण झारखंड और पश्चिम बंगाल के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे अगले चार दिनों में मध्य भारत, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में गरज-चमक के साथ भारी बारिश होने का अनुमान है इसके अलावा दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पूरे देश को कवर कर…
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merikheti · 2 years
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मानसून के शुरुआती जुलाई महीने में किसान भाई क्या करें
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दोस्तों आज हमारा यह आर्टिकल मानसून के शुरुआती जुलाई महीने में किसान भाई क्या करें और मानसून से जुड़े सभी प्रकार की आवश्यक जानकारी से जुड़ा होगा। मानसून और किसानों से जुड़ी आवश्यक जानकारियों को प्राप्त करने के लिए हमारे इस आर्टिकल के अंत तक जरूर रहेंगे।
मानसून के शुरुआती जुलाई महीने के कृषि कार्य
दोस्तों अगर बात करें मानसून के महीने की, तो मानसून का महीना किसानों के लिए सोने पर सुहागा होता है। मानसून का आरंभ महासागर तथा अरब सागर की तरफ से भारत के दक्षिण पश्चिम तट पर आने वाली पावस हवाओं को कहा जाता हैं। मानसून के महीने में तेज हवाएं और तेज बारिश खूब होती है। इन मानसून हवाओं के प्रभाव से भारत के आसपास के क्षेत्र यानी पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि क्षेत्रों में भारी वर्षा होती हैं। इन मानसून हवाओं का सक्रिय दक्षिण एशिया क्षेत्र में जून के महीने से लेकर सितंबर तक चलता रहता है।
किसान भाइयों पर मानसून का प्रभाव:
जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारत एक उपजाऊ देश है। यहां हर प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं इसीलिए इसे सोना उगलने वाली भूमि भी कहां जाता है। भारत में अधिकांश लोग कृषि विकास और उत्पादन पर ही अपना जीवन निर्भर करते हैं। मूल रूप से कहे तो भारत एक कृषि अर्थव्यवस्था का स्वरूप है। भारत की लगभग 50% जनसंख्या अपनी आजीविका कमाई कृषि के माध्यम से ही करती हैं।
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किसान भाइयों के लिए महत्वपूर्ण मानसून का महीना:
पूर्ण रूप से कृषि उद्योग पर निर्भर देश के लिए मानसून का महीना सब महीनों से आवश्यक महीना है। भारत की ज्यादातर कृषि भूमियों को सिंचाई की आवश्यकता होती है और यह भूमि मानसून की वर्षा के कारण भली प्रकार से सिंचित हो जाती है। यह दक्षिण पश्चिम मानसून के संपर्क से सिंचित होती हैं।
कुछ ऐसी फसलें हैं जिनको भारी वर्षा की जरूरत पड़ती है, यह फसलें कुछ इस प्रकार है जैसे : चावल, दालें आदि। इन फसलों को भरपूर वर्षा की आवश्यकता होती है, ताकि यह फसलें पूर्ण रूप से उत्पादन कर सके। यह भारतीयों का मुख्य आहार भी है जो भारतीय खाना बेहद पसंद करते हैं। किसानों के अनुसार रबड़ के पेड़ों को अच्छे तापमान और भारी वर्षा की बहुत जरूरत पड़ती है। यह रबड़ के पेड़ दक्षिणी क्षेत्रों में रोपड़ होते हैं। किसानों का यह कहना है, कि मानसून की पहली बारिश पर ही फसलों का रोपण पूर्ण रूप से निर्भर होता है। विपत्ति संकट से जूझने वाले किसानों के लिए मानसून का महीना सबसे महत्वपूर्ण होता है।
मानसून का सीजन किसानों के लिए क्यों महत्वपूर्ण होता है?
एक अच्छा मानसून का सीजन कृषि उद्योग को पुनर्जीवित करता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि गांव तथा ग्रामीण में जल का कोई साधन नहीं होता हैं। मात्र नदियों और हैंडपंप के माध्यम से ही पानी का स्त्रोत बना रहता है।
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फसलों में पानी की प्राथमिक स्त्रोत को पूरा करने के लिए महिलाएं, पुरुषों बच्चों आदि को दूर दूर से पानी लाना पड़ता है। मानसून का महीना किसानों की इस गंभीर समस्याओं को दूर कर देता है। भारी वर्षा के कारण भूमिगत जल आवश्यकता की आपूर्ति होती है। मानसून का महीना ग्रामीण विकास में काफी सहायक होते है और भूमि के जलाशयों की भरपूर भरपाई होती हैं।
किसान भाई विभिन्न प्रकार के कर्ज़ में डूबे होते हैं और इन कर्ज़ों को अदा करने में मानसून का सीजन मदद करता है। इसीलिए मा��सून के सीजन को सबसे महत्वपूर्ण सीजन कहा जाता है। सरकार द्वारा किसानों को काफी कम मुनाफा होता है इस प्रकार किसानों को और ज्यादा अच्छे उपज की जरूरत पड़ती है।
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मानसून की शुरुआत के, जुलाई महीने में किसान भाई क्या करें ?
मानसून के महीने में अच्छी फसलों की प्राप्ति के लिए किसान भाइयों को क्या करना चाहिए जानिए। जुलाई के महीने में किसान भाई को कोई कठिन काम करने की आवश्यकता नहीं है, कुछ आसान तरीके हैं जो कुछ इस प्रकार है:
मानसून का महीना मन मोह लेने वाला होता है काफी सुहाना और खूबसूरत मौसम होता है। इस मानसून के महीने में लोग घूमना फिरना काफी पसंद करते हैं और इस मौसम का भरपूर मजा लेते हैं।
हमारे भारत देश में सभी प्रकार की खेती पूर्ण रूप से मौसम पर ही निर्भर होती है।अच्छी बारिश के ज़रिए खेत, खलियान हरे भरे होकर लहराने लगते हैं। खेतों को हरा भरा देख किसानों में एक अलग तरह का उत्साह पैदा हो जाता है।
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जिस प्रकार हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं उसी प्रकार मानसून का महीना कुछ फसलों के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है। और कुछ फसलों को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
ऐसी स्थितियों से बचने के लिए हमारे किसान भाइयों को कुछ आसान तरीके अपनाने चाहिए:
मानसून के महीने में फसल को सुरक्षित रखने के लिए किसानों को चाहिए कि वह खेतों में ज्यादा से ज्यादा अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए जलभराव को रोकना शुरू करें। जलभराव को रोकना बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है, क्योंकि इससे हमारी फसलें खराब हो सकती हैं। जलभराव से बचने के लिए आपको खेत के बीच में गहरी नालियों की व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि जब भी कभी बारिश का पानी खेतों में जाए तो वह आसानी से बाहर निकल जाए, बिना फसलों को नुकसान पहुंचाए।
कृषि विशेषज्ञ मानसून के महीनों में नर्सरी फसलों की सुरक्षा के लिए हर तरह की जानकारी अवगत कराते हैं। जिस जानकारियों को अपनाकर आप अपनी नर्सरी फसलों की सुरक्षा कर सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार जिन फल और सब्जियों की फसलों को ज्यादा पानी की आवश्यकता पड़े, उन फसलों को किसान भाई मानसून में लगाएं ताकि फसलों को पूर्ण रूप से जल प्राप्ति हो सके।
फसलों के बचाव के लिए जैविक कीटनाशक छिड़काव की बहुत आवश्यकता होती है। यह छिड़काव आपको समय-समय पर फसलों पर करते रहना है।
रासायनिक कीटनाशक तथा फफूंदी नाशक का उपयोग सिर्फ और सिर्फ कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर ही करें।
मानसून का महीना फसलों के लिए सफ़ेद मक्खियों का प्रकोप भी बन जाता है। ऐसे में किसानों को चाहिए कि वह लगभग 5 किलो नीम की खली को अच्छी तरह से पानी में घोलकर मिला लें। फसलों की सुरक्षा के लिए फसलों पर छिड़काव करते रहे। क्योंकि यहां सफेद मक्खियां फसलों की उत्पादन क्षमता को रोकती हैं।
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दोस्तों हम उम्मीद करते हैं, कि आपको हमारा यह आर्टिकल मानसून के शुरुआती जुलाई महीने में किसान भाई क्या करें पसंद आया होगा। हमारे इस आर्टिकल में सभी प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारियां मौजूद है। जिससे आप लाभ उठा सकते हैं। यदि आप हमारी दी गई जानकारियों से संतुष्ट हैं। तो हमारे इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।
धन्यवाद।
source  मानसून के शुरुआती जुलाई महीने में किसान भाई क्या करें 
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dinmantimes · 2 years
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राजधानी पटना सहित बिहार के कई जिलों में कल से बदलेंगे मौसम के मिजाज
राजधानी पटना सहित बिहार के कई जिलों में कल से बदलेंगे मौसम के मिजाज
राजधानी पटना सहित बिहार के कई जिलों में अगले पांच दिनों तक मौसम के मिजाज तेजी से बदलने वाले है। इन दिनों कई जगहों पर मेघ गर्जन, भारी वर्षा तो वहीं कई जगहों पर लू चलने की संभावना बतायी जा रही है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तरी बिहार में सक्रिय हो गयी है। वहीं अगले 48 घंटों में राज्य के अन्य जिलों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बतायी जा रही है। यह भी…
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mediawalablog · 2 years
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Pre Monsoon : बारिश की पहली फुहार से गर्मी से राहत, इंदौर में भीगे चेहरे खिले!
Indore : भीषण गर्मी से जूझ रहे मध्य प्रदेश के 20 जिलों में शनिवार की शाम बारिश हुई। दोपहर से बादल छाना शुरू हो गए थे और शाम होते-होते बारिश हुई जो रात तक जारी रही। रात 11:30 बजे तक 1.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। ठंडक के कारण 5 घंटे में पारा 13.7 डिग्री लुढ़क गया था।
इंदौर में प्री-मानसून की धमाकेदार बारिश हुई। शनिवार को दोपहर 2 बजे बाद काले बादल छा गए। रात सवा आठ बजे से शुरू हुआ जोरदार बारिश का दौर जो साढ़े 11 बजे तक लगातार चला।
रात 11.30 बजे तक करीब दो इंच (47.4 मिमी) बारिश हुई। मौसम विज्ञान के मुताबिक, यदि मानसून की यह रफ्तार रही तो तीन-चार दिन में (15 जून के आसपास) यह प्रदेश में दस्तक दे सकता है।
मौसम विभाग के मुताबिक, रविवार सुबह आसमान साफ रहेगा, लेकिन बाद में बादल छाएंगे, बारिश भी होगी। अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहेगा, उमस रहेगी।
मानसून 11 दिन से कर्नाटक में फंसा है। अब ये मुंबई को पार करके गुजरात की सीमा तक जा पहुंच गया।
पिछले आंकड़े बताते हैं कि मानसून जब गुजरात की सीमा तक पहुंचता है, तो मध्यप्रदेश से नीचे के सभी राज्यों में मानसूनी बारिश शुरू होती है। इस बार ऐसा नहीं है। क्योंकि, मानसून ने अभी केरल को ही कवर किया।
जबकि, 12 जून तक आंध्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र व आधे छत्तीसगढ़ में मानसून छा चुका होता है। मुंबई में मानसून सक्रिय होने से मध्यप्रदेश में नमी आ रही है। महाराष्ट्र से लेकर कर्नाटक तक द्रोणिका बनी है, जो बारिश की वजह बनी।
बारिश के साथ हवाओं की रफ्तार भी बढ़ रही है। तेजी से बन रहे मानसून के आसार बन रहे हैं। इसके असर से अगले दो-तीन दिन में महाराष्ट्र और मध्य भारत में गरज के साथ छीटें पड़ने के आसार हैं। इससे तापमान में गिरावट शुरू हो जाएगी।
पूर्वोत्तर में हिमालयी और पश्चिम के तटीय इलाकों में तेज बारिश का अलर्ट है। दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्यों को छोड़ दें तो 14 जून तक कहीं भी बारिश की संभावना बहुत कम है। हालांकि पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार और राजस्थान में अभी लू चल रही है।
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journalistcafe · 3 years
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तीन दिनों तक इन राज्यों में आंधी तूफ़ान के साथ भारी बारिश की आशंका, मौसम विभाग ने बताई ये वजह
तीन दिनों तक इन राज्यों में आंधी तूफ़ान के साथ भारी बारिश की आशंका, मौसम विभाग ने बताई ये वजह
मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक 7 से 9 सितंबर के बीच दक्षिण पश्चिम मानसून के फिर से सक्रिय होने के साथ ही अगले तीन दिनों में दक्षिण, पश्चिम और उत्तर भारत के कई हिस्सों में आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं दक्षिण भारत के तीन राज्यों में भी तीन दिन तक भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है। इन राज्यों में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु का नाम भी शामिल है। उत्तर भारत: उत्तर पश्चिमी भारत…
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rudrjobdesk · 2 years
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6 दिन पहले ही देशभर में सक्रिय हुआ मानसून, मौसम विभाग ने कहा- जुलाई में सामान्य वर्षा होने का अनुमान
6 दिन पहले ही देशभर में सक्रिय हुआ मानसून, मौसम विभाग ने कहा- जुलाई में सामान्य वर्षा होने का अनुमान
नई दिल्ली. गुजरात और राजस्थान में शुक्रवार को मौसम की पहली बारिश होने के साथ दक्षिण-पश्चिम मानसून (Monsoon) सामान्य तारीख से छह दिन पहले ही पूरे देश में पहुंच गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शनिवार को यह जानकारी दी. एक जून की सामान्य तिथि से तीन दिन पहले 29 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत केरल में हुई थी. मौसम विभाग ने कहा, ‘‘आठ जुलाई की सामान्य तिथि से छह दिन पहले ही शनिवार को…
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mykrantisamay · 3 years
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पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें ........
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मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। तीनों प्रणालियों के सक्रिय होने से अगले दो दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। जिसमें एक सिस्टम पोरबंदर, सूरत से जलगांव, मछलीपट्टनम से बंगाल की खाड़ी तक जा रहा है और खुशनुमा मानसून हो रहा है। तो दूसरी प्रणाली दक्षिण गुजरात पर चक्रवाती परिसंचरण है जो दक्षिण-पश्चिम यानी सौराष्ट्र की ओर बढ़…
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hindimaster · 2 years
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Weather In India How Will The Monsoon Be In The Country Where Will It Rain
Weather In India How Will The Monsoon Be In The Country Where Will It Rain
Monsoon Update In India: मध्य भारत में कम दबाव के क्षेत्र के प्रभाव के चलते दक्षिण-पश्चिम मानसून (South West Monsoon) ने रफ्तार पकड़ ली है, जिससे इस क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई के समय भरपूर बारिश हुई है. मौसम कार्यालय (IMD) ने मंगलवार को कहा कि मध्य भारत और पश्चिमी तट पर अगले पांच दिन सक्रिय मानसून (Monsoon) की स्थिति रहेगी, जबकि देश के उत्तर-पश्चिमी (North-West) हिस्सों में बुधवार से मौसमी…
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khsnews · 3 years
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राजस्थान के जयपुर समेत अदेपुर-भरतपुर संभाग में बारिश हुई.अगले चार दिनों तक कई जिलों में बारिश होने की संभावना है.
राजस्थान के जयपुर समेत अदेपुर-भरतपुर संभाग में बारिश हुई.अगले चार दिनों तक कई जिलों में बारिश होने की संभावना है.
अदेपुर मरुधरा में मानसून का कहर जारी है। मंगलवार को राजधानी समेत राज्य के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश हुई। खासकर ओदेपुर और भरतपुर संभाग में अच्छी बारिश हुई। अगले तीन से चार दिनों तक बारिश का यह सिलसिला जारी रहने की संभावना है। पिछले 10 दिनों से मरुधरा से मुंह मोड़ रहे मानसून ने एक बार फिर राज्य के लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी है. दक्षिण पश्चिम मानसून राज्य में एक बार फिर सक्रिय हो गया…
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mrdevsu · 3 years
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उत्तर भारत में फिर सक्रिय होगा मॉनसून, जानें किन इलाकों में और कब भारी बारिश का है अनुमान
उत्तर भारत में फिर सक्रिय होगा मॉनसून, जानें किन इलाकों में और कब भारी बारिश का है अनुमान
मानसून 2021 अपडेट: दक्षिण पश्चिम पश्चिमी मौसम के दौरान अगस्त में 19 अगस्त से बाद में सक्रिय होंगे। यह जानकारी गुरुवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग (विज्ञापन) ने दी। एम.डी. ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अलग-अलग- अलग अलग-अलग अलग-अलग हैं 19 से 21 अगस्त तक I मौसम विभाग ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चेन्नई, दिल्ली और पश्चिम उत्तर प्रदेश में 20- 21 अगस्त को अनुमान लगाया जा सकता है। बिहार के…
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abhay121996-blog · 3 years
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भोपाल: ग्वालियर-चंबल संभाग में खतरा बरकरार, कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी Divya Sandesh
#Divyasandesh
भोपाल: ग्वालियर-चंबल संभाग में खतरा बरकरार, कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी
भोपाल। पिछले तीन दिनों से गहरा कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी मप्र पर बना हुआ है। जिसके चलते ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में भारी बारिश हो रही है। वर्तमान में भी सिस्टम अपने स्थान पर स्थिर बना हुआ है, लेकिन कुछ कमजोर पडक़र कम दाबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है। इस वजह से ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में बारिश का सिलसिला जारी रहने के आसार हैं। विशेषकर गुना और श्यौपुरकलां में अति वृष्टि होने की भी आशंका है।
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वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि गहरा कम दबाव का क्षेत्र कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है, लेकिन यह वेदर सिस्टम अभी भी उत्तर-पश्चिम मध्यप्रदेश में गुना-ग्वालियर के आसपास स्थिर है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लगातार मिल रही नमी के कारण यह सिस्टम लगातार मजबूत स्थिति में है। इस वजह से पहले ही बाढ़ से घिरे श्योपुरकलां और गुना जिले में बुधवार को भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा ग्वलियर, दतिया, भिंड, मुरैना, अशोकनगर, उज्जैन, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर, शाजापुर जिलों में भी भारी बारिश की संभावना है। रीवा, शहडोल, जबलपुर, भोपाल, इंदौर संभाग के जिलों में भी कहीं-कहीं तेज बौछारें पडऩे के आसार हैं। गुना और श्योपुरकलां में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
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मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने कहा कि वर्तमान में ग्वालियर-गुना के आसपास कम दबाव का क्षेत्र बना है। मानसून ट्रफ भी कम दबाव के क्षेत्र से होकर गुजर रहा है। पाकिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना है। एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास बना हुआ है। इस तरह इन चार वेदर सिस्टम के सक्रिय रहने से बारिश का सिलसिला बना हुआ है। साथ ही औसत 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लगातार नमी भी आ रही है। इससे राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में रुक-रुक बौछारें पडऩे की संभावना है।
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lok-shakti · 3 years
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आज का मौसम पूर्वानुमान लाइव अपडेट: मुंबई में भारी बारिश की संभावना; उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश की उम्मीद
आज का मौसम पूर्वानुमान लाइव अपडेट: मुंबई में भारी बारिश की संभावना; उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश की उम्मीद
२२-२४ जुलाई को पूर्वी और आसपास के मध्य भारत के लिए पूर्वानुमान में व्यापक रूप से व्यापक वर्षा के साथ अलग-अलग भारी से बहुत भारी वर्षा शामिल है। दक्षिण पश्चिम मानसून मध्य महाराष्ट्र, गोवा और कोंकण में सक्रिय है। यह महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच अपतटीय ट्रफ रेखा के कारण है जो दोनों राज्यों के तटों पर भारी बारिश लाएगी। पुणे में मंगलवार को भारी बारिश हुई, जिसमें शिवाजीनगर में पिछले 24 घंटों के दौरान…
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