कौन है वो अफसर, जिसे सौंपी गई कतर में मौत की सजा पाए 8 भारतीयों को बचाने की जिम्मेदारी
नई दिल्ली: कतर में भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई गई है। इस आदेश ने पूरे देश को हिला दिया है। इन पूर्व अधिकारियों के परिजन केंद्र से हस्तक्षेप की मांग कर चुके हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को इनसे मुलाकात भी की थी। अब सभी को सरकार के अगले कदम का इंतजार है। इस बीच सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाने की खबर आई है। इसके अनुसार, नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों की मदद के लिए के बेहद भरोसेमंद डिप्लोमैट को जिम्मेदारी दी गई है। उनका नाम है। दीपक मित्तल को यह जिम्मेदारी बहुत सोच-समझ कर दी गई है। कतर में भारत के राजदूत रहे हैं दीपक मित्तल मित्तल कतर में भारत के राजदूत रहे हैं। वह 1998 बैच के आईएफएस (भारतीय विदेश सेवा) अधिकारी हैं। वर्तमान में वह प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में पोस्टेड हैं। कतर में भारतीय राजदूत होने के कारण माना जाता है कि उनके वहां पर शीर्ष स्तर पर अच्छे संबंध हैं। यही कारण है कि उन्हें जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें 2020 में कतर में भारत का दूत नियुक्त किया गया था। उनकी उपलब्धियों की फेहरिस्त काफी लंबी है। कतर में भारतीय राजदूत रहते हुए उन्होंने ही 2021 में तालिबान के नंबर 1 नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानेकजई से बातचीत की थी। यह कई मायनों में अहम था। अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद पहली बार यह ऑफिशियल डिप्लोमैटिक चैनल से बातचीत थी। पाकिस्तान को याद दिलाई थी औकात 2019 में मित्तल काफी सुर्खियों में आए थे। तब हेग में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई थी। इस दौरान पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी ने उनकी ओर हाथ मिलाने के लिए बढ़ाया था। इसका जवाब उन्होंने नमस्ते से दिया था। यह लम्हा कैमरों में कैद हो गया था। इस तस्वीर की खूब चर्चा हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी के हैं बेहद भरोसेमंद दीपक मित्तल को बेहद कुशल वार्ताकार माना जाता है। वह पीएम मोदी के बेहद भरोसेमंद अफसरों में हैं। बीते साल अगस्त में जब इन 8 पूर्व नौसेना अधिकारियों की कतर में गिरफ्तारी हुई थी तब दीपक मित्तल दोहा में ही थे। इस गिरफ्तारी के बाद दीपक मित्तल ने कतर को छोड़ दिया था। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संवेदनशील मुद्दों को निपटाने में महारत है। पूर्व अधिकारियों को बचाने के लिए भारत के पास विकल्प भी सीमित हैं। इस समय सबसे अच्छा विकल्प कतर के साथ अपने शानदार रिश्तों को भुनाने का ही है। कतर में 6 से 7 लाख भारतीय काम करते हैं। वहां भारतीय कंपनियों ने बड़ा निवेश भी किया हुआ है। मित्तल इन संबंधों के सहारे भारत का पक्ष रख सकते हैं। http://dlvr.it/SyFQC2
0 notes
नई दिल्ली. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) ने अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाली 3 मैचों की वनडे सीरीज खेलने से मना कर दिया है. यह सीरीज (AUS vs AFG) मार्च में यूएई में खेली जानी थी. बता दे कि ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के बीच होने वाली वनडे सीरीज अब नहीं होगी. ऐसा ऑस्ट्रेलिया के इस सीरीज से हाथ पीछे खींच लेने के बाद हुआ है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि ऑस्ट्रेलिया ये कठोर कदम उठाया क्यों?
तो उसकी वजह है तालिबानी फरमान. वो आदेश जो अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने महिलाओं और लड़कियों को लेकर जारी किया है. ऐसे में ये भी कयास लगाए जा रहे है कि भारत में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप के क्वालिफाई करने पर कुछ असर पड़ सकता है.
मार्च 2023 में ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज खेली जानी थी. ये सीरीज UAE में आयोजित होनी थी. लेकिन, ऑस्ट्रेलियाई सरकार और अपने स्टेकहोल्डर से सलाह मशविरा करने के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने 3 मैचों की इस सीरीज में नहीं खेलने का फैसला किया है.
0 notes
अफगान में तालिबानी फरमान : विश्वविद्यालय में महिलाओं के दाखिले पर लगी रोक, अमेरिका ने की निंदा
अफगान में तालिबानी फरमान : विश्वविद्यालय में महिलाओं के दाखिले पर लगी रोक, अमेरिका ने की निंदा
काबुल/वाशिंगटन/नई दिल्ली : अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार का बेतुका फरमान लगातार जारी है. इस बार तालिबानी सरकार ने वहां के प्राइवेट और सरकारी विश्वविद्यालयों में महिलाओं के पढ़ने पर रोक लगा दी है. तालिबान सरकार के प्रवक्ता की ओर से मंगलवार को मीडिया को दी गई जानकारी में बताया गया है कि सरकार का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और यह रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी.
गुतारेस की अपील के बाद तालिबान…
View On WordPress
0 notes
मारे गए टीटीपी के शीर्ष कमांडर पाक के साथ शांति वार्ता के खिलाफ थे : रिपोर्ट
नई दिल्ली, 10 अगस्त (SuryyasKiran)। अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के चार शीर्ष कमांडरों के मारे जाने से आतंकी समूह को बड़ा झटका लगा है और चरमपंथियों और इस्लामाबाद सरकार के बीच संघर्ष विराम और चल रही शांति वार्ता पर संदेह पैदा हो गया है। यह बात एक रिपोर्ट में कही गई है।
आरएफई/आरएल की रिपोर्ट में पर्यवेक्षकों के हवाले से कहा गया है कि 7 अगस्त को हुई हत्याओं के मद्देनजर टीटीपी नेतृत्व ने अपनी कुछ शीर्ष तोपों के नुकसान से निपटने के बारे में खुलकर चर्चा की है।हालांकि किसी भी समूह ने कमांडरों को मारने वाले अलग-अलग घातक विस्फोटों की जिम्मेदारी नहीं ली है, विशेषज्ञों का सुझाव है कि वे इस्लामाबाद के साथ एक स्थायी संघर्ष की संभावना पर आंतरिक दरार का परिणाम हो सकते हैं। टीटीपी का पाकिस्तानी तालिबान के रूप में भी जाना जाता है।आतंकवादियों और इस्लामाबाद के बीच अनिश्चितकालीन संघर्ष विराम का भविष्य दांव पर लगा है, साथ ही ��ीटीपी के घातक उग्रवाद को खत्म करने के उद्देश्य से बातचीत भी दांव पर है।विशेषज्ञों का कहना है कि करीब दो महीने से जारी संघर्ष विराम को जारी रखने से टीटीपी के नेतृत्व में खटास पैदा हो सकती है।आरएफई/आरएल की रिपोर्ट के अनुसार, लेकिन संघर्ष विराम और शांति वार्ता को रद्द करने से हक्कानी नेटवर्क का दबाव बढ़ सकता है, जो एक शक्तिशाली अफगान तालिबान गुट है जो अफगानिस्तान में टीटीपी की मेजबानी करता है और माना जाता है कि पाकिस्तानी खुफिया सेवाओं से उसके करीबी संबंध हैं।--SuryyasKiranएसजीके
Read the full article
0 notes
अफ़ग़ानिस्तान के खनिज संसाधनों की कमी से जूझ रहे तालिबान के लिए उम्मीद की बहुत ज़रूरी किरण
अफ़ग़ानिस्तान के खनिज संसाधनों की कमी से जूझ रहे तालिबान के लिए उम्मीद की बहुत ज़रूरी किरण
द्वारा आईएएनएस
नई दिल्ली: नकदी की तंगी और अंतरराष्ट्रीय सहायता से कटी हुई तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए अफगानिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रही है।
जब से तालिबान ने काबुल में पश्चिमी समर्थित सरकार को गिराया और अगस्त 2021 में सत्ता पर कब्जा किया, तब से कोयले का निर्यात और सीमा शुल्क आतंकवादी समूह के लिए राजस्व का एक प्रमुख स्रोत बन गया है, आरएफई / आरएल ने…
View On WordPress
0 notes
संयुक्त राष्ट्र की बैठक में, भारत ने अफगानिस्तान में महिलाओं, लड़कियों के अधिकारों का हनन किया | विश्व समाचार
संयुक्त राष्ट्र की बैठक में, भारत ने अफगानिस्तान में महिलाओं, लड़कियों के अधिकारों का हनन किया | विश्व समाचार
नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को भारत में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के हनन पर गहरी चिंता व्यक्त की अफ़ग़ानिस्तान और काबुल में भी एक समावेशी सरकार के गठन का आह्वान दोहराया तालिबान सर्वोच्च नेता हेबतुल्लाह अखुंदज़ादा ने समूह से विश्व समुदाय की मांगों को नज़रअंदाज़ करने के लिए कहा।
अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा बुलाई गई…
View On WordPress
0 notes
भारत आने के लिए बेताब, काबुल गुरुद्वारे में 150 से अधिक सिख तालिबान के अधिग्रहण के बाद से गिन रहे हैं
भारत आने के लिए बेताब, काबुल गुरुद्वारे में 150 से अधिक सिख तालिबान के अधिग्रहण के बाद से गिन रहे हैं
नई दिल्ली, 20 जून
एक शीर्ष धार्मिक अधिकारी के अनुसार, तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से शनिवार को काबुल में एक गुरुद्वारे में रह रहे 150 से अधिक सिख भारत आने के लिए वीजा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
अफगानिस्तान की राजधानी से फोन पर पीटीआई से बात करने वाले गुरुद्वारा कर्ता-ए-परवान के अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने भी भारत सरकार से हिंदुओं और सिखों के लिए निकासी के प्रयास तेज करने का…
View On WordPress
0 notes
तालिबान ने नए मंत्रिमंडल का किया अनावरण, अमेरिका द्वारा नामित आतंकवादी भी शामिल
तालिबान ने नए मंत्रिमंडल का किया अनावरण, अमेरिका द्वारा नामित आतंकवादी भी शामिल
तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर उनके डिप्टी के रूप में काम करेंगे। (फाइल)
तालिबान ने अमेरिका के साथ 20 साल के युद्ध के बाद समूह की सत्ता में वापसी को औपचारिक रूप से चिह्नित करने के लिए एक नई सरकार में एक यूएस-नामित आतंकवादी संगठन के नेता को शामिल किया, क्योंकि पश्चिम इस बात से जूझ रहा है कि नए प्रशासन को मान्यता दी जाए या नहीं।
तालिबान के नेतृत्व परिषद के अल्पज्ञात प्रमुख मुल्ला…
View On WordPress
0 notes
तालिबान से हाथ मिलाने को बेकरार पाकिस्तान के कट्टरपंथी नेता, खोल रहे इमरान खान की पोल
तालिबान से हाथ मिलाने को बेकरार पाकिस्तान के कट्टरपंथी नेता, खोल रहे इमरान खान की पोल
इस्लामाबादतालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद एक परिवर्तित और प्रबुद्ध चेहरा होने के उसके दावों को दुनिया में मान्यता प्राप्त करने में अभी भी समय लग रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार की स्थापना को अभी तक दुनिया भर के किसी भी देश द्वारा मान्यता नहीं मिली है। क्योंकि तालिबान को अभी भी अपने वादों को पूरा करना है। जैसा कि दुनिया को अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली…
View On WordPress
0 notes
तालिबान ने ड्रग्स का मायाजाल फैलाना किया शुरू, भारत में आया 100 करोड़ रुपये का मादक पदार्थ
तालिबान ने ड्रग्स का मायाजाल फैलाना किया शुरू, भारत में आया 100 करोड़ रुपये का मादक पदार्थ
तालिबान ड्रग: प्रबंधन ने अपने नियंत्रण का प्रबंधन शुरू कर दिया है। भारत में खराब होने के कारण माल खराब हो गया है। गुजरात में पकड़े गए ड्रग का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है और दिल्ली एनसीआर में पिछले 2 मही���ों के दौरान दो फैक्ट्रियां पकड़ी गई। वसीयतनामा खुद के लिए खराब किस्म का माल, खराब माल जो खराब था वह खराब खाने वाला था। जांच की जांच जांच की जांच की गई। सूचना के आधार पर लागू होते हैं…
View On WordPress
0 notes
दिल्ली में अफगान दूतावास बंद होने से क्यों टेंशन में पाकिस्तान? भारत के तालिबानी दांव से दहशत
काबुल/इस्लामाबाद: नई दिल्ली स्थित अफगानिस्तान के दूतावास ने काम करना बंद कर दिया है। अफगान दूतावास ने एक बयान जारी करके कहा कि वह कर्मचारियों और संसाधनों की वजह से देश के लोगों की सेवा नहीं कर पाएगा। भारत अब इस अफगान दूतावास का नियंत्रण अपने हाथ में ले लेगा। अफगान दूतावास ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब तालिबान के अफगानिस्तान के ऊपर कब्जा करने के 2 साल पूरे हो गए हैं। भारत ने अभी तक तालिबान की सरकार को मान्यता नहीं दिया है। पर अब तक अशरफ गनी सरकार के समय तैनात रहे राजनयिकों का ही कब्जा था। भारत ने उन्हें काम करने की पूरी आजादी दी थी। अब भारत में अफगान दूतावास बंद हो गया है जिससे पाकिस्तान की टेंशन बढ़ गई है। आइए समझते हैं पूरा मामलाअफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद पाकिस्तान, चीन समेत कई देशों ने तालिबानी राजनयिकों को अफगान दूतावासों में तैनात किए जाने को मंजूरी दे दी। भारत ने इससे अब तक परहेज किया था। पिछले दिनों अफगान दूतावास में सत्ता को लेकर संघर्ष शुरू हो गया था। तालिबान के नियुक्त किए गए एक प्रभारी राजनयिक कादिर शाह ने वर्तमान राजदूत मामूंदजय को हटाने की कोशिश की थी। बाद में दूतावास ने एक बयान जारी करके कहा कि उसके नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं हुआ है। कादिर ने भारतीय विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर अपनी दावेदारी का दावा भी किया था।
अफगान दूतावास ने भारत पर लगाए आरोप
अब अफगान दूतावास ने अपने ताजा बयान में दावा किया कि उनके कर्मचारियों में आंतरिक मतभेद चल रहा था। यह भी कहा कि इस संकट का इस्तेमाल राजनयिक किसी तीसरे देश में शरण हासिल करने के लिए कर रहे हैं। अफगान दूतावास ने अपने बयान में भारत पर आरोप लगाया कि उसने समर्थन देना बंद कर दिया है। उसने दावा किया कि इसकी वजह से अफगान दूतावास के कर्मचारी काम नहीं कर पा रहे हैं। भारत ने अब तक अफगान दूतावास के आरोप पर जवाब नहीं दिया है। उधर, पाकिस्तान में अफगान दूतावास के बंद होने को भारत और तालिबान के बीच बढ़ती दोस्ती से जोड़कर देखा जा रहा है। पाकिस्तानी विश्लेषक कामरान युसूफ का कहना है कि अफगानिस्तान में तालिबान का राजा आया था, तब पाकिस्तान ने इसे अपनी भारत के खिलाफ बड़ी जीत माना था। उन्होंने कहा कि अब दो सालों में भारत ने तालिबान के साथ दोस्ती को मजबूत किया है, वहीं पाकिस्तान और तालिबान के बीच जंग जैसे हालात हैं। भारत की मदद तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब और तालिबान के विदेश उपमंत्री शेर मोहम्मद मदद कर रहे हैं। भारत ने अपने दूतावास में टेक्निकल मिशन को फिर से खोल दिया है। इसके लिए तालिबान ने खुद ही भारत को बुलाया। तालिबान को इस पर भी कोई दिक्कत नहीं है कि भारत अपने विकास वाले प्रॉजेक्ट को फिर से शुरू करे।
तालिबान और भारत की दोस्ती से पाकिस्तान परेशान
कामरान दावा करते हैं कि आने वाले दिनों में भारत इस दूतावास को तालिबान के राजनयिकों को सौंप देगा। उन्होंने कहा कि भारत और तालिबान के बीच रिश्ते अब निर्णायक मोड़ पर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ तालिबान और पाकिस्तान के बीच हालात बहुत ही खराब हैं। चित्राल में तो तालिबान के समर्थन वाले टीटीपी ने 300 की संख्या में पाकिस्तानी इलाके पर धावा बोला था। उन्होंने कहा कि तालिबान की वजह से पाकिस्तान दुनिया में बदनाम हुआ और अब वे भारत के साथ खामोशी से दोस्ती बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी रक्षा अधिकारियों का मानना है कि तालिबानी भारत के साथ दोस्ती करके गेम खेल रहे हैं ताकि पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया जाय। मुल्ला याकूब भारत के साथ दोस्ती को मजबूत करना चाहता है। इसी वजह से ये घटनाक्रम हो रहा है। http://dlvr.it/Swszxl
0 notes
अफगानिस्तान: हक्कानी ने बताया क्यों टल रहा है तालिबान सरकार का गठन? ISI चीफ काबुल पहुंचे
अफगानिस्तान: हक्कानी ने बताया क्यों टल रहा है तालिबान सरकार का गठन? ISI चीफ काबुल पहुंचे
Image Source : TWITTER
Zabihullah Mujahid, taliban spokesperso
काबुल/पेशावर: तालिबान ने अफगानिस्तान में नयी सरकार के गठन को अगले सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। उधर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख जनरल फैज हमीद औचक यात्रा पर शनिवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंच चुके हैं। आखिर तालिबान में नयी सरकार के गठन को लेकर इतनी देर क्यों लग रही है इसको लेकर तालिबान द्वारा गठित एक समिति…
View On WordPress
0 notes
काबुल में आज बन सकती है नई सरकार। तालिबान इसकी घोषणा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। तालिबानी नेताओं ने कहा कि जुमे की नमाज़ के बाद सरकार गठन की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
1 note
·
View note
पहला औपचारिक संपर्क: तालिबान के अनुरोध पर कतर में हुई भारतीय राजदूत और संगठन के राजनीतिक प्रमुख की बैठक-
कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल और तालिबान नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टानेकजई की पहली बार हुई मुलाकात। - फोटो : Social Media
कतर में भारत और तालिबान के बीच पहला औपचारिक संपर्क हुआ है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने पहली बार तालिबान के नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टानेकजई से मुलाकात की। बताया गया है कि इस मुला���ात का अनुरोध तालिबान की ओर से ही किया गया था। स्टानेकजई इस वक्त कतर में स्थित तालिबान को राजनीतिक दफ्तर के प्रमुख हैं।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि तालिबान नेता और भारतीय राजदूत के बीच अफगानिस्तान में मौजूदा समय में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनके जल्द से जल्द भारत लौटने पर चर्चा हुई। ऐसे अफगान नागरिक, खासकर अल्पसंख्यक जो कि भारत जाना चाहते हों, उन्हें लेकर भी भारत ने बात की।
इसके अलावा भारत के राजदूत ने अफगानिस्तान की जमीं को भारत के खिलाफ या आतंकवाद के लिए इस्तेमाल किए जाने पर भी चिंता जाहिर की। हालांकि, तालिबान प्रतिनिधि ने उन्हें सभी मुद्दों पर आश्वासन दिया और कहा कि इन्हें सकारात्मक ढंग से सुलझाया जाएगा।
भारत से बातचीत में अहम चेहरा रहे हैं स्टानेकजई-
गौरतलब है कि मोहम्मद अब्बास स्टानेकजई का नाम तालिबान के वरिष्ठ नेताओं में गिना जाता है। उसके भारत से भी संबंध रहे हैं। बताया जाता है कि शेर मोहम्मद अब्बास स्टानेकजई देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के 1982 बैच में रह चुका है। यहां सहपाठी उन्हें 'शेरू' कह कर बुलाते थे। जब वह आईएमए में भगत बटालियन की केरेन कंपनी में शामिल हुआ था तब उसकी उम्र 20 साल के करीब थी। उसके साथ 44 अन्य विदेशी कैडेट भी इस बटालियन का हिस्सा थे।
भारत-तालिबान की बातचीत में कतर की अहम भूमिका-
बता दें कि अफगानिस्तान में स्थिति को लेकर भारत और कतर लगातार संपर्क में रहे हैं। संघर्ष समाधान के लिए कतर के विशेष राजदूत मुतलक बिन माजिद अल-कहतानी इसी महीने की शुरुआत में नई दिल्ली आए थे। उन्होंने भारत को अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा के लिए कतर बुलाया था। बता दें कि तालिबान का इकलौता राजनीतिक दफ्तर 2013 से कतर में ही है। कतर के दोहा में ही तालिबान, अफगान सरकार और अमेरिका के बीच अफगानिस्तान में सत्ता समझौते को लेकर बातचीत हुई थी।
1 note
·
View note
फिर से खोलेंगे दूतावास, देंगे सुरक्षा: तालिबान ने भारत को बताया | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
फिर से खोलेंगे दूतावास, देंगे सुरक्षा: तालिबान ने भारत को बताया | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
काबुल (एपी) में एक तालिबानी लड़ाका सड़क पर चलता है
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मान्यता को ध्यान में रखते हुए, और सरकार द्वारा अमेरिका की वापसी के बाद अफगानिस्तान के साथ सही तार पर प्रहार करने के प्रयासों के बाद – कम से कम देश को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं की आपूर्ति के साथ, तालिबान भारत तक पहुंचना जारी रखता है। राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए। तालिबान के नामित संयुक्त राष्ट्र के राजदूत सुहैल शाहीन…
View On WordPress
0 notes
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख नेताओं की मेजबानी की, कहा देश 1947 में पैदा नहीं हुआ था | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख नेताओं की मेजबानी की, कहा देश 1947 में पैदा नहीं हुआ था | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: पंजाब में चुनाव से ठीक दो दिन पहले एक आउटरीच में, पीएम मोदी ने शुक्रवार को प्रमुखों के एक समूह की मेजबानी की सिख समुदाय के नेताओं ने और समुदाय के लिए भाजपा सरकार द्वारा किए गए कार्यों का हवाला दिया, जिसमें तालिबान के सत्ता में आने के बाद करतारपुर कॉरिडोर को खोलना और अफगानिस्तान से “गुरु ग्रंथ साहिब” को सुरक्षित लाना शामिल है। पीएम के आवास पर बैठक पंजाब में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन के…
View On WordPress
0 notes