14 दिन के भीतर लग सकता है लॉकडाउन? दो हफ्ते बाद भारत में चरम पर होगा कोरोना, सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को
14 दिन के भीतर लग सकता है लॉकडाउन? नई दिल्ली: Lockdown may Be Imposed in 14 days? कोरोना संक्रमण का दौर एक बार फिर भारत में लौट रहा है। देश के अलग-अलग राज्यों से रोजाना हजारों नए मरीजों की पुष्टि हो रही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा खस्ता हालत दिल्ली और महाराष्ट्र की है, जहां रोजाना नए संक्रमितों के आंकड़ों का नया रिकॉर्ड बन रहा है। इस बीच लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक…
चीन के शंघाई में कोरोना से हाहाकार, सेना ने संभाली कमान, दूसरे शहरों से भेजे गए 15 हजार स्वास्थ्यकर्मी
चीन के शंघाई में कोरोना से हाहाकार, सेना ने संभाली कमान, दूसरे शहरों से भेजे गए 15 हजार स्वास्थ्यकर्मी
बीजिंग. शंघाई में कोरोना वायरस संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए संघर्ष कर रहे चीन ने देशभर से 10,000 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को अपने सबसे बड़े शहर रवाना किया. इनमें 2,000 से अधिक सैन्य चिकित्साकर्मी भी शामिल हैं. शंघाई में दो चरण वाले लॉकडाउन के सोमवार को दूसरे सप्ताह में प्रवेश करने के बीच शहर के ढाई करोड़ बाशिंदों की सामूहिक कोविड-19 जांच जारी है.
कर्मचारियों को पृथक रखकर भले ही कई कारखाने और…
💎समाज कल्याण हेतु संत रामपाल जी महाराज जी की अद्भुत एवं अलौकिक परमार्थी कार्य💎
समाज में जब जब भी त्रासदी अथवा आपदा आई है संत रामपाल जी महाराज जी व उनके शिष्य हमेशा आगे रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का यही ज्ञान है कि परोपकार तथा परमार्थ के कार्य में हमेशा आगे रहना चाहिए और यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य हमेशा आगे रहते हैं।
जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुण देत।
बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत ।।
कोरोना कल में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी की आदेश अनुसार संत रामपाल जी महाराज जी की शिष्य कोरोना काल में विशेष योगदान दिए थे। कुरूना महामारी में लॉकडाउन के कारण जहां कहीं भी खाने की व्यवस्था नहीं थी वहां खाने की व्यवस्था किए थे। जगह-जगह लोगों को ताज सामग्री पहुंचाई गई थी।
बाढ़ त्रासदी में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कोरोना कल में साथ देने के साथ-साथ बाढ़ टेस्ट में भी लोगों की विशेष मदद की है। हाल ही में जहां कहीं भी बाढ़ आई थी वहां पर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी के शिक्षा का ही परिणाम है संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आगे रहते हैं।
दहेजमुक्त समाज का निर्माण
एक तरफ समाज में जहां बेटियों को बोझ समझा जाता है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी बेटियों के लिए दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं और यही कारण है कि आज लाखों बेटियां दहेज मुक्त विवाह करके अपना सुखी जीवन जी रही है। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य न दहेज लेते हैं और ना देते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के पद चिन्हों पर चलकर दहेज मुक्त विवाह करते हैं।
नशा मुक्त समाज का निर्माण
संत रामपाल जी महाराज जी समाज के परोपकारी कार्य में नशा मुक्त का कार्य भी सम्मिलित है। जहां युवा पीढ़ी नसीब मिलत है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य नशा नहीं करते हैं और यहां तक कि ना ही नशा की सामग्री को हाथ लगाते हैं। इससे समाज एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा जिसमें किसी भी प्रकार का नशा चोरी जारी रिश्वतखोरी इत्यादि से मुक्त होगा।
देहदान एवं रक्तदान में योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सदैव परोपकार के कार्य में आगे रहते हैं और यही कारण है कि वह संत रामपाल जी महाराज जी के प्रत्येक आदेशों का पालन करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य रक्तदान एवं देहदान में विशेष योगदान दिए हैं।
संत रामपाल जी महाराज व उनके शिष्य हमेशा से ही परमार्थ के कार्यों में आगे रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी का यही उद्देश्य है समाज में अनैतिक कार्यों को समाप्त करके नैतिकता को बढ़ावा देना है।
#समाज_सुधारक_संत_रामपालजी
#SantRampalJi_AvataranDiwas
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समाज में जब जब भी त्रासदी अथवा आपदा आई है संत रामपाल जी महाराज जी व उनके शिष्य हमेशा आगे रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का यही ज्ञान है कि परोपकार तथा परमार्थ के कार्य में हमेशा आगे रहना चाहिए और यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य हमेशा आगे रहते हैं।
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बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत ।।
कोरोना कल में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी की आदेश अनुसार संत रामपाल जी महाराज जी की शिष्य कोरोना काल में विशेष योगदान दिए थे। कुरूना महामारी में लॉकडाउन के कारण जहां कहीं भी खाने की व्यवस्था नहीं थी वहां खाने की व्यवस्था किए थे। जगह-जगह लोगों को ताज सामग्री पहुंचाई गई थी।
बाढ़ त्रासदी में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कोरोना कल में साथ देने के साथ-साथ बाढ़ टेस्ट में भी लोगों की विशेष मदद की है। हाल ही में जहां कहीं भी बाढ़ आई थी वहां पर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी के शिक्षा का ही परिणाम है संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आगे रहते हैं।
दहेजमुक्त समाज का निर्माण
एक तरफ समाज में जहां बेटियों को बोझ समझा जाता है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी बेटियों के लिए दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं और यही कारण है कि आज लाखों बेटियां दहेज मुक्त विवाह करके अपना सुखी जीवन जी रही है। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य न दहेज लेते हैं और ना देते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के पद चिन्हों पर चलकर दहेज मुक्त विवाह करते हैं।
नशा मुक्त समाज का निर्माण
संत रामपाल जी महाराज जी समाज के परोपकारी कार्य में नशा मुक्त का कार्य भी सम्मिलित है। जहां युवा पीढ़ी नसीब मिलत है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य नशा नहीं करते हैं और यहां तक कि ना ही नशा की सामग्री को हाथ लगाते हैं। इससे समाज एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा जिसमें किसी भी प्रकार का नशा चोरी जारी रिश्वतखोरी इत्यादि से मुक्त होगा।
देहदान एवं रक्तदान में योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सदैव परोपकार के कार्य में आगे रहते हैं और यही कारण है कि वह संत रामपाल जी महाराज जी के प्रत्येक आदेशों का पालन करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य रक्तदान एवं देहदान में विशेष योगदान दिए हैं।
संत रामपाल जी महाराज व उनके शिष्य हमेशा से ही परमार्थ के कार्यों में आगे रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी का यही उद्देश्य है समाज में अनैतिक कार्यों को समाप्त करके नैतिकता को बढ़ावा देना है।
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हर तरह से हारे जुए राजेश जी पास रिक्शा चलाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प बचा ही नहीं था। जो कि उन्हें पिता द्वारा विरासत में मिला था। लेकिन कोरोना काल के लॉकडाउन ने जहाँ उनसे जीने का ये ज़रिया भी चीन लिया था वहीँ एक नया काम शुरू करने के बारे में सोचने को मजबूर भी कर दिया था। Read More
Jharkhand government 4 years : झारखंड के हेमंत सोरेन सरकार के पूरे हुए चार साल, मुख्यमंत्री मीडिया से हुए मुखातिब, कहा - झारखंड राज्य हर चुनौतियों से निपटने को तैयार
रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार का ठीक तरह से गठन भी नहीं हुआ था और देश-दुनिया में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी. वैश्विक महामारी के चलते देश में लंबे समय तक लॉकडाउन लगा रहा. झारखंड देश के पिछड़े राज्यों में गिना जाता है वैसी स्थिति में कोरोना जैसी आपदा राज्य के लिए अभिशाप जैसी थी. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार ने वैश्विक…
ये कोरोना में भी झूठ बोले थे... अमेरिकी सीनटरों की बाइडेन से चीन पर तुरंत यात्रा प्रतिबंध लगाने की मांग
वाशिंगटन: चीन में फैल रही रहस्यमयी बीमारी को लेकर अमेरिका के पांच सीनटरों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को पत्र लिखा है। मार्को रुबियो के नेतृत्व में पांच रिपब्लिकन सीनेटरों ने शुक्रवार को लिखे अपने पत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से कहा है कि चीन पर ट्रेवल बैन लागू कर दिया जाए। सीनटरों का कहना है कि चीन में सांस से जुड़ी एक बीमारी लगातार बढ़ रही है। इसके दूसरे देशों में भी फैलने का खतरा है। ऐसे में बाइडेन प्रशासन पर इस ध्यान देते हुए अमेरिका और चीन के बीच यात्रा पर रोक लगा दे। चिट्ठी में कहा गया है कि देर करने पर कोरोना महामारी की तरह ये रहस्यमयी निमोनिया हमारे देश में भी फैल सकता है।चिट्ठी में कहा गया है कि चीन में फैल रही इस बीमारी के बारे में अभी दुनिया कुछ नहीं समझ पा रही है। ये बीमारी आने वाले समय में किसी बड़ी परेशानी की वजह भी बन सकती है क्यों हम इस नई बीमारी से उत्पन्न खतरों के बारे में अधिक नहीं जानते। जब तक बीमारी की ठीक से जानकारी नहीं हो जाती, तब तक हमें अमेरिका और चीन के बीच यात्रा को प्रतिबंधित कर देना चाहिए। ताकि हम भविष्य में हम देश में किसी महामारी के फैलने और लॉकडाउन लगाने जैसे अंदेशों से बच सकें।
बाइडेन से कहा- चीन पर विश्वास ना करें
इस चिट्ठी में रिपब्लिक सीनटरों ने बाइडेन से कहा है कि आप जानते हैं चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का स्वास्थ्य संकटों के बारे में झूठ बोलने का एक लंबा इतिहास रहा है। कोविड19 महामारी के दौरान चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस बीमारी की सच्चाई भयावहता को छुपाया और चीजों में पारदर्शिता की कमी रखी। इससे अमेरिका को कोरोना बीमारी के बारे में सही जानकारी नहीं मिल सकी और इसका क्या नतीजा हुआ ये हमने देखा। ऐसे में ��मारी मांग है कि चीन फिलहाल सभी तरह की यात्रा रोक दी जाए और बीमारी के बारे में चीजें साफ होने का इंतजार किया जाए।चीन में बीते कुछ हफ्ते से एक नई बीमारी बच्चों में फैल रही है। निमोनिया जैसी इस बीमारी में बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है। इस बीमारी के एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने की बात कही जा रही है। चीन के उत्तरी इलाके में फैली ये बीमारी चिंता का सबब बन रही है। दावा किया जा रहा है कि चीन के उत्तरी इलाके के अस्पतालों में बड़ी संख्या में बच्चे इस बीमारी की चपेट में हैं और अस्पतालों में जगह नहीं बची है। चीन की ओर से इसे एक आम फ्लू कहा गया है लेकिन इस पर चिंता दुनियाभर के देशों में हैं क्योंकि चार साल पहले चीन से शुरू हुए कोविड संक्रमण के मामले पूरी दुनिया में फैल ��ए थे और इसने एक महामारी का रूप ले लिया था। लाखों लोग इस बीमारी की चपेट में आकर मरे थे। ऐसे में कोविड की तरह इस बीमारी के फैल जाने से दुनिया में एक डर है। http://dlvr.it/SzbgBv
*✰जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के 73वें अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित महासमागम में आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं✰*
आयोजन स्थल का पता है -
सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान),
सतलोक आश्रम खमानो (पंजाब),
सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब),
सतलोक आश्रम धनाना (हरियाणा),
सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा),
सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा),
सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश),
सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश),
सतलोक आश्रम धनुषा (नेपाल देश)
😍😍😍🥰🥰🇮🇳🧡🤍💚☪️✝️🕉️❣️♥️❣️
🕊️संत रामपालजी महाराज के द्वारा किए गए कल्याणकारी कार्य व समाज सुधार में योगदान🕊️
संत रामपाल जी महाराज ने मानव के सभी पक्षों का विवेचन किया है तथा अपने अनुयायियों को सही व् परोपकारी जीवन जीने के आदर्शों को सिखाया।
संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाणित सत्य भक्ति साधना देने के साथ साथ समाजहित के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। वे चाहते हैं कि समाज में कोई भी प्राणी किसी भी कारण से दुःखी जीवन नहीं जिए। प्रत्येक जीव की समस्याओं का समाधान हो। मनुष्यों पर कोई भी आपदा न आए और धरती स्वर्ग समान बन जाए।
संत रामपाल जी महाराज जी का एक ही सपना है दहेज़, पाखंड, मृत्युभोज, भ्रूण हत्या, जाति-पाति के भेदभाव और छुआछूत जैसी कुरीतियों, नशे जैसी बुराइयों से मुक्त विश्व बनाना और रिश्वत खोरी भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना ।
”जीव उद्धार परम पुण्य, ऐसा कर्म नहीं और।
मरूस्थल के मृग ज्यों, सब मर गये दौर-दौर।।"
सतगुरु रामपाल जी महाराज बताते हैं कि मनमानी परंपराऐं, मान-बड़ाई, लोक दिखावा भक्ति मार्ग में बाधक हैं। सामाजिक अव्यवस्थाएं जैसे – वधुओं को दहेज की बली पर चढ़ा देने वाली दहेज-प्रथा, जादू, टोना, मन्त्र-तंत्र, मनोकामना पूर्ति के लिए बलि जैसे अंधविश्वास, मृत्यु भोज, नशा और उनसे निर्मित उत्पाद, मदिरा शराब या फिर नशीली दवाइयों का सेवन, भ्रष्टाचार आदि ये सभी समाज की बर्बादी का कारण बन रहे हैं। इनके साथ समाज को बांटने वाले जातिवाद, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, प्रांतवाद आदि कुरीतियों को जड़ से समाप्त करना आवश्यक है।
संत रामपाल जी की प्रेरणा से उनके भक्त इन सभी कुरीतियों से पूरी तरह से रहित हैं और इन्हें समूल समाप्त करने के लिए तत्पर हैं। जाति, धर्म, लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव का केवल सन्त रामपाल जी ही सफल रूप से उन्मूलन कर सके हैं। संत रामपाल जी महाराज से दीक्षित उनके किसी भी अनुयायी में इस प्रकार का कोई भेदभाव नहीं पाया जाता है।
विश्व के सबसे बड़े समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान का ही यह असर है कि उनके शिष्य ना तो दहेज़ लेते हैं ना देते हैं, वे ना तो नशा करते हैं ना किसी को नशीली वस्तु लाकर देतें हैं। वे लूट खसौट, चोरी, रिश्वत खोरी, भ्रष्टाचार आदि से भी दूर रहते हैं। इसके अलावा वे संत रामपालजी महाराज द्वारा बताये हर परमार्थ के कार्य में आगे रहते हैं।
संत रामपालजी महाराज द्वारा बताए तत्वज्ञान ज्ञान से प्रेरित होकर उनके अनुयायियों के द्वारा वक्त वक्त पर कई रक्तदान व् देहदान शिविर भी आयोजित किये जाते हैं।
वे सदैव दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते है चाहे वह कोरोना महामारी हो या कोई प्राकृतिक आपदा।
कोरोना के चलते लॉकडाउन में जब देश का निम्न वर्ग भुखमरी से जूझ रहा था, लोगों के पास आय के साधन नहीं रह गये थे तब संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों ने घर-घर जाकर लोगों को निःशुल्क भोजन सामग्री प्रदान कर परमार्थ का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।
इसके अलावा हाल ही में आयी बाढ़ के चलते संत रामपाल जी महाराज के अनुयायिओं ने बाढ़ पीड़ितों के लिए हर संभव सहायता मुहैया की। उन्हें खाने के पैकेट, ज़रूरी दवाइयाँ, दूध बिस्किट, पिने का पानी आदि निशुल्क पहुँचाया, ऐसी तकलीफो के समय संत रामपालजी महाराज के अनुयायी समाज के सभी वर्गों के लिए सेवा करने को सदैव तत्पर रहतें है।
वास्तव में संत रामपालजी महाराज ही हैं जो समाज सुधार और मानव कल्याण के कार्यों में तत्पर हैं तथा वे समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। उनसे नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण करवाएं।
#समाज_सुधारक_संत_रामपालजी
#SantRampalJi_AvataranDiwas
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🕊️संत रामपालजी महाराज के द्वारा किए गए कल्याणकारी कार्य व समाज सुधार में योगदान🕊️
संत रामपाल जी महाराज ने मानव के सभी पक्��ों का विवेचन किया है तथा अपने अनुयायियों को सही व् परोपकारी जीवन जीने के आदर्शों को सिखाया।
संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाणित सत्य भक्ति साधना देने के साथ साथ समाजहित के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। वे चाहते हैं कि समाज में कोई भी प्राणी किसी भी कारण से दुःखी जीवन नहीं जिए। प्रत्येक जीव की समस्याओं का समाधान हो। मनुष्यों पर कोई भी आपदा न आए और धरती स्वर्ग समान बन जाए।
संत रामपाल जी महाराज जी का एक ही सपना है दहेज़, पाखंड, मृत्युभोज, भ्रूण हत्या, जाति-पाति के भेदभाव और छुआछूत जैसी कुरीतियों, नशे जैसी बुराइयों से मुक्त विश्व बनाना और रिश्वत खोरी भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना ।
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सतगुरु रामपाल जी महाराज बताते हैं कि मनमानी परंपराऐं, मान-बड़ाई, लोक दिखावा भक्ति मार्ग में बाधक हैं। सामाजिक अव्यवस्थाएं जैसे – वधुओं को दहेज की बली पर चढ़ा देने वाली दहेज-प्रथा, जादू, टोना, मन्त्र-तंत्र, मनोकामना पूर्ति के लिए बलि जैसे अंधविश्वास, मृत्यु भोज, नशा और उनसे निर्मित उत्पाद, मदिरा शराब या फिर नशीली दवाइयों का सेवन, भ्रष्टाचार आदि ये सभी समाज की बर्बादी का कारण बन रहे हैं। इनके साथ समाज को बांटने वाले जातिवाद, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, प्रांतवाद आदि कुरीतियों को जड़ से समाप्त करना आवश्यक है।
संत रामपाल जी की प्रेरणा से उनके भक्त इन सभी कुरीतियों से पूरी तरह से रहित हैं और इन्हें समूल समाप्त करने के लिए तत्पर हैं। जाति, धर्म, लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव का केवल सन्त रामपाल जी ही सफल रूप से उन्मूलन कर सके हैं। संत रामपाल जी महाराज से दीक्षित उनके किसी भी अनुयायी में इस प्रकार का कोई भेदभाव नहीं पाया जाता है।
विश्व के सबसे बड़े समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान का ही यह असर है कि उनके शिष्य ना तो दहेज़ लेते हैं ना देते हैं, वे ना तो नशा करते हैं ना किसी को नशीली वस्तु लाकर देतें हैं। वे लूट खसौट, चोरी, रिश्वत खोरी, भ्रष्टाचार आदि से भी दूर रहते हैं। इसके अलावा वे संत रामपालजी महाराज द्वारा बताये हर परमार्थ के कार्य में आगे रहते हैं।
संत रामपालजी महाराज द्वारा बताए तत्वज्ञान ज्ञान से प्रेरित होकर उनके अनुयायियों के द्वारा वक्त वक्त पर कई रक्तदान व् देहदान शिविर भी आयोजित किये जाते हैं।
वे सदैव दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते है चाहे वह कोरोना महामारी हो या कोई प्राकृतिक आपदा।
कोरोना के चलते लॉकडाउन में जब देश का निम्न वर्ग भुखमरी से जूझ रहा था, लोगों के पास आय के साधन नहीं रह गये थे तब संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों ने घर-घर जाकर लोगों को निःशुल्क भोजन सामग्री प्रदान कर परमार्थ का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।
इसके अलावा हाल ही में आयी बाढ़ के चलते संत रामपाल जी महाराज के अनुयायिओं ने बाढ़ पीड़ितों के लिए हर संभव सहायता मुहैया की। उन्हें खाने के पैकेट, ज़रूरी दवाइयाँ, दूध बिस्किट, पिने का पानी आदि निशुल्क पहुँचाया, ऐसी तकलीफो के समय संत रामपालजी महाराज के अनुयायी समाज के सभी वर्गों के लिए सेवा करने को सदैव तत्पर रहतें है।
वास्तव में संत रामपालजी महाराज ही हैं जो समाज सुधार और मानव कल्याण के कार्यों में तत्पर हैं तथा वे समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। उनसे नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण करवाएं।
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समाज में जब जब भी त्रासदी अथवा आपदा आई है संत रामपाल जी महाराज जी व उनके शिष्य हमेशा आगे रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का यही ज्ञान है कि परोपकार तथा परमार्थ के कार्य में हमेशा आगे रहना चाहिए और यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य हमेशा आगे रहते हैं।
जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुण देत।
बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत ।।
कोरोना कल में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी की आदेश अनुसार संत रामपाल जी महाराज जी की शिष्य कोरोना काल में विशेष योगदान दिए थे। कुरूना महामारी में लॉकडाउन के कारण जहां कहीं भी खाने की व्यवस्था नहीं थी वहां खाने की व्यवस्था किए थे। जगह-जगह लोगों को ताज सामग्री पहुंचाई गई थी।
बाढ़ त्रासदी में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कोरोना कल में साथ देने के साथ-साथ बाढ़ टेस्ट में भी लोगों की विशेष मदद की है। हाल ही में जहां कहीं भी बाढ़ आई थी वहां पर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी के शिक्षा का ही परिणाम है संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आगे रहते हैं।
दहेजमुक्त समाज का निर्माण
एक तरफ समाज में जहां बेटियों को बोझ समझा जाता है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी बेटियों के लिए दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं और यही कारण है कि आज लाखों बेटियां दहेज मुक्त विवाह करके अपना सुखी जीवन जी रही है। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य न दहेज लेते हैं और ना देते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के पद चिन्हों पर चलकर दहेज मुक्त विवाह करते हैं।
नशा मुक्त समाज का निर्माण
संत रामपाल जी महाराज जी समाज के परोपकारी कार्य में नशा मुक्त का कार्य भी सम्मिलित है। जहां युवा पीढ़ी नसीब मिलत है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य नशा नहीं करते हैं और यहां तक कि ना ही नशा की सामग्री को हाथ लगाते हैं। इससे समाज एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा जिसमें किसी भी प्रकार का नशा चोरी जारी रिश्वतखोरी इत्यादि से मुक्त होगा।
देहदान एवं रक्तदान में योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य ��दैव परोपकार के कार्य में आगे रहते हैं और यही कारण है कि वह संत रामपाल जी महाराज जी के प्रत्येक आदेशों का पालन करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य रक्तदान एवं देहदान में विशेष योगदान दिए हैं।
संत रामपाल जी महाराज व उनके शिष्य हमेशा से ही परमार्थ के कार्यों में आगे रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी का यही उद्देश्य है समाज में अनैतिक कार्यों को समाप्त करक
🕊️संत रामपालजी महाराज के द्वारा किए गए कल्याणकारी कार्य व समाज सुधार में योगदान🕊️
संत रामपाल जी महाराज ने मानव के सभी पक्षों का विवेचन किया है तथा अपने अनुयायियों को सही व् परोपकारी जीवन जीने के आदर्शों को सिखाया।
संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाणित सत्य भक्ति साधना देने के साथ साथ समाजहित के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। वे चाहते हैं कि समाज में कोई भी प्राणी किसी भी कारण से दुःखी जीवन नहीं जिए। प्रत्येक जीव की समस्याओं का समाधान हो। मनुष्यों पर कोई भी आपदा न आए और धरती स्वर्ग समान बन जाए।
संत रामपाल जी महाराज जी का एक ही सपना है दहेज़, पाखंड, मृत्युभोज, भ्रूण हत्या, जाति-पाति के भेदभाव और छुआछूत जैसी कुरीतियों, नशे जैसी बुराइयों से मुक्त विश्व बनाना और रिश्वत खोरी भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना ।
”जीव उद्धार परम पुण्य, ऐसा कर्म नहीं और।
मरूस्थल के मृग ज्यों, सब मर गये दौर-दौर।।"
सतगुरु रामपाल जी महाराज बताते हैं कि मनमानी परंपराऐं, मान-बड़ाई, लोक दिखावा भक्ति मार्ग में बाधक हैं। सामाजिक अव्यवस्थाएं जैसे – वधुओं को दहेज की बली पर चढ़ा देने वाली दहेज-प्रथा, जादू, टोना, मन्त्र-तंत्र, मनोकामना पूर्ति के लिए बलि जैसे अंधविश्वास, मृत्यु भोज, नशा और उनसे निर्मित उत्पाद, मदिरा शराब या फिर नशीली दवाइयों का सेवन, भ्रष्टाचार आदि ये सभी समाज की बर्बादी का कारण बन रहे हैं। इनके साथ समाज को बांटने वाले जातिवाद, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, प्रांतवाद आदि कुरीतियों को जड़ से समाप्त करना आवश्यक है।
संत रामपाल जी की प्रेरणा से उनके भक्त इन सभी कुरीतियों से पूरी तरह से रहित हैं और इन्हें समूल समाप्त करने के लिए तत्पर हैं। जाति, धर्म, लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव का केवल सन्त रामपाल जी ही सफल रूप से उन्मूलन कर सके हैं। संत रामपाल जी महाराज से दीक्षित उनके किसी भी अनुयायी में इस प्रकार का कोई भेदभाव नहीं पाया जाता है।
विश्व के सबसे बड़े समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान का ही यह असर है कि उनके शिष्य ना तो दहेज़ लेते हैं ना देते हैं, वे ना तो नशा करते हैं ना किसी को नशीली वस्तु लाकर देतें हैं। वे लूट खसौट, चोरी, रिश्वत खोरी, भ्रष्टाचार आदि से भी दूर रहते हैं। इसके अलावा वे संत रामपालजी महाराज द्वारा बताये हर परमार्थ के कार्य में आगे रहते हैं।
संत रामपालजी महाराज द्वारा बताए तत्वज्ञान ज्ञान से प्रेरित होकर उनके अनुयायियों के द्वारा वक्त वक्त पर कई रक्तदान व् देहदान शिविर भी आयोजित किये जाते हैं।
वे सदैव दूसरों की मदद क�� लिए तत्पर रहते है चाहे वह कोरोना महामारी हो या कोई प्राकृतिक आपदा।
कोरोना के चलते लॉकडाउन में जब देश का निम्न वर्ग भुखमरी से जूझ रहा था, लोगों के पास आय के साधन नहीं रह गये थे तब संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों ने घर-घर जाकर लोगों को निःशुल्क भोजन सामग्री प्रदान कर परमार्थ का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।
इसके अलावा हाल ही में आयी बाढ़ के चलते संत रामपाल जी महाराज के अनुयायिओं ने बाढ़ पीड़ितों के लिए हर संभव सहायता मुहैया की। उन्हें खाने के पैकेट, ज़रूरी दवाइयाँ, दूध बिस्किट, पिने का पानी आदि निशुल्क पहुँचाया, ऐसी तकलीफो के समय संत रामपालजी महाराज के अनुयायी समाज के सभी वर्गों के लिए सेवा करने को सदैव तत्पर रहतें है।
वास्तव में संत रामपालजी महाराज ही हैं जो समाज सुधार और मानव कल्याण के कार्यों में तत्पर हैं तथा वे समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। उनसे नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण करवाएं।
#समाज_सुधारक_संत_रामपालजी
#SantRampalJi_AvataranDiwas
#SantRampalJiMaharaj
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संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
🕊️संत रामपालजी महाराज के द्वारा किए गए कल्याणकारी कार्य व समाज सुधार में योगदान🕊️
संत रामपाल जी महाराज ने मानव के सभी पक्षों का विवेचन किया है तथा अपने अनुयायियों को सही व् परोपकारी जीवन जीने के आदर्शों को सिखाया।
संत रामपाल जी महाराज ने प्रमाणित सत्य भक्ति साधना देने के साथ साथ समाजहित के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। वे चाहते हैं कि समाज में कोई भी प्राणी किसी भी कारण से दुःखी जीवन नहीं जिए। प्रत्येक जीव की समस्याओं का समाधान हो। मनुष्यों पर कोई भी आपदा न आए और धरती स्वर्ग समान बन जाए।
संत रामपाल जी महाराज जी का एक ही सपना है दहेज़, पाखंड, मृत्युभोज, भ्रूण हत्या, जाति-पाति के भेदभाव और छुआछूत जैसी कुरीतियों, नशे जैसी बुराइयों से मुक्त विश्व बनाना और रिश्वत खोरी भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना ।
”जीव उद्धार परम पुण्य, ऐसा कर्म नहीं और।
मरूस्थल के मृग ज्यों, सब मर गये दौर-दौर।।"
सतगुरु रामपाल जी महाराज बताते हैं कि मनमानी परंपराऐं, मान-बड़ाई, लोक दिखावा भक्ति मार्ग में बाधक हैं। सामाजिक अव्यवस्थाएं जैसे – वधुओं को दहेज की बली पर चढ़ा देने वाली दहेज-प्रथा, जादू, टोना, मन्त्र-तंत्र, मनोकामना पूर्ति के लिए बलि जैसे अंधविश्वास, मृत्यु भोज, नशा और उनसे निर्मित उत्पाद, मदिरा शराब या फिर नशीली दवाइयों का सेवन, भ्रष्टाचार आदि ये सभी समाज की बर्बादी का कारण बन रहे हैं। इनके साथ समाज को बांटने वाले जातिवाद, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, प्रांतवाद आदि कुरीतियों को जड़ से समाप्त करना आवश्यक है।
संत रामपाल जी की प्रेरणा से उनके भक्त इन सभी कुरीतियों से पूरी तरह से रहित हैं और इन्हें समूल समाप्त करने के लिए तत्पर हैं। जाति, धर्म, लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव का केवल सन्त रामपाल जी ही सफल रूप से उन्मूलन कर सके हैं। संत रामपाल जी महाराज से दीक्षित उनके किसी भी अनुयायी में इस प्रकार का कोई भेदभाव नहीं पाया जाता है।
विश्व के सबसे बड़े समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान का ही यह असर है कि उनके शिष्य ना तो दहेज़ लेते हैं ना देते हैं, वे ना तो नशा करते हैं ना किसी को नशीली वस्तु लाकर देतें हैं। वे लूट खसौट, चोरी, रिश्वत खोरी, भ्रष्टाचार आदि से भी दूर रहते हैं। इसके अलावा वे संत रामपालजी महाराज द्वारा बताये हर परमार्थ के कार्य में आगे रहते हैं।
संत रामपालजी महाराज द्वारा बताए तत्वज्ञान ज्ञान से प्रेरित होकर उनके अनुयायियों के द्वारा वक्त वक्त पर कई रक्तदान व् देहदान शिविर भी आयोजित किये जाते हैं।
वे सदैव दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते है चाहे वह कोरोना महामारी हो या कोई प्राकृतिक आपदा।
कोरोना के चलते लॉकडाउन में जब देश का निम्न वर्ग भुखमरी से जूझ रहा था, लोगों के पास आय के साधन नहीं रह गये थे तब संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में उनके अनुयायियों ने घर-घर जाकर लोगों को निःशुल्क भोजन सामग्री प्रदान कर परमार्थ का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।
इसके अलावा हाल ही में आयी बाढ़ के चलते संत रामपाल जी महाराज के अनुयायिओं ने बाढ़ पीड़ितों के लिए हर संभव सहायता मुहैया की। उन्हें खाने के पैकेट, ज़रूरी दवाइयाँ, दूध बिस्किट, पिने का पानी आदि निशुल्क पहुँचाया, ऐसी तकलीफो के समय संत रामपालजी महाराज के अनुयायी समाज के सभी वर्गों के लिए सेवा करने को सदैव तत्पर रहतें है।
वास्तव में संत रामपालजी महाराज ही हैं जो समाज सुधार और मानव कल्याण के कार्यों में तत्पर हैं तथा वे समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। उनसे नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण करवाएं।
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💎समाज कल्याण हेतु संत रामपाल जी महाराज जी की अद्भुत एवं अलौकिक परमार्थी कार्य💎
समाज में जब जब भी त्रासदी अथवा आपदा आई है संत रामपाल जी महाराज जी व उनके शिष्य हमेशा आगे रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का यही ज्ञान है कि परोपकार तथा परमार्थ के कार्य में हमेशा आगे रहना चाहिए और यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य हमेशा आगे रहते हैं।
जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुण देत।
बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत ।।
कोरोना कल में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी की आदेश अनुसार संत रामपाल जी महाराज जी की शिष्य कोरोना काल में विशेष योगदान दिए थे। कुरूना महामारी में लॉकडाउन के कारण जहां कहीं भी खाने की व्यवस्था नहीं थी वहां खाने की व्यवस्था किए थे। जगह-जगह लोगों को ताज सामग्री पहुंचाई गई थी।
बाढ़ त्रासदी में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कोरोना कल में साथ देने के साथ-साथ बाढ़ टेस्ट में भी लोगों की विशेष मदद की है। हाल ही में जहां कहीं भी बाढ़ आई थी वहां पर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी के शिक्षा का ही परिणाम है संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आगे रहते हैं।
दहेजमुक्त समाज का निर्माण
एक तरफ समाज में जहां बेटियों को बोझ समझा जाता है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी बेटियों के लिए दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं और यही कारण है कि आज लाखों बेटियां दहेज मुक्त विवाह करके अपना सुखी जीवन जी रही है। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य न दहेज लेते हैं और ना देते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के पद चिन्हों पर चलकर दहेज मुक्त विवाह करते हैं।
नशा मुक्त समाज का निर्माण
संत रामपाल जी महाराज जी समाज के परोपकारी कार्य में नशा मुक्त का कार्य भी सम्मिलित है। जहां युवा पीढ़ी नसीब मिलत है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य नशा नहीं करते हैं और यहां तक कि ना ही नशा की सामग्री को हाथ लगाते हैं। इससे समाज एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा जिसमें किसी भी प्रकार का नशा चोरी जारी रिश्वतखोरी इत्यादि से मुक्त होगा।
देहदान एवं रक्तदान में योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सदैव परोपकार के कार्य में आगे रहते हैं और यही कारण है कि वह संत रामपाल जी महाराज जी के प्रत्येक आदेशों का पालन करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य रक्तदान एवं देहदान में विशेष योगदान दिए हैं।
संत रामपाल जी महाराज व उनके शिष्य हमेशा से ही परमार्थ के कार्यों में आगे रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी का यही उद्देश्य है समाज में अनैतिक कार्यों को समाप्त करके नैतिकता को बढ़ावा देना है।
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समाज में जब जब भी त्रासदी अथवा आपदा आई है संत रामपाल जी महाराज जी व उनके शिष्य हमेशा आगे रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी का यही ज्ञान है कि परोपकार तथा परमार्थ के कार्य में हमेशा आगे रहना चाहिए और यही कारण है कि संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य हमेशा आगे रहते हैं।
जो कोई करै सो स्वार्थी, अरस परस गुण देत।
बिन किये करै सो सूरमा, परमारथ के हेत ।।
कोरोना कल में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी की आदेश अनुसार संत रामपाल जी महाराज जी की शिष्य कोरोना काल में विशेष योगदान दिए थे। कुरूना महामारी में लॉकडाउन के कारण जहां कहीं भी खाने की व्यवस्था नहीं थी वहां खाने की व्यवस्था किए थे। जगह-जगह लोगों को ताज सामग्री पहुंचाई गई थी।
बाढ़ त्रासदी में मदद
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य कोरोना कल में साथ देने के साथ-साथ बाढ़ टेस्ट में भी लोगों की विशेष मदद की है। हाल ही में जहां कहीं भी बाढ़ आई थी वहां पर लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई गई। संत रामपाल जी महाराज जी के शिक्षा का ही परिणाम है संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आगे रहते हैं।
दहेजमुक्त समाज का निर्माण
एक तरफ समाज में जहां बेटियों को बोझ समझा जाता है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी बेटियों के लिए दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं और यही कारण है कि आज लाखों बेटियां दहेज मुक्त विवाह करके अपना सुखी जीवन जी रही है। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य न दहेज लेते हैं और ना देते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के पद चिन्हों पर चलकर दहेज मुक्त विवाह करते हैं।
नशा मुक्त समाज का निर्माण
संत रामपाल जी महाराज जी समाज के परोपकारी कार्य में नशा मुक्त का कार्य भी सम्मिलित है। जहां युवा पीढ़ी नसीब मिलत है वहीं दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य नशा नहीं करते हैं और यहां तक कि ना ही नशा की सामग्री को हाथ लगाते हैं। इससे समाज एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा जिसमें किसी भी प्रकार का नशा चोरी जारी रिश्वतखोरी इत्यादि से मुक्त होगा।
देहदान एवं रक्तदान में योगदान
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सदैव परोपकार के कार्य में आगे रहते हैं और यही कारण है कि वह संत रामपाल जी महाराज जी के प्रत्येक आदेशों का पालन करते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य रक्तदान एवं देहदान में विशेष योगदान दिए हैं।
संत रामपाल जी महाराज व उनके शिष्य हमेशा से ही परमार्थ के कार्यों में आगे रहे हैं । संत रामपाल जी महाराज जी का यही उद्देश्य है समाज में अनैतिक कार्यों को समाप्त करके नैतिकता को बढ़ावा देना है।
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Jharkhand ranchi cm pc : चार साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोहराया राज्य के सम्यक विकास का संकल्प, कहा- झारखंड हर चुनौती से निपटने को तैयार, राज्य का हो रहा सर्वांगीण विकास
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