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#अष्टांग योग
rudrjobdesk · 2 years
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International Yoga Day 2022: योग सिर्फ आसन करना ही नहीं, जानें अष्टांग योग के 8 अंग
International Yoga Day 2022: योग सिर्फ आसन करना ही नहीं, जानें अष्टांग योग के 8 अंग
International Yoga Day 2022: योग भारत की ओर पूरी दुनिया को दी गई अनमोल धरोहर है. हजारों वर्ष पहले हमारे ऋषि मुनियों ने योग का आविष्कार किया था और उसके महत्व को पहचाना था. आज दुनियाभर में योग की उपयोगिता को समझा जाने लगा है. यही वजह है कि बीते कुछ सालों में दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की भी शुरुआत हो चुकी है. हर साल 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है. इस दिन दुनियाभर में कई तरह के…
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bharatlivenewsmedia · 2 years
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Ashtanga Namaskara अष्टांग नमस्कार योग पद्धत आणि फायदे
Ashtanga Namaskara अष्टांग नमस्कार योग पद्धत आणि फायदे
Ashtanga Namaskara अष्टांग नमस्कार योग पद्धत आणि फायदे निरोगी आणि आनंदी राहण्यासाठी योगासने करण्याचे अनेक फायदे आहेत. हे केवळ तुम्हाला निरोगी ठेवत नाही तर तणाव दूर करण्यासाठी उपयुक्त ठरू शकते. रोज सकाळी उठून योगासने केल्याने दिवसभराचे काम करत राहण्याची स्फूर्ती असते. असाच एक योग म्हणजे अष्टांग नमस्कार … निरोगी आणि आनंदी राहण्यासाठी योगासने करण्याचे अनेक फायदे आहेत. हे केवळ तुम्हाला निरोगी ठेवत…
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pradhyayoga · 10 months
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योग क्या है ?
योग क्या है ?
हम में से ज्यादा तर लोग आज योग को मात्र शारीरिक स्वाथ्य के रूप में लेते है , कुछ आसान और शरीर की अलग अलग मुद्राओ को करना ही योग मानते है ,आधुनिक युग में योग के अलग -अलग तरीके आपको दिखाए जाते है जो की लुभावने होते है पर क्या वो आपके लिए लाभकारी है ,ये समझने के लिए पहले हमे योग क्या है ये जानना होगा -
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शरीर, मन और आत्मा का एकीकरण है योग
शरीर, मन और आत्मा का एकीकरण ही योग कहा गया है ,योग का अर्थ ही है जोड़ना / मिलाना ,और भी सरल शब्दों में कहा जाये तो अपने शरीर को स्वस्थ्य से ,मन को अच्छे विचारो से और अपनी आत्मा को परमात्मा से मिलाना /जोड़ना या मिलाने का प्रयास करना ही योग है ,
योग एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा के एकीकरण को समर्पित है। यह एक अद्वैत सिद्धांत है जो मनुष्य के सम्पूर्ण विकास और पूर्णता को प्राप्त करने की मार्गदर्शन करता है। योग आत्मा की अनुभूति और उसके अभिविकास को संभव बनाता है, जिससे हम आनंद, शांति, स्वस्थता और सच्ची संतुष्टि की अनुभूति कर सकते हैं।
योग का शास्त्रीय आधार पतंजलि के 'योग सूत्र' माना जाता है। पतंजलि ने योग को आठ अंगों में विभाजित किया है, जिन्हें 'अष्टांग योग' कहा जाता है। ये अष्टांग योग यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि हैं। इन अंगों के माध्यम से, योगी अपने मन को नियंत्रित करते हैं, शरीर को स्वस्थ रखते हैं और आत्मा के साथ अद्वैत अनुभव करते हैं।
योग के माध्यम से हम अपने शरीर की स्थायित्वता, लचीलापन, शक्ति और स्थैर्य को विकसित करते हैं। आसनों के द्वारा हम अपने शरीर को सुव्यस्थ और लचीला बनाते हैं। प्राणायाम के माध्यम से हम अपने प्राण (श्वास-प्रश्वास) को नियंत्रित करते हैं और अपने मन को शांत करते हैं। प्रत्याहार के द्वारा हम अपने इंद्रियों को इन्द्रिय विषयों से वश में लाते हैं और मन को बाहरी विषयों से आंतरिक मंदिर में नियंत्रित करते हैं। इस प्रकार योगी अपने मन को नियंत्रित कर अपनी चिंताओं और विचारों को स्वयं संयमित करते हैं।
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योग का ध्यान और समाधि अंग मन को एकाग्र करने, उसे अपनी सच्ची पहचान में ले जाने और आत्मा के साथ एकीकृत होने के लिए हैं। योगी ध्यान के माध्यम से अपने आंतरिक स्वरूप की पहचान करते हैं और समाधि में वह अपनी अस्तित्वता को भुल जाता है और परमात्मा के साथ अभिन्न हो जाता है। इस स्थिति में, योगी को सच्ची आनंद, शांति और आत्मिक समृद्धि की अनुभूति होती है।
योग आजकल एक प्रमुख ध्यान विधा के रूप में भी चर्चा में है। यहालांकि, योग केवल एक ध्यान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक पूर्ण जीवनशैली को भी दर्शाता है। योग का अभ्यास व्यक्ति को तनाव, रोग, मानसिक चिंताओं और अनियंत्रित मन के साथ निपटने में मदद करता है। योग के माध्यम से हम अपनी आंतरिक शक्तियों को जागृत करते हैं, स्वस्थ और खुश जीवन जीते हैं और स्वयं को संतुष्ट रखते हैं।
योग का महत्वपूर्ण अंश योगासन है, जिसमें विभिन्न शारीरिक पोज़ और आसनों को प्रदर्शित किया जाता है। योगासनों के अभ्यास से हमारे शरीर की लचीलापन, संतुलन, स्थायित्व और शक्ति में सुधार होती है। इसके अलावा, योग आसनों के द्वारा हम विभिन्न रोगों को नियंत्रित कर सकते हैं, जैसे कि मधुमेह, हृदय रोग, अस्थमा, अवसाद आदि।
योग का अभ्यास मनोरोगों में भी मदद करता है। ध्यान और मन को नियंत्रित करके हम स्वयं को शांत और स्वस्थ बना सकते हैं। योग का अभ्यास करने से मन में स्थिरता और एकाग्रता की स्थिति बढ़ती है, जिससे समस्याओं और टेंशन को नियंत्रित किया जा सकताहै।
योग का अभ्यास सिर्फ शारीरिक और मानसिक लाभों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मा के साथ एकीकृत होने की भी साधना है। जब हम योग के माध्यम से अपने मन को नियंत्रित करते हैं और अपनी आंतरिक स्वरूप को पहचानते हैं, तब हम एक ऊँचे स्तर पर उठते हैं और अपने स्वभाव के मूल्यों को समझते हैं। इस प्रकार, योग हमें सच्ची स्वतंत्रता, आनंद और मुक्ति की अनुभूति दिलाताहै।
योग हमारे शरीर, मन और आत्मा के एकीकरण को साधना करने और समर्पित होने का एक विज्ञान है। इसके माध्यम से हम अपनी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं और एक सुखी, स्वस्थ और पूर्ण जीवन जी सकते हैं। योग का अभ्यास करने से हम अपनी सामर्थ्यों को पहचानते हैं और आपातकाल में भी स्थिर रहते हैं। इसलिए, योग हमारे जीवन का अटूट हिस्सा है और हमें स्वस्थ, स्थिर और संतुष्ट बनाने में सहायता प्रदान करता है। योग का अभ्यास आपकी जीवनशैली को सुधारता है और आपको एक सकारात्मक दिशा में ले जाता है।
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satyam-mathematics · 1 month
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1.योग के अंग प्रत्याहार का पालन कैसे करें? (How to Follow Pratyahara Part of Yoga?),प्रत्याहार का पालन कैसे करें? (How to Follow Retreating?):
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योग के अंग प्रत्याहार का पालन कैसे करें? (How to Follow Pratyahara Part of Yoga?) प्रत्याहार और मन की साधना के बिना किसी क्षेत्र में प्रगति,विकास और उन्नति करना संभव नहीं है।महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग यम,नियम,आसन,प्राणायाम,प्रत्याहार,ध्यान,धारणा,समाधि का पांचवा अंग प्रत्याहार है।
Read More:How to Follow Pratyahara Part of Yoga?
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yogavibesnexus · 4 months
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pankaj1973 · 5 months
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*🌞~ आज दिनांक 08 जनवरी 2024 सोमवार का हिन्दू पंचांग ~🌞*
https://youtube.com/shorts/rN6v1b7nit8?si=8zIRSH2XHwjtWcg9
*⛅दिनांक - 08 जनवरी 2024*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - शिशिर*
*⛅मास - पौष*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वादशी रात्रि 11:58 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र - अनुराधा रात्रि 10:08 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
*⛅योग - गण्ड रात्रि 02:56 तक तत्पश्चात वृद्धि*
*⛅राहु काल - सुबह 08:43 से 10:04 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:22*
*⛅सूर्यास्त - 06:10*
*⛅दिशा शूल - पूर्व*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:29 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:20 से 01:13 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹भौम प्रदोष व्रत : 09 जनवरी 2024*
*कर्ज-निवारक कुंजी*
*🌹प्रदोष व्रत यदि मंगलवार के दिन पड़े तो उसे ‘भौम प्रदोष व्रत’ कहते हैं । मंगलदेव ऋणहर्ता होने से कर्ज-निवारण के लिए यह व्रत विशेष फलदायी है । भौम प्रदोष व्रत के दिन संध्या के समय यदि भगवान शिव एवं सद्गुरुदेव का पूजन करें तो उनकी कृपा से जल्दी कर्ज से मुक्त हो जाते हैं । पूजा करते समय यह मंत्र बोले :*
*मृत्युंजय महादेव त्राहि मां शरणागतम ।*
*जन्ममृत्युजराव्याधिपीडितं कर्मबन्धनै: ।।*
*इस दैवी सहायता के साथ स्वयं भी थोड़ा पुरुषार्थ करें । -ऋषि प्रसाद : मई २०२० से*
*🔹सर्दियों में पुष्टिदायी बलप्रद मेथी🔹*
*🔸मेथी को ताजा, सुखकर या इसके बीजों को अकुंरित करके उपयोग में लाया जाता हैं । इसका पाक सर्दियों में बल तथा पुष्टि वर्धक होता है ।*
*🔸मेथी की भाजी कडवी, गर्म, पित्तवर्धक, हल्की, रक्तशुद्धिकर, मल-मूत्र साफ़ लानेवाली, ह्रदय के लिए बलप्रद, अफरा, उदर-विकार, संधिवात, शारीरिक दर्द तथा वायुदोष में अत्यंत हितकर हैं । यह माता के दूध को बढ़ाती है ।*
*🔸प्रमेह में रोज १-२ चम्मच मेथी-दाने पानी में भिगोकर सब्जी बनाकर या मेथी-दाने का चूर्ण पानी के साथ लेने से लाभ होता है । मेथी के पत्तों की सब्जी भी लाभदायी है ।*
*🔸पाचन-तंत्र की कमजोरी तथा शौचसबंधी तकलीफों में चौथाई कप मेथी के पत्तों के रस में १ चम्मच शहद मिलाकर लेने से अत्यधिक लाभ होता है ।*
*🔸मेथी के पत्तों का रस बालों में लगाने से रुसी व बालों का झड़ना कम होता है, बाल काले व मुलायम बनते हैं । साबुन का उपयोग न करें । उसके नियमित सेवन से महिलाओं में खून की कमी नहीं होती ।*
*🔹सावधानी : पित्त-प्रकोप, अम्लपित्त, दाह में मेथी न खायें ।*
*🔹दंडवत प्रणाम का महत्व🔹*
*🔸ईश्वर की भक्ति के लिए अपने भीतर के सभी नकारात्मक तत्वों को हमें त्यागना पड़ता है और खुद को ईश्वर के चरणों में समर्पित करना होता है । ऐसा हम तभी कर सकते हैं जब हमारे भीतर मौजूद अभिमान हमारे अंतर्मन से निकल जाए । इसलिए शष्टांग प्रणाम के बढ़ावा दिया गया है ।*
*🔹दंडवत प्रणाम कैसे करते हैं ?🔹*
*🔸अपने शरीर को दंडवत मुद्रा में लाते हुए सिर, हाथ, पैर, जाँघे, मन, ह्रदय, नेत्र और वचन को मिलकर लेट कर प्रणाम करें। अष्ट अंगों में दोनों पाँव, दोनों घुटने, छाती, ठुण्डी और दोनों हथेलियाँ शामिल हैं । इस प्रकार के प्रणाम को हम ‘दण्डवत प्रणाम’ इसलिए भी कहते हैं ।*
*🔹अष्टांग दंडवत नमस्कार करने से लाभ🔹*
*👉 1. दंडवत प्रणाम करने से व्यक्ति जीवन के असली अर्थ को समझ पाता है और आगे की दिशा में बढ़ पाता है ।*
*👉 2. व्यक्ति के भीतर समान भाव की प्रवृत्ति जागृत होती है और अभिमान खत्म हो जाता है ।*
*👉 3. दंडवत प्रणाम करने से अहम नष्ट होता है, ईश्वर के निकट पहुंचने का रास्ता है दंडवत प्रणाम ।*
*👉 4. मन में दया और विनम्रता जैसे भाव पनपने लगते हैं ।*
*👉 5. आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक है अष्टाङ्ग नमस्कार ।*
*👉 6. मसल्स के स्टिम्युलेशन और एक्टिव प्रयोग से पीठ मजबूत होने लगती है ।*
*👉 7. व्यक्ति अपने शरीर में ऊर्जा महसूस करने लगता है ।*
*👉 8. पाचन क्रिया में संतुलन बनाये रखने में लाभकारी है ।*
https://t.me/asharamjiashram/6481
*🌞संत श्री आशारामजी बापू आश्रम🌞
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bhramriyog · 11 months
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अष्टांग योग: पतंजलि अष्टांग योग,योग के आठ अंगो
अष्टांग योग क्या है ? भारतीय षठ दर्शनों में वर्णित योग दर्शन में अष्टांग योग का वर्णन मिलता है. अष्टांग योग दो शब्दों से मिलकर ��ना है। “अष्ट” और “अंग” अर्थात आठ अंग महर्षि पतंजलि के अनुसार योग अंगों का अनुष्ठान करने से सभी अशुद्धियो का नाश होता है और ज्ञान का प्रकाश प्राप्त होता है। अष्टांग योग के जनक महर्षि पतंजलि को अष्टांग योग का पिता कहा जाता है। महर्षि पतंजलि योग दर्शन में यम, नियम, आसन,…
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airnews-arngbad · 11 months
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Regional Marathi Text Bulletin, Aurangabad
Date : 21 June 2023
Time : 7.10 AM to 7.25 AM
Language Marathi
आकाशवाणी औरंगाबाद
प्रादेशिक बातम्या
दिनांक : २१ जून  २०२३ सकाळी ७.१० मि.
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ठळक बातम्या
नवव्या जागतिक योगदिनानिमित्त आज सर्वत्र विविध कार्यक्रमांचं आयोजन
योगाचा जीवनशैलीत अंतर्भाव करण्याचं योग अभ्यासकांचं आवाहन
जी ट्वेंटी देशांच्या शिक्षणविषयक कार्यगटाच्या बैठकीला पुण्यात सुरुवात
यंदा जानेवारी ते मे, या काळात ८८ हजार १०८ नोकरीइच्छुक उमेदवारांना रोजगार
पीकपेरणीच्या अनुषंगानं कृषी विभागाने शेतकऱ्यांना मार्गदर्शन करावं-कृषिमंत्र्यांचे निर्देश
डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठाचा येत्या २७ जूनला ६३ वा दीक्षांत समारंभ 
आणि
विशेष ऑलिम्पिक स्पर्धेत भारताच्या गीतांजली नागवेकरला सुवर्ण पदक
सविस्तर बातम्या
नववा जागतिक योग दिवस आज जगभरात साजरा होत आहे. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी अमेरिकेत न्यूयॉर्क इथल्या संयुक्त राष्ट्रसंघाच्या मुख्यालयात योग दिनाच्या कार्यक्रमाचं नेतृत्व करणार आहेत. भारतीय वेळेनुसार सायंकाळी साडे पाच वाजता हा कार्यक्रम होईल. वसुधैव कुटुंबकम या उद्देशासाठी योग, ही यंदाच्या योग दिनाची संकल्पना आहे. देशभरात या दिनानिमित्त विविध कार्यक्रम आयोजित करण्यात आले आहेत.
मध्यप्रदेशात जबलपूर इथं उपराष्ट्रपती जगदीप धनखड यांच्या उपस्थितीत योग दिनाचा मुख्य कार्यक्रम होत आहे. या कार्यक्रमाला केंद्रीय आयुषमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, मध्यप्रदेशचे राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, यांच्यासह अनेक मान्यवर तसंच नागरिक मोठ्या संख्येने उपस्थित आहेत.
मुंबईत गेट वे ऑफ इंडिया परिसरात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियुष गोयल यांच्या उपस्थितीत योगदिनाचा कार्यक्रम होत आहे. विधान भवनाच्या प्रांगणात, 'योगप्रभात विधान भवन' हा कार्यक्रम आयोजित करण्यात आला आहे.
मुंबईत आयएनएस विशाखापट्टणम आणि आयएनएस मरमुगाव या नौदल जहाजांवर, विशेष योग सत्रांचं आयोजन करण्यात आलं आहे.
राज्यातल्या अमृत सरोवरांच्या स्थळी जागतिक योग दिवस साजरा करण्यात येत आहे. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार हमी योजनेचे आयुक्त रवींद्र ठाकरे यांनी ही माहिती दिली. स्वातंत्र्याच्या अमृत महोत्सवा निमित्त पंतप्रधानांच्या संकल्पनेतून प्रत्येक जिल्ह्यात ७५, याप्रमाणे राज्यभरात दोन हजार ६५५ अमृत सरोवरं तयार झाली आहेत. या उपक्रमात नागरिकांनी सहभागी होण्याचं आवाहन ठाकरे यांनी केलं आहे.
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भारतीय जनता पक्षाच्या राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे आज औरंगाबाद इथं अनाथ बालकांसोबत जागतिक योग दिवस साजरा करणार आहेत. औरंगाबादमध्ये विभागीय क्रीडा संकुलात सकाळी साडे सात वाजता हा कार्यक्रम सुरू होणार आहे.
योगदिनाच्या औचित्यानं काल औरंगाबाद शहरातल्या बळीराम पाटील विद्यालयात विशेष जनजागृती कार्यक्रम आणि योग दिंडी काढण्यात आली. केंद्रीय अर्थ राज्यमंत्री डॉक्टर भागवत कराड यांच्या हस्ते या कार्यक्रमाचं उद्घाटन झालं.
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जीवनशैली म्हणून योग स्वीकारल्यास क्षमतांमध्ये वाढ होते, असं प्रतिपादन डॉक्टर चारुलता रोजेकर यांनी केलं आहे. काल औरंगाबाद इथं क्रीडा भारती या संस्थेतर्फे 'क्रीडा भारती योग पुरस्कार' देऊन त्यांना गौरवण्यात आलं, त्यावेळी त्या बोलत होत्या. अकरा हजार रुपये आणि स्मृतिचिन्ह असं या पुरस्काराचं स्वरूप आहे. आतापर्यंत बावन्न हजार जणांना योग शिकवता आल्याबाबत डॉ रोजेकर यांनी समाधान व्यक्त केलं.
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औरंगाबाद इथले योग अभ्यासक डॉ विवेक चर्जन यांनी अष्टांग योगाबद्दल माहिती देत, प्रत्येकाने योगमार्गाचा अवलंब करण्याचं आवाहन केलं. ते म्हणाले,
Byte…
अष्टांग योग म्हणजे महर्षि पतंजलींनी सांगितलेला योगमार्ग. यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधी असे आठ नियम म्हणजे अष्टांग. मुलतः योगमार्ग हा कैवल्यप्राप्तीचा अध्यात्मिक मार्ग असला तरी समाधीव्यतिरिक्त इतर अंगांचा व्यावहारिक जीवनात अत्यंत लाभदायक असा परिणाम आहे. माझा जगासोबत कसा व्यवहार असावा याचे नैतिक नियम म्हणजे यम. वैयक्तिक आचरणाची शिस्त म्हणजे नियम. यम आणि नियम आहेत मनाला स्ट्रेसफ्री ठेवण्यासाठी. आणि जीवनात शिस्त आणण्यासाठी. आसन आहेत शारीरिक आरोग्यासाठी. प्राणायामामुळे सैरभैर धावणाऱ्या मनाला नियंत्रित करता येते. तर प्रत्याहाराने कामातील एकाग्रता वाढते. धारणा आणि ध्यानामुळे तणावाचे दुष्परिणाम दूर होतात. यशस्वी आणि संतुलित जीवन जगण्यासाठी प्रत्येकाने योगमार्गाचा अवलंब करायलाच हवा.
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जी ट्वेंटी देशांच्या शिक्षणविषयक कार्यगटाच्या चौथ्या बैठकीला कालपासून पुण्यात सुरुवात झाली. जी 20 साठीचे भारताचे समन्वयक हर्षवर्धन शृंगला यांच्या हस्ते या बैठकीचं उद्घाटन झालं. प्राथमिक अंक आणि अक्षरओळख, हा विषय फक्त भारतासाठीच नाही तर पूर्ण जगासाठी महत्त्वाचा असून त्यासाठी ठोस धोरणाची आवश्यकता असल्याचं मत त्यांनी यावेळी व्यक्त केलं. या बैठकीला जी 20 देशांचे, तसंच आमंत्रित देशांचे पंच्याऐंशी प्रतिनिधी उपस्थित आहेत. या परदेशी पाहुण्यांनी काल शनिवार वाडा, लाल महाल आणि नाना वाड्याला भेट दिली.
जी - 20 बैठकीच्या पार्श्वभूमीवर काल पुण्यात समृद्ध शिक्षण फेरी काढण्यात आली. नवीन शैक्षणिक धोरण आणि त्याअनुषंगानं घेण्यात येणाऱ्या उपक्रमांची माहिती सर्वसामान्य नागरिकांपर्यंत पोहचवणं आणि अधिकाधिक नागरिकांनी यामध्ये सहभागी होण्याच्या दृष्टीनं ही फेरी काढण्यात आली. औरंगाबाद इथंही काल या निमित्ताने विद्यार्थ्यांची शिक्षण फेरी काढण्यात आली.
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येत्या एक जुलैला शिवसेनेच्या वतीनं मुंबई महापालिकेवर मोर्चा काढण्यात येणार असल्याची घोषणा, शिवसेना उद्धव बाळासाहेब ठाकरे गटाचे प्रमुख उद्धव ठाकरे यांनी केली आहे. ते काल मुंबईत पत्रकार परिषदेत बोलत होते. मुंबई पालिकेच्या ठेवींची उधळपट्टी सुरू असल्याचा आरोप करत, या उधळपट्टीविरोधात हा मोर्चा असल्याचं त्यांनी सांगितलं. यावर प्रत्यूत्तर देताना मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी, मुंबईकरांचा पैसा मुंबईकडेच राहिला पाहिजे, यासाठी महापालिकेतल्या भ्रष्टाचाराची विशेष तपास पथकामार्फत चौकशीचा निर्णय घेतल्याची माहिती दिली. ते काल पत्रकार परिषदेत बोलत होते. ठाकरेंचं याबाबतचं विधान म्हणजे उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, असा प्रकार असल्याचं मुख्यमंत्री म्हणाले.
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बंजारा समाजाला भारतीय जनता पक्षच न्याय देऊ शकतो, असा विश्वास उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी व्यक्त केला आहे. राष्ट्रीय बंजारा परिषदेच्या पदाधिकाऱ्यांनी काल भाजपामध्ये प्रवेश केला, त्यानंतर मुंबईत पत्रकार परिषदेत फडणवीस बोलत होते. सरकार बंजारा समाजाच्या पाठीशी असून, तांड्यांपर्यंत विकास पोहचवून बंजारा समाजाच्या लोकांना मुख्य प्रवाहात आणणं हे सरकारचं उद्दिष्ट आहे, असं ते म्हणाले.
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राज्यातल्या सरकारी अधिकाऱ्यांच्या बदल्यांमध्ये मोठ्या प्रमाणात गैरव्यवहार झाल्याचा आरोप, विधान परिषदेचे विरोधी पक्षनेते अंबादास दानवे यांनी केला आहे. ते काल मुंबईत पत्रकार परिषदेत बोलत होते. बदलीसाठी अधिकारी पात्र नाही, असा शेरा सचिवांनी दिला असतानाही पदोन्नती करण्यात आल्या, तसंच, वर्ग तीन आणि चारच्या अधिकाऱ्यांच्या बदल्यांचे अधिकार सचिवांकडे असताना मंत्र्यांनी या बदल्या केल्या, असा आरोपही दानवे यांनी केला आहे.
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कौशल्य, रोजगार, उद्योजकता आणि नाविन्यता विभागामार्फत राबवण्यात येत असलेल्या विविध उपक्रमांद्वारे यावर्षीच्या जानेवारी ते मे, या काळात राज्यभरात ८८ हजार १०८ नोकरीइच्छुक उमेदवारांना रोजगार मिळवून देण्यात आला आहे. कौशल्य, रोजगार, उद्योजकता आणि नाविन्यता मंत्री मंगल प्रभात लोढा यांनी ही माहिती दिली. इच्छुक उमेदवारांनी रोजगार डॉट महास्वयम डॉट जीअव्ही डॉट इन या संकेतस्थळावर नोंदणी करावी, असं आवाहनही लोढा यांनी केलं आहे.
दरम्यान, ग्रामीण भागात कौशल्य विकास साधल्यास, शहरी भागाकडे होणारं स्थलांतर कमी होईल, असं लोढा यांनी म्हटलं आहे. ते काल मुंबईत एका कार्यक्रमात बोलत होते. हा विकास साधण्यासाठी व्यवसाय क्षेत्रातल्या तज्ज्ञांचं मार्गदर्शन, आणि कामाचा प्रत्यक्ष अनुभव मिळणं अत्यावश्यक असल्याचं त्यांनी नमूद केलं.
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या खरीप हंगामात पीकपेरणी नियोजनाच्या अनुषंगानं कृषी विभागानं शेतकऱ्यांना उपयुक्त सल्ला द्यावा आणि मार्गदर्शन करावं, असे निर्देश कृषिमंत्री अब्दुल सत्तार यांनी दिले आहेत. राज्यातल्या वरिष्ठ कृषी अधिकाऱ्यांच्या यासंदर्भातल्या आढावा बैठकीत ते काल बोलत होते. पाऊस आल्याशिवाय पेरणीची घाई शेतकऱ्यांनी करू नये, यासाठी कृषी विभाग आणि कृषी विद्यापीठांच्या शास्त्रज्ञांनी शेत���ऱ्यांपर्यंत माहिती पोहोचवावी, अशी सूचनाही सत्तार यांनी केली.
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औरंगाबाद इथल्या डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठाचा त्रेसष्टावा दीक्षांत समारंभ येत्या सत्तावीस तारखेला होणार आहे. या समारंभात कुलपती तथा राज्यपाल रमेश बैस यांच्या हस्ते दोन इमारतींचं उद्घाटन आणि सुपर काँप्युटर अर्थात महासंगणकाचं लोकार्पण होणार आहे. कुलगुरु डॉक्टर प्रमोद येवले यांनी काल पत्रकार परिषदेत ही माहिती दिली. या सोहळ्यात पदवीधरांना आणि दोनशे एक्क्याण्णव संशोधकांना पदव्या प्रदान करण्यात येणार असल्याचं त्यांनी सांगितलं.
दरम्यान, ’नवीन शैक्षणिक धोरण-२०२०’ मुळे शैक्षणिक क्षेत्रात क्रांती घडेल, असा विश्वास कुलगुरु येवले यांनी व्यक्त केला आहे. विद्यापीठाशी संलग्नित औरंगाबाद आणि जालना जिल्ह्यातल्या महाविद्यालयांच्या प्राचार्यांची बैठक काल झाली, त्यावेळी ते बोलत होते. ’नॅक’मूल्याकंनात ’ए’, ए प्लस आणि ए प्लस प्लस' दर्जा प्राप्त झालेल्या आठ महाविद्यालयांच्या प्राचार्यांचा यावेळी सत्कार करण्यात आला. देवगिरी महाविद्यालयाचे प्राचार्य डॉक्टर अशोक तेजनकर, तसंच अंकुशराव टोपे महाविद्यालयाचे प्राचार्य डॉक्टर मिलिंद पंडित यांचा यात समावेश आहे.
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पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या नेतृत्त्वात देश चौफेर प्रगती करत असून, सर्वच क्षेत्रात देशानं मोठी प्रगती केल्यामुळे जगात भारताची प्रतिमा उंचावली आहे, असं कर्नाटकचे भाजप नेते माजी मंत्री आमदार अरविंद लिंबावली यांनी म्हटलं आहे. जालना इथं भाजपा महाजनसंपर्क अभियान आणि मोदी @ नाईन उपक्रमांतर्गत ते काल पत्रकार परिषदेत बोलत होते. केंद्रीय रेल्वेराज्यमंत्री रावसाहेब दानवे यांनीही यावेळी वार्ताहरांशी संवाद साधला.
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२०२२ च्या खरीप हंगामामध्ये सततच्या पावसानं झालेल्या नुकसानाच्या भरपाईपोटी उस्मानाबाद जिल्ह्यासाठी १३७ कोटी रुपये मंजूर झाले आहेत. आमदार राणा जगजितसिंह पाटील यांनी ही माहिती दिली. ही रक्कम लवकरात लवकर शेतकऱ्यांच्या खात्यावर जमा होण्यासाठी दैनंदिन पाठपुरावा करणार असल्याचं रणाजगजितसिंह पाटील यांनी म्हटलं आहे.
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परभणी जिल्ह्यातल्या शेतकऱ्यांनी गेल्यावर्षी घेतलेल्या पीककर्जाचे येत्या ३० जूनपर्यंत नूतनीकरण करून घ्यावं म्हणजे त्यांना शून्य टक्के दरानं नव्यानं कर्ज उपलब्ध होईल, असं परभणीच्या जिल्हाधिकारी आंचल गोयल यांनी म्हटलं आहे. आपली बँक शाखा गावात येईल, त्यादिवशी शेतकऱ्यांनी ग्रामपंचायतीमध्ये येऊन नूतनीकरणाचा अर्ज करावा, असंही त्यांनी प्रसिद्धीपत्रकाद्वारे कळवलं आहे.
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संत शिरोमणी श्री नामदेव महाराजांची पालखी बीड जिल्ह्यातून मार्गक्रमण करत आहे. केज तालुक्यातल्या जवळबन इथं पालखीचा अश्व रिंगण सोहळा काल पार पडला.
संत ज्ञानेश्वर महाराजांच्या पालखीचं चांदोबाचा लिंब इथं उभं रिंगण तसंच संत तुकाराम महाराजांच्या पालखीचा बेलवाडी इथं काल रिंगण सोहळा साजरा झाला.
दरम्यान, आषाढी यात्रेच्या पार्श्वभूमीवर पंढरपूर इथं विठ्ठल रुक्मिणीचं दर्शन २४ तास सुरु राहणार आहे. सात जुलै पर्यंत हे दर्शन सुरू राहणार असल्याचं प्रशासनानं सांगितलं.
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पंढरपूर इथं नव्याने विमानतळ करण्याचा प्रस्ताव तातडीने राज्यशासनाला पाठवावा, अशा सूचना विधान परिषदेच्या उपसभापती डॉ नीलम गोऱ्हे यांनी केली आहे. त्या काल सोलापूर इथं जिल्हा प्रशासनाच्या आढावा बैठकीत बोलत होत्या. पंढरपूर तीर्थ क्षेत्र विकास आराखडा आणि पंढरपूर कॉरिडॉरच्या कामाचाही त्यांनी  यावेळी आढावा घेतला.
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जर्मनीत सुरु असलेल्या विशेष ऑलिम्पिक स्पर्धेत ॲथलेटिक्स मध्ये ट्रॅक इव्हेंट या धावण्याच्या शर्यतीत भारताच्या गीतांजली नागवेकरनं सुवर्ण पदक पटकावलं. ८०० मीटर लेवल सी ट्रॅक इव्हेंट मध्ये गीतांजलीनं कॅनडा आणि युक्रेनच्या खेळाडूंना मागे टाकत सुवर्णपदकाला गवसणी घातली.
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औरंगाबाद शहरातल्या गरवारे क्रीडा संकुलालगतच्या कलाग्राम आणि परिसरातली जागा आंतरराष्ट्रीय दर्जाचं क्रिकेट स्टेडियम उभारण्यासाठी हस्तांतरित करण्याचे निर्देश महानगरपालिका आयुक्त तथा प्रशासक जी श्रीकांत यांनी दिले आहेत. गरवारे क्रीडा संकुल विकासाबाबत आयोजित एका आढावा बैठकीत त्यांनी काल हे निर्देश दिले. प्रस्तावित क्रिकेट स्टेडियमसंदर्भात भारतीय क्रिकेट नियामक मंडळाशी चर्चा करणार असल्याची माहितीही मनपा आयुक्तांनी यावेळी दिली.
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everynewsnow · 2 years
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Ashtanga Yoga Steps And Benefits in Hindi
Ashtanga Yoga Steps And Benefits in Hindi
Ashtanga Yoga Steps And Benefits in Hindi : आज हम आपको बताने वाले है अष्टांग योग के बारे में आपको बता दे प्रचीन भारत में हमारे ऋषियों ने अष्टांग योग बनाया जो मानव को शरीर के आंतरिकता से जोड़ने के एक विशेष माध्यम है | तो आइये जाने इसके में | Ashtanga Yoga Steps And Benefits in Hindi : अष्टांग योग करने का तरीका और फायदे – “अष्टांग” शब्द का अर्थ है आठ अंग। इसलिए “अष्टांग योग” आठ (अर्थ अष्ट) चरणों के…
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howtoexloveback · 2 years
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जानें आपकी कुंडली में राजयोग है या नहीं
जानें आपकी कुंडली में राजयोग है या नहीं
राजयोग कुंडली, महर्षि पंतांजलीद्वार बताये गए अष्टांग योग को ही राजयोग कहा जाता है. इन आठ अंगों में सभी तरह के योगों का समावेश पाया जाता है.यह माना गया है की भगवन बुद्ध द्वारा बताया गया अष्टांगिक मार्ग भी इन आठ अंगों का हिस्सा है. परन्तु अष्टांग योगों की रचना बुद्ध के काल के बाद की है. राजयोग कुंडली यही कारण है की अष्टांग योग बुद्ध द्वारा बतए गए योग से ज्यादा प्रचलित एवं महत्पूर्ण है महर्षि…
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🙏🙏🛕🛕🪔🪔🔔🔔🌍🌎📡📡🎙️🎙️🇮🇳🇮🇳🕛🌹🌹🕧भक्ति सत्संगमयी शुभ सुंदर मंगलमय शनिवार 🌹 हरिबोल ❣️ प्रेम से बोलो सच्चिदानंद भक्त वत्सल भगवान की जय 🌹 जय जय श्री राधे 🌹 श्रीमद् भागवत महापुराण अमृत कथा (गंतव्य से आगे) : - - श्रीशुकदेवजी ने कहा - परीक्षित! भगवान कपिल ने देवहुति से कहा - माते! इस प्रकार भक्ति योग व अष्टांग योग के द्वारा परमपिता परमात्मा ईश्वर /प्रभु श्रीहरि /भगवान श्री राधाकृष्ण की साधना/ दृढ़ संकल्प के द्वारा हर जीव ईश्वर को प्राप्त कर सकता है। भगवान को ही काल कहा गया है। प्रकृति और ईश्वर इन्हीं के दो रूप हैं और वे साथ भी हैं और अलग भी हैं जो बिना किसी भेदभाव /धर्म /जाति /समुदाय के आश्रय और सुख प्रदान करने वाले हैं। सभी भूतो (धरती जल वायु अग्नि आकाश) के पालन करता हैं और सभी जीवों का संहार भी करते हैं। वे जगत का शासन करने वाले काल ही यज्ञों का फल देने वाले श्रीहरि विष्णु हैं। भगवान का ना तो कोई मित्र है ना कोई शत्रु और ना कोई सगा-संबधी। भगवान काल रूप में सदा सजग रहते हैं और पाप कर्मो में व्यस्त दुष्ट प्राणियों का संहार करते हैं समस्त प्रकृति इन्हीं के भय से गतिमान रहती है। वे संपूर्ण सृष्टि के नियंता हैं। इस काल के ही भय से समस्त गुण देव दानव जड़ और चेतन प्रकृति अपने-अपने कार्यो में सक्रिय रहते हैं। यह अविनाशी काल स्वयं अजन्मा और अनादि है किंतु दूसरे सभी जीवों का आदि कर्ता उत्पादक भी है। यह स्वयं अनंत होकर भी दुसरों का अंत करने वाले हैं। यही सारे जगत की रचना पालन और संहार करते हैं। यही काल पुरूष कहलाता है। हम सब जीवों को इसी काल पुरूष की निष्काम भक्ति निरंतर करनी चाहिए..... To be continued..... आरत�� श्रीमद् भागवत अमृत महापुराण की ।आरती अति पावन पुराण की ।धर्म भक्ति विज्ञान खान की ।विषय विलास विमोह विनाशिनि ।विमल विराग विवेक विकाशिनि ।भगवत् तत्व् रहस्य प्रकाशिनि। परम ज्योति परमात्म ज्ञान की। आरती...... प्रणाम : जय श्री राधे 🔔🔔🪔🪔🛕🛕🌍🌎📡📡🎙️🎙️🇮🇳🇮🇳🕛🌹🌹 🕧🙏🙏 https://www.instagram.com/p/CffWpvWvvZ1/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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hariharan5901 · 2 years
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टीवी सितारों का कहना है कि योग में उपचार शक्तियां हैं और इसने हमें बहुत कुछ सिखाया है, टीवी अभिनेताओं/योग के कई फायदे हैं और हर किसी को इसका अभ्यास करना चाहिए।
टीवी सितारों का कहना है कि योग में उपचार शक्तियां हैं और इसने हमें बहुत कुछ सिखाया है, टीवी अभिनेताओं/योग के कई फायदे हैं और हर किसी को इसका अभ्यास करना चाहिए।
मैं मुख्य रूप से सुबह अभ्यास करता हूं और अष्टांग योग करता हूं। हालांकि अपने शूटिंग शेड्यूल से समय निकालना मुश्किल और चुनौतीपूर्ण है, लेकिन मैं इसे मैनेज करता हूं। जब मैं अपने दिन की शुरुआत योग और सांस लेने के व्यायाम से करता हूं तो मुझे मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से आराम मिलता है। विभिन्न आसनों के अलग-अलग लाभ होते हैं और यह अत्यंत वैज्ञानिक है। इसलिए, अगर किसी को तनाव, चिंता और शरीर में…
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rudrjobdesk · 2 years
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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022: शरीर को वज्र की तरह मजबूत बनाता है वज्रासन, इस तरह करें योगाभ्‍यास
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022: शरीर को वज्र की तरह मजबूत बनाता है वज्रासन, इस तरह करें योगाभ्‍यास
International Yoga Day 2022: महर्षी पतंजली ने अपने अष्टांग योग में योग के आठ अंगों का वर्णन किया है, जिसमें हम आसन और प्राणायाम पर तो ध्‍यान देते हैं, लेकिन सामाजिक जिम्‍मेदारी और व्‍यक्तिगत शुद्धी की बात पर ध्‍यान नहीं देते. यहां हम आपको बताने की कोशिश कर रहे हैं कि मानवता के साथ योग किस प्रकार जुड़ा हुआ है. बता दें कि पहले 5 यम हैं अहिंसा, सत्‍य, अस्‍ते, ब्रम्‍हचर्य और अपरिग्रह. अपरिग्रह यानी…
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doonitedin · 3 years
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राज्यपाल उत्तराखंड बेबी रानी मौर्य के संदेश के साथ हुआ उद्घाटन
राज्यपाल उत्तराखंड बेबी रानी मौर्य के संदेश के साथ हुआ उद्घाटन
आनॅलाइन योग महोत्सव का आगाज, परमार्थ निकेेतन में 14 मार्च तक होगा 32वें योग महोत्सव का आयोजन ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन द्वारा आयोजित 32 वाँ अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आज शुभारम्भ हुआ। उद्घाटन अवसर पर उत्तराखंड की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य जी का शुभकामना संदेश प्रसारित किया गया। साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी, योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वती और देश…
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mykrantisamay · 3 years
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योग दिवा मलाइका अरोड़ा ने इका पडा अष्टांग नमस्कार, फराह खान ने उनसे मुलाकात करने के लिए करना चाहा
योग दिवा मलाइका अरोड़ा ने इका पडा अष्टांग नमस्कार, फराह खान ने उनसे मुलाकात करने के लिए करना चाहा
मलाइका अरोरा ने अपने फॉलोअर्स को योग की मुद्राएं पहनाकर और हैशटैग #MalaikasMoveOfTheWeek के साथ पोस्ट करके कुछ सोमवार की प्रेरणा दी। फिटनेस दिवा ने ईका पाद अष्टांग नमस्कार करते हुए खुद की एक तस्वीर पोस्ट की। “सभी को नमस्ते! यह हमारे मैट को अनियंत्रित करने और #MalaikasMoveOfTheWeek के साथ एक नया पोज देने का समय है। इस हफ्ते का पोज़ ईकापाड़ा अष्टांग नमस्कार है। यह आपकी कोर ताकत में सुधार करते हुए…
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iskconchd · 3 years
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श्रीमद्‌ भगवद्‌गीता यथारूप 4.28 द्रव्ययज्ञास्तपोयज्ञा योगयज्ञास्तथापरे । स्वाध्यायज्ञानयज्ञाश्च यतयः संशितव्रताः ॥ ४.२८ ॥ TRANSLATION कठोर व्रत अंगीकार करके कुछ लोग अपनी सम्पत्ति का त्याग करके, कुछ कठिन तपस्या द्वारा, कुछ अष्टांग योगपद्धति के अभ्यास द्वारा अथवा दिव्यज्ञान में उन्नति करने के लिए वेदों के अध्ययन द्वारा प्रबुद्ध बनते हैं । PURPORT इन यज्ञों के कई वर्ग किये जा सकते हैं । बहुत से लोग विविध प्रकार के दान-पुण्य द्वारा अपनी सम्पत्ति का यजन करते हैं । भारत में धनाढ्य व्यापारी या राजवंशी अनेक प्रकार की धर्मार्थ संस्थाएँ खोल देते हैं – यथा धर्मशाला, अन्न क्षेत्र, अतिथिशाला, अनाथालय तथा विद्यापीठ । अन्य देशों में भी अनेक अस्पताल, बूढों के लिए आश्रम तथा गरीबों को भोजन, शिक्षा तथा चिकित्सा की सुविधाएँ प्रदान करने के दातव्य संस्थान हैं । ये सब दानकर्म द्रव्यमय यज्ञ हैं । अन्य लोग जीवन में उन्नति करने अथवा उच्च्लोकों में जाने के लिए चान्द्रायण तथा चातुर्मास्य जैसे विविध तप करते हैं । इन विधियों के अन्तर्गत कतिपय कठोर नियमों के अधीन कठिन व्रत करने होते हैं । उदाहरणार्थ, चातुर्मास्य व्रत रखने वाला वर्ष के चार मासों (जुलाई से अक्टूबर तक) बाल नहीं कटाता, न ही कतिपय खाद्य वस्तुएँ खाता है और न दिन में दो बार खाता है, न निवास-स्थान छोड़कर कहीं जाता है । जीवन के सुखों का ऐसा परित्याग तपोमय यज्ञ कहलाता है । कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अनेक योगपद्धतियों का अनुसरण करते हैं तथा पतंजलि पद्धति (ब्रह्म में तदाकार होने के लिए) अथवा हठयोग या अष्टांगयोग (विशेष सिद्धियों के लिए) । कुछ लोग समस्त तीर्थस्थानों की यात्रा करते हैं । ये सारे अनुष्ठान योग-यज्ञ कहलाते हैं, जो भौतिक जगत् में किसी सिद्धि विशेष के लिए किये जाते हैं । कुछ लोग ऐसे हैं जो विभिन्न वैदिक साहित्य तथा उपनिषद् तथा वेदान्तसूत्र या सांख्यादर्शन के अध्ययन में अपना ध्यान लगाते हैं । इसे स्वाध्याय यज्ञ कहा जाता है । ये सारे योगी विभिन्न प्रकार के यज्ञों में लगे रहते हैं और उच्चजीवन की तलाश में रहते हैं । किन्तु कृष्णभावनामृत इनसे पृथक् है क्योंकि यह परमेश्र्वर की प्रत्यक्ष सेवा है । इसे उपर्युक्त किसी भी यज्ञ से प्राप्त नहीं किया जा सकता, अपितु भगवान् तथा उनके प्रामाणिक भक्तों की कृपा से ही प्राप्त किया जा सकता है । फलतः कृष्णभावनामृत दिव्य है । ----- Srimad Bhagavad Gita As It Is 4.28 dravya-yajñās tapo-yajñā yoga-yajñās tathāpare svādhyāya-jñāna-yajñāś ca yatayaḥ saṁśita-vratāḥ TRANSLATION Having accepted strict vows, some become enlightened by sacrificing their possessions, and others by performing severe austerities, by practicing the yoga of eightfold mysticism, or by studying the Vedas to advance in transcendental knowledge. PURPORT These sacrifices may be fitted into various divisions. There are persons who are sacrificing their possessions in the form of various kinds of charities. In India, the rich mercantile community or princely orders open various kinds of charitable institutions like dharma-śālā, anna-kṣetra, atithi-śālā, anāthālaya and vidyā-pīṭha. In other countries, too, there are many hospitals, old age homes and similar charitable foundations meant for distributing food, education and medical treatment free to the poor. All these charitable activities are called dravyamaya-yajña. There are others who, for higher elevation in life or for promotion to higher planets within the universe, voluntarily accept many kinds of austerities such as candrāyaṇa and cāturmāsya. These processes entail severe vows for conducting life under certain rigid rules. For example, under the cāturmāsya vow the candidate does not shave for four months during the year (July to October), he does not eat certain foods, does not eat twice in a day or does not leave home. Such sacrifice of the comforts of life is called tapomaya-yajña. There are still others who engage themselves in different kinds of mystic yogas like the Patañjali system (for merging into the existence of the Absolute), or haṭha-yoga or aṣṭāṅga-yoga (for particular perfections). And some travel to all the sanctified places of pilgrimage. All these practices are called yoga-yajña, sacrifice for a certain type of perfection in the material world. There are others who engage themselves in the studies of different Vedic literatures, specifically the Upaniṣads and Vedānta-sūtras, or the Sāṅkhya philosophy. All of these are called svādhyāya-yajña, or engagement in the sacrifice of studies. All these yogīs are faithfully engaged in different types of sacrifice and are seeking a higher status of life. Kṛṣṇa consciousness, however, is different from these because it is the direct service of the Supreme Lord. Kṛṣṇa consciousness cannot be attained by any one of the above-mentioned types of sacrifice but can be attained only by the mercy of the Lord and His bona fide devotees. Therefore, Kṛṣṇa consciousness is transcendental. -----
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