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femalelawyerfashion · 4 years
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पतंजलि ने किया कोरोना की दवाई “कोरोनिल” बनाने का दावा । स्वामी रामदेव स्वयं को कोरोना से संक्रमित कर करेंगे ठीक ।
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जहां एक ओर कोरोना वायरस या कोविड 19 या इसे चाईनीस वायरस कहना ठीक होगा, ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है, वहीं दूसरी ओर इसके इलाज की भी कोशिशें तेजी से जारी हैं । इसी बीच पूरी दुनिया को चौंकाते हुए भारत की एक बड़ी आयुर्वेदिक दवाईयों की कंपनी पतंजलि ने यह दावा करके सबको हैरान कर दिया है कि उन्होंने इस महामारी के विरुद्ध शत प्रतिशत बिमारी का इलाज खोज निकाला है । स्वामी रामदेव ने तो यहाँ तक दावा किया है कि वे स्वयं को कोरोना से संक्रमति करने के पश्चात इस दवाई के सेवन से 3 से 7 दिनों में ही ठीक भी होकर दिखाएंगे । उनका कहना है कि योग के जरिये भी इस बिमारी को ठीक किया जा सकता है । और आयुर्वेदिक रसायनों के नियमित सेवन जैसे कि तुलसी, गिलोय तथा अश्वगंधा के द्वारा इसे पूर्णत: ठीक कर आदमी स्वस्थ हो सकता है ।
      जिस दवाई की वे बात कर रहे हैं, उन्होंने उसका नाम “कोरोनिल” रखा है । इंडिया टीवी को दिए एक इंटरवियू में स्वामी रामदेव ने बताया कि उनकी दवाई ने क्लीनिकल ट्रायल का पहला चरण पूरा कर लिया है और इससे उन्होंने सैंकड़ों लोगों को ठीक करके दिखाया है । उन्होंने कहा कि इसे बनाने की विधि बहुत ही आसान है । इसमें मुलेठी, अश्वगंधा, दालचीनी, नीम, काली मिर्च, आंवला, शतावर, अदरक, गिलोय, कच्ची हल्दी इस सभी को एक साथ मिला कर व कूट कर इनका मसाला बनाना है, और इसे एक काढ़े या चाय की तरह नियमित तौर पिया जाना है ।
      उन्होंने बताया कि उन्होंने इस बिमारी के इलाज के लिए रिसर्च अक्तूबर, 2019 से पहले ही शुरू कर दी थी और यही कारण है कि अब जाकर इसका इलाज बनकर तैयार हो पाया है । हालांकि उन्होंने कोरोनिल के साथ – साथ श्वासारि वटी को भी सुबह शाम एक – एक गोली लेने को कहा है, जिससे इस बिमारी को ठीक करने में जल्दी सहायता मिलेगी । साथ ही उन्होंने सभी को भस्त्रिका प्राणायाम, कपालभाति एवं अनुलोम विलोम करने का भी नियमित रूप से करने का आग्रह किया है, ताकि इससे सभी के फेफड़े मजबूत हो सकें एवं कोरोना जैसी किसी भी बिमारी से लड़ने में सहायता मिल सके ।
      इससे एक दिन पहले पतंजलि आयुर्वेद के सी.ई.ओ. आचार्य बालकृष्ण ने भी बताया था कि उन्होंने दवाई का क्लीनिकल कंट्रोल के परिणाम भी आने वाले हैं । उन्होंने अपने वैज्ञानिकों की पूरी टीम इस काम पर लगा रखी है और अब परिणाम भी बेहद सुख की सांस देने वाले हैं । उन्होंने रोज के हिसाब से रोगियों का डाटा रखा, उनके सुधार की दर जाँची । उन्होंने सैंकड़ों कोरोना वायरस से ग्रसित रोगियों को पंतजलि आयुर्वेद की दवाई दी और शत प्रतिशत रोगी ठीक भी हुए हैं । 80% रोगी तो 5 – 6 दिनों में ही पूर्णत: स्वस्थ हो गए थे । बाकि गंभीर रोगियों को अधिक से अधिक 14 दिनों में ठीक करने का उन्होंने दावा किया है ।
      सबसे बड़ी बात उन्होंने कही है कि उन्हें पता है कि दुनिया को इस दवाई का सबूत भी देना होगा और इसीलिए वे क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल ही कर रहे हैं और आने वाले 4 से 5 दिनों के भीतर ही वे इसे पूरा कर लेंगे । और इसी के बाद वे पूरी दुनिया को प्रमाणों सहित ही कोरोना का दवा देंगे और भारत व आयुर्वेद का डंका पूरा दुनिया में बजेगा, जिसे सभी को मानना होगा ।
      यदि ऐसा होता है तो यह खबर भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए उत्साहवर्धक होने वाली है क्योंकि अब तक इस बिमारी से पूरी दुनिया में 80 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं और साढ़े चार लाख से अधिक लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है । अकेले भारत में संक्रमित लोगों को संख्या 3 लाख को पार करने वाली है और कई राज्यों में तो हालात बेकाबू हैं । इससे लोगों की जान के साथ – साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान पहुँचा है । लोगों की नौकरियां चली गई हैं और व्यापार पूरी तरह से ठप पड़ा है । ऐसे में आशा यही है कि जब तक इस महामारी के रोकथाम की कोई वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक पतंजलि का कोरोनिल दवा रामबाण बनकर भारत देश के मरीजों का ही नहीं, अपितु पूरे विश्व के मरीजों की ईलाज कर सके और लाखों जाने व अर्थव्यवस्थाएं बचा सकें ।
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femalelawyerfashion · 4 years
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खुशखबरी, कोरोना के इलाज के लिए पहली दवा Rs. 103 में भारत में उपलब्ध । 88 मरीजों को ठीक करने का है रिकॉर्ड ।
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इस समय पूरे विश्व की एक ही सबसे बड़ी समस्या है, वह है चाईनीज वायरस या कोरोना वायरस । इससे निपटने के लिए दुनिया भर में लगातार युद्ध स्तर पर वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया जारी है । लेकिन जब तक वैक्सीन बाजार में आम जन समूह के लिए उपलब्ध नहीं हो जाती, तब तक इस बिमारी से ग्रसित लोगों की जान बचाने के लिए हमें दवाईयों की लगातार जरूरत पड़ेगी । ऐसे में काफी अच्छी खबर यह आई है कि भारतीय बाजार में इस बिमारी से लड़ने के लिए पहली आधाकारिक दवा उपलब्ध हो चुकी है । इसे ग्लेनमार्क फार्मा ने शनिवार 20, जून को लॉंच किया ।
      इस दवा का नाम है फेवीपिरावीर (Favipiravir Fabiflu) फेवी फ्लू है । इसे ग्लेनमार्क फार्मा (Glenmark Pharmaceuticals) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drug Controller General of India) से इसे बनाने और बेचने की स्वीकृति ली थी । ग्लेनमार्क ने कहा है कि फेवी फ्लू नामक यह दवाई कोरोना या कोविड 19 के इलाज में खाने वाली पहली आधिकारिक दवा है । कंपनी के चेयरमैन ग्लेनसलदाहा के अनुसार यह दवा ऐसे समय में आई है, जब भारत में वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है । उन्होंने कहा कि इसकी कीमत 103 रुपये प्रति गोली है और पहले दिन 1800 MG की दवा का सेवन करना चाहिए । उसके बाद 14 दिन तक 800 MG दवा दिन में दो बार लेनी होगी । इसकी सबसे अच्छी खासियत यह है कि यह दवा शुगर और दिल की बिमारियों से ग्रसित मरीजों को भी दी जा सकती है । उन्होंने आगे कहा कि इससे 4 से 5 दिनों के भीतर ही कोरोना वायरस के मरीज़ों में सुधार दिखने लगेगा । यह दवाई अस्पतालों एवं केमिस्ट की दुकानों पर अगले हफ्ते से उपलब्ध होनी शुरू हो जाएगी । इसकी 34 गोलियों वाले एक पत्ते की कीमत होगी 3500 रुपये ।
      वैसे इस दवाई को आधिकारिक स्वीकृति मिलना कोई हैरानी भर कदम नहीं है क्योंकि देशभर में जिन भी अस्पतालों पर कोरोना के मरीजों को ठीक करने के लिए दवाएं दी जा रही हैं, वहाँ फेवीपिरावीर टॉप पर रही है । रोजाना जिन 5 या 6 दवाईयों का नाम बाजार में आता है, उसमें फेवीपिरावीर का नाम हमेशा से रहा है । इस दवाई को सन् 2014 में सबसे पहले ऐवीगन नाम से जापान में बनाया गया था । इस दवा का जेनरिक नाम है ऐवीफवीर ।
      किंतु फिलहाल यह दवा सभी रोगियों के लिए उपलब्ध नहीं है । जिन मरीजों को कोरोना के हल्के या कम लक्षण हैं, उन्हें तो इसके सेवन की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं । लेकिन गंभीर लक्षणों वाले मरीज, जिन्हें वेंटीलेटर की आवश्यकता पड़ सकती है, उन्हें इसके सेवन की सलाह बिलकुल नहीं है । भारत में किसी भी दवाई को अभी तक कोरोना के ईलाज के लिए आधिकारिक तौर पर स्वीकृत नहीं किया गया था, इसीलिए ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने इसे कम लक्षण वाले मरीजो को ही सही, किंतु कहीं तो कोई दवा उपचार में उपलब्ध हो, ऐसा सोचकर इसकी स्वीकृति प्रदान की है ।
      हालांकि मरीजों को इसका सेवन अपनी मर्जी से नहीं करना है । इसे केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही लिया जा सकता है । डॉक्टर पहले मरीज की स्थिति जाँचेगा और वही तय करेगा कि मरीज को इसके सेवन की सलाह दी जा सकती है कि नहीं । इसके साथ ही इस दवा को देते समय डॉक्टर को भी मरीज की पहले सहमति लेनी होगी । वह यह स्पष्ट करेगा कि मरीज की इच्छा इस दवा को लेने में थी, और उसे इसे सेवन में कोई समस्या नहीं होगी ।
      इस दवा का परीक्षण कई देशों में चल रहा है । इसका अबतक का सबसे बड़ा परीक्षण जापान में किया जा चुका है, जहाँ 2200 लोगों को इसका सेवन करने को दिया गया और 88% लोगों में चार दिनों के भीतर ही वायरस से मरीज ठीक होने शुरू हो चुके थे । यही इसकी स्वीकृति का सबसे बड़ा कारण रहा है। इसके अलावा रूस और चीन में भी इसके परीक्षणों के अच्छे नतीजे सामने आए हैं । इन सभी परीक्षणों में 20 से 90 साल तक की आयु वाले लोग शामिल थे ।
    फेवीपिरावीर के 18 से अधिक परीक्षण भारत, अमरीका, कनाडा, इटली, चीन, फ्रांस, यूके अन्य कई देशों में चल रहे हैं । इससे पहले इटली, चीन व बांग्लादेश में इस दवा को आधिकारिक स्वीकृति मिल चुकी है और बांग्लादेश में यह बाजार में बेचने के लिए भी उपलब्ध करवाई जा चुकी है ।
     हर दवा को मरीजों को देने से पहले 6 चरणों के परीक्षणों से इसे गुजरना होता है । फेवीपिरावीर अभी तीसरे चरण यानि क्लीनिकल डेवलपमेंट पर है, किंतु इस चरण के शुरूवाती नतीजे बहुत ही उत्साहवर्धक हैं, इसीलिए भारत में इसकी स्वीकृति मिल चुकी है । साथ ही ग्लेनमार्क को यह भी कहा गया है कि बाजार में उपलब्धता के बाद भी किन मरीजों को यह दी जा रही है और उनके नतीजे क्या हैं, इन बातों का पूरा विवरण रखा जाए व इसके जो बाकि चरण हैं, उन्हें भी विधिपूर्वक पूरा किया जाए ।
      इस दवा को बहुत ही सावधानी से उपयोग में लाना चाहिए क्योंकि इससे कुछ बिमारियां माँ से बच्चे तक जा सकती हैं, इसीलिए गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन की पाबंदी है । फिर भी यह दवा बहुत हद तक कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए बहुत ही कारगर साबित हो सकती है क्योंकि एक और दवाई जोकि आजकल काफी खबरों में हैं, रेमडेसिविर नामक दवाई को इंजेक्शन से दिया जाता है, जबकि फेवीपिरावीर खाने वाली दवाई है तो इसे घर ले जा कर आराम से अस्पताल के माहौल से दूर होकर लिया जा सकता है । साथ ही इसको भारत में ��ी बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है और समय के साथ इसके सस्ते होने की काफी उम्मीदें हैं । इसके अलावा आने वाले दिनों में इसके परिणाम यदि अच्छे आते हैं तो इसे सस्ते दरों पर भारत से निर्यात भी किया जा सकता है ।
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femalelawyerfashion · 4 years
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टिकटॉक समेत इन 52 apps को बताया सुरक्षा ऐजंसियों ने खतरा । जल्दी से हटा कर करें अपना फोन सुरक्षित।
आखिरकार बहुत सी चीनी मोबाईल ऐपों (apps) को भारत सरकार ने फ्लैग कर दिया है । अर्थात बहुत सी चीनी ऐपों के बारे में भारत सरकार ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि या तो इस ऐपों को बहुत ही सावधानी से प्रयोग कीजिए या फिर इन्हें फिलहाल के न ही प्रयोग में लाएं तो ही अच्छा होगा । कुल 52 ऐसी ऐप हैं, जिन्हें सुरक्षा ऐजंसियों की रिपोर्ट पर सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है । इस रिपोर्ट पर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने भी सहमति जताई है । ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि सुरक्षा ऐजंसियों का मानना है कि इन सभी ऐपों का सीधा संबंध चीनी सरकार से है । इसमें आजकल बहुत ज्यादा प्रयोग में लाई जाने वाली जूम ऐप (Zoom App) भी शामिल है, जोकि दफ्तरों व स्कूलों में वीडियो कानफ्रेंसिंग के लिए काम में लाया जा रहा है । हालांकि यह अमरीकी ऐप है, लेकिन इसके सर्वर चीन में हैं । इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में जूम ऐप को बैन करने की पिटीशन भी दायर की जा चुकी है ।
      इसके अलावा बहुत समय से प्रयोग किया जाने वाला ऐप शेयरइट (SHAREit) भी शामिल है । यदि हममें से किसी को भी इन अपने फोन या कंप्यूटर से किसी भी किस्म का डाटा या फाईल अन्य मोबाईल या कंप्यूटर पर भेजना होता है तो शेयरइट एक बहुत आसान व सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ऐप है । इन ऐपों पर यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब भारत और चीन के बीच तनाव अपने चरम पर है और दोनों देशों के बीच युद्ध होने के पूरे आसार हैं । गलवान घाटी में जो चीन ने किया, उसके बाद वैसे भी भारत चुप बैठने वाला नहीं था । जितना चीन ने भारत का नुकसान किया, उससे दुगुना भारत ने भी उनका नुकसान किया है । हालांकि चीन अपने नुकसान के आंकड़े डर के मारे छुपा रहा है । सीमावर्ती इलाकों पर तो भारत ने अपने -गश्त तेज कर दी है और लड़ाकू विमान भी तैनात हो गए हैं, किंतु भारत के भीतर भी जनता की निजता और डाटा को जो खतरा बहुत समय से था, उसके भी पुख्ता इंतजाम करने भारत ने शुरू कर दिए हैं ।                         
      वैसे 1962 का इकलौता युद्ध था, जो चीन ने जीता था । लेकिन उसके बाद से जब भी भारत के साथ चीन का तकरार हुआ है, हर बार चीन ने बुरी तरह मुंह की खाई है । चाहे वह तकरार 1967 की हो, 1975 की या फिर 1989 की, तीनों बार ही चीन पर भारी पड़ा है । और यह बात चीन को भी पता है ।
      शाओमी (Mi – Xiomi) जैसे मोबाईल फोन का भी इस चेतावनी में नाम है । यानि ऐप के अलावा जिस फोन को बहुत से भारतीय आज के दिन प्रयोग कर रहे हैं, उसे भी भारत के लिए बहुत बड़ा खतरा माना गया है । इससे पहले 2014 में शाओमी के बारे में भारतीय वायुसेना ने यह चेतावनी दी थी कि यह कंपनी संदिग्घ है और सारा डाटा वह चीन में रखे सर्वरों में भेज रहा है । हालांकि शाओमी ने बाद में इसमें साफ किया था कि वे सारा डाटा भारतीय सर्वरों पर ही भेज रहा है । इसके अलावा भी अन्य कई बार कंपनी पर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं । यदि किसी को लगता है कि उनका डाटा जैसे फोन के कॉटेंक्ट, फोटो, ईमेल, पासवर्ड आदि बिलकुल भी काम के या ऐसे नहीं हैं कि उनका प्रयोग किया जाए तो वह पूरी तरह गलत है । तेल के ईजाद के बाद से अब एक नई कहावत उभर कर आई है कि ‘डाटा ही अब नया तेल है’ (Data is the new Oil). यानि जिस कपंनी के पास जितना अधिक डाटा होगा, उतना ही अधिक वह उसे बेचकर पैसा कमाएगी और उसका देश उतनी ही अधिक तरक्की करेगा ।
      नीचे उन सभी ऐप की सूची दी गई है, जोकि भारत सरकार व भारत की सुरक्षा ऐजंसियों द्वारा खतरा बताई गई है और उन्हें इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है:-
360 Security,
Tik Tok,
UC Browser,
SHAREit,
WeChat,
Club Factory,
APUS Browser,
Baidu Map,
Baidu Translate,
Beauty Plus,
Bigo Live,
CacheClear,
DU apps studio,
Clash of Kings,
Clean Master – Cheetah,
CM Browser,
DU Battery Saver,
DU Browser,
DU Cleaner,
DU Privacy,
DU Recorder,
ES File Explorer,
Helo, Kwai, LIKE,
Mail Master,
Mi Community,
Mi Store,
Mi Vidoe Call – Xiaomi,
NewsDog,
Parallel Space,
Perfect Corp,
Photo Wonder,
QQ International,
QQ Launcher,
QQ Mail,
QQ Music,
QQ NewsFeed,
QQ Player,
QQ Security Centre,
ROMWE,
SelfieCity,
SHEIN,
UC News,
Vault – Hide,
Vigo Video,
Virus Cleaner (Hi Security Lab),
Viva Video – QU Video Inc,
Weibo,
WeSync,
Wonder Camera,
Xender,
YouCam Makeup
Zoom
      कुछ लोगों का सवाल है कि इस ऐप से भारत को क्या खतरा हो सकता है । इसका उत्तर है कि कि इस समय भारत और चीन का विवाद अपने चरम पर है और यहाँ तक बातें हो रही हैं कि कही इससे तीसरे विश्व युद्ध की शुरूआत ही न हो जाए । जब ऐसी स्थिति होती है तो दोनों देशों की सुरक्षा ऐजंसियाँ जहाँ तक हो सकें हर वो हथकंठा अपनाती हैं, जिससे दुश्मनी देश के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाई जाए और उसे उसी के विरुद्ध इस्तेमाल कर नुकसान पहुँचाया जा सके ।
      हालांकि देश में एक तरफ हमारे सैनिक हरसंभव कोशिश कर देश की रक्षा कर रहे हैं और यहाँ तक की अपनी जान का भी बलिदान कर रहे हैं, लेकिन फिर भी देश में बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता । वे अब भी टिकटॉक पर अपनी वीडियो बना कर खुश हो रहे हैं । देशभक्ति से उनका रत्ती भर भी कुछ लेना – देना नहीं होता । ऐसे लालची और स्वार्थी लोगों के कारण ही सरकार कोई कदम उठाने से पहले कई बार सोचती है । यदि सभी भारतवासी ऐसे गंभीर मसलों पर पार्टी की राजनीति न करके देशहित के बारे में सोचें तो देश पाकिस्तान चीन जैसे देशों से भिड़ने व उनसे पार पाने में अधिक समय नहीं लगाएगा ।
      अत सभी भारतवासियों से अपील है कोरोना वायरस व चीनी हमले के इस दौर में सरकार के साथ एकजुट खड़े रहिए क्योंकि इसी से सीमा पर खड़े फौजियों को दुश्मन के सामने का साहस मिलता है । 
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femalelawyerfashion · 4 years
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चीनी सेना में नहीं रहा दम, अब भिखारी पाकिस्तान और नेपाल के सहारे चीन दे रहा भारत को धमकी ।
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भारत – चीन का विवाद अपने चरम पर है । दोनों देश एक – दूसरे के खिलाफ लगातार नए कदम उठा रहे हैं । ऐसे में भारत ने कई तरह की व्यापारिक पाबंदिया चीन पर लगानी शुरू कर दी हैं । साथ ही तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रख कर युद्ध के लिए तैयारियां शुरू करने का आदेश भी दे दिया गया है । ऐसे में चीन ने भी युद्ध को लेकर ब्यानबाजी तेज कर दी है । जिस तरह गली मोहल्ले की लड़ाई के बाद मार खाने वाला बच्चा भागते हुए अपने दोस्तों को बुलाने की बात कहता है, उसी तरह चीन भी अपनी सेना, जोकि संख्याबल में विश्व में सबसे अधिक है, उसके बारे में बात न करके यह कह रहा है कि यदि उसका भारत के साथ युद्ध होता है तो वे पाकिस्तान और नेपाल उसका साथ देंगे । यह तो भारत को पता है कि चीन ने पाकिस्तान को इसी दिन के लिए पाल पोस रखा है, ताकि एक दिन वे भारत के विरुद्ध उसका इस्तेमाल कर सके । लेकिन नेपाल जिसकी न अपनी कोई हैसियत है और न ही कोई अर्थव्यवस्था और न ही कोई सेना, चीन उसका भी इस्तेमाल भारत के विरुद्ध करने की कोशिश कर रहा है । इस बात से यह साफ पता चलता है कि चीन युद्ध को लेकर किस तरह की तैयारियां कर रहा है । वह अपनी सेना से अधिक पाकिस्तान और नेपाल जैसे देशों के सहारे टिका हुआ है । जबकि भारत से कभी इस बात का बखान नहीं किया कि हमारे साथ अमरीका, जापान, दक्षिण कोरिया, ताईवान, वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश चीन के साथ युद्ध करने के लिए हमेशा से तैयार खड़े हैं ।
      इस बयान ने तो चीन की मीडिया और चीनी सरकार की पोल खुद ही खोल कर रख दी है । चीनी सरकार को यह साफ पता है कि पहाड़ों में लड़ाई लड़ने में उनकी सेना बिलकुल भी सक्षम नहीं है । भारत बहुत सालों से पहाड़ों पर सेना तैनात करता आया है और सियाचिन जैसी विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर भी हमारे सैनिकों ने मोर्चा संभाला हुआ है । इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान के साथ पहले भी कई बार पहाड़ों पर युद्ध लड़ कर खुद को साबित किया है । लेकिन चीन की सेना की ऐसी कोई तैयारी कभी नहीं हुई है । जबकि भारत के वीर सैनिकों ने निहत्ते होकर भी 45 से अधिक चीनी सैनिकों को मार गिराया । इसके अलावा जितने बाकि बचे हुए चीनी सैनिक थे, वे भागने पर मजबूर हो गए । यही कारण है कि चीन की सरकार ने उनके मारे गए सैनिकों की संख्या बताने से साफ इंकार कर दिया है । क्योंकि वे जानते हैं कि यदि वे यह संख्या बताएंगे तो पूरी दुनिया और यहाँ तक की उनकी जनता को भी उनकी असलियत का पता चल जाएगा । फिलहाल तो उन्हें यह समझ में आ गया है कि एक भारतीय सैनिक के बदले पाँच चीनी सैनिक हैं, फिर भी भारत की सेना ही अधिक हावी होती है, इसी कारण से ही चीनी मीडिया और सरकार उल – जलूल बयान दे रही है ।
      यदि पाकिस्तान की बात की जाए तो भारत – चीन के युद्ध के समय भी पाकिस्तान की हिम्मत नहीं हो सकती कि वह अपनी डरपोक सेना को भारत के विरुद्ध उतारे । इसका कारण है कि भारत ने जिस तरह 1962 में चीन के साथ युद्ध में अमरीका को अपने समर्थन में लेकर उससे पाकिस्तान पर दबाव बनवाया था कि वह उस समय भारत पर हमला न करे । और अब तो भारत अमरीका के रिश्ते दुनिया में सबसे गहरे होते जा रहे हैं और दोनों ही हरसंभव सहायता देने को भी तैयार हैं । साथ ही पाकिस्तान एक – एक रुपये के लिए अमरीका से भीख मांगने वाली स्थिति पर है । यदि वह भारत के विरुद्ध कुछ भी बड़ी कार्यवाही की कोशिश करता है तो अमरीका उसे और उसकी जनता को दाने – दाने का मोहताज बना देगा । साथ ही युद्ध लड़कर वे अपना बचा कुचा पैसा भी खो देंगे । तो पता नहीं चीन किस पाकिस्तान के दम पर भारत को खोखली धमकियां दे रहा है ।
      अब यदि बात करें नेपाल की तो नेपाल की सेना पहली बात तो इतनी बड़ी है नहीं कि वे भारत के साथ किसी भी प्रकार का मुकाबला कर सकें । साथ ही कुछ दिन पहले जब नेपाल के प्रधानमंत्री ने अपने सेना प्रमुख को कहा था कि वे भी भारत के सेना प्रमुख के बयान का जवाब दें तो उनके सेना प्रमुख ने यह करने से साफ इंकार कर दिया था । उनका कहना था कि वे दोनों देशों के बीच हो रहे राजनीति के बीच नहीं आना चाहते । असल में इसका कारण है कि उनके सेना प्रमुख ने अपनी सारी पढ़ाई भारत से पूरी की है और वे जानते हैं कि भारत की सरकार और ��नता में नेपालियों को लेकर कोई द्वेष की भावना कभी नहीं रही है । वे स्वयं भी इतने साल भारत में रहने के पश्चात भारत के विरुद्ध नहीं जाना चाहते । वे जानते हैं कि उनकी सरकार चीनी पियादा बनी हुई है और जब अगली सरकार आएगी तो दोनों देशों के बीच के रिश्ते फिर से अच्छे हो जाएंगे । लेकिन फिर भी यदि नेपाल की साम्यवादी सरकार अपनी सेना को भारत के विरुद्ध लड़ने को विवश करती है तो यह उनकी सरकार के लिए ही बुरा होगा । इससे नेपाली सेना या तो सरकार का आदेश मानने से मना कर सकती है या फिर वहां तख्ता पलट भी हो सकता है या वहां की सरकार गिर भी सकती है ।
      इसीलिए चीनी सेना को यह भ्रम अपने मन से निकाल देना चाहिए कि उसके मित्र देश उसकी सहायता के लिए भारत से मोर्चे खोलकर अपना ही बेड़ा गर्क करवा देगी ।
      इस समय मोदी सरकार द्वारा सेना को खुली छूट मिली हुई है और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, दोनों देशों के बीच बिगड़े हालातों पर नजर बनाए हुए हैं । साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री सुब्रिमन्यम जयशंकर भी अपने – अपने मंत्रालयों द्वारा चीन को परास्त करने की रणनीति पर जोरों – शोरों से काम कर रहे हैं । साथ ही सरकार को जनता का समर्थन भी इस समय भरपूर चाहिए ताकि जितना हो सके, अधिक से अधिक चीनी सामानों और उनके मोबाईल ऐपों का सभी बहिष्कार कर उनको वित्तीय चोट पहुँचा सकें ।
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femalelawyerfashion · 4 years
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femalelawyerfashion · 4 years
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femalelawyerfashion · 4 years
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femalelawyerfashion · 4 years
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femalelawyerfashion · 4 years
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