Tumgik
#NationalBusinessMeet
newswave-kota · 1 year
Text
सरहद पार पहुंची राजस्थानी मसालों की खुशबू
Tumblr media
नेशनल स्पाइस बिजनेस मीट-2023: किसानों की आय बढ़ाने के लिये देश में एग्रोनॉमिक्स पर कार्य करना होगा विदेशो में पेस्टिसाइड व फर्टिलाइजर मुक्त मसालों की मांग राजस्थान में जीरा, धनिया, सौंफ, कसूरी मैथी, सरसों की सर्वाधिक पैदावार न्यूजवेव@ जयपुर राजस्थानी एसोसिएशन ऑफ स्पाइसेस (RAS) के तत्वावधान में जयपुर में आयोजित दो दिवसीय नेशनल स्पाइस बिजनेस मीट-2023 में रविवार को देश-विदेश के प्रमुख मसाला उद्यमियों, निर्यातकों एवं व्यवसायियों ने राजस्थान के मसाला उत्पादों की पैदावार, क्वालिटी, प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन, एक्सपोर्ट एवं विपणन पर मंथन किया।
Tumblr media
रास के संस्थापक निदेशक विनीत चौपडा, बनवारी लाल अग्रवाल, राकेश कुमार आटोलिया, श्याम सुंदर जाजू, जोधपुर जीरा मंडी के अध्यक्ष पुरूषोत्तम मूंदड़ा, पीसीके महेश्वरन, लाडेश गोलछा, महावीर गुप्ता ने बताया कि दो दिन में छह सत्रों में देशभर से आये 600 प्रतिनिधियों ने पैनल चर्चा में भाग लिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को  नेशनल स्पाइस मीट-2023 का उद्घाटन किया।
Tumblr media
पैनल चर्चा में ईस्टर्न कॉडिमेंट्स प्रा.लि.,अर्नाकुलम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के.के. मेनन ने कहा कि धनिया, जीरा, सौंफ, मिर्च, सरसों आदि की प्रोसेसिंग कर अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, मिडिल ईस्ट के देशों को एक्सपोर्ट कर रहे हैं। यदि किसानों की पैदावार को सोर्टिंग व क्लिनिंग से उच्च क्वालिटी उत्पाद बनाया जाये तो उनकी आय दो से तीन गुना बढ सकती है। इन देशो में डिमांड बढ़ी
Tumblr media
प्रथम सत्र में ‘एक्सपोर्ट व्यापार-समस्या और समाधान’ पर पैनल चर्चा करते हुये मॉडरेटर मृत्युंजय कुमार झा ने कहा कि राजस्थान से जीरे का निर्यात सीरिया, टर्की, अफगान, ईरान, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, चीन व खाडी के देशो में अधिक हो रहा है। उन्होंने सवाल पूछा कि जीरे में पेस्टिसाइड नहीं डालने पर क्या पैदावार कम होती है। इस पर किरणदीप सिंह स्वानी ने कहा कि सरकार किसानों को इको फ्रेंडली केमिकल्स उपलब्ध करवाये। किसान ग्रीन पेस्टिसाइड्स का प्रयोग कर सकते हैं।
Tumblr media
एफआईएसएस, दुबई के चेयरमैन अश्विन नायक ने बताया कि राजस्थान के जीरे में तुलनात्मक रूप से पेस्टिसाइड का उपयोग कम होता है। जैसलमेर व बाडमेर में गर्मी के कारण जीरे की पैदावार कम होती है। एमएम इंटीनेशनल, मुंबई के निदेशक निमिश बोहरा ने कहा कि प्रदेश की यूनिवर्सिटी के रिसर्च सेंटर में मसाला के बीजों पर अनुसंधान हो। उद्यमी मीतेश पटेल व अपूर्वा पटेल ने अपने सुझाव दिये। पेस्टिसाइड को नियंत्रित करना होगा कोच्ची से एबी मौरी इंडिया प्रा.लि. के निदेशक प्रकाश नम्बूदरि ने कहा कि भारत में सीधे किसानों के साथ मिलकर बेकग्राउंड एग्रीनॉमिक्स करने की जरूरत है। हम एग्री एप से सर्वे कर संभावित पैदावार का अनुमान लगाते हैं। विदेशो में मसालों की ग्रेड पेस्टिसाइड व फर्टिलाइजर जांच से तय होती है। अच्छे दाम के लिये इसे नियंत्रित करना होगा। सरकार कृषि संगठनों के साथ लेकर एफपीओ को प्रोत्साहन देते हुये नई जनरेशन को एग्रीकल्चर से जोडने का कार्य करे। नेपाल के विवेक अग्रवाल ने कहा कि रास ने हमें आवाज उठाने का अवसर दिया है। हमें मसालों के आयात में कस्टम ड्यूटी अधिक होने जैसी कई दिक्कतें आती हैं। प्रदेश में मसाला पैदावार 20 फीसदी कम
Tumblr media
दूसरे सत्र में रास द्वारा कृषि विश्वविद्यालय,जोधपुर के रिसर्च स्कॉलर्स द्वारा किये गये सेटेलाइट सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट को प्रस्तुत किया गया। RMSI के सौरभ जैन ने प्रजेंटेशन में बताया कि 20 जिलों में जीरा, साैंंफ, कसूरी मैथी, सरसों के खेतों में जाकर सेटेलाइट सर्वे किया गया है। इस वर्ष राजस्थान में गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 8519 बीघा भूमि में 19.54 प्रतिशत मसालों की पैदावार कम होने का अनुमान है। हालांकि नवंबर-दिसंबर में बुआई अधिक की गई है लेकिन पैदावार कम हुई है। धनिये की खूशबू व दाने की मांग
Tumblr media
कुंभराज के व्यवसायी सुमित तापडिया ने बताया कि आज देश में 6 लाख मीट्रिक टन धनिये की मांग है। इसकी तुलना में गुजरात से 2.80 लाख मीट्रिक टन, मप्र से 3 लाख मीट्रिक टन, राजस्थान व अन्य राज्यों से 1-1 मीट्रिक टन धनिये की पैदावार हो रही है। कुल मिलाकर 7.8 लाख मीट्रिक टन की अच्छी पैदावार होने से इस वर्ष धनिये के भाव में कुछ गिरावट आ सकती है। प्रदेश के जयपुर, जोधपुर, कोटा, नागौर, मेडता, पाली, भीलवाडा, बिलाडा आदि से बडी संख्या में मसाला व्यवसायी शामिल हुये। Read the full article
0 notes
newswave-kota · 1 year
Text
मसाला उद्यमियों की नेशनल मीट 28 व 29 जनवरी को जयपुर में
Tumblr media
राजस्थान एसोसिएशन ऑफ स्पाइसेस (RAS) द्वारा आयोजित बिजनेस मीट में विभिन्न राज्यों के 600 से अधिक मसाला व्यवसायी भाग लेंगे न्यूजवेव @ जयपुर राजस्थान एसोसिएशन ऑफ स्पाइसेस (RAS) के तत्वावधान में 28 व 29 जनवरी को जयपुर में कूकस स्थित एक रिसोर्ट में दो दिवसीय नेशनल बिजनेस मीट-2023 आयोजित की जायेगी। जिसका उद्घाटन शनिवार सायं 4 बजे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला करेंगे। समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को भी आमंत्रित किया गया है। समारोह में आची मसाला, चेन्नई के चेयरमैन पदम सिंह आईसेक, एमडीएच मसाला, नागौर के निदेशक सुरेश राठी, जेब्स इंटरनेशनल, मुंबई के एमडी भास्कर शाह, गोल्डी मसाले, कानपुर के चेयरमैन सुरेंद्र गुप्ता, शक्ति मसाला, इरोड के ऑनर पीसी दुरैस्वामी, एवरेस्ट मसाला, मुंबई के हेड राजीव शाह एवं भारत मसाला, कटक सहित कई मसाला निर्यातक, व्यवसायी एवं कृषि अनुसंधान अधिकारी भाग लेंगे। रास के संस्थापक निदेशक विनित चौपडा, बनवरी लाल अग्रवाल, जोधपुर जीरा मंडी अध्यक्ष पुरूषोत्तम मूंदडा, पीसीके माहेश्वरन, श्याम सुदर जाजू, लाडेश जैन, महावीर गुप्ता ने एक बैठक में बताया कि नेशनल मीट में विभिन्न राज्यों से प्रमुख मसाला निर्माता, निर्यातक, मिलर्स, व्यवसायी एवं स्पाइस सेवा प्रदाता साझा मंच पर जीरा, धनिया, सौफ, कसूरी मैथी आदि मसाला उत्पादों की वर्तमान पैदावार एवं भविष्य में संभावनाओं तथा प्रदेश की नई कृषि उद्योग नीति पर विशेषज्ञों के साथ पैनल चर्चा की जायेगी। जिससे प्रदेश में नये मसाला उद्योग स्थापित होने की संभावना बढ़ सकती है। मसाला उत्पादन में भारत सबसे अग्रणी देश है। इसी तरह, मसालों की पैदावार में राजस्थान सबसे आगे है। केंद्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र दुर��गापुरा जयपुर के अनुसार, प्रदेश के जालौर में जीरा, ईसबगोल, नागौर में मैथी, बिलाडा में सौंफ, कोटा व बारां में धनिया, सौंफ व लहसुन, जोधपुर में जीरा, मिर्च, नागौर में कसूरी मैथी की खेती बहुतायत से होती है। नागौर जिले की मेडता सिटी में जीरा मंडी, रामगंजमंडी कोटा में धनिया मंडी, सोजत पाली में मेंहदी मंडी प्रसिद्ध है। इन क्षेत्रों से बड़ी संख्या में मसाला व्यवसायी शामिल होंगे। सेटेलाइट सर्वे की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे रास द्वारा तीन राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश व गुजरात के 20 जिलों में होने वाली मसाला पैदावार की वास्तविक स्थिति की पडताल करने के लिये व्यापक सेटेलाइट सर्वे किया जा रहा है। आरएमएसआई, बैंगलुरू के निदेशक कुमार जीत मजूमदार ने बताया कि तीनों प्रदेश के मसाला उत्पादन की वैज्ञानिक सेटेलाइट सर्वे रिपोर्ट को नेशनल बिजनेस मीट में प्रस्तृत किया जायेगा, जिससे व्यवसायियों, निर्यातकों, उद्यमियों एवं किसानों को मांग-आपूर्ति के आधार पर भविष्य की संभावनाओं का पता चल सकेगा। इसमें क्रॉप सर्वे, डाटा और क्रॉप हैल्थ पर विश्लेषण के साथ सार्थक चर्चा की जायेगी। Read the full article
0 notes