अगर काम में ही “राजनीति” दिखाई देगी तो जस्टिस चंद्रचूड़ की ट्रोलिंग होगी ही। मणिपुर पर एक बयान में मोदी के लिए एलर्जी की पराकाष्ठा दिखाई दे गई, फिर पब्लिक प्रतिकार तो होगा ही।
अभी 2 दिन पहले एक दैनिक अख़बार के यूट्यूब चैनल पर उसका पत्रकार तड़प तड़प कर चीख रहा था कि CJI चंद्रचूड़ को सोशल मीडिया में ट्रोल किया जा रहा है और बता रहा था कि लोग उनके लिए कैसी कैसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। वो पत्रकार चीख रहा था कि चंद्रचूड़ ने तो जरूरत के अनुसार हमेशा सख्त कदम उठाए हैं और बंगाल में केंद्रीय बलों को भी पंचायत चुनाव में निगरानी के लिए भेजा।
उस पत्रकार को सबसे बड़ी आपत्ति थी कि किसी ने ट्विटर पर कोर्ट के लिए “सुप्रीम कोठा” लिख दिया जबकि उस पत्रकार को यह नहीं पता ऐसा कहने वाले एक नहीं सैंकड़ों है। अजीत भारती खुलेआम सुप्रीम कोर्ट को “कोठा” कहता है परंतु सितंबर, 2021 में उस पर अवमानना कार्रवाई शुरू करने को AG द्वारा अनुमति देने के बाद भी उस पर सुप्रीम कोर्ट अवमानना की कार्रवाई शुरू नहीं कर रहा।
सोशल मीडिया पर आखिर चंद्रचूड़ की ट्रोलिंग क्यों हो रही है, इस पर स्वयं चंद्रचूड़, उनके साथी जजों और विधिक समुदाय को सोचना होगा। केवल मणिपुर के लिए चंद्रचूड़ ने बयान देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधा निशाने पर लिया जिससे उनकी नरेंद्र मोदी के प्रति एलर्जी की पराकाष्ठा साफ़ नज़र आ रही थी क्योंकि अन्य किसी राज्य के लिए चंद्रचूड़ ने कभी स्वतः संज्ञान नहीं लिया चाहे वहां कैसी भी आग लगती रही हो और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हुआ हो।
राजस्थान बंगाल में हमेशा चंद्रचूड़ शांत रहे। मणिपुर पर बयान देने के बाद बंगाल के पंचायत चुनाव में महिला प्रत्याशी के साथ घिनौना काम किया ममता की पार्टी के लोगों ने। लेकिन चंद्रचूड़ को “गुस्सा” केवल मणिपुर के लिए आया।
चंद्रचूड़ की ट्रोलिंग का एक बड़ा कारण उनकी कश्मीरी हिन्दुओं पर हुई बर्बरता पर खामोश रहना था। जो लोग जांच की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट गए, उन्हें चंद्रचूड़ ने विज्ञापन के लिए काम करने वाले बता दिया और जांच की मांग यह कह कर ठुकरा दी कि 25 साल बाद क्या सबूत मिल सकते हैं। 5 लाख हिन्दुओं और उनकी महिलाओं की पीड़ा के लिए चंद्रचूड़ के दिल में कोई दर्द नहीं था।
आपको मणिपुर पर “गुस्सा” आए तो ठीक है लेकिन लोगों को भी तो आप और आपकी हरकतों पर “गुस्सा” आ सकता है और इसलिए ही आपकी ट्रोलिंग हुई है। आप लखनऊ में दंगा कर सरकार की संपत्ति राख करने वालों का साथ देंगे तो लोग क्या आप पर “गुस्सा” नहीं करेंगे।
“गुस्सा” तो आम जनमानस को उस दिन आया था जो “असहनीय” था जब आपकी कोर्ट के चीफ जस्टिस यूयू ललित समेत 3 जजों की बेंच ने (जिसमें एक महिला भी थी) एक 4 साल की बच्ची के बलात्कारी और हत्यारे की फांसी की सजा 20 वर्ष के कारावास में बदल दी यह कह कर कि “हर पापी का एक भविष्य है”। कोई कल्पना नहीं कर सकता कि लोग इस फैसले पर कितने “गुस्से” में थे वह भी तब, जब फैसला लिखने वाली महिला जज थी।
“गुस्सा” तो चंद्रचूड़ जी उस दिन भी लोगों को बहुत आया था जब आपकी कोर्ट के 2 जजों ने नूपुर शर्मा की आबरू भरी अदालत में तार तार कर दी थी। क्या मिला उन बेशर्म निर्लज्ज जजों को ऐसा करके जो मजे से कोर्ट जाते हैं लेकिन नूपुर को घर में बिठा दिया मगर भगवान शंकर का अपमान करने वाले मौलाना को दोनों जजों ने छुआ तक नहीं।
अभी कुछ दिन पहले दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस नजमी वजीरी ने रिटायर होने के बाद कहा है कि सोशल मीडिया पर लोगों के बोलने से जजों को कोई फर्क नहीं पड़ता। एक बार अपने साथी जजों से पूछ कर देखिए कि क्या अंदर तक हिल नहीं जाते निंदा सुन कर।
इसलिए यदि जजों के बयानों से राजनीति छलकती दिखाई देगी तो ट्रोलिंग तो होगी और उसे जजों को सहना भी होगा।
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पैसे और राजनीतिक जुनून से उमेश पाल बना टैंकर क्लीनर से करोड़पति, 18 साल में प्रॉपर्टी से बनाया करोड़ो का कारोबार
पैसे और राजनीतिक जुनून से उमेश पाल बना टैंकर क्लीनर से करोड़पति, 18 साल में प्रॉपर्टी से बनाया करोड़ो का कारोबार
प्रयागराज -- एक टैंकर क्लीनर का कार्य करने वाले कृष्ण कुमार पाल उर्फ उमेश पाल, अपने राजनीतिक जुनून और पैसे कमाने की चाहत से मौजूदा समय में करोड़ों के मालिक थे। उमेश के पास सफारी, क्रेटा, इनोवा जैसी कई लग्जरी गाड़ियां होने के साथ करोड़ो की सम्पत्ति के मालिक थे। दौलत आने के बाद उमेश पाल का कदम की राजनैतिक की ओर बढ़ने लगा था। वह भी विधायकी चुनाव लड़ने की तैयारी में थे | चुनाव को लेकर उनकी चचेरी बहन विधायक पूजा पाल (राजू पाल की पत्नी) से उनकी नाराजगी भी थी।
बता दें कि धूमनगंज थाना क्षेत्र के जयंतीपुर में रहने वाले उमेश पाल तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे। बड़े भाई पप्पू पाल छोटे भाई रमेश पाल हैं। परिवार में उनकी बूढ़ी मां पत्नी और दो बेटे एवं दो बेटियां हैं। चायल विधायक पूजा पाल के चचेरे भाई उमेश पाल को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या से पहले तक शायद मोहल्ले वाले भी ठीक से नहीं पहचानते थे। तंगहाली और गरीबी में अपने परिवार को चलाने वाले उमेश पाल बचपन में प्रीतम नगर में रहने वाले टैंकर चालक सरदार के साथ क्लीनर का काम करते थे।
आईएमएस में स्कूल ऑफ इंग्लिश लैंग्वेज की शुरुआत
उमेश की कई लोगों से चल रही थी अंदरूनी खुन्नस
राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह बनने और अपहरण में अतीक अहमद एंड गैंग पर नामजद एफआईआर दर्ज कराकर चर्चा में आए उमेश पाल ने उसी समय से अपना रसूख बढ़ाना शुरू कर दिया। वह जमीन के कारोबार में उतर गए |पहले पार्टनरशिप में प्लाटिंग शुरू की, फिर धीरे-धीरे अकेले प्रॉपर्टी का कारोबार करने लगे। कुछ लोगों का कहना है कि प्रॉपर्टी का कारोबार इस समय उमेश पाल का धूमनगंज क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चल रहा था।
इसकी वजह से उनका कई लोगों से तनातनी चल रही थी। सत्ता पक्ष से जुड़े होने की वजह से सीधे उनसे कोई टकरा नहीं रहा था। लेकिन कहीं ना कहीं जमीन का विवाद भी सुलग रहा था। उनके जानने वालों का कहना है कि उमेश पाल ने अपहरण के मामले को खूब भुनाया। उसी के बूते उन्होंने जमीन के कारोबार का बड़ा साम्राज्य स्थापित कर लिया था |जो कहीं ना कहीं व्यवसाय दुश्मनी में भी तब्दील हो रहा था।
विधायक पूजा पाल और उमेश के रिश्ते में आ चुकी थी दरार
पैसा आने के बाद उनकी राजनैतिक महत्वाकांक्षा भी बढ़ने लगी। जिसकी वजह से उनकी चचेरी बहन और चायल से सपा विधायक पूजा पाल के बीच रिश्ते में दूरी भी आ गई।नवाबगंज से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
बसपा विधायक रहे राजू पाल की 2005 में हत्या की गई थी
इलाहाबाद पश्चिमी के बसपा विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को सुलेमसराय में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी पूजा पाल कौशांबी की चायल सीट से सपा की विधायक हैं। राजू पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद व उनके छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उमेश पाल घटना का मुख्य गवाह था। वह राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की सगी बुआ का लड़का था। राजू पाल हत्याकांड की जांच CBI ने की थी। इसमें उमेश पाल मुख्य गवाह थे। यही कारण है कि उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी मिली थी। राजू पाल की पत्नी विधायक पूजा पाल ने भी कई बार आशंका जताई थी कि गवाही को प्रभावित करने के लिए उमेश पाल की हत्या हो सकती है। उमेश पाल ने भी अपनी जान को खतरा बताया था।
हत्याकांड का गवाह बनने के बाद 2006 में हुआ उनका अपहरण
शुरू से ही उमेश पाल की आगे पढ़ने की बहुत तमन्ना थी। पैसे कमाने की उनके अंदर जुनून सवार थी। उमेश पाल के जीवन में बदलाव विधायक और उनके चचेरे बहनोई राजू पाल हत्याकांड के बाद आया। हत्याकांड के मुख्य गवाह बने उमेश पाल का साल 2006 में धूमनगंज के झलवा इलाके से अपहरण कर लिया गया था।
उमेश पाल ने पूर्व सांसद बाहुबली अतीक अहमद, उसके भाई पूर्व विधायक मोहम्मद अशरफ और अन्य पर अपहरण कर चकिया स्थित अपनी कोठी पर ले जाकर पीटने और गवाही न देने का दबाव बनाने का आरोप लगाया था। 24 फरवरी 2023 को इसी प्रकरण की गवाही के लिए उमेश पाल एमपी एमएलए कोर्ट गए थे। वहां से वापस घर पहुंचे थे, तभी उन्हें ��ोली मार दी गई।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत करने वाले उमेश पाल का बचपन भले ही मुफलिसी में बीता हो, लेकिन इस समय वह क्षेत्र के चर्चित शख्सियत में गिने जाते थे। वह फाफामऊ विधानसभा से खुद चुनाव लड़ना चाहते थे। चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने सपा ज्वॉइन की थी।
साल 2022 में सपा छोड़ थामा था बीजेपी का दामन
साल 2017 से 2021 तक खूब प्रचार भी किया था, लेकिन 2022 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का सिराथू में सभा हुआ। इसमें उमेश पाल बीजेपी में शामिल हो गए थे। उनके जानने वालों का कहना है कि चचेरी बहन सपा में और ये बीजेपी में थे। इस वजह से भाई-बहन में रार आ गई थी।
पूजा पाल जहां निवर्तमान विधायक हैं। वहीं, उमेश पाल भविष्य में विधायक की लड़ने की तैयारी कर रहे थे। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि वह राजू पाल हत्याकांड में गवाही देने से भी कतराने लगे थे। सिर्फ अपहरण के मामले में अतीक और अशरफ के खिलाफ मुकदमा लड़ रहे थे।
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Haryana Election : बीरबल की खिचडी बने पंचायत राज चुनाव, डेढ साल से मिल रही है तारिख पर तारिख
Haryana Election : बीरबल की खिचडी बने पंचायत राज चुनाव, डेढ साल से मिल रही है तारिख पर तारिख
हरियाणा: जिसका भय था वहीं हुआ। एक बार फिर हरियाणा में पंचायती राज चुनाव और आगे टल गए हैं। अब दिवाली के बाद 30 नवंबर तक चुनाव होने की उम्मीद है। फरवरी 2021 से तारिख पर तारिख मिलती जा रही है।
सरकार आरक्षित सीटों का ब्योरा मुहैया नहीं करा पाई। इस कारण राज्य चुनाव आयोग ने पूर्व में तय समयावधि के भीतर चुनाव कराने में असमर्थता जताते हुए 30 नवंबर तक का समय मांगा है।
Haryana News: अतिक्रमण पर लगाम कसेगी…
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द्रौपदी मुर्मू का संक्षिप्त जीवन परिचय ~ Draupadi Murmu Biography in Hindi
Draupadi Murmu Biography in Hindi: 18 जुलाई को देश के सर्वोच्च पद के लिए होने वाले चुनाव में आदिवासी समुदाय से सम्बन्ध रखने वाली द्रौपदी मुर्मू को भारतीय जनता पार्टी द्वारा राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। ज्ञात रहे 14वे राष्ट्रपति के रूप में पदभार सँभालने वाले श्री राम नाथ कोविंद जी का कार्यकाल ख़त्म हो रहा है।
भारत के उड़ीसा राज्य में जन्मी द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से सम्बन्ध रखती है, और वह भारत की पहली महिला आदिवासी के रूप में इस पदभार को ग्रहण करेंगी।
आजकल हर कोई द्रोपदी मुर्मू के बारे में जानना चाहता है। आज इस लेख में हम जानने वाले वाले है द्रोपदी मुर्मू के बारे में, जानते उनकी जीवनी और राष्ट्र्पादी पद तक के सफ़र का संघर्ष तक की पूरी कहानी।
द्रौपदी मुर्मू का संक्षिप्त जीवन परिचय : Draupadi Murmu Biography in Hindi
नाम:द्रौपदी मुर्मूजन्म तिथि:20 जून 1958पिता का नाम:बिरंचि नारायण टुडुमाता का नाम:किनगो टुडूपति का नाम:स्व. श्याम चरण मुर्मूजन्म स्थान:मयूरभंज, ओड़िशा, भारतउम्र:64 वर्ष धर्म:हिन्दूजाति:अनुसूचित जनजातिराशि:मीन राशिपेशा:राजनीतिपार्टी:भारतीय जनता पार्टी द्रौपदी मुर्मू का संक्षिप्त जीवन परिचय
द्रौपदी मुर्मू का शैक्षिक जीवन परिचय: Draupadi Murmu Personal Life
प्रारंभिक शिक्षाअज्ञातकॉलेजरमा देवी महिला कॉलेज, भुवनेश्वर, ओडिशाशिक्षाकला स्नातकद्रौपदी मुर्मू का शैक्षिक जीवन परिचय
द्रौपदी मुर्मू का प्रारंभिक जीवन परिचय:
20 जून 1958 को उड़ीसा राज्य के मयुरभंज जिले के बैदापोसी गाँव के एक आदिवासी परिवार में द्रौपदी मुर्मू का जन्म हुआ था। इनके पिता जी नाम बिरंचि नारायण टुडु और माता का नाम किनगो टुडू था। द्रौपदी मुर्मू के पिता और दादा दोनों की ग्राम प्रधान रहे।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के ही स्कूल से शुरू हुई, यह शुरू से पढने में मेधावी थी। पढाई लिखाई के प्रति इनकी रूचि को देखकर इनके पिता ने आगे की पढाई के लिए भुवनेश्वर भेज दिया। जहाँ इन्होने रमा देवी महिला कॉलेज, भुवनेश्वर, ओडिशा से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया।
पढाई पूरी करने के बाद 1983 में ओडिशा सरकार के अंतर्गत सिंचाई विभाग में बतौर जूनियर लिपिक कार्य करना शुरू किया। जिसके बाद सन 1994 में बतौर शिक्षक अरबिंदो इंटीग्रल सेण्टर राइरांगपुर ओड़िसा में बच्चों को शिक्षा देने का कार्य शुरू किया।
द्रौपदी मुर्मू का पारिवारिक जीवन परिचय:
इसी दौरान द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ, जिनसे उनको तीन संताने दो पुत्र और एक पुत्री के रूप में प्राप्त हुई। इनके दोनों बेटों का एक एक्सीडेंट में निधन हो गया और इसके बाद उनके पति श्याम चरण मुर्मू भी पञ्च तत्व में विलीन हो गए। अब उनकी सिर्फ एक बेटी है जिनका नाम इतिश्री मुर्मू है।
द्रौपदी मुर्मू का वैवाहिक जीवन भी बहुत ही कष्ट में बीता, पति और बेटों के ना रहने के बाद भी उनकी दृढ इच्छाशक्ति और कुछ कर गुजरने के जज्बे ने उन्हें हिम्मत नहीं हारने दी, और जीवन पथ में आगे बढ़ने को सदा प्रेरित रही।
द्रौपदी मुर्मू राजनैतिक जीवन परिचय:
- अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय जनता पार्टी के साथ की। सन 1997 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की तरफ से रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में नामांकन किया और जीत हासिल की।
- इसके बाद पार्टी ने इनकी सफलता और लोकप्रियता को देखते हुए इन्हें पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा का उपाध्यक्ष बना दिया।
- भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन सरकार के दौरान आप सन 2000 से 2002 तक कॉमर्स व ट्रांसपोर्ट की स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहीं।
- इसके बाद साल 2002 से 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर काम किया।
- इसके बाद साल में 2004 ओडिशा के रायगंज विधानसभा सीट से विजय हासिल कर विधान सभा में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।
- साल 2015 में आपकी नियुक्ति झारखंड के राज्यपाल के रूप में हुई और साल 2021 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वाहन किया।
- आप झारखंड की पहली महिला गवर्नर के रूप में भी जानी जाती है।
- इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू की पहचान स्वतंत्र भारत की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल के रूप में भी जानी जाती है।
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का सफ़र:
जीवन में कोई भी उपलब्धि बिना त्याग और परिश्रम के नहीं प्राप्त होती है। आरंभिक जीवन से लेकर वैवाहिक जीवन तक का सफ़र द्रौपदी मुर्मू के लिए बहुत ही उतार चढाव वाले रहे। साल 1997 में शुरू हुआ राजनैतिक जीवन 2022 में राष्ट्रपति जैसे पद तक पहुंचा देगा द्रौपदी मुर्मू ने शायद ही कभी इसकी कल्पना की हो।
लेकिन आज यह हकीकत में बदल चूका है। द्रौपदी मुर्मू की भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है और नामांकन के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रस्तावक और राजनाथ सिंह अनुमोदक के रूप में उपस्थित रहे है।
आप देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के रूप में चुनी गयी है जो कि अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्ब्धि है।
इसके पूर्व तक देश के राष्ट्रपति के रूप में हर वर्ग के लोगों ने प्रतिनिधित्व किया है लेकिन आदिवासी के रूप में आप पहली महिला होगी जिन्हें इस पद के लिए चयनित किया गया है।
इन पार्टियों ने दिया है समर्थन:
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति के रूप में उम्मीदवार घोषित करने के बाद देश की तमाम राजनैतिक पार्टियों आपके समर्थन में सामने आये है जो निम्न प्रकार से है।
- ओडिशा की बीजू जनता दल पहले ही मुर्मू को समर्थन की घोषणा कर चुकी है।
- बिहार की राजनैतिक पार्टी LJP (रामविलास) भी मुर्मू के समर्थन की घोषणा कर चुकी है।
- बिहार के ही एक और राजनैतिक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) ने भी द्रौपदी के समर्थन की घोषणा की है।
- मेघालय जनतांत्रिक गठबंधन (MDA) ने भी समर्थन करने की घोषणा की है।
- सिक्किम के मुख्यमंत्री और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।
- महाराष्ट्र की उद्धव शिव सेना ने भी द्रपादी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की है।
द्रपादी मुर्मू के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य:
साल 2007 में ओडिशा विधान सभा ने सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला गवर्नर के रूप में भी जानी जाती है।
वे भारत के राज्य की पूर्णकालिक राज्यपाल बनने वाली पहली जनजातीय महिला भी हैं।
वे भारत की पहली आदिवासी महिला है जिन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन किया है।
यदि द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत जाती है तो वे भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनेंगी।
इसके आलावा जीतने के बाद भारत का सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज होगा।
- भारत के राष्ट्रपति और उनके नाम
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- देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बारे में 10 बड़ी बातें
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महत्वपूर्ण FAQS
द्रौपदी मुर्मू का जन्म कब और कहाँ हुआ था? 20 जून 1958 को मयूरभंज, ओड़िशा, भारत द्रौपदी मुर्मू किस जाति से है? आदिवासी जनजाति द्रौपदी मुर्मू के पिता जी का नाम क्या है? बिरंचि नारायण टुडु द्रौपदी मुर्मू के माता जी का नाम क्या है? किनगो टुडू द्रौपदी मुर्मू पति का नाम क्या है? स्व. श्याम चरण मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल का नाम बताये? द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति का नाम बताओ? द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति है।
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AAP ने वाराणसी, गोरखपुर में एक-एक सीट जीती; AIMIM अपना ग्राफ बढ़ाती है
AAP ने वाराणसी, गोरखपुर में एक-एक सीट जीती; AIMIM अपना ग्राफ बढ़ाती है
अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (AAP) और असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली AIMIM भले ही यूपी पंचायत चुनावों में चमत्कार नहीं कर पाई हो, लेकिन दोनों दलों ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में 2022 से पहले अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। विधानसभा चुनाव।
AAP ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहनगर गोरखपुर में…
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प्रथम चरण में पंचायत चुनाव 2021 71 प्रतिशत मतदान
प्रथम चरण में पंचायत चुनाव 2021 71 प्रतिशत मतदान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
द्वारा प्रकाशित: विकास कुमार
अपडेटेड शुक्र, 16 अप्रैल 2021 12:22 AM IST
सार
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों में गुरुवार को लगभग 71 प्रतिशत मतदान हुआ।
कास्टिंग करने के लिए लाइन में खड़े लोग
– फोटो: अमर उजाला
ख़बर सुनना
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उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बावजूद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाताओं ने गांव की सरकार चुनने…
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UP Zila Panchayat Election: आज जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन, जानिए पूरी जानकारी
UP Zila Panchayat Election: आज जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन, जानिए पूरी जानकारी
यूपी जिला पंचायत चुनाव: उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत चुनाव आज, अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सदस्यता | सुबह 11:00 बजे से 3:00 बजे तक सदस्यता लें और दोपहर 3:00 बजे के बाद सदस्यता की शुरुआत हो जाएगी, सदस्य की सदस्यता मंत्री | >।
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BIG Breaking: यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं स्थगित, 15 मई तक 12वीं तक के स्कूल कॉलेज बंद
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लखनऊ. कोरोना (COVID-19 Infection) के बढ़ते मामले को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने यूपी बोर्ड परीक्षाओं (UP Board Exams 2021) को स्थगित करने का बड़ा फैसला लिया है. अब मई में नई तारीखों पर विचार किया जायेगा. इससे पहले पंचायत चुनाव की वजह से यूपी बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित की गयी थीं. जिसके बाद 8 मई से बोर्ड की परीक्षाओं को कराने का फैसला लिया गया था. लेकिन एक बार फिर…
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पट्टी के चतुर्मुखी विकास और नारी सम्मान हमारी प्राथमिकता होगी: सुनीता
पट्टी के चतुर्मुखी विकास और नारी सम्मान हमारी प्राथमिकता होगी: सुनीता
प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ मुख्यालय से 25 किमी दूर दिलचस्प पट्टी विधान सभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुनीता सिंह पटेल ने “तरुणमित्र”से एक साक्षात्कार में बताया कि जमीनी राजनीति की शुरुआत कर वह तीन बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव अपना दल से लड़ चुकी है।2010-15 तक जिला पंचायत सदस्य रही हैं।2015 के जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में 107 मतों से विजई होने के बावजूद सपा शासन में जबरन हरा दी गई थी।2021 में…
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मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रशासन गांवों के संग अभियान की प्रगति की समीक्षा की गई। इस दौरान मंत्रिपरिषद ने सुशासन के संकल्प के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर, 2021 से चलाए जा रहे इस अभियान की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 33 जिलों की 10 हजार 571 ग्राम पंचायतों में प्रशासन गांवों के संग शिविरों के माध्यम से करीब 10 लाख पट्टों का वितरण कर गांव-ढाणी तक बसे लोगों को बड़ी राहत दी गई है। साथ ही 14 लाख 86 हजार 142 प्रकरणों में राजस्व अभिलेखों का शुद्धिकरण, 11 हजार 354 प्रकरणों में आबादी विस्तार के लिए 18 हजार 200 हैक्टेयर से अधिक राजकीय भूमि का आवंटन, एक लाख 45 हजार 107 प्रकरणों में आपसी सहमति से खाता विभाजन, 14 लाख 99 हजार 154 नामांतरण, 2 लाख 32 हजार 766 प्रकरणों में सीमाज्ञान, 20 हजार 832 मामलों में 28 हजार 517 हैक्टेयर राजकीय प्रयोजनार्थ भूमि का आवंटन किया गया है। अब तक 14 हजार 864 भूमिहीनों को 4 हजार 509 हैक्टेयर भूमि का आवंटन किया जा चुका है।
पेंशन प्रकरणों में एक लाख 73 हजार से अधिक लोग लाभान्वित
शिविरों में 13 हजार 67 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना की किश्त का भुगतान किया गया एवं 3 लाख 45 हजार से अधिक नए जॉबकार्ड जारी किए गए। विधवा, वृद्धजन, विशेष योग्यजन, एकल नारी आदि से संबंधित विभिन्न पेंशन योजनाओं के एक लाख 73 हजार से अधिक प्रकरणों का निस्तारण किया गया। पालनहार योजना के 67 हजार से अधिक प्रकरणों में लोगों को लाभान्वित किया गया। साथ ही 8 लाख 80 हजार से अधिक व्यक्तियों को कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई गई।
बैठक में बताया गया कि आदर्श आचार संहिता के दृष्टिगत अलवर, धौलपुर, उदयपुर एवं प्रतापगढ़ जिलों में 8 नवम्बर से शिविर प्रारंभ हुए जबकि बारां, कोटा, करौली एवं श्रीगंगानगर में चुनाव होने से 24 नवम्बर से स्थगित शिविर अब आगामी 3 जनवरी से प्रारंभ होंगे। अब तक 23 जिलों में सभी शिविरों का आयोजन हो चुका है। सभी जिलों के पंचायत समिति मुख्यालयों में जनवरी एवं फरवरी माह में फोलोअप शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
अभियान में 22 विभागों के माध्यम से एक ही स्थान पर लोगों के काम किए जा रहे हैं। मंत्रिपरिषद् ने शेष शिविरों में भी जन सेवा के संकल्प को साकार करने के लिए इसी भावना के साथ आगे भी काम करने की प्रतिबद्धता पर बल दिया।
कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती के लिए सेवा नियम में संशोधन को मंजूरी
इससे पूर्व राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्थान शैक्षिक (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम-2021 में संशोधन सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। कैबिनेट ने प्रदेश के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षा के अध्यापन के लिए सृजित बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक एवं वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक के पदों की भर्ती के लिए राजस्थान शैक्षिक (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम-2021 में संशोधन की अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन किया है। इस निर्णय से कक्षा 9 से 12 तक की कम्प्यूटर शिक्षा के अध्यापन के लिए शिक्षक उपलब्ध हो सकेंगे।
मंत्रिमंडल ने राज्य कर्मचारियों को राजस्थान सेवा नियमों के अन्तर्गत देय अध्ययन अवकाश के नियमों में संशोधन को स्वीकृति दी है। इस संशोधन से स्थायी कर्मचारी को अध्ययन अवकाश पूर्ण करने के पश्चात अधिवार्षिकी आयु से पूर्व कम से कम 5 वर्ष की राज्य सेवा अनिवार्य रूप से करनी होगी। ऐेसे कर्मचारी जिनके द्वारा 52 वर्ष की आयु पूर्ण की ली गई है, अध्ययन अवकाश के पात्र नहीं होंगे। अध्ययन अवकाश पूर्ण करने के पश्चात 5 वर्ष की सेवा करने के लिए कार्मिक को बॉन्ड भरना होगा। साथ ही, वे अस्थायी कर्मचारी जो न्यूनतम तीन वर्ष की नियमित सेवा पूर्ण नहीं करने के कारण अध्ययन अवकाश के पात्र नहीं हैं, वे भी इस संशोधन से उच्च अध्ययन अवकाश के लिए पात्र हो सकेंगे।
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झिरन्या जनपद में नियुक्त किए 28 सेक्टर अधिकारी।
झिरन्या जनपद में नियुक्त किए 28 सेक्टर अधिकारी।
खरगोन : त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन वर्ष 2021 में जनपद पंचायतों के पंच, सरपंच, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत का चुनाव शांतिपूर्ण निष्पक्ष एवं स्वतंत्र रूप सम्पादित करने के लिए कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने आदेश जारी कर जनपद पंचायत झिरन्या के लिए कुल 28 सेक्टर अधिकारियों को नियुक्त किए है। नियुक्त सेक्टर अधिकारियों को अपने-अपने सेक्टर का भ्रमण कर केन्द्रवार प्रतिवेदन 28 दिसंबर तक संबंधित जनपद…
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पंचायत चुनाव-2021-4 जिलों में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के पहले चरण के लिए मतदान कल
पंचायत चुनाव-2021-4 जिलों में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के पहले चरण के लिए मतदान कल
-पहले चरण में 11 लाख से ज्यादा मतदाता कर सकेंगे मताधिकार का इस्तेमाल-
-मतदान प्रातः 7.30 बजे से सांय 5.30 बजे तक होगा-
-केंद्र, राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार करवाए जाएंगे चुनाव-
जयपुर, 11 दिसम्बर। प्रदेश के बारां, कोटा, श्रीगंगानगर और करौली जिले में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के पहले चरण के लिए रविवार को प्रातः 7.30 बजे से सांय 5.30 बजे तक मतदान…
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MP News: Panchayat Election 2021 का ऐलान, तीन चरणों में होंगे मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव
MP News: Panchayat Election 2021 का ऐलान, तीन चरणों में होंगे मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव
भोपालःHN/ मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) की तारीखों (Panchayat Chunav Date) का ऐलान हो गया है. आज मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग (State election commission) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें निर्वाचन आयोग ने जानकारी देते हुए बताया कि एमपी पंचायत चुनाव के पहले चरण के लिए 13 तारीख को निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन किया जाएगा. 20 दिसंबर तक नामांकन जमा होंगे और 23 दिसंबर तक नाम वापसी और…
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मिस इंडिया 2015 रनर-अप दीक्षा सिंह ने यूपी पंचायत चुनावों में अपना नाम छोड़ दिया
मिस इंडिया 2015 रनर-अप दीक्षा सिंह ने यूपी पंचायत चुनावों में अपना नाम छोड़ दिया
दीक्षा सिंह की फाइल फोटो | चित्र साभार: इंस्टाग्राम
दीक्षा सिंह को पांचवें स्थान से संतोष करना पड़ा और उन्हें विकास के नाम पर केवल 2,000 वोट मिल सके।
न्यूज 18 नई दिल्ली
आखरी अपडेट:03 मई, 2021, 21:22 IST
पर हमें का पालन करें:
बॉलीवुड अभिनेत्री और मिस इंडिया उपविजेता दीक्षा सिंह उत्तर प्रदेश के जौनपुर के वार्ड नंबर 26, बसाखा से चुनाव हार गए हैं। दीक्षा सिंह ने महिला उम्मीदवार के लिए सीट आरक्षित…
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प्रयागराज: पुलिस, पोलिंग पार्टी पर पथराव, तालाब में बैलट बॉक्स
प्रयागराज: पुलिस, पोलिंग पार्टी पर पथराव, तालाब में बैलट बॉक्स
प्रयागराज समाचार: पंचायत चुनाव में वोट डालने के लिए कतार में लगीं महिलाएं।
– फोटो: प्रयागराज
ख़बर सुनना
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सोरांव थाना क्षेत्र के राजापुर कस्बा उर्फ कजियानी गांव में मतदान के दौरान पुलिस व पोलिंग पार्टी पर पथराव हुआ। यहां प्रधान पद के एक प्रत्याशी के पक्ष में फर्जी वोटिंग का शोर मचने पर लोगों ने मतदान केंद्र में घुसकर दो बैलेट बॉक्स उठा लिए और बैलेट बॉक्स को तालाब में फेंक दिया।…
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UP Panchayat Chunav: यूपी के इन 18 जिलों के सभी बैंक अब अगले तीन तक छुट्टी के दिन भी खुलेंगे
UP Panchayat Chunav: यूपी के इन 18 जिलों के सभी बैंक अब अगले तीन तक छुट्टी के दिन भी खुलेंगे
UP Pnchayat Elections- 2021: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को देखते हुए कई जिलों (Districts) के बैंकों को अवकाश (Banks Holiday) वाले दिन भी खोलने के निर्देश मिले हैं.
गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Pnchayat Elections- 2021) को देखते हुए कई जिलों (Districts) के बैंकों को अवकाश (Banks Holiday) वाले दिन भी खोलने के निर्देश मिले हैं.…
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