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#शनि साढ़े साती कुंभ राशि
sngii1726 · 3 months
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शनि साढ़े साती का क्या मतलब होता है? यह कुंभ राशि वालों को कैसे प्रभावित करेगी?
शनि साढ़े साती एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण है जो कुंभ राशि वालों को अपने जीवन में विभिन्न प्रभावों का सामना करना पड़ता है। यह सात वर्षों तक का समय होता है, जब शनि ग्रह कुंभ राशि में होता है और व्यक्ति की जन्म राशि को पार करता है। यह विभिन्न प्रकार के प्रभावों के साथ आता है:
सामाजिक परिवर्तन: यह समय आपको सामाजिक मामलों में परिवर्तन का सामना करने के लिए कहता है, और आपको समाज में नए संबंध बनाने और पुराने को सुधारने की आवश्यकता हो सकती है।
पेशेवर सफलता में चुनौती: पेशेवर क्षेत्र में मेहनत और संघर्ष का समय हो सकता है, लेकिन इसका फल आपको स्थायिता और सफलता के साथ मिलता है।
आर्थिक परिस्थितियाँ: आर्थिक संबंधों में चुनौती आ सकती है, लेकिन यह भी आपको धन के प्रबंधन में सीखने का अवसर प्रदान कर सकता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव: स्वास्थ्य में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यह भी आपको स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
मानसिक स्थिति: मानसिक स्थिति में चुनौती आ सकती है, लेकिन सही दिशा में कार्रवाई करके आप अपनी मानसिक स्थिति को सुधार सकते हैं।
Note :- यदि आपको इस समय में समस्याएं आ रही हैं, तो Kundli Chakra 2022 Professional Software का सहारा ले सकता है जो आपको उचित मार्गदर्शन देगा।
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lokkesari · 1 year
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शनि अमावस्या - मौनी अमावस्या, खास योग में शनि की साढ़े साती- ढैय्या औऱ शनि दोष को कम करने के उपाय करना होगा फलदायी
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शनि अमावस्या - मौनी अमावस्या, खास योग में शनि की साढ़े साती- ढैय्या औऱ शनि दोष को कम करने के उपाय करना होगा फलदायी
पंचांग के अनुसार माघ मास की अमावस्या तिथि 21 जनवरी 2023, शनिवार के दिन पड़ रही है। इसी अमावस्या को शनि अमावस्या के साथ मौनी अमावस्या भी है।
मौनी अमावस्‍या 21 जनवरी को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से आरंभ होगी और जो कि 22 जनवरी को सुबह 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि की मान्‍यता के अनुसार मौनी अमावस्‍या 21 जनवरी को मनाई जाएगी।
मान्यता है कि मौनी अमावस्‍या पर गंगा, यमुनी और शिप्रा जैसी पवित्र नदियों में स्‍नान करन की मान्‍यता है। इस दिन साधू-संत और धार्मिक कार्यों में रुचि रखने वाले प्रयागराज में संगम में डुबकी लगाते हैं। इसके अलावा इस दिन साधु संत मौन व्रत भी धारण करते हैं। स्‍नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्‍य देकर पूजन किया जाता है। इस पूजन से पितरों की आत्‍म‍ा प्रसन्‍न होती है। इसके साथ ही इस दिन जरूरतमंदों को दान भी जरूर करना चाहिए। इस दिन गरम कपड़े, कंबल, फल और अन्‍न का दान करना भी शुभ माना जाता है। इस बार यह अमावस्या शनिवार को होने की वजह से यदि आप शनि से जुड़ी वस्‍तुओं का दान करेंगे तो यह विशेष फल प्रदान करने वाला माना जाएगा।
पंचांग के अनुसार, इस साल माघ माह में पड़ने वाली अमावस्या पर काफी दुर्लभ संयोग बन रहा है।शास्त्रों के अनुसार, इस बार खास संयोग यह है कि 21 जनवरी 2023 को मौनीअमावस्या- शनिश्‍चरी अमावस्‍या पर शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे। इसके साथ ही इस बार शनिश्‍चरी अमावस्‍या पर खप्‍पर योग, चतुरग्रही योग, षडाष्‍टक योग और समसप्‍तक योग रहने से यह बहुत खास मानी जा रही है।
ज्योतिषियों की माने तो जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती व ढैया का प्रभाव है उनके लिए यह अमावस्या बहुत ही लाभ देने वाली होगी। शनिदेव को प्रसन्‍न और प्रायश्चित करने के लिए इस बार की शनिश्‍चरी अमावस्‍या सबसे खास होगी। मान्यता है कि इस दिन शनि की प्रिय वस्‍तुओं का दान करके आप उनकी कृपा के पात्र बन सकते हैं। इस दिन काले कंबल, काले जूते, काले तिल, काली उड़द का दान करना सबसे उत्‍तम माना गया है।
शास्‍त्रों में बताया गया है कि इस दिन सरसों के तेल से शनि महाराज का अभिषेक करने से शनिदेव आपको शुभता प्रदान करते हैं। इसके साथ शनि मंदिर में जाकर दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करें।शनि अमावस्या के दिन स्नान-दान के साथ भगवान शनि की पूजा करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण करने का भी शुभ फल प्राप्त होगा।शनिवार को हनुमान पूजन, शिव पूजन, पीपल वृक्ष पूजा कल्याणकारी होती है।
ज्योतिषिय सलाह संपर्क करे – 9105886840
जाने- आज शनि का कुंभ राशि में होगा प्रवेश, धनु राशि होगी साढ़ेसाती से मुक्त, मिथुन राशि को मिलेगी राहत http://www.lokkesari.com/?p=17889
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित है।लोक केसरी इसकी पुष्टि नहीं करता है।संबंधित जानकारो से सलाह कर ही अमल में लाये।
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Today's Horoscope –
राशिफल की दृष्टि से 13 अगस्त 2022, शनिवार का दिन विशेष है. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. वर्तमान समय में मिथुन, तुला पर ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर साढ़े साती चल रही है. आज का दिन आपके लिए कैसा रहेगा, आइए जानते हैं राशिफल-
मेष राशि (Aries): मेष राशि के जातकों के लिए आज दिन मिलाजुला रहेगा. आपको अपनी सोच में बदलाव लाना होगा, नहीं तो आपकी पुरानी सोच के कारण आपकी संतान भी आपसे नाराज हो सकती है. जो लोग प्रेम विवाह के चक्कर में लगे हैं, उनका विवाह हो सकता है. आपको परिवार में किसी सदस्य के भविष्य से संबंधित निर्णय को वरिष्ठ सदस्यों से पूछ कर ही लेना बेहतर रहेगा, नहीं तो बाद में आपको इसके लिए पछताना पड़ सकता है.
वृषभ राशि (Taurus): वृषभ राशि के जातकों के लिए आज दिन उन्नति दिलाने वाला रहेगा. आप संतान के किसी परीक्षा के परिणाम का यदि इंतजार कर रहे थे, तो वह आ सकता है. सरकारी नौकरी में कार्यरत लोग तरक्की पा सकते हैं, उन्हें महिला मित्रों से सावधान रहने की आवश्यकता है. आपको किसी यात्रा पर जाने से पहले अपने कीमती सामानों की सुरक्षा अवश्य करनी होगी, नहीं तो उनके होने में चोरी होने का भय सता रहा है. परिवार में भजन कीर्तन, पूजा-पाठ आदि का आयोजन हो सकता है, जिसमें परिजनों का आना जाना लगा रहेगा
मिथुन राशि (Gemini): मिथुन राशि के जातकों के लिए आज दिन बेहतर रहेगा, क्योंकि उन्हें अपने मित्रों के साथ घूमने जाने के लिए तुरंत मंजूरी मिल सकती है, लेकिन आपको बाहर के खान-पान में परहेज रखना बेहतर रहेगा, नहीं तो कोई पेट संबंधित समस्या हो सकती है. जो विद्यार्थी किसी नए कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं, तो उनकी इच्छा भी पूरी होगी. आप अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति की वस्तुओं की खरीदारी भी कर सकते हैं.
कर्क राशि (Cancer): कर्क राशि के जातकों के लिए आज दिन चुनौतियों भरा रहेगा. आपको अपने दोस्तों व परिवार के सदस्यों का पूरा साथ मिलेगा, लेकिन कोई विपरीत परिस्थिति आप को तोड़ कर रख देगी, जिसमें आपको अपना धैर्य बनाए रखना होगा, नहीं तो आपका कोई परिजन इसका पूरा फायदा उठा सकता है. जीवन साथी से चल रही अनबन बातचीत से समाप्त होगी, जो लोग नौकरी के साथ-साथ किसी छोटे-मोटे काम में हाथ आजमाना चाहते हैं, तो वह उसमें सफलता हासिल करेंगे.
सिंह राशि (Leo): सिंह राशि के जातकों के लिए आज दिन भागदौड़ भरा रहेगा.आप अपने कुछ रुके हुए कामों को लेकर परेशान रहेंगे और जिनके लिए आपको भागदौड़ करनी होगी, तभी वह पूरे होते दिख रहे हैं. कार्य क्षेत्र में मन मुताबिक लाभ मिलने के कारण आप प्रसन्न रहेंगे, लेकिन जल्दबाजी में आपसे वह कार्य खराब हो सकता है, इसलिए आपको सावधान रहना होगा. संतान आपकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी व आपके द्वारा दिया गया काम समय से पूरा करके देगी. आपके कुछ जूनियर आपकी तरक्की देखकर आपसे ईष्या कर सकते हैं.
कन्या राशि (Virgo): कन्या राशि के जातकों के लिए आज दिन आलस्य से भरा रहेगा.आप अपने बिजनेस में मन मुताबिक लाभ कमाने में कामयाब रहेंगे, लेकिन आप आलस्य के चक्कर में काफी कामों को आगे के लिए टला सकते हैं. जीवनसाथी को कहीं घुमाने फिराने लेकर जाएं, तो अपनी जेब का ख्याल अवश्य रखें. आप अपने किसी मित्र को दावत पर बुला सकते हैं. विदेशों से व्यापार कर रहे लोगों को किसी नए कारोबारी से जुड़ने का मौका मिलेगा. माता पिता की सेवा में दिन का कुछ समय व्यतीत करेंगे .
तुला राशि (Libra): तुला राशि के जातकों के लिए आज दिन प्रभाव व प्रताप में वृद्धि लेकर आएगा. आपको आपके अच्छे कामों से जाना जाएगा. संतान भी बिजनेस में तरक्की कर सकती है, जिसके कारण आपकी उनके कैरियर के प्रति चिंता समाप्त होगी. आपका कोई परिजन आपसे लंबे समय बाद मुलाकात करने आ सकता है. विद्यार्थियों की कोई बहस बाजी अपने सीनियर से हो सकती है. बिजनेस कर रहे लोग उतार-चढ़ाव को लेकर परेशान रहेंगे और किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह मशवरा कर सकते हैं.
वृश्चिक राशि (Scorpio): वृश्चिक राशि के जातकों के लिए आज दिन कुछ कठिनाइयां लेकर आएगा, लेकिन आप अपनी सूझबूझ से उन्हें समय रहते समाप्त करने में सफल रहेंगे. पारिवारिक रिश्तो में कुछ उथल पुथल होगी. ससुराल पक्ष का कोई व्यक्ति आपसे धन उधार मांग सकता है. किसी कानूनी विवाद में आपको अधिकारियों को रिश्वत देनी होगी, तभी वह फाइनल होगा और फैसला आपके पक्ष में आता दिख रहा है. आप यदि किसी मांगलिक उत्सव में सम्मिलित हो, तो वहां किसी से अपने मन की बातों को शेयर ना करें.
धनु राशि (Sagittarius): धनु राशि के जातकों के लिए आज दिन सामान्य रहने वाला है. आप अधिक लाभ कमाने के चक्कर में किसी गलत काम में फंस सकते हैं. कार्य क्षेत्र में भी आप अधिकारियों से डांट खा सक���े हैं, इसलिए आपको खाली बैठकर समय व्यतीत करने से अच्छा है कि आप अपने काम पर ध्यान लगाएं, जो लोग अपने से ज्यादा दूसरों के काम में के बारे में सोचते हैं, वह अपना कोई बड़ा ऑर्डर हाथ से निकाल सकते हैं. माता जी के स्वास्थ्य में अक्समात गिरावट होने के कारण आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
मकर राशि (Capricorn): मकर राशि के जातकों के लिए आज दिन उत्तम रूप से फलदायक रहेगा. राजनीति में आगे बढ़ रहे लोग अपने कार्यों से लोकप्रियता बढाएंगे व आपके जन समर्थन में भी इजाफा होगा. कारोबार कर रहे लोग किसी बड़े निवेश के चक्कर में आकर कहीं गलत धन लगा सकते हैं, लेकिन आपको ऐसा नहीं करना है. आपका आत्म विश्वास बढ़ेगा, जिसे देखकर आपके कुछ शत्रु आपस मे ही लडकर नष्ट हो जाएंगे. आपकी किसी नए वाहन, मकान आदि की खरीदारी की इच्छा भी पूरी होगी.
कुंभ राशि (Aquarius): कुंभ राशि के जातकों के लिए आज का दिन मिश्रित परिणाम लेकर आएगा. आपको व्यवसाय में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत लोग अपनी साख चारों ओर फैलाने में कामयाब रहेंगे. आप किसी धार्मिक आयोजन में सम्मिलित होंगे, जहां आपकी रसूखदार लोगों से मुलाकात होगी, जो लाभदायक रहेगी. नौकरी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे लोगों को अभी कुछ समय और परेशान होना होगा, उसके बाद ही राहत मिलती दिख रही है.
मीन राशि (Pisces): मीन राशि मीन राशि के जातकों के लिए आज का दिन सुखमय रहेगा, उनके कुछ कामों में उतार-चढ़ाव जरूर रहेंगे, लेकिन फिर भी वह प्रसन्न रहेंगे. कार्यक्षेत्र में आपके मित्र के रुप में कुछ शत्रु नए उत्पन्न होंगे, जिनसे सावधान रहने की आवश्यकता है, नहीं तो वह आपकी चुगली लगा सकते हैं. ननिहाल पक्ष से भी आपको धन लाभ मिलता दिख रहा है. यदि आप व्यापार में किसी समस्या को लेकर परेशान हैं, तो उसके लिए आप भाइयों से सलाह मशवरा कर सकते हैं.
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Today's Horoscope!
राशिफल की दृष्टि से 13 अगस्त 2022, शनिवार का दिन विशेष है. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. वर्तमान समय में मिथुन, तुला पर ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर साढ़े साती चल रही है. आज का दिन आपके लिए कैसा रहेगा, आइए जानते हैं राशिफल-
मेष राशि (Aries): मेष राशि के जातकों के लिए आज दिन मिलाजुला रहेगा. आपको अपनी सोच में बदलाव लाना होगा, नहीं तो आपकी पुरानी सोच के कारण आपकी संतान भी आपसे नार��ज हो सकती है. जो लोग प्रेम विवाह के चक्कर में लगे हैं, उनका विवाह हो सकता है. आपको परिवार में किसी सदस्य के भविष्य से संबंधित निर्णय को वरिष्ठ सदस्यों से पूछ कर ही लेना बेहतर रहेगा, नहीं तो बाद में आपको इसके लिए पछताना पड़ सकता है.
वृषभ राशि (Taurus): वृषभ राशि के जातकों के लिए आज दिन उन्नति दिलाने वाला रहेगा. आप संतान के किसी परीक्षा के परिणाम का यदि इंतजार कर रहे थे, तो वह आ सकता है. सरकारी नौकरी में कार्यरत लोग तरक्की पा सकते हैं, उन्हें महिला मित्रों से सावधान रहने की आवश्यकता है. आपको किसी यात्रा पर जाने से पहले अपने कीमती सामानों की सुरक्षा अवश्य करनी होगी, नहीं तो उनके होने में चोरी होने का भय सता रहा है. परिवार में भजन कीर्तन, पूजा-पाठ आदि का आयोजन हो सकता है, जिसमें परिजनों का आना जाना लगा रहेगा
मिथुन राशि (Gemini): मिथुन राशि के जातकों के लिए आज दिन बेहतर रहेगा, क्योंकि उन्हें अपने मित्रों के साथ घूमने जाने के लिए तुरंत मंजूरी मिल सकती है, लेकिन आपको बाहर के खान-पान में परहेज रखना बेहतर रहेगा, नहीं तो कोई पेट संबंधित समस्या हो सकती है. जो विद्यार्थी किसी नए कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं, तो उनकी इच्छा भी पूरी होगी. आप अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति की वस्तुओं की खरीदारी भी कर सकते हैं.
कर्क राशि (Cancer): कर्क राशि के जातकों के लिए आज दिन चुनौतियों भरा रहेगा. आपको अपने दोस्तों व परिवार के सदस्यों का पूरा साथ मिलेगा, लेकिन कोई विपरीत परिस्थिति आप को तोड़ कर रख देगी, जिसमें आपको अपना धैर्य बनाए रखना होगा, नहीं तो आपका कोई परिजन इसका पूरा फायदा उठा सकता है. जीवन साथी से चल रही अनबन बातचीत से समाप्त होगी, जो लोग नौकरी के साथ-साथ किसी छोटे-मोटे काम में हाथ आजमाना चाहते हैं, तो वह उसमें सफलता हासिल करेंगे.
सिंह राशि (Leo): सिंह राशि के जातकों के लिए आज दिन भागदौड़ भरा रहेगा.आप अपने कुछ रुके हुए कामों को लेकर परेशान रहेंगे और जिनके लिए आपको भागदौड़ करनी होगी, तभी वह पूरे होते दिख रहे हैं. कार्य क्षेत्र में मन मुताबिक लाभ मिलने के कारण आप प्रसन्न रहेंगे, लेकिन जल्दबाजी में आपसे वह कार्य खराब हो सकता है, इसलिए आपको सावधान रहना होगा. संतान आपकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी व आपके द्वारा दिया गया काम समय से पूरा करके देगी. आपके कुछ जूनियर आपकी तरक्की देखकर आपसे ईष्या कर सकते हैं.
कन्या राशि (Virgo): कन्या राशि के जातकों के लिए आज दिन आलस्य से भरा रहेगा.आप अपने बिजनेस में मन मुताबिक लाभ कमाने में कामयाब रहेंगे, लेकिन आप आलस्य के चक्कर में काफी कामों को आगे के लिए टला सकते हैं. जीवनसाथी को कहीं घुमाने फिराने लेकर जाएं, तो अपनी जेब का ख्याल अवश्य रखें. आप अपने किसी मित्र को दावत पर बुला सकते हैं. विदेशों से व्यापार कर रहे लोगों को किसी नए कारोबारी से जुड़ने का मौका मिलेगा. माता पिता की सेवा में दिन का कुछ समय व्यतीत करेंगे .
तुला राशि (Libra): तुला राशि के जातकों के लिए आज दिन प्रभाव व प्रताप में वृद्धि लेकर आएगा. आपको आपके अच्छे कामों से जाना जाएगा. संतान भी बिजनेस में तरक्की कर सकती है, जिसके कारण आपकी उनके कैरियर के प्रति चिंता समाप्त होगी. आपका कोई परिजन आपसे लंबे समय बाद मुलाकात करने आ सकता है. विद्यार्थियों की कोई बहस बाजी अपने सीनियर से हो सकती है. बिजनेस कर रहे लोग उतार-चढ़ाव को लेकर परेशान रहेंगे और किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह मशवरा कर सकते हैं.
वृश्चिक राशि (Scorpio): वृश्चिक राशि के जातकों के लिए आज दिन कुछ कठिनाइयां लेकर आएगा, लेकिन आप अपनी सूझबूझ से उन्हें समय रहते समाप्त करने में सफल रहेंगे. पारिवारिक रिश्तो में कुछ उथल पुथल होगी. ससुराल पक्ष का कोई व्यक्ति आपसे धन उधार मांग सकता है. किसी कानूनी विवाद में आपको अधिकारियों को रिश्वत देनी होगी, तभी वह फाइनल होगा और फैसला आपके पक्ष में आता दिख रहा है. आप यदि किसी मांगलिक उत्सव में सम्मिलित हो, तो वहां किसी से अपने मन की बातों को शेयर ना करें.
धनु राशि (Sagittarius): धनु राशि के जातकों के लिए आज दिन सामान्य रहने वाला है. आप अधिक लाभ कमाने के चक्कर में किसी गलत काम में फंस सकते हैं. कार्य क्षेत्र में भी आप अधिकारियों से डांट खा सकते हैं, इसलिए आपको खाली बैठकर समय व्यतीत करने से अच्छा है कि आप अपने काम पर ध्यान लगाएं, जो लोग अपने से ज्यादा दूसरों के काम में के बारे में सोचते हैं, वह अपना कोई बड़ा ऑर्डर हाथ से निकाल सकते हैं. माता जी के स्वास्थ्य में अक्समात गिरावट होने के कारण आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
मकर राशि (Capricorn): मकर राशि के जातकों के लिए आज दिन उत्तम रूप से फलदायक रहेगा. राजनीति में आगे बढ़ रहे लोग अपने कार्यों से लोकप्रियता बढाएंगे व आपके जन समर्थन में भी इजाफा होगा. कारोबार कर रहे लोग किसी बड़े निवेश के चक्कर में आकर कहीं गलत धन लगा सकते हैं, लेकिन आपको ऐसा नहीं करना है. आपका आत्म विश्वास बढ़ेगा, जिसे देखकर आपके कुछ शत्रु आपस मे ही लडकर नष्ट हो जाएंगे. आपकी किसी नए वाहन, मकान आदि की खरीदारी की इच्छा भी पूरी होगी.
कुंभ राशि (Aquarius): कुंभ राशि के जातकों के लिए आज का दिन मिश्रित परिणाम लेकर आएगा. आपको व्यवसाय में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत लोग अपनी साख चारों ओर फैलाने में कामयाब रहेंगे. आप किसी धार्मिक आयोजन में सम्मिलित होंगे, जहां आपकी रसूखदार लोगों से मुलाकात होगी, जो लाभदायक रहेगी. नौकरी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे लोगों को अभी कुछ समय और परेशान होना होगा, उसके बाद ही राहत मिलती दिख रही है.
मीन राशि (Pisces): मीन राशि मीन राशि के जातकों के लिए आज का दिन सुखमय रहेगा, उनके कुछ कामों में उतार-चढ़ाव जरूर रहेंगे, लेकिन फिर भी वह प्रसन्न रहेंगे. कार्यक्षेत्र में आपके मित्र के रुप में कुछ शत्रु नए उत्पन्न होंगे, जिनसे सावधान रहने की आवश्यकता है, नहीं तो वह आपकी चुगली लगा सकते हैं. ननिहाल पक्ष से भी आपको धन लाभ मिलता दिख रहा है. यदि आप व्यापार में किसी समस्या को लेकर परेशान हैं, तो उसके लिए आप भाइयों से सलाह मशवरा कर सकते हैं.
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
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sabkuchgyan · 3 years
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शनि का बृहस्पति राशि पर शुरू होने जा रहा है परिवर्तन, देखें आपकी राशि है या नहीं और क्या होगा असर, पढ़ें उपाय
शनि का बृहस्पति राशि पर शुरू होने जा रहा है परिवर्तन, देखें आपकी राशि है या नहीं और क्या होगा असर, पढ़ें उपाय #Horoscope #Rashifal #Astrology
नई दिल्ली, 2 सितम्बर 2021. शनि वर्तमान में मकर राशि में परिवर्तन कर रहा है, लेकिन वर्ष 2022 से यह कुंभ राशि में परिवर्तन करना शुरू कर देगा। जानिए शनि के राशि परिवर्तन से शनि किस राशि से शुरू होगा। शनि साढ़े साती 2022: शनि की राशि हर ढाई साल में बदलती है। इस प्रकार शनि अपनी राशि लगभग 30 वर्ष में पूर्ण करता है। ज्योतिष के अनुसार शनि को सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। जब…
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smarthulchal · 3 years
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न्याय के देवता शनि महाराज 23 मई तक है बहुत गुस्‍से में,5 राशियों वाले रहें थोड़ा संभलकर
न्याय के देवता शनि महाराज 23 मई तक है बहुत गुस्‍से में,5 राशियों वाले रहें थोड़ा संभलकर
भीलवाडा l न्याय के देवता शनि महाराज 23 मई से मकर राशि में ही वक्री होने जा रहे हैं. इसके बाद 11 अक्टूबर तक ये वक्री अवस्था में रहेंगे, फिर मार्गी होकर गोचर करेंगे. शनि की उल्टी चाल का प्रभाव पांच राशियों पर सर्वाधिक प्रभाव रूप से पड़ सकता है. इनमें मकर और कुंभ शनि की ही राशियां हैं जबकि धनु के मालिक देवगुरु बृहस्पति हैं. वर्तमान में इन तीनों राशियों पर शनि की साढ़े साती चल रही है. ऐसे में इनके…
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mastereeester · 3 years
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आज से शनिदेव की उल्टी चाल शुरू, पड़ेगा राशियों पर बड़ा असर, हो जाएंगे सावधान [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
आज से शनिदेव की उल्टी चाल शुरू, पड़ेगा राशियों पर बड़ा असर, हो जाएंगे सावधान [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
लखनऊ , (Shani vakri chaal )आज दिन शुक्रवार को वक्री होने जा रहे हैं। पंडित शक्ति मिश्रा ने बतायाकि शनि की उल्टी चाल का सबसे ज्यादा प्रभाव धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर पड़ेगा। शास्त्र के अनुसार तीनों ही राशि पर शनि की साढ़े साती भी चल रही है। कहा जाता है कि शनि की वक्री चाल में होने से परेशानियों में बढ़ोतरी हो जाती है। ज्योतिषाचार्य शनि की साढ़ेसाती और शनि ढैय्या से पीड़ित जातकों को शनि की…
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kisansatta · 4 years
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Shani Jayanti 2020: जानिए शनि जयंती पर कैसे करें पूजा
शनि जयंती 22 मई को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, शनि जयंती प्रति वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या को मनाई जाती है। शनि जयंती हिंदू पंचांग के ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस दिन शनिदेव की पूजा की जाती है। विशेषकर शनि की साढ़े साती, शनि की ढ़ैय्या आदि शनि दोष से पीड़ित जातकों के लिये इस दिन का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। शनि राशिचक्र की दसवीं व ग्यारहवी राशि मकर और कुंभ के अधिपति हैं। एक राशि में शनि लगभग 18 महीने तक रहते हैं। शनि का महादशा का काल भी 19 साल का होता है।धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से शनि का महत्वपूर्ण स्थान है। आस्था के दृष्टि से देखें तो शनि को देवता की संज्ञा दी गई है और ज्योतिष में इसे एक क्रूर ग्रह माना गया है।
शनिदेव को भगवान सूर्य और उनकी पत्‍नी छाया की संतान माना जाता है। वैसे तो 9 ग्रहों के परिवार में इन्‍हें सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है। लेकिन असल में शनि न्‍याय और कर्मों के देवता हैं। यदि आप किसी के साथ धोखाधड़ी नहीं करते और किसी पर कोई जुल्म या अत्याचार नहीं करते यानी किसी भी बुरे काम में नहीं हैं तो आपको शनि से घबराने की आवश्‍यकता नहीं है। शनिदेव भले मानुषों का कभी बुरा नहीं करते।शनि जिन्हें कर्मफलदाता माना जाता है। दंडाधिकारी कहा जाता है, न्यायप्रिय माना जाता है। जो अपनी दृष्टि से राजा को भी रंक बना सकते हैं। हिंदू धर्म में शनि देवता भी हैं और नवग्रहों में प्रमुख ग्रह भी जिन्हें ज्योतिषशास्त्र में बहुत अधिक महत्व मिला है। शनिदेव को सूर्य का पुत्र माना जाता है। मान्यता है कि ज्येष्ठ माह की अमावस्या को ही सूर्यदेव एवं छाया (संवर्णा) की संतान के रूप में शनि का जन्म हुआ। आइए जानते हैं शनि जयंती का मुहूर्त और इसके जन्म से जुड़ी महत्वपूर्ण कथा।
शनि जयंती 2020 मुहूर्त-
अमावस्या तिथि आरंभ – 21:35 बजे (21 मई 2020) अमावस्या तिथि समाप्त – 23:07 बजे (22 मई 2020) 
शनि ग्रह के जन्म से जुड़ी कथा-
शनि और सूर्य देव के बीच कट्टर शत्रुता है। जबकि इन दोनों के बीच पिता-पुत्र का संबंध है। सूर्य देव शनि के पिता हैं। सवाल ये है कि पिता-पुत्र का संबंध होने के बावजूद इन दोनों के बीच इतनी गहरी दुश्मनी क्यों है। इसका जवाब हमें पौराणिक कथाओं में मिलता है। कथा कुछ इस प्रकार है-कहते हैं सूर्य देव का विवाह संज्ञा के साथ हुआ था। लेकिन सूर्यदेव का तेज इतना था कि संज्ञा उनके इस तेज को सहन नहीं कर पाती थीं।
समय बीतता गया और धीरे-धीरे संज्ञा सूर्य देव के विशाल तेज को सहन करती गईं। दोनों की वैवस्त मनु, यम और यमी नामक संतानें भी हुईं। लेकिन अब संज्ञा के लिए सूर्य देव का तेज सहना मुश्किल होने लगा। ऐसे में उन्हें एक उपाय सूझा। उपाय था कि संज्ञा अपनी परछाई छाया को सूर्यदेव के पास छोड़ कर चली जाए। संज्ञा ने ऐसा ही किया। इस दौरान सूर्यदेव को भी छाया पर जरा भी संदेह नहीं हुआ। दोनों खुशी-खुशी जीवन व्यतीत करने लगे। दोनों से सावर्ण्य मनु, तपती, भद्रा एवं शनि का जन्म हुआ।
उधर जब शनि छाया के गर्भ में थे तो छाया तपस्यारत रहती थीं और व्रत उपवास भी खूब किया करती थीं। कहते हैं कि उनके अत्यधिक व्रत उपवास करने से शनिदेव का रंग काला हो गया। जब शनि का जन्म हुआ तो सूर्य देव अपनी इस संतान को देखकर हैरान हो गए। उन्होंने शनि के काले रंग को देखकर उसे अपनाने से इंकार कर दिया और छाया पर आरोप लगाया कि यह उनका पुत्र नहीं हो सकता, लाख समझाने पर भी सूर्यदेव नहीं माने। स्वयं और अपनी माता के अपमान के कारण शनि देव सूर्य देव से शत्रु का भाव रखने लगे। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब किसी व्यक्ति कीकुंडली में शनि और सूर्य एक ही भाव में बैठे हों तो उस व्यक्ति के अपने पिता या अपने पुत्र से कटु संबंध रहेंगे। शनि देव भगवान शिव के भक्त हैं। उन्हें न्याय का देवता कहा जाता है।
शनि पूजा की विधि-
शनिदेव की पूजा करने के लिये कुछ अलग नहीं करना होता। इनकी पूजा भी अन्य देवी-देवताओं की तरह ही होती है। शनि जयंती के दिन उपवास भी रखा जाता है। व्रती को प्रात:काल उठने के पश्चात नित्यकर्म से निबटने के पश्चात स्नानादि से स्वच्छ होना चाहिये। इसके पश्चात लकड़ी के एक पाट पर साफ-सुथरे काले रंग के कपड़े को बिछाना चाहिये। कपड़ा नया हो तो बहुत अच्छा अन्यथा साफ अवश्य होना चाहिये। फिर इस पर शनिदेव की प्रतिमा स्थापित करें। यदि प्रतिमा या तस्वीर न भी हो तो एक सुपारी के दोनों और शुद्ध घी व तेल का दीपक जलाये। इसके पश्चात धूप जलाएं। फिर इस स्वरूप को पंचगव्य, पंचामृत, इत्र आदि से स्नान करवायें। सिंदूर, कुमकुम, काजल, अबीर, गुलाल आदि के साथ-साथ नीले या काले फूल शनिदेव को अर्पित करें। इमरती व तेल से बने पदार्थ अर्पित करें। श्री फल के साथ-साथ अन्य फल भी अर्पित कर सकते हैं। पंचोपचार व पूजन की इस प्रक्रिया के बाद शनि मंत्र की एक माला का जाप करें। माला जाप के बाद शनि चालीसा का पाठ करें। फिर शनिदेव की आरती उतार कर पूजा संपन्न करें।
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gd-vashist-blog · 5 years
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जानिए किन लोगो के ऊपर नही होता है, शनि की साढ़े साती का बुरा असर? नक्षत्र मण्डल के ग्रह शनि का गोचर हमेशा हर किसी के लिए अशुभ नहीं होता हैं। कुंडली के दशा के अनुसार कुछ लोगों के लिए शनि की साढ़े साती बहुत ही शुभ होती है। जिन जातकों पर शनि की साढ़े साती शुभ फल देती है उन्हें अपार धन-दौलत, समृद्धि और मान-सम्मान मिलता है। आइए जानते हैं शनि की साढ़े साती किन्हें शुभ फल प्रदान करती हैं। जब जातक की कुंडली में किसी शुभ ग्रह की दशा या महादशा चल रही होती है और उस दौरान शनि की साढ़े साती भी है तो ऐसी दशा में शनि ऐसे लोगो पर अपनी टेढ़ी दृष्टि कम ही डालते हैं। ऐसे लोगों को सफलता जरूर मिलती है लेकिन उसके लिए थोड़ा उन्हें मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है। मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि देव हैं जबकि तुला राशि में शनि उच्च के होते हैं ऐसे में शनि की साढ़े साती होने के बाद भी इन तीन राशियों पर शनि की छाया का असर कम ही होता है। शनि अगर किसी जातक की कुंडली में तीसरे, छठे, आठवें और बारहवें घर में उ���्च हैं तो ऐसे व्यक्ति पर शनि की साढ़े साती होने के बावजूद उन्हें शुभ फल देते हैं। अगर किसी की कुंडली में चंद्रमा मजबूत भाव में बैठा है तो शनि की साढ़े साती के दौरान भी जातक पर कोई ज्यादा बुरा असर नहीं होता। ऐसे व्यक्तियों को लाभ मिलने की संभावना ज्यादा रहती है। For Free Prediction Call Now: 0124-6674671 or whatsapp: 9821599237 *For more information, visit us: www.astroscience.com or www.yesicanchange.com #GdVashist #Astrology #FreePrediction #LalKitab #VashistJyotish #Shanidev #Sadhesati https://www.instagram.com/p/B1IoXQ_Fsxy/?igshid=155bbmhkaouh0
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inhindinews · 4 years
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इस एक राशि पर ढाई साल भारी रहेगा शनि, शुरू हुई साढ़े साती - Shani gochar 2020 shani transit in makar rashi may harm to kumbh rashi tlifd
इस एक राशि पर ढाई साल भारी रहेगा शनि, शुरू हुई साढ़े साती – Shani gochar 2020 shani transit in makar rashi may harm to kumbh rashi tlifd
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शनि (shani transit in makar rashi) हर ढाई साल में अपनी राशि बदल देते हैं. इस प्रकार एक राशि में दोबारा लगभग 30 वर्ष में आ पाते हैं. शनि ने 24 जनवरी को करीब 12 बजे धनु से मकर राशि में प्रवेश किया. मकर शनि की ही मुख्य राशि मानी जाती है. इसलिए शनि का मकर राशि में जाना बेहद शुभ माना जा रहा है, जबकि कुंभ राशि की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. आइए जानते हैं शनि के इस गोचर से साढ़े साती (shani ki…
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moneycontrolnews · 4 years
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24 जनवरी को शनि का राशि परिवर्तन हो गया है। शनि धनु राशि से मकर राशि में पहुंच चुके हैं। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, शनि का राशि परिवर्तन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर कई राशियों को प्रभावित कर रहा है। एक तरफ वृश्चिक से साढ़े साती समाप्त हो गया है। इसके साथ ही कन्या राशि से शनि के ढैय्या खत्म हो गई है। वहीं मकर के लिए मध्य और कुंभ के लिए चढ़ती साढ़े साती का प्रभाव रहेगा। ऐसे में कुछ राशियों पर शनि का असर रहेगा। जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या का असर है, उन्हें शनि दोष की शांति के लिए कुछ उपाय करना चाहिए। आज हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं। माना जाता है कि इन उपायों में एक भी उपाय करने से शनि शांत हो सकते हैं... माना जाता है कि शनिवार के दिन लाल चंदन की माला को अभिमंत्रित कर के पहनने से शनि का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है। शमी वृक्ष की जड़ को अभिमंत्रित करवा कर काले धागे में बांधकर गले या बाजू में धारण करने से भी शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं। मान्यता है कि बिच्छू घास की जड़ को अभिमंत्रित करवा कर काले धागे में धारण करने से भी शनि संबंधी सभी तरह की परेशानियां दूर हो जाती है। इसके अलावे शनिवार के दिन सुबह-सुबह पीपल पर जल चढ़ाने और दीपक लगाने से भी शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं।     माना जाता है कि इन उपायों में से किसी एक उपाय को करने से शनिदेव प्रसन्न रहते हैं और साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव कम हो जाता है। जिन जातकों पर शनि की साढ़े साती और ढैय्या का असर है, उन्हें एक बार इस उपाय को जरूर करना चाहिए। ध्यान रखें कि इस उपाय को करने से पहले एक बार ज्योतिष के जानकार से सलाह अवश्य लें। source https://www.patrika.com/religion-news/if-you-are-troubled-by-shani-wear-this-necklace-5696266/
http://www.poojakamahatva.site/2020/01/blog-post_697.html
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sngii1726 · 4 months
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शनि साढ़े साती का क्या मतलब होता है? यह कुंभ राशि वालों को कैसे प्रभावित करेगी?
शनि साढ़े साती एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण है जो कुंभ राशि वालों को अपने जीवन में विभिन्न प्रभावों का सामना करना पड़ता है। यह सात वर्षों तक का समय होता है, जब शनि ग्रह कुंभ राशि में होता है और व्यक्ति की जन्म राशि को पार करता है। यह विभिन्न प्रकार के प्रभावों के साथ आता है:
सामाजिक परिवर्तन: यह समय आपको सामाजिक मामलों में परिवर्तन का सामना करने के लिए कहता है, और आपको समाज में नए संबंध बनाने और पुराने को सुधारने की आवश्यकता हो सकती है।
पेशेवर सफलता में चुनौती: पेशेवर क्षेत्र में मेहनत और संघर्ष का समय हो सकता है, लेकिन इसका फल आपको स्थायिता और सफलता के साथ मिलता है।
आर्थिक परिस्थितियाँ: आर्थिक संबंधों में चुनौती आ सकती है, लेकिन यह भी आपको धन के प्रबंधन में सीखने का अवसर प्रदान कर सकता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव: स्वास्थ्य में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यह भी आपको स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
मानसिक स्थिति: मानसिक स्थिति में चुनौती आ सकती है, लेकिन सही दिशा में कार्रवाई करके आप अपनी मानसिक स्थिति को सुधार सकते हैं।
Note :- यदि आपको इस समय में समस्याएं आ रही हैं, तो कुंडली चक्र सॉफ्टवेयर का सहारा ले सकता है जो आपको उचित मार्गदर्शन देगा।
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aajkarashifal · 7 years
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इसे रात में खाने से आर्थिक कष्ट का सामना करना पड़ता है?
सद्गुरु स्वामी आनंदजी (आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषीय चिंतक) टिप्स ऑफ द वीक बेल का वृक्ष धन-समृद्धि के लिए अति श्रेष्ठ माना गया है। इस वृक्ष के नीचे गायत्री और लक्ष्मी मंत्र का जप तथा भौतिक समृद्धि की साधना शीघ्र अपेक्षित फल प्रदान करने वाली मानी गयी है, ऐसा शिवपुराण में बताय गया है। ये भी जानें ग्रहों की चाल और उसकी गणना से संबंधित उल्लेख का प्रथम परिचय वेदों में मिलता है। ज्योतिष और खगोल शास्त्र के आरम्भिक सूत्र ऋग्वेद से प्राप्त होते हैं। वहीं से ज्योतिष का प्रथम परिचय मिलता है। ज्योतिष ज्ञान और ग्रह-नक्षत्रों का विस्तृत परिचय वेद से आगे पुराणों की गलियों में भी दिखाई देता है। नारदपुराण, पद्मपुराण, अग्निपुराण, भविष्यपुराण आदि में भी ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं की तस्वीर नजर आती है। प्रश्न: नौकरी पाने के समस्त प्रयास असफल सिद्ध हो गये। पत्नी से वाद-विवाद के कारण घर में अशांति बनी रहती है। क्या करूं। -जन्म तिथि- 28.09.1984, जन्म समय- 22.32, जन्म स्थान- ऊना, हिमाचल प्रदेश। सौरभ उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि वृश्चिक और लग्न मिथुन है। आपके भाग्य के मालिक शनि पंचम भाव में विराजमान हैं। आप की राशि इस समय शनि की साढ़े साती से प्रभावित हैं। आपका शनि उत्तम फल प्रदायक नहीं है। पर आप चिंता हर्गिज न करें। 18 नवम्बर को शनि जब धनु राशि में प्रविष्ट होंगे, आपके कष्टों में मामूली रूप से कमी होगी। और दो वर्षों के बाद जब शनि का प्रवास उनकी स्वयं की राशि मकर में होगा, आप समस्त कष्टों से मुक्ति की ओर अग्रसर होंगे। अपने विचारों को सकारात्मक बनाए रखने के प्रयास से तनाव में कमी होगी। काजल का भूमि प्रवाह, मुख्य द्वार पर संध्याकाल में भात के ऊपर दीप प्रज्जवलन और नेत्रहीन व्यक्तियों की सेवा से लाभ होगा, ऐसा मैं नहीं, मान्यताएं कहती हैं। प्रश्न: क्या मुझे सरकारी नौकरी मिल सकती है। जन्म तिथि- 20.04.1993, जन्म समय- 2.17 AM, जन्म स्थान- शेखपुरा। -दीपिका रानी उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि मीन और लग्न मकर है। आपके कर्म का स्वामी शुक्र पराक्रम भाव में धुरविरोधी वृहस्पति के घर में आसीन होकर करियर में कुछ चुनौतियां प्रस्तुत कर रहे हैं। पर मंगल सुखेश और लाभेश होकर सप्तम भाव में आसीन हैं। लिहाजा यह योग सरकार से कुछ लाभ की स्थिति निर्मित करता है। कुल मिलाकर आपके ग्रह योग सरकारी नौकरी के लिए एक लक्ष्य, पक्का इरादा और कठिन परिश्रम की अनुशंसा कर रहे हैं। प्रश्न: क्या मेरी कुंडली में द्विविवाह का योग है। जन्म तिथि- 17.08.1989, जन्म समय- 11.40AM, जन्म स्थान- रीवा (मप्र)। -अनुराधा श्रीवास्तव उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि कुंभ और लग्न तुला है। आपके पति भाव का स्वामी मंगल लाभ भाव में मित्र सूर्य, और शत्रु बुध के साथ विराज कर आपके दाम्पत्य जीवन में कुछ मामूली चुनौतियां प्रस्तुत कर रहे हैं। वहीं, लग्नेश और अष्टमेश शुक्र व्यय भाव में बैठ कर वैवाहिक संबंध से इतर एक से अधिक भावनात्मक संबंधों की कानाफूसी कर रहे हैं। यदि विवाह से पूर्व के किसी लगाव को अलग कर दिया जाय, तो आपके ग्रह योगों को सीधे सीधे द्विविवाह का संकेत नहीं कहा जा सकता। प्रश्न: क्या रात्रि में दही और चावल खाने से आर्थिक कष्ट विकराल हो जाता है? -प्रिया रंधावा उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि रात्रि में दही और भात के सेवन को कुछ पारंपरिक मान्यताएं आर्थिक तनाव को बढ़ाने वाली मानती हैं। पर इसका कोई प्रामाणिक या वैज्ञानिक आधार नहीं ���ै। प्रश्न: क्या पूजा पाठ या को उपाय हमारी परिस्थितियों में परिवर्तन कर सकते हैं? -सुलोचना लोखंडे उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आध्यात्मिक अवधारणों के अनुसार हम प्रभु का अंश है। निश्चित रूप से हम सब विशिष्ट क्षमताओं और किसी न किसी खास गुण से लबरेज भी हैं। प्रयास, उद्यम या उपायों द्वारा स्वयं की असीम क्षमता को पहचान लेने से अवश्य हमारे जीवन में बदलाव अवश्य संभव है। पर कोई उपाय हमारे बदले में हमारा भाग्य बदल देगा, ये सोच बेमानी है। उपासना अपनी आंतरिक ऊर्जा को सक्रिय करने की तकनीक है। जिससे परिस्थितियों का सामना करने के लिए मानसिक और आंतरिक क्षमता ज़रूर हासिल की जा सकती हैं। उपाय भी हमारे भीतर समाहित होकर कमोबेश यही कार्य करते हैं। सनद रहे, अपनी योग्यता में इजाफा करके कर्म की अग्रसर होने से बड़ा कोई उपाय नहीं है। मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट। http://dlvr.it/Pm8qBV
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manishsai-blog · 7 years
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शनि के अच्छे या बुरे प्रभाव- मनीष साईं
🚩🚩शनि आपका दे रहा है अनिष्टकारी प्रभाव, बचने के लिए उपाय करें : मनीष साईं🚩🚩 संपर्क-09617950498 whatsapp नंबर 07000632297 🔶शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभावों को खत्म करने के लिए इस लेख में है महत्पूर्ण उपाय..... ज्योतिष शास्त्र की बात आती है तो सबसे पहले जातक ज्योतिषी से पूछता है कि पंडित जी बताइए कुंडली में मंगल एवं शनि की क्या स्थिति है। यह बात देखने में आती है कि शनि ऐसा ग्रह है, जिसके प्रति सभी को डर सदैव बना रहता है। आप जानना चाहते हैं कि कुंडली में शनि किस भाव में है, इससे आपके पूरे जीवन की दिशा, सुख, दुख आदि सभी बात निर्धारित हो जाती है।शनि ग्रह को कष्टप्रदाता तथा नुकसानदायक ग्रह के रूप में अधिक जाना जाता है। ज्योतिष में शनि को अशुभ ग्रह माना गया है। शनि कुंडली के 6, 8, 12 भावों का कारक है। अगर व्यक्ति धार्मिक हो, उसके कर्म अच्छे हों वह जीवन को सेवा का मार्ग मानता है तो शनि से उसे अनिष्ट फल कभी नहीं देगा। शनि से बुरे,लालची, पापी एवं अनिष्टकारी को ही दंड देता हैं। प्रमुख ग्रंथ मत्स्य पुराण के अनुसार शनि की कांति इंद्रनीलमणि जैसी है। कौआ उसका वाहन है। उसके हाथों में धनुष बाण, त्रिशूल और वरमुद्रा हैं। शनि का विकराल रूप भयानक है। वह पापियों के संहार के लिए तत्पर रहता है। ज्योतिष शास्त्रों में वर्णन है कि शनि वृद्ध, तीक्ष्ण, आलसी, वायु प्रधान, नपुंसक, तमोगुणी और पुरुष प्रधान ग्रह है। इसका वाहन गिद्ध है। शनिवार इसका दिन है। स्वाद कसैला तथा प्रिय वस्तु लोहा है। शनि राजदूत, सेवक, पैर के दर्द तथा कानून और शिल्प, दर्शन, तंत्र, मंत्र और यंत्र विद्याओं का कारक है। ऊसर भूमि इसका वासस्थान है। इसका रंग काला है। यह जातक के स्नायु तंत्र को प्रभावित करता है। यह मकर और कुंभ राशियों का स्वामी तथा मृत्यु का देवता है। यह ब्रह्म ज्ञान का भी कारक है, इसीलिए शनि प्रधान लोग संन्यास ग्रहण कर लेते हैं। शनि सूर्य का पुत्र है। इसकी माता छाया एवं मित्र राहु और बुध हैं। शनि के दोष को राहु और बुध दूर करते हैं। शनि दंडाधिकारी भी है। यही कार��� है कि यह साढ़े साती के विभिन्न चरणों में जातक को कर्मानुकूल फल देकर उसकी उन्नति व समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। कृषक, मजदूर एवं न्याय विभाग पर भी शनि का अधिकार होता है। जब गोचर में शनि बली होता है तो इससे संबद्ध लोगों की उन्नति होती है। शनि भाव 3, 6,10, या 11 में शुभ प्रभाव प्रदान करता है। प्रथम, द्वितीय, पंचम या सप्तम भाव में हो तो अरिष्टकर होता है। चतुर्थ, अष्टम या द्वादश भाव में होने पर प्रबल अरिष्टकारक होता है। यदि जातक का जन्म शुक्ल पक्ष की रात्रि में हुआ हो और उस समय शनि वक्री रहा हो तो शनि भाव बलवान होने के कारण शुभ फल प्रदान करता है। शनि सूर्य के साथ 15 अंश के भीतर रहने पर अधिक बलवान होता है। शनि कुंडली के अनुसार 36 एवं 42 वर्ष की उम्र में अति बलवान होकर शुभ फल प्रदान करता है। उक्त अवधि में शनि की महादशा एवं अंतर्दशा कल्याणकारी होती है। हजारों लाखो लोग शनि की साढ़ेसाती एवं ढैया से बहुत परेशान हैं, उन्हें उपाय समझ में नहीं आते हैं क्योंकि अलग-अलग ज्योतिष अपनी व्याख्या के अनुसार उन्हें समझाइश देते हैं वह कंफ्यूज हो जाते हैं ऐसे में वह क्या करें क्या नहीं मेरे इस लेख को पढ़कर वह अपने जीवन में इस कठिनाई से दूर हो सकते हैं इस लेख में शनि के मंत्र ,शनि चालीसा, शनि का 12 भावो में उपचार के निवारण, शनि किसके लिए बुरा है, शनि किसके लिए अच्छा है ,सब कुछ में प्रस्तुत कर रहा हूं यदि इसके बावजूद आप परेशान हैं कुछ रास्ता समझ में नहीं आ रहा है तो आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं। 🔶शनि की साढ़े साती का जीवन पर प्रभाव कैसे जाने? शनि की साढेसाती में शनि तीन राशियों पर गोचरवश परिभ्रमण करता है। तीन राशियों पर शनि के गोचर को साढेसाती कहते हैं। जब शनि जन्‍म या लग्‍न राशि से बारहवें, पहले व दूसरे हो तो शनि की साढ़े साती होती है। यदि शनि चौथे या आठवें हो तो शनि की ढैया होती है। तीन राशिओं के परिभ्रमण में शनि को साढे़ सात वर्ष लगते हैं। ढाई-ढाई वर्ष के तीन चरण में शनि भिन्‍न-भिन्‍न फल देता है। शनि की साढेसाती चल रही है यह सुनते ही लोग भयभीत हो उठते हैं और मानसिक तनाव में आ जाते हैं। ऐसे में उसके मन में आने वाले समय में होने वाली घटनाओं को लेकर तरह-तरह के विचार कौंधने लगते है। शनि की साढेसाती को लेकर परेशान न हों, शनि आपको अनुभवी बनाता है। 🔷शनि के तीन चरणों का प्रभाव किन राशियों में जानिए.... साढेसाती के विभिन्‍न चरणों का फल- तीनों चरणों हेतु शनि की साढेसाती निम्न रुप से प्रभाव डाल सकती है- 🔸प्रथम चरण - वृ्षभ, सिंह, धनु राशियों के लिये कष्टकारी होता है। 🔸 दूसरा चरण - मेष, कर्क, सिंह, वृ्श्चिक, मकर राशियों के लिये प्रतिकूल होता है। 🔸अन्तिम चरण- मिथुन, कर्क, तुला, वृ्श्चिक, मीन राशि के लिये कष्टकारी माना जाता है।🔸आपकी कुंडली में शनि बुरा है या अच्छा यह कैसे जाने..??? श्री मनीष साईं जी के अनुसार शनि के प्रभाव, गुण-दोष और साढ़े साती के विषय में…समझाने का एक प्रयास उपाय सहित —- लोग बेवजह भयभीत हो उठते हैं कि शनिदेव न जाने क्या गजब ढाएगे? जिन लोगों की कुण्डली नहीं बनी होती उनके लिए यह बड़ा प्रश्न होता है कि शनि बुरा है या अच्छा यह कैसे जाने… मेरे आश्रम के नंबरों पर हर बार ये प्रश्न सामने आता है कि हमारी कुंडली सही नहीं है और हम बहुत परेशानियों का सामना कर रहे हैं कहीं ऐसा तो नहीं हमारा शनि खराब है। मेरे द्वारा उन्हें बताया जाता है कि शनि की प्रतिकूल अवस्था हमारी निदचर्या को भी प्रभावित करती है, जिसे नोट करके जाना जा सकता है कि कही शनि प्रतिकूल तो नहीं। (1) यदि शरीर में हमेशा थकान व आलस भरा लगने लगे। (2) नहाने-धोने से अरूचि होने लगे या नहाने का वक्त ही न मिले। (3) नए कपड़े खरीदने या पहनने का मौका न मिले। (4) नए कपड़े व जूते जल्दी-जल्दी फटने लगे। (5) घर में तेल, राई, दाले फैलने लगे या नुकसान होने लगे। (6) अलमारी हमेशा अव्यवस्थित होने लगे। (7) भोजन से बिना कारण अरूचि होने लगें (8) सिर व पिंडलियों में, कमर में दर्द बना रहे। (9) परिवार में पिता से अनबन होने लगे। (10) पढ़ने-लिखने से, लोगों से मिलने से उकताहट होने लगे, चिड़चिड़ाहट होने लगे। 🚩शनि की साढ़े साती ज्योतिष शास्त्र के नियम अनुसार सभी ग्रह गोचरवश एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते हैं शनि ग्रह भी इस नियम का पालन करता है। शनि जब आपके लग्न से बारहवीं राशि में प्रवेश करता है तो उस विशेष राशि से अगली दो राशि में गुजरते हुए अपनासमय चक्र पूरा करता है। यह समय चक्र साढ़े सात वर्ष का होता हैंज्योतिषशास्त्- में इसे ही साढ़े साती के नाम से जाना जाता है।शनि कीगति चुंकि मंद होती है अत: एक राशि को पार करने में इसे ढ़ाई वर्ष का समयलगता है । उदाहरण के तौरपर देखें तो माना लीजिए आपके लग्न से बारहवीं राशि है मेष है तो इस राशिमें जब शनि प्रवेश करेगा तब क्रमश: वृष और मिथुन तीन राशियों से गुजरेगाऔर अपना समय चक्र पूरा करेगा।साढ़े साती के शुरू होने को लेकरकई मान्यताएं हैं। प्राचीन मान्यता के अनुसार जिस दिन शनि का गोचर किसी विशेष राशि में होता है उस दिन से शनि की साढ़े साती शुरू हो जाती है। यह मान्यता हलांकि तर्क संगत नहीं है फिर भी प्राचीन होने के कारण व्यवहार में है।इसी संदर्भ में एक मान्यता यह भी है कि शनि गोचर में जन्म राशि से बारहवें राशि में प्रवेश करता है तब साढ़े साती की दशा शुरू हो जाती है और जब शनिजन्म से दूसरे स्थान को पार कर जाता है तब इसकी दशा से मुक्ति मिल जातीहै।तर्क के आधार पर ज्योतिषशास्त्री शनि के आरम्भ और समाप्ति को लेकर एक गणितीय विधि का हवाला देते हैं। इस विधि में साढ़े साती के शुरू होने के समय और समाप्ति के वक्त का ज़ायज़ा लेने के लिए चन्द्रमा के स्पष्ट अंशों की आवश्यकता होती है। चन्द्रमा को इस विधि में केन्द्र बिन्दुमान लिया जाता है। चुंकि साढ़े साती के दौरान शनि तीन राशियों से गुजरता है।अत: तीनों राशियों के अंशों को जोड़ कर दो भागों में विभाजित कर लिया जाता है। इस प्रक्रिया मेंचन्द्र से दोनों तरफ अंश अंश की दूरी बनती है। शनि जबइस अंश के आरम्भ बिन्दु पर पहुचता है तब साढ़े साती का आरम्भ माना जाता है और जब अंतिम सिरे को अर्थात अंश को पार कर जाता है तब इसका अंत माना जाता है।शनि की साढ़े साती की शुरूआत को लेकर जहां कई तरह की विचार धाराए मिलती हैं वहीं इसके प्रभाव को लेकर भी हमारे मन में भ्रम और कपोल कल्पित विचारों का ताना बाना बुना रहता है। लोग यह सोच कर ही घबरा जाते हैं कि शनि की साढ़े साती आज शुरू हो गयी तो आज से भी कष्ट और परेशानियों कीशुरूआत होने वाली है। ज्योतिषशास्त्री कहते हैं जो लोग ऐसा सोचते हैं वे अकारण ही भयभीत होते हैं वास्तव में अलग अलग राशियों के व्यक्तियों परशनि का प्रभाव अलग अलग होता है । कुछ व्यक्तियों को साढ़े साती शुरू होते ही कुछ समय पहले ही इसके संकेत मिल जाते हैं और साढ़े साती समाप्त होने से पूर्व ही कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और कुछ लोगों को देर से शनि काप्रभाव देखने को मिलता है और साढ़े साती समाप्त होन के कुछ समय बाद तक इसके प्रभाव से दो चार होना पड़ता है अत: आपको इस विषय में घबराने की आवश्यकता नहीं है।अंत में एक छोटी किन्तु महत्वपूर्ण बात यह कहूंगा कि साढ़े साती के संदर्भ में व्यक्ति के जन्म चन्द्र से द्वादश स्थान का विशेष महत्व है। इस स्थान का महत्व अधिक होने का कारण यह है कि द्वादश स्थान चन्द्र रशि से काफी निकट होता है। ज्योतिष शास्त्रों में द्वादश स्थान से काल पुरूष के पैरों का विश्लेषण किया जाता है तो दूसरी ओरबुद्धि पर भी इसका प्रभाव होता है। शनि के प्रभाव से बुद्धि प्रभावित होती है और हम अपनी सोच व बुद्धि पर नियंत्रण नहीं रख पाते हें जिसके कारण ग़लतकदम उठा लेते हैं और हमें कष्ट व परेशानी से गुजरना होता है। हमें याद रखना चाहिए कि साढ़े साती के दौरान मन और बुद्धि के सभी दरवाजे़ व खिड़कियां खोल देनी चाहिए और शांत चित्त होकर कोई भी काम और निर्णय लेना चाहिए। 🚩शनि की साढ़े साती शुभ भी... शनि देव जब लाभ पहुंचाते हैं तो इतना लाभ पहुंचाते हैं कि लोगों से धन संभाले नहीं संभलता किंतु शनि की ढईया और साढ़े साती का नाम सुनकर व्यक्ति के होश उड़ जाते हैं। लोगों के मन में बैठे शनि देव के भय का लुटेरे ज्योतिषी नाज़ायज लाभ उठाते हैं। प्राचीन ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शनि सभी व्यक्ति के लिए कष्टकारी नहीं होते हैं। शनि की दशा के दौरान बहुत से लोगों को अपेक्षा से बढ़कर लाभ सम्मान व वैभव की प्राप्ति होती है।कुछ लोगों को शनि की इस दशा के दौरान काफी परेशानी एवं कष्ट का सामना करना होता है। देखा जाय तो शनि केवल कष्ट ही नहीं देते बल्कि शुभ और लाभ भीप्रदान करते हैं। शनि का प्रभाव सभी व्यक्ति पर उनकी राशि कुण्डली में वर्तमान विभिन्न तत्वों व कर्म पर निर्भर करता है अत: शनि के प्रभाव को लेकर आपको भयग्रस्त होने की जरूरत नहीं है।शनि किसी के लिए कष्टकर और किसी के लिए सुखकारी तो किसी को मिश्रित फल देने वाला होता है। ज्योतिष संबंधी हमारे शास्त्र बताते हैं यह ज्योतिष का गूढ़ विषय है जिसका उत्तर कुण्डली में ढूंढा जा सकता है। साढ़े साती के प्रभाव के लिए कुण्डली में लग्न व लग्नेश की स्थिति के साथ ही शनि और चन्द्र की स्थिति पर भी विचार किया जाता है। शनि की दशा के समय चन्द्रमा की स्थिति बहुत मायने रखती है। चन्द्रमा अगर उच्च राशि में होता है तो आपमें अधिक सहन शक्ति आ जाती है और आपकी कार्य क्षमता बढ़ जाती है जबकि कमज़ोर व नीच का चन्द्र आपकी सहनशीलता को कम कर देता है व आपका मन काम में नहीं लगता है जिससे आपकी परेशानी और बढ़ जाती है।जन्म कुण्डली में चन्द्रमा की स्थिति का आंकलन करने के साथ ही शनि की स्थिति का आंकलन भी जरूरी होता है। किसी जातक के पास अपना जन्म समय जन्म स्थान एवं जन्म दिनांक नहीं है तो मैंने जो शनि नुकसानदायक है या लाभदायक है इस लेख में वर्णित किया है उसे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आप पर उसका प्रभाव है या नहीं यदि प्रभाव है तो निम्नलिखित सामान्य उपाय मैं आपको बता रहा हूं यह करने से आप को लाभ होगा। 🔶शनि ग्रह दोष निवारण के सामान्य उपाय 🔶 शनिवार को पीपल के वृक्ष के चारों ओर सात बार कच्चा सूत लपेटे और यह क्रिया करते समय शनि के किसी भी एक मंत्र का जप करते रहें इसके बाद वृक्ष का धूप दीप से पूजन करें ध्यान रहे जब पूजा करें उस दिन बिना नमक का भोजन करें। 🔹शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव के कारण शरीर पर चर्म रोग हो जाये शनिवार के दिन बिछुआ की जड़ को बाजू में बांधने से आपकी आशा के अनुरूप लाभ होता है। 🔹नीलम को शनि कारक माना जाता है इसका प्रभाव क्योंकि तत्काल प्रारंभ हो जाता है इसे धारण करते समय सावधानी रखें प्रत्येक शनिवार को वोट और पीपल के वृक्ष के नीचे सूर्योदय से पहले कड़वे तेल का दीपक जलाकर कच्चा दूध अर्पित करें शन��देव जरुर पसंद होंगे। 🔹 ब्लैक से बना शनि शांति यंत्र घर में स्थापित करें और नित्य शनि मंत्र का जाप करें। 🔹कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलाएं । 🔹तेल में अपना मुख देख वह तेल दान करें । 🔹लोहा, काला उड़द ,चमड़ा, काला सरसों आदि दान दें । 🔹भगवान शिव की आराधना करें । 🔹यदि कुंडली में शनि लग्न में हो तो भिखारी को तांबे का सिक्का या बर्तन कभी ना दें यदि देंगे तो पुत्र को कष्ट होगा। 🔹यदि शनि आयु भाव में स्थित हो तो धर्मशाला आदि न बनवाएं। 🚩🚩कुंडली के अनुसार शनि किस भाव में है उसके अनुसार निम्नलिखित उपाय इस प्रकार हैं।🚩🚩 🔶प्रथम भाव में शनि के उपाय 🔶 🔹शनिवार के दिन न तो तेल लगाएं और नहीं तेल खाएं । 🔹तांबे के बने हुए चार सांप शनिवार के दिन नदी में प्रवाहित करें । 🔹भगवान शनि देव हनुमान जी के मंदिर में जा कर यह प्रार्थना करें कि प्रभु हमसे जो पाप हुए हैं उनके लिए हमें क्षमा करें हमारा कल्याण करो । 🔹अपने ललाट पर प्रतिदिन दूध अथवा दही का तिलक लगाएं । 🔹जब भी आपको समय मिले शनि दोष निवारण मंत्र का जाप करें शनि शांति यंत्र की पूजा अर्चना करें और एक माला शनि मंत्र की जपे। 🔶द्वितीय भाव में शनि के उपाय 🔶 🔹शनिवार के दिन किसी तालाब नदी में मछलियों को आटा डाले। 🔹 रात्रि में सोते समय दूध का सेवन ना करें । शनिवार के दिन सिर पर तेल न लगाएं । 🔹सांपों को दूध पिलाएं । 🔹शराब का त्याग करें और मांसाहार भी ना करें। 🔹2 रंग वाली गाय कभी भी ना पाले । 🔹शनिवार को कड़वे तेल का दान करें । 🔹शनिवार के दिन किसी तालाब नदी में मछलियों को आटा डाले 🔹रात्रि में सोते समय दूध का सेवन ना करें । 🔶तृतीय भाव में शनि के उपाय🔶 🔹रोज शनि चालीसा पढे तथा दूसरों को भी शनि चालीसा भेंट करें । 🔹गले में शनि यंत्र धारण करें। 🔹मकान के आखिर में एक अंधेरा कमरा बनवाएं । 🔹आपके घर का मुख्य दरवाजा यदि दक्षिण दिशा की ओर है तो उसे बंद करवा दें । 🔹घर के अंदर कभी भी हैंडपंप न लगवाएं । 🔹घर में काला कुत्ता पालें तथा उसका हमेशा ध्यान रखें। 🔶 चतुर्थ भाव में शनि के उपाय🔶 🔹काली भैंस पाले । 🔹कच्चा दूध शनिवार के दिन कुवें में डालें । 🔹एक बोतल शराब शनिवार के दिन बहती नदी में प्रवाहित करें। 🔹 कौवे को दाना खिलाए । 🔹पराई स्त्री से अवैध संबंध कदापि ना बनाएं । 🔹रात में दूध न पिए। 🔶पंचम भाव में शनि के उपाय🔶 🔹 मांस और शराब का सेवन ना करें । 🔹काला कुत्ता पाले और उसका पूरा ध्यान रखें । 🔹शनि शांति यंत्र की प्रतिदिन पूजा करें । 🔹शनिदेव की पूजा करें । 🔹शनिवार के दिन अनाज से अपने भार के 10 हिस्से के के बराबर वजन कराएं और दान करें । 🔹बादाम नदी में प्रवाहित करने का कार्य करें। 🔹पुत्र के जन्मदिन पर नमकीन वस्तुएं बांटे। 🔶छटवे भाव में शनि के उपाय 🔶 🔹चमड़े के जूते बैग अटैची आदि का प्रयोग न करें। 🔹प्रत्येक शनिवार व्रत करें बहते पानी में 4 नारियल शनिवार के दिन प्रवाहित करें। 🔹प्रत्येक शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमित रुप से खिलाए । 🔹शनि शांति यंत्र धारण करें। 🔶सप्तम भाव में शनि के उपाय 🔶 🔹शनि शांति यंत्र के सामने ॐ शं शनिश्चराय नमः का जाप करें। 🔹हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमित रुप से खिलाएं। 🔹मिट्टी के पात्र में शहद भरकर खेत में मिट्टी के नीचे दबाएं खेत की जगह बगीचे में भी दबा सकते हैं । 🔹अपने हाथ में घोड़े की नाल का शनि छल्ला धारण करें। 🔶अष्टम भाव में शनि के उपाय🔶 🔹 सोमवार के दिन चावल का दान करना आपके लिए उत्तम है । 🔹काला कुत्ता पाले और उसका पूरा ध्यान रखें। 🔹शनिवार के दिन 8 किलो उड़द बहती नदी में प्रवाहित करें। 🔹गले में चांदी की चेन धारण करें । 🔹शराब का त्याग करें और मांसाहार भी ना करें । 🔹शनि शांति यंत्र के सामने शनि मंत्र की एक माला जपे। 🔶नवम भाव में शनि के उपाय 🔶 🔹साबुत मूंग मिट्टी के बर्तन में भरकर नदी में प्रवाहित करें। 🔹सवा छह रत्ती का पुखराज गुरुवार को धारण करें। 🔹हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमित रुप से खिलाए । 🔹शनिवार के दिन किसी तालाब नदी में मछलियों को आटा डालें । 🔹पीले रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें । 🔹कच्चा दूध शनिवार के दिन कुवें में डालें। 🔶दशम भाव में शनि के उपाय 🔶 🔹पीले लड्डू गुरुवार के दिन बाटे। 🔹अपने नाम से मकान या कोई भी प्रॉपर्टी ना रखें । 🔹शनि शांति यंत्र धारण करें । 🔹जब भी आपके पास समय हो शनि दोष निवारण मंत्र का निरंतर जाप करें । 🔹आप अपने कमरे में सबसे अधिक पीले रंग का उपयोग करें । 🔹पीले रंग का रुमाल सीधे हाथ की जेब में हमेशा रखें या हल्दी का टुकड़ा भी रख सकते हैं। 🔶11 वे भाव में शनि के उपाय 🔶 🔹पर स्त्री गमन ना करें । 🔹शनि शांति यंत्र धारण करें । 🔹कच्चा दूध शनिवार के दिन कुएं में डालें। 🔹कौवो को को दाना खिलाए। 🔹मित्र के वेश में छुपे शत्रुओं से सावधान रहें। 🔹शराब और मांस से दूर रहें । 🔹शनि शांति यंत्र पूजा स्थल पर रख प्रतिदिन शनि मंत्र का जाप करें। 🔹 सूर्योदय से पूर्व शराब और कड़वा तेल मुख्य दरवाजे के पास भूमि पर गिराए। 🔶बारहवे भाव में शनि के उपाय🔶 🔹 शराब और मांस से दूर रहें। 🔹कभी भी झूठ न बोलें । 🔹चार सूखे नारियल बहते पानी में प्रवाहित करें । 🔹शनि शांति यंत्र धारण करें। 🔹 शनिवार के दिन काले कुत्ते को गाय को रोटी खिलाएं। 🔹शनिवार को कड़वे तेल काले उड़द का दान करें। 🔹प्रत्येक सोमवार सांप को दूध पिलाएं । 🔹प्रत्येक सोमवार भगवान शिव का अभिषेक करें। 🔶शनि देव के मंत्र🔶 🔸शनि देव का तांत्रिक मंत्र ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः। 🔸शनि देव के वैदिक मंत्र ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीत 🔸शनि देव का एकाक्षरी मंत्र ऊँ शं शनैश्चाराय नमः। 🔸शनि देव का गायत्री मंत्र ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।। 🔸भगवान शनिदेव के अन्य मंत्र ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः। ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः। ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः। ऊँ मन्दाय नमः।। ऊँ सूर्य पुत्राय नमः।। 🔶साढ़ेसाती से बचने के मंत्र🔶 शनि देव की साढ़ेसाती के प्रकोप से बचने के लिए शनि देव को इन मंत्रों द्वारा प्रसन्न करना चाहिए: ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम । उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।। ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।। ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।। 🔸शनि चालीसा पढ़ने से होता है बहुत लाभ -मनीष साईं हिंदू धर्म में शनि देव को दंडाधिकारी माना गया है। सूर्यपुत्र शनिदेव के बारे में लोगों के बीच कई मिथ्य हैं। लेकिन मान्यता है कि भगवान शनिदेव जातकों के केवल उसके अच्छे और बुरे कर्मों का ही फल देते हैं। शनि देव की पूजा अर्चना करने से जातक के जीवन की कठिनाइयां दूर होती है। शिव पुराण में वर्णित है कि अयोध्या के राजा दशरथ ने शनिदेव को "शनि चालीसा" से प्रसन्न किया था। शनि साढ़ेसाती और शनि महादशा के दौरान ज्योतिषी शनि चालीसा का पाठ करने की सलाह देते हैं। आप प्रतिदिन शनि चालीसा पढ़े निश्चित तौर पर शनि आपका जो नुकसान पहुंचा रहा है वह आपको लाभ में परिवर्तित कर देगा।
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sabkuchgyan · 3 years
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धनु, मकर और कुंभ राशि को शनि की साढ़े साती का मिलेगा, ऐसा फल
धनु, मकर और कुंभ राशि को शनि की साढ़े साती का मिलेगा, ऐसा फल #astrology
आप जितना चाहें उतना फिट महसूस नहीं कर सकते हैं, लेकिन आप इसके बारे में कुछ करना निश्चित हैं। परिवार थोड़ा मांग में दिखाई दे सकता है, लेकिन आप इसमें बहुत अधिक पढ़ सकते हैं। अच्छा बजट आपको बिना किसी चिंता के नकदी संकट से उबरने में मदद करेगा। आपकी भव्य योजनाएं काम के मोर्चे पर उच्च उतार-चढ़ाव को प्रभावित करने में विफल हो सकती हैं, इसलिए अपनी पहचान बनाने के लिए अधिक व्यावहारिक दिमाग बनें। कुछ छात्रों…
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moneycontrolnews · 4 years
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24 जनवरी को शनि का राशि परिवर्तन हो गया है। शनि धनु राशि से मकर राशि में पहुंच चुके हैं। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, शनि का राशि परिवर्तन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर कई राशियों को प्रभावित कर रहा है। एक तरफ वृश्चिक से साढ़े साती समाप्त हो गया है। इसके साथ ही कन्या राशि से शनि के ढैय्या खत्म हो गई है। वहीं मकर के लिए मध्य और कुंभ के लिए चढ़ती साढ़े साती का प्रभाव रहेगा। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, शनि अब 11 मई को वक्री होंगे। माना जा रहा है कि शनि के वक्री होने से साढ़े साती और ढैय्या से होने वाली परेशानियों में कुछ कमी होगी। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, शनि 11 मई से 28 सितंबर तक मकर राशि में ही वक्री रहेंगे। बताया जा रहा है कि इन 142 दिनों तक साढ़े साती और ढैय्या से प्रभावित लोगों की परेशानियों में कमी आएगी। इसके बावजूद काम भी धीमी गति से ही पूरे होंगे। बताया जाता है कि जिस राशि पर साढ़े साती चलती है, उसका असर साढ़े सात साल तक रहता है। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, जब शनि किसी राशि में प्रवेश करता है, तो उस पर साढ़े साती के पहले ढाई साल पूरे हो चुके होते हैं और दूसरा चरण शुरू हो जाता है। वहीं, अगली राशि पर साढ़े साती के शुरुआती ढाई साल होते हैं। अगर ढैय्या की बात की जाए तो जिस राशि पर शनि की वक्र दृष्टि होती है और जिस राशि में शनि होता है, उससे छठी राशि पर शनि की ढैय्या होती है। राशि के अनुसार जानें शनि का प्रभाव मेष : नौकरी लगेगी। नौकरी में हैं ते प्रमोशन होगा। विवाह की संभावनाएं। जय प्राप्त होगी। वृषभ : ढैया पनौती समाप्त, अतः नया पद मिलेगा। धन वृद्धि। संतान से लाभ, किंतु नेत्र कष्ट। मिथुन : ढैया पनौती शुरू, अतः स्वास्थ्य कष्ट। आर्थिक हानि। मानसिक तनाव। कर्क : धन लाभ। स्थान परिवर्तन। पद परिवर्तन। यात्राएं होंगी। पद लाभ। स्वास्थ्य कष्ट। सिंह : सेहत अच्छी रहेगी। स्थान परिवर्तन की संभावना। पदवृद्धि। रोग-ऋण-शत्रु नाश। कन्या : ढैया पनौती समाप्त, अतः धन लाभ। सम्मान (पुरस्कार प्राप्ति)। संतान सुख। तुला : पनौती (ढैया) आरंभ, अत: पुराना रोग उभर सकता है। यश बढ़ेगा, किंतु धन हानि। वृश्चिक : मनोवांछित लाभ, धन प्राप्ति संतान का सुख। स्वास्थ्य अच्छा धनु : उतरती साढ़ेसाती का शुरुआती डेढ़ वर्ष, पारिवारिक कलह, मतभेद। बाद में ठीक समय। मकर : शनि स्वराशि में अतः कष्ट नहीं देगा, किंतु मानसिक तनाव रहेगा। पदवृद्धि। कुंभ : साढ़े साती आरंभ किंतु आर्थिक लाभ होगा। यश मिलेगा। विदेश यात्रा होगी। मीन : धन लाभ। संतान से सुख। यात्रा से लाभ। यश बढ़ेगा। source https://www.patrika.com/religion-news/now-shani-vakri-in-this-month-their-problems-will-be-less-5692069/
http://www.poojakamahatva.site/2020/01/blog-post_125.html
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