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#वी कामेश्वर राव
hindinewshub · 4 years
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Delhi HC Awards Rs 30 Lakh As Damages to Three Tech Giants in Software Privacy Suit
Delhi HC Awards Rs 30 Lakh As Damages to Three Tech Giants in Software Privacy Suit
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दिल्ली हाईकोर्ट की फाइल फोटो।
यह आदेश न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव की एकल न्यायाधीश पीठ ने पारित किया।
आईएएनएस
आखरी अपडेट: 28 मई, 2020, 11:47 AM IST
दिल्ली उच्च न्यायालय ने तकनीकी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट इंक, एडोब सिस्टम्स और एक अन्य फर्म को राष्ट्रीय राजधानी के नेहरू प्लेस में स्थित एक कंपनी द्वारा तीनों कंपनियों के पायरेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के बाद हर्जाने के रूप में 30 लाख…
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currentnewsss · 2 years
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीयू के प्रोफेसर की एचओडी नियुक्त करने की याचिका खारिज की, यौन उत्पीड़न की शिकायत पर संज्ञान लिया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीयू के प्रोफेसर की एचओडी नियुक्त करने की याचिका खारिज की, यौन उत्पीड़न की शिकायत पर संज्ञान लिया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक विभाग के प्रमुख के रूप में नियुक्ति के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर की याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि शिक्षक का आचरण दोष मुक्त होना चाहिए। वरिष्ठ प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था और अक्टूबर में सक्षम प्राधिकारी द्वारा कदाचार के लिए चेतावनी दी गई थी। न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने कहा कि प्रोफेसर ने आंतरिक शिकायत समिति की…
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gostcoder · 4 years
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दिल्ली एचसी अवार्ड सॉफ्टवेयर गोपनीयता सूट में तीन टेक दिग्गजों को नुकसान के रूप में 30 लाख रु
दिल्ली एचसी अवार्ड सॉफ्टवेयर गोपनीयता सूट में तीन टेक दिग्गजों को नुकसान के रूप में 30 लाख रु
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दिल्ली हाईकोर्ट की फाइल फोटो।
यह आदेश न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव की एकल न्यायाधीश पीठ ने पारित किया।
आईएएनएस
आखरी अपडेट: 28 मई, 2020, 11:47 AM IST
दिल्ली उच्च न्यायालय ने तकनीकी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट इंक, एडोब सिस्टम्स और एक अन्य फर्म को राष्ट्रीय राजधानी के नेहरू प्लेस में स्थित एक कंपनी द्वारा तीनों कंपनियों के पायरेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के बाद हर्जाने के रूप में 30 लाख…
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getdreamjobonline · 6 years
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रेलवे भर्ती परीक्षा - बुरी खबर, हाई कोर्ट ने इस मामले पर रेल मंत्रालय को दिया नोटिस
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नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने रेलवे में भर्ती के लिए कंप्यूटर आधारित भर्ती परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी गैर-कानूनी एवं मनमाने तरीके से एक निजी कंपनी को दिये जाने के मामले में केंद्र सरकार एवं रेलवे भर्ती नियंत्रण बोर्ड से जवाब तलब किये हैं। मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन एवं न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव की खंडपीठ ने डॉ़. शैलेन्द्र शर्मा की एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए रेल मंत्रालय के जरिये केंद्र सरकार को, रेलवे भर्ती नियंत्रण बोर्ड और कंप्यूटर आधारित भर्ती परीक्षा संचालन कर रही निजी कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है।
खंडपीठ ने जवाब के लिए तीनों प्रतिवादियों को चार सप्ताह का समय देते हुए मामले की सुनवाई की अगली तारीख 10 दिसम्बर तय की है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि रेलवे भर्ती नियंत्रण बोर्ड ने ऐसे मामलों में ठेका दिये जाने को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के दिशानिर्देशों की अनदेखी की है और टीसीएस को बोली के आधार पर ठेका देने के बजाय 'नॉमिनेशन के आधार पर भर्ती परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि रेलवे भर्ती नियंत्रण बोर्ड ने कम्प्यूटर आधारित भर्ती परीक्षा संचालन एजेंसी के निर्धारण के लिए इस वर्ष छह फरवरी को निविदायें आमंत्रित की थी। बोर्ड ने 22 फरवरी को निविदा की तारीख बढ़ा दी थी। बाद में 25 जून 2018 को बगैर कोई कारण बताये इस निविदा को वापस ले लिया गया, तत्पश्चात् निजी कंपनी टीसीएस को नामांकन के आधार (नॉमिनेशन बेसिस) पर यह ठेका जारी कर दिया गया, जो सीवीसी के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।
उल्लेखनीय है कि सीवीसी ने पांच जुलाई 2007 को जारी एक आदेश में स्पष्ट किया है, यह बताने की जरूरत नहीं है कि सार्वजनिक नीलामी के लिए किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा निविदा प्रक्रिया अपनाना मौलिक जरूरत है। खासकर नॉमिनेशन बेसिस पर ठेका देना संविधान के अनुच्छेद 14 में प्रदत्त समानता के अधिकारों का उल्लंघन है। टीसीएस उस ठेके के आधार पर इन दिनों केंद्रीकृत नियोजन सूचना (सीईएन)-1 एवं 2 के लिए कंप्यूटर आधारित भर्ती परीक्षाएं आयोजित कर रही है। इस परीक्षा से होने वाली कमाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए यह फीस 500 रुपये रखी गयी थी और करीब दो करोड़ 37 लाख उम्मीदवारों ने आवदेन किये थे। इस दृष्टि से टीसीएस द्वारा इन दोनों परीक्षाओं से की जाने वाली कमाई सैकड़ों करोड़ रुपये है।
गौरतलब है कि रेल मंत्रालय ने 2015 में भी यह ठेका टीसीएस को नॉमिनेशन बेसिस पर दिया था। उस वक्त इलाहाबाद के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने भर्ती परीक्षा में धांधली का भंडाफोड़ किया था, जिसमें टीसीएस के कर्मचारी भी शामिल थे। डॉ. शर्मा की याचिका पर उच्च न्यायालय ने रेल मंत्रालय के रवैये पर सवाल खड़ा किया और इस मसले पर पारदर्शी नीति अपनाने की आवश्यकता जताई।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/railway-recruitment-examination-2018-3421438/
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एजेएल को नेशनल हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश
एजेएल को नेशनल हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश
नयी दिल्ली, 28 फरवरी (वार्ता)।दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस को गुरुवार को तगड़ा झटका देते हुए एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को नेशनल हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव की खंडपीठ ने एकल पीठ के हेराल्ड हाउस को खाली करने के आदेश पर मुहर लगा दी। खंडपीठ ने 18 फरवरी को मामले की सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया था। खंडपीठ ने…
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supremenewstv-blog · 5 years
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द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर ट्रेलर के खिलाफ जनहित याचिका खारिज
द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर ट्रेलर के खिलाफ जनहित याचिका खारिज
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें फिल्म के ट्रेलर पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी, इस आधार पर प्रधानमंत्री के कार्यालय के नाम और प्रसिद्धि के लिए इसे अनुचित क्षति हुई थी।
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी। कामेश्वर राव की पीठ ने अपने वकील अरुण मैत्री के माध्यम से दिल्ल��� की फैशन डिजाइनर पूजा महाजन द्वारा दायर जनहित याचिका को…
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mphindinews · 7 years
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हर जगह बिजली के तार होने से चांदनी चौक ‘टाइम बम’ की तरह : HC
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि चांदनी चौक इलाके में बेतरतीब झूलते बिजली के तार से ‘टाइम बम’ जैसी स्थिति है और इससे लोगों की जिंदगी को खतरा है. अदालत ने कहा कि किसी आपात स्थिति में उस इलाके तक दमकल की गाड़ियां या एंबुलेंस नहीं जा सकते. न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव की पीठ ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को इलाके के चांदनी चौक क्षेत्र…
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